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अध्याय 7
“सबा....???...ये कौन है ??”
में आवाज सुनकर पूर्वी चौक गयी , मैं भी थोडा हडबडाया ..
“कुछ नहीं कुछ नहीं , वो कुछ दूसरी चीज याद आ गयी थी ..”
मेरी बात से पूर्वी को समझ चुकी थी की मैं कुछ छिपा रहा हु , उसने आँखों से इशारा किया मैंने वेदांत की ओर देखा इशारा कर दिया, पूर्वी मेरे इशारे को समझ गयी थी ..और उसने चहरे में झूठा गुस्सा ला लिया
“देव तुम न ... काम के समय में फालतू चीजे सोचते रहते हो , कभी फिल्ड में जाकर काम करो तब समझ आएगा की हम लोग कितना रिस्क लेकर ये इनफार्मेशन निकालते है “
“सॉरी यार वो ध्यान कही और था, माफ़ कर दो “
मैंने माफ़ी मांगी लेकिन पूर्वी को मुझे डांटता हुआ देखकर वेदांत जरुर खुश हो गया ..
“सही कहा मेडम हम लोग रिस्क लेकर इनफार्मेशन निकलते है और ये अधिकारी लोग बस ..”
वो आगे नहीं बोला और पूर्वी ने मुझे थोडा और गुस्से से देखा ,,,
“ठीक है तुम प्लान तैयार करो , वेदांत तुम रशीद और लाला के उपर निगरानी रखना, वो कोई भी ऐसी वैसी हरकते करे तो तुरंत मुझे सूचित करना .. और इस परवीन की भी खबर रखो ..”
“जी मेडम “ वेदांत जाने ही वाला था की मैं फिर बोल उठा
“देखो रशीद और लाला को तो पता ही होगा की उनपर हमारी नजर है , तो वो परवीन को भी हमारी नजर से बचाकर ही रखेंगे.. ऐसा करते है उसपर नजर रखने के लिए मैं अपने सोर्स को भिड़ा देता हु , क्योकि रशीद और लाला पुलिस वालो को दूर से पहचान जायेंगे “
वेदांत ने मुझे थोडा घुरा
“सर आपके सोर्स भरोसे के लायक भी है “
“ये इनफार्मेशन मैंने ही तुम्हारी मेडम को दी थी “
मैंने वेदांत को घुरा ..
वो चुप हो गया वही पूर्वी बोल पड़ी
“देव सही कह रहा है वेदांत , परवीन पर नजर रखने के लिए ऐसा आदमी चाहिए जिसपर रशीद और लाला को बिलकुल भी शक न हो , देव का सोर्स अभी तक बहुत काम आया है और वो उन लोगो के साथ ही काम करता है तो उस पर किसी का ध्यान नहीं जायेगा , तुम परवीन की चिंता छोडो तुम्हे हम अपडेट कर देंगे तुम रशीद और लाला का ध्यान रखो ...”
“जी मेडम “ वेदांत ने एक सेल्यूट ठोका और वंहा से निकल गया ..
पूर्वी मेरी तरफ घूम गई
“सबा कौन है ??”
मैंने अपने चहरे में आया पसीना पोछा
“यही है सबा काजल की खास दोस्त है , जब दोनों कॉलेज में थे तब से , लेकिन उसकी शादी तो किसी जफ़र नाम के लड़के से हुई थी , मैंने खुद उसकी शादी की फोटोज देखि है .. वो दुबई में इंजिनियर है ..”
मेरी बात सुनकर पूर्वी भी चौक गई ..
“कुछ तो गड़बड़ जरुर है , शायद सबा ने काजल से झूठ कहा हो “
“हो सकता है , लेकिन एक मिनट रुको , आज ही काजल सबा मिलने पठानबाड़ी गई है , मानिक भी उनके साथ है “
“मानिक ..?? मानिकलाल नीलम देवी का भतीजा ??”
पूर्वी फिर से चौकी
“हा वही मानिक ...”
“लेकिन वो वंहा क्या कर रहा है ..”
“ काजल ने बताया की मानिक भी सबा को जानता है , अब सवाल है की आखिर कैसे ... अगर परवीन ही सबा है , मतलब वो कबीर की गर्लफ्रेंड है , मतलब या तो उसकी शादी झूठ है या फिर शादी के बाद कबीर ने उसके पति को ठिकाने लगा दिया होगा .. कबीर के सम्बन्ध कई लडकियों से रहे है वो तो लडकियों का कारोबार ही करता है ,लेकिन फिर भी सबा की फोटोज कभी किसी के हाथ नहीं लगी , मतलब की वो सभी से सबा को छिपाकर रखता है , सबा दोहरी जिंदगी जी रही है एक तरफ सबा बनकर और दूसरी तरफ परवीन बनकर ...”
