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अगले पर भी काम चालू है, आज ही करूँगा पोस्टMaza aagaya bhai superb update.......
धन्यवाद भाई जी, बहुत अच्छा लगा आपका comment देख के, थोड़ा और इंतज़ार कीजिए अगला अपडेट-30 b आने वाला है ।Badiya update tha..
भाई जी अभी तो बढ़ कहा रहे है, वही तो है, लिंगदेव और योनिदेवी, और भाई जी ये कहानी लंबी होने वाली है, 100 अपडेट ये ज्यादा की होगी, इसमे नए किरदार जुड़ेंगे और हटेंगे भी।
lovely aur erotic update ..अपडेट- 30 (A)………
सीन- श्याम नवाबी और रात गुलाबी जारी रखते हुए…….॥
रात गुलाबी…….
पिछले भाग मे।।
जब तौलिया बहुत ढीला हो गया गया और चन्दा के हाथ मे भीमसिंगह का नंगा लंड लग गया उसने भीमसिंगह को चूमना छोड़ दिया और वो झट से नीचे बैठ गई, और उसने हवस भरी नजरों से भीमसिंगह को देखना शुरू कर दिया, भीमसिंगह चन्दा के ऐसे रंडीपन से वाकिफ था, वो भी अब ये सब देख कर खुश हो रहा था।
दोनों को पता था आगे क्या होने वाला है, चन्दा ने अपना कातिलाना मुस्कान देते हुए नीचे बैठे हुए मुसकुराना शुरू कर दिया, और साथ साथ वो लंड को दाए हाथ से आगे पीछे मुठिया रही थी।
अब आगे।।
आगे कहानी मे भीमसिंघ- BS, रामलाल- RL,चन्दा- Ch लिखा जाएगा
BS- ओह चन्दा, आह (भीमसिंगह का लंड अब 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा हो गया था, और लगातार अपना आकार बढ़ रहा था, चन्दा ने उसको नीचे बैठे अपने दाए हाथ मे पकड़ रखा था)
चन्दा नीचे घुटनों के बल बैठी हुई दाय हाथ मे लंड पकड़ी हुई थी, उसके चेहरे पर एक कातिलाना मुस्कान थी और वो मन मे सोच रही थी (दोनों के लड़ ही भारी भरकम है, पंडित का लंड लंबा है पर पति का लंड मोटा ज्यादा है, ऊपर से इनके कसरती बदन की महक हमेशा से पसंद है, और इनके लंड का मेल ज्यादा खट्टा और कसेला होता है, उसकी वजह से लंड खुलते ही लंड की एक दम हर जगह फैल जाती है, और इनका लंड ज्यादा खुरदुरा और मोटी नसों वाला है, पंडित का लंड थोड़ा टेढ़ा है, जो की मेरी चूत मे सही जगह पर लगता है, पर इनका लंड मोटा और खुरदुरा ज्यादा है तो ज्यादा अच्छे से रगड़ देता है, और भगनासा पर भी अच्छी मार देता है।)
चन्दा ने अपना काम करते हुए, लंड की टोपी के ऊपर से खाल को खींच दिया, जिससे सुपाड़ा बाहर आगया, भीमसिंगह के लंड का सुपाड़ा मूत्र छिद्र के पास से, सुपाड़े के सर से पतला था, पर उसके बाद, सुपाड़ा असामान्य ढंग से मोटा होकर फैला हुआ था, पूरे लंड पर मोटी मोटी नसे थी)
अब चन्दा ने तौलिए को पूरा खोलने की कोशिश करी, भीमसिंगह से चन्दा की मदद करते हुए तौलिए को पूरा खोल दिया, चन्दा ने लंड को पकड़ कर जोर से खाल को नीचे पूरा खींच दिया। जिससे भीमसिंघ की “आह” निकाल गई।
