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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Aur kuchh updates likhiye ek sath padh lunga....

बड़े भाई आआपके बताए गए सुझाव पर ही मैं अमल करने का निरथर्क प्रयास करने की कोशिश करूँगा। आपके दिये गए मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत
धन्यवाद 🙏🏻

Nice start

यह कुदरत की इनायत है कि जिस व्यक्ति का एक अंग छिन लेता है तो किसी दूसरे अंग को असाधारण बना देता है ।
एक कुबड़े की बात ही कर लीजिए , वह शारीरिक रूप से भले ही बेढंगा और कमजोर दिखाई देता है पर ताकत के मामले मे वह काफी सक्षम होता है ।
शैफाली के साथ भी कुछ कुछ ऐसा ही है । आंख की कमी ने उसके कान , नाक और स्पर्श के शक्ति मे आश्चर्यजनक बरक्कत कर दी ।
यह लड़की इस सामुद्रिक जर्नी की सबसे अहम किरदार होगी ।
लेकिन इंटरपोल की सूचना इस जर्नी के लिए शुभ संकेत नही है । सत्ताइस सौ यात्री के बीच मे कुछ अवांछित तत्वों को ढूंढना काफी टेढ़ी खीर है ।
बेहतर हो कि शीप के कैप्टन और सेक्योरिटीज इंचार्ज सभी यात्री का डिटेल निकालें जो उनके रजिस्टर मे दर्ज है । और इन सभी यात्री का डिटेल इंटरपोल और पुलिस को दें ताकि इनके बारे मे विस्तृत जानकारी प्राप्त हो सके ।
अंधेरे मे हाथ चलाने से बेहतर है इन सभी लोगों का वास्तविक परिचय प्राप्त करना ।
यदि कोई तत्व पहली बार क्राइम की दुनिया मे पैर रख रहा है तब तो बात ही अलग है । लेकिन जरायम से जुड़े हुए तत्वों की शिनाख्त अवश्य हो सकती है ।

खुबसूरत अपडेट पंडित जी ।

बहुत ही गजब और मजेदार अपडेट है भाई मजा आ गया
ये शैफाली ने प्रोफेसर अल्बर्ट की तो पुरी फिरकी ले ली बेचारे ग्रॅंड अंकल तो विस्मयकारी नजरों से शैफाली को देखते ही रह गए
ये शैफाली सुप्रीम शीप पर की बाबा वेंगा लग रही हैं
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा

Bhai kya hi jabardast update diya hai
Shaifali ne to grand uncle ki bolti band kar di


Beautiful update Bhai

U r welcome dear❤.Ab mene padh kr modify kr diya apna reply. Kitne poetic aur attentive ho aap. ❤

Superb update
आतंकवादी संगठन को पकड़ने के सभी प्रयास किए जा रहे है , जैक अभी तक शक के गहरे में प्रथम नंबर पर आ गया है देखते है कौन निकलते है

Bahut hi shaandar update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and lovely update....

Badhiya update

Captain ne gangsters ko pakadne ke liye tarkib lagayi ha jack shak ke ghere me aa gaya ha kya jack mila hua ha unse ya fir wajah kuchh or hi ha ab new year per dekhte ha ki kya captain sach ka pata kaga pata ha ya nahi ya fir koi jhatka lagta ha use

Amezing update. Ho sakta hai plan success chala jae. Vese kafi log najar me to aa chuke hai. Romanchak.

शब्दचयन अच्छा किया है

Bahut hi badhiya update he Raj_sharma Bhai,

Pratiyogita me aisa khas kuch pata nahi chal paya...............

Haalnki Jack par shaq jata he, lekin mujhe nahi lagta ki vo terrorist group ka hoga..............

Agli update ka intezar rahega Bhai

Bhut hi badhiya update Bhai
Dekte hai ki captain suyash and rozar ka plan kesa jata hai

HalfbludPrince Manish Bhai,

Aap apni sehat ka dhyan rakho............Ishwar kare aap bahut hi jald purn rup se swasth ho jao

.

Bhai acha update tha dekhte h aage kya hota h kaise captain ka plan success hota h Raj_sharma

Kal se aapki new story read karenge .

Bahut hi shandar update

जल्दी ही भाई!

बढ़िया अपडेट्स

अब इस समुद्री यात्रा में कुछ अपराधी भी आ गए हैं।

मुझे तो तौफीक पर शक है, और साथ साथ जैक पर भी। मुझे लगता है कि साथ में ३ और लोग होंगे।

Bhut shandaar update....... bas 1 गुजारिश hai aam thode simple rakho.... taki aasani se yaad rahe


Update posted friends :declare:
 

Raj_sharma

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Raj_sharma

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Lagta hai prem kahani ki shuruvat ya kuch or shuru hoga lagta hai is safar me
Mili juli sarkaar hai bhai:declare:
Thank you very much for your valuable review and support bhai :thanx:
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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# 7.
26 दिसम्बर 2001, बुधवार 15:00; “सुप्रीम”

“क्या बात है तौफीक?“ जेनिथ ने धीरे से अपना हाथ तौफीक के हाथ पर रखते हुए कहा-

“तुम मुझसे इतना अलग-अलग सा रहने की कोशिश क्यों करते हो ? ठीक तरह से बातें भी नहीं करते।“ तौफीक ने धीरे से अपना हाथ जेनिथ के हाथ के नीचे से निकालते हुए, कोल्ड ड्रिंक का गिलास उठाया, और होठों से लगा कर धीरे-धीरे चुस्कियां लेने लगा । जब थोड़ी देर तक तौफीक ने कोई जवाब नहीं दिया, तो जेनिथ फिर से पूछ बैठी-

“तुमने मेरी बात का जवाब नहीं दिया तौफीक।“

“जिस आदमी की जिंदगी खुद एक सवाल बन गई हो, वह भला किसी की बात का क्या जवाब दे सकता है।“ तौफीक ने बड़े उलझे हुए शब्दों में कहा ।

“क्या मतलब?“ जेनिथ ने तौफीक से पूछा।

“मतलब तुम समझने की कोशिश नहीं कर रही हो।“ तौफीक ने सपाट स्वर में कहा- “जो तुम सोच रही हो। वह कभी संभव नहीं हो सकता।“

“मैं क्या सोच रही हूं?“ एका एक जेनिथ के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान उभरी ।

“यही कि मैं तुमसे प्यार करूं। तुम्हारे साथ शादी कर लूं।“ तौफीक ने एका एक थोड़ा सा उत्तेजित हो कर कहा- “और तुम्हारे साथ पूरी जिंदगी बिताऊँ।“

