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UPDATE 010


: शश्शश्श म्यूट को पगलू हीही
मै कैसे खुद को शांत करता जब वो इतने बोल्ड लुक के साथ आगे खड़ी थी
उफ्फ वीडियो काल पर उसके उन्नत गोल और रसीले कसे हुए मम्मे ब्रा के टाइट चिपके हुए थे और चिकना सपाट नर्म गुदाज चर्बीदार पेट और चर्बीदार नाभि के नीचे लेगिंग्स की लास्टिक उफ्फ कयामत लग रही थी मेरी जान
लंड पूरी बगावत पर था


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: देख लिए न खुश अब
: वो भी दिखाओ न निकाल कर
: धत्त गंदा मारूंगी अब , बाद में मुझे लेट हो रहा है बाबू और मुझे परेशान होकर नहीं जाना है समझे
: अच्छा ठीक है आराम से जाना और अपना ख्याल रखना ।
: हीही ओके आई लव यू माय वेलेंटाइन उम्माह
: लव यू सो मच मेरा सुकून उम्माह

फिर उसका काल कट हो गया और सुबह सुबह 7 बजे ऐसी ताजगी का अनुभव मुझे कभी नहीं हुआ ।
अह्ह्ह्ह्ह दिन बना दिया था मेरी सोना ने

एक उम्मीद सी उठ रही थी , एक फैंटेसी की लहर जो मेरी वासनाओं को धकेल रही थी आगे की ओर , बीते दिनों में चीजे बहुत तेजी से घटी थी । वो पल जब से मैने प्रिया की पैंटी को छुआ उसके बाद से कुछ अलग ही तरह की चीजें होने लगी थी ।
मानो मेरे भीतर की वासना ने खुद उन सब को अपनी ओर खींचना शुरू कर दिया था , इधर मेरी सोना के भीतर कुछ बदलाव मै महसूस कर रहा था ।


मैने मेरे बैग से उसकी पैंटी निकाली और उसको फैलाया
कितनी मुलायम और खुशबूदार , अपने चेहरे पर रख कर उसके बदन की नरमी को महसूस करता हुआ मै मुस्कुराया , वो नरम अहसास मेरे पूरे बदन में गुदगुदी कर रहा था और लंड लोवर में अकड़ रहा था ।

मैने वापस उसे बैग में रख दिया ,पता नहीं क्यों
कई बार दिन में ख्याल आया कि वापस लौटा दूं , लेकिन कुछ तो था जो मुझे ये करने से रोक रहा था ।

अभी मै खुद को थामने की कोशिश कर रहा था कि प्रिया ने दरवाजा खटखटाया
मैने खोला
: हाय गुड मॉर्निंग
: गुड मॉर्निंग ( मुस्कुराती आंखों से उसने मुझे देखा )
: कहो ?
: उम्मम हैप्पी वैलेंटाइन हीही डे हाहाहा ( हस्ते हुए वो बोली दरवाजे पर खड़े ही , अभी भी टॉप और लोवर में थी वो )
: ओह , हैप्पी वैलेंटाइन डे हीही, तो कैसे चलना है और कहा ?
: मुझे क्या पता , तुमने कोई प्लानिंग नहीं की क्या ?
: मैने ? मुझे कौन सा इन सब का अनुभव है और कहा मै कही घूमने जाता हूं
: अच्छा ठीक है मुझे एक जगह पता है , अच्छी और शांत
: तो कितने बजे निकलोगे? अंकल भी तो है न
: हा तो तुम पहले निकल जाता और चौराहे पर वेट करना , मै आज जाऊंगी फिर हम ऑटो से जायेंगे
: ओके

फिर वो चली गई और 10 बजे करीब मै तैयार होकर निकल गया और उसको मैसेज कर दिया
20 मिनट बाद वो आई , लहराते हुए अपने घेरेदार फ्राकसूट को , फूल स्लीव और हेयर स्टाइल भी किए थे उसने
एक पल को तो जी चाहता था कि बना ही लू इसे अपनी वेलेंटाइन फिर अपनी सोना का ख्याल आता , उससे बेइमानी की हिम्मत मुझमें नहीं थी ।

: चलें ?
: हा चलो बे..बी हाहाहाहा ( वो खिलखिलाई और मै भी थोड़ा ब्लश कर मुस्कुराया )
फिर वो मुझे एक बहुत शांत रेस्तरां में लें गई , अच्छी जगह थी और सजावट भी मस्त थी
हमने एक जगह चुनी और बैठ गए

फिर हमने कुछ ऑर्डर किया और वो मुझसे लिपटी मेरे कंधे पर अपना सर रख कर , माहौल रोमांटिक ही था , स्लो कवर सांग भी चल रहा था , लाइट्स हल्की थी
उसने मेरे बाजू के नीचे से हाथ डाल कर पकड़ा हुआ था
: रोहन एक बात पूछूं
: हम्ममम कहो न ?
: तुम एक बार भी आने से मना नहीं किया क्यों ?
: दोस्त को कैसे मना कर सकता हूं , और तुम्हारे जैसी को तो बिल्कुल भी नहीं
: अच्छा मुझमें ऐसा क्या है ?
: तुम में हीही ( एक पल को तो उसके पतीले जैसे चूतड़ों का ख्याल आया मगर मैने कंट्रोल किया ) तुम्हे पता है रिश्ते कैसे निभाए जाते है और तुम्हारा दिल साफ है तो तुम मुझे पसंद भी हो ।
: फिर तुम्हे मुझसे प्यार क्यों नहीं हुआ
थोड़ा भावुक हो रही थी वो , दुबक सी रही थी मेरे पास
: अह , पता है कुछ रिश्ते प्यार से भी ऊंचे होते है । सच कहूं तो तुम मुझे कुछ अजीब सा अहसास दिलाती हो
(उसके हाथ पकड़ कर मै बोला )
: मतलब ?
: मतलब कि तुम मुझे बेचैन कर देती हो
: उसके जैसे ? ( उसने फिर से मेरी सोना का जिक्र किया )
: ऊहू, वो तो मेरा सुकून है । वो पास होती है तो सब कुछ थम सा जाता है और तुम्हारे करीब जाता हूं तो ? ( मेरा दिल जोरो से धड़क रहा था और भीतर कुछ घुमड़ आ रहा था कुछ उसे उसके बारे में मेरी बताने को बेताब था )

: तो क्या ?
: उम्ममम, पता नहीं शायद मै डरता हूं तुम्हारे करीब आने से कि बेकाबू न हो जाऊं , कुछ ऐसा न कर बैठूं जो तुम्हे पसंद न हो
: मेरी ओर देखो ( उसने मेरा चेहरा उठा कर अपनी ओर किया )

एक बार फिर उसकी नशीली आंखों ने मुझे देखा और मैने उन्हें
: इसीलिए दूर भागते हो मुझसे
: हम्ममम शायद ( उसकी नजरे पढ़ने की कोशिश करता हुआ मै बोला )
: कबसे हो रहा है ये सब
: हमेशा से , लेकिन जबसे मै उससे मिलकर आया हूं तो कुछ अलग सा अहसास होता है
: कैसा ? ( उसकी भी धड़कने तेज थी )
: नहीं बता सकता , बस हर वक्त मुझे उसकी तलब महसूस होती है लेकिन मेरे आस पास तुम रहती हो । मुझे उसके लिप्स की नरमी महसूस करनी होती है और सामने चेहरा तुम्हारा होता है । मै उसे अपनी बाहों में......

एकदम से उसने आगे बढ़ कर मेरे होठ से अपने होठ चिपका दिए और मै एकदम से सन्न रह गया
कितने सॉफ्ट थे और वो पीछे हट गई मुस्कुराती शर्माती हुई नजर नीचे कर

आगे कुछ बोलता इससे पहले वेटर आ गया हमारा ऑर्डर लेकर और सर्व करके चला गया
वो अभी भी एक चुलबुली सी शरारत वाली मुस्कुराहट लिए थी और मै थोड़ा शर्मा कर मुस्कुराने लगा ।

: इतना भी फॉर्मल होने की जरूरत नहीं है , तुम चाहो तो कभी कभी किस कर सकते है हम ( आंखे नचाती हुई वो बोली )
: पागल हो तुम , ऐसे सबके सामने
: हा तो , उन्हें देखो ऐसे होते है लव बर्ड ( उसने एक कपल को दिखाया जो कॉर्नर पर डिप किसिंग कर रहे थे )
उन्हें देख कर तो मुझे भी मुंह में पानी आ गया था लेकिन मैने नजरे फेर कर मुस्कुराया
कुछ देर बाद हम वहां से निकल गए , pvr के लिए वहां हमने मूवी देखी और फिर घर वापस आने लगे
: थैंक यू
: मुझे भी अच्छा लगा ( मैने कहा )

इधर शाम हो गई थी मेरी सोना ने कोई मैसेज या काल नहीं आया तो मुझे फिक्र हुई
मैने कॉल किया
: हाय बाबू , कहा हो अभी
: ....... हा बाबू बोलो ( थोड़ा रुक कर बोली वो )
: कहा हो अभी आप ?
: बस पकड़ कर घर जा रहीं हूं ( अजीब लगा कि वो बस से क्यों जा रही है )
: बस से क्यों ?
: अरे ..... वो , अह वो लोग बाद में आयेंगे तो मै चली आई ( कुछ परेशान सी दिखी वो छिपाती हूं )
: आप अकेले आ रहे हो वापस ? ( फिकर में मै बोला )
: हा , लेकिन आप परेशान मत हो अभी थोड़ी देर में मै पहुंच जाऊंगी
: लेकिन उन्होंने आपको अकेला क्यों छोड़ दिया
आज पहली बार मुझे अफसोस हुआ कि मै क्यों उसके पास नहीं हूं क्यों उसके साथ नहीं हूं ।
: अरे ... कोई बात नहीं सोना , उनको रुकना था तो वो लोग रुक गए
: फिर भी ऐसे कैसे छोड़ सकते है ?
: कोई बात नहीं जाने दो , और बताओ क्या कर रहे हो । क्या क्या किए सारा दिन
: कुछ नहीं बस आपकी याद आ रही थी और आपको मिस कर रहे थे । मन कर रहा था कि आ जाऊ आपके पास लेकिन आज कोई गाड़ी भी नहीं थी , सॉरी सोना
: अरे नहीं बाबू, आपके एग्जाम है और फिर मंथ एंड में आओगे न , बर्थडे पर मेरे
: हा सोना ,
: आई लव यू बाबू, बहुत याद आ रही है आपकी ( कुछ रुआंसी सी वो बोली )
: अरे मेरा सुकून मेरा बच्चा , बाबू है न आई लव यू सो मच। कहो तो कल आ जाऊं आपके पास
: नहीं , मै ठीक हूं आप अपनी पढ़ाई देखो वो जरूरी है , जॉब लग जाएगी तो सबसे पहले मेरे घर आना है आपको । बाबू अब और अकेले नहीं रहेगी , जान लो आप
: हा मेरा सोना , आ जाऊंगा मै

फिर ऐसे ही बाते करते हुए वो घर पहुंच गई और मैने कॉल कट कर दिया
कुछ देर बैठा रहा शांत और चुप उसके बारे में सोचता हुआ

आखिर क्यों उसके दोस्तों ने उसे अकेला छोड़ दिया , क्या वो लोग सेक्स करने के लिए रुके है वहा, शायद तभी वो चली आई होगी ।
बेचारी मेरी सोना को कितना बुरा लगा होगा जब वो लोग स्वार्थी हो गए होंगे । मैने मन ही मन प्रार्थना की कि भगवान उसे खुश रखे और जल्द से मेरी नौकरी लग जाए और मै उसके पास चला जाऊ , फिर किसी को अधिकार नहीं होगा कि उसके आंखों के एक आंसू भी ला दे । वो सिर्फ मेरी होगी और मेरे रानी मेरी सोना मेरा सुकून

तभी दरवाजे पर दस्तक हुई और देखा तो प्रिया ने खुले दरवाजे को खटखटाया

: किसके ख्यालों में गुम हो
: मेरी सोना के ( गुलाबी होते गालों से मै मुस्कुरा कर बोला )
: ये लो खाओगे ? ( सेब लेकर आई थी )
: इसमें कुछ मिलाया है क्या अच्छा महक रहा है
: धत्त पागल , कश्मीरी है ओरिजिनल वाला, पापा लाए है न
: ओह्ह्ह
: वैसे क्या बात है थोड़े उदास लग रहे हो , किस कर दी तो नाराज हो? ( वो जान रही थी कि मुझे उस बात का बुरा नहीं लगा)
: क्या यार तुम भी , वो घूमने गई थी अपने ग्रुप के साथ लेकिन वापस अकेले घर आई है
: क्यों? ( सेव काटते हुए चौक कर वो बोली )
: पता नहीं कह रही थी उसके दोस्त लोग वही रुक गए
: क्यों ?
: उसके ग्रुप में दो कपल है और उन्हें शायद अपना क्वालिटी टाइम स्पेंड करना था
: हा कुछ भी हो लेकिन ये कैसी दोस्ती
: पता नहीं ( उदास होकर मैने कहा )
: सच कहूं तो आज के समय में कोई ऐसा मिल पाना मुश्किल है जिसे दोस्त कहा जा सके
: हम सही कह रही हो तुम शायद ( मै अभी भी अपनी सोना के लिए टेंशन में था बेचारी पर क्या गुजर रही होगी )

उस रात वो जल्दी सो गई ये कह कर उसके सर में दर्द है ।
फिर उसके अगले दिन से चीजें धीरे धीरे नॉर्मल होने में वक्त लगा, क्योंकि वो अगले कुछ दिनों तक अपने ग्रुप में किसी से बात नहीं कर रही थी । उसने मेरे साथ ही ज्यादा समय बिताए

धीरे धीरे उसका बर्थडे का दिन भी आने लगा और मैने घर पर बात कर कुछ पैसे मंगवाए । जितना मांगा उससे आधा ही मिला, मम्मी ने कहा कि एक दो दिन बाद वो भेजवा देंगी ।
हालांकि पहले ऐसा कभी भी होता था कि मै पैसे मांगू और न मिले पूरे
लेकिन मम्मी से बहुत सवाल जवाब नहीं किया क्योंकि डर था कि कही वो हिसाब न मांग ले।
मैने और प्रिया ने मिल कर मेरी सोना के बर्थडे गिफ्ट के लिए शॉपिंग का प्रोगाम बनाया , उसके बर्थडे के दो दिन पहले

: उसको न रेड ड्रेस दो , ये देखो ये वाली
: वाव, प्राइस ? ( मैने थोड़ा हिचक कर कहा , उम्मीद के हिसाब से दाम ज्यादा था 1700 की थी और मेरा पूरा बजट ही 3500 से 4000 था उसपर वहा जाने का खर्च भी था )
: तुम्हे पसंद है न ? तो ये वाला ड्रेस मेरी तरफ से उसको गिफ्ट
: अरे नहीं ? ( मै उसे बस नाम का रोका )
: क्या नहीं ? आज तक मैने उसे कुछ दिया नहीं तो ये लो पकड़ो , & फॉलो मी ( इठलाती कर वो ड्रेस मेरे ऊपर फेक कर आगे चल दी )

: अरे उधर कहा जा रहे हो ? ( मैने उसको रोका )
: क्यों , ड्रेस अधूरी थोड़ी न दूंगी ( उसने मुझे आंख मारी और हस दी )
लेकर आ गई थी मुझे वो अंडर गारमेंट सेक्शन में
: साइज ? ( उसने कुछ डिजाइन जो उस ड्रेस से मैच हो रहे थे उन्हें देख कर कहा )
: मुझे क्या पता ?
: क्या ? ( उसने चौक कर मुझे देखा और मुस्कुराने लगी ) सच में नहीं पता
: यार मैने आज तक उसका नाम नहीं पूछा , तो साइज कैसे ?
: एक मिनट ( वो पूरी कन्फ्यूज हो गई ) तुम कह रहे हो कि तुम्हे उसका नाम नहीं पता ? उसे तुम्हारा पता है ?
: पता नहीं , हमने इस बारे में कभी बात ही नहीं की ( थोड़ा डर सा लग रहा था कि क्या किसी को जानना इतना भी जरूरी है मुहब्बत करने के लिए)
: यार तुम कैसे लड़के हो ? ( अपने हाथ से सर पकड़ कर घूम गई और खुद को शांत करती हु ) अच्छा रहती कहा है ये पता है ?
मैने अपने होठ अंदर कर मुस्कुराते हुए न में सर हिलाया
: जानते क्या हो उसके बारे में?
: यही कि वो मेरा प्यार है मेरी जान है मेरा सुकून है
: उफ्फ ये लड़का भी न ( सर झटक कर बोली और वापस से पैंटी देखने लगी )
: कौन सा साइज ले रही हो
: 36 नंबर क्यों ?
: पक्का उसे हो जाएगा ?
: हीही पागल मै मेरे लिए ले रही हूं हाहाहाहा , ये कलर ठीक है
मै थोड़ा असहज होने लगा और नजरे फेरने लगा
: अरे यार तुम तो लड़कियों से भी ज्यादा शर्माते हो , ये भी कपड़े ही है हाहाहाहा
: फिर उन्हें कपड़ो के नीचे क्यों सुखाती हो ( मै हल्का सा बुदबुदाया )
: क्या ( वो चौक कर मुझे देखी ).
: कुछ नहीं ( मुझे हसी आई )
: ओके चलो मेरा हो गया

मैने उसके हाथ में दो जोड़ी ब्रा पैंटी सेट देखे लेकिन मैने कुछ नहीं बोला बस चुप रहा और इधर उधर देखता रहा कि किसी तरह से समय टल जाए
फिर वहां से निकल कर हम दोनो एक गिफ्ट शॉप पर गए
मैं उसके लिए एक खूबसूरत की हैंड वॉच ली और वही मेरी नजर एक ऐसे फोटो एल्बम पर गई
: भैया वो अल्बम दिखाना
: ये ,,, ये भइया डायरी है इसके कवर में आप फोटो लगा सकते है ( दुकान वाला बोला )
बड़ा ही यूनिक आइटम था और प्रिया को भी पसंद आया , बेबी पिंक कलर का कवर और खूबसूरत गुलाबी पन्ने जिसमें फुल और दिल की खूबसूरत कलाकारी की गई थी ।
: अच्छा है न ?
: हम्ममम
फिर मैने वो ले लिया और हम लोग निकल गए आगे कुछ चॉकलेट लेने ।
मैंने प्रिया को भी एक चॉकलेट दिलाया और फिर हम रूम पर वापस आ गए

आज हमारी मेहनत ज्यादा ही थी कुछ
प्रिया ने गिफ्ट रैप करने की तैयारी कर रही थी और कल मुझे निकलना था तो बैग भी रेडी करना था
मै अपनी सोना के लिए उसके डायरी पर पीछे एक नोट लिख रहा था


: ओह गॉड सीईईई इतनी रोमेंटिक बातें , लग रहा है कोई फ्लैट होने वाला है ( प्रिया ने हस कर मेरे नोट पढ़ते हुए मेरे मजे लिए )
: धत्त हटो यार तुम , ये सब बाते सीक्रेट है समझी
: अच्छा बच्चू , छिपा लो मै भी नहीं बताऊंगी कुछ
: अच्छा ठीक है यार पढ़ लो , लेकिन कुछ रिएक्ट मत करना

वो खुश हो गई और डायरी लेकर बैठ गई , करीब डेढ़ पन्ने लिखे थे मैने उसके लिए
प्रिया का मुस्कुराता और भरा चेहरा बता रहा था कि वो मेरे दिल की बातें पढ़ कर क्या महसूस कर रही थी
आंखे छलक आई उसकी और उसके डायरी बंद कर मुझे से दिया
: अरे क्या हुआ ( मै उठ कर उसके पास गया )
: कुछ नहीं ( वो आंख साफ करने लगी ) बहुत प्यारा लिखे हो
: अच्छी है न , मुझे तो कभी कभी शब्द ही नहीं मिलते है कि क्या लिखूं उसके लिए , वो बाहर है समाज के इस दायरे से , इन शब्दों की सीमाओं से , असीमित प्रेम की सागर से भरी जिसे देखने भर से मेरा बेचैन मन शांत हो जाता है

मैने ध्यान नहीं दिया और पाया कि प्रिया मुझे बड़े गौर से सुन रही थी
फिर उसने एकदम से बात बदल दी

: अच्छा सुनो कल क्या पहन कर जाओगे और उसकी तैयारी कर लो , मै बैग पैक कर दु तुम्हारा
: हा यार अच्छा याद दिलाया , ऐसा करो ये सब बैग में डाल दो और मै ऊपर से अपने कपड़े लाता हूं उन्हें इस्त्री करना है
मै हड़बड़ी में ऊपर गया और जब अपने कपड़े उतार रहा था कि एकदम से मुझे मेरे बैग का ख्याल आया और उसमें रखी हुई प्रिया की पैंटी

फट के चार हो गई और मै तेजी से भागता हुआ वापस आया
देखा तो प्रिया ने सब समान रख दिए थे और इस्त्री को प्लग कर गर्म करने लगी थी
वो चुप थी और मैने भी यही दिखाया जैसे कुछ हुआ नहीं
उसने मेरे कपड़े प्रेस किए और फिर नीचे चली गई
थोड़ी देर बाद ही उनके पापा ने मेरे पास फोन किया कि बाजार चलना है
चूंकि प्रिया ने पहले ही बोल दिया था कि आज मै खाना न बनाऊं तो मै थोड़ा फ्री था इसीलिए उनके साथ चलने को हा कर दिया

