अपडेट- 23…………
सीन- श्याम नवाबी और रात गुलाबी जारी रखते हुए…….॥
कंचन जल पूरे घर मे छिड़क रही होती है छिड़कते हुए उसके मन मे चलता अभी श्याम मे गुजरे हुए पालो को याद करके उसका कालेज जोर से धडक उठता है और वो सोचती है की आज तो बच ही गए, सासु मा ने बस पकड़ ही लिया था।
अब आगे।
रात गुलाबी…….
कंचन के मन मे उत्तेजना और डर की तरंगे उठ रही थी, वो आज बाल बाल बच गई, नहीं तो मायदेवी उसे रामलाल का लंड चूसते पकड़ लेती, फिर तो भगवान जाने क्या होता।
पर कनक के अंदर की वासना अब शांत हो चुकी थी, वो भी लंड चुसाई करके बेहद खुश थी, उसका आखिर बचा हुआ सपना पूरा हो गया, उसने आखिर अपने ससुर का लंड चूस ही लिया जो काम पिछली चुदाई मे पूरा नहीं हो सका, रामलाल भी बेहद खुश था, उसको चैन मिल गया था और वो रात होने का भी बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था।
कंचन की रामलाल का वीर्यग्रहण करने के बाद चूत की फड़कन और संकुचन बहुत कम हो गया था, परंतु साथ मे रामलाल के साथ हुई पिछली सभी घटनाए उसकी यादे उसके दिमाग मे छप गई, रामलाल के सभी राज और बाते उसे पता लग गई थी। कंचन को पता लग गया था की रामलाल अपनी जवानी मे कितनी लड़किओ की जवानी का रस पी चुका था, यह तक की उसने चन्दा के साथ भी चुदाई का खेल खेला था, कंचन को रामलाल के ऊपर थोड़ा विस्वास कम हो गया था क्यू की जो मर्द इतनी औरतो का रस पी चुका था वो इतनी जल्दी उसके काबू मे नहीं आ सकता था, पर रामलाल तो उसके पिछले जनम मे भी उसके साथ था उसका क्या मतलब है, और लिंगदेव कह रहे थे की पिछले जनम मे तुम्हारे साथ धोखा हुआ था, ये सब बाते याद करके कंचन का मन बेचैन हो चुका था, पर अब कंचन को उसकी सारी बातों का पता लग चुका था, ऊपर से रामलाल ने कंचन को वादा भी किया था वो इसको अपनी मर्जी से इस्तेमाल कर सकती थी, और रामलाल को काबू मे कर सकती थी।
पर रामलाल तो सच मे कंचन के पीछे दीवाना हो गया था, वो सब कुछ कंचन के लिए करने को तैयार था, वो अपनी बहू से प्यार करने लगा था, और उसने इतने सालों के बाद ऐसी सुखी को महसूस किया था वो इस सुखी को बरकरार रखना चाहता था।
यहा कंचन घर मे जल छिड़क रही थी, पूरे घर मे और आँगन मे जल छिड़कने के बाद आखिर मे जब वो अपने कमरे के पास जल छिड़कने के लिए पहुची तो उसे अपने कमरे के पास वाले बाथरूम के पास कुछ पैरों के जूतों के निशान दिखते है, वो स्पोर्ट्स जूतों के निशान थे, कंचन समझ जाती है कोई यहा आया हआ, फिर वो बाथरूम के अंदर झाकती है तो उसे बाथरूम मे अपनी लाल कच्छी पड़ी हुई मिलती है, उसे आश्चर्य होता है और वो याद करती है कही उसने तो यहा अपनी कच्छी नहीं चोड़ दी, वो जल के लोटे को साइड मे टेबल मे रखती है और जल्दी से उस लाल कच्छी को उठा लेती है।
फिर कंचन बाथरूम मे खड़ी हुई उस कच्छी को अंदर से देखती है तो उसे पता लगता है पूरी कच्छी पर मर्द का सफेद वीर्य लगा हुआ है, जिसमे से तेज गंध आ रही थी, कंचन ने वीर्य को अपनी नाक के पास लाया तो वीर्य की तेज महक से उसे वासना चढ़ने लगी, उसके मन मे वीर्य के स्वाद को लेकर जिज्ञासा होने लगी, कंचन अपनी कच्छी पर लगे वीर्य को अपनी जीभ निकाल चाट लेती थी और अच्छा खासा वीर्य का लोंदा मुंह से भर कर खा लेती है, कंचन की आंखे ताज़ा वीर्य के स्वाद से बंद हो जाती है और हल्की दबी “आह” निकाल जाती है, उसकी चूत हल्की सी तरंग छोड़ देती है, वीर्य का स्वाद बहुत तेज और हल्का मीठा था, कंचन ने अभी ठोड़ी देर पहले अपने ससुर रामलाल का वीर्य चखा था और अब ये अपनी कच्छी पर लगे वीर्य के स्वाद को चखने के बाद समझ गई की ये वीर्य किसी जवान का है। जूतों के निशान और वीर्य के स्वाद से कंचन का शक सीधा वीर पर चला जाता है
कंचन के मन मे वीर का विचार आते ही वो डर जाती है उसका मन तेजी से भागने लगता है, की कही वीर ने उसे और ससुर को चोरी छिपे देख तो नहीं लिया है, दूसरा वो रामलाल को लेकर रात के लिए भी परेशां थी की कही उसकी योनि के कौमार्य से उसको कोई शक ना हो जाए। कंचन अपने हाथ मे अपनी कच्छी लिए बाथरूम मे खड़ी ये सब सोच रही होती है।
इतना ही था की माया की आवाज आती है
माया- बहू पानी छिड़क दिया पूरे घर मे
कंचन- हा माँजी छिड़क दिया
माया- तो बहू रात के खाने की तैयारी कर लो
कंचन- हा माँजी अभी करते है
ये बोलकर कंचन अपनी कच्ची धोने के कपड़ो मे डाल देती है, और जल्दी से अपने कमरे मे जल छिड़क कर, रसोई मे खाना बनाने की तैयारी करती है, वो जल्दी से दाल को कुकर मे डाल कर गैस पर चढ़ा देती है, और सब्जी जल्दी जल्दी काट लेती है। जब तक कुकर की सीटिया आ रही होती है कंचन के मन मे काफी सवाल चल रहे होते है।
खासकर के उसे रामलाल की सबी यादों और मन के रहस्यों का कैसे पता लगा, और चन्दा चाची से बात करते समय उसकी चूत की फड़कन बंद होने का क्या मतलब था, और रात मे अगर रामलाल के साथ चुदाई हुई तो योनि के कौमार्य का क्या जवाब देंगे, और पिछले जनम मे हमारा और रामलाल का क्या तालुक है और क्या हम ऐसे ही किसी को ना बताए इन सब बातों को मन मे दबाकर रखेंगे, और वीर ने भी हमे ऐसे देख लिया है हम अब क्या करेंगे।
इतना ये सब सोचकर कंचन परेशान हो रही थी उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था, उसका कलेजा बैठ जा रह था, फिर उसे याद आता है की लिंदेव ने कहा था की वो किसी भी वक्त बलदेव के रूप मे याद करके उसको बुला सकती है उनसे बात कर सकती है। कंचन रसोई मे अकेली थी, रामलाल और माया बाहर आँगन मे बैठे थे, उसने लिंगदेव से बात करना उचित समझा, और पहली बार खुद से लिंगदेव को याद किया, “हे लिंगदेव हाम्रा मार्गदर्शन करे”
लिंगदेव- प्राणम देवी,
कंचन- प्रणाम लिंदेव
लिंगदेव- देवी बताओ हमे कैसे याद किया।
कंचन- हे देव, हमारे मन मे बहुत सवाल है जिनके होते हमारा मन व्याकुल हो रहा है
हलाकी लिंदेव को कंचन के मन मे चल रहे सभी सवालों का पता था, क्यू की लिंदेव हमेशा कंचन के साथ रहता था, और उसके मन की आवाज वो सुन सकता था, पर फिर भी
लिंदेव पूछते है- कोनसे सवाल देवी ?