इसके बाद चन्दा ने लंड छोड़ कर अपने हाथों को पीछे लेजाकर अपने बालों को जुड़े मे बाँध लिया, लंड को छोड़ते ही लंड एक दम से लटक कर भारी मोटे वीर्य से भरे हुए टट्टो से जा टकराया, चन्दा जैसे जुड़ा बांध रही थी, भीमसिंगह ने भी, जो अभी तक बाथरूम के बाहर खड़ा था, बिस्तर पर बैठने की सोची।
भीमसिंघ बिस्तर पर, जो की बाथरूम के सामने ही लगा हुआ था, पर बैठ गया, चन्दा घुटनों के बल ही घूमते हुए फिर से भीमसिंघ के सामने आगई, और फिर से उसने लंड को पकड़ लिया। और एक हवस भरी मुस्कान उसके होंठों पर फैल गई, और एक अजब स आखों मे चमक आगई, उसको पता था, उसकी पूरे दिन की प्यास अब भुजने वाली है, कैसा अमावस का दिन था ये, कंचन, रामलाल, चन्दा, भीमसिंघ, सावित्री और जसवंत सभी कामवासना की आग मे जल रहे थे।
चन्दा- आज तो आपका लंड पूरा लोहे ही ट तन्ना उठा है, और और झट से लंड को चूम कर अपनी जीभ सुपाड़े पर फिरा दी (चन्दा की चूत की गर्मी के बारे मे सोचकर और चन्दा के लंड के मुठियाने से लंड अब अपने पूरे शबाब पर था, फूलकर 10 इंच लंबा और 4 इंच मोटा हो चुका था)
BS- चन्दा ये तो तेरा ही कमाल है, तुझको कितना पसंद करता है ये।
चन्दा-छोड़ो जी कहा पसंद करता है, इतने इतने दिन प्यास रखता है हमे ये, पसंद करता तो रोज हमारे साथ खेलता।
BS- चन्दा ऐसे ना कहो, वो तो बच्चों की वजह से
चन्दा-बीच मे ही- क्या बच्चों को दोष देते हो, बच्चे भी तो इस लंड की वजह से ही जन्मे है अब लगता है बच्चा होने के बाद और उम्र के साथ हमारे बदन से मन भर गया इसका
BS- अरे नहीं चन्दा, तुम रानी हो इसकी, तुम इशारा करो हमेशा तुम्हारी सेवा मे तैयार रहेगा (भीमसिंघ बात को संभालता हुआ बोला)
चन्दा- तो ठीक है, अब तो हम कुछ नहीं बोल रहे है, पर आज इसको मेरी चूत को ठंडा करना ही पड़ेगा, नहीं तो देख लीजिएगा
BS- पर चन्दा, वीर कभी भी आ जाएगा, और इतनी जल्दी चुदाई पूरी
चन्दा- फिर वही बात, आपको बच्चों कि पड़ी है यहा मैं तड़प रही हू
BS- अच्छा अच्छा ठीक है चन्दा, ठीक है मेरी रानी (भीमसिंघ ने अब चन्दा के सर पर अपना दाय हाथ रख दिया और उसे सहलाने लगा, चन्दा के सर और हल्के हल्के गाल को वो सहल रहा था)
चन्दा भी अब मुसकुराते हुए, अपनी गर्दन और चेहरे को भीमसिंघ के हाथ की और झुका दिया। ठोड़ी देर तक ऐसा हुआ, फिर लंड आगे की और खिसक कर अपना मुंह लंड पर झुकाने लगी भीमसिंघ का हाथ अब चन्दा के सर पर था।
चन्दा की आंखे और भीमसिंघ की आंखे आपस मे मिली हुई थी, अब भीमसिंघ का हाथ रुक गया था और चन्दा के सर पर था, उसने भी हाथ से चन्दा का सर अपने लंड पर झुका दिया।
चन्दा ने लंड को ऊपर उठाते हुए, लंड को टट्टो के पास से हल्के से चूम लिया, लंड अब लोहे की तरह सख्त और गरम हो गया था, ऊपर से चन्दा की गरम साँसे लंड पर लग रही थी, जो भीमसिंघ को मदहोश कर रही थी,