आज फिर हम लोग निकल गए और फिर उन्होने मेडिकल स्टोर से कंडोम के पैकेट लिए
हम वापस आए और अंकल मुझे लेकर हाल में चले आए
मेरी आँखें तब चमक उठी जब मैने आज पहली बार आंटी को साटिन की नाइटी में देखा , भरा बदन उठे हुए कूल्हे और चूचे के उभार


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इससे पहले आंटी एकदम सिम्पल साड़ी कैरी करती थी लेकिन आज उनका ये रूप थोड़ा बोल्ड लग रहा था
अंकल के उनके साथ से आंखों के इशारे से मुझे लग रहा था कि उनका प्रोग्राम फिक्स था आज

: प्रिया बेटा , जरा चाय बनाना , रोहन भी है
प्रिया ने लपक कर किचन से मुझे देखा और फिर चाय रखने लगी
हम थोड़ी बातें कर रहे थे और मैने अंकल को बताया कि कल सुबह गंगा गोमती एक्सप्रेस पकड़ कर मै घर जा रहा हूं , थोड़ा काम है घर पर ।

बातें इधर उधर की हो रही थी लेकिन अंकल की नजरे तो आज आंटी के चौड़े कूल्हे पर जमी थी , एक पल के लिए मेरे बदन में भी सिहरन होने लगी थी , मन ही मन चुलबुलाहट हो रही थी कि क्यों न आज की रात इनकी रास लीला पर नजरे गड़ाई जाए ,
उधर कल अपनी सोना से मिलने के लिए बदन में अलग ही खुमारी चढ़ रही थी और आज अंकल आंटी का मूड देख कर मै अलग ही गर्म हो रहा था ।
किसी तरह चाय पी कर मै चल गया ऊपर और अपनी सोना से बाते करने लगा
वो भी कल मिलने के लिए काफी एक्साइटेड थी । कुछ देर बाद प्रिया ऊपर आई

: अच्छा ठीक है बाबू , मै खाना खाने जा रहा हूं अभी बात करता हूं
: क्या बक्क मुझे नीद आ जाएगी तो ? आप लेट कर देते हो
: अच्छा तो आप न मेरे बारे में सोचो सेक्सी सेक्सी सा नहीं आयेगी नीद ( मैने प्रिया को देख कर आंख मारते हुए अपनी सोना को कहा )
: धत्त नहीं , मै नहीं सोचूंगी कुछ भी परेशान हो जाती हूं । आप आना मै तो बस करूंगी हीही
: सच में करोगे इस बार ( अब तो मेरे भी गाल ब्लश होने लगे थे और प्रिया के चेहरे भी शर्माहत से गुलाबी होने लगे थे )
: ठीक है आप जाओ और जल्दी आना ,बाबू वेटी वेटी कर रही है ओके जानू , आई लव यू
: ओके लव यू सोना बाय

फिर मैने फोन काट दिए और प्रिया को देखा
: क्या हुआ ( मैने उसको मुस्कुराता देख कर पूछा )
: हीही कुछ नहीं ( हंसती हुई वो बोली ) चलो तुम गंदे आदमी शर्म नहीं आती मेरे सामने ही सब कुछ बात करते हो
: अब तुमसे क्या शर्माना उम्मम , तुम तो सब जानती हो न ( मैने उसे थोड़ा छेड़ा , हालांकि ऐसे मै अपने रिश्तों को लेकर बहुत पोजेसिव और प्राइवेट था मगर प्रिया को तंग करने के अलग ही मजा आने लगा था अब )
: मार खाओगे , चलो अब पागल कही के हीही ( वो हंसती हुई बोली )
फिर मैने कमरे का दरवाजा लगाया और हम साथ में नीचे उतरने लगे चुप चाप
और तभी वो एकदम से ठिठक कर निचली सीढ़ियों पर रुक गई और वापस घूमती हुई धीरे से फुसफुसा कर : वापस चलो , अभी नहीं जा सकते
मुझे अचरज हुआ और मैने लपक कर अंदर देखा तो हाल में अंकल ने आंटी को दबोच रखा था और दोनों डीप किसिंग कर रहे थे , अंकल के पंजे आंटी के फूले हुए चूतड़ों को नाइटी के ऊपर से मसल रहे थे

: सीईईई यार क्या रोमांटिक सीन है हीहीही , देखने दो न ( मैने जान बुझ कर प्रिया को छेड़ा )
: नहीईईई पागल हो क्या ( दांत पीस कर वो बोली और मुझे पीछे धकेलने लगी ) चलो ऊपर पागल

मैने मस्ती में जान बुझ कर और झांक कर हाल के देखा : उफ्फ अंकल तो आज फूल मूड में है
वो मुझे खींच लाई वापस ऊपर
: तुम पागल हो क्या , क्या कर रहे थे ( वो थोड़ा चिढ़ रही थी )
: अब इसमें मेरी क्या गलती , मुझे तो पता ही था ये होगा
: पता था मतलब ( प्रिया ने चौक कर मुझसे पूछा)
: हीहीही आज फिर अंकल गए थे मेडिकल स्टोर पर हाहाहा
: धत्त पागल हो तुम, और ये पापा भी न कही भी शुरू हो जाते है
: अरे इसमें अंकल की क्या गलती , अब आंटी ने इतना बोल्ड लुक रखा हो तो कोई क्या करें हीहीही
: तुम ...तुम क्या पागलों जैसी बाते कर रहे हो
: मैने तो इतने सालों में पहली बार आंटी को ऐसे देखा है
: वो कभी कभी पहनती है ये सब , जब इन लोगों को करना होता है ( मुंह बना कर वो बोली )
: यार कुछ भी कहो दोनों है बड़े रोमांटिक हाहाहाहा
: अब मार खाओगे रोहन बता रही हूं ( थोड़ी शर्मा कर वो बोली )
: तो कब तक रुकना पड़ेगा ऐसे यहां, मै देख कर आऊ खत्म हो गया या नहीं
: नहीं , पागल हो ( एकदम से डर गई कही मै सच में न चला जाऊ )
: फिर ?
: रुको न थोड़ी देर ( वो अजीब सा महसूस कर रही थी थोड़ी शर्मिंदा थोड़ा असहज और थोड़ी बेचैन )

इश्क और प्यार का मजा लीजिए
थोड़ा इंतजार का मजा लीजिए
थोड़ा इंतजार का मजा लीजिए
मजा लीजिए मजा लीजिए
थोड़ा इंतजार का .... हीहीही अरे यार मार क्यों रही हो
वो एकदम से ऊपर चढ़ आई और मै हंसने लगा
: गंदे हो तुम बहुत , पागल
: यार तुम गाना भी नहीं गाने दोगी हीहीही
: चलो अब चलते है नीचे ( थोड़ा भड़क कर वो बोली )
: पक्का न ?
: हा चलो ( उसने घूर कर मुझे देखा और मै अपनी फूंटती हंसी को छूपाने लगा

फिर हम खाने के लिए नीचे आए और आंटी ने ही हमें परोसा
मैने जानबूझ कर अपनी आंखे खाने की थाली पर फोकस रखी क्योंकि सामने किचन से प्रिया हाथ बांधे मुझे ही घूर रही थी और मैने उसको मस्ती में आंख मार दी
खाने के बाद मै हाथ धुलने किचन में आया

: उफ्फ सीईईई बड़ी गर्मी लग रही है आज तो मिर्ची तीखी थी ( मैने उसे छेड़ा और वो समझ रही थी )
: क्या हुआ बेटा , पापड़ी दु ज्यादा तीखा है तो
: उन्हूं आंटी ( मैने प्रिया को देखा ) इतना तीखा तो मै खा ही सकता हूं ( वो मुंह फेर कर मुस्कुराने लगी )

फिर थोड़ी देर बाद मै वापस आ गया
फोन लगाया और मेरी सोना से उठाया

: क्या कर रही हो मेरी जान
: बस आपकी याद आ रही है बहुत ज्यादा
: आ गया मै आपके पास और क्या हुआ बात हुई विशाल से
: बक्क यार आप तो समझते नहीं हो , मै कैसे उससे बात करूंगी , अजीब लग रहा है
: तो क्या हम बस ऐसे ही बाहर मिलेंगे , मुझे आपको पकड़ कर हग करना है खूब देर तक और आपको प्यार करना खूब सारा
: मुझे भी मन हो रहा है लेकिन क्या करु ( वो थोड़ी उदास दिखी ) आप बात कर लो न ?
: क्या ? नहीं ? मैने तो उससे मिला भी नहीं हूं , चलो ठीक है कल वो भी आयेगा न तो उसको सामने से बोल दूंगा
: हा ये भी सही रहेगा और पता है उसके मम्मी पापा भी नहीं है , बाहर गए है ( वो थोड़ी खुश दिखी )
: उम्हू सच में , मान लो हमे रूम मिल गया तो
: तो, हीहीही मै आपको हग कर लूंगी हाहाहाहा और आपके सॉफ्टी सॉफ्टी लिप्सी को उम्मम हीहीहीहीही
एकदम से मूड रंगीन कर दिया उस पगली ने
: अच्छा बताओ न पहले क्या करोगी
: पहले न मै आपको पकड़ कर कमरे में ले जाऊंगी और आपको खूब सारा किस करूंगी लिप्स और गाल पर
: उम्मन और ( मुझे नशा हो रहा था उसके बातों से )
: फिर न आपको बिस्तर पर लाकर सुला दूंगी और आपके ऊपर आकर के शर्ट के बटन खोलकर आपके हॉट हॉट सेक्सी सेक्सी गर्दन पर लव बाइट करूंगी हीहीही
: उफ्फ मेरी जान , मुझे भी अच्छा लगेगा जब आप अपने सॉफ्टी लिप्स से मेरे नेक पर किस करोगे सीईईई और क्या करोगे
: और न मै अपने शर्ट निकाल कर आपके चेस्ट पर सोऊंगी आपको हग करके
: बस ?
: हा और क्या ? ( उसने मेरे जज्बात को छेड़ा )
: आप नहीं निकालोगे ?
: धत्त नहीं पागल हो हीहीही
: प्लीज न बाबू , मुझे नंगू पंगु वाला हग चाहिए आपका , सॉफ्टी सॉफ्टी दुधु का टच फील करना है मुझे सीईईई अभी से गुदगुदी लग रही है ओह्ह्ह्ह
: धत्त गंदा , परेशान मत करो मुझे , आना तो कर लेना न बाबू उम्मम अह्ह्ह्ह्ह
: पक्का न छूने दोगे न दूधू अपना
: सीईईई हम्ममम सोना छू लेना ( उसकी गर्म सिसकियां मेरे लंड को पंप कर रही थी )
: और न बाबू आपके दूधू को किस भी करेगा और सक भी करेगा निप्पल
( अपना लंड लोवर से निकाल कर मैं उसको हिला रहा था और आंखे बंद कर अपनी जान के गोरे चूचों को छूने की कल्पना में मगन था )
: सीईईई अह्ह्ह्ह जान प्लीज रुक जाओ न उम्मम , मुझे फिर से खुजली हो रही है निप्पल पर सीई अह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह
: तो पकड़ लो न मेरी जान उम्मम सहलाओ उसको हाथ डाल कर अंदर आपको आराम मिलेगा ( अपना फड़कता लंड भींचता हुआ बोला )
: ओह्ह्ह्ह मम्मा ओह्ह्ह्ह सीईईई बाबू अच्छा लग रहा है , आप जल्दी से आकर न दूधू को पकड़ लेना मेरे ओह्ह्ह्ह उम्ममम इसको खूब सहलाना मुझे अच्छा लगेगा ओह्ह्ह्ह गॉड कितना अच्छा अह्ह्ह्ह सीईईईईई
उसकी मादक सिसकियां और चुचे पकड़ने का ऑफर मुझे उत्तेजित कर रहा था और मै अपना लंड तेजी से हिलाने लगा
: सीई ओह्ह्ह्ह मेरा बेबी उम्मम मै आपके दूध को खूब चूसूंगा जीभ से गिला करूंगा चाट चाट कर सीईईई
: शीईई चुप रहो चुप ,
: क्या हुआ ?
: मम्मी उठी है , मैसेज करो ( उसने एकदम से फोन काट दिया )

एक बार फिर मेरे उमड़ते जज्बात की लहरें वापस लौट गई और मैंने मोबाइल साइड रख कर गहरी लंबी सांसे लेने लगा
हमारी बातें आज लंबी खींच गई थी और घड़ी में समय भी 10 बजने को हो गए थे ।

: sorry babu , so jaao mummy daat rahi h fone chalane ke liye
: oh ok meri jaan , araam kro subah call krunga utha lena ok
: kyo ? Raat me wish nhi kroge ? 🥺
उसकी बातों से मेरा दिल पिघल गया
: aap jagoge kya ?
: hmmm aapka wait krungi, pahale aapka hi wish chahiye mujhe
: ok , meri jaan mai call krunga 12 baje utha lena
: 😘😘😘😘 thankyou so much Jaan , love you bye gn
: love u Sona 😘 bye tc

फिर मैने फोन रख दिया और सोचने लगा कि अब अगले दो घंटे तक कैसे जागा जाए और मै उठ कर कमरे के बाहर आया और टहलने लगा
मैने सोचा अगर प्रिया ऊपर आई हो तो उसे भी पकाया जाए , क्योंकि पढ़ाई के मूड में आज तो मै बिल्कुल भी नहीं था ।
चुपचाप मै उसके कमरे की ओर गया और दरवाजा खटखटा कर धकेला तो खुल गया
अंदर कोई भी था
समय देखा तो सवा दस बज रहे और कुछ देर पहले ही मैने उसके ऊपर आने की आहट पाई थी । आज की रात वो तो बिल्कुल भी नीचे नहीं जा सकती थी तो मुझे शक हुआ और मैने ऊपर का जीना देखा तो अंदर से ही बंद था

कुछ देर तक वही बालकिनी में उसकी राह देखी , सर्द राते गहरा रही थी और मन में ख्याल उठ रहे थे
अपनी सोना से रंगीन बातें कर मन पहले से ही बेईमान हो गया था और लंड खुद ही बेकाबू था
बार बार अंकल आंटी के वो लिप किस वाले सीन का ख्याल आ रहा था , लेकिन नीचे जाना भी तो रिस्की था
आखिर मैने कुछ तय करके नीचे वाले जीने की सीढ़ियां उतरने लगा
अगर प्रिया ने पकड़ भी लिया तो बोल दूंगा छत पर ठंडी थी तो नीचे वाले बाथरूम में आया था ।
जैसे ही मै नीचे फ्लोर पर आया , सब कुछ एकदम से शांत । मैंने दबे पाव हाल में झांका तो एकदम से चुप्पी , बस झींगुर की आवाज आ रही थी ।
मै अंदर आगे बढ़ कर एक नजर किचन की ओर देखा और फिर प्रिया के मम्मी वाले कमरे की ओर जाने लगा कि एकदम से रुक गया
सामने प्रिया थी , वो खिड़की से अंदर अपने मम्मी के कमरे में झांक रही थी ।
उसने रात में एक वूलन पैजामा और स्वेटर पहना हुआ था और उसके दूध स्वेटर में और बड़े बड़े दिख रहे थे ।
मै वही एक पीलर की ओट में अंधेरे खड़ा हो गया और फिर कुछ देर में ही प्रिया वहा से निकल कर छत की ओर चली गई
उसके जाते ही मैने लपक कर उसके मम्मी के कमरे में झांका

उफ्फ ताबड़तोड़ माहौल था ,आंटी फूल मूड में थी , वो अंकल के ऊपर बैठी हुई थी लंड पर सवार और खुद से ही उछल रही थी


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अंकल अपनी बीबी को खुद उकसा रहे थे और सिसक रहे थे
मैने पहली बार आंटी के नंगे चूतड़ों को देखा और वो अंकल के बड़े से खूंटे जैसे लंड को हमच कर ले रही थी और सिसक रहे थी
पूरा पलंग पनाह मागे जा रहा था मगर आज दोनों का जोश सवाब पर था
मेरा लंड अकड़ कर रॉड हो गया था और मै भी वो नजारा देख कर सहलाने को मजबूर था ।

लेकिन डर था कही प्रिया मुझे ऊपर खोजने न आ जाए इसीलिए मैने झट से मोबाइल निकाला और 2 मिनट की वीडियो बना ली अंकल आंटी की चुदाई की , ताकि इत्मीनान से अपना लंड झाड़ सकूं

लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था
मै सरपट ऊपर आया और एक नजर प्रिया के बंद कमरे को देखा और झट से अपने कमरे में दाखिल हुआ कि सांसे अटक गई

प्रिया मेरे सामने थी और मुझे देखते ही आंखे महीन कर मुझे घूरते हुए अपने कमर पर हाथ रखा
मेरी नजरे उसके बड़े बड़े रसीले मम्में पर गई जो स्वेटर में और भी बड़े दिख रहे थे
: कहा गए थे ( उसने मुझे घूर कर पूछा )
चोरी पकड़ी गई थी मेरी मै जान रहा था तो झूठ बोलने का फायदा नहीं था तो मैने इसे अपने अंदाज में सुलझाना ही सही समझा
: वही जहां से तुम आई हो ( मैंने आंख मार कर हंस कर कहा)
एकदम से उसके चेहरे के भाव बदल गए और थोड़ी वो चोर नजरो से मुस्कुराई
: मै तो बस ....
: क्या बस , देखा मैने तुम्हे अंदर देखते हुए , ठरकी कही की हीही ( मैने उसको मस्ती में छेड़ा )
: हे , मारूंगी , तुम हो ठरकी । ना जाने कैसी कैसी बातें करते हो अपनी सोना बाबू से और वो सो जाती है तो दूसरों के कमरे में झांकते हो
उसके कहने का मतलब साफ था कि वो हर मेरी रात में मेरी सोना से हुई बाते अपने कमरे से सुनती है

मेरी नजरे मेरे और उसके कमरे में कामन एक रोशनदान पर गई जो छत से जुड़ी थी , वही से ये सब बाते उसने सुनी होगी ।
: चलो झूठी , मै तो नीचे फ्रेश होने गया था तो तुम्हे देखा उधर
: अच्छा , फ्रेश होना था तो ऊपर चले जाते
: यार इतनी ठंड में ऊपर जाऊंगा , तबियत बिगड़ गई तो कल जाऊंगा कैसे ?
: बहाने मत बनाओ , तुम्हे अच्छे से समझ गई हूं मैं । ठरकी कही के
: अच्छा ठीक है माना हूं ठरकी, मैने देखा तुम्हारे मम्मी पापा को लेकिन तुमने भी तो खुद देखा , बोलो ?
एकदम से वो चुप हो गई
: मैने जब देखा तो वो लोग कुछ नहीं कर रहे थे समझे ( उसने बात बनाने का सोचा )
: अच्छा बेटा , देखो तो झूठी को , तो तुमको कैसे पता है कि मैने उनको वो सब करते देखा था
: क्योंकि तुम नीचे छू रहे थे अन्दर देख कर , गंदे हो तुम गंदे ( उसने थोड़ा जोर देकर कहा )
: कसम से यार कितनी झूठ बोलती हो , मै तो तुम्हारे जस्ट बाद अंदर देखा तो आंटी अंकल के ऊपर चढ़ी थी ...
: छीइइई धत गंदा मै जा रही हूं ( वो थोड़ा शर्माई और कमरे से जाने लगी )
मैने उसे रोका लेकिन वो नहीं रुकी और अपने कमरे में चली गई

फिर मैने उसको मैसेज करने लगा
: achcha sorry yaar
: Ganda 😑
: maaf kr do n plzz, akhir tum bhi dekhi thi na 😕
: lekin tumko nhi dekhana chahiye tha 🙄
: sorry yaar wo bas mai apni babu se baat karke pareshan tha aur fir aunty uncle ki kiss yaad aa rahi thi
: dhtt ganda , maar khaaoge ab
: ok nhi kahunga ye sb , plzz sorry
: thik hai lekin wo video bhi delete kr do
: kaun si ?
: wahi jo tumne bnaai thi , jhuth mat bolna maine dekhaa hai , samjhe 😠
: kaun sa ye wali
( मैने जान बुझ कर वो वीडियो उसे भेज दी )
: chhiiiii ganda, mujhe kyo bhej rhe ho , delete kro
: ok kar diya
: thik hai , so jao , gn , bye
: ok bye

जान में जान आई और मैने अपना अलार्म लगाया और वापस सोने वाला था कि एकदम से फूल वॉल्यूम पर प्रिया के कमरे से आवाज उस छत वाली रोशनदान से आई

उन मादक सिसकियो को सुनते ही मै समझ गया कि प्रिया मेरी भेजी हुई वीडियो देख रही है
मुझे हसी आई और मैने उसको एक मैसेज कर दिया

: yaar awaaj kam kr lo na , fir dekho araam se
एकदम से फिर आवाज गायब हो गई
: kaho to company dene aau , sath me dekh lenge
: ganda, ganda , ganda , kitne gande ho tum pagal
: achcha beta tum kro to raasleela aur hum kare to charector dheela 🤣🤣🤣
: so jaao plzz, bye ( उसका लास्ट मैसेज आया )

मैं हसने लगा और फिर अपने कमरे की बत्ती बुझा दी
अगली सुबह तड़के उठ कर तैयार हुआ और एक बार को सोचा प्रिया से बात करूं लेकिन कल रात का सोच कर मैने उसे डिस्टर्ब करना सही नहीं समझा और सुबह की ट्रेन गंगा गोमती एक्सप्रेस पकड़ कर निकल गया लखनऊ के लिए।
अपनी जान को मैसेज करता हुआ


जारी रहेगी
Hamesa ki tarah shandar jabardast update h
Aise hi likhte rahiye samay nikal ke