“थैंक गॉड! कि तुम्हें यह एहसास है कि मैं तुम्हें प्यार करती हूं।“ जेनिथ ने चेहरे पर क्रास बनाते हुए, खुशी भरे स्वर में कहा-

“लेकिन इसमें आखिर बुराई क्या है? क्या तुम किसी और से प्यार करते हो ? या मैं तुम्हें पसंद नहीं .. ...या.......या फिर ......कोई और बात है।“

“बार-बार एक ही बात को मत दोहराओ जेनिथ।“ तौफीक ने झुंझलाते हुए कहा-

“मुझे एहसास है, कि तुम क्या सोच और समझ रही हो। पर तुम इस बात को नहीं जानती, कि मैं इस समय सस्पेंड चल रहा हूं और फिर मेरी जिंदगी का भी कोई भरोसा नहीं है। हर कदम पर हजारों दुश्मन घूम रहे हैं। क्या पता, कब किधर से एक गोली आए और ............।“

लेकिन इससे पहले की तौफीक उसके आगे और कुछ बोल पाता, जेनिथ ने आगे बढ़कर, अपना हाथ तौफीक के होठों पर रख दिया । जेनिथ के चेहरे को देखकर ऐसा महसूस हो रहा था, जैसे वह अभी रो देगी ।

“बस! इसके आगे कुछ मत बोलना।“ जेनिथ एका एक भावुक हो गई-

“तुम्हारे ऊपर आई हर गोली के आगे, मैं अपना शरीर कर दूंगी । पर तुम्हें आंच नहीं आने दूंगी ।“

“मैं तुम्हारे भावनाओं की कद्र करता हूं।“ तौफीक ने जेनिथ का कोमल हाथ अपने मुंह के ऊपर से हटाते हुए कहा-
“पर मैं अपनी जिंदगी के साथ-साथ, तुम्हारी जिंदगी को भी खतरे में नहीं डाल सकता।“

“जब मैं खतरा उठाने को तैयार हूं, तो फिर तुम्हें क्या परेशानी है?“ इस बार जेनिथ ने थोड़ा रोष में आते हुए कहा।

“परेशानी है........ क्यों कि........ क्यों कि......।“ तौफीक एका एक कुछ कहते- कहते चुप हो गया।


“हां......हां......बोलो.....बोलो...... तुम्हें क्या परेशानी है तौफीक?“ जेनिथ ने शायद उसके आगे के शब्द समझ लिए और तौफीक की आंखों में अपने लिए प्यार की भाषा भी पढ़ ली। इसी लिए वह तौफीक को जोश दिलाते हुए बोली। अचानक तौफीक के चेहरे के भाव परिवर्तित हुए और वह फिर उत्तेजित नजर आने लगा-

“क्यों कि मेरे डिक्शनरी में प्यार नाम का, तब तक कोई शब्द नहीं आएगा, जब तक मेरा काम पूरा नहीं हो जाता।“

“तुम किस काम की बात कर रहे हो? मैं समझी नहीं।“ जेनिथ ने उलझे स्वर में तौफीक से पूछा ।

“तुम समझोगी भी नहीं । फिलहाल तो मैं इतना बता दूं, कि मुझे एक बहुत जरूरी काम को सरअंजाम देना है। और इस काम के पहले मैं तुम्हारे बारे में सोच भी नहीं सकता।“ तौफीक ने जवाब दिया ।

“ठीक है! अगर तुम मुझे उस बात के बारे में नहीं बताना चाहते। तो मैं तुम्हें इसके लिए बाध्य नहीं करुंगी। मेरे जिंदा रहने के लिए इतना ही काफी है, कि कभी न कभी तुम मेरे होकर ही रहोगे।“ जेनिथ ने कहा।

“वैसे तब तक के लिए हम एक अच्छे दोस्त बने रह सकते हैं, या नहीं ।“ जेनिथ ने पुनः मुस्कुराते हुए तौफीक की आंखों में आंखें डालकर, अपना दाहिना हाथ आगे बढ़ाते हुए पूछा।

“बेशक!“ तौफीक ने जेनिथ का हाथ थामते हुए कहा-
“लेकिन कब तक? ........पता नहीं ।“

“अच्छा ! अब जब हम अच्छे दोस्त बन ही गए हैं, तो तुम्हारी हर परेशानी मेरी ।“ जेनिथ ने खुश हो कर कहा-

“अब तुम ये बताओ कि तुम्हें सस्पेंड क्यों कर दिया गया?“ कहकर जेनिथ एक क्षण के लिए रुकी। शायद वह अब तौफीक के बोलने का इंतजार कर रही थी । कुछ देर तक तौफीक को न बोलते देख, वह फिर से बोल उठी -

“ठीक है अगर तुम अपने मिशन के बारे में नहीं बताना चाहते, तो मत बताओ। पर दोस्त होने के नाते, कम से कम अपने सस्पेंड होने का कारण तो बता सकते हो । और वैसे भी तुमको पता नहीं है कि मेरे डैड भी फ्रांस की आर्मी में कर्नल की पोस्ट पर हैं। मैं उनसे कह कर तुम्हारा सस्पेंशन ऑर्डर कैंसिल कराने की कोशिश करुंगी।“

“अब कोई चाहकर भी इस मामले में कुछ नहीं कर सकता । क्यों कि मेरे ऊपर, देश के दुश्मनों के साथ मिलकर, गद्दारी करने का आरोप लगाया गया है। यह बात अलग है कि फ्रांस की सरकार, अभी तक इसे पूरी तरह सच नहीं मान रही है। लेकिन कब तक.........सारे सबूत मेरे खिलाफ हैं। एक न एक दिन, सभी लोग इसे सच मान ही लेंगे। फिर मेरा क्या होगा ?“ तौफीक के शब्दों में रोष और निराशा साफ झलक रही थी ।


“अच्छा छोड़ो इन बातों को।“ जेनिथ ने तौफीक को दुखी होते देख, टॉपिक को चेंज करते हुए कहा-

“आओ डेक पर चलते हैं। बाहर मौसम बहुत अच्छा है।“ यह कहकर जेनिथ ने रेस्टोरेंट के बिल पर साइन किया और तौफीक के हाथों में हाथ डालकर, धीरे-धीरे चलते हुए, रेस्टोरेंट के बाहर निकल गई। जेनिथ का हाथ तौफीक के हाथ में देखकर, किसी के चेहरे पर एक कड़वी मुस्कुराहट आई और फिर वह परछाई भी रेस्टोरेंट के बाहर निकल गयी।