चन्दा के होंठों का स्पर्श जैसे ही लंड पर लगा, भीमसिंघ की लंबी “आह” निकाल गई। चन्दा को भी लंड की तेज महक पाकर उसकी चूत की हवस और बढ़ गई, BSअभी नहकर आया था उसका बदन जो की ठंड था, वासना की गर्मी की वजह से फिर से गरम होने लगा था।
चन्दा ने लंड को नीचे से ऊपर तक होंठों से चूमा, उसके मोटे गुलाबी होंठों का गरम स्पर्श BS को आहे निकालने पर मजबूर कर रहा था।
BS- ओह चन्दा
चन्दा ने अब होंठों के बाद अपनी लंबी जीभ को निकालकर लंड को पूरा गीला करना शुरू कर दिया, और देखते ही देखते चन्दा के थूक से लंड गीला हो गया, BS अभी नहाकर आया था, फिर भी उसके लंड की महक बहुत तेज थी और वो लंड का मेल साफ नहीं करता था उसे मालूम था चन्दा को लंड चुसाई करते वक्त लंड को मेल खाना बहुत पसंद था, क्यू की चुदाई बेशक हो ना हो, पर लंड चुसाई जरूर होती थी।
चन्दा ने अब तेजी दिखाते हुए एक थूक का लौंदा सुपाड़े पर दे मार और, एक दम से लंड के सुपाड़े को मुंह मे भर लिया, और “चप चप लप लप लप लप पक पक” करते हुए लंड के सफेद मैल से भरे हुए मोटे सुपाड़े को साफ कर दिया, लंड का मैल चन्दा के मोटे गुलाबी होंठों पर लग कर फैल गया, जो की हल्का हल्का उसे गालों तक आरहा था, चन्दा का मुंह अब लंड चुसाई से लाल हो चुका था, उसने लंड को अपने बाये हाथ से पकड़ रखा था और मुंह को पूरा खोलते हुए वो सुपाड़े से लेकर नीचे लंड को 4-5 इंच तक लंड को अपने मुंह मे भर रही थी। और जोर जोर से लंड को मुंह मे खिच रही थी, जैसे जैसे चन्दा सुपाड़े को खिच कर मुंह से बाहर निकालती, “पक पक सक सक सक” की आवाजे गूंज उठती।
उधर वीर रामलाल के घर से वापिस आचुका था, और उसने देखा की घर का गेट बाहर से खुला हुआ है, और दोनों कुत्ते गेट के पास ही इधर उधर कुछ कुछ सूंघ रहे है। दोनों कुत्तों, शेरु और राजा, वीर को पहचान लेटे है, वो रामलाल के घर जाने से पहले दोनों को खाना देकर गया था। दोनों कुत्ते वीर को देखते ही चोककने हो जाते है, क्यू की वीर को उनका बेवजह इधर उधर आगन मे सूंघना पसंद नहीं था, वीर दोनों को इशारा करता है, तो दोनों कुत्ते भागकर पीछे बागीचे मे चले जाते है, और वीर घर मे घुस जाता है, वीर जैसे ही घर मे घुसता तो उसे बिल्कुल वैसी ही लंड चुसाई की आवाजे आरही थी, जो वो ठोड़ी देर पहले रामलाल के घर सुन कर आया था।
वीर जल्द से जहा से आवाज आ रही थी उस तरफ भाग उसने देखा ये आवाज तो उसके मा-बाप के कमरे से आ रही थी, और उसका दरवाजा खुला हुआ भी था। उसने सबसे पहले, अपने रूम मे जाकर अपना फोन ले लिया, जो की वो घर ही छोड़ गया था। वीर ने रूम से फोन उतया और सेल्फ़ी स्टिक भी उठा ली, और फोन को स्टिक मे लगा कर, मा-बाप के कमरे की तरफ धीरे धीरे हल्के कदमों से बढ़ा, और सेल्फ़ी स्टिक को दरवाजे की चोखट पर लगा दिया, और कैमरा ऑन करके रिकॉर्डिंग शुरू कर दिया, सिर्फ कैमरा दरवाजे की चोखट पर लगे होने से BSऔर चन्दा को पता नहीं चलता और वीर रिकॉर्डिंग अपने मोबाईल स्क्रीन पर देख भी लेता।