कंचन- हे देव, हमारे ससुर का वीर्य ग्रहण करने के बाद हमारे मन मे ये कैसे पिछले जीवन की चित्र अआ रहे है जिनमे हमे उनकी आकृति दिख रही है, और इस जीवन की उनकी सभी यादे और घंटाए हमे कैसे मालूम हो गई है ?
लिंगदेव- तुम किसी भी मर्द का वीर्यग्रहण कारोगी तो उसकी सभी यादे और राज तुम्हें पता लग जाएंगी,
कंचन- पर क्या हम अपने ससुर पर भरोसा कर सकते है, उनके इस जीवन की यादे देखकर हमारा मन बेचैन हो गया है
लिंगदेव- आप एक योनिदेवी का अवतार है, आपको व्याकुल होने की कोई जरूरत नहीं है, आपको अपने ससुर के बारे मे फिकर करने की जरूरत नहीं है, वो हमारे अवतार का स्वरूप है वो आपको कभी अपने मन से हानी नहीं पहुचाएंगे। हमारा कोई भी रूप आपको किसी भी तरह से हानी नहीं पहुचाएगा, आप निश्चिंत रहे
कंचन लिंगदेव के ऐसा बोलने से रामलाल को लेकर पूरी तरह से आश्वासत हो जाती है, उसके मन से सारी बाते रामलाल को लेकर गायब हो जाती है,
पर फिर वो पूछती है
कंचन- पर अगर वो हमारी असलियत जान गए तो क्या होगा, हमारे शरीर के बदलाव के बारे मे हम कैसे उनसे छिपा पाएंगे
लिंगदेव- जितना हमे पता है देवी आपने अपने शरीर के बदलाव को बखूबी छिपा लिया है
कंचन समझ जाती है की लिंगदेव को उसके साथ श्याम मे जो कुछ भी हुआ उसका पता है फिर भी वो पूछती है - लिंगदेव हमारे शरीर के बदलाव तो ठीक है परंतु हम अपनी योनि के बदलाव को कैसे छुपा पाएंगे, क्या हम किसी के साथ भी अपनी असलियत के बारे मे बात नहीं कर सकते, हम बहुत चिंतित है
लिंगदेव- देवी तुम्हारा चिंतित होना सही है, तुम फिलहाल सिर्फ एक औरत को ही अपनी सच्चाई के बारे मे बता सकती हो, पर उससे पहले तुम्हें उसका एक इम्तेहान लेंना होगा
कंचन- कैसा इम्तेहान हे लिंगदेव !
लिंगदेव- तुम्हें उसे अपनी योनि का रस चखाना होगा, अगर उसे वो कड़वा और तीखा लगता है तो तुम्हें उससे दूर रहना होगा, और अगर उसे वो मीठा और स्वाद लगता है तो मतलब तुम से अपनी सच्चाई बता सकती हो, मर्द की तरह औरत पर तुम्हारे सम्मोहन का असर अपने आप नहीं नहीं होगा तुम्हें उसे अपना योनि रस खिलाना पड़ेगा, तुम बस उनको अपने योनि के रस के जरिए ही उसकी अंदर अच्छाई और बुराई का पता लगा सकती हो
कंचन- पर क्या बुराई का पता हमारी योनि के संकुचन से नहीं होगा ?
