DARK WOLFKING
Supreme
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dhanywad leon bhai...for new story ...
dhanywad avsjiक्या बात है! पहले ही पोस्ट में इंटरेस्ट बन गया!
बहुत बढ़िया!
awesome update hai dr sahab,अध्याय १रात का अँधेरा छा गया था , सन्नाटे में केवल गाडियों की आवाजे ही आ रही थी , एक अँधेरी गली में कुछ कुत्ते अपसगुन का संकेत देते हुए रो रहे थे , ये बदनाम गलिया थी जो शाम होते ही रोशन हो जाती थी लेकिन इनकी रोशनी में भी एक अँधेरा था , रात का एक पहर बीत चूका था और अब इन गलियों में या तो कुत्ते घुमा करते थे या इन्सान के भेष में कुत्तो की जिंदगी जीने वाले , कुछ शराबी लड्खाते दिख जाया करते तो कही जिस्म की हवस मिटाते कुछ तथाकथित अमीर लोग ..
अधिकतर ये गलिया पीछे के रास्तो में खुलती थी जन्हा आगे के रास्तो में जगमगाते क्लब हुआ करते , जन्हा शराब और शबाब की भरपूर नुमाइश हुआ करती और जब शराब के नशे में चूर कोई अपने अंदर के शैतान को तृप्त करने की ख्वाहिश करता तो पीछे के दरवाजे से उन अँधेरी गलियों में आ जाता जो शैतान की गली थी ...
शहर के जगमगाहट और कोलाहल से दूर या कहे उसी कोलाहल का दूसरा स्वरुप ..
ऐसे ही एक गली में एक शराबी, नशे में धुत एक लड़की के जिस्म से खेल रहा था , अभी अभी शोर शराबे से भरे क्लब में उस लड़की ने उस अमीर कहे जाने वाले इन्सान को लुभाया था जो रोज ही यंहा नए नए हुस्न की खोज में आ जाता , और वो आज उसके नसीब में वो लड़की आई थी जिसके सपने वो कई दिनों से देख रहा था , वो नशीली थी , भरपूर शरीर के साथ मादकता जैसे उसके अंग अंग से टपकती थी , चेहरे में एक अजब का आकर्षण फैला हुआ था , उस शराबी ने उससे उचे दाम में सोदा किया था लेकिन आज वो भी हैरान था की जिस लकड़ी के लिए वो इतना तरसा है उसने आज उसे सामने से ऑफर दिया, अब वो दोनों पीछे की गली में अपनी ही मस्ती में डूबे हुए थे , वो लड़का कमसिन जवानी के खिलते यौवन को मसलने में बेताब था , और पूरी शिद्दत से यौवन के उभार को मसल रहा था , साथ ही साथ वो उसे दीवार से लगाये हुए उसके गले और होंठों को चूम रहा था ,
लेकिन वो लड़की....?
उसकी नजर दूर लगे एक होल्डिंग पर थी जिसमे एक बड़ी सी तस्वीर लगी थी , तस्वीर देश के सबसे मशहूर अदाकार में से एक की , उस अदाकार के हसते हुए चेहरे को देखकर उस लड़की की आँखों में आग जैसे उतरने लगता , लेकिन आखो का आग चेहरे में आई एक कातिल मुस्कान के आगे फीकी लगने लगती , उस लड़की की मनोदशा को समझ पाना किसी के लिए भी मुश्किल था , होंठों में मुस्कान और आँखों में आग , उसने उस लड़के को जोरो से अपनी ओर खिंच लिया ...
“अब अंदर भी कर दे बहुत प्यासी हु “
लड़की की मादक आवाज सुन लड़का जोश से भर गया और तुरंत ही लड़की के स्कर्ट को उपर उठा कर उसकी योनी को कपड़ो के परदे से आजाद कर दिया , अपने लिंग को सहलाते हुए उसने कोमल योनि की दीवार से रगड़ते हुए प्रवेश करवा दिया ..
“आह कितनी गर्म है तू चांदनी , कितने दिनों से इन्तजार कर रहा था “
धक्के लगाते हुए वो लड़का जैसे स्वर्ग की सैर करने लगा था वही वो लड़की जिसका नाम चांदनी था और काम जिस्म बेचना, वो बस आँखों में आग लिए उस बड़े बेनर को देख रही थी जिसपर उस अदाकार की फोटो थी , साथ ही साथ चांदनी के चेहरे में एक अजीब सी मुस्कान भी फैली हुई थी , वो मुस्कान आम मुस्कान नहीं थी उसमे गुस्सा था , दर्द था, बेचैनी भी, लेकिन एक सुकून भी फैला हुआ था , अचानक वो हँस पड़ी , वो लड़का थोड़े अचरज से उसे देखने लगा
“क्या हुआ ..??”
