अपडेट- 30 C………
सीन- श्याम नवाबी और रात गुलाबी जारी रखते हुए…….॥
रात गुलाबी…….
पिछले भाग मे।।
भीमसिंघ भी बेड से उतरकर चन्दा के पीछे अआ गया, उसका मोटा लंबा 10 इंच का लंड फूला हुआ और चूत के रस से भीगा हुआ बहुत भयंकर लग रहा था।
वीर मन मे- हाय पापा का लंड तो बहुत खतरनाक है, माँ ने कैसे कितनी आसानी से खा लिया ये
भीमसिंघ- आधी पारी तो हो गई है रानी, पूरी पारी खेलने के लिए तैयार हो जाओ रानी (ये बोलकर भीमसिंघ ने दाय हाथ से जोरदार चपत चन्दा के चूतड़ पर लगा दी, चपत लगते ही गदराए 42 इंच मादक कातिलाना चूतड़ एक जोर का हिलोड़ मार देते है।
अब आगे।।
आगे कहानी मे भीमसिंघ- BS, रामलाल- RL,चन्दा- Ch लिखा जाएगा
भीमसिंघ का लंड तना हुआ बहुत भयंकर लग रहा था, लंड का सुपाड़ा अच्छा मोटा होकर फूल गया था, और उसपर लगा रस चमक रहा था, भीमसिंघ ने दो-चार बार अपने लंड को मुठिया दिया जिससे उसके नीचे लटक रहे टट्टे भी साथ मे झूल गए।
उसके बाद भीमसिंघ ने घोड़ी बनी हुई चन्दा के मोटे मांसल चूतड़ों की और ध्यान लगाया, चन्दा के चूतड़ बहुत ही कामुक थे पूरे गाँव मे कंचन के बाद चन्दा की गाण्ड का फुलाव और भराव सबसे ज्यादा था।
भीमसिंघ ने हाथ बढ़ाकर चन्दा का दाय चूतड़ दबा और उसे हिलाने लगा, चूतड़ का हिलोड़ जानलेवा था, चन्दा की चूत का छेद खुल चुका था और उसमे से अब भरमार कामरस निकाल रहा था, चन्दा घोड़ी बनी हुई अपने चूतड़ों को ऊपर उचकाते हुए हिल रही थी, भीमसिंघ ने चन्दा के दोनों चूतड़ों को पकड़ लिया और गांड के हिलोड़ को मोहित होकर देखने लगा। जिसका असर सीधा उसके खड़े लंड पर हो रहा था, जो रहरहकर झटके ले रहा था।
चन्दा- क्या हुआ राजा, क्या देख रहे हो
BS- रानी तेरा खजाना तो बड़ा है, बड़ा रंगीन है
चन्दा- तो लूट ले राजा इसके सारे रंग।
भीमसिंघ ने इतना सुना ही था, की उसने घोड़ी बनी हुई चन्दा के चूतड़ों के बीच मे अपना मुंह घुस दिया और चन्दा की चूत के कामरस को चाट लिया, और उसके गांड के छेद पर भी भीमसिंघ अपनी जीभ से दस्तक दे रहा था। इधर चन्दा भीमसिंघ के ऐसे प्रहार से फिर से गरम होने लगी थी, उसकी आहे फिर से उठने लगी थी, चन्दा ने बिस्तर की चद्दर को जोर से पकड़ लिया और अपने नीचे होंठ को दबाते हुए भीमसिंघ की चूत की चुसाई का आनंद लेने लगी, देखते ही देखते चन्दा फिर से पूरी गरम हो गई।
बाहर वीर मन मे- पापा माँ को क्या वहसी तरीके से चाट रहे है, माँ की चूत क्या इतनी स्वाद है माँ की गांड सच मे इतनी कामुक है कोई भी उसको चाटे बिना नहीं रह पाएगा, माँ को कितना मजा अआ रहा है चूतड़ों का हिलोड़ रुक ही नहीं रहा
चन्दा ने अभी अपने चूतड़ों को पीछे धकेलकर भीमसिंघ के मुंह पर फेकना और रगड़ना शुरू कर दिया
चन्दा- आह मेरे राजा, क्या चुसाई करते हो (चन्दा मन मे- पंडित ने बहनचोद प्यासा चोद दिया मुझे पता था राजा तू मेरी प्यास भुजाएगा, आज ही दो लंड खा लिए इस निगोड़ी चूत ने, मैंने तो धोई भी नहीं थी, पंडित का रस भी इसमे कुछ लग गया होगा)
बाहर खड़े वीर को झटका लगता है, ये उसकी माँ क्या कह रही है, चन्दा का मुंह दूसरी तरफ था, वीर को सिर्फ चन्दा के मोटे चूतड़ और थोड़ा दाई साइड से उसके स्तन दिख रहे थे, चन्दा का चेहरा बिस्तर पर दबा हुआ था और दिख नहीं रहा था।
वीर मन मे- पंडित ? कोन पंडित, माँ किसकी बात कर रही है ? और दो लंड किसके ? माँ बाहर भी चुदाई करके आई है ? और पापा ये सुनकर भी कुछ क्यू नहीं बोल रहे है।
भीमसिंघ अब तक जमकर चूत चुसाई कर चुका था, उसका चेहरा रस से गीला हो चुका था, उसने चूत का कसेला रस खूब चाट लिया था और चन्दा की चूत को भी उसकी लंबी जीभ खूब आनंद दे रही थी पर अब समय था असली चुदाई का, ये सोचकर भीमसिंघ चूत चूसना चोद फिर से खड़ा होकर चन्दा के पीछे अआ जाता है ।
भीमसिंघ- आह, चन्दा क्या चूत है तेरी कितनी सवाद है, बिल्कुल मलाई है मलाई
चन्दा - हाए मेरे राजा, इस घोड़ी को कब अपनी मलाई दोगे कबसे चुदने के लिए खड़ी है (बोलकर चन्दा ने अपने चूतड़ हिल दिए)
BS- बस अभी ले मेरी रानी
भीमसिंघ ने अपने मोटे लंबे लंड को दाए हाथ मे पकड़कर चन्दा की गांड पर की बार लंड की मार मारी, हर एक लंड की ठाप के साथ सुपाड़ा चन्दा के चूतड़ों पर बारी बारी टकराता और चूतड़ों का हिलोड़ देखकर भीमसिंघ का लंड और तन्ना जाता।
