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Adultery कामुक काजल -जासूसी और मजा

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Chutiyadr

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दसवाँ भाग

बहुत ही जबरदस्त।

पार्टी में देव को मशहूर निदेशक जूलियन मिला जो बहुत बातूनी था। पार्टी में जुली भी आई थी, काजल शरद कपूर से मिलने के लिए बहुत उत्सुक थी पार्टी के महा ठरकी डॉक्टर चूतिया भी आये हुए थे। जिनकी कहानी पढ़ पढ़ कर देव कॉकोल्ड बनने की कगार पर पहुच गया था।। डॉक्टर चूतिया पति पत्नी बदल बदल कर सेक्स करने वाला क्लब भी चलाता है। सच मे बड़ा ठरकी है ये डॉक्टर चूतिया उर्फ चुन्नीलाल।।

काजल को लेकर देव बहुत संजीदा है और असुरक्षित महसूस करता है। देव काजल जूही शरद माणिक और जूलियन dnt नामक ड्रग्स का सेवन करते हैं। उसके बाद क्या होता है कुछ पता नहीं। तीसरे दिन देव बहुत मुश्किल से उठता है। पूर्वी उसे बताती है कि शरद का कत्ल हो गया है और काजल संदेह के घेरे में है। ये सुनकर देव का सर चकरा जाता है।।
ग्यारहवाँ भाग

बहुत ही बेहतरीन

देव का सिर ही भन्ना गया ये सुनकर की काजल हत्यारी है। पूर्वी भी काजल को दोषी मान रही है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि काजल ने क्या देव के साथ बेवफाई की है, और सवाल ये है कि देव अपने घर कैसे पहुंचा। सीसीटीवी में माणिक क्यों नहीं आया। जरूर कुछ बहुत बड़ा लोचा है जो समझ मे नहीं आ रहा है। अभी केस इंस्पेक्टर मनोज के हाथ में है।।

देव ने इंस्पेक्टर मनोज से पूरी सच्चाई बता दी कि उस दिन क्या हुआ था और उन लोगों ने वही ड्रग्स ली थी जिस ड्रग्स के सेवन से नीलम देवी की मौत हुई थी। मनोज ने देव को चेताया काजल को लेकर। जुली के मुताबिक काजल डॉक्टर चूतिया के रंडीखाने में है। उसे क्लब बोल ही नहीं सकते। ये चूतिया भी कोई पहुँचा हुआ खिलाड़ी है। देखते हैं आगे क्या होता है।।

बारहवाँ भाग

बहुत बढ़िया।

जब अपने ही सहयोगी शक करने लगें तो दूसरों के बारे में क्या कहा जा सकता है।। मुझे लगता है कि वेदांत देव से खुन्नस खाता है। इसलिए वो ऐसा बर्ताव करता है देव के साथ। पूर्वी को अभी भी पूरा विश्वास है कि काजल ने ही शरद का कत्ल किया है। लेकिन देव पति है काजल का ऐसे थोड़े ही अपनी पत्नी के बारे में सुन सकता है कुछ। मनीष के मुताबिक देव की हर गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।

पटेल बताता है चौसर गंज की बदनाम गलियों में परवीन और राशिद रोज जाते हैं वहां का थाना प्रभारी है प्रजापति, जिसने रंडी, दलाल और गुंडे मवालियों को अपना मुखबिर बना कर रखा हुआ है। विश्वास से मिलने पर विश्वास ने देव को रात 8 बजेराशिद के बारे में जानकारी देने के लिए ईरानी होटल में बुलाया है।।

dhanwyad mahi ji :)
 

Chutiyadr

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Bahut hi utkrist update Dr Sahab.Ab dekhna hai ki Aakrut Mishra Urf Vikash ka kya reaction hota hai jab Dr Chutia aur uske logo se Kajal ko chudte hue dekhe ga tab kya reaction karta hai ?
Kya vo Kajal ko maar payega ya chudai me shaamel hoke unki madad karega.
BRILLIANT UPDATE........................
dhnaywad xxx bhai :)
 

Chutiyadr

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कहानी जरूरत के हिसाब से बदल रही हैं , जिससे कहानी और दिलचस्प होती जा रही हैं....
कहानी में काफी रोमांचक और चौंकाने वाले नाटकीय मोड़ हैं....
एक लेखक का गुण और जुनून यह है कि कहानी के किरदार/ चरित्र के माध्यम से कहानी के नाम को सार्थक बनाता है। जिसमें आप पूरी तरह सफल रहे ।

लेखक की सोच और कल्पनाओं को मानना पड़ेगा की जिस तरीके से अपने कल्पनाओं के जरिए ऐसे शब्दो का रूप देके कहानी में दर्शाने की कोशिश की है। सच में सराहनीय और प्रशंसनीय है।
कहानी में एक अत्यधिक रोमांचित कर देने वाली परिस्थिति के साथ साथ इरोटिक से परिपूर्ण और गरम माहौल बनाने में आप माहिर है। जिसे पढ़ते वक़्त एक खुशनुमा एहसास सी छा जाये दिलो दिमाग पे।... और साथ ही कहानी के जरिये ये भी दर्शाने में सक्षम रहे की हवस के चलते लोग किस कदर घटिया किस्म की हरकतें करते हैं.... जैसे काजल पर्सनल चिन्नार है सभी की.... वैसे काजल और डॉ चुन्नीलाल के मुताबिक तो सिर्फ और सिर्फ बस ठरक मिटनी रहनी चहिये, बाकी मान, मर्याद, रिश्ते गयी तेल लेने ।

आपकी लेखनी इन किरदारों को लेके इतनी सजीव है, उनकी भूमिका को देख और उनकी द्वारा कही गयी बातें पढ़ ऐसा प्रतीत हो की लगे आँखों के सामने ये घटनाएं घट रही है।
और जो सीन्स क्रिएट की है अपडेट के हर एक पॉइंट पे वो सच में अद्भुत और काबिले तारीफ है। जगह, परिस्थिति, वक़्त और किरदार,, कैस, कब, किस तरह से, किस कर्म में रहेंगे कहानी में भूमिका निभाते हुए, इसका सटीक मूल्यांकन करके अपडेट को जिस तरह पेश की है हम रीडर्स के समक्ष वो अपने आपमें बेमिसाल है।
कहानी साधारण सी दिनचर्या हो या साधारण सी घटना (इरोटिक सीन्स) लेकिन लेखक उसको अपनी कलम के जादू से जान डाल देते है । इतना मनोरम और मनोरंजन्मय कर देते है की साधारण बातें भी अपने आपमें असाधारण हो जाते है।
हवस, सस्पेंस, थ्रील, ड्रामा को एक अलग ही लेवल पे ले गये है लेखक ने ।...
लेखक फंतासी हो या इरोटिका हो या फिर रोमांटिक टॉपिक को कई बार सोच विचार कर लेते है की किस तरह से पेश की जाये, ताकि रीडर्स उस टॉपिक को पढ़ते वक़्त उनको रियल सी लगे... वो अक्सेप्टबल हो... और पढने में मज़ा भी आए.... और एंटरटेनिंग भी हो....
नायक हो, नायिका हो, या कोई और,... कोई भी हो,,,, आपकी लेखनी उनके शब्दों के माध्यम से उनकी मनोदशा को सटीक रूप से प्रकट करते है।
हर अपडेट, चाहे एक हजार शब्दों का हो या दो हजार शब्दों का, छोटा ही लगे अपडेट । मन नहीं भरता। सोच यही की काश अपडेट और बड़ा होता तो और मजा आता।
माहौल बनाने और फिर संवादों के माध्यम से गाँठ बांधने में Chutiyadr sahab माहिर है। जो सच में काबिले तारीफ है।
यथार्थवादी भावना जो एक बहुत ही कठिन विषय है - चाहे लेखन में हो या फिल्म में अभिनय - लेकिन आप इस मामले में माहिर हैं । हर पहलू को ध्यान में रखते हुई, आप कहानी को आगे बढ़ा रहे हैं। फंतासी और इरोटिका के साथ-साथ ड्रामा और रोचक रोमांच का भी कहानी में एक अनूठा संगम है।
बहोत कम ऐसे ग्रेट लेखके होते है जिनकी राइटिंग स्टाइल में ये जादू होते है... मेरी नज़र में उन ग्रेट लेखकों में से एक आप भी है..
ऐसे ही लिखते रहिए और रीडर्स का मनोरंजन करते रहिए
Oh haan Brilliant update with awesome writing skills :applause: :applause:
dhanywad naina ji :)
itani tarif , mujhe to yakin hi nahi ho raha hai :O
kahi kaajl ke marne ke news se to ye khushi nahi aa rahi hai aapko :lol1:
itani jaldi aur asaani se nahi marne wali wo :approve:
 