चैपटर-3
27 दिसम्बर 2001, गुरुवार, 10:15;
आज मौसम काफी खुशगवार था। परंतु ऐलेक्स के ऊपर मौसम का, आज कोई भी प्रभाव नहीं दिख रहा था। वह बहुत परेशान था, क्यों कि आज तीसरा दिन था, जबसे उसकी क्रिस्टी से बात नहीं हुई थी। वह इन बीते हुए 3 दिनों से क्रिस्टी के पीछे भाग-भाग कर परेशान हो गया था।

पहली बात तो वह जल्दी अपने रूम से निकलती नहीं थी, और अगर निकल भी गयी, तो किसी न किसी के पास खड़े हो कर बातें करने लगती। ऐलेक्स को वह अकेले कभी मिल ही नहीं रही थी।

आज ऐलेक्स सुबह से ही उसके कमरे के बाहर इधर-उधर टहल रहा था। उसने यह निश्चय कर लिया था कि आज वह क्रिस्टी से बात करके ही रहेगा, चाहे इसके लिए उसे कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े। उसे गैलरी में टहलते हुए काफी देर हो गई थी।

तभी ‘खटाक्‘ की आवाज के साथ क्रिस्टी के कमरे का दरवाजा खुला और क्रिस्टी कमरे से निकलकर बाहर आयी। उसने चाबी से रूम को लॉक किया और चाभी को अपनी चुस्त जींस की जेब के हवाले कर दिया । दरवाजा लॉक करने के बाद, उसने सरसरी तौर पर एक नजर गैलरी में डाली । उसकी नजर कुछ दूर खड़े ऐलेक्स पर पड़ी, जो कि लगातार उसी को देख रहा था ।

ऐलेक्स को देख क्रिस्टी ने अजीब सा मुंह बनाते हुए, कुछ बड़बड़ाया । पर ऐलेक्स को वह बातें, दूरी अधिक होने के कारण सुनाई नहीं दी । लेकिन इतना तो वह समझ चुका था कि क्रिस्टी ने उसके लिए कुछ विशेष ‘इटैलियन मंत्र‘ पढ़ा था।

तभी क्रिस्टी गैलरी के दूसरी ओर से डेक की ओर चल दी । ऐलेक्स ने जब उसे दूसरी तरफ जाते देखा, तो वह तेज कदमों से उसके पीछे चल दिया । क्रिस्टी कई गलियों को पार करती हुई, सीढ़ियां चढ़कर डेक पर आ गयी। ऐलेक्स अभी भी उसके पीछे था।

क्रिस्टी ने धीरे से पीछे से आ रहे ऐलेक्स पर एक नजर डाली और फिर किसी की तलाश में, अपनी नजर इधर-उधर घुमाने लगी। ऐलेक्स अब उस से कुछ ही दूरी पर था। तभी क्रिस्टी की नजर सामने खड़े तौफीक व लोथार पर पड़ी। जो कि आपस में बातें कर रहे थे। वह ऐलेक्स से पीछा छुड़ाने के उद्देश्य से तेजी से उन दोनों की तरफ बढ़ गई।

“हैलो मिस्टर तौफीक! हैलो मिस्टर लोथार!“ क्रिस्टी ने दोनों के पास पहुंचते हुए उन्हें संबोधित किया।


“हैलो !“ दोनों ने समवेत स्वर में क्रिस्टी की ओर देखते हुए कहा।

“आप दोनों का निशाना तो गजब का है। क्रिस्टी ने उनकी तारीफ करते हुए कहा-

“बाई द वे! मेरा नाम क्रिस्टीना जोन्स है।“ यह कहते हुए क्रिस्टी ने बारी-बारी दोनों से हा थ मिलाया ।

“मैं तो आप लोगों के निशाने की फैन हो गई। क्या आप मुझको भी निशाना लगाना सिखा सकते हैं?“ यह कहकर क्रिस्टी, सिर्फ दिखावे के लिए, दोनों से बात करने में मशगूल हो गई। उधर ऐलेक्स, क्रिस्टी को तौफीक व लोथार की तरफ जाते देख एक जगह रुक गया।

क्रिस्टी की पीठ ऐलेक्स की तरफ थी। ऐलेक्स गुस्से के कारण मन ही मन में अपने आप पर बड़बड़ाने लगा। उसकी बड़बड़ाहट सुनकर पास से जाती हुई लॉरेन, उसके पास आ गई। “आपने मुझसे कुछ कहा क्या ? मिस्टर....... !“
इतना कहकर लॉरेन ने अपनी बात अधूरी छोड़ दी।

“ऐलेक्स!......मुझे ऐलेक्स कहते हैं।“ ऐलेक्स ने एका एक घबरा कर कहा ।

“ऐलेक्स!..... गुड नेम!.... आप शायद रूस से हैं।“ लॉरेन ने ऐलेक्स में दिलचस्पी दिखाते हुए कहा।

“जी हां ! मिस लॉरेन! आपने बिल्कुल सही कहा।“ ऐलेक्स ने एक नजर लॉरेन पर डालते हुए कहा- “मैं रुस से ही हूं।“

“वाह! आप तो मेरा नाम भी जानते हैं।“ लॉरेन ने ऐलेक्स की भूरी-भूरी आंखों में झांकते हुए कहा ।

“जी हाँ ! आपको मैंने जेनिथ के साथ डांस करते हुए देखा था।“ ऐलेक्स ने तुरंत क्रिस्टी व लॉरेन की मुलाकात का जिक्र गोल करते हुए कहा।

“वैसे आप काफी हैंडसम हैं।“ लॉरेन ने ऐलेक्स की तारीफ करते हुए कहा।

“आपके कहने से क्या होता है?“ ऐलेक्स ने उलझे-उलझे से स्वर में कहा- “जिसको समझना चाहिए, वह तो नहीं समझती।“

“क्या मतलब?“ इस बार लॉरेन ने ऐलेक्स की नजरों का पीछा करते हुए, क्रिस्टी पर नजर डाली।

“ओऽऽऽऽऽ मैं समझ गई।“ लॉरेन ने होंठों को गोल करते हुए, समझने वाले अंदाज में कहा-

“वैसे, उसका नाम क्रिस्टी है। .....मेरी दोस्त है...... आप कहें तो मैं उससे आपकी दोस्ती करवा सकती हूं।“ इस बार पहली बार ऐलेक्स ने गहरी निगाहों से लॉरेन को देखा और मुस्कुराते हुए कहा-

“क्या आप सचमुच उससे मेरी दोस्ती करवा सकती हैं?“

“क्यों नहीं ! यह तो मेरे बांए हाथ का खेल है। पर यह सब करने से मेरा क्या फायदा ?........ मतलब कि यह सब करने से मुझे क्या मिलेगा ?“ लॉरेन ने कहा।