Waiting for next 👍
 

Luckyloda

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UPDATE 010


: शश्शश्श म्यूट को पगलू हीही
मै कैसे खुद को शांत करता जब वो इतने बोल्ड लुक के साथ आगे खड़ी थी
उफ्फ वीडियो काल पर उसके उन्नत गोल और रसीले कसे हुए मम्मे ब्रा के टाइट चिपके हुए थे और चिकना सपाट नर्म गुदाज चर्बीदार पेट और चर्बीदार नाभि के नीचे लेगिंग्स की लास्टिक उफ्फ कयामत लग रही थी मेरी जान
लंड पूरी बगावत पर था


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: देख लिए न खुश अब
: वो भी दिखाओ न निकाल कर
: धत्त गंदा मारूंगी अब , बाद में मुझे लेट हो रहा है बाबू और मुझे परेशान होकर नहीं जाना है समझे
: अच्छा ठीक है आराम से जाना और अपना ख्याल रखना ।
: हीही ओके आई लव यू माय वेलेंटाइन उम्माह
: लव यू सो मच मेरा सुकून उम्माह

फिर उसका काल कट हो गया और सुबह सुबह 7 बजे ऐसी ताजगी का अनुभव मुझे कभी नहीं हुआ ।
अह्ह्ह्ह्ह दिन बना दिया था मेरी सोना ने

एक उम्मीद सी उठ रही थी , एक फैंटेसी की लहर जो मेरी वासनाओं को धकेल रही थी आगे की ओर , बीते दिनों में चीजे बहुत तेजी से घटी थी । वो पल जब से मैने प्रिया की पैंटी को छुआ उसके बाद से कुछ अलग ही तरह की चीजें होने लगी थी ।
मानो मेरे भीतर की वासना ने खुद उन सब को अपनी ओर खींचना शुरू कर दिया था , इधर मेरी सोना के भीतर कुछ बदलाव मै महसूस कर रहा था ।


मैने मेरे बैग से उसकी पैंटी निकाली और उसको फैलाया
कितनी मुलायम और खुशबूदार , अपने चेहरे पर रख कर उसके बदन की नरमी को महसूस करता हुआ मै मुस्कुराया , वो नरम अहसास मेरे पूरे बदन में गुदगुदी कर रहा था और लंड लोवर में अकड़ रहा था ।

मैने वापस उसे बैग में रख दिया ,पता नहीं क्यों
कई बार दिन में ख्याल आया कि वापस लौटा दूं , लेकिन कुछ तो था जो मुझे ये करने से रोक रहा था ।

अभी मै खुद को थामने की कोशिश कर रहा था कि प्रिया ने दरवाजा खटखटाया
मैने खोला
: हाय गुड मॉर्निंग
: गुड मॉर्निंग ( मुस्कुराती आंखों से उसने मुझे देखा )
: कहो ?
: उम्मम हैप्पी वैलेंटाइन हीही डे हाहाहा ( हस्ते हुए वो बोली दरवाजे पर खड़े ही , अभी भी टॉप और लोवर में थी वो )
: ओह , हैप्पी वैलेंटाइन डे हीही, तो कैसे चलना है और कहा ?
: मुझे क्या पता , तुमने कोई प्लानिंग नहीं की क्या ?
: मैने ? मुझे कौन सा इन सब का अनुभव है और कहा मै कही घूमने जाता हूं
: अच्छा ठीक है मुझे एक जगह पता है , अच्छी और शांत
: तो कितने बजे निकलोगे? अंकल भी तो है न
: हा तो तुम पहले निकल जाता और चौराहे पर वेट करना , मै आज जाऊंगी फिर हम ऑटो से जायेंगे
: ओके

फिर वो चली गई और 10 बजे करीब मै तैयार होकर निकल गया और उसको मैसेज कर दिया
20 मिनट बाद वो आई , लहराते हुए अपने घेरेदार फ्राकसूट को , फूल स्लीव और हेयर स्टाइल भी किए थे उसने
एक पल को तो जी चाहता था कि बना ही लू इसे अपनी वेलेंटाइन फिर अपनी सोना का ख्याल आता , उससे बेइमानी की हिम्मत मुझमें नहीं थी ।

: चलें ?
: हा चलो बे..बी हाहाहाहा ( वो खिलखिलाई और मै भी थोड़ा ब्लश कर मुस्कुराया )
फिर वो मुझे एक बहुत शांत रेस्तरां में लें गई , अच्छी जगह थी और सजावट भी मस्त थी
हमने एक जगह चुनी और बैठ गए

फिर हमने कुछ ऑर्डर किया और वो मुझसे लिपटी मेरे कंधे पर अपना सर रख कर , माहौल रोमांटिक ही था , स्लो कवर सांग भी चल रहा था , लाइट्स हल्की थी
उसने मेरे बाजू के नीचे से हाथ डाल कर पकड़ा हुआ था
: रोहन एक बात पूछूं
: हम्ममम कहो न ?
: तुम एक बार भी आने से मना नहीं किया क्यों ?
: दोस्त को कैसे मना कर सकता हूं , और तुम्हारे जैसी को तो बिल्कुल भी नहीं
: अच्छा मुझमें ऐसा क्या है ?
: तुम में हीही ( एक पल को तो उसके पतीले जैसे चूतड़ों का ख्याल आया मगर मैने कंट्रोल किया ) तुम्हे पता है रिश्ते कैसे निभाए जाते है और तुम्हारा दिल साफ है तो तुम मुझे पसंद भी हो ।
: फिर तुम्हे मुझसे प्यार क्यों नहीं हुआ
थोड़ा भावुक हो रही थी वो , दुबक सी रही थी मेरे पास
: अह , पता है कुछ रिश्ते प्यार से भी ऊंचे होते है । सच कहूं तो तुम मुझे कुछ अजीब सा अहसास दिलाती हो
(उसके हाथ पकड़ कर मै बोला )
: मतलब ?
: मतलब कि तुम मुझे बेचैन कर देती हो
: उसके जैसे ? ( उसने फिर से मेरी सोना का जिक्र किया )
: ऊहू, वो तो मेरा सुकून है । वो पास होती है तो सब कुछ थम सा जाता है और तुम्हारे करीब जाता हूं तो ? ( मेरा दिल जोरो से धड़क रहा था और भीतर कुछ घुमड़ आ रहा था कुछ उसे उसके बारे में मेरी बताने को बेताब था )

: तो क्या ?
: उम्ममम, पता नहीं शायद मै डरता हूं तुम्हारे करीब आने से कि बेकाबू न हो जाऊं , कुछ ऐसा न कर बैठूं जो तुम्हे पसंद न हो
: मेरी ओर देखो ( उसने मेरा चेहरा उठा कर अपनी ओर किया )

एक बार फिर उसकी नशीली आंखों ने मुझे देखा और मैने उन्हें
: इसीलिए दूर भागते हो मुझसे
: हम्ममम शायद ( उसकी नजरे पढ़ने की कोशिश करता हुआ मै बोला )
: कबसे हो रहा है ये सब
: हमेशा से , लेकिन जबसे मै उससे मिलकर आया हूं तो कुछ अलग सा अहसास होता है
: कैसा ? ( उसकी भी धड़कने तेज थी )
: नहीं बता सकता , बस हर वक्त मुझे उसकी तलब महसूस होती है लेकिन मेरे आस पास तुम रहती हो । मुझे उसके लिप्स की नरमी महसूस करनी होती है और सामने चेहरा तुम्हारा होता है । मै उसे अपनी बाहों में......

एकदम से उसने आगे बढ़ कर मेरे होठ से अपने होठ चिपका दिए और मै एकदम से सन्न रह गया
कितने सॉफ्ट थे और वो पीछे हट गई मुस्कुराती शर्माती हुई नजर नीचे कर

आगे कुछ बोलता इससे पहले वेटर आ गया हमारा ऑर्डर लेकर और सर्व करके चला गया
वो अभी भी एक चुलबुली सी शरारत वाली मुस्कुराहट लिए थी और मै थोड़ा शर्मा कर मुस्कुराने लगा ।

: इतना भी फॉर्मल होने की जरूरत नहीं है , तुम चाहो तो कभी कभी किस कर सकते है हम ( आंखे नचाती हुई वो बोली )
: पागल हो तुम , ऐसे सबके सामने
: हा तो , उन्हें देखो ऐसे होते है लव बर्ड ( उसने एक कपल को दिखाया जो कॉर्नर पर डिप किसिंग कर रहे थे )
उन्हें देख कर तो मुझे भी मुंह में पानी आ गया था लेकिन मैने नजरे फेर कर मुस्कुराया
कुछ देर बाद हम वहां से निकल गए , pvr के लिए वहां हमने मूवी देखी और फिर घर वापस आने लगे
: थैंक यू
: मुझे भी अच्छा लगा ( मैने कहा )

इधर शाम हो गई थी मेरी सोना ने कोई मैसेज या काल नहीं आया तो मुझे फिक्र हुई
मैने कॉल किया
: हाय बाबू , कहा हो अभी
: ....... हा बाबू बोलो ( थोड़ा रुक कर बोली वो )
: कहा हो अभी आप ?
: बस पकड़ कर घर जा रहीं हूं ( अजीब लगा कि वो बस से क्यों जा रही है )
: बस से क्यों ?
: अरे ..... वो , अह वो लोग बाद में आयेंगे तो मै चली आई ( कुछ परेशान सी दिखी वो छिपाती हूं )
: आप अकेले आ रहे हो वापस ? ( फिकर में मै बोला )
: हा , लेकिन आप परेशान मत हो अभी थोड़ी देर में मै पहुंच जाऊंगी
: लेकिन उन्होंने आपको अकेला क्यों छोड़ दिया
आज पहली बार मुझे अफसोस हुआ कि मै क्यों उसके पास नहीं हूं क्यों उसके साथ नहीं हूं ।
: अरे ... कोई बात नहीं सोना , उनको रुकना था तो वो लोग रुक गए
: फिर भी ऐसे कैसे छोड़ सकते है ?
: कोई बात नहीं जाने दो , और बताओ क्या कर रहे हो । क्या क्या किए सारा दिन
: कुछ नहीं बस आपकी याद आ रही थी और आपको मिस कर रहे थे । मन कर रहा था कि आ जाऊ आपके पास लेकिन आज कोई गाड़ी भी नहीं थी , सॉरी सोना
: अरे नहीं बाबू, आपके एग्जाम है और फिर मंथ एंड में आओगे न , बर्थडे पर मेरे
: हा सोना ,
: आई लव यू बाबू, बहुत याद आ रही है आपकी ( कुछ रुआंसी सी वो बोली )
: अरे मेरा सुकून मेरा बच्चा , बाबू है न आई लव यू सो मच। कहो तो कल आ जाऊं आपके पास
: नहीं , मै ठीक हूं आप अपनी पढ़ाई देखो वो जरूरी है , जॉब लग जाएगी तो सबसे पहले मेरे घर आना है आपको । बाबू अब और अकेले नहीं रहेगी , जान लो आप
: हा मेरा सोना , आ जाऊंगा मै

फिर ऐसे ही बाते करते हुए वो घर पहुंच गई और मैने कॉल कट कर दिया
कुछ देर बैठा रहा शांत और चुप उसके बारे में सोचता हुआ

आखिर क्यों उसके दोस्तों ने उसे अकेला छोड़ दिया , क्या वो लोग सेक्स करने के लिए रुके है वहा, शायद तभी वो चली आई होगी ।
बेचारी मेरी सोना को कितना बुरा लगा होगा जब वो लोग स्वार्थी हो गए होंगे । मैने मन ही मन प्रार्थना की कि भगवान उसे खुश रखे और जल्द से मेरी नौकरी लग जाए और मै उसके पास चला जाऊ , फिर किसी को अधिकार नहीं होगा कि उसके आंखों के एक आंसू भी ला दे । वो सिर्फ मेरी होगी और मेरे रानी मेरी सोना मेरा सुकून

तभी दरवाजे पर दस्तक हुई और देखा तो प्रिया ने खुले दरवाजे को खटखटाया

: किसके ख्यालों में गुम हो
: मेरी सोना के ( गुलाबी होते गालों से मै मुस्कुरा कर बोला )
: ये लो खाओगे ? ( सेब लेकर आई थी )
: इसमें कुछ मिलाया है क्या अच्छा महक रहा है
: धत्त पागल , कश्मीरी है ओरिजिनल वाला, पापा लाए है न
: ओह्ह्ह
: वैसे क्या बात है थोड़े उदास लग रहे हो , किस कर दी तो नाराज हो? ( वो जान रही थी कि मुझे उस बात का बुरा नहीं लगा)
: क्या यार तुम भी , वो घूमने गई थी अपने ग्रुप के साथ लेकिन वापस अकेले घर आई है
: क्यों? ( सेव काटते हुए चौक कर वो बोली )
: पता नहीं कह रही थी उसके दोस्त लोग वही रुक गए
: क्यों ?
: उसके ग्रुप में दो कपल है और उन्हें शायद अपना क्वालिटी टाइम स्पेंड करना था
: हा कुछ भी हो लेकिन ये कैसी दोस्ती
: पता नहीं ( उदास होकर मैने कहा )
: सच कहूं तो आज के समय में कोई ऐसा मिल पाना मुश्किल है जिसे दोस्त कहा जा सके
: हम सही कह रही हो तुम शायद ( मै अभी भी अपनी सोना के लिए टेंशन में था बेचारी पर क्या गुजर रही होगी )

उस रात वो जल्दी सो गई ये कह कर उसके सर में दर्द है ।
फिर उसके अगले दिन से चीजें धीरे धीरे नॉर्मल होने में वक्त लगा, क्योंकि वो अगले कुछ दिनों तक अपने ग्रुप में किसी से बात नहीं कर रही थी । उसने मेरे साथ ही ज्यादा समय बिताए

धीरे धीरे उसका बर्थडे का दिन भी आने लगा और मैने घर पर बात कर कुछ पैसे मंगवाए । जितना मांगा उससे आधा ही मिला, मम्मी ने कहा कि एक दो दिन बाद वो भेजवा देंगी ।
हालांकि पहले ऐसा कभी भी होता था कि मै पैसे मांगू और न मिले पूरे
लेकिन मम्मी से बहुत सवाल जवाब नहीं किया क्योंकि डर था कि कही वो हिसाब न मांग ले।
मैने और प्रिया ने मिल कर मेरी सोना के बर्थडे गिफ्ट के लिए शॉपिंग का प्रोगाम बनाया , उसके बर्थडे के दो दिन पहले

: उसको न रेड ड्रेस दो , ये देखो ये वाली
: वाव, प्राइस ? ( मैने थोड़ा हिचक कर कहा , उम्मीद के हिसाब से दाम ज्यादा था 1700 की थी और मेरा पूरा बजट ही 3500 से 4000 था उसपर वहा जाने का खर्च भी था )
: तुम्हे पसंद है न ? तो ये वाला ड्रेस मेरी तरफ से उसको गिफ्ट
: अरे नहीं ? ( मै उसे बस नाम का रोका )
: क्या नहीं ? आज तक मैने उसे कुछ दिया नहीं तो ये लो पकड़ो , & फॉलो मी ( इठलाती कर वो ड्रेस मेरे ऊपर फेक कर आगे चल दी )

: अरे उधर कहा जा रहे हो ? ( मैने उसको रोका )
: क्यों , ड्रेस अधूरी थोड़ी न दूंगी ( उसने मुझे आंख मारी और हस दी )
लेकर आ गई थी मुझे वो अंडर गारमेंट सेक्शन में
: साइज ? ( उसने कुछ डिजाइन जो उस ड्रेस से मैच हो रहे थे उन्हें देख कर कहा )
: मुझे क्या पता ?
: क्या ? ( उसने चौक कर मुझे देखा और मुस्कुराने लगी ) सच में नहीं पता
: यार मैने आज तक उसका नाम नहीं पूछा , तो साइज कैसे ?
: एक मिनट ( वो पूरी कन्फ्यूज हो गई ) तुम कह रहे हो कि तुम्हे उसका नाम नहीं पता ? उसे तुम्हारा पता है ?
: पता नहीं , हमने इस बारे में कभी बात ही नहीं की ( थोड़ा डर सा लग रहा था कि क्या किसी को जानना इतना भी जरूरी है मुहब्बत करने के लिए)
: यार तुम कैसे लड़के हो ? ( अपने हाथ से सर पकड़ कर घूम गई और खुद को शांत करती हु ) अच्छा रहती कहा है ये पता है ?
मैने अपने होठ अंदर कर मुस्कुराते हुए न में सर हिलाया
: जानते क्या हो उसके बारे में?
: यही कि वो मेरा प्यार है मेरी जान है मेरा सुकून है
: उफ्फ ये लड़का भी न ( सर झटक कर बोली और वापस से पैंटी देखने लगी )
: कौन सा साइज ले रही हो
: 36 नंबर क्यों ?
: पक्का उसे हो जाएगा ?
: हीही पागल मै मेरे लिए ले रही हूं हाहाहाहा , ये कलर ठीक है
मै थोड़ा असहज होने लगा और नजरे फेरने लगा
: अरे यार तुम तो लड़कियों से भी ज्यादा शर्माते हो , ये भी कपड़े ही है हाहाहाहा
: फिर उन्हें कपड़ो के नीचे क्यों सुखाती हो ( मै हल्का सा बुदबुदाया )
: क्या ( वो चौक कर मुझे देखी ).
: कुछ नहीं ( मुझे हसी आई )
: ओके चलो मेरा हो गया

मैने उसके हाथ में दो जोड़ी ब्रा पैंटी सेट देखे लेकिन मैने कुछ नहीं बोला बस चुप रहा और इधर उधर देखता रहा कि किसी तरह से समय टल जाए
फिर वहां से निकल कर हम दोनो एक गिफ्ट शॉप पर गए
मैं उसके लिए एक खूबसूरत की हैंड वॉच ली और वही मेरी नजर एक ऐसे फोटो एल्बम पर गई
: भैया वो अल्बम दिखाना
: ये ,,, ये भइया डायरी है इसके कवर में आप फोटो लगा सकते है ( दुकान वाला बोला )
बड़ा ही यूनिक आइटम था और प्रिया को भी पसंद आया , बेबी पिंक कलर का कवर और खूबसूरत गुलाबी पन्ने जिसमें फुल और दिल की खूबसूरत कलाकारी की गई थी ।
: अच्छा है न ?
: हम्ममम
फिर मैने वो ले लिया और हम लोग निकल गए आगे कुछ चॉकलेट लेने ।
मैंने प्रिया को भी एक चॉकलेट दिलाया और फिर हम रूम पर वापस आ गए

आज हमारी मेहनत ज्यादा ही थी कुछ
प्रिया ने गिफ्ट रैप करने की तैयारी कर रही थी और कल मुझे निकलना था तो बैग भी रेडी करना था
मै अपनी सोना के लिए उसके डायरी पर पीछे एक नोट लिख रहा था


: ओह गॉड सीईईई इतनी रोमेंटिक बातें , लग रहा है कोई फ्लैट होने वाला है ( प्रिया ने हस कर मेरे नोट पढ़ते हुए मेरे मजे लिए )
: धत्त हटो यार तुम , ये सब बाते सीक्रेट है समझी
: अच्छा बच्चू , छिपा लो मै भी नहीं बताऊंगी कुछ
: अच्छा ठीक है यार पढ़ लो , लेकिन कुछ रिएक्ट मत करना

वो खुश हो गई और डायरी लेकर बैठ गई , करीब डेढ़ पन्ने लिखे थे मैने उसके लिए
प्रिया का मुस्कुराता और भरा चेहरा बता रहा था कि वो मेरे दिल की बातें पढ़ कर क्या महसूस कर रही थी
आंखे छलक आई उसकी और उसके डायरी बंद कर मुझे से दिया
: अरे क्या हुआ ( मै उठ कर उसके पास गया )
: कुछ नहीं ( वो आंख साफ करने लगी ) बहुत प्यारा लिखे हो
: अच्छी है न , मुझे तो कभी कभी शब्द ही नहीं मिलते है कि क्या लिखूं उसके लिए , वो बाहर है समाज के इस दायरे से , इन शब्दों की सीमाओं से , असीमित प्रेम की सागर से भरी जिसे देखने भर से मेरा बेचैन मन शांत हो जाता है

मैने ध्यान नहीं दिया और पाया कि प्रिया मुझे बड़े गौर से सुन रही थी
फिर उसने एकदम से बात बदल दी

: अच्छा सुनो कल क्या पहन कर जाओगे और उसकी तैयारी कर लो , मै बैग पैक कर दु तुम्हारा
: हा यार अच्छा याद दिलाया , ऐसा करो ये सब बैग में डाल दो और मै ऊपर से अपने कपड़े लाता हूं उन्हें इस्त्री करना है
मै हड़बड़ी में ऊपर गया और जब अपने कपड़े उतार रहा था कि एकदम से मुझे मेरे बैग का ख्याल आया और उसमें रखी हुई प्रिया की पैंटी

फट के चार हो गई और मै तेजी से भागता हुआ वापस आया
देखा तो प्रिया ने सब समान रख दिए थे और इस्त्री को प्लग कर गर्म करने लगी थी
वो चुप थी और मैने भी यही दिखाया जैसे कुछ हुआ नहीं
उसने मेरे कपड़े प्रेस किए और फिर नीचे चली गई
थोड़ी देर बाद ही उनके पापा ने मेरे पास फोन किया कि बाजार चलना है
चूंकि प्रिया ने पहले ही बोल दिया था कि आज मै खाना न बनाऊं तो मै थोड़ा फ्री था इसीलिए उनके साथ चलने को हा कर दिया

