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I agree with you n feel same
For continuity n urgency posted this quick
Planning some old memories of mom with her brother
Mama n mom or
Brother sister couple
आज बरसों पुरानी एक मुराद पूरी हुई थी मैंने अपनी मां कैसे से वह अनोखा प्यार पाया था जिसे कुछ सौभाग्यशाली बेटे ही प्राप्त करते हैं और शायद मां भी अपने बेटे को प्यार देने के लिए इसीलिए व्यग्र थी की बेटा मां को दिल की गहराइयों से चाहता था और अपने सारे प्रयासों से मां को सब तरह से शारीरिक और मानसिक...
एक था गुल और एक थी बुलबुल ...
इसी लाइन पर ...
एक थी मम्मी और एक मामा
है यह कहानी बिल्कुल सच्ची मेरे नाना कहते थे
मम्मी थी गोरी चिकनी गठा हुआ मांसल शरीर 38 के थे मम्मे
मामा थे तेरे पक्के ठरकी दिन-रात बहन के पूटते थे मम्मे
दोनों भाई-बहन का रिश्ता था प्रगाढ़
तेरी मां घोड़ी बनती और मामा चढ़ता था...
मेहनत करते-करते वह क्षण आ ही गया जब मुझे अपनी जन्मभूमि को अपनी कर्मभूमि बनाकर अपना लहराता हुआ झंडा मां की टांगों के बीच में फंसा कर अपने और मां के दिल पर लहरा देना था।
मेरी टांगे मां की टांगों के ऊपर थी
मेरी कमर मां की कमर से जुड़ी हुई थी मेरा लंड मां की चूत के आसपास घर्षण करते हुए मां को...
मैं उठने लगा तो मां ने प्रश्न वाचक निगाहों से मुझे दिखा मैंनेआंखों में ही इंतजार करने का इशारा किया और रसोई में जाकर सरसों का तेल एक कटोरी में डालकर हल्का सा गर्म किया शहद की बोतल भी ले आया
मेरे हाथ में शहद और तेल देखकर मुस्कराई और आंखें बंद करके पीठ के बाल टांगें खोलकर और हाथ फैलाकर लेट गई...
मां को गर्म दूध पिलाकर मैं वैसे ही नंग-धड़ंग मां के साथ बिस्तर पर बैठ गया और कभी मां के हाथ मसल रहा था और कभी पैर
मां को भी शायद मजा आ रहा था और बोली आज पहली बार तू मेरी सेवा कर रहा है
मैं बोला मां अब तुम आराम करो मैं तुम्हें ठीक करता हूं देखो अभी हम बात कर ही रहे थे कि मुझे तुम्हारी सेवा...
मां के गिरते ही मैं हड़बड़ाकर मां की और लपका फर्श पर पानी पड़ा होने से मैं भी फिसल कर मां के पास गिर और मेरा तौलिया खुलकर गिर गया तथा मेरा सर मां के पेट पर लगा
मम्मी वैसे ही बेसुध लेटी रही तो मुझे घबराहट हुई मैंने मां की हथेली अपने हाथों में ली और मसलने लगा
मां के हाथ बिल्कुल ठंडे थे तो मुझे...
पूर्वकथा
मां एक दिन पहले मौसी के घर आई थी और मेरा अचानक ही अपने दोस्त के साथ दिल्ली जाकर उसकी बहन पिंकी को एयरपोर्ट से रिसीव करके मुरादाबाद जाने का कार्यक्रम बना था
जब एयरपोर्ट पर मेरे दोस्त ने अपनी बहन को रिसीव किया तो मुझे साथ में देखकर पिंकी कुछ निराश हुई और रेस्टोरेंट में बैठकर चाय पीते समय...