चन्दा- आह मेरे राजा अब और देर ना करो, आओ घुसा दो इसे (बोलकर चन्दा ने अपने बाय हाथ की दोनों उँगलिया अपने पैरों के बीच से लाकर चूत पर रख देती है और अपने चूत के छेद को खोल देती है। )
भीमसिंघ एक थूक का लौंदा लंड के सुपाड़े पर फेक देता है और उसको चूत के खुले छेद पर रख कर थोड़ मल देता है, थूक सुपाड़े और छेद पर फैल कर दोनों को गीला कर देता है
BS- तो मेरी घोड़ी तैयार है (बोलकर भीमसिंघ एक चपत चन्दा के चूतड़ पर देता है, फिर से एक बार मांसल चूतड़ हिल जाते है)
इस बार भीमसिंघ कोई रहम नहीं करने वाला था, भीमसिंघ को औरत को घोड़ी बनाकर चुदाई करना बेहद पसंद था, वो मोटी भारी गांड का दीवाना था, और इस अवस्था मे वो वहशी बन जाता था, चन्दा ने भी आज ये जानबूझकर ऐसा करा था। चन्दा भी तैयार थी उसने बिस्तर की चादर को दोनों हाथों से कसकर पकड़ रखा था, उसको पता था भीमसिंघ अब उसकी जानवर बनकर चुदाई करने वाला है, जैसा की उसको पसंद था।
भीमसिंघ ने झट से अपना लंड का टोपा चूत के छेद से टिका दिया और चन्दा के दोनों चूतड़ों को हाथों मे जकड़ता हुआ जोर से धक्का दे मारा और लंड चूत को चोंड़ा करता हुआ, 5 इंच अंदर घुस गया
चन्दा की चीख निकाल गई- माँ मर गई, आह (इतना कसकर तो आज मनोहर पंडित ने भी नहीं चोदा था)
BS- चन्दा तेरी कितनी संकरी चूत है, लंड को जकड़ लेटी है
वीर को ये सुन जाता है और वो चोक जाता है- माँ ये क्या कह रही है, मनोहर पंडित से चुद आई माँ, और वो पंडित तो बहुत जाना माना है कितना शरीफफ बंता है, मेरी माँ को किस जाल मे फसा रखा है उसने , और पापा कुछ क्यू नहीं कह रहे है।
चन्दा का मुंह अब भी बिस्तर की चादर मे दबा हुआ था और वीर को लग रहा था की उसकी माँ ये सब बोल रही है पर चन्दा तो ये सब मन मे बोल रही थी।
वीर का लंड अब तक जो तन्ना कर झटके ले रहा था और जिससे वीर मुठिया रहा था, ये सब सुनते ही वीर के हाथ रुक गए। और वो अपनी माँ की बाते सुनने लगा।
इधर लिंगदेव और योनिदेवी, ये सब सुन और देख रहे थे, वीर ने जब अपने लिंग पर मूठ लगानी बंद कर दी तो लिंगदेव बोले।
लिंगदेव- देखा देवी हुमने कहा था, घबराने की कोई चिंता नहीं है
योनिदेवी- हा देव आप सही कह रहे थे, पर मैं घबरा गई थी, इतने वक्त बाद सही घड़ी आई है बुराई का नाश करने की, मुझे डर था कुछ गलत ना हो जाए।
लिंगदेव- नहीं देवी हम गलत नहीं होने देंगे, इसीलिए तो हम दोनों यह है।
योनिदेवी- तो क्या वीर अब अच्छाई की तरफ आ जाएगा
लिंगदेव- नहीं देवी, अभी ये संभोग खतम नहीं हुआ, संभोग खतम होने से पहले ही वीर का रुख अच्छाई की तरफ हो जाएगा, आप बस देखती जाओ
योनिदेव- जी लिंगदेव
अंदर भीमसिंघ ने जोर से एक और धक्का मारते हुए लंड पूरा चन्दा की चूत मे ठूस दिया, उस धक्के के साथ चन्दा के मांसल चूतड़ हिल गए, और चन्दा की जांघे हल्की सी कांप उठी। और चन्दा की बड़ी चीख कमरे मे गूंज उठी, उसके बाद भीमसिंघ ने लंबे लंबे धक्के लगाने शुरू कर दिए।
Chanda- हाय मेरे राजा मार डाल, कितना मोटा है ये मूसल, फाड़ देता है
BS- ये तो रानी तेरे कातिल चूतड़ है, इन मोटे चूतड़ों को देखकर ही तो मेरा लंड जोर मारने लगता है
चन्दा- क्या इतने कातिल लगते है आपको (चन्दा अपने चूतड़ पीछे धकेलते हुए बोली)
BS- हआ मेरी रानी, इनका भराव और उठाव देखकर दिल पर छुरिया चल जाती है (भीमसिंघ ने लंड को एक जोर का धक्का देकर लंड को जड़ तक पूरा अंदर ठूस दिया लंड गर्भाशय से जा टकराया)
चन्दा को पता था भीमसिंघ इस मुद्रा मे उसकी मोटी गांड की तारीफ किए बगर नहीं रुकेगा। भीमसिंघ अब जड़ तक लंबे लंबे धक्के लगा रहा था, उसकी जांघे चन्दा के मोटे चूतड़ों से टकरा रही थी, और लंड के टट्टे भी चूतड़ों पर ठाप लगा रहे थे। चन्दा का पूरा बदन भीमसिंघ के बेरहम धक्कों के साथ हिल रहा था, चन्दा बस “आह आह आह आए हाय माँ मर गई ऊफफ कितना मोटा, आराम से, हम्म ओह ओह” ऐसी लंबी लंबी सिसकारिया ले रही थी, जो वीर के कानों मे गूंज रही थी, चुदाई की “ठप ठप ठप ठाप ठाप ठाप पच पच पच पक पक पक” की आवाजे संभोग क्रिया को और मोहक बना रही थी। चन्दा के स्तन बुरी तरीके से हिल रहे थे, उसके पूरे बदन मे खून उतर आया था जिससे बदन पूरा लाल होकर चमक उठा था। चन्दा के बाल अब खूंखार झटकों से पूरे खुल गए थे।