Chutiyadr

Well-Known Member
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तेरहवाँ भाग

बहुत ही उत्कृष्ट लेखनी महोदय,

कहानी जैसे जैसे आगे बढ़ती जा रही है और भी ज्यादा दिलचस्प और नए मोड़ लेती जा रही है। विश्वास के कहने के मुताबिक परवीन और राशिद चांदनी को ढूंढने बार में आते हैं। विश्वास ने चांदनी की पहचान बताई। होटल में चांदनी ने देव को पहचान लिया। चांदनी पुरानी व्यूरो की एजेंट है जिसने भ्रष्टाचार के चलते व्यूरो छोड़ दिया और वैश्यावृत्ति में आ गई।।

मजबूरी और लाचारी ऐसी चीज़ है जो इंसान से क्या कुछ न करवा दे। चांदनी शरद कपूर की नाजायज औलाद है। शायद ये वही चांदनी है जिसका जिक्र पहले भाग में हुआ है। सबा भी व्यूरो की एजेंट थी लेकिन कबीर से बदला लेने की धुन में वो रंडी बन गई। कबीर ने उसके बाप को मारा। काजल को हथियार बनाकर कबीर को पकड़ना चाहती थी सबा और चांदनी। कबीर भारत आ चुका है चांदनी के मुताबिक।
चौदहवाँ भाग

बहुत ही बेहतरीन

आखिर चांदनी है कौन इस राज़ से चांदनी ने खुद पर्दा उठा दिया। माणिक चांदनी का सौतेला भाई है। चांदनी शान्ति की बेटी है जो नीलम की सहेली थी। बनवारी ने नीलम और शांति दोनों का इस्तेमाल किया अपने फायदे के लिए। शान्ति को शरद के नीचे लिटा दिया। शरद के सम्बंध कबीर से भी थे और माणिक कबीर का चेला है तो क्यों माणिक को हिरासत में नहीं लिया जा रहा। बाहर रहकर वो कबीर को सबकुछ बता सकता है।।

नीलम ने चांदनी को पाल पोषकर बाद किया।बनवारी की नजर चांदनी पर भी थी लेकिन चांदनी उसके हाथ नहीं आई। चांदनी काजल को छुड़ा लेगी ऐसा उसका कहना है। चांदनी ने शरद की सम्पति पर मालिकाना हक के लिए दावा ठोक दिया। देखते हैं क्या होता है आगे।।

पंद्रहवाँ भाग

बहुत ही जबरदस्त

तो कबीर का पूरा प्लान था काजल को अपने नीचे लाने का। शरद तो एक मोहरा था काजल को जाल में फंसाने का। कबीर सबा को बहुत बेरहमी से सेक्स करता है और रोल प्ले काजल के नाम पर करता हैं कबीर को पता है कि सबा उसको पुलिस से पकड़वाना चाहती है, लेकिन फिर भी वो उसे अपने साथ रखता है।। इसे दिलेरी हो बोल सकते हैं।।

मनोज को कबीर के कहने पर इस केस का मुखिया बनाया गया। काजल को कबीर के कहने पर फंसाया गया, लेकिन वो कहाँ है ये कबीर को पता नहीं। और वैसे भी मनोज की जो सख्सियत सामने आई है उसे देखकर लगता नहीं कि वो कबीर के लिए काम करता है। लेकिन होने को कुछ भी हो सकता है।। कबीर की नजर काजल के साथ साथ चांदनी पर भी है।।

सोलहवाँ भाग

बहुत ही जबरदस्त महोदय,

माणिक से पूछताछ करने पर देव पर भड़क गई पूर्वी। वेदांत और पूर्वी का व्यवहार बदल गया है देव के लिए।माणिक के मुताबिक काजल बहुत कामुक है। जिसे वो भी भोगना चाहता था, काजल की हर अदा से माणिक को लगता था कि काजल उसके कब्जे में हैं कब्जे में है कब्जे में है, लेकिन ये भ्रम मात्र था माणिक का। देव भी सही है। कामुकता मर्द की नजरों में होती है, अगर मर्द अपनी नजर सही कर ले तो औरत कितनी भी अपनी अदाओं का जादू चलाए मर्द का ईमान नहीं डिगा सकती।।

माणिक को लगता है कि काजल के पास उसके जिस्म के अलावा कुछ ऐसा खास चीज है जो शरद और कबीर को चाहिए था, इसीलिए वो काजल को सबा के जरिए पाना चाहते थे, इस बात का जिक्र तो सबा से कबीर ने भी किया था कि उसे काजल के जिस्म के साथ साथ वो राज़ भी चाहिए जो काजल के सीने में दफन है।। देव का दिमाग हिल गया अपनी बीवी के बारे में ऐसी बात सुनकर। वैसे भी ये सही है कि औरत के त्रिया चरित्र को कोई नहीं समझ सकता। अगर औरत चाह ले तो उसके धोखे को मर्द कभी जान ही न पाए।।

सत्रहवाँ भाग।

बहुत ही बेहतरीन।

पूरा एक अपडेट चला गया लेकिन चूतिया डॉक्टर मिला तो किस हाल में ब्लैक कोबरा। ऐसे आदमी के क्लब में या यूं कहें कि ऐसे आदमी के पास जिसकी बीवी इतने दिन से रह रही है। उसकी अभी क्या हालत हो रही होगी।😜😜शायद इसीलिए देव बेहोश हो गया होगा कि क्योंकि देव सोच रहा होगा कि अगर काजल कामुक है तो उसकी बीवी को इस चूतिया ने न जाने कितनी बार भोगा होगा और जूही कह रही है कि वो सुरक्षित है।😜😜

पूरा भाग सस्पेन्स से भरा हुआ था। बहुत अच्छे से चकमा दिया जूही ने उन पीछा करने वालों को, लेकिन वो सब थे कौन। मनोज के आदमी थे, या कबीर के आदमी थे, या उस इंसान के आदमी थे जिसनी नीलम और शरद का कत्ल किया। कहानी बहुत मजेदार होती जा रही है। लगता है इस कहानी का मुख्य नायक चूतिया डॉक्टर ही है।🤔🤔

अठारहवाँ भाग

बहुत ही बढ़िया।

क्या बात है चूतिया डॉक्टर साहब।

कहानी में एक नया मोड़ ला दिया आपने। जिसे अब तक देव समझ रहे थे पाठक। असल में वो देव नहीं बल्कि अकृत मिश्रा है जो एक पुलिस का व्यक्ति न होकर ब्लैक कोबरा नामक एक गुप्त संस्था का सदस्य था। किसी कारणवश संस्था छोड़ दिया अकृत ने। अकृत को अपनी जान का खतरा था ब्लैक कोबरा संस्था से, तो उसने देव का चेहरा अपना लिया जो पुलिस अधिकारी था और अकृत के सामने मर गया होगा।

डॉक्टर चुतिया ब्लैक कोबरा संस्था का एक और मातहत था जो दर्शनशास्र और मनोविज्ञान पर किताब लिखता था। अकृत को ककोल्ड पसंद था तो उसने डॉक्टर चूतिया नाम से कई सेक्सी कॉकोल्ड कहानियां लिख डाली, देव के लिए घर वालों ने लड़की पसन्द की थी तो उससे शादी भी कर ली।। लेकिन देव की कॉकोल्ड वाली फंतासी अब काजल को रंडी बनाने की ओर ले जा रही है। क्योंकि अकृत डॉक्टर चुटिया उर्फ रॉकी उर्फ चुन्नीलाल के हाथ लग चुका है।।

काजल भी अब देव की फंतासी पूरा करने के लिए दूसरे आदमियों के साथ सोने के लिए तैयार है। जूही को भी देव की सच्चाई नहीं पता न ही काजल को। हाल फिलहाल के परिदृश्य को देखते हुए तो अभी अकृत के पास ऐसा कोई रास्ता नही दिख रहा है। जिससे वो काजल को दूसरे मर्दों के साथ सोने से बचा सके।। देखते हैं आगे क्या होता है।।