लिंगदेव- हा देवी, वो भी एक रास्ता है परंतु, एक औरत के पास अगर तुम्हारी योनि का संकुचन बंद हो जाता है उसका मतलब ये है वो औरत बुरी शक्ति और शैतान को पूजती है, योनि रस के चखने से बस तुम्हें एक औरत के अच्छे और बुरे सावभाव का पता लग जाएगा, परंतु जब तुम्हारी शक्तियां बढ़ जाएंगी तो तुम्हारे योनि रस के ग्रहण से औरते भी तुम्हारी भक्त बन जाएंगी और समय के साथ तुम्हारे योनिरस के ग्रहण से बुरी शक्तियों का प्रभाव किसी भी आदमी या औरत से भी हट जाएगा, फिलहाल तुम्हारे अंदर इतनी शक्ति है की तुम किसी भी मर्द को अपना योनिरस खिलाकर सम्मोहित कर सकती हो, चाहे वो हमारी चेतना का रूप हो या ना हो।
कंचन- इसका मतलब मुझे चन्दा चाची से दूर रहना होगा, क्यू हमारी योनि का संकुचन उसके पास बंद हो गया था,
लिंगदेव- हा देवी तुमने सही सोचा, उस पर बुरी शक्तियों का साया है तुम्हें उससे दूर रहना होगा,
कंचन- धन्यवाद लिंगदेव इसकी पुष्टि करने के लिए, पर देव हम हमारी शक्ति को हम कैसे बढ़ा सकते है
लिंगदेव- जिन पुरुषों के अंदर लिंगदेव की शक्ति ज्यादा है जो तुम्हें योनि के संकुचन से पता लग जाएगा, तुम्हें वैसे ही वीर्यवान मेरी लिंगदेव की शक्ति से भरपूर शक्तिशाली पुरुषों शक्तिशाली का वीर्यग्रहण करना होगा, और तुम्हें ज्यादा से ज्यादा जवान मर्दों का वीर्यग्रहण करना होगा उनके वीर्य मे शक्ति होती है, और जैसे तुमने राजकुमार (रामू) का कौमार्य लिया था, वैसे ही अगर कोई जवान मर्द तुम्हें अपना कौमार्य दे देता है तो तुम्हारी शक्ति उससे की गुणा जल्दी बढ़ जाएगी
वीर के समय कंचन को चूत की संकुचन का पता इसीलिए नहीं लगा क्यू की उसने कुछ देर पहले ही रामलाल का वीर्यग्रहण किया था जिससे उसकी चूत फड़कनी बंद हो गई थी
कंचन- परंतु हमारी योनि के कौमार्य का सच हम अपने ससुर से कैसे छुपा पाएंगे
लिंगदेव- देवी तुम्हारे ससुर तुम्हारे प्रति अपने मन मे वासना रखते है इसीलिए वो तुम्हारे सम्मोहन का शिकार है इसीलिए वो तुम्हारे लिए हमेशा अच्छा करेंगे और सोचेंगे, पर जैसे ही तुम्हारी योनि का रस चखेगा वो तुम्हारी तरफ और ज्यादा सम्मोहित हो जाएगा, उसके बाद तुम्हें उसे सच बताने की जरूरत नहीं है, तुम उसकी यादों को सम्मोहन के जरिए बदल सकती हो
कंचन- पर क्या हम किसी मर्द को नहीं बता सकते ?
लिंगदेव- नहीं देवी अभी उसका समय नहीं आया है अभी तुम्हें अपनी सच्चाई किसी भी मर्द से छुपानी होगी चाहे वो रामलाल ही क्यू ना हो
कंचन- ठीक है जैसा आप कहे
लिंगदेव- ठीक है देवी हम अब चलते है।
कंचन- प्रणाम देव
इतनी बात हुई ही थी, डाल कुकर मे पक चुकी थी और कंचन से कुकर गैस से हट दिया था, और इसके साथ कंचन के मन मे अपनी शक्ति को बढ़ाने के लिए विचार आने लगते है कैसे वीर ने उसको देख ही लिया था शायद वो वीर को भी अपनी तरफ आकर्षित कर पाए, और चन्दा से उसे दूर रहना होगा, कंचन के मन मे ये सब चल रहा था की उसका फोन बजने लगता है, वो अपने फोन लेने रसोई से अपने कमरे की तरफ भागती है, पर जब तक वो पहुचती है उसका फोन बजना बंद हो जाता है, फिर एक मैसेज की आवाज आती है वो अपना फोन चेक करने लगती है,
फोन चेक करने के बाद उसे पता लगता है उसकी सहेली फोन कर रही थी और उसी का मैसेज आया है,
रात मे सहेली का फोन आया।।
नीलम- हाय कंचन क्या हाल है तेरे
कंचन- मैं अच्छी हू तू बता
नीलम- तू तो अच्छी होगी ही अपने ससुराल मे जो है
कंचन- क्यू यहा ऐसा क्या है
नीलम- अच्छे मोटे मोटे लंड है वहा
कंचन- हाए क्या कह रही hai तू मैं तो अकेली हू बिल्कुल मेरे पति भी नहीं है
नीलम- पति कीसे चाहिए तेरी चूत की गर्मी मिटाने के लिए पूरे गाँव के मर्द है ना
कंचन- नीलम तू भी ना कैसी बाते कर रही है, एक तो मेरे पति नहीं है यह और तू ऐसी बाते करके तड़पा रही है
नीलम- क्यू री साली तुझे पति का लंड याद आ रहा है
कंचन- तू ही बता 1 महिना होने का आया क्या हाल होगा
नीलम- हाए ऐसी बात है तो कैसा है जीजा का लोड़ा तेरी चूत को भर देता है हा की नहीं
कंचन- हा अच्छा है
नीलम- अरे खुल के बता ना मुझसे क्यू शर्मा रही है शादी के बाद भी लंड खाके ऐसे शरमाती है
कंचन- हा नीलम बहुत मोटा तगड़ा है अब खुश
नीलम- फोटो तो भेज मुझे मैं भी देखू जीजा जी का लोड़ा
कंचन- हाए नीलम कैसी बात करती है फोटो कोन खीचता है ऐसी
नीलम- क्यू ये देख सुधीर का लंड
कंचन- हाए नीलम ऐसी फोटो मत भेज मुझे किसी ने फोन देख लिया तो गड़बड़ हो जाएगी
नीलम- तो लॉक लगा कर रखा कर ना, तू वो चोद कैसा है ये बता
कंचन- हाय मैं क्यू बताऊ तुझे अच्छा लग्न चाहिए मेरी बात से थोडी ना फरक पड़ेगा (कंचन को सुधीर का लंड याद था कैसे सुधीर ने अपना लंड कंचन को फिल्म के बीच थमा दिया था)
नीलम- अरे तू बता ना मुझे फरक पड़ेगा मेरी सहेली को पसंद आया की नहीं जीजा जी से अच्छा लगा
कंचन- नहीं उनका तो इससे बड़ा है और मोटा भी
नीलम- हाय कंचन क्या बात कर रही है, तेरी तो लोटरी लग गई, चल बड़िया है तेरी जैसी फिगर है भारी मांसल तेरी चूत को मोटे लंबे लंड की ही जरूरत है
ये पढ़कर कंचन फोन कर देती है की कही शायद फोन करने पर नीलम और फोटो ना भेजे
