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Adultery कामुक काजल -जासूसी और मजा

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Chutiyadr

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Khujli ke bare me batane ki zarurat thi kya dr sahab,,,,:lol:
Chutiya naam rakh kar aapne bahuto ko chutiya banaya hai,,,, :D

Itne masoom kab se ho gaye dr sahab. Thode nasamajh to hain par chutiya nahi hain,,,,:nope:
Devnagri me likhna to sach me asaan nahi hota lekin aaj kal App ki help se devnagri me likhna bhi asaan ho gaya hai. Is liye mehnat ki baat mat kijiye aur jaldi jaldi update dijiye,,,,:bat:

Abhi to kah rahe the ki koi plot nahi tha ju ke paas aur ab kahani ke bare me aisi baate,,,:hmm2:
Khair banaiye chutiya, par ham samajhdaar ban ke padhege,,,,:smarty:



:reading:
abhi tak padhna start bhi nahi kiye ho :bat:
jaldi padhkar comments dijiye :approve:
 

Chutiyadr

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अध्याय 14

“मानिक “

उस शख्स को देखते ही मेरे मुह से निकला

वही चांदनी उसे देख कर मुस्कुराने लगी , और अपने पैर की उंगली को जमीन पर गिरे हुए मानिक के होठो पर ठिका दिया ..

“अरे वाह मानिक भैया ... अपनी बहन की चूत चटाने आये हो या मूत पीने “

चांदनी की बात में एक अजीब सा व्यंग था , ऐसा व्यंग जो खुद में कई कहानिया कह रहा था , क्या मानिक ने कभी चांदनी का शोषण किया था ???

मेरे दिमाग में चलते हुए कई सवाल मेरे चहरे में स्पष्ट रूप से देख रहे थे ..

“इनसे मिलो देव बाबु ये है मेरा सौतेला भाई मानिक “

“भाई ..??”

“हमारी माँ एक ही थी “

चांदनी ने ठन्डे स्वर में कहा

“वो रंडी मेरी माँ नहीं थी “

निचे पड़ा हुआ मानिक बोल उठा लेकिन उसके इस बात से जैसे चांदनी गुस्से से भर गयी थी ...

उसने एक जोर का लात मानिक को लगा दिया

“साले तुम दोनों बाप बेटा दल्ले ही हो .. पहले तेरे बाप ने नीलिमा जी की दलाली की फिर मेरी माँ की और अब तू काजल की दलाली कर रहा है “

एक जोरदार लात फिर से मानिक के पेट में पड़ा वो दर्द से वही लेटा रहा ..

मुझे उसकी कोई भी बात समझ नहीं आ रही थी ..

“त्तुम लोग ये क्या बात कर रहे हो चांदनी “

“इसका बाप बनवारी , नीलिमा जी का पति था और हम दोनों की माँ शांति देवी नीलिमा की सहेली , बनवारी और मेरी माँ ने गांव में लव मेरिज की , मेरी माँ एक संपन्न परिवार से आती थी वही नीलिमा और बनवारी एक छोटे किसान के बच्चे थे , बनवारी जानता था की शांति एक सीधी साधी लड़की है , उसने उसे प्यार के जाल में फंसा लिया, शांति ने बनवारी के प्रेम के खातिर अपने ही घर में चोरी की , सोने और जेवरात लेकर बनवारी और नीलिमा के साथ गांव छोड़कर यंहा आ गयी , उस बेचारी को क्या पता था की जिसके लिए उन्होंने अपना सब कुछ छोड़ा है उस हरामी की मनसा क्या है ...

यंहा आकर बनवारी ने जो पहला काम किया वो था शांति की दलाली , उसने नीलिमा को हीरोइन बनाने के चक्कर में शांति को नीलाम कर दिया , फिल्म के प्रोडूसर के पास वो शांति को भेजता ताकि नीलिमा को काम मिल सके ...

और फिर इनके जीवन में आया शरद कपूर जो की एक बड़ा फ़िल्मी हीरो था, बनवारी ने पहले नीलिमा को आगे किया , नीलिमा और शरद में प्रेम की खबर जब बाजार में फैली तो नीलिमा के पास काम का अम्बार लग गया और देखते ही देखते वो एक फिल्म स्टार बन गयी , लेकिन नीलिमा को शरद से सच में पयर हो गया था , वो बनवारी के जाल से छूटकर अपनी जिंदगी शरद के साथ बिताना चाहती थी. लेकिन ऐसा होने से सबसे ज्यदा नुक्सान बनवारी का ही होता, नीलिमा जी की शादी का सीधा मतलब था की उनका करियर ख़त्म और वो घर गृहस्थी में लिप्त हो जाती , और एक सोने का अंडा देने वाली मुर्गी बनवारी के हाथो से निकल जाती ... बनवारी ने एक चाल चली और फिर से शांति को शरद को सौप दिया ...