मैं सोच में डूब गया था
“देव अगर दोनों एक ही है तो शायद इससे हमें बहुत फायदा मिले “
“कैसे ??”
पूर्वी की आंखे चमक गयी
“काजल सबा की दोस्त है राइट ..?”
मैंने पूर्वी के चहरे को देखा और उसके इरादे समझ गया
“देखो काजल एक शरीफ और सीधी साधी सी हाउसवाईफ है ,मैं उसे इन सब लफ़डो में नहीं डालूँगा ..”
मैंने सीधे सीधे ही कह दिया
“ठीक है यार लेकिन फिर भी ..”
“कोई फिर भी नहीं मैं अपने सोर्स को जासूसी में लगा रहा हु , जो भी इनफार्मेशन मिली उस हिसाब से काम करेंगे “
मैं इतना बोलकर खड़ा हो गया था और सीधे केबिन से बाहर चला गया ...
बाहर जाते हैं मैंने तुरंत काजल को फोन लगाया
“ कहां हो तुम”
मेरी आवाज में एक घबराहट थी
“ आपको बताया था ना मैं भी पठान वाडी में हूं, मानिक और सबा के साथ”
मैं अभी कई पशोपेस में था,सबा के बारे में मुझे काजल को बताना चाहिए था या नहीं मैं इसी पर दुविधा में डूबा हुआ था……….
“कब आओगे”
“ शायद थोड़ी देर में या आज मुझे शायद लेट हो जाएगा”
काजल की आवाज में वही शांति थी जो उसकी आवाज में हमेशा रहती थी
“ठीक है जल्दी आना”
मेरी बात सुन शायद काजल को थोड़ा अजीब सा लगा
“ क्या बात है कोई परेशानी है क्या?? आप थोड़े अजीब लग रहे हो”
“ नहीं कोई बात नहीं जल्दी आना”
मैंने फोन रखा अब मुझे सोचने के लिए समय चाहिए था, कई बातें दिमाग में घूम रही थी, क्या मुझे सच में काजल का उपयोग करना चाहिए, लेकिन अगर मैं ऐसा करता हूं तो उसके परिणाम भी खतरनाक हो सकते हैं या शायद नहीं मुझे तो बस जानकारी चाहिए थी,
यही सब सोचता हुआ मैं फिर से अपने केबिन में जाकर बैठ गया
पूर्वी मुझे ध्यान से देख रही थी
“कुछ फैसला किया तुमने अपने सोर्स से बात की”..
“हो जाएगा फिक्र मत करो”
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अभी रात 10:00 बजने वाले थे काजल अभी तक घर नहीं आई थी उसका फोन भी स्विच ऑफ बता रहा था, मुझे उसकी चिंता होने लगी मैंने मनीक को फोन किया लेकिन वह फोन नहीं उठा रहा था,
थोड़ी देर में नदीम का मुझे कॉल आया
“ जिस लड़की का फोटो आपने भेजा था वह असल में रसीद की गर्लफ्रेंड थी,”
मैंने नदीम को सबा की फोटो भेजी थी
“ रसीद की गर्लफ्रेंड” मैं बुरी तरह चौका
“हां सर बहुत पहले की बात है अभी तो वह दुबई में रहती है, पठान वाडी में उसका परिवार रहता है, उसके पिता इमरान भाई के साथ काम किया करते थे उसी समय रसीद से उसकी दोस्ती हुई थी “
नदीम की बात सुनकर मेरा दिमाग थोड़ा तेज चलने लगा था
“ अच्छा यह बताओ क्या कबीर के साथ भी उसकी दोस्ती थी”
“ कबीर के साथ…??? नहीं उस समय तो नहीं लेकिन यह लड़की ठीक नहीं है सुना है इसकी शादी भी हुई है लेकिन फिर भी है आज भी रसीद के साथ ही मुंह काला करती है”
सबा के बारे में यह सब सुनकर मेरा दिमाग थोड़ी देर के लिए चकरा गया,आखिर काजल की ऐसी सहेली अब तो मुझे काजल के लिए और भी फिक्र होने लगी थी मैं क्या करूं मुझे समझ नहीं आ रहा था..