नीलम- हाए कंचन कैसी है, रहा नहीं गया तुझसे लंड की याद मे मुझे ही फोन लगा दिया, जीजा जी को मिलाती, हाहा
कंचन- नीलम कैसी बात कर रही है यू फोटो ना भेज
नीलम- अच्छा नहीं ठीक है नहीं भेजूँगी, पर तू पहले बता जीजा जी का लंड कैसा है कितना लंबा है
कंचन- वो अच्छा मोटा लंबा है 8 इंच लंबा लगभग 3 इंच मोटा
नीलम- हाए कंचन सच मे मुझे तो तुझसे जलन हो रही है, मेरे पति का तो 7 इंच का ही है तेरी तो सच मे मोज ही हो गई, कॉलेज मे भी सबी लड़के तुझे ही ताड़ते थे, अब शादी के बाद भी तुझे बड़िया लंड भी मिल गया
कंचन- इसमे बड़िया क्या है, बड़ा होता है तकलीफ भी उतनी ही होती है, मुझे तो शुरू मे बहुत दिक्कत होती थी जान निकाल जाती थी, सुहागरात मे कितना खून बहा था, मैं 3 दिन लंगड़ाकर चलती रही
नीलम- हाए कंचन सच मे जीजा ने चूत का कचूमर बना दिया, चल सील टूटने पर ये तो होता ही है पर बाद मे तो तुझे मजा आया होगा
कंचन- कंचन शरमाकर बोलती है हा बाद मे अच्छा लगा था
नीलम- हाए इतना मोटा लंड कहकर तेरा बदन भर गया होगा, चूत का भोंसड़ा बना दिया होगा जीजा तेरी चूत चोद चोद कर
कंचन- हाय नीलम कितना गंदा बोलती है तू
नीलम- बता दे ना कितना हो गया तेरा साइज़, तेरी चूचियाँ जीजा से चूसकर कितनी बढ़ा दी
कंचन- मुझे नहीं पता,
नीलम- ये देख तू मेरा साइज़,
कंचन देखती है whatsapp पर फिर से नीलम से फोटो भेज दी है
कंचन- नीलम तू फिर फोटो भेज रही है, हाए तू तो एक दम बदल गई, इतनी भारी चूचियाँ हो गई तेरी
नीलम- हा और क्या शादी के बाद ऐसा ही होता है, पूरा 36 d हो गया है इनका साइज़
कंचन- लगता है सुधीर ने पूरी मेहनत करी है
नीलम- हाहा सिर्फ सुधीर ने नहीं की
कंचन- क्या मतलब
नीलम- मतलब तुझे बाद मे बताऊँगी पहले तू ये अपना साइज़ तो बता
कंचन- अच्छा अच्छा बताती हू मेरा साइज़ 38 इंच c कप हो रखा है
नीलम- और गांड का तो बता साली
कंचन- हाय नीलम तू भी ना, सब जानकर छोड़ेगी तू, 38 इंच
नीलम- मेरा तो 40 इंच हो गया है। चूचियोंं का भी थोड़े दिन पहले ही d कप हुआ है देख
पिक
कंचन- हाए तेरी तो इतनी बड़ी गांड हो गई, ये तो बिल्कुल मेरे जैसी हो गई है, ऐसा क्या कर रही है तू नीलम
नीलम- तुझे करना है तो बता तेरी भी करवा दूँगी
कंचन- नहीं नीलम नहीं करवानी, मेरी तो इतनी ही बहुत है, तू कुछ गलत तो नहीं कर रही है
नीलम- मैं ये कर रही हू, या बोल करवा रही हू
कंचन- हाए नीलम ये तो बहुत मोटा है, तूने गांड मे ले रखा है, नीलम तू गांड मे लंड डलवाने लग गई, हाए तुझे दर्द नहीं हुआ
नीलम- हुआ था शुरू मे बहुत, बाद मे बहुत मजा भी आया, इसी के वजह से मेरी गांड बड़ी हो गई,
कंचन- क्यू नीलम तुझे चूत मे मजा नहीं आता था,
नीलम- आता था पर मैंने सुधीर को फुसलाया अपने जाल मे फिर सुधीर ने भी बहुत जिद करी और कहा की तेरे चूतर इससे और बड़े और भर जाएंगे, मैं भी बहुत औरतो से सुना थी की गांड चुदवाने से चूतड़ भर जाते है तो मैं बड़ी गांड की चाहत मे अपनी गांड चुदवा बैठी
कंचन- जाल मे कैसे जाल मे ? पर तू तो कह रही ठी की सिर्फ सुधीर की मेहनत नहीं है
नीलम- हा वो एक और भी है उसका बहुत बड़ा है वो भी मेरी गांड मारने की फिराक मे है
कंचन- हाए तो उसको अपनी गांड दे दी तूने,
नीलम- नहीं नहीं उसका तो बहुत बड़ा है मैं डरती हू,
कंचन- इतना बड़ा सुधीर का तूने ले लिया, ऐसा उसका कितना बड़ा है
नीलम- सुधीर का तो सिर्फ 7 इंच लंबा और 2 इंच मोटा है पर उसका पूरा 10 इंच लंबा है उसका 3.5 इंच मोटा, मेरी कलाई से भी मोटा है ये देख
कंचन- हो नीलम, ये तो सच मे बहुत लंबा और मोटा दिख रहा है, तूने इतना मोटा लंड खा कैसे लिया
नीलम- तुझे याद है कैसे हमने एक साधु का लंबा लटकता लंड देखा था जो की 10 इंच का था
कंचन- हा मुझे याद है तू लंबे लंडों को देखकर हमेशा पागल हो जाती थी
नीलम- मुझे तबसे ही चाहत थी की इतने लंबे लंड से चुदवाऊ, और तेरी जितनी सुंदर और भरे बदन वाली तू हू नहीं मैं की लंडों की कतार लगी हो मेरे लिए, इसीलिए मैने मोका देखते ही लंड खा लिया
कंचन- पर कोन है ऐसा जो तूने शादीशुदा होने के बाद अपनी चूत उसे दे दी
नीलम- हाय तुझे कैसे बताऊ, चल बताती हू तू मेरी सबसे पुरानी बचपन की पककी सहेली है, तेरे ऊपर विस्वास है,
कंचन- हा तू मुझे बता सकती है
नीलम- बता रही हू, तुझे बड़ी लंड चुदाई जानने की इच्छा हो रही है, वैसे तो बड़ी शर्मीली बनती है, साली चुदक्कड़ है तू भी खोब जीजा का मोटा लंड अपने भारी मोटे चूतड़ उठा उठा के लेती है मुझे पता है
कंचन- अच्छा नीलम ठीक है मुझे नहीं जानना
नीलम- अरे अरे ठीक है फिर शर्मा रही है बताती हू, वैसे भी मुझे किसी को तो बताना है यह पड़ोस मे किसी को नहीं पता ना ही मैं बताई, तुझे तो पता है किसी को अगर बात ना बताऊ तो मेरे पेट मे दर्द हो जाता है
कंचन- अच्छा अच्छा बता कोन है
नीलम- वो हमारा दूधवाला है
कंचन- हाए नीलम दूधवाला, तूने एक दूधवाले से चूत मरवा ली
नीलम- बहन वो कोई ऐसा वैसे दूधवाला नहीं है, उसका बदन लंबा चोंड़ा बहुत गठीला है 6 फुट लंबा जाट है,