“आपको ! ...... “ ऐलेक्स ने लॉरेन को आश्चर्य से देखते हुए कहा-

“आपको क्या चाहिए?“

“चलिए! ..... मेरी छोड़िए।“ लॉरेन ने एका एक टॉपिक चेंज करते हुए कहा-


“मैं आपकी दोस्ती तो क्रिस्टी से करवा सकती हूं, पर वह अजनबियों से दोस्ती नहीं करती। इसलिए आपको थोड़ा सा नाटक करना पड़ेगा।“

“नाटक! ...... कैसा नाटक?“ ऐलेक्स ने ना समझने वाले भाव से कहा।

“कोई खास नहीं.......। बस आपको ये शो करना होगा कि आप मेरे बहुत पुराने दोस्त हैं।“ लॉरेन ने ऐलेक्स की ओर देखते हुए कहा।

“ठीक है। अगर बात सिर्फ इतनी सी है, तो मुझे कोई ऐतराज नहीं है।“ ऐलेक्स ने सहमति से सिर हिलाते हुए कहा।

“तो फिर ठीक है। मैं उसे अभी बुलाती हूं।“ यह कहकर लॉरेन ने पलट कर क्रिस्टी को आवाज लगाई-

“क्रिस्टी ऽऽऽऽ“ क्रिस्टी जो कि तौफीक से बातें कर रही थी, अपना नाम किसी को पुकारते देख, उधर पलट गयी। लॉरेन को देखकर क्रिस्टी ने वहीं से हाथ हिलाया। तभी लॉरेन ने इशारे से क्रिस्टी को वहां बुलाया। क्रिस्टी , तौफीक व लोथार से इजाजत लेकर लॉरेन की तरफ आ गयी। तभी उसकी निगाह, लॉरेन के साथ खड़े ऐलेक्स पर पड़ी। ऐलेक्स को वहां देख वह आश्चर्य से भर उठी।

“हैलो ! कैसी हो ?“ लॉरेन ने क्रिस्टी से हाथ मिलाते हुए कहा। क्रिस्टी ने जैसे लॉरेन की बात सुनी ही ना हो। उसकी निगाहें अभी भी लगातार ऐलेक्स पर थी।

“ओऽऽऽऽ सॉरी-सॉरी ! मैं तुम दोनों को तो मिलवाना ही भूल गई।“ लॉरेन ने ऐलेक्स की ओर इशारा करते हुए कहा-

“ये हैं..... मेरे पुराने ब्वायफ्रेंड- ऐलेक्स। जिनके बारे में मैं तुम्हें अक्सर बताया करती थी। जिनकी फोटो देखने के लिए तुम मुझसे जिद कर रही थी।“ क्रिस्टी ने आश्चर्य से ऐलेक्स को देखते हुए कहा-

“ये हैं वो ऽऽऽ!“

"जी हाँ ! यही हैं वो।“ लॉरेन के चेहरे पर एक खोखली मुस्कान उभरी। जिसे उसने तुरंत नियंत्रित किया।

ऐलेक्स भी लॉरेन की बात सुनकर आश्चर्य से भर उठा। क्यों कि लॉरेन ने उससे यह नहीं बोला था कि वह उसे ब्वायफ्रेंड बना कर, क्रिस्टी से मिलाने वाली है। पर अब कुछ नहीं हो सकता था। इसलिए ऐलेक्स ने भी क्रिस्टी की ओर अनमने भाव से हाथ आगे बढ़ाते हुए कहा -

“हाय! ......“ क्रिस्टी ने भी धीरे से हाथ बढ़ाकर ऐलेक्स से हाथ मिलाया। परंतु उसके चेहरे पर भी आश्चर्य व उलझन के भाव थे।

“क्या हुआ? तुम्हें इनसे मिलकर खुशी नहीं हुई क्या ?“ लॉरेन ने क्रिस्टी के उलझे हुए चेहरे को देख कर कहा-

“वैसे तो तुम मुझसे बहुत पूछा करती थी।“

“नहीं -नहीं ..... वो बात नहीं है।“ एका एक क्रिस्टी ने सामान्य होते हुए मुस्कुराते हुए जवाब दिया और फिर धीरे से ऐलेक्स के हाथ से अपना हाथ छुड़ाया। जिसे कि वह अब भी कोई कीमती चीज समझ कर पकड़े हुए था।

“अच्छा, अब तुम लोग बातें करो। मैं अभी आती हूं।“ यह कहकर लॉरेन ने धीरे से ऐलेक्स को आँख मारकर क्रिस्टी की तरफ इशारा किया और वहां से उस दिशा की ओर बढ़ गई, जिधर उसने अभी-अभी तौफीक व जेनिथ को जाते हुए देखा था।


“आपने पहले बताया नहीं कि आप ही लॉरेन के ब्वायफ्रेंड हैं।“ क्रिस्टी ने लॉरेन के जाते ही शंका भरे स्वर में ऐलेक्स से पूछा।

“मुझे भी कहां पता था ?“ ऐलेक्स ने क्रिस्टी के पूछते ही एका एक बौखला कर कहा।

“क्या मतलब?“ क्रिस्टी ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा।

“म ...म ... मेरा मतलब है कि मुझे ही कहां पता था कि आप लॉरेन की बेस्ट फ्रेंड हैं।“ ऐलेक्स ने पुनः घबरा कर अपनी बात को सुधारते हुए कहा।

“शायद हमें कहीं बैठकर बातें करनी चाहिए।“ क्रिस्टी ने इधर-उधर देखते हुए कहा।

“वो देखिए, उधर स्विमिंग पूल के पास की कुर्सियां खाली पड़ी हैं। चलिए उधर ही चलते हैं।“ ऐलेक्स ने पास पड़ी कुर्सियों की ओर इशारा करते हुए कहा। दोनों पूल के पास पहुंचकर खाली पड़ी दो कुर्सियों पर बैठ गये।

क्रिस्टी की निगाहें अभी भी, किसी एक्सरे मशीन की तरह, ऐलेक्स के चेहरे का जायजा लेने में लगी थी।
ऐलेक्स बार-बार, इधर-उधर देखने का बहाना बना कर, क्रिस्टी से नजरें चुराने की कोशिश कर रहा था।

“क्या बात है मिस्टर ऐलेक्स?“ क्रिस्टी ने ऐलेक्स के चेहरे पर नजरें गड़ाए- गड़ाए ही पूछा-

“आप कुछ परेशान दिख रहे हैं।“

“नहीं-नहीं ! ऐसी कोई बात नहीं है।“ ऐलेक्स ने अपने माथे पर छलक आए पसीने को रुमाल से पोंछते हुए कहा-