BS- हम्म चन्दा रानी क्या कातिल गांड है तेरी, जी करता हू ऐसे ही तुझे घोड़ी बनाकर चोदता रहू, हर बार पूरा मजा देती है
चन्दा- तो घोड़ी बना लो मेरे राजा, पकड़ लो इसकी लगाम। आज नहीं रोकूँगी
भीमसिंह समझ गया। उसने चन्दा के खुले हुए बालों को दाया हाथ बढ़ाकर पकड़ लिया। चन्दा का मुंह ऊँचा ऊपर उठ गया, और भीमसिंघ बाये हाथ से चूतड़ों पर बारी बारी चंपत लगानी शुरू हो गई, चन्दा दर्द से दोहरी हो चुकी थी, पर वो जानती थी मर्द को काबू कैसे करते है।
BS- आह रानी हम्म ओह (भीमसिंघ के मूँह से सिसकारिया छूट रही थी, चन्दा की चूत ने उसके लंड को बुरी तरीके से जकड़ रखा था पर उसका लंड पूरा फौलादी था उसको और भी टाइट छेद की जरूरत थी)
चन्दा- ओह ईस इसस हम्म क्या राजा, मजा अआ रहा है घुड़सवारी मे, आह हम्म, मर गई (चन्दा चुदवाते हुए बोली)
BS- हा मेरी रानी पूरे गाँव मे तुझ जैसी कोई नहीं (भीमसिंग जोरदार धक्के मारता हुआ बोला)
चन्दा- नहीं राजा, पूरे गाँव मे नहीं, कोई और भी जिसकी गांड मुझसे भी अच्छी है
BS- नहीं रानी ऐसा नहीं हो सकता, तेरी ही सबसे मस्त चूतड़ है।
चन्दा को अपनी चूत मे लंड के और सख्त होने का पता लग रहा था, चन्दा को पटा लग गया था भीमसिंघ अब उसकी गिरफ्त मे है वो उससे कुछ भी करवा सकती है
चन्दा- अरे आप उसके चूतड़ देखोगे तो खुद ही बोलोगे, मेरे भी ज्यादा भारी और चोड़े चूतड़ है उसके और चूचे भी बड़े हुए के साथ उठे हुए भी है
BS- हाय चन्दा तुम झूठ बोल रही हो, कोन है वो (भीमसिंघ चन्दा के ऐसा कहने चुदाई की रफ्तार काम कर देत है और बात सुनने लगता है )
चन्दा- राजा तुमसे क्यू झूट बोलेंगे, हम बोल रहे है, और तो और वो तो पास मे ही रहती है तुम्हारे
BS- हाए चन्दा कोन है ऐसी, बताओ (ये बोलकर भीमसिंघ रुक गया और चन्दा की मोटे चूतड़ों को गुथने लगा, अपना मोटा लंड चूत मे बीच मे फसा देखकर, चन्दा के खुलते बंद होते गांड के छेद को निहारने लगा)
चन्दा- वो और कोई नहीं तुम्हारी मुंह बोली बहू है, कंचन, ठाकुर रामलाल की बहू।
BS- ये सुनकर मानो भीमसिंघ का लंड फटने को हो गया, वो तो पहले ही कंचन पर चुदाई की नजर रखता था।
भीमसिंघ, उसके मन मे- हआ कंचन का बदन तो बहुत गदराया हुआ है, आजतक मैंने इतनी सुंदर ब्ला नहीं देखि। और ये बात भी वीर ने सुन ली, भीमसिंघ का मूँह ठीक वीर को दिख रहा था, उससे पता लग गया की उसके पापा के होंठ नहीं हिले है और आवाज अआ रही है
वीर चोंक गया, की उसके माँ और बाप कंचन को लेके कैसी बाते कर रहे है।, और पापा के होंठ नहीं हिल रहे है, तो वो बाते कोन कर रहा है।
वीर मन मे- तो पापा की नजर भी कंचन पर है, और ये पापा की आवाज कहा से आ रही है, और ये माँ क्या कह रही है। बात तो सच है पर, भाभी जैसी सुंदर लड़की मैंने भी नहीं देखि, फिल्मों की हीरोइन को भी मात दे दे, ऐसी सुंदर है कंचन भाभी
ये सब बाते वीर के मन मे चल रही होती है की कमरे के अंदर का वार्तालाप जारी रहता है।
BS संभल कर बोला- कैसी बात कर रही हो चन्दा, कंचन हमारी बेटी जैसी है,
चन्दा- अरे तो हम कोनसा कुछ कह रहे है, हम तो बता रहे है, उसका बदन हुमसे भी ज्यादा भरा हुआ है और सुंदर है।
BS- कुछ भी हो चन्दा हमे तो तुम्हारे चूतड़ ही पसंद है, देखो कितने भरे हुए है, और ये गांड का छेद (ये बोलकर भीमसिंघ ने चन्दा के चूतड़ों को हाथों से फैला दिया, चूत मे तो लंड पहले ही फसा हुआ था, चूतड़ों को फैलाने से, चूत का छेद और खुल गया और गांड का छेद भी खुलकर दिखने लगा, गांड का छेद खुल बंद होकर, भीमसिंघ को बुलावा दे रहा था)
अरे उसके चूतड़ों के आगे मेरे चूतड़ कुछ भी नहीं, उसके चूतड़ इतने ज्यादा बाहर की निकलकर उठे हुए है, ऐसा लगता है जैसे उसे कच्छी पहनने की भी जरूरत नहीं है, पता नहीं कितने मोटे लंबे लंड खाए है उसने
कंचन के बारे मे ऐसी बात सुनकर भीमसिंघ का लंड चन्दा के चूतड़ों के बीच झटके लेने लगा ऐसा लगा मानो 10 इंच का आधा इंच और लंबा हो गया और मोटा भी, चन्दा ने ये बात पहचान ली, उससे अपनी चूत मे फसे लंड की बढ़ती मोटाई सखताई से पता लग गया।
बाहर खड़े वीर को जैसे झटका लगा, की उसकी माँ भाभी को लेकर कैसी बाते कर रही है, खुद तो किसी और से चुदवा कर आई है
BS- नहीं चन्दा बहुरानी ऐसी नहीं है, तुम ऐसा कैसे बोल सकती हो
