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आपको भी भाईsaare dosto ko HAPPY HOLI ...
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अध्याय 12
मैं तैयार होकर अभी अभी ऑफिस पंहुचा था , मैं अपने केबिन में जाने ही वाला था की मुझे वेदांत ने रोक लिया ..
‘आप यंहा ???’
उसने मुझे बड़े ही अजीब निगाहों से देखा
“क्यों मैं यंहा नहीं हो सकता क्या , भले ही मैं केस पर काम नहीं कर रहा हु लेकिन ये ऑफिस अब भी मेरा ही है “
“लेकिन ..”
तभी पीछे से मुझे मनोज और पूर्वी आते हुए दिखे
मैं मनोज की तरफ मुड़ा
“जय हिन्द सर “
मैंने उनका अभिवादन किया
पूर्वी और साथ ही मेरा पूरा स्टाफ मुझे अजीब नजरो से देख रहा था
“मुझे अपने काम और ओहदे से अलग नहीं किया गया है , “
मैं बोल ही रहा था की मनोज ने मुझे हाथो से रुकने के लिए कहा
“मुझे पता है तुम्हे कोई सफाई देने की जरूरत नहीं है , तुम अपने केबिन में अपना काम करो , ऐसे अभी तुम किस केस पर काम कर रहे हो “
“सर हमे जानकारी मिली थी की कबीर आने वाला है , और उसकी प्रेमिका भी अभी यही पर है , मैं उसी केस में लगा हुआ था ..”
मनोज ने ओके में सर हिला दिया
“ठीक है कोई मदद लगे तो बता देना , और बाकि के स्टाफ भी सुन ले , ये अभी भी तुम्हारे अधिकारी है ..”
मनोज इतना ही बोलकर अपने केबिन की ओर चला गया ,वेदांत जैसे गुस्से में पैर पटकता हुआ वंहा से निकल गया था .. और पूर्वी अभी भी मुझे घूरते हुए खड़ी थी ..
“देव तुम खुद कोई तकलीफ क्यों दे रहे हो , बात बिलकुल साफ है तुम्हे ये दिखाई नहीं देता क्या ???”
“मतलब ..??”
पूर्वी की आवाज में मेरे लिए एक चिंता थी
“देव काजल ने तुमसे बेवफाई की है , वो दौलत और चकाचौंध को देखकर बहक गई , वो एक अपराधी है उसने शरद का खून किया है , तुमने क्या आँखों में पट्टी बांध रखी है जो तुम्हे ये दिखाई नहीं दे रहा ...”
मैं अभी भी पूर्वी के चहरे को देख रहा था
“देव बता दो की काजल कहा है ...अगर वो बेगुनाह हुई तो अदालत उसे छोड़ देगा “
मैंने एक गहरी साँस भरी
“पूर्वी अगर काजल दौलत और चकाचोंध से बहक जाती, और मुझसे बेवफाई करती तो वो शरद को क्यों मारती , अभी तक ना ये साबित हुआ है की काजल कातिल है और ना ही ये की काजल बेवफा है , तो प्लीज् मुझे अपना काम करने दो , “
मैं मुड कर अपने केबिन की ओर जाने को हुआ
“तुम्हे पता है ना की काजल कहा है ??“
पूर्वी की बात सुनकर मैंने महज एक लम्बी साँस छोड़ी
“उसे तलाशना तुम्हारा काम है ..”
मैं तेजी से अपने केबिन में चला गया ..........
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“क्या मेरा फोन टेब किया जा रहा है ??”
अभी मैं मनीष के सामने बैठा हुआ था , मनीष में मेरा वफादार आदमी था और साथ ही एक टेक जीनियस भी ..
“सर आपके फोन को ट्रेक किया जा रहा है , आपके सभी काल और मेसेज भी , साथ ही आपका लोकेशन भी , आपकी कार को भी ट्रेक किया जा रहा है , काजल जी से जुड़े हुए सभी लोगो को ट्रेक किया जा रहा है ...”
“जूही को भी ...??”
“जी सर जूही को भी और मानिक और जुलियन को भी ..”
“अच्छा .... एक बात बता काजल का कुछ पता चला “
मनीष ने मुझे अजीब निगाह से देखा
“सर मुझे लगा की आपको पता होगा ..”
“अबे मुझे कैसे पता होगा ??”
“तो सर मुझे कैसे पता होगा,हम लोग भी तो उन्हें ही ढूंढने में लगे हुए है ...”
“हम्म्म अच्छा ये बता की तुझे क्या लगता है काजल ने ऐसा कुछ किया होगा ??”
“सर मैं कैसे बताऊ , मैं तो काजल मेडम से कभी पर्सनली मिला ही नहीं हु “
“हम्म चल छोड़ उस दिन का फुटेज तो दिखा जो जुलियन के फॉर्म हाउस से मिला था और जिसमे काजल शरद के साथ दिख रही है “
मनीष का जैसे चहरा ही उतर गया ..
“अरे सर मरवाओगे क्या , ऐसे भी ये आपका केस भी नहीं है ..”