आज फिर हम लोग निकल गए और फिर उन्होने मेडिकल स्टोर से कंडोम के पैकेट लिए
हम वापस आए और अंकल मुझे लेकर हाल में चले आए
मेरी आँखें तब चमक उठी जब मैने आज पहली बार आंटी को साटिन की नाइटी में देखा , भरा बदन उठे हुए कूल्हे और चूचे के उभार


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इससे पहले आंटी एकदम सिम्पल साड़ी कैरी करती थी लेकिन आज उनका ये रूप थोड़ा बोल्ड लग रहा था
अंकल के उनके साथ से आंखों के इशारे से मुझे लग रहा था कि उनका प्रोग्राम फिक्स था आज

: प्रिया बेटा , जरा चाय बनाना , रोहन भी है
प्रिया ने लपक कर किचन से मुझे देखा और फिर चाय रखने लगी
हम थोड़ी बातें कर रहे थे और मैने अंकल को बताया कि कल सुबह गंगा गोमती एक्सप्रेस पकड़ कर मै घर जा रहा हूं , थोड़ा काम है घर पर ।

बातें इधर उधर की हो रही थी लेकिन अंकल की नजरे तो आज आंटी के चौड़े कूल्हे पर जमी थी , एक पल के लिए मेरे बदन में भी सिहरन होने लगी थी , मन ही मन चुलबुलाहट हो रही थी कि क्यों न आज की रात इनकी रास लीला पर नजरे गड़ाई जाए ,
उधर कल अपनी सोना से मिलने के लिए बदन में अलग ही खुमारी चढ़ रही थी और आज अंकल आंटी का मूड देख कर मै अलग ही गर्म हो रहा था ।
किसी तरह चाय पी कर मै चल गया ऊपर और अपनी सोना से बाते करने लगा
वो भी कल मिलने के लिए काफी एक्साइटेड थी । कुछ देर बाद प्रिया ऊपर आई

: अच्छा ठीक है बाबू , मै खाना खाने जा रहा हूं अभी बात करता हूं
: क्या बक्क मुझे नीद आ जाएगी तो ? आप लेट कर देते हो
: अच्छा तो आप न मेरे बारे में सोचो सेक्सी सेक्सी सा नहीं आयेगी नीद ( मैने प्रिया को देख कर आंख मारते हुए अपनी सोना को कहा )
: धत्त नहीं , मै नहीं सोचूंगी कुछ भी परेशान हो जाती हूं । आप आना मै तो बस करूंगी हीही
: सच में करोगे इस बार ( अब तो मेरे भी गाल ब्लश होने लगे थे और प्रिया के चेहरे भी शर्माहत से गुलाबी होने लगे थे )
: ठीक है आप जाओ और जल्दी आना ,बाबू वेटी वेटी कर रही है ओके जानू , आई लव यू
: ओके लव यू सोना बाय

फिर मैने फोन काट दिए और प्रिया को देखा
: क्या हुआ ( मैने उसको मुस्कुराता देख कर पूछा )
: हीही कुछ नहीं ( हंसती हुई वो बोली ) चलो तुम गंदे आदमी शर्म नहीं आती मेरे सामने ही सब कुछ बात करते हो
: अब तुमसे क्या शर्माना उम्मम , तुम तो सब जानती हो न ( मैने उसे थोड़ा छेड़ा , हालांकि ऐसे मै अपने रिश्तों को लेकर बहुत पोजेसिव और प्राइवेट था मगर प्रिया को तंग करने के अलग ही मजा आने लगा था अब )
: मार खाओगे , चलो अब पागल कही के हीही ( वो हंसती हुई बोली )
फिर मैने कमरे का दरवाजा लगाया और हम साथ में नीचे उतरने लगे चुप चाप
और तभी वो एकदम से ठिठक कर निचली सीढ़ियों पर रुक गई और वापस घूमती हुई धीरे से फुसफुसा कर : वापस चलो , अभी नहीं जा सकते
मुझे अचरज हुआ और मैने लपक कर अंदर देखा तो हाल में अंकल ने आंटी को दबोच रखा था और दोनों डीप किसिंग कर रहे थे , अंकल के पंजे आंटी के फूले हुए चूतड़ों को नाइटी के ऊपर से मसल रहे थे

: सीईईई यार क्या रोमांटिक सीन है हीहीही , देखने दो न ( मैने जान बुझ कर प्रिया को छेड़ा )
: नहीईईई पागल हो क्या ( दांत पीस कर वो बोली और मुझे पीछे धकेलने लगी ) चलो ऊपर पागल

मैने मस्ती में जान बुझ कर और झांक कर हाल के देखा : उफ्फ अंकल तो आज फूल मूड में है
वो मुझे खींच लाई वापस ऊपर
: तुम पागल हो क्या , क्या कर रहे थे ( वो थोड़ा चिढ़ रही थी )
: अब इसमें मेरी क्या गलती , मुझे तो पता ही था ये होगा
: पता था मतलब ( प्रिया ने चौक कर मुझसे पूछा)
: हीहीही आज फिर अंकल गए थे मेडिकल स्टोर पर हाहाहा
: धत्त पागल हो तुम, और ये पापा भी न कही भी शुरू हो जाते है
: अरे इसमें अंकल की क्या गलती , अब आंटी ने इतना बोल्ड लुक रखा हो तो कोई क्या करें हीहीही
: तुम ...तुम क्या पागलों जैसी बाते कर रहे हो
: मैने तो इतने सालों में पहली बार आंटी को ऐसे देखा है
: वो कभी कभी पहनती है ये सब , जब इन लोगों को करना होता है ( मुंह बना कर वो बोली )
: यार कुछ भी कहो दोनों है बड़े रोमांटिक हाहाहाहा
: अब मार खाओगे रोहन बता रही हूं ( थोड़ी शर्मा कर वो बोली )
: तो कब तक रुकना पड़ेगा ऐसे यहां, मै देख कर आऊ खत्म हो गया या नहीं
: नहीं , पागल हो ( एकदम से डर गई कही मै सच में न चला जाऊ )
: फिर ?
: रुको न थोड़ी देर ( वो अजीब सा महसूस कर रही थी थोड़ी शर्मिंदा थोड़ा असहज और थोड़ी बेचैन )

इश्क और प्यार का मजा लीजिए
थोड़ा इंतजार का मजा लीजिए
थोड़ा इंतजार का मजा लीजिए
मजा लीजिए मजा लीजिए
थोड़ा इंतजार का .... हीहीही अरे यार मार क्यों रही हो
वो एकदम से ऊपर चढ़ आई और मै हंसने लगा
: गंदे हो तुम बहुत , पागल
: यार तुम गाना भी नहीं गाने दोगी हीहीही
: चलो अब चलते है नीचे ( थोड़ा भड़क कर वो बोली )
: पक्का न ?
: हा चलो ( उसने घूर कर मुझे देखा और मै अपनी फूंटती हंसी को छूपाने लगा

फिर हम खाने के लिए नीचे आए और आंटी ने ही हमें परोसा
मैने जानबूझ कर अपनी आंखे खाने की थाली पर फोकस रखी क्योंकि सामने किचन से प्रिया हाथ बांधे मुझे ही घूर रही थी और मैने उसको मस्ती में आंख मार दी
खाने के बाद मै हाथ धुलने किचन में आया

: उफ्फ सीईईई बड़ी गर्मी लग रही है आज तो मिर्ची तीखी थी ( मैने उसे छेड़ा और वो समझ रही थी )
: क्या हुआ बेटा , पापड़ी दु ज्यादा तीखा है तो
: उन्हूं आंटी ( मैने प्रिया को देखा ) इतना तीखा तो मै खा ही सकता हूं ( वो मुंह फेर कर मुस्कुराने लगी )

फिर थोड़ी देर बाद मै वापस आ गया
फोन लगाया और मेरी सोना से उठाया

: क्या कर रही हो मेरी जान
: बस आपकी याद आ रही है बहुत ज्यादा
: आ गया मै आपके पास और क्या हुआ बात हुई विशाल से
: बक्क यार आप तो समझते नहीं हो , मै कैसे उससे बात करूंगी , अजीब लग रहा है
: तो क्या हम बस ऐसे ही बाहर मिलेंगे , मुझे आपको पकड़ कर हग करना है खूब देर तक और आपको प्यार करना खूब सारा
: मुझे भी मन हो रहा है लेकिन क्या करु ( वो थोड़ी उदास दिखी ) आप बात कर लो न ?
: क्या ? नहीं ? मैने तो उससे मिला भी नहीं हूं , चलो ठीक है कल वो भी आयेगा न तो उसको सामने से बोल दूंगा
: हा ये भी सही रहेगा और पता है उसके मम्मी पापा भी नहीं है , बाहर गए है ( वो थोड़ी खुश दिखी )
: उम्हू सच में , मान लो हमे रूम मिल गया तो
: तो, हीहीही मै आपको हग कर लूंगी हाहाहाहा और आपके सॉफ्टी सॉफ्टी लिप्सी को उम्मम हीहीहीहीही
एकदम से मूड रंगीन कर दिया उस पगली ने
: अच्छा बताओ न पहले क्या करोगी
: पहले न मै आपको पकड़ कर कमरे में ले जाऊंगी और आपको खूब सारा किस करूंगी लिप्स और गाल पर
: उम्मन और ( मुझे नशा हो रहा था उसके बातों से )
: फिर न आपको बिस्तर पर लाकर सुला दूंगी और आपके ऊपर आकर के शर्ट के बटन खोलकर आपके हॉट हॉट सेक्सी सेक्सी गर्दन पर लव बाइट करूंगी हीहीही
: उफ्फ मेरी जान , मुझे भी अच्छा लगेगा जब आप अपने सॉफ्टी लिप्स से मेरे नेक पर किस करोगे सीईईई और क्या करोगे
: और न मै अपने शर्ट निकाल कर आपके चेस्ट पर सोऊंगी आपको हग करके
: बस ?
: हा और क्या ? ( उसने मेरे जज्बात को छेड़ा )
: आप नहीं निकालोगे ?
: धत्त नहीं पागल हो हीहीही
: प्लीज न बाबू , मुझे नंगू पंगु वाला हग चाहिए आपका , सॉफ्टी सॉफ्टी दुधु का टच फील करना है मुझे सीईईई अभी से गुदगुदी लग रही है ओह्ह्ह्ह
: धत्त गंदा , परेशान मत करो मुझे , आना तो कर लेना न बाबू उम्मम अह्ह्ह्ह्ह
: पक्का न छूने दोगे न दूधू अपना
: सीईईई हम्ममम सोना छू लेना ( उसकी गर्म सिसकियां मेरे लंड को पंप कर रही थी )
: और न बाबू आपके दूधू को किस भी करेगा और सक भी करेगा निप्पल
( अपना लंड लोवर से निकाल कर मैं उसको हिला रहा था और आंखे बंद कर अपनी जान के गोरे चूचों को छूने की कल्पना में मगन था )
: सीईईई अह्ह्ह्ह जान प्लीज रुक जाओ न उम्मम , मुझे फिर से खुजली हो रही है निप्पल पर सीई अह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह
: तो पकड़ लो न मेरी जान उम्मम सहलाओ उसको हाथ डाल कर अंदर आपको आराम मिलेगा ( अपना फड़कता लंड भींचता हुआ बोला )
: ओह्ह्ह्ह मम्मा ओह्ह्ह्ह सीईईई बाबू अच्छा लग रहा है , आप जल्दी से आकर न दूधू को पकड़ लेना मेरे ओह्ह्ह्ह उम्ममम इसको खूब सहलाना मुझे अच्छा लगेगा ओह्ह्ह्ह गॉड कितना अच्छा अह्ह्ह्ह सीईईईईई
उसकी मादक सिसकियां और चुचे पकड़ने का ऑफर मुझे उत्तेजित कर रहा था और मै अपना लंड तेजी से हिलाने लगा
: सीई ओह्ह्ह्ह मेरा बेबी उम्मम मै आपके दूध को खूब चूसूंगा जीभ से गिला करूंगा चाट चाट कर सीईईई
: शीईई चुप रहो चुप ,
: क्या हुआ ?
: मम्मी उठी है , मैसेज करो ( उसने एकदम से फोन काट दिया )

एक बार फिर मेरे उमड़ते जज्बात की लहरें वापस लौट गई और मैंने मोबाइल साइड रख कर गहरी लंबी सांसे लेने लगा
हमारी बातें आज लंबी खींच गई थी और घड़ी में समय भी 10 बजने को हो गए थे ।

: sorry babu , so jaao mummy daat rahi h fone chalane ke liye
: oh ok meri jaan , araam kro subah call krunga utha lena ok
: kyo ? Raat me wish nhi kroge ? 🥺
उसकी बातों से मेरा दिल पिघल गया
: aap jagoge kya ?
: hmmm aapka wait krungi, pahale aapka hi wish chahiye mujhe
: ok , meri jaan mai call krunga 12 baje utha lena
: 😘😘😘😘 thankyou so much Jaan , love you bye gn
: love u Sona 😘 bye tc

फिर मैने फोन रख दिया और सोचने लगा कि अब अगले दो घंटे तक कैसे जागा जाए और मै उठ कर कमरे के बाहर आया और टहलने लगा
मैने सोचा अगर प्रिया ऊपर आई हो तो उसे भी पकाया जाए , क्योंकि पढ़ाई के मूड में आज तो मै बिल्कुल भी नहीं था ।
चुपचाप मै उसके कमरे की ओर गया और दरवाजा खटखटा कर धकेला तो खुल गया
अंदर कोई भी था
समय देखा तो सवा दस बज रहे और कुछ देर पहले ही मैने उसके ऊपर आने की आहट पाई थी । आज की रात वो तो बिल्कुल भी नीचे नहीं जा सकती थी तो मुझे शक हुआ और मैने ऊपर का जीना देखा तो अंदर से ही बंद था

कुछ देर तक वही बालकिनी में उसकी राह देखी , सर्द राते गहरा रही थी और मन में ख्याल उठ रहे थे
अपनी सोना से रंगीन बातें कर मन पहले से ही बेईमान हो गया था और लंड खुद ही बेकाबू था
बार बार अंकल आंटी के वो लिप किस वाले सीन का ख्याल आ रहा था , लेकिन नीचे जाना भी तो रिस्की था
आखिर मैने कुछ तय करके नीचे वाले जीने की सीढ़ियां उतरने लगा
अगर प्रिया ने पकड़ भी लिया तो बोल दूंगा छत पर ठंडी थी तो नीचे वाले बाथरूम में आया था ।
जैसे ही मै नीचे फ्लोर पर आया , सब कुछ एकदम से शांत । मैंने दबे पाव हाल में झांका तो एकदम से चुप्पी , बस झींगुर की आवाज आ रही थी ।
मै अंदर आगे बढ़ कर एक नजर किचन की ओर देखा और फिर प्रिया के मम्मी वाले कमरे की ओर जाने लगा कि एकदम से रुक गया
सामने प्रिया थी , वो खिड़की से अंदर अपने मम्मी के कमरे में झांक रही थी ।
उसने रात में एक वूलन पैजामा और स्वेटर पहना हुआ था और उसके दूध स्वेटर में और बड़े बड़े दिख रहे थे ।
मै वही एक पीलर की ओट में अंधेरे खड़ा हो गया और फिर कुछ देर में ही प्रिया वहा से निकल कर छत की ओर चली गई
उसके जाते ही मैने लपक कर उसके मम्मी के कमरे में झांका

उफ्फ ताबड़तोड़ माहौल था ,आंटी फूल मूड में थी , वो अंकल के ऊपर बैठी हुई थी लंड पर सवार और खुद से ही उछल रही थी


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अंकल अपनी बीबी को खुद उकसा रहे थे और सिसक रहे थे
मैने पहली बार आंटी के नंगे चूतड़ों को देखा और वो अंकल के बड़े से खूंटे जैसे लंड को हमच कर ले रही थी और सिसक रहे थी
पूरा पलंग पनाह मागे जा रहा था मगर आज दोनों का जोश सवाब पर था
मेरा लंड अकड़ कर रॉड हो गया था और मै भी वो नजारा देख कर सहलाने को मजबूर था ।

लेकिन डर था कही प्रिया मुझे ऊपर खोजने न आ जाए इसीलिए मैने झट से मोबाइल निकाला और 2 मिनट की वीडियो बना ली अंकल आंटी की चुदाई की , ताकि इत्मीनान से अपना लंड झाड़ सकूं

लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था
मै सरपट ऊपर आया और एक नजर प्रिया के बंद कमरे को देखा और झट से अपने कमरे में दाखिल हुआ कि सांसे अटक गई

प्रिया मेरे सामने थी और मुझे देखते ही आंखे महीन कर मुझे घूरते हुए अपने कमर पर हाथ रखा
मेरी नजरे उसके बड़े बड़े रसीले मम्में पर गई जो स्वेटर में और भी बड़े दिख रहे थे
: कहा गए थे ( उसने मुझे घूर कर पूछा )
चोरी पकड़ी गई थी मेरी मै जान रहा था तो झूठ बोलने का फायदा नहीं था तो मैने इसे अपने अंदाज में सुलझाना ही सही समझा
: वही जहां से तुम आई हो ( मैंने आंख मार कर हंस कर कहा)
एकदम से उसके चेहरे के भाव बदल गए और थोड़ी वो चोर नजरो से मुस्कुराई
: मै तो बस ....
: क्या बस , देखा मैने तुम्हे अंदर देखते हुए , ठरकी कही की हीही ( मैने उसको मस्ती में छेड़ा )
: हे , मारूंगी , तुम हो ठरकी । ना जाने कैसी कैसी बातें करते हो अपनी सोना बाबू से और वो सो जाती है तो दूसरों के कमरे में झांकते हो
उसके कहने का मतलब साफ था कि वो हर मेरी रात में मेरी सोना से हुई बाते अपने कमरे से सुनती है

मेरी नजरे मेरे और उसके कमरे में कामन एक रोशनदान पर गई जो छत से जुड़ी थी , वही से ये सब बाते उसने सुनी होगी ।
: चलो झूठी , मै तो नीचे फ्रेश होने गया था तो तुम्हे देखा उधर
: अच्छा , फ्रेश होना था तो ऊपर चले जाते
: यार इतनी ठंड में ऊपर जाऊंगा , तबियत बिगड़ गई तो कल जाऊंगा कैसे ?
: बहाने मत बनाओ , तुम्हे अच्छे से समझ गई हूं मैं । ठरकी कही के
: अच्छा ठीक है माना हूं ठरकी, मैने देखा तुम्हारे मम्मी पापा को लेकिन तुमने भी तो खुद देखा , बोलो ?
एकदम से वो चुप हो गई
: मैने जब देखा तो वो लोग कुछ नहीं कर रहे थे समझे ( उसने बात बनाने का सोचा )
: अच्छा बेटा , देखो तो झूठी को , तो तुमको कैसे पता है कि मैने उनको वो सब करते देखा था
: क्योंकि तुम नीचे छू रहे थे अन्दर देख कर , गंदे हो तुम गंदे ( उसने थोड़ा जोर देकर कहा )
: कसम से यार कितनी झूठ बोलती हो , मै तो तुम्हारे जस्ट बाद अंदर देखा तो आंटी अंकल के ऊपर चढ़ी थी ...
: छीइइई धत गंदा मै जा रही हूं ( वो थोड़ा शर्माई और कमरे से जाने लगी )
मैने उसे रोका लेकिन वो नहीं रुकी और अपने कमरे में चली गई

फिर मैने उसको मैसेज करने लगा
: achcha sorry yaar
: Ganda 😑
: maaf kr do n plzz, akhir tum bhi dekhi thi na 😕
: lekin tumko nhi dekhana chahiye tha 🙄
: sorry yaar wo bas mai apni babu se baat karke pareshan tha aur fir aunty uncle ki kiss yaad aa rahi thi
: dhtt ganda , maar khaaoge ab
: ok nhi kahunga ye sb , plzz sorry
: thik hai lekin wo video bhi delete kr do
: kaun si ?
: wahi jo tumne bnaai thi , jhuth mat bolna maine dekhaa hai , samjhe 😠
: kaun sa ye wali
( मैने जान बुझ कर वो वीडियो उसे भेज दी )
: chhiiiii ganda, mujhe kyo bhej rhe ho , delete kro
: ok kar diya
: thik hai , so jao , gn , bye
: ok bye

जान में जान आई और मैने अपना अलार्म लगाया और वापस सोने वाला था कि एकदम से फूल वॉल्यूम पर प्रिया के कमरे से आवाज उस छत वाली रोशनदान से आई

उन मादक सिसकियो को सुनते ही मै समझ गया कि प्रिया मेरी भेजी हुई वीडियो देख रही है
मुझे हसी आई और मैने उसको एक मैसेज कर दिया

: yaar awaaj kam kr lo na , fir dekho araam se
एकदम से फिर आवाज गायब हो गई
: kaho to company dene aau , sath me dekh lenge
: ganda, ganda , ganda , kitne gande ho tum pagal
: achcha beta tum kro to raasleela aur hum kare to charector dheela 🤣🤣🤣
: so jaao plzz, bye ( उसका लास्ट मैसेज आया )

मैं हसने लगा और फिर अपने कमरे की बत्ती बुझा दी
अगली सुबह तड़के उठ कर तैयार हुआ और एक बार को सोचा प्रिया से बात करूं लेकिन कल रात का सोच कर मैने उसे डिस्टर्ब करना सही नहीं समझा और सुबह की ट्रेन गंगा गोमती एक्सप्रेस पकड़ कर निकल गया लखनऊ के लिए।
अपनी जान को मैसेज करता हुआ