कंचन- तो फिर भी तू तो शादीशुदा थी सुधीर का खयाल नहीं आया तुझे
नीलम- नहीं ऐसा नहीं है की मुझे लंड की भूख थी तो उससे मैंने चूत चुदवा ली तुझे तो याद है कॉलेज मे भी मैंने सिर्फ सुधीर का साथ ही संबंध बनाए थे, उसके बाद उससे ही शादी करी, मैंने उसी से प्यार किया
कंचन- तो फिर क्या हुआ
नीलम- तुझे तो याद है मैं शादी से पहले कॉलेज के समय मे दुबली पतली थी, पर शादी के बाद सुधीर ने मेरी दिन रात चुदाई करी, 1 दिन मे मेरी 5-6 बार चूत चोद देता था, सिर्फ रात रात मे ही 3-4 बार मेरे अंदर वीर्य गिर देता था, तो इतनी चुदाई के बाद मेरा बदन भर गया, काफी ज्यादा मादक और कामुक हो गया, मोहल्ले के सभी मर्द, जवान और बूढ़े मुझे देखकर लंड मसलने लगे, और मुझे भी ऐसे मर्दों को तड़पाना अच्छा लगने लगा, सुधीर भी मेरे भरे बदन से चिपका राहत था मोका मिलते ही मुझे चोद देता था, पर धीरे धीरे वो काम मे बंध गया, और मेरी चुदाई काम होने लगी।
कंचन सुन रही थी उसके साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था, जब उसके पति ने उसकी चुदाई करनी कम करदी थी, उसके देवर रामू के लंड के ऊपर उसकी चूत और गांड की जिम्मेदारी आ गई थी।
कंचन- तो फिर क्या हुआ
नीलम- फिर मेरी काम चुदाई की वजह से मेरी हवस बढ़ती चली गई, और मैं पूरे दिन कामवासना मे जलती रहती, पर ऐसे ही कई दिनों से दूधवाला मुझपर नजर रखे था, उसकी नजरों ने मेरी चूत की गर्मी को पहचान लिया था, उसने धीरे धीरे मुझ पर लाइन मारना शुरू कर दिया, और फिर धीरे धीरे उसने मारली मेरी
कंचन- हाए नीलम सच मे, तेरी बातों से लग रहा है तू बहुत तड़प मे थी
नीलम- हा बहन तू सच कह रही है दूधवाले ने ही मेरी तड़प को दूर किया
कंचन- तो फिर सुधीर से अच्छा चोदता है क्या वो
नीलम- लंड सुधीर से लंबा और मोटा है तो अच्छा चोदेगा ही
कंचन- लंड बड़ा होने से कुछ नहीं होता, चुदाई की कला भी आनी चाहिए, इनका लंड अच्छा खासा बड़ा है पर फिर भी चुदाई मे हमे कभी कभी इतना दर्द होता की मजा नहीं आता (कंचन अपने पति के बारे मे सोचते हुए बोली की अगर राकेश सही से चुदाई करता तो उसको कभी अपनी देवर का लंड खाने की जरूरत नहीं पड़ती)
नीलम- हा कंचन ये बात तो तुमने सही कही सुधीर का लंड बेशक 7 इंच का है पर उसके साथ मेरा प्यार है लगाव है मुझे संभोग मे बहुत आनंद मिलता है वो चुदाई की कला मे माहिर भी है, पर मुझे और लंबे मोटे लंड की तलब थी, तो दूधवाले की चुदाई से मैं पूरी तृप्त हो गई उसके साथ चुदाई मे सिर्फ हवस होती है हवस भरी चुदाई का अपना मजा है उसने मुझे बहुत बार वहसी जानवर की तरह मुझे चोदा मुझे बहुत मजा आया, ये देख उसका लंबा लंड
कंचन- हाए ये क्या ये तो सच मे बहुत बड़ा है और तूने ये फोटो बलवंत को भी दी है
नीलम- हा तो क्या हुआ इसमे मेरी शक्ल ठोड़ी ना है, सिर्फ मेरे चूतड़ और लंड की फोटो है
कंचन- पर नीलम है तो दूधवाला ही, उसपर कैसे भरोसा कर सकती हो
नीलम- अरे वो ऐसा वैसा दूधवाला नहीं उसका बड़ा कारोबार है, उसने बताया की उसे मैं पसंद थी इसीलिए वो मेरे पड़ोस मे खुद दूध देता है, नहीं तो उसकी बड़ी जमीन है, मैंने खुद पता करवाया, उसका नाम बलवंत है, बड़ा नाम है उसका दूध के व्यापार मे
कंचन- अच्छा तो फिर सुधीर का क्या, जब तू इतने मोटे लंड से चुदी तो उसे पता नहीं लगा, तेरी चूत चोड़ी होकर खुल नहीं गई
नीलम- शुरू शुरू मे थोड़ा शक हुआ था, तो मैंने माहवारी का बहाना बना दिया था, क्यू बलवंत से पहली चुदाई के बाद मेरी छूटह से खून निकाल आया था, और सूज गई थी,
कंचन- हाए तो सुधीर ने क्या बोला, उसको तो लंड घुसते ही पता लग गया होगा
नीलम- हुआ यू की दिन मे बलवंत से चुदने के बाद जब रात मे सुधीर से चुदी तो उसको चूत खुली खुली लगी मुझे भी लंड कम मोटा महसूस हुआ और चूत का खालीपन पता लगा, क्यू की बलवंत का तो अंदर तक भर देता था, तो उसने बोला चूत खुली खुली क्यू है, और हाथ लगाकर चक किया तो खून भी बह रहा था
कंचन- तो तूने क्या बोला
नीलम- मैंने बोलना क्या था, खून की सोचकर माहवारी का बोल दिया, पूरे दिन चूत मे दर्द वैसे ही हो रहा था, बलवंत का इतना लंबा लेकर मेरी चूत मे पूरे 2 दिन दर्द रहा, उसके बाद मैंने चूत की सिकाई करके उसे ठीक किया
कंचन- फिर बाद मे सुधीर ने कुछ नहीं बोला
नीलम- नहीं बाद मे मैं बलवंत से दिन मे चुदवाकर रात तक चूत को सिकाई और फिटकरी से टाइट कर लेती थी, और थोड़ा तेल लगा लेती ताकि शक ना हो,
कंचन- अच्छा तू तो बड़ी चालक हो गई है लंड खाने के लिए, ये सब कहा से पता लगा
नीलम- हा साली क्या बताऊ, शुरू मे मैं भी बलवंत से शरमाती थी पर उसने जब एक दिन धोती ढीली करके अपना 10 इंच लंबा मूसल दिखाया तो अपने आप को 2 दिन भी रोक ना पाई, पड़ोस की औरते और इंटरनेट पर खूब ऐसा चोदा चोदी का ज्ञान मिलता है
कंचन- पूरी चुदक्कड़ हो गई है तू तो
नीलम- हा उसी की वजह से चूचियाँ 36 d की हो गई है, और ये तो पिक थोड़े वक पहले की शायद 38 की हो गई हो ब्रा और ब्लाउज फिर से टाइट हो गए है
कंचन- क्यू ऐसा क्या करता है वो
नीलम- वो ऊपर से छेड़ता बहुत बड़िया है
कंचन- छेड़ता है मतलब ?
