," का देखात ह हमार आँखिया में, कि हम पियासल रांड हईं। तू हमार बेटा बारे, अउर हम तहार माई, ई कुल गलत बात बा। हाँ हमरा अपना पर काबू ना रहला, एहीसे तहरा पास आ गईल रहनि। पर ई त घोर पाप बा। ई प्यार ना अरुण, ई जिस्म के पियास बा, देहिया के भूख, हवस जउन मर्द और औरत के देहिया में अकेलापन से उठेला। कोई...