“तू दिखा न बे , “
मनीष ने एक बार इधर उधर देखा और
“सर आपका मोबाइल दीजिये “
मैंने उसे अपना मोबाइल दिया और उसने वो विडिओ मेरे मोबाइल में डाल दिया ..
मैं उसे मोबाइल में देखने लगा ....
वो कोई 10-15 सेकंड की क्लिप थी जिसमे काजल बहुत ही नशे में लग रही थी और शरद उसे कंधे का सहारा देकर ला रहा था,
“इसके अलावा और कोई कैमरा नहीं था वंहा ??”
“नहीं सर पुरे फॉर्म हाउस में 5 कैमरे लगे हुए है लेकिन बाकि सभी ख़राब है “
मनीष की बात मुझे थोड़ी खटकी
“ओह कब से ??”
“क्या पता सर ..”
“ये बात बड़ी अजीब है यार ... ऐसे और किसी का चहरा वगेरह मिला पुरे दिन की रिकार्डिंग रही होगी है न “
“नहीं सर ये उपर के कमरे की रिकार्डिंग है , वंहा दिन भर कोई नहीं आया था “
“हम्म …..बाकि दिनों की रिकॉर्डिंग ..??”
मनीष ने ना में सर हिलाया
“ओके कबीर का कोई पता चला, लाला या रशीद का और परवीना की कोई एक्टिविटी ..??”
“सर ये लोग बहुत ही चालक है , कुछ दिनों में ही अपना नंबर और फोन बदल देते है , इन्हें ट्रेक कर पाना बहुत ही मुश्किल हो रहा है , हम बस लोगो के द्वारा इनपर नजर रख सकते है लेकिन ये लोग वंहा भी चकमा दे जाते है ..”
“हम्म मैं समझ सकता हु , लेकिन हमारा काम ही यही है की इनपर नजर रखे , अच्छा परवीना पर कौन नजर रखे है “
“सर पाटिल कर रहा है वो काम ...”
“ठीक है अभी कहा है पाटिल ..??”
“अभी तो ऑफिस में ही होगा सर एक आदमी के पीछे दो लोग रहते है जो ड्यूटी बदल बदल कर काम करते है “
“अच्छा भेज उसे मेरे पास “
मैं अपने केबिन में चला गया , मेरे दिमाग में कुछ और ही खिचड़ी पक रही थी , मेरा दिल कह रहा था की जरुर नीलम देवी और शरद दोनों की मौत और कबीर के इंडिया आने के पीछे कोई लिंक हो सकता है .
थोड़ी ही देर में पाटिल मेरे कमरे में आया
“जय हिन्द सर “
उसने सलामी देते हुए कहा मैंने भी उसका उसका उत्तर दिया और उसे वंहा बैठने के लिए कहा ..
“पाटिल परवीना बेगम की कोई खास एक्टिविटी जिसपर शक हो “
“नहीं सर कुछ खास नहीं “
“कोई ऐसी जगह जन्हा बार बार जा रही हो ..”
पाटिल सोचने लगा
“सर वो रशीद से मिलने रोज ही जाती है , अभी दो दिनों से वो लोग , रॉयल नाईट बार जा रहे है ..”
“रॉयल नाईट बार ...जो की चौरस गंज रोड में है , वो रोड तो रेड लाइट एरिये में आता है ना ??”
“जी सर पूरा चौरस गंज रोड ही रेड लाइट एरिया है , कई बड़े बड़े बार और नाईट क्लब है वंहा जन्हा खुले आम जिस्म का धंधा चलता है , सबसे बड़ा और सबसे फेमस बार यही है रॉयल नाईट बार .. इसका मालिक और मेनेजर परमवीर भल्ला है , सुना है बहुत बड़े बड़े लोगो के साथ उठाना बैठना है इसका “
पाटिल की बात सुनकर मेरा चहरा गंभीर हो गया ..
“हम्म्म ऐसी जगहे तो बड़े बड़े क्रिमिनलस का आना जाना लगा रहता है ,तो वंहा हमारे भी आदमी होंगे “
“जि सर लेकिन हमारे मुखबिर वंहा नहीं है , वो इलाका चौरस गंज चौकी के अंदर आता है , वंहा के SHO प्रजापति जी से मैंने बात की थी , उनके कुछ मुखबिर वंहा पर एक्टिव है “
“अच्छी बात ठीक है तुम परवीना के उपर नजर रखो और मुझे रिपोर्ट करते रहो , अभी पूर्वी और वेदांत , मजोज सर के साथ दुसरे केस में बीजी है तब तक इस केस का पूरा काम मैं ही देखूंगा ..”
पाटिल ने हां में सर हिलाया और मैं तुरंत चौरस गंज की ओर निकल गया ..
मैं वंहा के SHO प्रजापति जी से मिला , कोई 50 की उम्र के बड़े पेट वाले शख्स थे ..मुझे देखते ही पहचान गए और खड़े होकर मेरा अभिवादन किया ..