नीलम- बहन क्या बताऊ कितना मजा देता है, पूरा निचोड़ के रख देता है साला, बहुत जोर से चोदता है और चूचियोंं को मसल मसल कर मीजह कर रस पीता है, कहता है हम दूधवालों को चूचियाँ दुहना और पीना अच्छे से आता है उसने तो शुरू मे ही कहा था की मेरे बदन को भर देगा, और यही हुआ मेरी चूचियाँ उसने 36 c से d कर दी
कंचन- लगता है सारा दूध वो तेरा खुद ही पी रहा है, और तू उसकी मलाई खा रही है हआहा
नीलम- हा तू कह तो ठीक रही है, उसकी मलाई बहुत स्वाद और गाढ़ी है,
कंचन- मतलब तूने उसका लंड भी चूसा है ?
नीलम- हा और क्या पागल लंबा मोटा लंड चूसने मे जो मजा है छोटे लंड मे नहीं है, और उसका वीर्य तो खूब गाढ़ा और स्वाद है
ये बात तो नीलम ने सच कही थी, कंचन को भी लंबे मोटे लंड चूसने मे मजा आता था, वो खुद सोच रही थी कैसे लंबा मोटा लंड चूसते समय उसका मुंह भर जाता है और गले के अंदर तक लंड ठूसने मे जो मजा आता है।
कंचन- तो तू सिर्फ बलवंत की प्यास मिटा रही है
नीलम- हा बिल्कुल वो मेरा नया आशिक है, नई आशिक़ी मे जोश ज्यादा होता है, पर मैं ध्यान रखती हू की सुधीर भी भूखा ना रहे, इसीलिए तो गांड सबसे पहले उसे चोदने दी
कंचन- मतलब क्या ?
नीलम- मतलब ये की, बलवंत मुझे ज्यादातर कुतिया और घोड़ी बनाकर और मेरे ऊपर चढ़कर ही चोदता है, कभी कभी तो पेट के बल लिटाकर गांड दबा दबा कर लंड ठोकता है, मेरी भरी हुई गांड देखकर बलवंत मुझे गांड चुदाई के लिए मजबूर कर रहा था, उसी की वजह से मुझे सुधीर को पहले अपनी गांड का तोहफा देना पड़ा, बलवंत मुझे रोज 2-3 बार दिन मे चोदता था, और रात मे कभी कभी सुधीर चोद देता था, ऐसी डबल डबल चुदाई से मेरी गयंद और बड़ी और भरने लगी थी, तो जब मैंने सुधीर को गांड चुदाई के इशारे किए
कंचन- इशारे कैसे इशारे ?
नीलम- अरे मैं कभी कभी जब वो मेरी चूत लंड ठूस के चोद रहा होता मैं उसकी गांड के ऊपर उंगली फेर देती थी
कंचन- ओह बड़ी चालक तरकीब निकाली तूने चुदेल
नीलम- हाहा क्या करती बड़ा लंड आपसे कुछ भी करा देता है, फिर जब सुधीर ने गांड चुदाई का बोला तो मैं ठोड़ी ना नुकर का नाटक करके माँ गई, सच दर्द तो बहुत हुआ पर मजा भी बहुत आया, सच कहु लंड का सुपाड़ा घुसने के बाद दर्द खतम हो गया था, पर मुझे मालूम है बलवंत के साथ मुझे दर्द तो होगा ही पर शयड खून भी निकाल आई क्युकी चुदी चुदाई चूत मे से उसने खून निकलवा दिया था, पटा नहीं गांड का तो क्या हाल करेगा।
कंचन को पता था लंड अगर लंबा और मोटा हो तो सिर्फ सुपाड़ा नहीं पूरा लंड घुसते वक्त दर्द का पता लगता है,
कंचन- हाए नीलम फिर तो सुधीर तो पता लग ही जाएगा
नीलम- साली तुझे कुछ नहीं पता शादी करके भी तू इतनी कच्ची है, गांड का छेद कभी भी ढीला नहीं होता, उसका लचीलापन उतना ही रहता है, बस मुझे ये सुधीर से गांड चुदाई की ये राहत हुई है की अब मैं बलवंत से चूत चुदवाने के बाद फिटकरी और सिकाई नहीं लगाती, पूरे दिन चूत मे जो मीठी मीठी चुदाई की टीस रहती है और अंदर जो लंड की मलाई पड़ी रहती है उसकी चुनमून का मजा लेती हू, बस रात मे चुदाई से पहले चूत धोकर सुधीर से गांड चुदवा लेती हू, अब उसे और मुझे गांड चुदाई का ऐसा चस्का लगा है की वो मेरी रोज सिर्फ गांड ही चोदता है, दिन मे बलवंत चूत मार लेटा है और रात मे सुधीर गांड,
कंचन को भी पता था गांड चुदाई कितनी भी करवालों गांड के छेद उतना ही टाइट रहता है, उसने खूब रामू के 10 इंच लंबे 3.5 इंच मोटे लंड से से गांड मरवाई थी, फिर भी उसकी गांड के छेद का कसाव वैसे का वैसा था। पर ये नीलम कोनसा नया चूत धोने का ज्ञान दे रही थी।
कंचन- पर जब गांड ही चुदवाना है तो फिर तू चूत क्यू धोती है ?