जारी रहेगी
हमेशा की तरह lajawab update
 
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rkv66

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: शश्शश्श म्यूट को पगलू हीही
मै कैसे खुद को शांत करता जब वो इतने बोल्ड लुक के साथ आगे खड़ी थी
उफ्फ वीडियो काल पर उसके उन्नत गोल और रसीले कसे हुए मम्मे ब्रा के टाइट चिपके हुए थे और चिकना सपाट नर्म गुदाज चर्बीदार पेट और चर्बीदार नाभि के नीचे लेगिंग्स की लास्टिक उफ्फ कयामत लग रही थी मेरी जान
लंड पूरी बगावत पर था


359471406-955752532351130-1178874673730967801-n
: देख लिए न खुश अब
: वो भी दिखाओ न निकाल कर
: धत्त गंदा मारूंगी अब , बाद में मुझे लेट हो रहा है बाबू और मुझे परेशान होकर नहीं जाना है समझे
: अच्छा ठीक है आराम से जाना और अपना ख्याल रखना ।
: हीही ओके आई लव यू माय वेलेंटाइन उम्माह
: लव यू सो मच मेरा सुकून उम्माह

फिर उसका काल कट हो गया और सुबह सुबह 7 बजे ऐसी ताजगी का अनुभव मुझे कभी नहीं हुआ ।
अह्ह्ह्ह्ह दिन बना दिया था मेरी सोना ने

एक उम्मीद सी उठ रही थी , एक फैंटेसी की लहर जो मेरी वासनाओं को धकेल रही थी आगे की ओर , बीते दिनों में चीजे बहुत तेजी से घटी थी । वो पल जब से मैने प्रिया की पैंटी को छुआ उसके बाद से कुछ अलग ही तरह की चीजें होने लगी थी ।
मानो मेरे भीतर की वासना ने खुद उन सब को अपनी ओर खींचना शुरू कर दिया था , इधर मेरी सोना के भीतर कुछ बदलाव मै महसूस कर रहा था ।


मैने मेरे बैग से उसकी पैंटी निकाली और उसको फैलाया
कितनी मुलायम और खुशबूदार , अपने चेहरे पर रख कर उसके बदन की नरमी को महसूस करता हुआ मै मुस्कुराया , वो नरम अहसास मेरे पूरे बदन में गुदगुदी कर रहा था और लंड लोवर में अकड़ रहा था ।

मैने वापस उसे बैग में रख दिया ,पता नहीं क्यों
कई बार दिन में ख्याल आया कि वापस लौटा दूं , लेकिन कुछ तो था जो मुझे ये करने से रोक रहा था ।

अभी मै खुद को थामने की कोशिश कर रहा था कि प्रिया ने दरवाजा खटखटाया
मैने खोला
: हाय गुड मॉर्निंग
: गुड मॉर्निंग ( मुस्कुराती आंखों से उसने मुझे देखा )
: कहो ?
: उम्मम हैप्पी वैलेंटाइन हीही डे हाहाहा ( हस्ते हुए वो बोली दरवाजे पर खड़े ही , अभी भी टॉप और लोवर में थी वो )
: ओह , हैप्पी वैलेंटाइन डे हीही, तो कैसे चलना है और कहा ?
: मुझे क्या पता , तुमने कोई प्लानिंग नहीं की क्या ?
: मैने ? मुझे कौन सा इन सब का अनुभव है और कहा मै कही घूमने जाता हूं
: अच्छा ठीक है मुझे एक जगह पता है , अच्छी और शांत
: तो कितने बजे निकलोगे? अंकल भी तो है न
: हा तो तुम पहले निकल जाता और चौराहे पर वेट करना , मै आज जाऊंगी फिर हम ऑटो से जायेंगे
: ओके

फिर वो चली गई और 10 बजे करीब मै तैयार होकर निकल गया और उसको मैसेज कर दिया
20 मिनट बाद वो आई , लहराते हुए अपने घेरेदार फ्राकसूट को , फूल स्लीव और हेयर स्टाइल भी किए थे उसने
एक पल को तो जी चाहता था कि बना ही लू इसे अपनी वेलेंटाइन फिर अपनी सोना का ख्याल आता , उससे बेइमानी की हिम्मत मुझमें नहीं थी ।

: चलें ?
: हा चलो बे..बी हाहाहाहा ( वो खिलखिलाई और मै भी थोड़ा ब्लश कर मुस्कुराया )
फिर वो मुझे एक बहुत शांत रेस्तरां में लें गई , अच्छी जगह थी और सजावट भी मस्त थी
हमने एक जगह चुनी और बैठ गए

फिर हमने कुछ ऑर्डर किया और वो मुझसे लिपटी मेरे कंधे पर अपना सर रख कर , माहौल रोमांटिक ही था , स्लो कवर सांग भी चल रहा था , लाइट्स हल्की थी
उसने मेरे बाजू के नीचे से हाथ डाल कर पकड़ा हुआ था
: रोहन एक बात पूछूं
: हम्ममम कहो न ?
: तुम एक बार भी आने से मना नहीं किया क्यों ?
: दोस्त को कैसे मना कर सकता हूं , और तुम्हारे जैसी को तो बिल्कुल भी नहीं
: अच्छा मुझमें ऐसा क्या है ?
: तुम में हीही ( एक पल को तो उसके पतीले जैसे चूतड़ों का ख्याल आया मगर मैने कंट्रोल किया ) तुम्हे पता है रिश्ते कैसे निभाए जाते है और तुम्हारा दिल साफ है तो तुम मुझे पसंद भी हो ।
: फिर तुम्हे मुझसे प्यार क्यों नहीं हुआ
थोड़ा भावुक हो रही थी वो , दुबक सी रही थी मेरे पास
: अह , पता है कुछ रिश्ते प्यार से भी ऊंचे होते है । सच कहूं तो तुम मुझे कुछ अजीब सा अहसास दिलाती हो
(उसके हाथ पकड़ कर मै बोला )
: मतलब ?
: मतलब कि तुम मुझे बेचैन कर देती हो
: उसके जैसे ? ( उसने फिर से मेरी सोना का जिक्र किया )
: ऊहू, वो तो मेरा सुकून है । वो पास होती है तो सब कुछ थम सा जाता है और तुम्हारे करीब जाता हूं तो ? ( मेरा दिल जोरो से धड़क रहा था और भीतर कुछ घुमड़ आ रहा था कुछ उसे उसके बारे में मेरी बताने को बेताब था )

: तो क्या ?
: उम्ममम, पता नहीं शायद मै डरता हूं तुम्हारे करीब आने से कि बेकाबू न हो जाऊं , कुछ ऐसा न कर बैठूं जो तुम्हे पसंद न हो
: मेरी ओर देखो ( उसने मेरा चेहरा उठा कर अपनी ओर किया )

एक बार फिर उसकी नशीली आंखों ने मुझे देखा और मैने उन्हें
: इसीलिए दूर भागते हो मुझसे
: हम्ममम शायद ( उसकी नजरे पढ़ने की कोशिश करता हुआ मै बोला )
: कबसे हो रहा है ये सब
: हमेशा से , लेकिन जबसे मै उससे मिलकर आया हूं तो कुछ अलग सा अहसास होता है
: कैसा ? ( उसकी भी धड़कने तेज थी )
: नहीं बता सकता , बस हर वक्त मुझे उसकी तलब महसूस होती है लेकिन मेरे आस पास तुम रहती हो । मुझे उसके लिप्स की नरमी महसूस करनी होती है और सामने चेहरा तुम्हारा होता है । मै उसे अपनी बाहों में......

एकदम से उसने आगे बढ़ कर मेरे होठ से अपने होठ चिपका दिए और मै एकदम से सन्न रह गया
कितने सॉफ्ट थे और वो पीछे हट गई मुस्कुराती शर्माती हुई नजर नीचे कर

आगे कुछ बोलता इससे पहले वेटर आ गया हमारा ऑर्डर लेकर और सर्व करके चला गया
वो अभी भी एक चुलबुली सी शरारत वाली मुस्कुराहट लिए थी और मै थोड़ा शर्मा कर मुस्कुराने लगा ।

: इतना भी फॉर्मल होने की जरूरत नहीं है , तुम चाहो तो कभी कभी किस कर सकते है हम ( आंखे नचाती हुई वो बोली )
: पागल हो तुम , ऐसे सबके सामने
: हा तो , उन्हें देखो ऐसे होते है लव बर्ड ( उसने एक कपल को दिखाया जो कॉर्नर पर डिप किसिंग कर रहे थे )
उन्हें देख कर तो मुझे भी मुंह में पानी आ गया था लेकिन मैने नजरे फेर कर मुस्कुराया
कुछ देर बाद हम वहां से निकल गए , pvr के लिए वहां हमने मूवी देखी और फिर घर वापस आने लगे
: थैंक यू
: मुझे भी अच्छा लगा ( मैने कहा )

इधर शाम हो गई थी मेरी सोना ने कोई मैसेज या काल नहीं आया तो मुझे फिक्र हुई
मैने कॉल किया
: हाय बाबू , कहा हो अभी
: ....... हा बाबू बोलो ( थोड़ा रुक कर बोली वो )
: कहा हो अभी आप ?
: बस पकड़ कर घर जा रहीं हूं ( अजीब लगा कि वो बस से क्यों जा रही है )
: बस से क्यों ?
: अरे ..... वो , अह वो लोग बाद में आयेंगे तो मै चली आई ( कुछ परेशान सी दिखी वो छिपाती हूं )
: आप अकेले आ रहे हो वापस ? ( फिकर में मै बोला )
: हा , लेकिन आप परेशान मत हो अभी थोड़ी देर में मै पहुंच जाऊंगी
: लेकिन उन्होंने आपको अकेला क्यों छोड़ दिया
आज पहली बार मुझे अफसोस हुआ कि मै क्यों उसके पास नहीं हूं क्यों उसके साथ नहीं हूं ।
: अरे ... कोई बात नहीं सोना , उनको रुकना था तो वो लोग रुक गए
: फिर भी ऐसे कैसे छोड़ सकते है ?
: कोई बात नहीं जाने दो , और बताओ क्या कर रहे हो । क्या क्या किए सारा दिन
: कुछ नहीं बस आपकी याद आ रही थी और आपको मिस कर रहे थे । मन कर रहा था कि आ जाऊ आपके पास लेकिन आज कोई गाड़ी भी नहीं थी , सॉरी सोना
: अरे नहीं बाबू, आपके एग्जाम है और फिर मंथ एंड में आओगे न , बर्थडे पर मेरे
: हा सोना ,
: आई लव यू बाबू, बहुत याद आ रही है आपकी ( कुछ रुआंसी सी वो बोली )
: अरे मेरा सुकून मेरा बच्चा , बाबू है न आई लव यू सो मच। कहो तो कल आ जाऊं आपके पास
: नहीं , मै ठीक हूं आप अपनी पढ़ाई देखो वो जरूरी है , जॉब लग जाएगी तो सबसे पहले मेरे घर आना है आपको । बाबू अब और अकेले नहीं रहेगी , जान लो आप
: हा मेरा सोना , आ जाऊंगा मै

फिर ऐसे ही बाते करते हुए वो घर पहुंच गई और मैने कॉल कट कर दिया
कुछ देर बैठा रहा शांत और चुप उसके बारे में सोचता हुआ

आखिर क्यों उसके दोस्तों ने उसे अकेला छोड़ दिया , क्या वो लोग सेक्स करने के लिए रुके है वहा, शायद तभी वो चली आई होगी ।
बेचारी मेरी सोना को कितना बुरा लगा होगा जब वो लोग स्वार्थी हो गए होंगे । मैने मन ही मन प्रार्थना की कि भगवान उसे खुश रखे और जल्द से मेरी नौकरी लग जाए और मै उसके पास चला जाऊ , फिर किसी को अधिकार नहीं होगा कि उसके आंखों के एक आंसू भी ला दे । वो सिर्फ मेरी होगी और मेरे रानी मेरी सोना मेरा सुकून

तभी दरवाजे पर दस्तक हुई और देखा तो प्रिया ने खुले दरवाजे को खटखटाया

: किसके ख्यालों में गुम हो
: मेरी सोना के ( गुलाबी होते गालों से मै मुस्कुरा कर बोला )
: ये लो खाओगे ? ( सेब लेकर आई थी )
: इसमें कुछ मिलाया है क्या अच्छा महक रहा है
: धत्त पागल , कश्मीरी है ओरिजिनल वाला, पापा लाए है न
: ओह्ह्ह
: वैसे क्या बात है थोड़े उदास लग रहे हो , किस कर दी तो नाराज हो? ( वो जान रही थी कि मुझे उस बात का बुरा नहीं लगा)
: क्या यार तुम भी , वो घूमने गई थी अपने ग्रुप के साथ लेकिन वापस अकेले घर आई है
: क्यों? ( सेव काटते हुए चौक कर वो बोली )
: पता नहीं कह रही थी उसके दोस्त लोग वही रुक गए
: क्यों ?
: उसके ग्रुप में दो कपल है और उन्हें शायद अपना क्वालिटी टाइम स्पेंड करना था
: हा कुछ भी हो लेकिन ये कैसी दोस्ती
: पता नहीं ( उदास होकर मैने कहा )
: सच कहूं तो आज के समय में कोई ऐसा मिल पाना मुश्किल है जिसे दोस्त कहा जा सके
: हम सही कह रही हो तुम शायद ( मै अभी भी अपनी सोना के लिए टेंशन में था बेचारी पर क्या गुजर रही होगी )

उस रात वो जल्दी सो गई ये कह कर उसके सर में दर्द है ।
फिर उसके अगले दिन से चीजें धीरे धीरे नॉर्मल होने में वक्त लगा, क्योंकि वो अगले कुछ दिनों तक अपने ग्रुप में किसी से बात नहीं कर रही थी । उसने मेरे साथ ही ज्यादा समय बिताए

धीरे धीरे उसका बर्थडे का दिन भी आने लगा और मैने घर पर बात कर कुछ पैसे मंगवाए । जितना मांगा उससे आधा ही मिला, मम्मी ने कहा कि एक दो दिन बाद वो भेजवा देंगी ।
हालांकि पहले ऐसा कभी भी होता था कि मै पैसे मांगू और न मिले पूरे
लेकिन मम्मी से बहुत सवाल जवाब नहीं किया क्योंकि डर था कि कही वो हिसाब न मांग ले।
मैने और प्रिया ने मिल कर मेरी सोना के बर्थडे गिफ्ट के लिए शॉपिंग का प्रोगाम बनाया , उसके बर्थडे के दो दिन पहले

: उसको न रेड ड्रेस दो , ये देखो ये वाली
: वाव, प्राइस ? ( मैने थोड़ा हिचक कर कहा , उम्मीद के हिसाब से दाम ज्यादा था 1700 की थी और मेरा पूरा बजट ही 3500 से 4000 था उसपर वहा जाने का खर्च भी था )
: तुम्हे पसंद है न ? तो ये वाला ड्रेस मेरी तरफ से उसको गिफ्ट
: अरे नहीं ? ( मै उसे बस नाम का रोका )
: क्या नहीं ? आज तक मैने उसे कुछ दिया नहीं तो ये लो पकड़ो , & फॉलो मी ( इठलाती कर वो ड्रेस मेरे ऊपर फेक कर आगे चल दी )

: अरे उधर कहा जा रहे हो ? ( मैने उसको रोका )
: क्यों , ड्रेस अधूरी थोड़ी न दूंगी ( उसने मुझे आंख मारी और हस दी )
लेकर आ गई थी मुझे वो अंडर गारमेंट सेक्शन में
: साइज ? ( उसने कुछ डिजाइन जो उस ड्रेस से मैच हो रहे थे उन्हें देख कर कहा )
: मुझे क्या पता ?
: क्या ? ( उसने चौक कर मुझे देखा और मुस्कुराने लगी ) सच में नहीं पता
: यार मैने आज तक उसका नाम नहीं पूछा , तो साइज कैसे ?
: एक मिनट ( वो पूरी कन्फ्यूज हो गई ) तुम कह रहे हो कि तुम्हे उसका नाम नहीं पता ? उसे तुम्हारा पता है ?
: पता नहीं , हमने इस बारे में कभी बात ही नहीं की ( थोड़ा डर सा लग रहा था कि क्या किसी को जानना इतना भी जरूरी है मुहब्बत करने के लिए)
: यार तुम कैसे लड़के हो ? ( अपने हाथ से सर पकड़ कर घूम गई और खुद को शांत करती हु ) अच्छा रहती कहा है ये पता है ?
मैने अपने होठ अंदर कर मुस्कुराते हुए न में सर हिलाया
: जानते क्या हो उसके बारे में?
: यही कि वो मेरा प्यार है मेरी जान है मेरा सुकून है
: उफ्फ ये लड़का भी न ( सर झटक कर बोली और वापस से पैंटी देखने लगी )
: कौन सा साइज ले रही हो
: 36 नंबर क्यों ?
: पक्का उसे हो जाएगा ?
: हीही पागल मै मेरे लिए ले रही हूं हाहाहाहा , ये कलर ठीक है
मै थोड़ा असहज होने लगा और नजरे फेरने लगा
: अरे यार तुम तो लड़कियों से भी ज्यादा शर्माते हो , ये भी कपड़े ही है हाहाहाहा
: फिर उन्हें कपड़ो के नीचे क्यों सुखाती हो ( मै हल्का सा बुदबुदाया )
: क्या ( वो चौक कर मुझे देखी ).
: कुछ नहीं ( मुझे हसी आई )
: ओके चलो मेरा हो गया

मैने उसके हाथ में दो जोड़ी ब्रा पैंटी सेट देखे लेकिन मैने कुछ नहीं बोला बस चुप रहा और इधर उधर देखता रहा कि किसी तरह से समय टल जाए
फिर वहां से निकल कर हम दोनो एक गिफ्ट शॉप पर गए
मैं उसके लिए एक खूबसूरत की हैंड वॉच ली और वही मेरी नजर एक ऐसे फोटो एल्बम पर गई
: भैया वो अल्बम दिखाना
: ये ,,, ये भइया डायरी है इसके कवर में आप फोटो लगा सकते है ( दुकान वाला बोला )
बड़ा ही यूनिक आइटम था और प्रिया को भी पसंद आया , बेबी पिंक कलर का कवर और खूबसूरत गुलाबी पन्ने जिसमें फुल और दिल की खूबसूरत कलाकारी की गई थी ।
: अच्छा है न ?
: हम्ममम
फिर मैने वो ले लिया और हम लोग निकल गए आगे कुछ चॉकलेट लेने ।
मैंने प्रिया को भी एक चॉकलेट दिलाया और फिर हम रूम पर वापस आ गए

आज हमारी मेहनत ज्यादा ही थी कुछ
प्रिया ने गिफ्ट रैप करने की तैयारी कर रही थी और कल मुझे निकलना था तो बैग भी रेडी करना था
मै अपनी सोना के लिए उसके डायरी पर पीछे एक नोट लिख रहा था


: ओह गॉड सीईईई इतनी रोमेंटिक बातें , लग रहा है कोई फ्लैट होने वाला है ( प्रिया ने हस कर मेरे नोट पढ़ते हुए मेरे मजे लिए )
: धत्त हटो यार तुम , ये सब बाते सीक्रेट है समझी
: अच्छा बच्चू , छिपा लो मै भी नहीं बताऊंगी कुछ
: अच्छा ठीक है यार पढ़ लो , लेकिन कुछ रिएक्ट मत करना

वो खुश हो गई और डायरी लेकर बैठ गई , करीब डेढ़ पन्ने लिखे थे मैने उसके लिए
प्रिया का मुस्कुराता और भरा चेहरा बता रहा था कि वो मेरे दिल की बातें पढ़ कर क्या महसूस कर रही थी
आंखे छलक आई उसकी और उसके डायरी बंद कर मुझे से दिया
: अरे क्या हुआ ( मै उठ कर उसके पास गया )
: कुछ नहीं ( वो आंख साफ करने लगी ) बहुत प्यारा लिखे हो
: अच्छी है न , मुझे तो कभी कभी शब्द ही नहीं मिलते है कि क्या लिखूं उसके लिए , वो बाहर है समाज के इस दायरे से , इन शब्दों की सीमाओं से , असीमित प्रेम की सागर से भरी जिसे देखने भर से मेरा बेचैन मन शांत हो जाता है

मैने ध्यान नहीं दिया और पाया कि प्रिया मुझे बड़े गौर से सुन रही थी
फिर उसने एकदम से बात बदल दी

: अच्छा सुनो कल क्या पहन कर जाओगे और उसकी तैयारी कर लो , मै बैग पैक कर दु तुम्हारा
: हा यार अच्छा याद दिलाया , ऐसा करो ये सब बैग में डाल दो और मै ऊपर से अपने कपड़े लाता हूं उन्हें इस्त्री करना है
मै हड़बड़ी में ऊपर गया और जब अपने कपड़े उतार रहा था कि एकदम से मुझे मेरे बैग का ख्याल आया और उसमें रखी हुई प्रिया की पैंटी

फट के चार हो गई और मै तेजी से भागता हुआ वापस आया
देखा तो प्रिया ने सब समान रख दिए थे और इस्त्री को प्लग कर गर्म करने लगी थी
वो चुप थी और मैने भी यही दिखाया जैसे कुछ हुआ नहीं
उसने मेरे कपड़े प्रेस किए और फिर नीचे चली गई
थोड़ी देर बाद ही उनके पापा ने मेरे पास फोन किया कि बाजार चलना है
चूंकि प्रिया ने पहले ही बोल दिया था कि आज मै खाना न बनाऊं तो मै थोड़ा फ्री था इसीलिए उनके साथ चलने को हा कर दिया