“प्रजापति जी पाटिल ने आपसे बात की थी , मुझे चौसर गंज रोड वाले रेड लाइट एरिया के मुखबिरों से मिलना है “
प्रजापति ने मुझे एक बार घुरा
“सर स्पेसल सेल वालो को अचानक से इस रेड लाइट एरिया में दिलचस्पी कैसे जाग गयी “
उसने अपने पान खाने के कारण लाल पड़ी हुई बत्तीसी दिखाई
“चुद और भूख कई गुनाहों की जड़ होती है प्रजापति जी , और रेड लाइट एरिया में दोनों ही पाई जाती है “
मेरी बात सुनकर प्रजापति हँसाने लगा
“सही कहा सर आपने ,हमारे कुल 4 मुखबिर है वंहा जो अलग अलग जगह पर काम करते है और नजर रखते है , कबीर की खोज के लिए तो हमें पहले से ही बता दिया गया था , उसके गुर्गे आते है यंहा , लेकिन बस अपनी प्यास बुझाते है मस्ती करते है और चले जाते है “
“अच्छा “
मैं उसकी बात ध्यान से सुन रहा था ..उन्होंने अपना फोन निकला और कुछ फोटोज दिखाए
“हमारे मुखबिरों में एक है कादिम , वही रोड में पान की छोटी सी दूकान लगाता है ,बड़ा काम का आदमी है लेकिन साला है बड़ा चमड़ी बाज , दलाली इसका दूसरा पेशा है , दूसरा है जमाल , ये भी दलाल है लेकिन थोडा बड़े लेवल का , बड़ी पार्टियों में लडकिया सप्लाई करता है और खुद का एक बार भी चलाता है , तीसरी है नूरी, रंडी है रॉयल नाईट बार में काम करती है , बड़े बड़े ग्राहक आते है सर वंहा बहुत पैसे वाले लोग और लडकियों को बाहर भी ले जाते है , चौथा है बिस्वास , बंगाली बाबु के नाम से जाना जाता है असली नाम तो किसी को भी नहीं पता , इन सबमे सबसे शतिर यही है , रंडियों का दलाल है , लेकिन अंडरवर्ड में भी इसकी पहचान है , इसे पैसा ज्यादा देना पड़ता है लेकिन इसकी जानकारी बहुत काम की होती है .. अब आप बताइए की आपको किससे मलना है “
मैंने बस थोड़े देर सोचा
“मुझे ये बताओ की नूरी और बिस्वास कहा मिलेंगे “
प्रजापति के बताये अनुसार मैं वंहा से निकल गया , मैंने अपने आसपास देखा , मुझे एक आदमी दिखाई दिया , मेरे होठो में एक मुस्क्सन खिल गयी , मेरे कुछ लोग मेरा पीछा कर रहे है ये तो मुझे समझ आ गया था , शायद ये पूर्वी या मनोज के द्वारा लगाये गए लोग होंगे , लेकिन मुझे इनसे डरने की जरुरत नहीं थी क्योकि मैं अपना काम कर रहा था ना की काजल से कोई संपर्क स्थापित कर रहा था ..
सबसे पहले मैं रॉयल नाईट बार में गया ..
अभी दोपहर का समय था और भीड़ बहुत ही कम थी , कुछ लोग बैठे दारू पि रहे थे , मैंने नूरी का फोटो देखा था लेकिन यंहा मुझे कोई भी लड़की नहीं दिख रही थी , मैंने एक वेटर से नूरी का पता पूछा ..
“अभी तो वो ग्राहक के साथ गयी है साहब ...शाम तक खाली होगी “
मैंने पुरे बार को ध्यान से देखा एक सामन्य सा बार लग रहा था , फिर आखिर सबा और रशीद यंहा क्यों आये थे ...???
मैं वंहा से निकल कर बिस्वास को ढूंढने लगा ..
मुझे वो दिख ही गया
“विस्वास ..”
मैंने उसे आवाज लगाईं .. वो एक पान की दुकान में खड़ा हुआ था
“एक मिनट तुमसे बात कर सकता हु एक काम था “
बिस्वास ने मुझे अजीब नजरो से घुरा
“आप रेड लाइट एरिया में खड़े हो साहब बोलो क्या चाहिए , देशी विदेशी , काली गोरी , नेपाली “
“कुछ और काम है “
मैंने उसकी आँखों में आंखे डाल कर कहा , वो थोडा इधर उधर देखा और मेरे पास आ गया , मैंने मोबाइल से सबा और रशीद की फोटो उसे दिखाई
“इन्हें देखा है रॉयल नाईट में आई थी कल और परसों “
उसने एक बार दोनों फोटोज को घुरा
“रशीद ...हम्म्म पैसा लगेगा “
“दूंगा अगर बताया की यंहा क्यों आये थे “
“ठीक है रात 8 बजे मिलो लेकिन यंहा नहीं चौरस गंज चौक में बने ईरानी होटल में “
“ठीक ..”
मैं वंहा जल्दी से निकल गया .......
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saare dosto ko HAPPY HOLI ...