“वो मेरी तबीयत थोड़ी ठीक नहीं है।“

“क्या हुआ आपकी तबीयत को ? अभी कुछ देर पहले तो आप बिल्कुल सही थे।“ क्रिस्टी ने पुनः ऐलेक्स को टटोलते हुए कहा -

“अच्छा छोड़िये। आप यह बताइए कि आपकी लॉरेन से पहली मुलाकात कब और कहां हुई? आप उसे इतने पहले से जानते हैं, फिर भी आपने अभी तक उससे शादी क्यों नहीं की ? पहले आप उससे शिप पर क्यों नहीं मिलना चाहते थे? आपके शिप पर कौन से दुश्मन हैं? जिनकी वजह से आप लॉरेन से पहले बात भी नहीं करना चाहते थे। और फिर एकाएक आज सामने आकर आप मुझसे भी मिल लिए। आप जब लॉरेन के ब्वायफ्रेंड हैं, तो इतने दिनों से मेरे पीछे क्यों पड़े हैं? वगैरह-वगैरह.....।“

क्रिस्टी ने एक साथ ऐलेक्स पर प्रश्नों की बौछार कर दी। ऐलेक्स इतने प्रश्नों को सुनकर अब पूरी तरह नर्वस हो गया था। उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्रिस्टी के प्रश्नों का क्या उत्तर दे? अगर वह सच बोलता है, तो इस बार क्रिस्टी का रिएक्शन क्या होगा ? और झूठ बोलने के लिए उसके पास जवाब ही नहीं हैं ।

वह कुछ देर सोचता रहा । पर जब उसे कुछ समझ में नहीं आया । तो वह धीरे से खड़ा होता हुआ बोला-

“माफ कीजिएगा मिस क्रिस्टी ! अचानक मेरी तबियत कुछ ज्यादा गड़बड़ लग रही है। मैं आपके प्रश्नों का उत्तर, फिर कभी दूंगा। अभी तो मुझे चलकर पहले दवा लेनी होगी।“ यह कहकर ऐलेक्स वहां से चलने लगा।

“एक्सक्यूज मी मिस्टर ऐलेक्स! क्रिस्टी ने ऐलेक्स को पीछे से टोकते हुए कहा-

“अगर आपकी तबियत ज्यादा खराब हो, तो मैं आपको आपके रूम तक छोड़ दूं।“

“नहीं-नहीं । आप बिल्कुल परेशान मत होइए।“ ऐलेक्स ने लगभग जान छुड़ाते हुए, भागने वाले अंदाज में कहा- “मैं धीरे-धीरे चला जाऊंगा।“

“वैसे आपका रूम नंबर क्या है?“ क्रिस्टी ने पीछे से पुकारते हुए कहा-

“मैं आपसे फोन करके, आपकी तबियत पूछ लूंगी।“

“465“ ऐलेक्स ने एक बार पीछे मुड़कर जवाब दिया, और फिर इससे पहले कि क्रिस्टी और कुछ कह पाती, वह तेज-तेज__________ कदमों से चलता हुआ, उसकी आँखों से ओझल हो गया। क्रिस्टी, ऐलेक्स को जाते हुए, अंत तक देखती रही, और फिर उसके होठों पर एक रहस्यमई मुस्कान उभरी।





जारी रहेगा……....:writing:
बढ़िया अपडेट्स

मुझे तो अब ये क्रिस्टी ही गड़बड़ लग रही है, और तौफीक एक अंडरकवर एजेंट।
 

Raj_sharma

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मुझे तो अब ये क्रिस्टी ही गड़बड़ लग रही है, और तौफीक एक अंडरकवर एजेंट।
तोफीक की डाढी मे तिनका लग रहा है मुझे भी, :D , खैर देखते है आगे क्या होता है, रिव्यू के लिए धन्यवाद भाई । :thanx:
 

Ajju Landwalia

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# 7.
26 दिसम्बर 2001, बुधवार 15:00; “सुप्रीम”

“क्या बात है तौफीक?“ जेनिथ ने धीरे से अपना हाथ तौफीक के हाथ पर रखते हुए कहा-

“तुम मुझसे इतना अलग-अलग सा रहने की कोशिश क्यों करते हो ? ठीक तरह से बातें भी नहीं करते।“ तौफीक ने धीरे से अपना हाथ जेनिथ के हाथ के नीचे से निकालते हुए, कोल्ड ड्रिंक का गिलास उठाया, और होठों से लगा कर धीरे-धीरे चुस्कियां लेने लगा । जब थोड़ी देर तक तौफीक ने कोई जवाब नहीं दिया, तो जेनिथ फिर से पूछ बैठी-

“तुमने मेरी बात का जवाब नहीं दिया तौफीक।“

“जिस आदमी की जिंदगी खुद एक सवाल बन गई हो, वह भला किसी की बात का क्या जवाब दे सकता है।“ तौफीक ने बड़े उलझे हुए शब्दों में कहा ।

“क्या मतलब?“ जेनिथ ने तौफीक से पूछा।

“मतलब तुम समझने की कोशिश नहीं कर रही हो।“ तौफीक ने सपाट स्वर में कहा- “जो तुम सोच रही हो। वह कभी संभव नहीं हो सकता।“

“मैं क्या सोच रही हूं?“ एका एक जेनिथ के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान उभरी ।

“यही कि मैं तुमसे प्यार करूं। तुम्हारे साथ शादी कर लूं।“ तौफीक ने एका एक थोड़ा सा उत्तेजित हो कर कहा- “और तुम्हारे साथ पूरी जिंदगी बिताऊँ।“

“थैंक गॉड! कि तुम्हें यह एहसास है कि मैं तुम्हें प्यार करती हूं।“ जेनिथ ने चेहरे पर क्रास बनाते हुए, खुशी भरे स्वर में कहा-

“लेकिन इसमें आखिर बुराई क्या है? क्या तुम किसी और से प्यार करते हो ? या मैं तुम्हें पसंद नहीं .. ...या.......या फिर ......कोई और बात है।“

“बार-बार एक ही बात को मत दोहराओ जेनिथ।“ तौफीक ने झुंझलाते हुए कहा-

“मुझे एहसास है, कि तुम क्या सोच और समझ रही हो। पर तुम इस बात को नहीं जानती, कि मैं इस समय सस्पेंड चल रहा हूं और फिर मेरी जिंदगी का भी कोई भरोसा नहीं है। हर कदम पर हजारों दुश्मन घूम रहे हैं। क्या पता, कब किधर से एक गोली आए और ............।“

