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Batman

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प्रिय पाठकों,
माफ़ी चाहता हूँ काफ़ी दिनो से अप्डेट नहीं दिया।

बताना चाहूँगा कि घर के काम और office के काम में फँसे होने की वजह से लिख नि पाया, और इन सब में वक्त और ऊर्जा दोनो नानी बचती थी. अभी कुछ वक्त मिला है. जल्द ही, १-२ दिन में अप्डेट आएगा.
साथ बने के लिए शुक्रिया

धन्यवाद
 

Nasn

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प्रिय पाठकों,
माफ़ी चाहता हूँ काफ़ी दिनो से अप्डेट नहीं दिया।

बताना चाहूँगा कि घर के काम और office के काम में फँसे होने की वजह से लिख नि पाया, और इन सब में वक्त और ऊर्जा दोनो नानी बचती थी. अभी कुछ वक्त मिला है. जल्द ही, १-२ दिन में अप्डेट आएगा.
साथ बने के लिए शुक्रिया

धन्यवाद

प्रतीक्षा है सर...
 
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Vijay

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प्रिय पाठकों,
माफ़ी चाहता हूँ काफ़ी दिनो से अप्डेट नहीं दिया।

बताना चाहूँगा कि घर के काम और office के काम में फँसे होने की वजह से लिख नि पाया, और इन सब में वक्त और ऊर्जा दोनो नानी बचती थी. अभी कुछ वक्त मिला है. जल्द ही, १-२ दिन में अप्डेट आएगा.
साथ बने के लिए शुक्रिया

धन्यवाद
Waitting bhai ek bada sa update
 

Batman

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अपडेट- 32 ………



सीन- श्याम नवाबी और रात गुलाबी जारी रखते हुए…….॥


रात गुलाबी…….


पिछले भाग मे।।


योनिदेवी- जी हमे पता है वो हमारा ही रूप है, और औरत होने के नाते हमे मालूम है वो संभोग के लिए तैयार भी है

लिंगदेव- बीच मे बात काट ता हुआ, तो ठीक है देवी अमावस शुरू होते ही, हम मिलन शुरू कर देंगे, समय की चोट पर ही करना होगा ऐसा।

योनिदेवी- जी देव जैसा आप सही समझे

लिंगदेव को भविष्य पहले ही दिख रहा था, उसने सब योजना बना ली थी।

अब बस कुछ ही देर मे, अमावस अपने चरम पर होने वाली थी, जंगलों मे कोसों दूर पंडित मनोहर अपना काला रूप ले रहा था………


अब आगे।।

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आगे कहानी मे भीमसिंघ- BS, रामलाल- RL,चन्दा- Ch, कंचन- KN

मनोहर-MN लिखा जाएगा




Ashvapashupur
के कई कोस दूर, वारंगल के पास घने जंगलों मे काली अंधेरी अमावस की रात मे मनोहर शैतान की पूजा कर रहा था, मनोहर ने जंगल के बीच एक कोठी बना रखी थी जिसकी पहरेदारी उसके वफ़ादार 10-12 लोग कर रहे थे, पहरेदारों के हाथों मे लाठिया और बंदूके थी। मनोहर पंडित की पहचान ऊपर तक थी, वो पुलिस वालों से काला धंदा करते हुए, असला और बारूद खरीदता और बेचता था। उसने गाव के चुनिंदा गुंडों को अपने नीच काम पे लगा रखा था, मनोहर के पास बहुत जमीन जायदाद थी, अपने गुंडों को वो खाना पीना और म मस्ती के पैसा भी देता था, बदले मे गुंडे उसके नाम पे काला धंदा करते थे, जिसमे नशा, हथियार, चोरी और रंडीबाज़ी भी जैसे काले काम शामिल थे। मनोहर गुंडों से सीधे बातचीत नहीं करता था, उसने सारा काम अपने खास आदमिओ को दे रखा था, उसके खास आदमिओ मे देश पांडे, कालू हरीश और मुखर्जी।

तीनों मे से सबसे कमीना मुखर्जी था, जिसको लोग मुखिया कहते थे, सब उसकी बात मानते थे, नए गुंडों की भर्ती उसके इशारों पर होती थी, पंडित की तोली मे सभी गुंडे बड़े बल और लंबे चोदे थे, उनकी दहशत और कमीनेपन की दूर दूर के गावों मे चर्चे थे। चोरी चाकरी और खून जैसे केस उनपर चल रहे थे। पर पांडे, कालू और मुखिया पर कोई केस नहीं था, वो अपना नाम सा रखते थे दूसरों से सारे गया काम करते थे। गिने चुने गुंडों को ही पता था के असल सरदार मनोहर पंडित था।