“कुछ नहीं तुम करते रहो “ चांदनी ने मुस्कुराते हुए कहा ,किसी के लिंग का उसकी योनी में आना जाना बड़ी सामान्य सी बात थी लेकिन आज उसे इसमें बहुत मजा आ रहा था .......
इधर
घने खुले हुए बाल थे लेकिन सर में पुलिस की टोपी पहन रखी थी , माथे में लाल लेकिन छोटी सी बिंदी चमक रही थी , वो पुलिस की ड्रेस वाली शर्ट पहने हुए थी और कंधे में 3 स्टार लगा हुआ था , शर्ट के दो बटन उपर से खुले हुए थे जिससे उसके उन्नत और पुष्ट वक्ष झांकते हुए प्रतीत हो रहे थे , मैं मंत्रमुग्ध हुए बस उसे निहारे जा रहा था उसके होंठों में एक कातिलाना मुस्कान थी और हाथो में पुलिसिया डंडा ....
उसने आखिर अपने चहरे में गुस्सा लाते हुए मुझसे कहा
“इस गुस्ताखी की आपको क्या सजा दी जाये मिस्टर देव “
“मेडम मुझे छोड़ दीजिए मैंने कोई बड़ी गलती नहीं की है “
“अच्छा तो इसे तुम छोटी गलती समझते हो , सजा तो तुम्हे मिलेगी वो भी अभी “
उसने दुसरे हाथ में एक हथकड़ी पकड़ ली
“नहीं प्लीज मुझे हथकड़ी मत लगाइए “
मैंने खुद को सिकोड़ते हुए कहा
“अरे ऐसे कैसे नहीं लगाऊ अगर भाग गए तो “
उसने मेरे हाथो में हथकड़ी लगा दी और मेरे हाथ बिस्तर से बांध दिया ,
जी हाँ सही पढा आपने , बिस्तर से
वो बिस्तर में चढ़ गयी और अपने पैर मेरे सीने में रख दिया
“अब तो सजा मिलेगी देव बाबु “
उसके गोरे पैरो में एक पायल थी और नजर उठाने पर मुझे उसकी लाल पेंटी भी साफ साफ दिखने लगी , उसने केवल एक शर्ट पहन रखी थी , पुलिसिया शर्ट
वो अपने पैरो को मेरे सीने में मसलने लगी थी , उसके कोमल पैर मेरे सीने में उगे घने बालो पर रगड़ खा रहे थे, वो मेरी आँखों में देख मुस्कुराते हुए अपनी पेंटी को धीरे धीरे उतरने लगी ,
शादी को एक साल हो चुके थे लेकिन मैं अब भी इसकी हरकतों से आश्चर्य में भर जाता , इसकी अदाओ का दीवाना हो जाता , ये थी मेरी मस्तीखोर , चुलबुली और मेरे दिल की धड़कन ...
मेरी बीवी काजल
मेरे हाथ बिस्तर से बंधे हुए थे, वो झुककर मेरे होंठों में अपने होंठों को डाल चूसने लगी , मेरे सीने में अपने नर्म होंठों को चलाने लगी , उसके होंठों का स्पंदन पाकर मैं गुदगुदी से मचल जाता था और मेरा यु मचलना उसकी निर्दोष खिलखिलाहट का सबब बनता ,
आज उसका दिन था वो जैसे चाहे वैसे मुझसे खेल रही थी , उसने चूम चूम कर मेरे पुरे चहरे को गिला कर दिया था अब वो धीरे धीरे मेरे कपडे भी निकलने लगी ,
मैं कुछ ही देर में नग्न था ,मेरा लिंग किसी सांप की तरह फुंकार मार रहा था
उसने हलके हाथो से मेरे लिंग को छुवा
“क्यों मिस्टर देव सजा कैसी लगी “
“ओओह डार्लिंग “ उत्तेजना में मेरे मुह से निकल गया
उसने तुरंत ही मेरे मुह को दबा दिया
“डार्लिंग नहीं मेडम “
“सॉरी मेडम जी “
“गुड ‘
वो मुस्कुराते हुए मेरे लिंग तक अपने होंठों को ले गयी और एक ही झटके में उसे अपने मुह में ले लिया
“आआअह्हह्हह्ह “
मैं मजे में सिस्कारिया ले रहा था
उसने शरारत से अपने दांतों को हलके से मेरे लिंग में गडा दिया
“आआअह्हह्हह काजल प्लीज”
मैं मीठे दर्द से उछल गया था
वो खिलखिलाकर कर हँसाने लगी
“जब मेरी बेचारी मुनिया (उसकी योनि जिसे प्यार से वो मुनिया कहती थी और मेरे लिंग को बाबू ) को चाट चाट कर दांतों से खा जाते हो तब तो ये दर्द याद नहीं आता तुम्हे “
वो फिर से मेरे लिंग की उपर की चमड़ी को हटाते हुए अपने हलके दांतों से उस संवेदनशील जगह को कुरेदने लगी , मैं हल्के दर्द और मजे में पागल हुआ जा रहा था उसने अपने गिले होंठों को बड़ी ही खूबी से मेरे लिंग में चलाना शुरू कर दिया , मैं उत्तेजना में बेचैन हो रहा था , मैं उसके बालो को पकड़ना चाहता था लेकिन मैं मजबूर था मेरे हाथ बिस्तर से बंधे हुए थे , अब मेरा खुद में काबू रख सकना भी मुश्किल हो रहा था , मैं झाड़ने के करीब आ चूका था ..