मैंने फिर नदीम से पूछा
“ अच्छा यह बताओ क्या आज यह लोग रसीद के पास आए थे”
“ हां सर आए तो थे थोड़ी देर पहले ही यह रसीद और मानिक के साथ कहीं गई है इनके साथ एक और औरत थी, काली साड़ी में क्या कमाल की थी लगता है आज लोगों का प्रोग्राम होगा”
नदीम की बात सुनकर मुझे उस पर गुस्सा तो बहुत आया लेकिन फिर भी मैंने खुद को रोक लिया
“ कैसा प्रोग्राम”
“ अरे सर आप भी इतना नहीं समझते, दो लड़का दो लड़की एक ही कार में जब कहीं गए हो तो क्या प्रोग्राम हो सकता है ,रात भर चुदाई करेंगे साले और क्या”
नदीम को यह बात नहीं पता थी वह जिसके बारे में बात कर रहा है वह असल में मेरी बीवी है ,लेकिन नदीम की बात सुनकर मेरे दिल के किसी कोने में एक तेज सी सी चुभन हुए ऐसा लगा जैसे किसी ने छाती पर खंजर मार दिया हो..काजल मेरे साथ ऐसा कर सकती है यह मैंने सोचा ही नहीं था हंसी मजाक की बातें अलग होती है, हां यह भी हो सकता है कि मैं उसे किसी दूसरे मर्द के साथ देखकर खुश हो सकता था, लेकिन जो अभी हो रहा था वह अलग था ,मेरे अंदर बेचैनी बढ़ने लगी थी
“ तुम्हें पता है वो लोग कहां गए ??”
“ नहीं साहब नहीं पता लेकिन वह लोग मनीक की ही कार में गए हैं”
“अच्छा एक चीज और बताओ क्या बोला कि तुमको पहले और दिखी थी , वह काली साड़ी वाली”
“अच्छे से तो याद नहीं लेकिन यहां जो लोग पहले से काम करते हैं वह बता रहे थे यह दोनों लड़कियां पहले भी यहां आती थी”
नदीम की बात सुनकर मेरे कान खड़े हो गए कुछ तो ऐसा था जो काजल ने मुझे नहीं बताया था,
मैं नदीम से बात करके अपने ऑफिस कहीं एक व्यक्ति को कॉल लगाया
“हल्लो मनीष “
“हेलो सर”
“ तुमसे एक काम है”
“हां सर बोलिए”
“ एक गाड़ी का नंबर दे रहा हूं पता करो कि वह कहां कहां से गुजरी है “
“जी सर”
मनीष मेरे ऑफिस का काम करता था और मेरा पुराना वफादार था, पूरे शहर की सीसीटीवी फुटेज और डाटा एनालिसिस का काम देखता था, मैंने उसे मनीक के गाड़ी का नंबर भेजा थोड़ी देर हुए थे कि उसने मुझे वापस फोन किया..
“ सर यह गाड़ी शहर से बाहर गई थी लेकिन अभी आधे घंटे पहले यह वापिस शहर में आई हैं, और अभी यह गाड़ी आपके ही घर की तरफ आ रही है”
इसका मतलब यह था कि काजल और सबा, रशीद और मनीक के साथ शहर से बाहर गए थे ..तभी मेरे मोबाइल में एक मैसेज आया यह मैसेज काजल का था
‘ थोड़ी देर में घर आ जाऊंगी, बाहर थी इसलिए फोन बंद था’
कुछ तो ऐसा था लो मुझे नहीं पता था और काजल मुझसे छुपा रही थी लेकिन वह क्या था? क्या मुझे काजल को पूछना चाहिए या नहीं, क्या मुझे काजल की जासूसी करनी चाहिए... मेरे पास अभी बहुत सारे काम थे ,और अब यह..
शायद यह भी हो सकता है कि यह सभी काम एक साथ जुड़े हो ……….
मुझे बस थोड़ी ही देर इंतजार करना पड़ा काजल घर आ चुकी थी मैंने उस गाड़ी की आवाज सुनी है जिसमें वो आई थी, वह ऊपर आई, चेहरे में वही मुस्कान था, और वही मासूमियत, वह थोड़ी थकी लग रही थी उसने मुझे उसी प्यार से देखा जैसा वह मुझे देखा करती थी..
आते ही उसने मेरे गालो में किस किया और बाथरूम चली गई…………
मैं बस उसे देखता रहा बस इसी सोच में की अब मुझे आगे क्या करना है……….