कोठी बहुत बड़ी थी, बाहर बरामद था, अंदर 3-4 कमरे थे, ऊपर फ्लोर पर भी 3-4 कमरे थे, गुंडों के लिए वह दारू और नशे का सामान रखा राहत था, और सारे ऐशों आराम की चीज़े थे, वैशयाओ को भी वह की बार लाया जाता था, पंडित मनोहर को हमेशा पीछे के दरवाजे या छुप छुपाकर वह मुखिया लेके आता था। आज कोठी के पीछे पंडित के पांडे हवन कर रहे थे और काले मंत्रों कआा जाप कर रहे थे, कोठी मे काला अंधेरा हो रखा था, सारे गुंडों ने कोठी को घेर रखा था, क्युकी मनोहर ने मुखिया को बोल दी था किसी भी चीज की वजह से हवन मे रुकावट नहीं आणि चाहिए। मुखिया अंदर मनोहर और पांडे के पास मौजूद था और बाकी गुंडे बाहर पहरा दे रहे थे, टे हवाये और बादलों मे बिजली की गड़गड़ाहट हो रही थी। आज की रात का अंधेरा कुछ ज्यादा ही था, जिसे देखकर कुछ गुंडे आपस मे बात कर रहे थे।

दो गुंडे जो लमबे चोदे 6 फुट की है के थे, धोत कुर्ता पहने हुए थे, एक के बाल बड़े थे जिसको उस छोटी मे बयान रखा था और हलक दाढ़ी मूछ थी, कसरत बदन था, अच्छा भारी सहरी था। थोड़ बावला किसम था शरीर से भले ही बलवान था पर उसका दिमाग बच्चों जैसा था, उसको गुस्सा बहुत जल्दी अआ जाता था, इसलिए दूसरे गुंडे उसका मजा लेटे थे

दूसरे ने छोटे बाल थे और थोड़ा सज धज कर उसने सोने की चैन पहनी हुई थी, मुस्कुलर शरीर था वो बाकिओ से थोड़ा समझदार था , गुंडों मे लोग उसको मानते थे, उसको ऊपर और नीचे क खबर रहती थी, शरीर मे काफी फुर्ती थी वो उसको लड़ना अच्छे से आता था, कुस्ती मे आसानी से लोगों को पछाड़ देता था। सावभाव से हसमुक था और चालाक भी।

पहला गुंडा, उसके हाथ मे बड़ी 12 पोरा बंदूक थी- अबे सुन आज रात कुछ ज्यादा ही काली हआ या मुझे लग रहा है

दूसरा गुंडा, उसके पास बड़ी तलवार थी, कुछ चाकू और छोटी रिवाल्वेर थी, क्यू बी तेरी गयंद फट रही है क्या

पहला गुंडा, भोंसड़ी के मेरी क्यू फटेगी मैं तो गांड फाड़ता हू

दूसरा गुंडा, हस्ते हुए, अच्छा तू!!!! गांडु क्या गांड फाड़ता होगा, वैसे रात तो काफी काली अंधेरी हो रखी है

पहला गुंडा, तो चूतिये वही तो कह रहा तू, सीधे मूह बात कर नहीं जाती तुझे, सीधा टट्टे खुजाने लगता है।

दूसरा गुंडा, हाहा क्या करू, तेरी लेने मे मजा आता है

पहला गुंडा, वैसे तुझे पता है तुझे पता है क्या अंदर क्या हो रहा है

दूसरा गुंडा, नहीं पता क्या हो रहा, लगता है कुछ कांड हो रहा है अंदर

पहला गुंडा, साले बता ना दारू पिलाऊँगा तुझे,

दूसरा गुंडा, अरे नहीं पता सही बोल रहा, पर जो भी हो रहा है उससे लगता है सब बदलने वाला है


बाकी अगले अपडेट मे॥ मिलते है कुछ वक्त बाद।।

अगले अपडेट में देखिए की क्या होता कोठी में , क्या बड़ा होने वाला है। उसने ऐसा क्यू बोला उसको ऐसा क्या पता है, पंडित अंदर क्या कर रहा है और क्यू कर रहा है ? सारे राज अगले अपडेट मे।

अगला अपडेट जल्द ही कल परसों में आएगा।
 
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अपडेट - 32 B मे जानिए लिंगदेव और योनिदेवी क्या बात कर रहे थे, और पंडित क्या कर रहा है जंगल मे, और शैतान क्या है और क्या चाहता है
 
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