भीमसिंघ अब रुक चुका होता है, उसके लिए ये बाते चोका देने वाली, आजतक चन्दा ने किसी और औरत की इतनी तारीफ, और साथ मे ऐसी गंदी बात नहीं करी थी और वो भी अपनी मुंह बोली बहू की।
चन्दा अब उठ जाती है, और वो पीछे मुड़ कर देखते है, और रुकी हुई चुसाई को अपने चूतड़ों को धीरे धीरे आगे पीछे करते हुए दोबारा चालू करने की कोशिश करती है, चन्दा का चेहरा पीछे की और मूडा हुआ तो वीर को अपनी माँ का चेहरा साफ दिख रहा था। चन्दा का चेहरा चुदाई से लाल हो चुका था, उसकी आँखों की नीचे काजल फैल गया था, और बाल बिखर चुके थे, पसीना भी उतर आया था, साफ पता लग रहा था चन्दा दर्द मे है, पर उसको ऐसा ही दर्द पसंद था।
चन्दा- अरे हम औरतो को ऐसी बाते पता होती, औरत जीतने लंड खाती है उसके चूतड़ उतने भारी और उठ जाते है (चन्दा मन मे, मेरे ही देखलों इतने लोगों के मोटे लंबे लंड खाकर ही तो मेरा पिछवाड़ा ऐसा हुआ है )
भीमसिंघ को भी ये बात पता था, पर चन्दा को छेड़ते हुए बोला- तो रानी तेरे चूतड़ भी तो इतने उठे हुए, इनका क्या राज है (साली मुझे पता है तू भी कही बाहर लंड खाती है, किस्से खाती है जिस पता लगेगा उस दिन बताऊँगा तुझे)
चन्दा थोड़ी फस जाती है, पर मर्द को उलझाना उसके लिए आसान था, इतनी जल्दी चन्दा किसी से नहीं फसती- इनका राज तो अभी मेरे अंदर फसा हुआ है वही है, और वो है आपका लंड इतना मोटा और लंबा है, ऊपर से इतना जोर से चुदाई करते हो राजा, गांड भी कितनी बूरी तरह से मारते हो, मेरे चूतड़ तो ऐसे हो ही जाएंगे (चन्दा मन मे- इतने चूतड़ों पर आधी मेहनत पर तो सच मे आपकी ही है, पर आधी मेहनत पंडित की है, वो भी बड़ा चोदू है)
भीमसिंघ चन्दा की ये बाते सुनकर, एक थूक का लौंदा गांड पे छेद पर फेक देता है, चन्दा को भी ठंडी हवा के साथ थूक के गिलेपन से चोड़े हो रखे छेद पर गिरते ही आनंद या जाता है, भीमसिंघ थूक को छेद पर अच्छे से रगड़ कर पूरा गीला कर देता है, अब छेद थोड़ा चमक जाता है।
BS- चन्दा पर मुझे तो लगता है असली निखार तुम्हारा वीर के वक्त पर ही आया है, तुम्हारा बदन वीर होने के वक्त कितना भर गया था, और आज भी वैसा ही है
चन्दा- राजा वो तो दूसरा बच्चा होने के बाद बदन और भर जाता है, ऐसा तो सब औरतो के साथ होता है
(चन्दा मन मे- जब एक दिन मे अंदर 3-3 लंड जाएंगे, तो ऐसा होगा ही ना, इतनी चुदाई से चूत और गांड की शक्ल बदल गई थी शरीरी तो भरना थी था)
भीमसिंघ चन्दा के मांसल चूतड़ों को अब हिला रहा था, और छेद के खुलते बंद होते को देख रहा था। चन्दा भी लगातार धीरे धीरे चूतड़ों को हिला रही थी
BS- नहीं मेरी रानी, ये तो तेरी ही माया है, क्या जादुई बदन है तेरा, कितना मजा देती है तू, तूने 2 सुंदर सुंदर बच्चे देकर मेरा जीवन खुसियों से भर दिया
चन्दा- राजा, बच्चे तो होने ही थे, आपका ये घोडा हमेशा मेरे पे चढ़ने के तैयार रहता था (
चन्दा मन मे- बच्चे तो होंगे ही, इतनी चुदाई होती थी, जवानी मे कितनी गरम रहती थी मैं, मन करता था पूरे दिन चूत मे लंड फसाय पड़ी रहू, पंडित भी पूरे पूरे दिन चोदता था और कभी कभी तो रात मे भी नहीं छोड़ता था पता नहीं कितनों का वीर्य अंदर लेटी थी, रूप तो पंडित के वीर्य से हुई है, वीर का नहीं पता किसका है)
BS- पता नहीं रानी, पर वीर के वक्त तू इतनी गरम रहती, तब तूने गांड पहली बार खुद ही मरवाली थी (अब भीमसिंघ ने एक भी धीरे धीरे दोबारा लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया था, और एक उंगली गांड के छेद मे डाल कर उसे हीलाना चालू कर दिया था)
चन्दा- राजा, मैं क्या करती, इतना मोटा लंबा लंड है आपका, चूत मे दर्द करा देते थे आप, और बच्चा पेट मे होने की वजह से मैं रिस्क नहीं लेना चाहती थी (
मन मे- सच तो ये था की बहनचोद 2-2 मोटे गधे जैसे लंड दिन मे लेने पड़ते थे, और रात मे आपका, और मादारचोड़ ऊपर से मेरी गांड भारी और चोड़ी होती जा रही थी, तो पंडित गांड मारने के लिए बोलने लग गया था, चुदाई के वक्त रोज 2-3 उँगलिया गांड मे घुसाय रखता था, इसीलिए सोचा गांड तो पहले अपने मर्द को ही दु, पर सच मे वीर के वक्त पर गजब ही बदन मे आग लगी रहती थी)
इसमे सच बात ये थी की वीर लिंगदेव का रूप था, और वीर के पेट मे होने से लिंगदेव के प्रभाव से चन्दा की वासना बहुत बढ़ गई थी।