उन्नीसवाँ भाग

बहुत ही बेहतरीन

क्या बात है डॉक्टर साहब। आपने तो पूरा मायाजाल फैला कर रखा हुआ है। काजल के ऊपर ऐसा जादू कर दिया है कि काजल किसी की सुन ही नहीं रही है। देव उर्फ अकृत को तो बोलने का मौका ही नहीं दे रही है। शायद काजल के शरीर में ये सोचकर रोमांच की लहर दौड़ रही होंगी कि वो अपने पति के सामने दूसरे मर्द के साथ सोएगी। शायद काजल भी ये सोचकर उत्तेजित हो रही होगी।

यहां तो लगता है डॉक्टर चूतिया ने देव के औजार की चूतिया काट दी है। अभी तक काजल चूतिया डॉक्टर के इशारे पर नाच रही थी और अब देव का औजार भी चूतिया के रहमोकरम पर है। 😂😂😂वो जब चाहे देव का औजार खड़ा कर सकता है और जब चाहे गिरा सकता है। मतलब ये की औजार देव का लेकिन उसपर नियंत्रण किसी और का, लगता है डॉक्टर चूतिया ने देव के औजार में अपना कोई औजार फिट कर दिया है।😜😜😜यहां तो सेक्स के लिए भी ऐसे लकी ड्रा निकाला जा रहा है जैसे मेले में बच्चे खोलन्ना खुलवा रहे हैं। काजल बहुत रोमांचित दिख रही है इस नए अनुभव के लिए। देखते हैं आगे क्या होता है।।

बीसवाँ भाग

बहुत ही जबरदस्त।

यहां पर काजल के साथ कुछ बुरा नहीं हुआ। मतलब उसने लड़के के साथ सेक्स नहीं किया। कालेकर ने डॉक्टर के अड्डे पर छापा मारा। कबीर को काजल चाहिए जिसके पास कुछ ऐसे राज़ हैं जो कबीर के लिए खतरा हैं। महेश कबीर से मिला हुआ है। काजल को फिर से डॉक्टर ने गायब करवा दिया।

जूही को हक़ीक़त का पता चल चुका है कि देव के रूप में उसका जो दोस्त है वह बहरूपिया अकृत है जो ब्लैक कोबरा संस्था का सदस्य है। जिसने देव को मारकर उसका स्थान ले लिया। लेकिन उसको वही पता है जो चूतिया डॉक्टर ने उसे बताया। सच्चाई इसके उलट भी हो सकती है।। डॉक्टर देव से खफ़ा है क्योंकि वो काजल को पाना चाहता था लेकिन देव ने शादी कर ली काजल से।

मतलब ये कि इस समय कबीर और महेश उसके दो दुश्मन हैं। जुही और चूतिया डॉक्टर दो दुश्मन और हैं जो शायद गलतफहमी का शिकार हैं। जब इनकी गलतफहमी दूर होगी तो शायद इन्हें अपनी भूल का एहसास हो। लेकिन फिलहाल अभी तो अकृत को जूही ने गोली मारी है और वो खाई में गिर गया। देखते हैं आगे क्या होता है।🤔🤔

इक्कीसवाँ भाग

बहुत ही बेहतरीन।

तो डॉक्टर चूतिया कोई व्यक्ति नहीं है एक पद है, इसका मतलब यही हुआ कि हो सकता है जो व्यक्ति इस समय चूतिया डॉक्टर के पद पर है वो अकृत को नापसंद करता हो इसलिए वो अकृत से बदला ले रहा हो। इस चूतिया की पहुंच तो जंगल पहाड़ियों गुफाओं और कंदराओं में भी है। बहुत पहुची हुई चीज है डॉक्टर चुतिया।

गैरी के मुताबिक अगर ब्लैक कोबरा संस्था के साथ कोई गद्दारी करता है तो उसे तुरंत मार दिया जाता है, लेकिन आकृत को नही मार गया। इसका मतलब उसे जीवित छोड़ने का भी कोई रहस्य है।🤔🤔 वांग तो साला बड़ा ठरकी लौंडा निकला। बस आर्य की लेने के लिए उसे हराना चाहता है। क्या हो गया है आजकल के लड़कों को।🤔🤔

बाइसवाँ भाग

बहुत ही बेहतरीन।

इस भाग से एक बात और सामने आई कि ये सब जो हो रहा है किसी गहरी साजिश का हिस्सा है। मुझे तो लग रहा है कि डॉक्टर चुतिया ही कबीर है, देव भी जिंदा हो सकता है। काजल भी चुतिया से मिली हो सकती हैं। जूही ने भी अपनी कोई पुरानी दुश्मनी निकाली है अकृत के साथ या तो फिर किसी मजबूरी के तहत मारा है अकृत को।

जो भी हो कहानी उलझती जा रही है। देखते हैं आगे क्या होताहै।।

तेईसवाँ भाग

बहुत ही बेहतरीन।

ये प्यार की कौन सी परिभाषा दी है अकृत ने। प्यार वो है कि अगर अपने पास लड्डू हों और सामने काजू कतली मिठाई भी आ जाये तब भी उसकी तरफ आंख उठाकर भी नहीं देखना चाहिए। देव महाशन ने तो प्यार की परिभाषा ही बदल दी, सब मर्द ऐसे ही होते हैं। खुद चाहते हैं कि उनकी पत्नी उनके अलावा किसी को आंख उठाकर भी न देखे। वफादार बनी रहे उसके प्रति, लेकिन खुद सुअर जैसा मुंह लेकर हर जगह मुंह मारते रहते हैं।।

अब तो मैं भी चाहती हूं कि डॉक्टर साहब एक बार काजल का क्रिया करम करवा ही दे चुतिया डॉक्टर के साथ, आखिर वो भी तो देव से कितने दिनसे दूर है उसका भी मन करता होगा कुछ करने का। देव तो सारी रीति ही बदल दी। अपनव शिष्य के माल पर ही हाथ साफ कर गया।🤣🤣 आर्या का झुकाव उसकी तरफ तभी हो गया था जब उसने बम्बादा के साथ देव को देखा था। वो तो खुद भारी बैठी थी, लेकिन वांग को मना कर रही थी।।

चौबीसवाँ भाग।

बहुत ही बेहतरीन

अब अगर वांग ने आर्य को जीत भी लिया तो उसे क्या मिलने वाला है।अकृत का हथियार हमेशा सिर उठाये खड़ा रहता है। जब वो दिन आएगा तब तक आर्या का सबकुछ अकृत ले चुका होगा।😃😃 वैसे एक बात सही है कि कभी कभी कोई काम प्यार नहीं करवा पता जो काम नफरत करवा देती है। शायद इसी धुन में वांग आर्य को जीत सके।।

ऐसा कौन सा अमृत पिला दिया गैरी ने अकृत को कि इतनी जल्दी तंदुरुस्त हो गया वो। काश सब को वो अमृत मिल जाए। अकृत मुम्बई वापस आना चाहता है। गैरी वांग और आर्य को भी साथ में मुम्बई ले जाने के लिए बोलता है। अब देखते हैं क्या होता है।

पचीसवाँ भाग

पूरी कहानी का सबसे बढ़िया भाग

अकृत तो वाकई में भगौड़ा निकला। अपने माँ बाप को छोड़कर एक बार गया तो दुबारा उनकी शक्ल भी नहीं देखी उसने। वसीम ने दोस्ती की नई मिशाल पेश की समाज के सामने। आकृत की मां के इलाज के लिए उसने अपनी पुस्तैनी हवेली बेच दी। बनवारी के साथ भी अच्छा नहीं किया अकृत ने। उसका उधार तो कम से कम चुका देना चाहिए था।🤣🤣

जब दोस्त बहुत दिन बाद मिलते हैं तो खुशी तो होती ही है। पर अगर दोस्त वो हो जिसके आने की उम्मीद सब ने छोड़ दी हो और सामने वही दोस्त आ जाये तो खुसी के कहने ही क्या। ये इनकी दोस्ती ही थी जिसके कारण अकृत का इतना भयानक चेहरा होने के बावजूद भी वसीम ने उसे पहचान लिया।

dhanywad mahi ji :)
 