लेकिन इससे पहले की तौफीक उसके आगे और कुछ बोल पाता, जेनिथ ने आगे बढ़कर, अपना हाथ तौफीक के होठों पर रख दिया । जेनिथ के चेहरे को देखकर ऐसा महसूस हो रहा था, जैसे वह अभी रो देगी ।

“बस! इसके आगे कुछ मत बोलना।“ जेनिथ एका एक भावुक हो गई-

“तुम्हारे ऊपर आई हर गोली के आगे, मैं अपना शरीर कर दूंगी । पर तुम्हें आंच नहीं आने दूंगी ।“

“मैं तुम्हारे भावनाओं की कद्र करता हूं।“ तौफीक ने जेनिथ का कोमल हाथ अपने मुंह के ऊपर से हटाते हुए कहा-
“पर मैं अपनी जिंदगी के साथ-साथ, तुम्हारी जिंदगी को भी खतरे में नहीं डाल सकता।“

“जब मैं खतरा उठाने को तैयार हूं, तो फिर तुम्हें क्या परेशानी है?“ इस बार जेनिथ ने थोड़ा रोष में आते हुए कहा।

“परेशानी है........ क्यों कि........ क्यों कि......।“ तौफीक एका एक कुछ कहते- कहते चुप हो गया।


“हां......हां......बोलो.....बोलो...... तुम्हें क्या परेशानी है तौफीक?“ जेनिथ ने शायद उसके आगे के शब्द समझ लिए और तौफीक की आंखों में अपने लिए प्यार की भाषा भी पढ़ ली। इसी लिए वह तौफीक को जोश दिलाते हुए बोली। अचानक तौफीक के चेहरे के भाव परिवर्तित हुए और वह फिर उत्तेजित नजर आने लगा-

“क्यों कि मेरे डिक्शनरी में प्यार नाम का, तब तक कोई शब्द नहीं आएगा, जब तक मेरा काम पूरा नहीं हो जाता।“

“तुम किस काम की बात कर रहे हो? मैं समझी नहीं।“ जेनिथ ने उलझे स्वर में तौफीक से पूछा ।

“तुम समझोगी भी नहीं । फिलहाल तो मैं इतना बता दूं, कि मुझे एक बहुत जरूरी काम को सरअंजाम देना है। और इस काम के पहले मैं तुम्हारे बारे में सोच भी नहीं सकता।“ तौफीक ने जवाब दिया ।

“ठीक है! अगर तुम मुझे उस बात के बारे में नहीं बताना चाहते। तो मैं तुम्हें इसके लिए बाध्य नहीं करुंगी। मेरे जिंदा रहने के लिए इतना ही काफी है, कि कभी न कभी तुम मेरे होकर ही रहोगे।“ जेनिथ ने कहा।

“वैसे तब तक के लिए हम एक अच्छे दोस्त बने रह सकते हैं, या नहीं ।“ जेनिथ ने पुनः मुस्कुराते हुए तौफीक की आंखों में आंखें डालकर, अपना दाहिना हाथ आगे बढ़ाते हुए पूछा।

“बेशक!“ तौफीक ने जेनिथ का हाथ थामते हुए कहा-
“लेकिन कब तक? ........पता नहीं ।“

“अच्छा ! अब जब हम अच्छे दोस्त बन ही गए हैं, तो तुम्हारी हर परेशानी मेरी ।“ जेनिथ ने खुश हो कर कहा-

“अब तुम ये बताओ कि तुम्हें सस्पेंड क्यों कर दिया गया?“ कहकर जेनिथ एक क्षण के लिए रुकी। शायद वह अब तौफीक के बोलने का इंतजार कर रही थी । कुछ देर तक तौफीक को न बोलते देख, वह फिर से बोल उठी -

“ठीक है अगर तुम अपने मिशन के बारे में नहीं बताना चाहते, तो मत बताओ। पर दोस्त होने के नाते, कम से कम अपने सस्पेंड होने का कारण तो बता सकते हो । और वैसे भी तुमको पता नहीं है कि मेरे डैड भी फ्रांस की आर्मी में कर्नल की पोस्ट पर हैं। मैं उनसे कह कर तुम्हारा सस्पेंशन ऑर्डर कैंसिल कराने की कोशिश करुंगी।“

“अब कोई चाहकर भी इस मामले में कुछ नहीं कर सकता । क्यों कि मेरे ऊपर, देश के दुश्मनों के साथ मिलकर, गद्दारी करने का आरोप लगाया गया है। यह बात अलग है कि फ्रांस की सरकार, अभी तक इसे पूरी तरह सच नहीं मान रही है। लेकिन कब तक.........सारे सबूत मेरे खिलाफ हैं। एक न एक दिन, सभी लोग इसे सच मान ही लेंगे। फिर मेरा क्या होगा ?“ तौफीक के शब्दों में रोष और निराशा साफ झलक रही थी ।


“अच्छा छोड़ो इन बातों को।“ जेनिथ ने तौफीक को दुखी होते देख, टॉपिक को चेंज करते हुए कहा-

“आओ डेक पर चलते हैं। बाहर मौसम बहुत अच्छा है।“ यह कहकर जेनिथ ने रेस्टोरेंट के बिल पर साइन किया और तौफीक के हाथों में हाथ डालकर, धीरे-धीरे चलते हुए, रेस्टोरेंट के बाहर निकल गई। जेनिथ का हाथ तौफीक के हाथ में देखकर, किसी के चेहरे पर एक कड़वी मुस्कुराहट आई और फिर वह परछाई भी रेस्टोरेंट के बाहर निकल गयी।


चैपटर-3
27 दिसम्बर 2001, गुरुवार, 10:15;
आज मौसम काफी खुशगवार था। परंतु ऐलेक्स के ऊपर मौसम का, आज कोई भी प्रभाव नहीं दिख रहा था। वह बहुत परेशान था, क्यों कि आज तीसरा दिन था, जबसे उसकी क्रिस्टी से बात नहीं हुई थी। वह इन बीते हुए 3 दिनों से क्रिस्टी के पीछे भाग-भाग कर परेशान हो गया था।

पहली बात तो वह जल्दी अपने रूम से निकलती नहीं थी, और अगर निकल भी गयी, तो किसी न किसी के पास खड़े हो कर बातें करने लगती। ऐलेक्स को वह अकेले कभी मिल ही नहीं रही थी।

आज ऐलेक्स सुबह से ही उसके कमरे के बाहर इधर-उधर टहल रहा था। उसने यह निश्चय कर लिया था कि आज वह क्रिस्टी से बात करके ही रहेगा, चाहे इसके लिए उसे कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े। उसे गैलरी में टहलते हुए काफी देर हो गई थी।