बनवारी शरद की फितरत को जानता था , एक हसीन लड़की से बड़ी शरद की कोई कमजोरी नहीं थी , और इसी का फायदा उठाकर बनवारी ने नीलिमा जी के दिमाग से शरद का भुत निकाल दिया , लेकिन बेचारी मेरी माँ अब भी बनवारी और शरद के जाल में फंसी रही , अब वो भी अपने जीवन से तंग आ चुकी थी , जिसे उन्होंने प्रेम किया अपना सब कुछ जिसके लिए सौप दिया वो उसके साथ ऐसा सिला करेगा उन्होंने सोचा भी नहीं था , शांति को एक ही उम्मीद दिखी शरद ..

अगर वो शरद को किसी तरह काबू कर पाती तो वो देश के एक अजीम अदाकार की पत्नी होती,दोलत शोहरत के साथ साथ उसे इज्जत भी नशीब होती जिससे वो अभी तक महरूम ही रही थी , सबसे बड़ी बात थी उसकी आजादी , उस कैद से जो बनवारी ने उसके इर्द गिर्द बना दिया था , पत्नी नहीं तो शरद की रखैल होना भी शांति के लिए बनवारी की बीवी होने से ज्यदा अच्छा था , वो बनवारी के घटिया खेल से उब चुकी थी , उसका मन और जमीर इसकी गवाही नहीं देते ...

बनवारी ने ऐसे तो नीलिमा का भी उपयोग किया लेकिन नीलिमा की बात अलग थी उसके पास खुद का नाम था शोहरत, दौलत और समाज में इज्जत थी , वो आजाद थी और अपने मन का कर पाने का सामर्थ उसने जुटा लिया था , बनवारी उसे भी अपने काबू में रखना चाहता लेकिन बनवारी भी जानता था की नीलिमा को अगर उसके असली मंसूबो की भनक भी लगी तो वो उसे अर्श से फर्श में लाने के लिए एक बार भी नहीं सोचेगी ..

शांति को अपने समस्या का समाधान दिखा जब उसके पेट में शरद का बच्चा था , लेकिन शरद तो शरद था कलियों से खेलकर उसे छोड़ देना उसकी आदत थी ..

और शांति को नीलिमा तो थी नहीं की शरद उसके बारे में सोचता, बनवारी को जो करना था वो बनवारी कर चूका था , शरद और नीलिमा को जो करना था वो कर चुके थे लेकिन शांति ... पेट में शरद का बच्चा लिए वो कहा जाती ..

बनवारी जिसने शरद के पास शन्ति को पहुचाया था वो भी इस बच्चे को अपनाने के लिए तैयार् नहीं था , लेकिन शांति अपने पेट में पल रहे बच्चे को नहीं मारना चाहती थी और इसलिए वो गायब हो गई , नीलिमा चाहे शांति से जितना भी गुस्सा रहे आखिर थी तो वो उसकी सहेली ..

नीलिमा ने आगे बढ़कर शांति को ढूंढा और उसे सहारा दिया , बनवारी इसके खिलाफ था लेकिन नीलिमा ने बनवारी की एक ना सुनी ..

और ऐसे मैं दुनिया में आई ... लेकिन मेरी मुसीबते कम नही थी , कुछ ही दिनों में माँ दुनिया में नहीं रही और मैं नीलिमा देवी के सहारे पलती रही ..

मैं माँ पर हुए हर अत्याचारों का बदला लेना चाहती थी लेकिन ....

बनवारी की नजरो में मैं हमेशा ही कांटे की तरह चुभती रही थी , इसलिए नीलिमा ने मुझे बोर्डिंग में भेज दिया, मैंने कभी माँ बाप का सुख नहीं देखा , एबीएस पैसे पहुच जाते थे ..

जब बड़ी हुई तो समझ आया की नीलिमा ने जो मेरे लिए इतना किया है वो भी शायद कोई नहीं करता इसलिए उनके लिए दिल में एक इज्जत हमेशा रही , मैं अपना रास्ता खुद ही बनाना चाहती थी और जब मैं जवान होकर वापस आई तो बनवारी की आंखे फिर से मुझपर टिक गई वो मुझे दूसरी नीलिमा या शांति बनाने की कोशिस में लग गया, लेकिन मैं ना तो नीलिमा थी ना ही शांति ... उसका साथ दिया उसके इस कमीने बेटे ने मानिक ...

बहुत कोशिस की इन्होने , लेकिन आखिर हार ही गए और मैं इन सबसे दूर निकल गयी ...”

“तुम्हे किसने बताया की तुम शरद का खून हो ...”

मैंने चांदनी से कहा , चांदनी ने एक गहरी साँस लेकर मानिक की ओर देखा जो की अब मुह छिपा रहा था ..

“मुझे बार बार, बनवारी और उसके इस सुपुत्र के द्वारा ये अहसास दिलाया गया की मैं एक नाजायज ओलाद हु, मेरी माँ ने मुझे अपनी गलती के बारे में बताया था , नीलिमा जी ने मुझसे इसका जिक्र नहीं किया लेकिन जब मैं बड़ी होने लगी तो उन्होंने मुझे समझाया था की दुनिया कितनी कुत्ती चीज है ..”