आज फिर हम लोग निकल गए और फिर उन्होने मेडिकल स्टोर से कंडोम के पैकेट लिए
हम वापस आए और अंकल मुझे लेकर हाल में चले आए
मेरी आँखें तब चमक उठी जब मैने आज पहली बार आंटी को साटिन की नाइटी में देखा , भरा बदन उठे हुए कूल्हे और चूचे के उभार


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इससे पहले आंटी एकदम सिम्पल साड़ी कैरी करती थी लेकिन आज उनका ये रूप थोड़ा बोल्ड लग रहा था
अंकल के उनके साथ से आंखों के इशारे से मुझे लग रहा था कि उनका प्रोग्राम फिक्स था आज

: प्रिया बेटा , जरा चाय बनाना , रोहन भी है
प्रिया ने लपक कर किचन से मुझे देखा और फिर चाय रखने लगी
हम थोड़ी बातें कर रहे थे और मैने अंकल को बताया कि कल सुबह गंगा गोमती एक्सप्रेस पकड़ कर मै घर जा रहा हूं , थोड़ा काम है घर पर ।

बातें इधर उधर की हो रही थी लेकिन अंकल की नजरे तो आज आंटी के चौड़े कूल्हे पर जमी थी , एक पल के लिए मेरे बदन में भी सिहरन होने लगी थी , मन ही मन चुलबुलाहट हो रही थी कि क्यों न आज की रात इनकी रास लीला पर नजरे गड़ाई जाए ,
उधर कल अपनी सोना से मिलने के लिए बदन में अलग ही खुमारी चढ़ रही थी और आज अंकल आंटी का मूड देख कर मै अलग ही गर्म हो रहा था ।
किसी तरह चाय पी कर मै चल गया ऊपर और अपनी सोना से बाते करने लगा
वो भी कल मिलने के लिए काफी एक्साइटेड थी । कुछ देर बाद प्रिया ऊपर आई

: अच्छा ठीक है बाबू , मै खाना खाने जा रहा हूं अभी बात करता हूं
: क्या बक्क मुझे नीद आ जाएगी तो ? आप लेट कर देते हो
: अच्छा तो आप न मेरे बारे में सोचो सेक्सी सेक्सी सा नहीं आयेगी नीद ( मैने प्रिया को देख कर आंख मारते हुए अपनी सोना को कहा )
: धत्त नहीं , मै नहीं सोचूंगी कुछ भी परेशान हो जाती हूं । आप आना मै तो बस करूंगी हीही
: सच में करोगे इस बार ( अब तो मेरे भी गाल ब्लश होने लगे थे और प्रिया के चेहरे भी शर्माहत से गुलाबी होने लगे थे )
: ठीक है आप जाओ और जल्दी आना ,बाबू वेटी वेटी कर रही है ओके जानू , आई लव यू
: ओके लव यू सोना बाय

फिर मैने फोन काट दिए और प्रिया को देखा
: क्या हुआ ( मैने उसको मुस्कुराता देख कर पूछा )
: हीही कुछ नहीं ( हंसती हुई वो बोली ) चलो तुम गंदे आदमी शर्म नहीं आती मेरे सामने ही सब कुछ बात करते हो
: अब तुमसे क्या शर्माना उम्मम , तुम तो सब जानती हो न ( मैने उसे थोड़ा छेड़ा , हालांकि ऐसे मै अपने रिश्तों को लेकर बहुत पोजेसिव और प्राइवेट था मगर प्रिया को तंग करने के अलग ही मजा आने लगा था अब )
: मार खाओगे , चलो अब पागल कही के हीही ( वो हंसती हुई बोली )
फिर मैने कमरे का दरवाजा लगाया और हम साथ में नीचे उतरने लगे चुप चाप
और तभी वो एकदम से ठिठक कर निचली सीढ़ियों पर रुक गई और वापस घूमती हुई धीरे से फुसफुसा कर : वापस चलो , अभी नहीं जा सकते
मुझे अचरज हुआ और मैने लपक कर अंदर देखा तो हाल में अंकल ने आंटी को दबोच रखा था और दोनों डीप किसिंग कर रहे थे , अंकल के पंजे आंटी के फूले हुए चूतड़ों को नाइटी के ऊपर से मसल रहे थे

: सीईईई यार क्या रोमांटिक सीन है हीहीही , देखने दो न ( मैने जान बुझ कर प्रिया को छेड़ा )
: नहीईईई पागल हो क्या ( दांत पीस कर वो बोली और मुझे पीछे धकेलने लगी ) चलो ऊपर पागल

मैने मस्ती में जान बुझ कर और झांक कर हाल के देखा : उफ्फ अंकल तो आज फूल मूड में है
वो मुझे खींच लाई वापस ऊपर
: तुम पागल हो क्या , क्या कर रहे थे ( वो थोड़ा चिढ़ रही थी )
: अब इसमें मेरी क्या गलती , मुझे तो पता ही था ये होगा
: पता था मतलब ( प्रिया ने चौक कर मुझसे पूछा)
: हीहीही आज फिर अंकल गए थे मेडिकल स्टोर पर हाहाहा
: धत्त पागल हो तुम, और ये पापा भी न कही भी शुरू हो जाते है
: अरे इसमें अंकल की क्या गलती , अब आंटी ने इतना बोल्ड लुक रखा हो तो कोई क्या करें हीहीही
: तुम ...तुम क्या पागलों जैसी बाते कर रहे हो
: मैने तो इतने सालों में पहली बार आंटी को ऐसे देखा है
: वो कभी कभी पहनती है ये सब , जब इन लोगों को करना होता है ( मुंह बना कर वो बोली )
: यार कुछ भी कहो दोनों है बड़े रोमांटिक हाहाहाहा
: अब मार खाओगे रोहन बता रही हूं ( थोड़ी शर्मा कर वो बोली )
: तो कब तक रुकना पड़ेगा ऐसे यहां, मै देख कर आऊ खत्म हो गया या नहीं
: नहीं , पागल हो ( एकदम से डर गई कही मै सच में न चला जाऊ )
: फिर ?
: रुको न थोड़ी देर ( वो अजीब सा महसूस कर रही थी थोड़ी शर्मिंदा थोड़ा असहज और थोड़ी बेचैन )

इश्क और प्यार का मजा लीजिए
थोड़ा इंतजार का मजा लीजिए
थोड़ा इंतजार का मजा लीजिए
मजा लीजिए मजा लीजिए
थोड़ा इंतजार का .... हीहीही अरे यार मार क्यों रही हो
वो एकदम से ऊपर चढ़ आई और मै हंसने लगा
: गंदे हो तुम बहुत , पागल
: यार तुम गाना भी नहीं गाने दोगी हीहीही
: चलो अब चलते है नीचे ( थोड़ा भड़क कर वो बोली )
: पक्का न ?
: हा चलो ( उसने घूर कर मुझे देखा और मै अपनी फूंटती हंसी को छूपाने लगा

फिर हम खाने के लिए नीचे आए और आंटी ने ही हमें परोसा
मैने जानबूझ कर अपनी आंखे खाने की थाली पर फोकस रखी क्योंकि सामने किचन से प्रिया हाथ बांधे मुझे ही घूर रही थी और मैने उसको मस्ती में आंख मार दी
खाने के बाद मै हाथ धुलने किचन में आया

: उफ्फ सीईईई बड़ी गर्मी लग रही है आज तो मिर्ची तीखी थी ( मैने उसे छेड़ा और वो समझ रही थी )
: क्या हुआ बेटा , पापड़ी दु ज्यादा तीखा है तो
: उन्हूं आंटी ( मैने प्रिया को देखा ) इतना तीखा तो मै खा ही सकता हूं ( वो मुंह फेर कर मुस्कुराने लगी )

फिर थोड़ी देर बाद मै वापस आ गया
फोन लगाया और मेरी सोना से उठाया

: क्या कर रही हो मेरी जान
: बस आपकी याद आ रही है बहुत ज्यादा
: आ गया मै आपके पास और क्या हुआ बात हुई विशाल से
: बक्क यार आप तो समझते नहीं हो , मै कैसे उससे बात करूंगी , अजीब लग रहा है
: तो क्या हम बस ऐसे ही बाहर मिलेंगे , मुझे आपको पकड़ कर हग करना है खूब देर तक और आपको प्यार करना खूब सारा
: मुझे भी मन हो रहा है लेकिन क्या करु ( वो थोड़ी उदास दिखी ) आप बात कर लो न ?
: क्या ? नहीं ? मैने तो उससे मिला भी नहीं हूं , चलो ठीक है कल वो भी आयेगा न तो उसको सामने से बोल दूंगा
: हा ये भी सही रहेगा और पता है उसके मम्मी पापा भी नहीं है , बाहर गए है ( वो थोड़ी खुश दिखी )
: उम्हू सच में , मान लो हमे रूम मिल गया तो
: तो, हीहीही मै आपको हग कर लूंगी हाहाहाहा और आपके सॉफ्टी सॉफ्टी लिप्सी को उम्मम हीहीहीहीही
एकदम से मूड रंगीन कर दिया उस पगली ने
: अच्छा बताओ न पहले क्या करोगी
: पहले न मै आपको पकड़ कर कमरे में ले जाऊंगी और आपको खूब सारा किस करूंगी लिप्स और गाल पर
: उम्मन और ( मुझे नशा हो रहा था उसके बातों से )
: फिर न आपको बिस्तर पर लाकर सुला दूंगी और आपके ऊपर आकर के शर्ट के बटन खोलकर आपके हॉट हॉट सेक्सी सेक्सी गर्दन पर लव बाइट करूंगी हीहीही
: उफ्फ मेरी जान , मुझे भी अच्छा लगेगा जब आप अपने सॉफ्टी लिप्स से मेरे नेक पर किस करोगे सीईईई और क्या करोगे
: और न मै अपने शर्ट निकाल कर आपके चेस्ट पर सोऊंगी आपको हग करके
: बस ?
: हा और क्या ? ( उसने मेरे जज्बात को छेड़ा )
: आप नहीं निकालोगे ?
: धत्त नहीं पागल हो हीहीही
: प्लीज न बाबू , मुझे नंगू पंगु वाला हग चाहिए आपका , सॉफ्टी सॉफ्टी दुधु का टच फील करना है मुझे सीईईई अभी से गुदगुदी लग रही है ओह्ह्ह्ह
: धत्त गंदा , परेशान मत करो मुझे , आना तो कर लेना न बाबू उम्मम अह्ह्ह्ह्ह
: पक्का न छूने दोगे न दूधू अपना
: सीईईई हम्ममम सोना छू लेना ( उसकी गर्म सिसकियां मेरे लंड को पंप कर रही थी )
: और न बाबू आपके दूधू को किस भी करेगा और सक भी करेगा निप्पल
( अपना लंड लोवर से निकाल कर मैं उसको हिला रहा था और आंखे बंद कर अपनी जान के गोरे चूचों को छूने की कल्पना में मगन था )
: सीईईई अह्ह्ह्ह जान प्लीज रुक जाओ न उम्मम , मुझे फिर से खुजली हो रही है निप्पल पर सीई अह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह
: तो पकड़ लो न मेरी जान उम्मम सहलाओ उसको हाथ डाल कर अंदर आपको आराम मिलेगा ( अपना फड़कता लंड भींचता हुआ बोला )
: ओह्ह्ह्ह मम्मा ओह्ह्ह्ह सीईईई बाबू अच्छा लग रहा है , आप जल्दी से आकर न दूधू को पकड़ लेना मेरे ओह्ह्ह्ह उम्ममम इसको खूब सहलाना मुझे अच्छा लगेगा ओह्ह्ह्ह गॉड कितना अच्छा अह्ह्ह्ह सीईईईईई
उसकी मादक सिसकियां और चुचे पकड़ने का ऑफर मुझे उत्तेजित कर रहा था और मै अपना लंड तेजी से हिलाने लगा
: सीई ओह्ह्ह्ह मेरा बेबी उम्मम मै आपके दूध को खूब चूसूंगा जीभ से गिला करूंगा चाट चाट कर सीईईई
: शीईई चुप रहो चुप ,
: क्या हुआ ?
: मम्मी उठी है , मैसेज करो ( उसने एकदम से फोन काट दिया )

एक बार फिर मेरे उमड़ते जज्बात की लहरें वापस लौट गई और मैंने मोबाइल साइड रख कर गहरी लंबी सांसे लेने लगा
हमारी बातें आज लंबी खींच गई थी और घड़ी में समय भी 10 बजने को हो गए थे ।

: sorry babu , so jaao mummy daat rahi h fone chalane ke liye
: oh ok meri jaan , araam kro subah call krunga utha lena ok
: kyo ? Raat me wish nhi kroge ? 🥺
उसकी बातों से मेरा दिल पिघल गया
: aap jagoge kya ?
: hmmm aapka wait krungi, pahale aapka hi wish chahiye mujhe
: ok , meri jaan mai call krunga 12 baje utha lena
: 😘😘😘😘 thankyou so much Jaan , love you bye gn
: love u Sona 😘 bye tc

फिर मैने फोन रख दिया और सोचने लगा कि अब अगले दो घंटे तक कैसे जागा जाए और मै उठ कर कमरे के बाहर आया और टहलने लगा
मैने सोचा अगर प्रिया ऊपर आई हो तो उसे भी पकाया जाए , क्योंकि पढ़ाई के मूड में आज तो मै बिल्कुल भी नहीं था ।
चुपचाप मै उसके कमरे की ओर गया और दरवाजा खटखटा कर धकेला तो खुल गया
अंदर कोई भी था
समय देखा तो सवा दस बज रहे और कुछ देर पहले ही मैने उसके ऊपर आने की आहट पाई थी । आज की रात वो तो बिल्कुल भी नीचे नहीं जा सकती थी तो मुझे शक हुआ और मैने ऊपर का जीना देखा तो अंदर से ही बंद था

कुछ देर तक वही बालकिनी में उसकी राह देखी , सर्द राते गहरा रही थी और मन में ख्याल उठ रहे थे
अपनी सोना से रंगीन बातें कर मन पहले से ही बेईमान हो गया था और लंड खुद ही बेकाबू था
बार बार अंकल आंटी के वो लिप किस वाले सीन का ख्याल आ रहा था , लेकिन नीचे जाना भी तो रिस्की था
आखिर मैने कुछ तय करके नीचे वाले जीने की सीढ़ियां उतरने लगा
अगर प्रिया ने पकड़ भी लिया तो बोल दूंगा छत पर ठंडी थी तो नीचे वाले बाथरूम में आया था ।
जैसे ही मै नीचे फ्लोर पर आया , सब कुछ एकदम से शांत । मैंने दबे पाव हाल में झांका तो एकदम से चुप्पी , बस झींगुर की आवाज आ रही थी ।
मै अंदर आगे बढ़ कर एक नजर किचन की ओर देखा और फिर प्रिया के मम्मी वाले कमरे की ओर जाने लगा कि एकदम से रुक गया
सामने प्रिया थी , वो खिड़की से अंदर अपने मम्मी के कमरे में झांक रही थी ।
उसने रात में एक वूलन पैजामा और स्वेटर पहना हुआ था और उसके दूध स्वेटर में और बड़े बड़े दिख रहे थे ।
मै वही एक पीलर की ओट में अंधेरे खड़ा हो गया और फिर कुछ देर में ही प्रिया वहा से निकल कर छत की ओर चली गई
उसके जाते ही मैने लपक कर उसके मम्मी के कमरे में झांका

उफ्फ ताबड़तोड़ माहौल था ,आंटी फूल मूड में थी , वो अंकल के ऊपर बैठी हुई थी लंड पर सवार और खुद से ही उछल रही थी


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अंकल अपनी बीबी को खुद उकसा रहे थे और सिसक रहे थे
मैने पहली बार आंटी के नंगे चूतड़ों को देखा और वो अंकल के बड़े से खूंटे जैसे लंड को हमच कर ले रही थी और सिसक रहे थी
पूरा पलंग पनाह मागे जा रहा था मगर आज दोनों का जोश सवाब पर था
मेरा लंड अकड़ कर रॉड हो गया था और मै भी वो नजारा देख कर सहलाने को मजबूर था ।

लेकिन डर था कही प्रिया मुझे ऊपर खोजने न आ जाए इसीलिए मैने झट से मोबाइल निकाला और 2 मिनट की वीडियो बना ली अंकल आंटी की चुदाई की , ताकि इत्मीनान से अपना लंड झाड़ सकूं

लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था
मै सरपट ऊपर आया और एक नजर प्रिया के बंद कमरे को देखा और झट से अपने कमरे में दाखिल हुआ कि सांसे अटक गई

प्रिया मेरे सामने थी और मुझे देखते ही आंखे महीन कर मुझे घूरते हुए अपने कमर पर हाथ रखा
मेरी नजरे उसके बड़े बड़े रसीले मम्में पर गई जो स्वेटर में और भी बड़े दिख रहे थे
: कहा गए थे ( उसने मुझे घूर कर पूछा )
चोरी पकड़ी गई थी मेरी मै जान रहा था तो झूठ बोलने का फायदा नहीं था तो मैने इसे अपने अंदाज में सुलझाना ही सही समझा
: वही जहां से तुम आई हो ( मैंने आंख मार कर हंस कर कहा)
एकदम से उसके चेहरे के भाव बदल गए और थोड़ी वो चोर नजरो से मुस्कुराई
: मै तो बस ....
: क्या बस , देखा मैने तुम्हे अंदर देखते हुए , ठरकी कही की हीही ( मैने उसको मस्ती में छेड़ा )
: हे , मारूंगी , तुम हो ठरकी । ना जाने कैसी कैसी बातें करते हो अपनी सोना बाबू से और वो सो जाती है तो दूसरों के कमरे में झांकते हो
उसके कहने का मतलब साफ था कि वो हर मेरी रात में मेरी सोना से हुई बाते अपने कमरे से सुनती है

मेरी नजरे मेरे और उसके कमरे में कामन एक रोशनदान पर गई जो छत से जुड़ी थी , वही से ये सब बाते उसने सुनी होगी ।
: चलो झूठी , मै तो नीचे फ्रेश होने गया था तो तुम्हे देखा उधर
: अच्छा , फ्रेश होना था तो ऊपर चले जाते
: यार इतनी ठंड में ऊपर जाऊंगा , तबियत बिगड़ गई तो कल जाऊंगा कैसे ?
: बहाने मत बनाओ , तुम्हे अच्छे से समझ गई हूं मैं । ठरकी कही के
: अच्छा ठीक है माना हूं ठरकी, मैने देखा तुम्हारे मम्मी पापा को लेकिन तुमने भी तो खुद देखा , बोलो ?
एकदम से वो चुप हो गई
: मैने जब देखा तो वो लोग कुछ नहीं कर रहे थे समझे ( उसने बात बनाने का सोचा )
: अच्छा बेटा , देखो तो झूठी को , तो तुमको कैसे पता है कि मैने उनको वो सब करते देखा था
: क्योंकि तुम नीचे छू रहे थे अन्दर देख कर , गंदे हो तुम गंदे ( उसने थोड़ा जोर देकर कहा )
: कसम से यार कितनी झूठ बोलती हो , मै तो तुम्हारे जस्ट बाद अंदर देखा तो आंटी अंकल के ऊपर चढ़ी थी ...
: छीइइई धत गंदा मै जा रही हूं ( वो थोड़ा शर्माई और कमरे से जाने लगी )
मैने उसे रोका लेकिन वो नहीं रुकी और अपने कमरे में चली गई

फिर मैने उसको मैसेज करने लगा
: achcha sorry yaar
: Ganda 😑
: maaf kr do n plzz, akhir tum bhi dekhi thi na 😕
: lekin tumko nhi dekhana chahiye tha 🙄
: sorry yaar wo bas mai apni babu se baat karke pareshan tha aur fir aunty uncle ki kiss yaad aa rahi thi
: dhtt ganda , maar khaaoge ab
: ok nhi kahunga ye sb , plzz sorry
: thik hai lekin wo video bhi delete kr do
: kaun si ?
: wahi jo tumne bnaai thi , jhuth mat bolna maine dekhaa hai , samjhe 😠
: kaun sa ye wali
( मैने जान बुझ कर वो वीडियो उसे भेज दी )
: chhiiiii ganda, mujhe kyo bhej rhe ho , delete kro
: ok kar diya
: thik hai , so jao , gn , bye
: ok bye

जान में जान आई और मैने अपना अलार्म लगाया और वापस सोने वाला था कि एकदम से फूल वॉल्यूम पर प्रिया के कमरे से आवाज उस छत वाली रोशनदान से आई

उन मादक सिसकियो को सुनते ही मै समझ गया कि प्रिया मेरी भेजी हुई वीडियो देख रही है
मुझे हसी आई और मैने उसको एक मैसेज कर दिया

: yaar awaaj kam kr lo na , fir dekho araam se
एकदम से फिर आवाज गायब हो गई
: kaho to company dene aau , sath me dekh lenge
: ganda, ganda , ganda , kitne gande ho tum pagal
: achcha beta tum kro to raasleela aur hum kare to charector dheela 🤣🤣🤣
: so jaao plzz, bye ( उसका लास्ट मैसेज आया )

मैं हसने लगा और फिर अपने कमरे की बत्ती बुझा दी
अगली सुबह तड़के उठ कर तैयार हुआ और एक बार को सोचा प्रिया से बात करूं लेकिन कल रात का सोच कर मैने उसे डिस्टर्ब करना सही नहीं समझा और सुबह की ट्रेन गंगा गोमती एक्सप्रेस पकड़ कर निकल गया लखनऊ के लिए।
अपनी जान को मैसेज करता हुआ


