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धन्यवाद मेरे मित्र आपके इस बहुमूल्य प्रतिक्रया के लिए l आप जैसे पाठक जुड़े हुए हैं और लगातार अपनी प्रतिक्रिया से मेरे उत्साह को बढ़ाते रहें हैं इस के लिए आभार l
@Shetan जी आप ने सत्य कहा
पर यह फोरम ही ऐसी है जहां लोग आते हैं अलग तरह की कहानी के उद्देश्य से
हम सबकी उम्मीदों पर खरा उतर सकें यह सम्भव भी नहीं है
मेरे भाई @avsji जी ने आपकी लेखन की प्रशंसा की है तो आपकी लेखन में अवश्य दम होगा l मेरी यह कहानी समाप्ति की ओर अग्रसर है l उसके बाद एक लंबी विराम...
शुक्रिया मेरे भाई आपका बहुत बहुत शुक्रिया
वैसे मैंने बहुत ही लोगों की पेज पर जाकर पढ़ा है
मेरी इस कहानी के समाप्ति के बाद मैं अवश्य @Shetan जी के द्वारा लिखी गई कहानी पढ़ूंगा l
फ़िलहाल अब एक स्वल्प विराम
हाँ उनको आत्म बोध और शत्रु बोध का ज्ञान था पर भीड़ तंत्र हमेशा किसी भी व्यक्ति को लाचार बना सकती है l चेट्टी की सहायता से विश्व पर भी आरंभ में कोर्ट परिसर में हमला हुआ था l एक राजनीतिज्ञ अगर कमीना हो तो हमेशा अपनी मकसद साधने के लिए भीड़ तंत्र का आड़ लेता है l दुख की बात तो है पर हमारे देश की...
हाँ कुछ पाठकों को यह अंदेशा था, वीर ऐसा ही कुछ करेगा और पाठक ऐसा ही वीर से उम्मीद भी कर रहे थे l
चेट्टी के जीवन में एक ही लक्ष शेष रह गया था, क्षेत्रपाल की बर्बादी l विश्व के पीआईएल दाखिल करने के बाद एसआईटी का पुनः गठन हो चुका है l पुराने एसआईटी का इनचार्ज परीड़ा अभी गायब है l और अब उसकी जगह...
हाँ यह केवल और केवल वीर ही ऐसा कर सकता था और उसने किया भी l वीर के साथ ऐसा क्यूँ हुआ वीर ने अपने अंतिम क्षण में अपने भाभी के सामने ग्लानि और अपराध बोध के साथ स्वीकर किया है l यह एक निष्ठावान और समर्पित प्रेमी ही इच्छा प्रकट कर सकता है कि वह दुबारा इस दुनिया में आएगा, अपने अधूरा प्रेम यात्रा को...
शुक्रिया कश्यप भाई आपका बहुत बहुत शुक्रिया
आपका साथ, आपकी प्रतिक्रिया और आपकी उत्कंठा हमेशा मेरे साथ रहा है और ईश्वर से आग्रह है कि ऐसे ही बनी रहे l
धन्यवाद और आभार
मित्र मेरे भाई आप और @avsji भाई जब से कहानी के साथ जुड़े मेरी लेखन इस मुकाम तक सफर तय कर पाई है l
इस फोरम के लिए या कहानी योग्य नहीं है l मुझे खुशी है कि फिर भी इस कहानी से लोग जुड़ते गए और कहानी को इस मोड़ तक लाने तक साथ बने रहें l
कहानी पर प्रतिक्रिया देना स्वाभाविक है पर विश्लेषण भरा...