नीलम- चल पगली तुझे नहीं पता, मुझे लगता है तू अभी चुदाई मे कच्ची है, तूने वैसे भी कहा 2 मर्दों को संभाला होगा, तुझे क्या पता होगा, मर्द चुदाई से पहले चूत चाटना पसंद करते है तो दूसरे मर्द के वीर्य की महक चूत मे ना रह जाए, इसीलिए मैं उसे धो लेती हू, क्यू की सुधीर कभी कभी मेरी चूत चाट लेटा है,
कंचन- तू तो दो लंड खाके बहुत कुछ सीख गई है
नीलम- चुदाई ची ही ऐसी है की जितने लंड खाओ या जितनी चूत मारो उतनी चालाकी या जाती है
कंचन- हाहा कितनी बेशर्म भी होगई है
हआहा हा और तू भी
कंचन- अच्छा, तो ये गांड चुदाई की फोटो किसने ली
नीलम- अरे ये तो सुधीर ने ही ली है, उन्हे मेरी ऐसी फ़ोटोज़ लेने का शोक है, और फिर पति है तो कैसा डर
कंचन- हाए पर नीलम ये पिक ऐसी नंगी क्यू लेती है फोन मे, कुछ गड़बड़ हो गई तो
नीलम- अरे कुछ नहीं होगा, पति है सबसे पहले तो उसक इज्जत खराब होगी, और मुझे उसका पता है वो ऐसे किसी को नहीं देगा, मैं उसको अपने काबू मे रखती हू, मैं तो कहती हू तू भी भेज दिया कर एक दो फोटो अपने पति को खुश रहेगा, और ऐसा कुछ नहीं होता हम कुछ पड़ोस की औरते आपस मे से सुंदर एक दूसरे को पिक भेजते रहते है ये देख
कंचन- हाए कैसे पड़ोस मे रहती है
नीलम- अरे तुझे कुछ नहीं पता ये सब तो आजकल चलता है, ये देख ये है ना
कंचन- ये तो बहुत सेक्सी है बिल्कुल मोडेल लगती है
नीलम- हैना, इसीलिए तो ये मुझसे ज्यादा लोगो से चुद चुकी है साली को कोई शर्म नहीं, ये तो पूरे दिन अलग अलग मर्दों से चुदती है और चूत मे माल भरकर ही अपने पति से चुदवाती है
कंचन- क्यू वो तेरी तरह साफ क्यू नहीं करती
नीलम- साली कहती है उसका पति उससे झगड़ा करता है तो वो दूसरे मर्दों को रस उसे जानबूझकर उसे पिलाती है, बड़ी हरामीन रंडी है
कंचन- हाए कैसा गंदा बोलती है तू नीलम
नीलम- इतने मर्दों से चुदेगी तो रंडी नहीं तो क्या देवी बोलूँगी उसे
कंचन नीलम की ये बात सुनकर सकपका जाती है उसे बिल्कुल अच्छा नहीं लगता
कंचन- क्यू नीलम जब मर्द इतनी औरतो को चोदे तो उससे कोई कुछ नहीं कहता, बल्कि सब उसे बहुत मान इज्जत और चतुर बोलते है, पर जब औरत ऐसा करती है तो उसे लोग रंडी कह देते है और जब किसी औरत ने अपने पति के अलावा किसी और से चुदवा ही लिया है चाहे वो एक आदमी हो या दस आदमी, उसमे क्या फरक रह गया, दोनों का रंग तो लाल ही है, बस एक का रंग काम लाल और दूसरे का गहरा लाल
नीलम- नीलम सकपका जाती है, और उसे अपनी गलती का एहसास होता है- हा कंचन तू सही कह रही है, मेरा वो मतलब नहीं था।
कंचन- ठीक है, हम औरतो को एक दूसरे का खयाल रखना पड़ेगा, ये मर्द तो सिर्फ चूत के पीछे रहते है, पर हम औरते तो ही एक दूसरे का खयाल रखती है
नीलम- हा बहन तू मेरा कितना खयाल रखती है, तेरे से बात करके मेरा मन हल्का हो गया
कंचन- तू आजा यहा अपने पति को लेके तेरा खूब खयाल रखूंगी
नीलम- नहीं नहीं मुझे नहीं आना मैंने सुना वहा के लोगों का लंड बिल्कुल गधे जैसा लंबा है और वो नई औरतो को चोदे बिना बिल्कुल नहीं छोड़ते
कंचन- हाय नीलम कैसी बात कर रही है, मेरे साथ तो ऐसा कुछ नहीं हुआ, और ऐसी बात तुझसे किसने कही
नीलम- अरे तुझे कैसे पता लगेगा तू हमेशा घर मे ही रहती है तेरी सास तुझे जाने कहा देती है, और ये सही भी है, तू अगर बाहर निकलेगी तो तुझे कोई ना कोई चोद ही देगा, और ये बात खुद मुझे रूप (चन्दा की बेटी) ने बताई है
कंचन- ससुर जी के होते पूरे गाँव मे किसी की हिम्मत नहीं जो मुझे ऐसी नजर देखे, और रूप को तो मैं मासूम समझती थी वो ऐसी बाते करती है
नीलम- अरे वो तो बेचारी मासूम ही है, इसीलिए तो शहर मे पढ़ती है, गाँव से दूर ही रहती है, गाँव मे होती तो उसको लोग चोदे बिना छोड़ते, उसकी चूत का शादी से पहले ही चोद चोद कर भोंसड़ा बना देते, इतनी सुंदर लड़की को कोई छोड़ता है भला, वो भी तेरी जितनी सुंदर ही है, बस तुझसे उम्र मे छोटी है, पर लंड उम्र थोडी ना देखता है हाहा, ये देख है ना सुंदर
कंचन- कंचन को फोटो देखकर थोडी जलन होती है, तैर उससे बात होती है, मुझे तो यह कम ही मिलती है,
