कविता झटपट बैठते हुए बोली," यही तो पीना चाहते हैं हम। आज हम दोनों आपका कीमती मूठ पीकर, ही खाना खाएंगे।" और मुंह खोलकर जीभ बाहर निकाल ली।
ममता- ये इसीका आईडिया है, की हम दोनों अबसे रोज़ आपके मूठ का सेवन करें। ये हमारे लिए पौष्टिक, है। अगर हम दोनों गर्भवती भी रहेंगे तो, भी मूठ पीते रहेंगे।
जय-...