उधर कमरे के अंदर चन्दा और भीमसिंघ दोनों को कुछ खबर नहीं होती की कोई घर आया है औ उन्हे देख भी रहा है,चन्दा की चूत की हवस इतनी बढ़ चुकी थी की उस बस चुदाई के सिवा कुछ नजर नहीं आ रहा था। चन्दा ने BSके लंड को अपने होंठों के बीच कस रखा था, और मुंह मे लेकर जोर जोर से चूस रही थी। ऐसा थोड़ी देर करने के बाद, चन्दा ने भारी मोटे लंबे लंड के नीचे लटकते टट्टो पर ध्यान दिया, इतने बड़े और मोटे टट्टो को अनदेखा करना असंभव था, पंडित से भी बड़े टट्टे थे BS के, और वीर्य भी बहुत ज्यादा निकलता था।
चन्दा से बारी बारी लंड के टट्टो को मुंह मे भरकर चूसना शुरू कर दिया, और देखते ही देखते हवस से भूखी चन्दा ने अपने थूक से टट्टो को भिगो दिया, काम को जल्दी करते हुए चन्दा ने अपने मोटे मोटे स्तनों को बाहर निकाल कर नंगा कर दिया जिससे BS की हवस और बढ़ गई.
बाहर वीर अपनी मा का ऐसा रंडीपन देखकर हैरान था,
वीर मन मे- (मा तो बहुत तरीके से लंड चूस रही है, ऐसा तो मैंने कभी नहीं सुना किसी से, स्कूल मे दोस्त बात जरूर करते थे, पर लंड चुसाई मे इतना मजा आता है)
वीर का लंड अपनी मा-बाप के बीच कामक्रिया देखकर फिर से खड़ा हो रहा था, जिसने अभी ठोड़ी देर पहले वीर्य उगला था, वो फिर उसकी निक्कर के अंदर जोर मार रहा था। वीर का शरीर और पौरुष उसकी उम्र और बाकी लड़कों के मुकाबले बहुत ज्यादा था, और उसका लंड भी असमान्य तरीके से बड़ा था, ये भी एक वजह थी की वो स्कूल के लड़कों से चुदाई की बाते नहीं करता था, क्यू की स्कूल मे सब एक दूसरे को अपने लंड के आकार के बारे मे बताते और बात करते और बोलते की उस लड़की की चूत मे इतना गहरा जाएगा लंड।
वीर की निक्कर बहुत ढीली थी, उसक कडा लंड आसानी से ऊपर से देखा जा सकता था, सौभाग्य से उसको कोई भी नहीं देख रहा था, सिवाय लिंगदेव और योनिदेवी के।
लिंगदेव- देख रही हो, देवी चन्दा को सिर्फ अपनी वासना को शांत करने की चिंता है, उसको फिकर नहीं किसी मर्यादा की, की अगर उसका लड़का आभी जाए
योनिदेवी- आप उसे क्यों दोष दे रहे, इसमे उसकी कहा गलती है
लिंगदेव- गलती है देवी, अगर ये मनोहर पंडित को वही रोक देती तो ऐसा ना होता
योनिदेवी- पर ये बेचारी तो उसके जाल मे फासी हुई है, ये कर भी क्या सकती थी
लिंगदेव- देवी इंसान के पास सबसे बड़ी ताकत है उसका चुनने का अधिकार, अगर वो सही रास्ता चुनती तो कभी मनोहर के जाल मे ना फसती, मनोहर से बहुत पहले से ही चन्दा गलत रास्ते पर चल रही है, ऐसे मे मनोहर ने बस अपना फ़ाएदा ही देखा, ठीक वैसा ही किया जैसे चन्दा करती है, और कर रही है