नीलम- हा वो तेरे देवर रामू के कॉलेज मे ही पढ़ती है, तेरी शादी के वक्त मुझे वो मिला तो एक दिन मैं मार्केट से गुजर रही थी तो मैंने रोक लिया तो उसी के बाद एक दो बार मुझसे मिला तो उसके साथ मुझे रूप भी मिली थी, उसके बाद जब मुझे पता चल की तू गाँव मे ससुराल मे है तो मैंने रूप से बात की और उसके बाद उससे लगातार बात होने लगी, कॉलेज मे उसकी खूबसूरती का पूरा चर्चा जैसे तेरा था।
कंचन को जब पता लगता है रामू रूप के साथ घूम उसको बहुत जलन होने लगती है और बोलती है
कंचन- अच्छा जी देवर जी घरवालों के पीछे नैन मिला रहे है,
नीलम- अरे मुझे तो ऐसा नहीं लगा, वो तो तेरे बारे मे ही ज्यादा मुझसे पूछ रहा था, कही तेरे ऊपर तो मन नहीं अआ गया उसका, अआ गया होगा तो कोई बड़ी बात नहीं तेरा बदन देखकर तो साधु भी बहक जाए
कंचन- अच्छा अच्छा बहुत हुआ, राजू तो भोला है, अभी छोटा है,
नीलम- छोटा कहा है पूरा 6 फुट लंबा भरा हुआ bodybuilder पहलवान लगता है, मुझे तो लगता है उसका लंड भी अच्छा खासा लंबा होगा, जब एक भाई का इतना लंबा तो दूसरे का भी होगा और बाप का तो शायद और भी लंबा
कंचन- छि नीलम कैसी बात कर रही है, (पर बात तो नीलम ने सच ही कही थी बाप लंड दोनों बेटों से लंबा था)
नीलम- क्यू तू अपने बचपन की भूल गई, कैसे घर मे ही बाप और भाई तुझपर नजर रखते है
कंचन- बस बस अब हम शादी शुदा है ऐसी बाते हमे शोभा नहीं देती
नीलम- अरे चूत लंड मे शादी ब्याह थोड़ी देखा जाता है तू भूल गई कैसे हम छुप छुपकर लोगों के लंड देखा करते थे, तूने नहीं देखा क्या अभी तक अपने देवर और ससुर का, साली बता ना
कंचन- ना मैंने नहीं देखा, अब ये सब हमने छोड़ दिया है
नीलम- तो क्या हुआ लंड देखने मे क्या कोई बुराई है, तू कोई चुदवा थोडी ना रही है
कंचन- तो तू एक काम कर तू ही देख ले आकर यह मेरे गाँव मे सबका लंड, वैसे भी तू कह रही रूप ने बताया है तुझे सबका लंड गधे जैसा है तेरी सारी तमन्ना मैं पूरी करवा दूँगी
नीलम- क्यू साली तूने सारे लंबे मोटे लंडों का ठेका ले रखा है
कंचन- मेरा ठेका लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी, तेरे भरे चूतड़ और चूचियाँ देखकर सब तुझे चोदने के लिए खड़े हो जाएंगे, शायद तू बलवंत को भी भूल जाए
नीलम- नहीं मैं उसे नहीं भूल सकती है, औरत अपना पहला बड़ा लंड हमेशा याद रखती है,
कंचन- ठीक है पर तू यहा आजा मैं कितनी बोर हो गई हू, कुछ दिन आएगी तो मेरा मन बहल जाएगा
नीलम- ठीक है ठीक है अब तू इतना बोल रही है तो सुधीर से बात करती हू
कंचन- ठीक है मुझे बताना, चल मैं अब जा रही हू खाना बनाना है बाबू जी और माजी भूखे है
नीलम- हा मुझे पता है तेरे लिए तेरे बाबू जी कितने भूखे होंगे
कंचन- नीलम, मैं जा रही हू
नीलम- अच्छा ठीक है अपना ध्यान रहियों बहन, मैं कोशिश करूंगी आने की
नीलम की बाते सुनकर कंचन के मन मे दूधवाले हरीलाल को लेकर बाते चलने लगी, उसका बदन ना जाने क्यू हरीलाल के बारे मे सोच, उसके लंड के बारे कल्पना करके गरम होने लगा, उसकी चूत मे एक नई तरंग उठने लगी। दूसरा वो रूप और रामू के बारे मे सोचने लगी और उसे जलन की वजह से अपने देवर की याद आने लगी, नीलम की बातों के बारे सोचने पर उसे लगा उसको भी राकेश को फोटो भेजनी चाहिए कितने दिन हो गए है उनको मेरे से दूर रहे वो भी मेरे लिए तड़प रहे होंगे।
कंचन ये भी सोच रही थी की अब वो वीर को अपनी तरफ आकर्षित कैसे करेगी, की कही ससुर के साथ देखने के बाद वो मेरे बारे मे गलत तो नहीं सोच लेगा, और अगर वीर माँ भी गया तो मैं दो मर्दों को कसी संभालेगी, मेरा हाल कही नीलम जैसा तो नहीं हो जाएगा, और ऊपर से नीलम से मुझे अपने दूधवाले के बारे मे बता कर कितना गरम कर दिया मेरी चूत भी दूध वाले हरीलाल के बारे मे सोचकर पनिया रही है, हाय राम इतने मर्दों को कैसे संभालूँगी मैं।
माया- बहू खाना बन गया कंचन का मन फिर से अपनी सास की आवाज से बाहर अआ जाता है
कंचन- हा माँजी बस 10 मिनट मे लाती हू, आप यह बैठक मे अआ जाइए
माया-ठीक है बहू अभी आते है,
खाना बस बन गया था, कंचन खाना डालकर बैठक मे ले आती है, रामलाल कंचन को देखकर मायादेवी से पीछे से आँखमार देता है, कंचन समझ कर हस देती है।
उसको पता था की आगे क्या होने वाला था, वो चुप चाप खाना लगाना शुरू करती है।
बाकी अगले अपडेट मे॥ मिलते है कुछ वक्त बाद।।