Chutiyadr

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259
अध्याय 29
सुबह सुबह जब नींद खुली तो मुझे मेरे लिंग में कुछ गिला गिला सा महसूस हुआ , मजे में मेरी आंखे खुल ही नही रही थी लेकिन फिर अचानक मुझे समझ आया की कोई मेरा लिंग अपने मुह में लिए हुए है , मैंने झट से आँखे खोली तो सामने आर्य को देखने लगा , आर्या निर्वस्त्र मेरे लिंग को लोलीपोप बना कर चूसने में मस्त थी , मेरे होठो में मुस्कान आ गई , मेरे हिलने पर वो भी थोड़ी सतर्क हो गई थी , मैं उठ कर सिरहाने का सहारा लेकर बैठ गया , आर्या मुझे मुस्कुराते हुए देख रही थी …
“क्या बात है आज सुबह सुबह ही शुरू हो गई तुम “
वो मुस्कराई
“वो टीवी में देखा था तो सोचा क्यों न मैं भी ट्राई करू “
मैं सोच में पड़ गया फिर मुझे याद आया की यंहा टीवी में मैंने एक पेन ड्राइव लगे थी जिसमे बहुत कुछ था लेकिन साथ ही कुछ ब्लू फिल्म्स भी उसमे थे जिसे मैं डिलीट करना भूल गया था , शायद वो पोगो या कार्टून नेटवर्क देखने के चक्कर में टीवी चालु किये होंगे और कुछ और ही कार्टून देख लिए ..
मैं आराम से टिक कर बैठा हुआ था और आर्या ने फिर से मेरे लिंग को अपने मुह में ले लिया , सुबह की शुरुवात ही ऐसी हो जाये तो फिर क्या कहने ..
तभी कमरे में वांग एक ट्रे में बिस्किट और चाय लेकर पहुच गया , उसे देखकर मुझे हँसी आ गई , वो खाना अच्छा बना लेटा था इसमें कोई शक नहीं लेकिन वो इन चीजो को भी बहुत जल्दी सिख गया था ..
आज की सुबह बहुत ही अच्छी थी शायद आज दिन भी अच्छा होने वाला था , सुबह सुबह ब्लो जॉब का मजा और बिस्तर में ही चाय मिलना सुबह को आनंदमय बना देता है …
वांग ने आर्या को देखा लेकिन उसके चहरे में अब कोई सिकन नही आई , वो आराम से वही बैठ गया …
मैंने आर्या को हटाया और जाकर तैयार होने बोल दिया , आज इन लोगो को आधुनिक हथियारों के बारे में बहुत कुछ बताना था ..
सुबह से शाम तक मैंने इनकी क्लास ले ली और फिर वंहा से निकल कर नीलम जी के घर चला गया मुझे आज सबा और रशीद से भी मिलना था ..
जब मैं वंहा पंहुचा तो मानिक को थोडा बेचैनी से घुमते हुए पाया , मुझे देख कर वो सीधा खड़ा हो गया था ..
“बड़े बेचैन लग रहे हो …??”
मेरी बात सुनकर वो थोडा सकपकाया
“कुछ नहीं वो बस …”
मैं उसे देखकर हँस पड़ा
“पता है मुझे की तुमने कबीर को मेरे बारे में बता दिया है , यु डरने की कोई ज़रूरत नही है , आने दे उसे “
मानिक ने मुझे ऐसे देखा मानो भुत देख लिया हो ..
“क्या देख रहा है “
“आपको कैसे पता ..”
मैं बस मुस्कुराया , मुझे मनीष ने पहले ही बता दिया था क्योकि मनीष मानिक के हर एक्टिविटी की जानकारी रख रहा था ,कबीर कभी मेरे लिए खतरा हुआ करता था लेकिन असल में वो मेरे सामने एक चूजे से कम नहीं था , मैं अपने आप की असली पहचान भुला हुआ था साथ ही साथ अपनी ताकते भी लेकिन अब मुझे सब याद था ,
“बाकि लोग कहा है “
उसने अंदर की ओर इशारा किया “
मैं अंदर चला गया वंहा चांदनी के साथ साथ रशीद और सबा भी बैठे हुए थे …
सभी मुझे देखकर खड़े हो गए , मैंने उन्हें बैठने का इशारा दिया और सामने रखे एक बड़े सोफे में बैठ गया ..
“आपको पहली बार देख रही हु , यकीन ही नही होता की आप हमारे सामने है “
सबा ने बड़े ही अदब से कहा , मैं उसकी बात पर मुस्कुराने लगा
“मुझे तो कभी कभी लगता था की विकाश सेठ कोई होगा भी या नहीं , कई सालो से महज फोन पर ही बात होती रही, लेकिन आपने सबसे छिपकर भी एक पहचान बना ली की कबीर जैसे डॉन भी आपके नाम से मूत दे , आखिर ऐसा क्यों और अब सामने आने का क्या कारण है “
रशीद के मन में कई सारे सवाल मंडरा रहे थे
“कारण साफ़ है , वक्त आ गया है , तुम लोगो का वकत ,जो मुसीबते तुम लोगो ने झेली है उन सभी के हिसाब का वक्त आ गया … कुछ देर में शायद कबीर या उसके पंटर भी यंहा पहुच जायेंगे , मानिक ने हमेशा की तरह उंगली कर दी है और कबीर को सब बता दिया है “
कबीर का नाम सुनकर सबा और रशीद के चहरे की हवाइया उड़ने लगी थी जिसे मैं समझ गया था
“फिक्र मत करो आने दो उसे , अब से तुम उसके गुलाम नही हो … “
“लेकिन …”
सबा कुछ बोलने ही वाली थी की मैंने उसे इशारे से चुप करवा दिया
“सबा तुमने बहुत कुछ सहा है , जब से तुम्हारे पिता को काजल और कबीर ने मिलकर मारा तब से आज तक तुम सह रही हो , मैं समझता हु इसलिए तुम्हारे लिए आया हु , रशीद के लिए आया हु जिसने अपना प्यार उसके हाथो ही खो दिया जिसके लिए वो काम करता था , मैं ये सब पहले ही ठीक कर सकता था लेकिन मैं भी एक साजिश का शिकार हो गया था , इसलिए इतने सालो तक चुप बैठा रहा अपनी पहचान छिपा कर रखा अब समय आ गया है की मैं खुल कर खेलु “
मेरी बात सुनकर चांदनी को झटका लगा
“क्या….??/ काजल ने सबा के बाप को मारा, लेकिन पूरा पठानबाड़ा जानता है की उनकी हत्या कबीर ने की थी …”
मैं मुस्कुराया
“कबीर तो महज एक मोहरा था , असली खेल तो काजल का ही था , वो हमेशा से ही ताकत की भूखी रही है , ये बात तो सबा भी जानती थी लेकिन जानकार भी ये चुप रही ताकि सही समय में कबीर और काजल से बदला ले सके , और फिर उसे मैं मिल गया , रशीद और सबा हमेशा से एक दुसरे की चाहत में थे लेकिन कबीर ने सबा के पिता को मारकर उसे अपनी रंडी बना लिया , जबकि उसे भी ये बात पता थी की सबा रशीद की चाहत है , वही रशीद और सबा हालत के हाथो मजबूर थे , एक ओर उनका जमीर और प्यार था तो दूसरी ओर उनके खुद का परिवार ..
कबीर ने कभी सोचा भी नहीं होगा की जिस काजल के लिए वो ये सब कर रहा है वही उसके गांड में लात मार देगी और पॉवर के दुसरे केंद्र की तरफ आकर्षित हो जाएगी , काजल के धोखे से काबीर को बेहद ही नुकसान हुआ था , यंहा पठानबाड़ी के इमरान भाई उससे खफा थे और साथ ही पुलिस भी , इसलिए उसे झख मारकर दुबई भागना पड़ गया …”
ये सब बोलते हुए मेरे मन में एक टिस सी उठी , काजल के धोखे का शिकार तो मैं भी था , आखिर मुझे भी तो उसने ताकत के लिए ही उपयोग किया था …
यंहा अभी सभी शांत बैठे थे तभी सबा बोल पड़ी
“सेठ साहब मुझे बस एक बात समझ नहीं आई , आखिर काजल ने उस देव में ऐसा क्या देख लिया की उसने देव जैसे मामूली इन्सान से शादी कर ली ..”
मैं ना चाहते हुए भी मुस्कुरा उठा था ,
“मैंने कहा ना पावर का एक और केंद्र , जिसका रास्ता देव से होकर जाता था … लेकिन अफ़सोस , शायद जिसके लिए काजल ने इतने पापड़ बेले थे वो बेकार हो जायेगा ..”
“वो कैसे ??”
तीनो ही एक साथ बोल उठे
“तुम लोगो को ये समझने की कोई जरुरत नहीं , बस समझ लो की बहुत उछल कूद हो गई , अब काजल की ओर नहीं चलने वाली , ना ही कबीर की चलेगी “
सभी बस एक दुसरे का मुह देखने लगे थे , कोई किसी से कुछ भी नहीं बोल रहा था , तभी कुछ गाडियों के रुकने की आवाज आई , सबा और रशीद के चहरे में एक आतंक साफ दिख रहा था , सभी को पता था की ये कौन हो सकता है ….
कई बंदूख धारी कमरे के अंदर आने शुरू हो गए और उनके पीछे काले रंग के सूट में कबीर अंदर आया , लाला भी साथ था और साथ थे कुछ 20 गार्ड्स , सभी गार्ड्स प्रोफेशनल लग रहे थे सभी काले रंग की सूट और आँखों में चश्मा लगाये हुए थे , ऐसे लग रहा था जैसे कोई वीवीआईपी आ गया हो , सभी गार्ड्स हमें घेर का खड़े हो गए वही कबीर ठीक मेरे सामने वाले सोफे में बड़े शान से बैठ गया था , मैंने मानिक पर नजर डाली जो की सिकुड़ा हुआ हाथ बांधे कबीर के पीछे खड़ा हुआ था ..
कबीर ने एक बार खा जाने वाली नजरो से सबा और रशीद को देखा , दोनों पहले से ही खौफ खाए बैठे थे …
कबीर मुझे घूरने लगा