तभी ‘खटाक्‘ की आवाज के साथ क्रिस्टी के कमरे का दरवाजा खुला और क्रिस्टी कमरे से निकलकर बाहर आयी। उसने चाबी से रूम को लॉक किया और चाभी को अपनी चुस्त जींस की जेब के हवाले कर दिया । दरवाजा लॉक करने के बाद, उसने सरसरी तौर पर एक नजर गैलरी में डाली । उसकी नजर कुछ दूर खड़े ऐलेक्स पर पड़ी, जो कि लगातार उसी को देख रहा था ।

ऐलेक्स को देख क्रिस्टी ने अजीब सा मुंह बनाते हुए, कुछ बड़बड़ाया । पर ऐलेक्स को वह बातें, दूरी अधिक होने के कारण सुनाई नहीं दी । लेकिन इतना तो वह समझ चुका था कि क्रिस्टी ने उसके लिए कुछ विशेष ‘इटैलियन मंत्र‘ पढ़ा था।

तभी क्रिस्टी गैलरी के दूसरी ओर से डेक की ओर चल दी । ऐलेक्स ने जब उसे दूसरी तरफ जाते देखा, तो वह तेज कदमों से उसके पीछे चल दिया । क्रिस्टी कई गलियों को पार करती हुई, सीढ़ियां चढ़कर डेक पर आ गयी। ऐलेक्स अभी भी उसके पीछे था।

क्रिस्टी ने धीरे से पीछे से आ रहे ऐलेक्स पर एक नजर डाली और फिर किसी की तलाश में, अपनी नजर इधर-उधर घुमाने लगी। ऐलेक्स अब उस से कुछ ही दूरी पर था। तभी क्रिस्टी की नजर सामने खड़े तौफीक व लोथार पर पड़ी। जो कि आपस में बातें कर रहे थे। वह ऐलेक्स से पीछा छुड़ाने के उद्देश्य से तेजी से उन दोनों की तरफ बढ़ गई।

“हैलो मिस्टर तौफीक! हैलो मिस्टर लोथार!“ क्रिस्टी ने दोनों के पास पहुंचते हुए उन्हें संबोधित किया।


“हैलो !“ दोनों ने समवेत स्वर में क्रिस्टी की ओर देखते हुए कहा।

“आप दोनों का निशाना तो गजब का है। क्रिस्टी ने उनकी तारीफ करते हुए कहा-

“बाई द वे! मेरा नाम क्रिस्टीना जोन्स है।“ यह कहते हुए क्रिस्टी ने बारी-बारी दोनों से हा थ मिलाया ।

“मैं तो आप लोगों के निशाने की फैन हो गई। क्या आप मुझको भी निशाना लगाना सिखा सकते हैं?“ यह कहकर क्रिस्टी, सिर्फ दिखावे के लिए, दोनों से बात करने में मशगूल हो गई। उधर ऐलेक्स, क्रिस्टी को तौफीक व लोथार की तरफ जाते देख एक जगह रुक गया।

क्रिस्टी की पीठ ऐलेक्स की तरफ थी। ऐलेक्स गुस्से के कारण मन ही मन में अपने आप पर बड़बड़ाने लगा। उसकी बड़बड़ाहट सुनकर पास से जाती हुई लॉरेन, उसके पास आ गई। “आपने मुझसे कुछ कहा क्या ? मिस्टर....... !“
इतना कहकर लॉरेन ने अपनी बात अधूरी छोड़ दी।

“ऐलेक्स!......मुझे ऐलेक्स कहते हैं।“ ऐलेक्स ने एका एक घबरा कर कहा ।

“ऐलेक्स!..... गुड नेम!.... आप शायद रूस से हैं।“ लॉरेन ने ऐलेक्स में दिलचस्पी दिखाते हुए कहा।

“जी हां ! मिस लॉरेन! आपने बिल्कुल सही कहा।“ ऐलेक्स ने एक नजर लॉरेन पर डालते हुए कहा- “मैं रुस से ही हूं।“

“वाह! आप तो मेरा नाम भी जानते हैं।“ लॉरेन ने ऐलेक्स की भूरी-भूरी आंखों में झांकते हुए कहा ।

“जी हाँ ! आपको मैंने जेनिथ के साथ डांस करते हुए देखा था।“ ऐलेक्स ने तुरंत क्रिस्टी व लॉरेन की मुलाकात का जिक्र गोल करते हुए कहा।

“वैसे आप काफी हैंडसम हैं।“ लॉरेन ने ऐलेक्स की तारीफ करते हुए कहा।

“आपके कहने से क्या होता है?“ ऐलेक्स ने उलझे-उलझे से स्वर में कहा- “जिसको समझना चाहिए, वह तो नहीं समझती।“

“क्या मतलब?“ इस बार लॉरेन ने ऐलेक्स की नजरों का पीछा करते हुए, क्रिस्टी पर नजर डाली।

“ओऽऽऽऽऽ मैं समझ गई।“ लॉरेन ने होंठों को गोल करते हुए, समझने वाले अंदाज में कहा-

“वैसे, उसका नाम क्रिस्टी है। .....मेरी दोस्त है...... आप कहें तो मैं उससे आपकी दोस्ती करवा सकती हूं।“ इस बार पहली बार ऐलेक्स ने गहरी निगाहों से लॉरेन को देखा और मुस्कुराते हुए कहा-

“क्या आप सचमुच उससे मेरी दोस्ती करवा सकती हैं?“

“क्यों नहीं ! यह तो मेरे बांए हाथ का खेल है। पर यह सब करने से मेरा क्या फायदा ?........ मतलब कि यह सब करने से मुझे क्या मिलेगा ?“ लॉरेन ने कहा।

“आपको ! ...... “ ऐलेक्स ने लॉरेन को आश्चर्य से देखते हुए कहा-

“आपको क्या चाहिए?“

“चलिए! ..... मेरी छोड़िए।“ लॉरेन ने एका एक टॉपिक चेंज करते हुए कहा-


“मैं आपकी दोस्ती तो क्रिस्टी से करवा सकती हूं, पर वह अजनबियों से दोस्ती नहीं करती। इसलिए आपको थोड़ा सा नाटक करना पड़ेगा।“

“नाटक! ...... कैसा नाटक?“ ऐलेक्स ने ना समझने वाले भाव से कहा।

“कोई खास नहीं.......। बस आपको ये शो करना होगा कि आप मेरे बहुत पुराने दोस्त हैं।“ लॉरेन ने ऐलेक्स की ओर देखते हुए कहा।

“ठीक है। अगर बात सिर्फ इतनी सी है, तो मुझे कोई ऐतराज नहीं है।“ ऐलेक्स ने सहमति से सिर हिलाते हुए कहा।