योनिदेवी- परंतु देव अब क्या होगा, इसका तो खुद का बेटा इसको संभोग क्रिया करते देख रहा है
लिंगदेव- देवी ये तो होना ही था, चन्दा जब वीर को लेकर गर्भ से हुई तभी से इस घड़ी का होना तय हो गया था।
योनिदेवी- परंतु ये रुक भी तो सकता है
लिंगदेव- नहीं देवी, इसका होना जरूरी है, कंचन के गाँव मे आना भी हमारी वजह से हुआ, मायादेवी की हालत मे कमजोरी हमने ही करी थी, और उसकी वजह से ही कंचन गाँव आई, अगर कंचन गाँव ना आती तो वीर कभी कंचन से मिलने ना जाता, और ना चन्दा और भीमसिंघ अकेले होते ना उसे ऐसा काभी देखने को मिलता
योनिदेवी- परंतु, वीर को दिखाना क्यू जरूरी है
लिंगदेव- ताकि वीर को अपनी मा की असलियत का पता लगे, और वीर अच्छाई की तरफ चला जाए
योनिदेवी- पर ऐसा कैसे होगा देव
लिंगदेव- कंचन करेगी ये सब, कंचन के प्रभाव से वीर अच्छाई की तरफ चल जाएगा, और समय आने पर वो बुराई को हराने मे बड़ा किरदार निभाएगा
योनिदेवी- आप जो भी करते है उसके पीछे एक बड़ी वजह ही होती है, प्रणाम आपको
वीर पर बचपन से ही लिंगदेव का प्रभाव था, इससे उसका पौरुष समय के साथ दुगना चौगुना होता गया।
वीर के कमरे के अंदर जो हो रहा था उसकी वजह से उसके शरीर मे गजब की गरमी पैदा होनी शुरू हो गई थी, उसका ध्यान अंदर जो हो रहा था उसकी आवाजों और फोन की स्क्रीन पर था
अंदर चन्दा मोटे मूसल जैसे लंड की सेवा मे लगी थी, जो जल्द ही उसकी चूत की सेवा करने वाला था। चन्दा ने लंड को दोनों हाथों से पकड़ रखा था, और सुपाड़े को मुंह मे भर कर चूस रही थी। लंड बड़ी मुस्किल से उसके मुंह मे आरहा था, और “सक सक सक सक पच पच पच पच” की आवाजे आरही थी। भीमसिंघ ने भी चन्दा का मुंह पकड़कर लंड को अंदर ठूसकर धक्के मारना शुरू कर दिया, लंड बड़ी मुस्किल से मुंह के अंदर जा रहा था। फिर थोड़ी देर ऐसा करने के बाद BS बोला
BS- ओह चन्दा बस करो, तुम्हें पता है, हमारा इतना जल्दी नहीं होगा, हम तुम्हारी सेवा कर देते है, वीर..
वीर का नाम BS ने लिया ही था की चन्दा ने गुस्से भरी नजरों से BSको देखा, और लंड को जोर से दबा दिया और हल्का सा सुपाड़े को दातों से दबा दिया
BS की चीख निकाल गई। “ओह चन्दा क्या करती हो”
पर बात तो चन्दा को ये सच लगी, उसने झट से BS को बिस्तर पर पीछे धकेल दिया, BSके पैर थोड़े से बिस्तर से लटक रहे थे उसकी कमर और सर बिस्तर पर टिक चुके थे, उसके चेहरे पर मुस्कान फैल गई और चन्दा भी ये देखकर मुस्कुरा दी, उसको पता था क्या होने वाला है उसने एक तकिया खिचा और सर के नीचे लगा लिया।
बाकी अगले अपडेट मे॥ मिलते है कुछ वक्त बाद।।
बाकी का अपडेट कल मिलेगा, जिसमे चन्दा और भीमसिंघ का कारनामा पता लगेगा, तब तक के लिए जुड़े रहिए।