“तो तू है विकाश सेठ ,जिसने मेरे धंधे की वाट लगा कर रखी है , बहुत हिम्मत है तुझमे ….. ये जानते हुए भी मैं यंहा आ रहा है तू अभी तक भागा नहीं ??”
कबीर की बात सुनकर मैं जोरो से हँस पड़ा
“हिम्मत तो तुझमे है कबीर जो मेरे सामने बैठ कर तू मुझसे ऐसे बात कर रहा है “
मेरी बात सुनकर कबीर मानो बौखला गया था
“नजर घुमा कर देख विकाश चारो ओर मेरे आदमी है , अभी तुझे गोलियों से छलनी कर सकता हु मैं “
उसका चहरा गुस्से से तप रहा था , और उसकी धमकी भी दमदार थी लेकिन जैसे मेरे कानो में जू तक नहीं रेंगी हो , मैने एक जोरो की जम्हाई ली और मुस्कुराते हुए उसे देखा , मैं चुप था और वो मुझे देख कर आश्चर्य चकित ..
“तुझे डर नहीं लगता , अगर मैं तुझे अभी मार दू तो, अपने मौत के सामने बैठा जम्हाई ले रहा है “
कबीर थोडा विश्मित था , मैं हँसने लगा
“डरना तो तुझे चाहिए , मौत के सामने मैं नहीं बल्कि तू बैठा है “
कबीर मेरे बडबोलेपन पर थोडा झल्ला गया वो कुछ बोल पाता उससे पहले ही मैंने उसे इशारे से शांत कर दिया , अपने मोबाइल निकाला और एक नंबर लगाया …
“एक्शन “
मैंने बस इतना ही कहा था की वंहा की खिडकियों से कई लेजर लाइटस आने लगी , वंहा खड़े हर गार्ड्स के सर या सीने में एक लाइट पड़ रही थी , सभी में कोहराम मच गया , कबीर भी ये देखकर हैरान था , तभी एक लाइट उसके दिल से होते हुए सर तक गई , कबीर की मानो रूह काँप गई , वो देखने की कोशिस में लग गया था की आखिर ये सब आ कहा से रही है , वो मुझे बड़े ही आश्चर्य से डर से देख रहा था , मैं मुस्कुराया
“टेक्नोलॉजी छोटे , स्नाइपरस का नाम तो सुना ही होगा तुमने , मैं तुम्हारे जैसे भीड़ लेकर नहीं चलता , मेरी सुरक्षा दिखती नहीं बल्कि होती है , अब एक इशारा और तुम और तुम्हारे गार्ड्स एक ही बार में ख़त्म …”
मेरी बात सुनकर वो शांत हो गया था , मैंने अपने हाथो की दो उंगलिया उठा कर एक इशारा किया और सभी लेजर लाइट्स बंद हो गयी ..
“ये बस तुम्हे दिखाने के लिए था की तुम सभी निशाने पर हो , हर एक के लिए एक स्नाइपर रेडी बैठा है , तो अब जो भी बोलना सम्हाल कर बोलना “
मेरे बोलने पर कबीर का चहरा जैसे पिला पड़ गया था , उसने अपने गार्ड्स को एक इशारा किया और वो सभी लोग बाहर चले गए …
अब सभी शांत थे , सबा और रशीद के चहरे पर थोडा राहत का भाव दिखाई देने लगा था …
“आखिर तुम मेरे पीछे क्यों पड़े हुए हो, जबकि तुम तो ड्रग्स और लडकियों का कारोबार भी नहीं करते , तुम्हारा असली कारोबार तो अभी तक मुझे भी समझ में नहीं आया “
कबीर का चहरा अब शांत था लेकिन उसके मन में उथल पुथल मची हुई थी …
मैंने एक लम्बी साँस ली
“मुझे यही चीजे तो पसंद नहीं है कबीर , तुम लडकियों से जबरदस्ती धंधा करवाते हो , वही ये ड्रग्स … तुम पूरी नस्ल को ही खोखला बना रहे हो , मैं ऐसा कैसे होने दे सकता हु , इसलिए तुम्हारे ही प्यादों को तुम्हारे ही ड्रग्स के सहारे मार दिया मैंने ...अभी तक तो मैं शांत ही था क्योकि मैं खुद ही अभी थोडा बीजी था लेकिन अब तुमने ये सब बंद नहीं किया तो तुम्हे और तुम्हारा साथ देने वाले सभी को कुत्ते की मौत करूँगा “
कबीर के चहरे में डर साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था लेकिन वो कुछ बोला नहीं ..मैंने अपनी बात जारी रखी
“दूसरी बात की तुम्हारे पीछे पड़ने का सबसे बड़ा कारन है काजल , खैर वो तो तुम्हे ही चुतिया बना गयी , मुझे लगा था की वो तुम्हारे साथ ही रहने वाली है … अफ़सोस “
इस बार कबीर के चहरे में मायूसी आ गई थी
“उस रंडी को तो मैं …”
उसके मुह से अनायास ही निकल गया था , जबकि उसकी बात सुनकर मैं हँस पड़ा
“तुम उसका झांट भी नहीं उखड सकते , और ये बात तुम भी अब अच्छे से जानते हो , “
मेरे व्यंग से कबीर तिलमिलाया जरुर लेकिन ये हकीकत ही थी वो मन मसोज कर ही रह गया ..
“लेकिन मैं झांट ही नहीं सब कुछ उखड सकता हु , और इसके लिए मुझे तुम्हारी भी जरुरत पड़ेगी , तो अपने जान और माल की सलामती के लिए तुम मेरा साथ दो , बदले में मैं तुम्हे फिर से दुबई भिजवा दूंगा, मुझे पता है की अभी तुम्हारी हालत क्या हो गयी है , तुम इंडिया आकर फंस गए हो , तुम वापस नहीं जा पा रहे और तुम्हे खुद ही समझ नहीं आ रहा है की ये कैसे और क्यों हो रहा है ?? ऐसे अभी तक तुम बचे हुए हो ये भी तुम्हारे लिए लोगो की वफादारी का नतीजा है लेकिन ज्यदा दिनों तक नहीं , तुम्हारा एनकाउंटर करने का प्लान बन ही रहा है ..तो तुम अब मेरा साथ दो , यंहा का धंधा तो ख़त्म ही समझो लेकिन तुम अपनी जान जरुर बचा लोगे “
कबीर कुछ देर तक मुझे विस्मित भाव से देखता रहा
“लेकिन आखिर किसमे इतनी हिम्मत आ गई की मुझे रोके “
कबीर के सवाल से वंहा बैठे सभी लोग सहमत थे क्योकि कबीर की पहुच सभी को पता थी , बड़े बड़े नेता उसकी गांड चाटने को खड़े रहते थे ये बात उसे अच्छे से पता थी , लेकिन कुछ दिनों से वो भी हैरान था की वो इंडिया से बाहर नहीं जा पा रहा था ,उसके कनेक्शन कमजोर हो रहे थे , और किसी न किसी तरह वो फंस जा रहा था , शायद इसलिए वो मेरी बातो पर यकीं करने को मजबूर भी था …
“दो नाम जो तुम्हे यंहा फंसा कर रखे है और तुम्हे मारने की फ़िराक में है … डॉ चुतिया और काजल “
“वाट “
कबीर का मुह देखने के लायक था , उसने कभी सोचा भी नहीं होगा की काजल के पास इतना पावर आ जायेगा की वो उसके लिए इतना खतरा बन जाएगी , और उसे पता भी नहीं चलेगा …
“लेकिन कैसे ???”
कबीर का सवाल जटिल था और इसका जवाब मैं उसे नहीं दे सकता था ..
“बस ये समझ लो की उसे जो चाहिए था वो उसके बहुत करीब है “
कबीर ने आंखे फाडे मुझे देखा
“ब्लैक कोबरा की गद्दी ???”
उसके मुह से निकला , मैंने हां में सर हिलाया
“मुझे तो लगा था की काजल मुझे चुतिया बना रही होगी , ऐसी कोई संस्था कैसे हो सकती है ??”
मैं हँस पड़ा
“वो तुम्हे चुतिया तो बना रही थी लेकिन इस बारे में नहीं .. तुम बस एक जरिया थे , देव बस एक जरिया था , उसके लिए सभी एक जरिया ही थे उस गद्दी तक पहुचने के लिए , वो उसे पाने से कुछ ही दूर है अगर उसे वो मिल गया तो समझो पहले तुम खत्म हो जाओगे , उसके बाद शायद मैं … चांदनी , सबा , रफीक और मानिक जैसे लोगो को तो कुछ समझेगी भी नहीं , खैर इसलिए उन्हें कोई प्रोब्लम नहीं होगी , लेकिन तुम और मैं पहले मारे जायेंगे “
कबीर को जैसे मेरी बातो पर विश्वास ही नहीं हो रहा था , जिसे उसने महज एक मजाक समझा था वो सच था ..
“कबीर ध्यान से सुनो , एक फोन लगाओ महेश कालेकर को , वही एक आदमी है जो अंतिम बार डॉ चुतिया और काजल से मिला था , जूही का मैंने पता किया लेकिन उसका भी कोई पता नहीं चल रहा है . महेश से हमें कुछ मिल सकता है “
कबीर ने किसी खिलौने की तरह सर हिलाया और वंहा खड़े अपने चेले लाला को इशारा किया …
लाला ने तुरंत आदेश का पालन किया …
************
कालेकर कुछ ही देर में हमारे सामने था , वो खुद इतने लोगो को यंहा देखकर अचंभित था और कबीर को मेरे सामने इस तरह भीगी बिल्ली बना देख और भी ज्यादा अचंभित ..
“डॉ चुतिया काजल या जूही किसी का तुम्हे कोई पता है “
मेरे सवाल पर सामने खड़े महेश ने ना में गर्दन हिला कर प्रतिक्रिया दी
“डॉ चुतिया के क्लब का क्या हाल है “
“वो तो अभी भी चल रहा है सर , लेकिन वंहा कोई नहीं मिलेगा , मैंने खुद कुछ लोग वंहा भिड़ा कर रखे है ताकि काजल को ढूढ़ सकू …”
उसने कबीर की ओर देखते हुए कहा , शायद कबीर ने ही उसे ये काम देकर रखा था ...
“महेश बाबु … मुझे कल सुबह डॉ चुतिया के क्लब जाना है , तुम मैं और मेरे दो दोस्त बस… समझे ??”
महेश ने चुप चाप हां में सर हिला दिया
 