BS- चन्दा तेरी गांड की सोचकर हमेशा मेरा लंड तन्ना जाता है, कितनी कसी हुई गांड है तेरी (अब भीमसिंघ से चन्दा की गयंद के छेद मे 2-2 उँगलिया चलाना शुरू कर दिया था)
चन्दा- तो मार लो मेरे राजा किसने रोका है, आपका लंड मुझे लगता है खुश नहीं है मेरी चूत से झड़ ही नहीं रहा, जल्दी कीजिए वीर आता होगा, बस थोड़ा तेल लगा लीजिए, मुझे भी अपनी गांड कंचन जितनी करनी, खूब जोर से मारिएगा
कंचन का नाम सुनकर एक बार फिर से लोड़ा जोर मारने लगता है,
BS- रानी तेरा पिछवाड़ा कंचन से भी कामुक है (bs बात संभालता हुआ बोलa , उसे पता था कंचन के आगे चन्दा का कोई मुकाबला नहीं, पर इस वक्त चन्दा की चूत मे लंड फसए खड़ा था, चन्दा को नाराज नहीं कर सकता था)
चन्दा- मुझे पता है, बहुरानी के चूतड़ हुमसे ज्यादा सुंदर है, पर आप चोदिए हमारी गांड को रोज चुदवाकर हमारी गांड भी बड़ी ह जाएगी
BS- रानी तेरे चूतड़ 42 इंची हो रखे है, हमे तो इतने बड़े ही बहुत पसंद है
चन्दा- नहीं आप मेरी गांड मरोगे तो चूतड़ और उठ जाएंगे और चोड़े हो जाएंगे
BS- पूरा गाँव तेरे चूतड़ों को देखकर लंड हिलाता है। अब और कितने सुंदर चाहिए
चन्दा- ये तो आप अपने लंड से पूछिए जो कंचन के चूतड़ों के बारे मे सुनकर कडा हो जा रहा है
भीमसिंघ की चोरी पकड़ी गई थी पर वो बात संभालते हुए बोला- नहीं नहीं चन्दा ये तो तुम्हारी गांड चुदाई के नाम से खड़ा हो रहा है
चन्दा- रहने दीजिए हम मर्दों के मन की बातों और लंड की बातों को अच्छे से समझते है, 2 बच्चे ऐसे नहीं जन्मे हमने, पर हमे इससे कोई मतलब नहीं जब तक मेरे मर्द का लंड मेरी चूत मे पड़ा रहे है और खूब हम पर चड़ता रहे, हम खुश है, पर सच बताइए क्या आपका मन नहीं करता कंचन को चोदने का उसकी जवानी अभी उफान पर है, और आप जैसे मर्द जिसका लंड इतना फौलादी हो ऐसी लड़की को जरूर चोदना चाहेगा और तो और कंचन जैसी भरी गदराई लड़की को भी आप के जैसे लंड की जाऊरत है, उसके चूतड़ और उसकी फूली हुई चूत को आपके मोटे लंबे लंड की जरूरत है, ये टमाटर जैसा मोटा सुपाड़ा जब उसकी चूत को फैलाएगा उसको मजा अआ जाएगा, और ये मोटे भरी टट्ट को वीर्य पीकर वो खुश भी हो जाएगी (चन्दा ने अपने चूतड़ों को गोल गोल घुमाना शुरू कर दिया, और एक हाथ पीछे ले जाकर टट्टो को पकड़कर सहलाना शुरू कर दिया)
BS- नहीं चन्दा वो हमारी बहू है, तुम ऐसे………
चन्दा- चन्दा बीच मे ही बात काटते हुए बोली- बहू है क्या हुआ, वो क्या औरत नहीं है उसके पास चूत नहीं है, हम भी औरत है और शादी के बाद चुदाई की प्यास को समझते है, और उसके जैसे गदराई लड़की को मोटे तगड़े लंड की जरूरत है, अब पति तो वैसे भी यहा नहीं है, तो प्यासी होगी बेचारी, तो आप का लंड उसकी, किसी भी लड़की, की प्यास बुझा सकता है।
भीमसिंघ चन्दा की ऐसी गरम बाते सुनकर हवस मे तापने लगा था, उसकी लंड की नसे फटने को हो रही।
BS- तो चन्दा तो क्या हुआ शादी की शुरू मे तो हम भी कितना तड़पे थे, फौज के रहते कभी कभी आना हुआ करता था मेरा, बहू भी कर लेगी,फिर उसका पति तो वैसे भी फौज मे नहीं है, राकेश तो यही रहता है।
चन्दा ऐसी बचकानी बात सुनकर मन ही मन हस पड़ी, क्यू की भीमसिंघ कुछ और बोल रहा था और उसका लंड कुछ और।
चन्दा- फिर भी मैं नहीं चाहती की वो थोड़ा भी तड़पे, पर वो वक्त कुछ और था राजा, आजकल की लड़किया लंड के बिना नहीं रह सकती, अपने गाँव मे ही देखलों, जब भी कमला से मिलती हू तब तब वो ये सब ही बताती है कोन लड़की किस किस से फासी हुई है, और मैं नहीं चाहती मेरी बहू तड़पे, चाहे वो कैसी भी तड़प हो, और गाँव के लोग बहू पर नजर रखे हुए है, क्या पटा कोन चोद जाए ऐसी गरम बहू को, वो भी मुझे लगता है लंड की प्यासी हो रखी है पैर फैलाने मे देर नहीं लगाएगी (चन्दा में मे ये सोचती है- राजा तड़पे तो तुम थे यहा मेरे पास तो लंडों का मेला लगा हुआ था, आगे पीछे कितने लंड तुम्हारी गैरमौजूदगी मे घूमते थे, और पंडित तो यही पड़ा रहता था रात रात भर, मेरी जैसी गदराई जवानी को लंड को तड़प कभी नहीं होगी)
अब BS ने भी ज्यादा ना-नुक्र नहीं की, क्यू की वो भी कबसे कंचन की चूत का प्यास था, और बोला- ठीक है चन्दा तुम इतना कह रही हो तो ठीक ही कह रही होगी, औरतो की बाते तो तुम्हें मुझसे ज्यादा पटा है, पर चन्दा हम कैसे करेंगे ये, और तुम्हें जलन नहीं होगी किसी और औरत के साथ हमे देखकर,