“काजल नहीं बेबी “ मैं उसे रोकना तो नहीं चाहता था लेकिन फिर भी मेरे मुह से ये निकल रहा था , काजल मेरे हालत को बखूबी समझती थी और वो उसका मजा भी ले रही थी ..
उसने तेजी से मुह चलाना शुरू कर दिया , उसके दांत भी कभी कभी मेरे संवेदनशील जगह पर लग जाते तो मेरे मुह से सिसकियाँ ही निकल जाती ..
मैं खुद को सम्हाल नहीं पाया और अपना गर्म लावा उसके मुह में ही छोड़ने लगा , उसने भी खुद को रोका नहीं और मेरे लिंग से मेरा पूरा वीर्य निचोड़ कर अपने गले से नीचे उतारने लगी ...
मैं वही ढेर हो चूका था और गहरी सांसे लेता हुआ लेटा था ..
“मजा आया “
उसने मेरे गालो को सहलाते हुए कहा
“बहुत ज्यादा “ मैंने अपना मुह उसकी तरफ कर दिया वो मेरे होंठों में अपने होंठों को डालकर चूसने लगी थी ........
उसकी गर्म सांसे मेरे सांसो से टकरा रही थी उसके कोमल होंठों को चूसने से मेरा लिंग भी धीरे धीरे अपना आकार बढ़ाने लगा था जिसे देखकर वो हँस पड़ी
‘बाबु फिर से जाग रहा है “ उसने खिलखिलाते हुए कहा
“हाँ लेकिन इस बार अपनी मुनिया से मिलना चाहता है “ मैंने हलके से उसके कानो में कह दिया
वो मुस्कुराते हुए खड़ी हुई और अपना शर्ट उतार कर रख दिया , वो मेरी वर्दी थी जिसे वो अभी तक पहने हुए थी , वो फिर से मेरे सीने में पैर रखकर अपनी कमर मटकाने लगी , वो पूर्ण नग्न थी और उसका संगमरमर सा जिस्म मेरे आँखों के आगे खेलने लगा था , उसके जिस्म का हर कटाव शानदार था , वो तो खुद ही शानदार थी ..उसका नर्म मलाईदार , गद्देदार पिछवाडा मेरे सामने था , मैं उसकी नरमी और गर्मी के अहसास को प्राप्त करने के लिए मचल उठा था ,
उसके उभरे हुए वक्ष किसी पहाड़ से अपना सर उठाये हुए मुझे उन्हें मुह में भरने को लालायित कर रहे थे ,वही उसके जन्घो के बीच की मांस की दरार बार बार मेरा ध्यान खिंच रही थी , वो अपनी कमर मटकाने लगी जिससे उसके शानदार उठे हुए नितंभ मेरे सामने बलखाने लगे थे ..
“अब मत तड़फाओ अपने बाबु को ,बाबु मुनिया से मिलने को बेचैन हुआ जा रहा है “
मैं मचलने लगा था मेरा लिंग भी फुंकार मार कर बार बार उपर निचे हो रहा था , वो मादकता से मुस्कुराते हुए बिना कुछ बोले ही मेरे लिंग को अपने हाथो में लेकर उसे अपनी मंजिल तक पहुचने लगी , मेरा लिंग उसके योनी से मिलकर ही जान गया की योनी पूर्ण रूप से गर्म हो चुकी है और आसानी से उस गर्म और चिपचिपे द्रव्य से भरी हुई योनी में मेरा अकड़ा हुआ लिंग सरकने लगा ..