SultanTipu40

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अध्याय 29
सुबह सुबह जब नींद खुली तो मुझे मेरे लिंग में कुछ गिला गिला सा महसूस हुआ , मजे में मेरी आंखे खुल ही नही रही थी लेकिन फिर अचानक मुझे समझ आया की कोई मेरा लिंग अपने मुह में लिए हुए है , मैंने झट से आँखे खोली तो सामने आर्य को देखने लगा , आर्या निर्वस्त्र मेरे लिंग को लोलीपोप बना कर चूसने में मस्त थी , मेरे होठो में मुस्कान आ गई , मेरे हिलने पर वो भी थोड़ी सतर्क हो गई थी , मैं उठ कर सिरहाने का सहारा लेकर बैठ गया , आर्या मुझे मुस्कुराते हुए देख रही थी …
“क्या बात है आज सुबह सुबह ही शुरू हो गई तुम “
वो मुस्कराई
“वो टीवी में देखा था तो सोचा क्यों न मैं भी ट्राई करू “
मैं सोच में पड़ गया फिर मुझे याद आया की यंहा टीवी में मैंने एक पेन ड्राइव लगे थी जिसमे बहुत कुछ था लेकिन साथ ही कुछ ब्लू फिल्म्स भी उसमे थे जिसे मैं डिलीट करना भूल गया था , शायद वो पोगो या कार्टून नेटवर्क देखने के चक्कर में टीवी चालु किये होंगे और कुछ और ही कार्टून देख लिए ..
मैं आराम से टिक कर बैठा हुआ था और आर्या ने फिर से मेरे लिंग को अपने मुह में ले लिया , सुबह की शुरुवात ही ऐसी हो जाये तो फिर क्या कहने ..
तभी कमरे में वांग एक ट्रे में बिस्किट और चाय लेकर पहुच गया , उसे देखकर मुझे हँसी आ गई , वो खाना अच्छा बना लेटा था इसमें कोई शक नहीं लेकिन वो इन चीजो को भी बहुत जल्दी सिख गया था ..
आज की सुबह बहुत ही अच्छी थी शायद आज दिन भी अच्छा होने वाला था , सुबह सुबह ब्लो जॉब का मजा और बिस्तर में ही चाय मिलना सुबह को आनंदमय बना देता है …
वांग ने आर्या को देखा लेकिन उसके चहरे में अब कोई सिकन नही आई , वो आराम से वही बैठ गया …
मैंने आर्या को हटाया और जाकर तैयार होने बोल दिया , आज इन लोगो को आधुनिक हथियारों के बारे में बहुत कुछ बताना था ..
सुबह से शाम तक मैंने इनकी क्लास ले ली और फिर वंहा से निकल कर नीलम जी के घर चला गया मुझे आज सबा और रशीद से भी मिलना था ..
जब मैं वंहा पंहुचा तो मानिक को थोडा बेचैनी से घुमते हुए पाया , मुझे देख कर वो सीधा खड़ा हो गया था ..
“बड़े बेचैन लग रहे हो …??”
मेरी बात सुनकर वो थोडा सकपकाया
“कुछ नहीं वो बस …”
मैं उसे देखकर हँस पड़ा
“पता है मुझे की तुमने कबीर को मेरे बारे में बता दिया है , यु डरने की कोई ज़रूरत नही है , आने दे उसे “
मानिक ने मुझे ऐसे देखा मानो भुत देख लिया हो ..
“क्या देख रहा है “
“आपको कैसे पता ..”
मैं बस मुस्कुराया , मुझे मनीष ने पहले ही बता दिया था क्योकि मनीष मानिक के हर एक्टिविटी की जानकारी रख रहा था ,कबीर कभी मेरे लिए खतरा हुआ करता था लेकिन असल में वो मेरे सामने एक चूजे से कम नहीं था , मैं अपने आप की असली पहचान भुला हुआ था साथ ही साथ अपनी ताकते भी लेकिन अब मुझे सब याद था ,
“बाकि लोग कहा है “
उसने अंदर की ओर इशारा किया “
मैं अंदर चला गया वंहा चांदनी के साथ साथ रशीद और सबा भी बैठे हुए थे …
सभी मुझे देखकर खड़े हो गए , मैंने उन्हें बैठने का इशारा दिया और सामने रखे एक बड़े सोफे में बैठ गया ..
“आपको पहली बार देख रही हु , यकीन ही नही होता की आप हमारे सामने है “
सबा ने बड़े ही अदब से कहा , मैं उसकी बात पर मुस्कुराने लगा
“मुझे तो कभी कभी लगता था की विकाश सेठ कोई होगा भी या नहीं , कई सालो से महज फोन पर ही बात होती रही, लेकिन आपने सबसे छिपकर भी एक पहचान बना ली की कबीर जैसे डॉन भी आपके नाम से मूत दे , आखिर ऐसा क्यों और अब सामने आने का क्या कारण है “
रशीद के मन में कई सारे सवाल मंडरा रहे थे
“कारण साफ़ है , वक्त आ गया है , तुम लोगो का वकत ,जो मुसीबते तुम लोगो ने झेली है उन सभी के हिसाब का वक्त आ गया … कुछ देर में शायद कबीर या उसके पंटर भी यंहा पहुच जायेंगे , मानिक ने हमेशा की तरह उंगली कर दी है और कबीर को सब बता दिया है “
कबीर का नाम सुनकर सबा और रशीद के चहरे की हवाइया उड़ने लगी थी जिसे मैं समझ गया था
“फिक्र मत करो आने दो उसे , अब से तुम उसके गुलाम नही हो … “
“लेकिन …”
सबा कुछ बोलने ही वाली थी की मैंने उसे इशारे से चुप करवा दिया
“सबा तुमने बहुत कुछ सहा है , जब से तुम्हारे पिता को काजल और कबीर ने मिलकर मारा तब से आज तक तुम सह रही हो , मैं समझता हु इसलिए तुम्हारे लिए आया हु , रशीद के लिए आया हु जिसने अपना प्यार उसके हाथो ही खो दिया जिसके लिए वो काम करता था , मैं ये सब पहले ही ठीक कर सकता था लेकिन मैं भी एक साजिश का शिकार हो गया था , इसलिए इतने सालो तक चुप बैठा रहा अपनी पहचान छिपा कर रखा अब समय आ गया है की मैं खुल कर खेलु “
मेरी बात सुनकर चांदनी को झटका लगा
“क्या….??/ काजल ने सबा के बाप को मारा, लेकिन पूरा पठानबाड़ा जानता है की उनकी हत्या कबीर ने की थी …”
मैं मुस्कुराया
“कबीर तो महज एक मोहरा था , असली खेल तो काजल का ही था , वो हमेशा से ही ताकत की भूखी रही है , ये बात तो सबा भी जानती थी लेकिन जानकार भी ये चुप रही ताकि सही समय में कबीर और काजल से बदला ले सके , और फिर उसे मैं मिल गया , रशीद और सबा हमेशा से एक दुसरे की चाहत में थे लेकिन कबीर ने सबा के पिता को मारकर उसे अपनी रंडी बना लिया , जबकि उसे भी ये बात पता थी की सबा रशीद की चाहत है , वही रशीद और सबा हालत के हाथो मजबूर थे , एक ओर उनका जमीर और प्यार था तो दूसरी ओर उनके खुद का परिवार ..