चन्दा- उसकी चिंता आप मुझ पर चोद दो, ये सब मैं अपनी बहू के लिए कर रही हू और घर की इज्जत के लिए, बहू की चुदाई अगर गाँव मे हो गई तो नाम बदनाम हो जाएगा, और आप उसको ठंड कर दोगे तो घर की बात घर मे रह जाएगी, और ये काम मे मदद करने मे मुझे जलन क्यू होगी बहाल, उलटा मुझे तो अच्छा लगेगा, पर में इसमे एक ही इच्छा है।
BS- तुम कितना खयाल रखती हो चन्दा इस घर का और हम सभी का, तुम्हारी हर इच्छा मंजूर है (
BS के मन मे अब लड्डू फुट रहे थे की आज चुदाई तो चुदाई कंचन की चूत का भी जल्द ही जुगाड़ चन्दा करवा देगी, जिसका वो कितने दिनों से इंतज़ार कर रहा था)
चन्दा- ठीक है हम बोलते है, आप जो भी कंचन के साथ करोगे, जब भी उसको चोदोगे हमे पता होना चाहिए, क्यू की रिसता ऐसा है कही उंच नीच ना हो जाए, वहा से हम बहू से बात कर लेंगे और आप हमे सब बता दीजिएगा (
चन्दा मन मे- चलो ये तो जल्दी मान गए, खैर मानना ही था, कंचन की चूत के सपने हर कोई ले रहा होगा इस गाँव मे, और रिसता पास होने की वजह से आसान भी हो जाएगा, अब ये जैसे ही इनका टाका कंचन के साथ फिट होता है, मैं कंचन को फसा कर पंडित से चुदवा दूँगी, पंडित का सपना पूरा हो जाएगा, पर पंडित ने आज ही मुझे कंचन को चुदवाने क्यू बोला था, खैर उसके इस काम का पता भी लग जाएगा, और मुझे भी देखना है उसके मोटे चूतड़ों मे लंड जाता कैसा लगता है)
BS- ठीक है चन्दा, हम वादा करते है
चन्दा- जी ठीक है, अब क्या पूरे दिन ऐसे ही पड़े रहने का इरादा है जल्द से चुदाई खतम करो। जल्दी कीजिए वीर आता होगा, बस थोड़ा तेल लगा लीजिए, मुझे भी अपनी गांड कंचन जितनी करनी
भीमसिंह चन्दा की ये बात सुनकर हल्का सा हस पड़ा और बोला, BS- चन्दा मैं तुझसे पूरा खुश हू, तुझे तो पता है मैं चुदाई लंबी ही करता हू, अब लंड ही ऐसा है तो इसमे मेरा क्या दोष। अन तुम कहती हो तो तुम्हें मन नहीं करूंगा (ये बोलकर भीमसिंघ “पक” से लंड को बाहर खिच लेटा है, और तेल के शीशी टेबल से उठाने के लिए जाता है)
इधर वीर की दुनिया बदल गई थी, उसको ऐसी बाते पता लग गई थी, जिससे उसके माँ-बाप की स्मृति उसके मन मे बदल गई थी, वो अपनी माँ को कितनी भोली समझता था, और उसकी माँ एक हवस से भरी हुई मरदखोर औरत निकली, और उसके बाप को भी चन्दा के दूसरों के साथ संबंध होने का पता था पर फिर भी वो कुछ ना कर सका, ऊपर से वीर को पता लगा की उसकी बहन रूप पापा के वीर्य से नहीं हुई, और वो भी शायद किसी और की संतान है, कंचन भाभी को भी उसकी तरह रंडी बनाकर पापा और पंडित से चुदवाना चाहती है, और पंडित के कहने पर ही माँ ऐसा कर रही है। और सबसे बड़ी बात ये बात उसने सुनी तो थी अपने माँ-बाप की आवाज मे, और उसकी माँ पर उनके होंठ नहीं हिल रहे है, और इसके चलते उसको ये समझ अआ गया था की वो उन दोनों की मन की बाते पढ़ पा रहा है, और ये बात भी उसको खाए जा रही थी, अब तक वीर का लंड जहा खड़ा था चुदाई देखकर, वो अब बैठना शुरू हो गया था।
और लिंगदेव और योनिदेवी ने ये देख लिया था, योनिदेवी ये देखकर खुश हो गई थी। पर वीर को अब समझाना जरूरी था।
वीर मन मे- हे भगवान, ये क्या हो गया, ये मेरे घर मे क्या हो रहा है, मेरी मा जिसको मैं सती सावित्री समझता था, जो सुबह श्याम पूजा पाठ करती थी, वो एक बदजलन मरदखोर औरत निकली, एक ही पल मे सब बदल गया, क्या माँ सच मे नहीं जानती की मेरा बाप कोन है, ये जाने क्या हो रहा है, कही मैं पागल तो नहीं हो रहा
अब ये जानते और सुनते हुए, लिंगदेव और योनिदेवी ने वीर को शांत करने की सोची
लिंगदेव- देवी तुम्हारा बात करना वीर से ज्यादा उचित रहेगा, उसका एक औरत, जो की उसकी माँ है उसपर से भरोसा उठा है, और इस वजह से एक औरत की आवाज ही उसको समझकर दिलासा दे सकती है
योनिदेवी- ठीक है देव, हम करते है बात वीर से
योनिदेवी- पुत्र वीर तुम घबराओ मत, हम तुम्हारे साथ हआ
(वीर को ये आवाज अपने अंतर्मन मे सुनाई दी )
वीर फिर से घबरा जाता है, और धीमी आवाज मे डरकर बोलता है- ककक कोन ? कोन बोल रहा है ?
योनिदेवी- पुत्र ये शक्ति तुमको हमने ही डी है, हम तुम्हारे शुभ चिंतक है, फिलहाल के तुम सिर्फ इतना जान लो, तुम चिंता मत करो तुम्हारा साथ और रक्षा हम करेंगे।
वीर- साथ और रक्षा, कैसा साथ और किससे रक्षा ?