जारी रहेगी
excellent
 

Iron Man

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SKYESH

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: शश्शश्श म्यूट को पगलू हीही
मै कैसे खुद को शांत करता जब वो इतने बोल्ड लुक के साथ आगे खड़ी थी
उफ्फ वीडियो काल पर उसके उन्नत गोल और रसीले कसे हुए मम्मे ब्रा के टाइट चिपके हुए थे और चिकना सपाट नर्म गुदाज चर्बीदार पेट और चर्बीदार नाभि के नीचे लेगिंग्स की लास्टिक उफ्फ कयामत लग रही थी मेरी जान
लंड पूरी बगावत पर था


359471406-955752532351130-1178874673730967801-n
: देख लिए न खुश अब
: वो भी दिखाओ न निकाल कर
: धत्त गंदा मारूंगी अब , बाद में मुझे लेट हो रहा है बाबू और मुझे परेशान होकर नहीं जाना है समझे
: अच्छा ठीक है आराम से जाना और अपना ख्याल रखना ।
: हीही ओके आई लव यू माय वेलेंटाइन उम्माह
: लव यू सो मच मेरा सुकून उम्माह

फिर उसका काल कट हो गया और सुबह सुबह 7 बजे ऐसी ताजगी का अनुभव मुझे कभी नहीं हुआ ।
अह्ह्ह्ह्ह दिन बना दिया था मेरी सोना ने

एक उम्मीद सी उठ रही थी , एक फैंटेसी की लहर जो मेरी वासनाओं को धकेल रही थी आगे की ओर , बीते दिनों में चीजे बहुत तेजी से घटी थी । वो पल जब से मैने प्रिया की पैंटी को छुआ उसके बाद से कुछ अलग ही तरह की चीजें होने लगी थी ।
मानो मेरे भीतर की वासना ने खुद उन सब को अपनी ओर खींचना शुरू कर दिया था , इधर मेरी सोना के भीतर कुछ बदलाव मै महसूस कर रहा था ।


मैने मेरे बैग से उसकी पैंटी निकाली और उसको फैलाया
कितनी मुलायम और खुशबूदार , अपने चेहरे पर रख कर उसके बदन की नरमी को महसूस करता हुआ मै मुस्कुराया , वो नरम अहसास मेरे पूरे बदन में गुदगुदी कर रहा था और लंड लोवर में अकड़ रहा था ।

मैने वापस उसे बैग में रख दिया ,पता नहीं क्यों
कई बार दिन में ख्याल आया कि वापस लौटा दूं , लेकिन कुछ तो था जो मुझे ये करने से रोक रहा था ।

अभी मै खुद को थामने की कोशिश कर रहा था कि प्रिया ने दरवाजा खटखटाया
मैने खोला
: हाय गुड मॉर्निंग
: गुड मॉर्निंग ( मुस्कुराती आंखों से उसने मुझे देखा )
: कहो ?
: उम्मम हैप्पी वैलेंटाइन हीही डे हाहाहा ( हस्ते हुए वो बोली दरवाजे पर खड़े ही , अभी भी टॉप और लोवर में थी वो )
: ओह , हैप्पी वैलेंटाइन डे हीही, तो कैसे चलना है और कहा ?
: मुझे क्या पता , तुमने कोई प्लानिंग नहीं की क्या ?
: मैने ? मुझे कौन सा इन सब का अनुभव है और कहा मै कही घूमने जाता हूं
: अच्छा ठीक है मुझे एक जगह पता है , अच्छी और शांत
: तो कितने बजे निकलोगे? अंकल भी तो है न
: हा तो तुम पहले निकल जाता और चौराहे पर वेट करना , मै आज जाऊंगी फिर हम ऑटो से जायेंगे
: ओके

फिर वो चली गई और 10 बजे करीब मै तैयार होकर निकल गया और उसको मैसेज कर दिया
20 मिनट बाद वो आई , लहराते हुए अपने घेरेदार फ्राकसूट को , फूल स्लीव और हेयर स्टाइल भी किए थे उसने
एक पल को तो जी चाहता था कि बना ही लू इसे अपनी वेलेंटाइन फिर अपनी सोना का ख्याल आता , उससे बेइमानी की हिम्मत मुझमें नहीं थी ।

: चलें ?
: हा चलो बे..बी हाहाहाहा ( वो खिलखिलाई और मै भी थोड़ा ब्लश कर मुस्कुराया )
फिर वो मुझे एक बहुत शांत रेस्तरां में लें गई , अच्छी जगह थी और सजावट भी मस्त थी
हमने एक जगह चुनी और बैठ गए

फिर हमने कुछ ऑर्डर किया और वो मुझसे लिपटी मेरे कंधे पर अपना सर रख कर , माहौल रोमांटिक ही था , स्लो कवर सांग भी चल रहा था , लाइट्स हल्की थी
उसने मेरे बाजू के नीचे से हाथ डाल कर पकड़ा हुआ था
: रोहन एक बात पूछूं
: हम्ममम कहो न ?
: तुम एक बार भी आने से मना नहीं किया क्यों ?
: दोस्त को कैसे मना कर सकता हूं , और तुम्हारे जैसी को तो बिल्कुल भी नहीं
: अच्छा मुझमें ऐसा क्या है ?
: तुम में हीही ( एक पल को तो उसके पतीले जैसे चूतड़ों का ख्याल आया मगर मैने कंट्रोल किया ) तुम्हे पता है रिश्ते कैसे निभाए जाते है और तुम्हारा दिल साफ है तो तुम मुझे पसंद भी हो ।
: फिर तुम्हे मुझसे प्यार क्यों नहीं हुआ
थोड़ा भावुक हो रही थी वो , दुबक सी रही थी मेरे पास
: अह , पता है कुछ रिश्ते प्यार से भी ऊंचे होते है । सच कहूं तो तुम मुझे कुछ अजीब सा अहसास दिलाती हो
(उसके हाथ पकड़ कर मै बोला )
: मतलब ?
: मतलब कि तुम मुझे बेचैन कर देती हो
: उसके जैसे ? ( उसने फिर से मेरी सोना का जिक्र किया )
: ऊहू, वो तो मेरा सुकून है । वो पास होती है तो सब कुछ थम सा जाता है और तुम्हारे करीब जाता हूं तो ? ( मेरा दिल जोरो से धड़क रहा था और भीतर कुछ घुमड़ आ रहा था कुछ उसे उसके बारे में मेरी बताने को बेताब था )

: तो क्या ?
: उम्ममम, पता नहीं शायद मै डरता हूं तुम्हारे करीब आने से कि बेकाबू न हो जाऊं , कुछ ऐसा न कर बैठूं जो तुम्हे पसंद न हो
: मेरी ओर देखो ( उसने मेरा चेहरा उठा कर अपनी ओर किया )

एक बार फिर उसकी नशीली आंखों ने मुझे देखा और मैने उन्हें
: इसीलिए दूर भागते हो मुझसे
: हम्ममम शायद ( उसकी नजरे पढ़ने की कोशिश करता हुआ मै बोला )
: कबसे हो रहा है ये सब
: हमेशा से , लेकिन जबसे मै उससे मिलकर आया हूं तो कुछ अलग सा अहसास होता है
: कैसा ? ( उसकी भी धड़कने तेज थी )
: नहीं बता सकता , बस हर वक्त मुझे उसकी तलब महसूस होती है लेकिन मेरे आस पास तुम रहती हो । मुझे उसके लिप्स की नरमी महसूस करनी होती है और सामने चेहरा तुम्हारा होता है । मै उसे अपनी बाहों में......

एकदम से उसने आगे बढ़ कर मेरे होठ से अपने होठ चिपका दिए और मै एकदम से सन्न रह गया
कितने सॉफ्ट थे और वो पीछे हट गई मुस्कुराती शर्माती हुई नजर नीचे कर

आगे कुछ बोलता इससे पहले वेटर आ गया हमारा ऑर्डर लेकर और सर्व करके चला गया
वो अभी भी एक चुलबुली सी शरारत वाली मुस्कुराहट लिए थी और मै थोड़ा शर्मा कर मुस्कुराने लगा ।

: इतना भी फॉर्मल होने की जरूरत नहीं है , तुम चाहो तो कभी कभी किस कर सकते है हम ( आंखे नचाती हुई वो बोली )
: पागल हो तुम , ऐसे सबके सामने
: हा तो , उन्हें देखो ऐसे होते है लव बर्ड ( उसने एक कपल को दिखाया जो कॉर्नर पर डिप किसिंग कर रहे थे )
उन्हें देख कर तो मुझे भी मुंह में पानी आ गया था लेकिन मैने नजरे फेर कर मुस्कुराया
कुछ देर बाद हम वहां से निकल गए , pvr के लिए वहां हमने मूवी देखी और फिर घर वापस आने लगे
: थैंक यू
: मुझे भी अच्छा लगा ( मैने कहा )

इधर शाम हो गई थी मेरी सोना ने कोई मैसेज या काल नहीं आया तो मुझे फिक्र हुई
मैने कॉल किया
: हाय बाबू , कहा हो अभी
: ....... हा बाबू बोलो ( थोड़ा रुक कर बोली वो )
: कहा हो अभी आप ?
: बस पकड़ कर घर जा रहीं हूं ( अजीब लगा कि वो बस से क्यों जा रही है )
: बस से क्यों ?
: अरे ..... वो , अह वो लोग बाद में आयेंगे तो मै चली आई ( कुछ परेशान सी दिखी वो छिपाती हूं )
: आप अकेले आ रहे हो वापस ? ( फिकर में मै बोला )
: हा , लेकिन आप परेशान मत हो अभी थोड़ी देर में मै पहुंच जाऊंगी
: लेकिन उन्होंने आपको अकेला क्यों छोड़ दिया
आज पहली बार मुझे अफसोस हुआ कि मै क्यों उसके पास नहीं हूं क्यों उसके साथ नहीं हूं ।
: अरे ... कोई बात नहीं सोना , उनको रुकना था तो वो लोग रुक गए
: फिर भी ऐसे कैसे छोड़ सकते है ?
: कोई बात नहीं जाने दो , और बताओ क्या कर रहे हो । क्या क्या किए सारा दिन
: कुछ नहीं बस आपकी याद आ रही थी और आपको मिस कर रहे थे । मन कर रहा था कि आ जाऊ आपके पास लेकिन आज कोई गाड़ी भी नहीं थी , सॉरी सोना
: अरे नहीं बाबू, आपके एग्जाम है और फिर मंथ एंड में आओगे न , बर्थडे पर मेरे
: हा सोना ,
: आई लव यू बाबू, बहुत याद आ रही है आपकी ( कुछ रुआंसी सी वो बोली )
: अरे मेरा सुकून मेरा बच्चा , बाबू है न आई लव यू सो मच। कहो तो कल आ जाऊं आपके पास
: नहीं , मै ठीक हूं आप अपनी पढ़ाई देखो वो जरूरी है , जॉब लग जाएगी तो सबसे पहले मेरे घर आना है आपको । बाबू अब और अकेले नहीं रहेगी , जान लो आप
: हा मेरा सोना , आ जाऊंगा मै

फिर ऐसे ही बाते करते हुए वो घर पहुंच गई और मैने कॉल कट कर दिया
कुछ देर बैठा रहा शांत और चुप उसके बारे में सोचता हुआ

आखिर क्यों उसके दोस्तों ने उसे अकेला छोड़ दिया , क्या वो लोग सेक्स करने के लिए रुके है वहा, शायद तभी वो चली आई होगी ।
बेचारी मेरी सोना को कितना बुरा लगा होगा जब वो लोग स्वार्थी हो गए होंगे । मैने मन ही मन प्रार्थना की कि भगवान उसे खुश रखे और जल्द से मेरी नौकरी लग जाए और मै उसके पास चला जाऊ , फिर किसी को अधिकार नहीं होगा कि उसके आंखों के एक आंसू भी ला दे । वो सिर्फ मेरी होगी और मेरे रानी मेरी सोना मेरा सुकून

तभी दरवाजे पर दस्तक हुई और देखा तो प्रिया ने खुले दरवाजे को खटखटाया

: किसके ख्यालों में गुम हो
: मेरी सोना के ( गुलाबी होते गालों से मै मुस्कुरा कर बोला )
: ये लो खाओगे ? ( सेब लेकर आई थी )
: इसमें कुछ मिलाया है क्या अच्छा महक रहा है
: धत्त पागल , कश्मीरी है ओरिजिनल वाला, पापा लाए है न
: ओह्ह्ह
: वैसे क्या बात है थोड़े उदास लग रहे हो , किस कर दी तो नाराज हो? ( वो जान रही थी कि मुझे उस बात का बुरा नहीं लगा)
: क्या यार तुम भी , वो घूमने गई थी अपने ग्रुप के साथ लेकिन वापस अकेले घर आई है
: क्यों? ( सेव काटते हुए चौक कर वो बोली )
: पता नहीं कह रही थी उसके दोस्त लोग वही रुक गए
: क्यों ?
: उसके ग्रुप में दो कपल है और उन्हें शायद अपना क्वालिटी टाइम स्पेंड करना था
: हा कुछ भी हो लेकिन ये कैसी दोस्ती
: पता नहीं ( उदास होकर मैने कहा )
: सच कहूं तो आज के समय में कोई ऐसा मिल पाना मुश्किल है जिसे दोस्त कहा जा सके
: हम सही कह रही हो तुम शायद ( मै अभी भी अपनी सोना के लिए टेंशन में था बेचारी पर क्या गुजर रही होगी )

उस रात वो जल्दी सो गई ये कह कर उसके सर में दर्द है ।
फिर उसके अगले दिन से चीजें धीरे धीरे नॉर्मल होने में वक्त लगा, क्योंकि वो अगले कुछ दिनों तक अपने ग्रुप में किसी से बात नहीं कर रही थी । उसने मेरे साथ ही ज्यादा समय बिताए

धीरे धीरे उसका बर्थडे का दिन भी आने लगा और मैने घर पर बात कर कुछ पैसे मंगवाए । जितना मांगा उससे आधा ही मिला, मम्मी ने कहा कि एक दो दिन बाद वो भेजवा देंगी ।
हालांकि पहले ऐसा कभी भी होता था कि मै पैसे मांगू और न मिले पूरे
लेकिन मम्मी से बहुत सवाल जवाब नहीं किया क्योंकि डर था कि कही वो हिसाब न मांग ले।
मैने और प्रिया ने मिल कर मेरी सोना के बर्थडे गिफ्ट के लिए शॉपिंग का प्रोगाम बनाया , उसके बर्थडे के दो दिन पहले

: उसको न रेड ड्रेस दो , ये देखो ये वाली
: वाव, प्राइस ? ( मैने थोड़ा हिचक कर कहा , उम्मीद के हिसाब से दाम ज्यादा था 1700 की थी और मेरा पूरा बजट ही 3500 से 4000 था उसपर वहा जाने का खर्च भी था )
: तुम्हे पसंद है न ? तो ये वाला ड्रेस मेरी तरफ से उसको गिफ्ट
: अरे नहीं ? ( मै उसे बस नाम का रोका )
: क्या नहीं ? आज तक मैने उसे कुछ दिया नहीं तो ये लो पकड़ो , & फॉलो मी ( इठलाती कर वो ड्रेस मेरे ऊपर फेक कर आगे चल दी )

: अरे उधर कहा जा रहे हो ? ( मैने उसको रोका )
: क्यों , ड्रेस अधूरी थोड़ी न दूंगी ( उसने मुझे आंख मारी और हस दी )
लेकर आ गई थी मुझे वो अंडर गारमेंट सेक्शन में
: साइज ? ( उसने कुछ डिजाइन जो उस ड्रेस से मैच हो रहे थे उन्हें देख कर कहा )
: मुझे क्या पता ?
: क्या ? ( उसने चौक कर मुझे देखा और मुस्कुराने लगी ) सच में नहीं पता
: यार मैने आज तक उसका नाम नहीं पूछा , तो साइज कैसे ?
: एक मिनट ( वो पूरी कन्फ्यूज हो गई ) तुम कह रहे हो कि तुम्हे उसका नाम नहीं पता ? उसे तुम्हारा पता है ?
: पता नहीं , हमने इस बारे में कभी बात ही नहीं की ( थोड़ा डर सा लग रहा था कि क्या किसी को जानना इतना भी जरूरी है मुहब्बत करने के लिए)
: यार तुम कैसे लड़के हो ? ( अपने हाथ से सर पकड़ कर घूम गई और खुद को शांत करती हु ) अच्छा रहती कहा है ये पता है ?
मैने अपने होठ अंदर कर मुस्कुराते हुए न में सर हिलाया
: जानते क्या हो उसके बारे में?
: यही कि वो मेरा प्यार है मेरी जान है मेरा सुकून है
: उफ्फ ये लड़का भी न ( सर झटक कर बोली और वापस से पैंटी देखने लगी )
: कौन सा साइज ले रही हो
: 36 नंबर क्यों ?
: पक्का उसे हो जाएगा ?
: हीही पागल मै मेरे लिए ले रही हूं हाहाहाहा , ये कलर ठीक है
मै थोड़ा असहज होने लगा और नजरे फेरने लगा
: अरे यार तुम तो लड़कियों से भी ज्यादा शर्माते हो , ये भी कपड़े ही है हाहाहाहा
: फिर उन्हें कपड़ो के नीचे क्यों सुखाती हो ( मै हल्का सा बुदबुदाया )
: क्या ( वो चौक कर मुझे देखी ).
: कुछ नहीं ( मुझे हसी आई )
: ओके चलो मेरा हो गया

मैने उसके हाथ में दो जोड़ी ब्रा पैंटी सेट देखे लेकिन मैने कुछ नहीं बोला बस चुप रहा और इधर उधर देखता रहा कि किसी तरह से समय टल जाए
फिर वहां से निकल कर हम दोनो एक गिफ्ट शॉप पर गए
मैं उसके लिए एक खूबसूरत की हैंड वॉच ली और वही मेरी नजर एक ऐसे फोटो एल्बम पर गई
: भैया वो अल्बम दिखाना
: ये ,,, ये भइया डायरी है इसके कवर में आप फोटो लगा सकते है ( दुकान वाला बोला )
बड़ा ही यूनिक आइटम था और प्रिया को भी पसंद आया , बेबी पिंक कलर का कवर और खूबसूरत गुलाबी पन्ने जिसमें फुल और दिल की खूबसूरत कलाकारी की गई थी ।
: अच्छा है न ?
: हम्ममम
फिर मैने वो ले लिया और हम लोग निकल गए आगे कुछ चॉकलेट लेने ।
मैंने प्रिया को भी एक चॉकलेट दिलाया और फिर हम रूम पर वापस आ गए

आज हमारी मेहनत ज्यादा ही थी कुछ
प्रिया ने गिफ्ट रैप करने की तैयारी कर रही थी और कल मुझे निकलना था तो बैग भी रेडी करना था
मै अपनी सोना के लिए उसके डायरी पर पीछे एक नोट लिख रहा था


: ओह गॉड सीईईई इतनी रोमेंटिक बातें , लग रहा है कोई फ्लैट होने वाला है ( प्रिया ने हस कर मेरे नोट पढ़ते हुए मेरे मजे लिए )
: धत्त हटो यार तुम , ये सब बाते सीक्रेट है समझी
: अच्छा बच्चू , छिपा लो मै भी नहीं बताऊंगी कुछ
: अच्छा ठीक है यार पढ़ लो , लेकिन कुछ रिएक्ट मत करना

वो खुश हो गई और डायरी लेकर बैठ गई , करीब डेढ़ पन्ने लिखे थे मैने उसके लिए
प्रिया का मुस्कुराता और भरा चेहरा बता रहा था कि वो मेरे दिल की बातें पढ़ कर क्या महसूस कर रही थी
आंखे छलक आई उसकी और उसके डायरी बंद कर मुझे से दिया
: अरे क्या हुआ ( मै उठ कर उसके पास गया )
: कुछ नहीं ( वो आंख साफ करने लगी ) बहुत प्यारा लिखे हो
: अच्छी है न , मुझे तो कभी कभी शब्द ही नहीं मिलते है कि क्या लिखूं उसके लिए , वो बाहर है समाज के इस दायरे से , इन शब्दों की सीमाओं से , असीमित प्रेम की सागर से भरी जिसे देखने भर से मेरा बेचैन मन शांत हो जाता है

मैने ध्यान नहीं दिया और पाया कि प्रिया मुझे बड़े गौर से सुन रही थी
फिर उसने एकदम से बात बदल दी

: अच्छा सुनो कल क्या पहन कर जाओगे और उसकी तैयारी कर लो , मै बैग पैक कर दु तुम्हारा
: हा यार अच्छा याद दिलाया , ऐसा करो ये सब बैग में डाल दो और मै ऊपर से अपने कपड़े लाता हूं उन्हें इस्त्री करना है
मै हड़बड़ी में ऊपर गया और जब अपने कपड़े उतार रहा था कि एकदम से मुझे मेरे बैग का ख्याल आया और उसमें रखी हुई प्रिया की पैंटी

फट के चार हो गई और मै तेजी से भागता हुआ वापस आया
देखा तो प्रिया ने सब समान रख दिए थे और इस्त्री को प्लग कर गर्म करने लगी थी
वो चुप थी और मैने भी यही दिखाया जैसे कुछ हुआ नहीं
उसने मेरे कपड़े प्रेस किए और फिर नीचे चली गई
थोड़ी देर बाद ही उनके पापा ने मेरे पास फोन किया कि बाजार चलना है
चूंकि प्रिया ने पहले ही बोल दिया था कि आज मै खाना न बनाऊं तो मै थोड़ा फ्री था इसीलिए उनके साथ चलने को हा कर दिया