कबीर ने कभी सोचा भी नहीं होगा की जिस काजल के लिए वो ये सब कर रहा है वही उसके गांड में लात मार देगी और पॉवर के दुसरे केंद्र की तरफ आकर्षित हो जाएगी , काजल के धोखे से काबीर को बेहद ही नुकसान हुआ था , यंहा पठानबाड़ी के इमरान भाई उससे खफा थे और साथ ही पुलिस भी , इसलिए उसे झख मारकर दुबई भागना पड़ गया …”
ये सब बोलते हुए मेरे मन में एक टिस सी उठी , काजल के धोखे का शिकार तो मैं भी था , आखिर मुझे भी तो उसने ताकत के लिए ही उपयोग किया था …
यंहा अभी सभी शांत बैठे थे तभी सबा बोल पड़ी
“सेठ साहब मुझे बस एक बात समझ नहीं आई , आखिर काजल ने उस देव में ऐसा क्या देख लिया की उसने देव जैसे मामूली इन्सान से शादी कर ली ..”
मैं ना चाहते हुए भी मुस्कुरा उठा था ,
“मैंने कहा ना पावर का एक और केंद्र , जिसका रास्ता देव से होकर जाता था … लेकिन अफ़सोस , शायद जिसके लिए काजल ने इतने पापड़ बेले थे वो बेकार हो जायेगा ..”
“वो कैसे ??”
तीनो ही एक साथ बोल उठे
“तुम लोगो को ये समझने की कोई जरुरत नहीं , बस समझ लो की बहुत उछल कूद हो गई , अब काजल की ओर नहीं चलने वाली , ना ही कबीर की चलेगी “
सभी बस एक दुसरे का मुह देखने लगे थे , कोई किसी से कुछ भी नहीं बोल रहा था , तभी कुछ गाडियों के रुकने की आवाज आई , सबा और रशीद के चहरे में एक आतंक साफ दिख रहा था , सभी को पता था की ये कौन हो सकता है ….
कई बंदूख धारी कमरे के अंदर आने शुरू हो गए और उनके पीछे काले रंग के सूट में कबीर अंदर आया , लाला भी साथ था और साथ थे कुछ 20 गार्ड्स , सभी गार्ड्स प्रोफेशनल लग रहे थे सभी काले रंग की सूट और आँखों में चश्मा लगाये हुए थे , ऐसे लग रहा था जैसे कोई वीवीआईपी आ गया हो , सभी गार्ड्स हमें घेर का खड़े हो गए वही कबीर ठीक मेरे सामने वाले सोफे में बड़े शान से बैठ गया था , मैंने मानिक पर नजर डाली जो की सिकुड़ा हुआ हाथ बांधे कबीर के पीछे खड़ा हुआ था ..
कबीर ने एक बार खा जाने वाली नजरो से सबा और रशीद को देखा , दोनों पहले से ही खौफ खाए बैठे थे …
कबीर मुझे घूरने लगा
“तो तू है विकाश सेठ ,जिसने मेरे धंधे की वाट लगा कर रखी है , बहुत हिम्मत है तुझमे ….. ये जानते हुए भी मैं यंहा आ रहा है तू अभी तक भागा नहीं ??”
कबीर की बात सुनकर मैं जोरो से हँस पड़ा
“हिम्मत तो तुझमे है कबीर जो मेरे सामने बैठ कर तू मुझसे ऐसे बात कर रहा है “
मेरी बात सुनकर कबीर मानो बौखला गया था
“नजर घुमा कर देख विकाश चारो ओर मेरे आदमी है , अभी तुझे गोलियों से छलनी कर सकता हु मैं “
उसका चहरा गुस्से से तप रहा था , और उसकी धमकी भी दमदार थी लेकिन जैसे मेरे कानो में जू तक नहीं रेंगी हो , मैने एक जोरो की जम्हाई ली और मुस्कुराते हुए उसे देखा , मैं चुप था और वो मुझे देख कर आश्चर्य चकित ..
“तुझे डर नहीं लगता , अगर मैं तुझे अभी मार दू तो, अपने मौत के सामने बैठा जम्हाई ले रहा है “
कबीर थोडा विश्मित था , मैं हँसने लगा
“डरना तो तुझे चाहिए , मौत के सामने मैं नहीं बल्कि तू बैठा है “
कबीर मेरे बडबोलेपन पर थोडा झल्ला गया वो कुछ बोल पाता उससे पहले ही मैंने उसे इशारे से शांत कर दिया , अपने मोबाइल निकाला और एक नंबर लगाया …
“एक्शन “
मैंने बस इतना ही कहा था की वंहा की खिडकियों से कई लेजर लाइटस आने लगी , वंहा खड़े हर गार्ड्स के सर या सीने में एक लाइट पड़ रही थी , सभी में कोहराम मच गया , कबीर भी ये देखकर हैरान था , तभी एक लाइट उसके दिल से होते हुए सर तक गई , कबीर की मानो रूह काँप गई , वो देखने की कोशिस में लग गया था की आखिर ये सब आ कहा से रही है , वो मुझे बड़े ही आश्चर्य से डर से देख रहा था , मैं मुस्कुराया
“टेक्नोलॉजी छोटे , स्नाइपरस का नाम तो सुना ही होगा तुमने , मैं तुम्हारे जैसे भीड़ लेकर नहीं चलता , मेरी सुरक्षा दिखती नहीं बल्कि होती है , अब एक इशारा और तुम और तुम्हारे गार्ड्स एक ही बार में ख़त्म …”
मेरी बात सुनकर वो शांत हो गया था , मैंने अपने हाथो की दो उंगलिया उठा कर एक इशारा किया और सभी लेजर लाइट्स बंद हो गयी ..
“ये बस तुम्हे दिखाने के लिए था की तुम सभी निशाने पर हो , हर एक के लिए एक स्नाइपर रेडी बैठा है , तो अब जो भी बोलना सम्हाल कर बोलना “
मेरे बोलने पर कबीर का चहरा जैसे पिला पड़ गया था , उसने अपने गार्ड्स को एक इशारा किया और वो सभी लोग बाहर चले गए …
अब सभी शांत थे , सबा और रशीद के चहरे पर थोडा राहत का भाव दिखाई देने लगा था …
“आखिर तुम मेरे पीछे क्यों पड़े हुए हो, जबकि तुम तो ड्रग्स और लडकियों का कारोबार भी नहीं करते , तुम्हारा असली कारोबार तो अभी तक मुझे भी समझ में नहीं आया “
कबीर का चहरा अब शांत था लेकिन उसके मन में उथल पुथल मची हुई थी …
मैंने एक लम्बी साँस ली