योनिदेवी- तुम्हारी माँ जिस पंडित कि बात कर रही है, वो एक बुरा आदमी है, हमने ये शक्ति तुम्हें उससे बचाव के लिए दी है, और तुम्हें इस प्रयोग करते हुए अपनी कंचन भाभी को भी उससे बचाना होगा, इन सब मे भीमसिंघ का प्रयोग करते हुए चन्दा कंचन को फासना चाहती हआ, भीमसिंघ का इन सब मे कोई दोष नहीं है।
वीर को ये सुनकर खुशी हुई की उसके पापा निर्दोष है, पर उसके मन मे ये जाने की इच्छा हुई की उसका असली बाप कोन है वो थोड़ शांत हो जाता है, उसको योनिदेवी की आवाज से एक अजीब स सुकून और शांति मिलती है।
वीर- कुछ भी और पूछने से पहले मुझे पूछना है की आपने मुझे पुत्र कहा है तो क्या मैं आपको माँ बुला सकता हू
योनिदेवी को वीर के मुंह से ये सुनकर प्रेम और प्रशननता हुई, और वो बोली- हा पुत्र तुम बुला सकते हो
वीर- ठीक है माँ, तो क्या आपको ये पता है की मेरे असली पिता कोन है
योनिदेवी- पुत्र, इसका वाक्य तुम्हें समय आने पर मिल जाएगा,अभी के लिए तुम अपने आप को शांत करो और समझ लो की, ये शक्ति तुम्हें दी गई है। और हम समय आने पर तुम्हारे बाकी सवालों का जवाब दे देंगे
वीर- ठीक है माँ प्रणाम।
वीर योनिदेवी की बात सुनकर शांत हो गया था, और कुछ देर के लिए उसके मन से ये सारे प्रशन खतम हो गए थे
वीर मन मे- तो मुझे घबराने की बात नहीं है, मुझे बस अपनी माँ से और पंडित से कंचन भाभी को बचाना है।
वीर फिर से कमरे मे जो हो रहा था उस पर ध्यान लगा रहा था
कमरे मे
BS ने तेल की शीशी उठा ली और अपने अपने लंड पर और चन्दा की गांड के छेद पर और उँगलिओ से अंदर तेल भर दिया था, और BS ने समय ना लगते हुए चन्दा की गांड के छेद पर लंड का टोपा रख दिया था। चन्दा को भी पता था उसे क्या करना है उसने झुक कर अपने दोनों हाथों को पीछे लेजाकर अपने हाथों से अपने चूतड़ों को पकड़कर फैला दिया था, जिससे उसके दोनों छेद खुल गए थे, और गांड का छेद खुल बंद होकर लंड मांग रहा था।
BS ने लंड का टोपा छेद पर रखते हुए, जोर का धक्का लगाया, जिससे लंड सुपाड़े समेत 3 इंच अंदर चला गया
BS- अआ चन्दा बहुत कसी हुई है
चन्दा- अआ मर गई मा री
BS- आराम से करू क्या
चन्दा- नहीं रहम मत करना ये सोच कर चोदो जैसे ये मेरी गांड नहीं कंचन की गांड है
ये सुनकर BS और ज्यादा खुश हो गया और उसका लंड पूरा तन्ना गया
BS- ठीक है बहू
चन्दा ये सुनकर मन ही मन खुश हो जाती है, और बोलती है- ससुर जी चोदिए ना (और चूतड़ों को लंड की तरफ धकेल देती है लंड 1 इंच और अंदर धस जाता है)
वीर मन मे- मा सच मे कितनी बड़ी रंडी है, भाभी को मैं कुछ भी नहीं होने दूंगा
योनिदेवी और लिंगदेव ये देखकर खुश हो जाते है की वीर अब अच्छाई की तरफ अआ गया है, उनका ये कार्य पूरा हो गया है।
BS अब चन्दा की इन बातों से बहुत जोश मे अआ गया था उसने लंड को थोड़ बाहर खिचते हुए जोर का धक्का मार कर अपने लंड को पूरा अंदर तक ठूस दिया, 10 इंच का लंड पूरा चन्दा के छेद मे समा गया, चन्दा की बड़ी चीख निकाल गई और उसकी आँखों मे पानी अआ गया, BS चन्दा की कमर को कसकर पकड़ रख था जिससे चन्दा ही नहीं पाई, और देखते ही देखते BS ने भारी भारी धक्के लगाने शुरू कर दिए। अभी पर धक्कों की रफ्तार काम थी पर BS लंड पूरा जड़ तक पेल रहा था टट्टे चन्दा की चूत से टकरा कर मधुर संगीत बजा रहे थे
भीमसिंघ- ओह बहू मजा अआ गया तुम्हारी गांड बहुत टाइट है
चन्दा- ओह आह हम ससुर जी आपका कितना मोटा है
BS- तुम्हें पसंद है ना बहू
चन्दा- हआ बहुत पसंद है
BS बहू उत्तेजित हो गया था बहुत देर से चन्दा उसे कंचन की चुदाई को लेकर बातों से गरम कर रही थी, उसका लंड बहुत देर टिका हुआ था, पर अब BS और रुक नहीं सकता था और रहम नहीं कर सकता था।
उसने ताबड़ तोड़ चुदाई करनी शुरू कर दी, BS लंड के भारी भारी लंबे लंबे शॉट लगाना शुरू कर दिया, कमरे मे “फट फट फट आह आह आह आह आह ऊह ऊह ऊह ऊह मर गई माँ बहुत मोटा है, फाड़ दो” आवाजे गूंज रही थी। गांड का छेद लंड को कसकर पकड़े हुए था, और लंड की मोटाई की वजह से लंड के साथ आधा इंच बाहर अआ रहा था, वो तो तेल लगा हुआ था नहीं चन्दा की गांड से खून निकल सकता था।
चन्दा को भी आजतक पता नहीं चला था की लंड गांड मे जाता कहा है, भीमसिंघ के लंड जैसा मोटा और लंबा लंड गांड खा कैसे लेटी थी, हर बार जब BS चूतड़ों मे लंड डालता तो उसकी हालत देखने लायक बन जाती थी
चन्दा को भी अब इस बेरहम चुदाई मे मजा अआ रहा था, उसको अपनी गांड मे लंड का भारीपन और मोटेपन के साथ साथ उसकी गर्मी भी महसूस हो रही थी, जिसकी वजह से उसकी चूत फिर से गीली होनी शुरू हो गई थी और उसने अपने बाय हाथ से सहारा लेटे हुए अपने दाय हाथ को नीचे ले जाकर अपनी चूत रगड़नी शुरू कर दी, बीच बीच मे वो BS के टट्टो को सहला देती।
BS को भी चन्दा की कसी गांड बहुत पसंद अआ रही थी, और ससुर-बहू के रोल प्ले मे उसका मजा कई गुणा बढ़ गया था
BS- ओह बहू तुम्हारी गांद भूखी है ये तो मेरे लंड को देखो कैसे खा रही है
चन्दा- आह आह आह ऊह ओओह ओओह हम्म जी इसको मोटे लंड बहुत पसंद है
BS- हम्म अआ तो क्या पति का मोटा नहीं है
चन्दा- आपके जितना नहीं
BS- आह अआ अआ हम्म हम्म बहू तुम्हारे चूतड़ कितने कामुक है