हम दोनों ही उस अहसास में खो रहे थे जो चमड़ीयो के इस मिलन से हमें मिल रहा था , कहने को मात्र ये चमड़ी का मिलन ही था लेकिन इस मिलन में हमारे दिल भी मिल रहे थे , हमारी भावनाए जाग रही थी और हम एक दुसरे के प्रति खुद को समर्पित करते जा रहे थे , काजल ने अपने समर्पण का भाव मेरे होंठों में खुद के होंठों को डालकर दे दिया वो मुझसे लिपट कर सिसकियाँ लेने लगी थी , उसकी मादकता मुझे और भी उत्तेजित कर रही थी मैंने उसे पकड़ना चाहा लेकिन मेरे हाथ बंधे हुए थे ,मेरा उतावलापन देख वो हलके हलके हँसाने लगी और खुद ही अपनी कमर हलके हलके हिलाने लगी , जैसे जैसे समय बीत रहा था उसकी भी सांसे तेज हो रही थी और वो अपने कमर को तेजी से चलाने लगी , उसकी सांसे बहत्त ही तेज हो गयी थी वही हाल मेरा भी था , वो बहुत ही तेजी से मेरे उपर उछल रही थी , हम दोनों ही उत्तेजना में मचलने लगे थे और हम दोनों एक ही साथ झरने लगे , मैं उसकी योनी को अपने वीर्य से भिगोने लगा था वो भी मेरा साथ देते हुए अपने रस को मेरे लिंग में छोड़ रही थी ..
ऐसा लगा जैसे उसके योनी के रस में भीगकर मेरा लिंग और भी पुष्ट हो गया हो , हम दोनों ही एक दूसरे के बांहों में सो गए थे ..
सुबह मेरी नीन्द फोन के घनघनाने से खुली
मैंने देखा की काजल मेरे बाजु में सोई हुई है और फोन की आवाज से उसकी नींद ही खुल चुकी थी , मेरे हाथो की हथकडिया निकाल दी गयी थी मैं उसे अपने बांहों में समेटे सो रहा था ,
“इतनी सुबह कौन मर गया , ढ़ंग से सोने भी नहीं देते “
वो हल्के स्वर में बुदबुदाई ,मैंने मुस्कुराते हुए फोन फोन उठा लिया
“क्या ??? कब ??? ओह , ओके मैं आता हु “
मेरी बात सुनकर काजल समझ चुकी थी की कुछ बड़ा हो गया है ,
“नीलम देवी ..”
मेरी बात सुनकर काजल उछल कर बैठ गई
“क्या हुआ नीलम देवी को “
“नीलम देवी ने जहर खाकर खुदखुशी कर ली “
“क्या ???”
काजल के चहरे पर ऐसे भाव थे जैसे उसे अब भी मेरे बात पर भरोसा नहीं आ रहा हो
“ऐसा नहीं हो सकता ऐसा नहीं हो सकता “
काजल झुन्झुलाई मैंने काजल को सम्हाला वो रोते हुए मेरे बांहों में आ गई
“ऐसा नहीं हो सकता देव वो ऐसा कैसे कर सकती है “
मैं बिना कुछ बोले बस उसे सहला रहा था
नीलम देवी फिल्म इंडस्ट्री जानी मानी कलाकार थी , अपने ज़माने में उनकी अदाओ पर मरने वालो की लाइन लगी होती , काजल भी उनकी बहुत पड़ी फेन थी, नीलम देवी आजकल काम न मिलने के कारन परेशान थी और शहर से दूर अपने फॉर्म हाउस में रहती थी , मैं और काजल उन्हें पर्सनली भी जानते थे , काजल उनके लिए दीवानी थी, एक बार सिक्योरिटी के सिलसिले में हम मिले थे और तब से काजल और मैं उनसे अक्सर मिलते , हम उनसे मिलने उनके फॉर्म हाउस भी जाया करते , वो काजल को बहुत पसंद करती थी और अपनी बेटी की तरह प्यार देती ..
मुझे पता था की काजल के लिए उनकी कितनी अहमियत है ..
लेकिन मुझे वंहा जल्दी ही जाना था ये केस हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण था और मेरी पूरी टीम वंहा पहुचने वाली थी
“मूझे जाना होगा काजल ..”
“मैं भी चलू ..??”
“तुम्हें वंहा कैसे ले जा सकता हु बेबी “
“प्लीज् जान , मैं उन्हें अंतिम बार देखना चाहती हु “
मैं सोच में पड़ गया था,
“ठीक है तुम मानिकलाल के साथ रहना शायद वो भी वही होगा “
मानिकलाल नीलम जी का भतीजा था और हमारा परिचित भी , हम दोनों ही वंहा से तेजी से निकले
dr sahab for starting new story thread,
aakhir kar aap ek baar phir sabki favourite kajal ko lekar aa hi gaye hain
dhanywad bhaiawesome update hai dr sahab,
Behad hi shandaar, lajawab aur amazing update hai bhai,
Aapne to aate ke saath hi dhamaka kar diya hai,
pahle chandani aur uski pratishodh ke liye dhadhakati hui aankhein,
phir kajal aur dev ka vo wild kaam kriya aur ab ye mashoor adakara ka nidhan ,
Ab dekhte hain ki aage kya hota hai,
Waiting for next update
dhnaywad pujari bhai..mabarak ho doctor sahab nayi kahani/upanyas ke liye
par mere dimag mai sawal ghum raha hai ki ye update rojana itne lambe lambe ayenge kya