“मुझे यही चीजे तो पसंद नहीं है कबीर , तुम लडकियों से जबरदस्ती धंधा करवाते हो , वही ये ड्रग्स … तुम पूरी नस्ल को ही खोखला बना रहे हो , मैं ऐसा कैसे होने दे सकता हु , इसलिए तुम्हारे ही प्यादों को तुम्हारे ही ड्रग्स के सहारे मार दिया मैंने ...अभी तक तो मैं शांत ही था क्योकि मैं खुद ही अभी थोडा बीजी था लेकिन अब तुमने ये सब बंद नहीं किया तो तुम्हे और तुम्हारा साथ देने वाले सभी को कुत्ते की मौत करूँगा “
कबीर के चहरे में डर साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था लेकिन वो कुछ बोला नहीं ..मैंने अपनी बात जारी रखी
“दूसरी बात की तुम्हारे पीछे पड़ने का सबसे बड़ा कारन है काजल , खैर वो तो तुम्हे ही चुतिया बना गयी , मुझे लगा था की वो तुम्हारे साथ ही रहने वाली है … अफ़सोस “
इस बार कबीर के चहरे में मायूसी आ गई थी
“उस रंडी को तो मैं …”
उसके मुह से अनायास ही निकल गया था , जबकि उसकी बात सुनकर मैं हँस पड़ा
“तुम उसका झांट भी नहीं उखड सकते , और ये बात तुम भी अब अच्छे से जानते हो , “
मेरे व्यंग से कबीर तिलमिलाया जरुर लेकिन ये हकीकत ही थी वो मन मसोज कर ही रह गया ..
“लेकिन मैं झांट ही नहीं सब कुछ उखड सकता हु , और इसके लिए मुझे तुम्हारी भी जरुरत पड़ेगी , तो अपने जान और माल की सलामती के लिए तुम मेरा साथ दो , बदले में मैं तुम्हे फिर से दुबई भिजवा दूंगा, मुझे पता है की अभी तुम्हारी हालत क्या हो गयी है , तुम इंडिया आकर फंस गए हो , तुम वापस नहीं जा पा रहे और तुम्हे खुद ही समझ नहीं आ रहा है की ये कैसे और क्यों हो रहा है ?? ऐसे अभी तक तुम बचे हुए हो ये भी तुम्हारे लिए लोगो की वफादारी का नतीजा है लेकिन ज्यदा दिनों तक नहीं , तुम्हारा एनकाउंटर करने का प्लान बन ही रहा है ..तो तुम अब मेरा साथ दो , यंहा का धंधा तो ख़त्म ही समझो लेकिन तुम अपनी जान जरुर बचा लोगे “
कबीर कुछ देर तक मुझे विस्मित भाव से देखता रहा
“लेकिन आखिर किसमे इतनी हिम्मत आ गई की मुझे रोके “
कबीर के सवाल से वंहा बैठे सभी लोग सहमत थे क्योकि कबीर की पहुच सभी को पता थी , बड़े बड़े नेता उसकी गांड चाटने को खड़े रहते थे ये बात उसे अच्छे से पता थी , लेकिन कुछ दिनों से वो भी हैरान था की वो इंडिया से बाहर नहीं जा पा रहा था ,उसके कनेक्शन कमजोर हो रहे थे , और किसी न किसी तरह वो फंस जा रहा था , शायद इसलिए वो मेरी बातो पर यकीं करने को मजबूर भी था …
“दो नाम जो तुम्हे यंहा फंसा कर रखे है और तुम्हे मारने की फ़िराक में है … डॉ चुतिया और काजल “
“वाट “
कबीर का मुह देखने के लायक था , उसने कभी सोचा भी नहीं होगा की काजल के पास इतना पावर आ जायेगा की वो उसके लिए इतना खतरा बन जाएगी , और उसे पता भी नहीं चलेगा …
“लेकिन कैसे ???”
कबीर का सवाल जटिल था और इसका जवाब मैं उसे नहीं दे सकता था ..
“बस ये समझ लो की उसे जो चाहिए था वो उसके बहुत करीब है “
कबीर ने आंखे फाडे मुझे देखा
“ब्लैक कोबरा की गद्दी ???”
उसके मुह से निकला , मैंने हां में सर हिलाया
“मुझे तो लगा था की काजल मुझे चुतिया बना रही होगी , ऐसी कोई संस्था कैसे हो सकती है ??”
मैं हँस पड़ा
“वो तुम्हे चुतिया तो बना रही थी लेकिन इस बारे में नहीं .. तुम बस एक जरिया थे , देव बस एक जरिया था , उसके लिए सभी एक जरिया ही थे उस गद्दी तक पहुचने के लिए , वो उसे पाने से कुछ ही दूर है अगर उसे वो मिल गया तो समझो पहले तुम खत्म हो जाओगे , उसके बाद शायद मैं … चांदनी , सबा , रफीक और मानिक जैसे लोगो को तो कुछ समझेगी भी नहीं , खैर इसलिए उन्हें कोई प्रोब्लम नहीं होगी , लेकिन तुम और मैं पहले मारे जायेंगे “
कबीर को जैसे मेरी बातो पर विश्वास ही नहीं हो रहा था , जिसे उसने महज एक मजाक समझा था वो सच था ..
“कबीर ध्यान से सुनो , एक फोन लगाओ महेश कालेकर को , वही एक आदमी है जो अंतिम बार डॉ चुतिया और काजल से मिला था , जूही का मैंने पता किया लेकिन उसका भी कोई पता नहीं चल रहा है . महेश से हमें कुछ मिल सकता है “
कबीर ने किसी खिलौने की तरह सर हिलाया और वंहा खड़े अपने चेले लाला को इशारा किया …
लाला ने तुरंत आदेश का पालन किया …
************
कालेकर कुछ ही देर में हमारे सामने था , वो खुद इतने लोगो को यंहा देखकर अचंभित था और कबीर को मेरे सामने इस तरह भीगी बिल्ली बना देख और भी ज्यादा अचंभित ..
“डॉ चुतिया काजल या जूही किसी का तुम्हे कोई पता है “
मेरे सवाल पर सामने खड़े महेश ने ना में गर्दन हिला कर प्रतिक्रिया दी
“डॉ चुतिया के क्लब का क्या हाल है “
“वो तो अभी भी चल रहा है सर , लेकिन वंहा कोई नहीं मिलेगा , मैंने खुद कुछ लोग वंहा भिड़ा कर रखे है ताकि काजल को ढूढ़ सकू …”
उसने कबीर की ओर देखते हुए कहा , शायद कबीर ने ही उसे ये काम देकर रखा था ...
“महेश बाबु … मुझे कल सुबह डॉ चुतिया के क्लब जाना है , तुम मैं और मेरे दो दोस्त बस… समझे ??”
महेश ने चुप चाप हां में सर हिला दिया
Super update sir ji

to sara khel kajal hi ne racha hai wah cobra ki malkin banna chahti hai our malkin banne ke baad kabir out seth ki gaand maar degi jo akurit nahi chahta ki kajal uski gaand mare to akurit is liye kabir ko apne sath mila raha hai
fantastic update sir ji

ab dekhna hai calab jakar dev ko kya pata chalta hai chutiya our kajal ke bare main
 
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