BS ने चन्दा के चूतड़ों को जोर जोर से मसलते हुए दबाना शुरू कर दिया, चन्दा दर्द से दोहरी हो चुकी है पूरा बदन उसका लाल हो चुका था, धक्कों से उसके चूतड़ और स्तन बुरी तरीके से आगे पीछे हिल रहे थे, कमरे मे चन्दा की दर्द भरी चीखे गूंज रही थी, BS बीच बीच चूतड़ों पर थप्पड़ भी बरसा रहा था, चन्दा की मजे और दर्द मे बुरी हालत थी, चन्दा को ऐसी ही दर्द और मजे से मिलिजुली चुदाई पसंद थी
BS बीच बीच मे लंड को बाहर निकाल लेटा और उसके लंड की वजह से फैले हुए छेद को देखकर अपनी मर्दानगी पर नाज करता, फिर वापिस अंदर डाल देता
चन्दा जानती थी की अब BS झड़ने वाला है उसका लंड अब पथर की तरह कठोर हो चला था और उसके धक्के भी चरम पर थे, चन्दा की चूत भी अब दोबारा झड़ने वाली थी।
चन्दा- ओह आह्ह आह्ह आह्ह मेरे राजा मैं झड़ने वाली हू ससुर जी अपनी बहू की गांड मे अपना वीर्य चोद दीजिए अब
BS- बहू मैं भी झड़ने वाला है तेरी इस गांड को चोद चोद कर फाड़ डालूँगा आह बहू
चन्दा- चोदो बाबू जी फाड़ जो इसे
चन्दा आणि चूतड़ पीछे ढकेलेते हुए बोली। BS के टट्टो के थपेड़ों से चन्दा की चूत का रस लगतार निकल कर जांघों और टट्टो को गीला कर रहा था। BS के धक्के लगतार तेज और भयंकर होते जा रहे थे, वो झड़ने के करीब था और चन्दा भी दोबारा भयंकर गांड से झड़ने के करीब थी।
BS- मैं झड़ने वाला हू बहू ओह आह हम्म
चन्दा- ईसशह आह्ह आह्ह भर दो मुझे ससुर जी
BS ने जोर जोर से धक्के लगाते हुए अपना लंड चन्दा के अंदर झड़ तक ठूस दिया और लमीबी उच्ची “आआह्ह आआह्ह आआह्ह आआह्ह” के साथ अपना वीर्य चन्दा के अंदर चोद दिया, चन्दा भी अपने अंदर गरम गरम वीर्य की पिचारिया महसूस करते हुए वो भी लंबी चीख के साथ झड़ गई और उसके पैर कपकपाने लगे। “ओओह आह राजाहह” चन्दा की चूत का छेद भी खुल बंद होने लगा BS को चन्दा के छेद का संकुचन महसूस होने लगा, चन्दा को भी BS के लंड का फूलकर पिचकारिया चोदना महसूस हो रहा था।
वीया छेद को पूरा भरकर बाहर की निकालने लगा, BS अपना लंड धीरे से खिच लिया, और गांड मे वीर्य निकलकर चूत के छेद और जांघों को भिगोकर टपकने लगा,
चन्दा के दोनों छेद BS के लंड से भयंकर चुदाई के बाद खुल गए थे।
BS- ओह चन्दा आज तो मजा अआ गया
चन्दा- आपने तो मेरी जान ही निकाल दी
BS- चूतड़ों पर थपद मारकर बोल, औरतों के तो यही नखरे होते है, चुदवाकर बोलती है
चन्दा- आह मेरे राजा है मुझे भी मजा बहुत आया, चलो अब हटो मैं साफ करती हू आप भी कापते पहन लो वीर आता होगा
चन्दा और BS दोनों हस्ते हुए बाथरूम चले गए।
बाहर वीर ने भी ये देख लिया और रिकार्ड कर लिया, अब उसे पता लग गया था की पापा झड़ चुके है तो वह से हटकर, दोबारा चुपके से घर से बाहर चला गया।
BS ने रामलाल को कंचन की बात हटा के चूत और गांड चुदाई की पूरी कहानी बता दी।
BS- ये हुआ था आज, अब तो खुश है
Rl- खुश तो तू है, साला एक ही बारी मे चूत गांड बजा
BS- तो साला तुझे तो पता है अपना इतनी जल्दी होता नहीं, गांड का मजबूरी मे सहारा लेना पड़ा
Rl- अरे काहे के मजबूरी, मजबूरी मे मजा कहा आता है, तूने तो चन्दा पूरा मजा ले लिया, तेरी तो मौज हो गई, यह मैं प्यासा हू, ऊपर से इतनी गरम चुदाई सुनकर खड़ा और हो गया (रामलाल का लंड अब पूरी तरह खड़ा हो चुका था धोती के बाहर से दिख रहा था)
BS- अरे कंट्रोल कर थोड़, चन्दा और वीर यही है
Rl- कंट्रोल कैसे हो इतने दिन हो गए
BS- तो तू खेतों मे से किसी लड़की को पकड़ ले (BS मन मे – साल मैं होता तो बहू को सबसे पहले रगड़ता, ये रामलाल पता नहीं क्यू रूका हुआ है, शायद माया भाभी की वजह से, उनका भी तो डर है )
Rl- अरे नहीं नहीं कैसी बात करते हो BS, इधर बहू आई हुई है दारू भी इसी वजह से नहीं पी रहा, कुछ ऊच नीच हो गई तो दिक्कत हो जाएगी
BS- हआ ठाकुर ये तो सही कहा, तो और बताओ तुम कैसे आना हुआ
Rl- अरे कुछ नहीं तो की दिनों से माया की नींद की दवाई खतम हो गई थी, और आज मंदिर होकर आई है दोनों तो थक गई है ज्यादा
BS- तो कोई नहीं मैं अभी ला देता हू।
BS रामलाल को नींद की गोली लाकर दे देता है उसका ध्यान रामलाल के प्लान की तरफ नहीं जाता क्यू की उसने एक तो चन्दा की चुदाई करी थी तो लंड ठोड़ी देर के लिए शांत हो गया था दूसरा उसने 2-3 पेग दारू पी ली थी। रामलाल नींद की गोली लेकर घर की और चल देता है, उसका लंड चन्दा और BS की चुदाई सुनकर बहुत उच्छाल मार रहा था, उसे चन्दा के साथ हुई चुदाई की यादे अआ जाती है, और उसके मन मे भी अभी घर पहुच कर बहू की चुदाई करने के लिए जोश था।
इधर कंचन ने भी रामलाल के लिए अपने बदन को शृंगार से सजा लिया था, और ठोड़ी देर अपने पति राकेश से बात करके और उसको कुछ फ़ोटोज़ अपनी भेज कर उससे बात खतम कर दी थी, कंचन को मोबाईल चलना कम आता था तो उसकी फ़ोटोज़ अछि नहीं आई थी, तो उसने सोचा की वो वीर से सिख लेगी।
फिलहाल तो रामलाल के घर कंचन अपने कमरे मे थी, और सोच रही थी
कंचन मन मे- हाय आज तो बाबू जी पूरी रात चोदेंगे, मुझे कितने दिन हो गए मर्द के साथ सोये हुए। आज मैं जी भरकर अपनी प्यास भुजा लूँगी…………………….जारी रखते हू
बाकी अगले अपडेट मे॥ मिलते है कुछ वक्त बाद।।