आज फिर हम लोग निकल गए और फिर उन्होने मेडिकल स्टोर से कंडोम के पैकेट लिए
हम वापस आए और अंकल मुझे लेकर हाल में चले आए
मेरी आँखें तब चमक उठी जब मैने आज पहली बार आंटी को साटिन की नाइटी में देखा , भरा बदन उठे हुए कूल्हे और चूचे के उभार


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इससे पहले आंटी एकदम सिम्पल साड़ी कैरी करती थी लेकिन आज उनका ये रूप थोड़ा बोल्ड लग रहा था
अंकल के उनके साथ से आंखों के इशारे से मुझे लग रहा था कि उनका प्रोग्राम फिक्स था आज

: प्रिया बेटा , जरा चाय बनाना , रोहन भी है
प्रिया ने लपक कर किचन से मुझे देखा और फिर चाय रखने लगी
हम थोड़ी बातें कर रहे थे और मैने अंकल को बताया कि कल सुबह गंगा गोमती एक्सप्रेस पकड़ कर मै घर जा रहा हूं , थोड़ा काम है घर पर ।

बातें इधर उधर की हो रही थी लेकिन अंकल की नजरे तो आज आंटी के चौड़े कूल्हे पर जमी थी , एक पल के लिए मेरे बदन में भी सिहरन होने लगी थी , मन ही मन चुलबुलाहट हो रही थी कि क्यों न आज की रात इनकी रास लीला पर नजरे गड़ाई जाए ,
उधर कल अपनी सोना से मिलने के लिए बदन में अलग ही खुमारी चढ़ रही थी और आज अंकल आंटी का मूड देख कर मै अलग ही गर्म हो रहा था ।
किसी तरह चाय पी कर मै चल गया ऊपर और अपनी सोना से बाते करने लगा
वो भी कल मिलने के लिए काफी एक्साइटेड थी । कुछ देर बाद प्रिया ऊपर आई

: अच्छा ठीक है बाबू , मै खाना खाने जा रहा हूं अभी बात करता हूं
: क्या बक्क मुझे नीद आ जाएगी तो ? आप लेट कर देते हो
: अच्छा तो आप न मेरे बारे में सोचो सेक्सी सेक्सी सा नहीं आयेगी नीद ( मैने प्रिया को देख कर आंख मारते हुए अपनी सोना को कहा )
: धत्त नहीं , मै नहीं सोचूंगी कुछ भी परेशान हो जाती हूं । आप आना मै तो बस करूंगी हीही
: सच में करोगे इस बार ( अब तो मेरे भी गाल ब्लश होने लगे थे और प्रिया के चेहरे भी शर्माहत से गुलाबी होने लगे थे )
: ठीक है आप जाओ और जल्दी आना ,बाबू वेटी वेटी कर रही है ओके जानू , आई लव यू
: ओके लव यू सोना बाय

फिर मैने फोन काट दिए और प्रिया को देखा
: क्या हुआ ( मैने उसको मुस्कुराता देख कर पूछा )
: हीही कुछ नहीं ( हंसती हुई वो बोली ) चलो तुम गंदे आदमी शर्म नहीं आती मेरे सामने ही सब कुछ बात करते हो
: अब तुमसे क्या शर्माना उम्मम , तुम तो सब जानती हो न ( मैने उसे थोड़ा छेड़ा , हालांकि ऐसे मै अपने रिश्तों को लेकर बहुत पोजेसिव और प्राइवेट था मगर प्रिया को तंग करने के अलग ही मजा आने लगा था अब )
: मार खाओगे , चलो अब पागल कही के हीही ( वो हंसती हुई बोली )
फिर मैने कमरे का दरवाजा लगाया और हम साथ में नीचे उतरने लगे चुप चाप
और तभी वो एकदम से ठिठक कर निचली सीढ़ियों पर रुक गई और वापस घूमती हुई धीरे से फुसफुसा कर : वापस चलो , अभी नहीं जा सकते
मुझे अचरज हुआ और मैने लपक कर अंदर देखा तो हाल में अंकल ने आंटी को दबोच रखा था और दोनों डीप किसिंग कर रहे थे , अंकल के पंजे आंटी के फूले हुए चूतड़ों को नाइटी के ऊपर से मसल रहे थे

: सीईईई यार क्या रोमांटिक सीन है हीहीही , देखने दो न ( मैने जान बुझ कर प्रिया को छेड़ा )
: नहीईईई पागल हो क्या ( दांत पीस कर वो बोली और मुझे पीछे धकेलने लगी ) चलो ऊपर पागल

मैने मस्ती में जान बुझ कर और झांक कर हाल के देखा : उफ्फ अंकल तो आज फूल मूड में है
वो मुझे खींच लाई वापस ऊपर
: तुम पागल हो क्या , क्या कर रहे थे ( वो थोड़ा चिढ़ रही थी )
: अब इसमें मेरी क्या गलती , मुझे तो पता ही था ये होगा
: पता था मतलब ( प्रिया ने चौक कर मुझसे पूछा)
: हीहीही आज फिर अंकल गए थे मेडिकल स्टोर पर हाहाहा
: धत्त पागल हो तुम, और ये पापा भी न कही भी शुरू हो जाते है
: अरे इसमें अंकल की क्या गलती , अब आंटी ने इतना बोल्ड लुक रखा हो तो कोई क्या करें हीहीही
: तुम ...तुम क्या पागलों जैसी बाते कर रहे हो
: मैने तो इतने सालों में पहली बार आंटी को ऐसे देखा है
: वो कभी कभी पहनती है ये सब , जब इन लोगों को करना होता है ( मुंह बना कर वो बोली )
: यार कुछ भी कहो दोनों है बड़े रोमांटिक हाहाहाहा
: अब मार खाओगे रोहन बता रही हूं ( थोड़ी शर्मा कर वो बोली )
: तो कब तक रुकना पड़ेगा ऐसे यहां, मै देख कर आऊ खत्म हो गया या नहीं
: नहीं , पागल हो ( एकदम से डर गई कही मै सच में न चला जाऊ )
: फिर ?
: रुको न थोड़ी देर ( वो अजीब सा महसूस कर रही थी थोड़ी शर्मिंदा थोड़ा असहज और थोड़ी बेचैन )

इश्क और प्यार का मजा लीजिए
थोड़ा इंतजार का मजा लीजिए
थोड़ा इंतजार का मजा लीजिए
मजा लीजिए मजा लीजिए
थोड़ा इंतजार का .... हीहीही अरे यार मार क्यों रही हो
वो एकदम से ऊपर चढ़ आई और मै हंसने लगा
: गंदे हो तुम बहुत , पागल
: यार तुम गाना भी नहीं गाने दोगी हीहीही
: चलो अब चलते है नीचे ( थोड़ा भड़क कर वो बोली )
: पक्का न ?
: हा चलो ( उसने घूर कर मुझे देखा और मै अपनी फूंटती हंसी को छूपाने लगा

फिर हम खाने के लिए नीचे आए और आंटी ने ही हमें परोसा
मैने जानबूझ कर अपनी आंखे खाने की थाली पर फोकस रखी क्योंकि सामने किचन से प्रिया हाथ बांधे मुझे ही घूर रही थी और मैने उसको मस्ती में आंख मार दी
खाने के बाद मै हाथ धुलने किचन में आया

: उफ्फ सीईईई बड़ी गर्मी लग रही है आज तो मिर्ची तीखी थी ( मैने उसे छेड़ा और वो समझ रही थी )
: क्या हुआ बेटा , पापड़ी दु ज्यादा तीखा है तो
: उन्हूं आंटी ( मैने प्रिया को देखा ) इतना तीखा तो मै खा ही सकता हूं ( वो मुंह फेर कर मुस्कुराने लगी )

फिर थोड़ी देर बाद मै वापस आ गया
फोन लगाया और मेरी सोना से उठाया

: क्या कर रही हो मेरी जान
: बस आपकी याद आ रही है बहुत ज्यादा
: आ गया मै आपके पास और क्या हुआ बात हुई विशाल से
: बक्क यार आप तो समझते नहीं हो , मै कैसे उससे बात करूंगी , अजीब लग रहा है
: तो क्या हम बस ऐसे ही बाहर मिलेंगे , मुझे आपको पकड़ कर हग करना है खूब देर तक और आपको प्यार करना खूब सारा
: मुझे भी मन हो रहा है लेकिन क्या करु ( वो थोड़ी उदास दिखी ) आप बात कर लो न ?
: क्या ? नहीं ? मैने तो उससे मिला भी नहीं हूं , चलो ठीक है कल वो भी आयेगा न तो उसको सामने से बोल दूंगा
: हा ये भी सही रहेगा और पता है उसके मम्मी पापा भी नहीं है , बाहर गए है ( वो थोड़ी खुश दिखी )
: उम्हू सच में , मान लो हमे रूम मिल गया तो
: तो, हीहीही मै आपको हग कर लूंगी हाहाहाहा और आपके सॉफ्टी सॉफ्टी लिप्सी को उम्मम हीहीहीहीही
एकदम से मूड रंगीन कर दिया उस पगली ने
: अच्छा बताओ न पहले क्या करोगी
: पहले न मै आपको पकड़ कर कमरे में ले जाऊंगी और आपको खूब सारा किस करूंगी लिप्स और गाल पर
: उम्मन और ( मुझे नशा हो रहा था उसके बातों से )
: फिर न आपको बिस्तर पर लाकर सुला दूंगी और आपके ऊपर आकर के शर्ट के बटन खोलकर आपके हॉट हॉट सेक्सी सेक्सी गर्दन पर लव बाइट करूंगी हीहीही
: उफ्फ मेरी जान , मुझे भी अच्छा लगेगा जब आप अपने सॉफ्टी लिप्स से मेरे नेक पर किस करोगे सीईईई और क्या करोगे
: और न मै अपने शर्ट निकाल कर आपके चेस्ट पर सोऊंगी आपको हग करके
: बस ?
: हा और क्या ? ( उसने मेरे जज्बात को छेड़ा )
: आप नहीं निकालोगे ?
: धत्त नहीं पागल हो हीहीही
: प्लीज न बाबू , मुझे नंगू पंगु वाला हग चाहिए आपका , सॉफ्टी सॉफ्टी दुधु का टच फील करना है मुझे सीईईई अभी से गुदगुदी लग रही है ओह्ह्ह्ह
: धत्त गंदा , परेशान मत करो मुझे , आना तो कर लेना न बाबू उम्मम अह्ह्ह्ह्ह
: पक्का न छूने दोगे न दूधू अपना
: सीईईई हम्ममम सोना छू लेना ( उसकी गर्म सिसकियां मेरे लंड को पंप कर रही थी )
: और न बाबू आपके दूधू को किस भी करेगा और सक भी करेगा निप्पल
( अपना लंड लोवर से निकाल कर मैं उसको हिला रहा था और आंखे बंद कर अपनी जान के गोरे चूचों को छूने की कल्पना में मगन था )
: सीईईई अह्ह्ह्ह जान प्लीज रुक जाओ न उम्मम , मुझे फिर से खुजली हो रही है निप्पल पर सीई अह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह
: तो पकड़ लो न मेरी जान उम्मम सहलाओ उसको हाथ डाल कर अंदर आपको आराम मिलेगा ( अपना फड़कता लंड भींचता हुआ बोला )
: ओह्ह्ह्ह मम्मा ओह्ह्ह्ह सीईईई बाबू अच्छा लग रहा है , आप जल्दी से आकर न दूधू को पकड़ लेना मेरे ओह्ह्ह्ह उम्ममम इसको खूब सहलाना मुझे अच्छा लगेगा ओह्ह्ह्ह गॉड कितना अच्छा अह्ह्ह्ह सीईईईईई
उसकी मादक सिसकियां और चुचे पकड़ने का ऑफर मुझे उत्तेजित कर रहा था और मै अपना लंड तेजी से हिलाने लगा
: सीई ओह्ह्ह्ह मेरा बेबी उम्मम मै आपके दूध को खूब चूसूंगा जीभ से गिला करूंगा चाट चाट कर सीईईई
: शीईई चुप रहो चुप ,
: क्या हुआ ?
: मम्मी उठी है , मैसेज करो ( उसने एकदम से फोन काट दिया )

एक बार फिर मेरे उमड़ते जज्बात की लहरें वापस लौट गई और मैंने मोबाइल साइड रख कर गहरी लंबी सांसे लेने लगा
हमारी बातें आज लंबी खींच गई थी और घड़ी में समय भी 10 बजने को हो गए थे ।

: sorry babu , so jaao mummy daat rahi h fone chalane ke liye
: oh ok meri jaan , araam kro subah call krunga utha lena ok
: kyo ? Raat me wish nhi kroge ? 🥺
उसकी बातों से मेरा दिल पिघल गया
: aap jagoge kya ?
: hmmm aapka wait krungi, pahale aapka hi wish chahiye mujhe
: ok , meri jaan mai call krunga 12 baje utha lena
: 😘😘😘😘 thankyou so much Jaan , love you bye gn
: love u Sona 😘 bye tc

फिर मैने फोन रख दिया और सोचने लगा कि अब अगले दो घंटे तक कैसे जागा जाए और मै उठ कर कमरे के बाहर आया और टहलने लगा
मैने सोचा अगर प्रिया ऊपर आई हो तो उसे भी पकाया जाए , क्योंकि पढ़ाई के मूड में आज तो मै बिल्कुल भी नहीं था ।
चुपचाप मै उसके कमरे की ओर गया और दरवाजा खटखटा कर धकेला तो खुल गया
अंदर कोई भी था
समय देखा तो सवा दस बज रहे और कुछ देर पहले ही मैने उसके ऊपर आने की आहट पाई थी । आज की रात वो तो बिल्कुल भी नीचे नहीं जा सकती थी तो मुझे शक हुआ और मैने ऊपर का जीना देखा तो अंदर से ही बंद था

कुछ देर तक वही बालकिनी में उसकी राह देखी , सर्द राते गहरा रही थी और मन में ख्याल उठ रहे थे
अपनी सोना से रंगीन बातें कर मन पहले से ही बेईमान हो गया था और लंड खुद ही बेकाबू था
बार बार अंकल आंटी के वो लिप किस वाले सीन का ख्याल आ रहा था , लेकिन नीचे जाना भी तो रिस्की था
आखिर मैने कुछ तय करके नीचे वाले जीने की सीढ़ियां उतरने लगा
अगर प्रिया ने पकड़ भी लिया तो बोल दूंगा छत पर ठंडी थी तो नीचे वाले बाथरूम में आया था ।
जैसे ही मै नीचे फ्लोर पर आया , सब कुछ एकदम से शांत । मैंने दबे पाव हाल में झांका तो एकदम से चुप्पी , बस झींगुर की आवाज आ रही थी ।
मै अंदर आगे बढ़ कर एक नजर किचन की ओर देखा और फिर प्रिया के मम्मी वाले कमरे की ओर जाने लगा कि एकदम से रुक गया
सामने प्रिया थी , वो खिड़की से अंदर अपने मम्मी के कमरे में झांक रही थी ।
उसने रात में एक वूलन पैजामा और स्वेटर पहना हुआ था और उसके दूध स्वेटर में और बड़े बड़े दिख रहे थे ।
मै वही एक पीलर की ओट में अंधेरे खड़ा हो गया और फिर कुछ देर में ही प्रिया वहा से निकल कर छत की ओर चली गई
उसके जाते ही मैने लपक कर उसके मम्मी के कमरे में झांका

उफ्फ ताबड़तोड़ माहौल था ,आंटी फूल मूड में थी , वो अंकल के ऊपर बैठी हुई थी लंड पर सवार और खुद से ही उछल रही थी


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अंकल अपनी बीबी को खुद उकसा रहे थे और सिसक रहे थे
मैने पहली बार आंटी के नंगे चूतड़ों को देखा और वो अंकल के बड़े से खूंटे जैसे लंड को हमच कर ले रही थी और सिसक रहे थी
पूरा पलंग पनाह मागे जा रहा था मगर आज दोनों का जोश सवाब पर था
मेरा लंड अकड़ कर रॉड हो गया था और मै भी वो नजारा देख कर सहलाने को मजबूर था ।

लेकिन डर था कही प्रिया मुझे ऊपर खोजने न आ जाए इसीलिए मैने झट से मोबाइल निकाला और 2 मिनट की वीडियो बना ली अंकल आंटी की चुदाई की , ताकि इत्मीनान से अपना लंड झाड़ सकूं

लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था
मै सरपट ऊपर आया और एक नजर प्रिया के बंद कमरे को देखा और झट से अपने कमरे में दाखिल हुआ कि सांसे अटक गई

प्रिया मेरे सामने थी और मुझे देखते ही आंखे महीन कर मुझे घूरते हुए अपने कमर पर हाथ रखा
मेरी नजरे उसके बड़े बड़े रसीले मम्में पर गई जो स्वेटर में और भी बड़े दिख रहे थे
: कहा गए थे ( उसने मुझे घूर कर पूछा )
चोरी पकड़ी गई थी मेरी मै जान रहा था तो झूठ बोलने का फायदा नहीं था तो मैने इसे अपने अंदाज में सुलझाना ही सही समझा
: वही जहां से तुम आई हो ( मैंने आंख मार कर हंस कर कहा)
एकदम से उसके चेहरे के भाव बदल गए और थोड़ी वो चोर नजरो से मुस्कुराई
: मै तो बस ....
: क्या बस , देखा मैने तुम्हे अंदर देखते हुए , ठरकी कही की हीही ( मैने उसको मस्ती में छेड़ा )
: हे , मारूंगी , तुम हो ठरकी । ना जाने कैसी कैसी बातें करते हो अपनी सोना बाबू से और वो सो जाती है तो दूसरों के कमरे में झांकते हो
उसके कहने का मतलब साफ था कि वो हर मेरी रात में मेरी सोना से हुई बाते अपने कमरे से सुनती है

मेरी नजरे मेरे और उसके कमरे में कामन एक रोशनदान पर गई जो छत से जुड़ी थी , वही से ये सब बाते उसने सुनी होगी ।
: चलो झूठी , मै तो नीचे फ्रेश होने गया था तो तुम्हे देखा उधर
: अच्छा , फ्रेश होना था तो ऊपर चले जाते
: यार इतनी ठंड में ऊपर जाऊंगा , तबियत बिगड़ गई तो कल जाऊंगा कैसे ?
: बहाने मत बनाओ , तुम्हे अच्छे से समझ गई हूं मैं । ठरकी कही के
: अच्छा ठीक है माना हूं ठरकी, मैने देखा तुम्हारे मम्मी पापा को लेकिन तुमने भी तो खुद देखा , बोलो ?
एकदम से वो चुप हो गई
: मैने जब देखा तो वो लोग कुछ नहीं कर रहे थे समझे ( उसने बात बनाने का सोचा )
: अच्छा बेटा , देखो तो झूठी को , तो तुमको कैसे पता है कि मैने उनको वो सब करते देखा था
: क्योंकि तुम नीचे छू रहे थे अन्दर देख कर , गंदे हो तुम गंदे ( उसने थोड़ा जोर देकर कहा )
: कसम से यार कितनी झूठ बोलती हो , मै तो तुम्हारे जस्ट बाद अंदर देखा तो आंटी अंकल के ऊपर चढ़ी थी ...
: छीइइई धत गंदा मै जा रही हूं ( वो थोड़ा शर्माई और कमरे से जाने लगी )
मैने उसे रोका लेकिन वो नहीं रुकी और अपने कमरे में चली गई

फिर मैने उसको मैसेज करने लगा
: achcha sorry yaar
: Ganda 😑
: maaf kr do n plzz, akhir tum bhi dekhi thi na 😕
: lekin tumko nhi dekhana chahiye tha 🙄
: sorry yaar wo bas mai apni babu se baat karke pareshan tha aur fir aunty uncle ki kiss yaad aa rahi thi
: dhtt ganda , maar khaaoge ab
: ok nhi kahunga ye sb , plzz sorry
: thik hai lekin wo video bhi delete kr do
: kaun si ?
: wahi jo tumne bnaai thi , jhuth mat bolna maine dekhaa hai , samjhe 😠
: kaun sa ye wali
( मैने जान बुझ कर वो वीडियो उसे भेज दी )
: chhiiiii ganda, mujhe kyo bhej rhe ho , delete kro
: ok kar diya
: thik hai , so jao , gn , bye
: ok bye

जान में जान आई और मैने अपना अलार्म लगाया और वापस सोने वाला था कि एकदम से फूल वॉल्यूम पर प्रिया के कमरे से आवाज उस छत वाली रोशनदान से आई

उन मादक सिसकियो को सुनते ही मै समझ गया कि प्रिया मेरी भेजी हुई वीडियो देख रही है
मुझे हसी आई और मैने उसको एक मैसेज कर दिया

: yaar awaaj kam kr lo na , fir dekho araam se
एकदम से फिर आवाज गायब हो गई
: kaho to company dene aau , sath me dekh lenge
: ganda, ganda , ganda , kitne gande ho tum pagal
: achcha beta tum kro to raasleela aur hum kare to charector dheela 🤣🤣🤣
: so jaao plzz, bye ( उसका लास्ट मैसेज आया )

मैं हसने लगा और फिर अपने कमरे की बत्ती बुझा दी
अगली सुबह तड़के उठ कर तैयार हुआ और एक बार को सोचा प्रिया से बात करूं लेकिन कल रात का सोच कर मैने उसे डिस्टर्ब करना सही नहीं समझा और सुबह की ट्रेन गंगा गोमती एक्सप्रेस पकड़ कर निकल गया लखनऊ के लिए।
अपनी जान को मैसेज करता हुआ


जारी रहेगी
12 baje WISH nahi kia ?
 
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