मैंने चांदनी के कंधे में हाथ रखा और उसे सांत्वना दिया ...

“अब काजल का क्या होगा ??”

मैंने अपनी चिंता जाहिर की

“फिक्र मत करो मैं और सबा उसे इन पचड़ो से निकाल लेंगे , लेकिन मुझे ये समझ नहीं आ रहा है की ये दल्ला यंहा क्या कर रहा है “

चांदनी ने जैसे आँखों से ही मानिक को चीरने वाली नजरो से देखा

“मैं यंहा देव के पीछे आया था मुझे लगा की ये काजल से मिलने जा रहा है ..”

मानिक ने घबराते हुए कहा ..

मैं जानता था की यंहा मानिक के अलावा भी कोई होगा जो मेरे पीछे लगा होगा, मैं चांदनी को इसके बारे में आगाह करना चाहता था लेकिन चाँदनी तो खुद ही माहिर खिलाडी थी ...

“ऐसे क्या तुम कबीर को पकडवाने में मेरी कोई मदद कर सकती हो ??”

मैं जानता था की भले ही चांदनी ने ब्यूरो छोड़ दिया है लेकिन वो कबीर को पकडवाने पर गुप्त रूप से काम जरुर कर रही होगी, शायद सबा की मदद के लिए ..

चांदनी हँस पड़ी ..

“इस दल्ले से पूछ लो ये भी तो उसका गोटा ही है ..”

चांदनी की बात से मानिक थोडा घबरा गया था ,जरुर मानिक और कबीर के बीच कुछ लिंक होगा , मैं मानिक से आराम से पुछ्ताज करना चाहता था , जिसके लिए वो भी मान गया था, मैं उसे कल मिलने का बोलकर वंहा से निकल गया ..

रात हो चली थी बिस्तर में गिरते ही मैं नींद के आगोस में चला गया ...

सुबह न्यूस चेनल खोलते ही मेरी आँखे बड़ी हो गई ...

‘पूर्व इंटेलिजेंस ऑफिसर निशा कपूर ने शरद कपूर की बेटी होने का दावा किया , डीएनए टेस्ट पुष्टि की जाएगी , अगर निशा सही हुई तो वो शरद कपूर के 750 करोड़ के जायजाद की अकेली अधिकारी होगी.....निशा कपूर की माँ का नाम शांति कपूर था जो की नीलिमा जी की भाभी भी थी ... आखिर निशा की बात में इतनी है सच्चाई , क्या कहते है शरद के करीब जानने के लिए देखते रहिये .....’

“निशा कपूर .... “

मैंने एक गहरी साँस लेते हुए कहा था ...... ये नाम सुनते ही मुझे अपने पुलिस पोस्टिंग के दौर के कई किस्से याद आ गये, तो चांदनी ही निशा कपूर है , निशा कपूर जिसकी चर्चा करते लोग थकते नहीं थे , अपने मादक जिस्म का उपयोग जो किसी जाल की तरह करती थी जिसमे ना जाने कितने क्रिमिनल्स फंस गए , मैंने एक गहरी साँस ली और मानिक से पुछ्ताज करने ऑफिस निकल गया ........

 

TheBlackBlood

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abhi tak padhna start bhi nahi kiye ho :bat:
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Time sahi se nahi mil pa raha padhne ko. Apni story me daily update dene ke chakkar me ho raha hai aisa. Jo time milta hai usse update likhta hu. Lagta hai ju ki story padhne ke liye daily update dene wala system band karna padega. Ek din chhod ke update dena padega. Ab aap bataiye aisa karna theek rahega na,,,,:D
 

Naina

Nain11ster creation... a monter in me
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aale aale dekho to Dr sahab ko Kajal ko masoom bholi aur devi sabit karne ke liye kaise pur jor koshish kar rahe hai :buttkick: are re dekho to sara dosh apne pe le li us haaraman chandni ne baaki dosh thop di us kutiya saba pe... ki aale aale Kajal to bahot bholi hai masoom hai ushe inlogo ne istemaal kiya...baatein to suno is haaraman ki... aaahthuu :buttkick:

Kajal haaraman, hawas ki pujaran, bewafa thi, hai aur rahegi :slap:

Haan, haan.... jaise chandni ladki na hoke koi automatic tape recorder ban gayi ki dev jab usse milega to toti ki tarah ratta maarne lagegi :buttkick:

abhi kuch bol rahi kal ko kuch aur bolegi aur karegi ki she's joking :buttkick:

agle update tak is kirdaar chindi chorni chandni ki maut ho jaani chahiye :mad2:
bekar kirdaar :yuck:
Khair let's see what happens next
Btw Brilliant update with awesome writing skills :applause: :applause:
 
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