“तो फिर ठीक है। मैं उसे अभी बुलाती हूं।“ यह कहकर लॉरेन ने पलट कर क्रिस्टी को आवाज लगाई-

“क्रिस्टी ऽऽऽऽ“ क्रिस्टी जो कि तौफीक से बातें कर रही थी, अपना नाम किसी को पुकारते देख, उधर पलट गयी। लॉरेन को देखकर क्रिस्टी ने वहीं से हाथ हिलाया। तभी लॉरेन ने इशारे से क्रिस्टी को वहां बुलाया। क्रिस्टी , तौफीक व लोथार से इजाजत लेकर लॉरेन की तरफ आ गयी। तभी उसकी निगाह, लॉरेन के साथ खड़े ऐलेक्स पर पड़ी। ऐलेक्स को वहां देख वह आश्चर्य से भर उठी।

“हैलो ! कैसी हो ?“ लॉरेन ने क्रिस्टी से हाथ मिलाते हुए कहा। क्रिस्टी ने जैसे लॉरेन की बात सुनी ही ना हो। उसकी निगाहें अभी भी लगातार ऐलेक्स पर थी।

“ओऽऽऽऽ सॉरी-सॉरी ! मैं तुम दोनों को तो मिलवाना ही भूल गई।“ लॉरेन ने ऐलेक्स की ओर इशारा करते हुए कहा-

“ये हैं..... मेरे पुराने ब्वायफ्रेंड- ऐलेक्स। जिनके बारे में मैं तुम्हें अक्सर बताया करती थी। जिनकी फोटो देखने के लिए तुम मुझसे जिद कर रही थी।“ क्रिस्टी ने आश्चर्य से ऐलेक्स को देखते हुए कहा-

“ये हैं वो ऽऽऽ!“

"जी हाँ ! यही हैं वो।“ लॉरेन के चेहरे पर एक खोखली मुस्कान उभरी। जिसे उसने तुरंत नियंत्रित किया।

ऐलेक्स भी लॉरेन की बात सुनकर आश्चर्य से भर उठा। क्यों कि लॉरेन ने उससे यह नहीं बोला था कि वह उसे ब्वायफ्रेंड बना कर, क्रिस्टी से मिलाने वाली है। पर अब कुछ नहीं हो सकता था। इसलिए ऐलेक्स ने भी क्रिस्टी की ओर अनमने भाव से हाथ आगे बढ़ाते हुए कहा -

“हाय! ......“ क्रिस्टी ने भी धीरे से हाथ बढ़ाकर ऐलेक्स से हाथ मिलाया। परंतु उसके चेहरे पर भी आश्चर्य व उलझन के भाव थे।

“क्या हुआ? तुम्हें इनसे मिलकर खुशी नहीं हुई क्या ?“ लॉरेन ने क्रिस्टी के उलझे हुए चेहरे को देख कर कहा-

“वैसे तो तुम मुझसे बहुत पूछा करती थी।“

“नहीं -नहीं ..... वो बात नहीं है।“ एका एक क्रिस्टी ने सामान्य होते हुए मुस्कुराते हुए जवाब दिया और फिर धीरे से ऐलेक्स के हाथ से अपना हाथ छुड़ाया। जिसे कि वह अब भी कोई कीमती चीज समझ कर पकड़े हुए था।

“अच्छा, अब तुम लोग बातें करो। मैं अभी आती हूं।“ यह कहकर लॉरेन ने धीरे से ऐलेक्स को आँख मारकर क्रिस्टी की तरफ इशारा किया और वहां से उस दिशा की ओर बढ़ गई, जिधर उसने अभी-अभी तौफीक व जेनिथ को जाते हुए देखा था।


“आपने पहले बताया नहीं कि आप ही लॉरेन के ब्वायफ्रेंड हैं।“ क्रिस्टी ने लॉरेन के जाते ही शंका भरे स्वर में ऐलेक्स से पूछा।

“मुझे भी कहां पता था ?“ ऐलेक्स ने क्रिस्टी के पूछते ही एका एक बौखला कर कहा।

“क्या मतलब?“ क्रिस्टी ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा।

“म ...म ... मेरा मतलब है कि मुझे ही कहां पता था कि आप लॉरेन की बेस्ट फ्रेंड हैं।“ ऐलेक्स ने पुनः घबरा कर अपनी बात को सुधारते हुए कहा।

“शायद हमें कहीं बैठकर बातें करनी चाहिए।“ क्रिस्टी ने इधर-उधर देखते हुए कहा।

“वो देखिए, उधर स्विमिंग पूल के पास की कुर्सियां खाली पड़ी हैं। चलिए उधर ही चलते हैं।“ ऐलेक्स ने पास पड़ी कुर्सियों की ओर इशारा करते हुए कहा। दोनों पूल के पास पहुंचकर खाली पड़ी दो कुर्सियों पर बैठ गये।

क्रिस्टी की निगाहें अभी भी, किसी एक्सरे मशीन की तरह, ऐलेक्स के चेहरे का जायजा लेने में लगी थी।
ऐलेक्स बार-बार, इधर-उधर देखने का बहाना बना कर, क्रिस्टी से नजरें चुराने की कोशिश कर रहा था।

“क्या बात है मिस्टर ऐलेक्स?“ क्रिस्टी ने ऐलेक्स के चेहरे पर नजरें गड़ाए- गड़ाए ही पूछा-

“आप कुछ परेशान दिख रहे हैं।“

“नहीं-नहीं ! ऐसी कोई बात नहीं है।“ ऐलेक्स ने अपने माथे पर छलक आए पसीने को रुमाल से पोंछते हुए कहा-

“वो मेरी तबीयत थोड़ी ठीक नहीं है।“

“क्या हुआ आपकी तबीयत को ? अभी कुछ देर पहले तो आप बिल्कुल सही थे।“ क्रिस्टी ने पुनः ऐलेक्स को टटोलते हुए कहा -

“अच्छा छोड़िये। आप यह बताइए कि आपकी लॉरेन से पहली मुलाकात कब और कहां हुई? आप उसे इतने पहले से जानते हैं, फिर भी आपने अभी तक उससे शादी क्यों नहीं की ? पहले आप उससे शिप पर क्यों नहीं मिलना चाहते थे? आपके शिप पर कौन से दुश्मन हैं? जिनकी वजह से आप लॉरेन से पहले बात भी नहीं करना चाहते थे। और फिर एकाएक आज सामने आकर आप मुझसे भी मिल लिए। आप जब लॉरेन के ब्वायफ्रेंड हैं, तो इतने दिनों से मेरे पीछे क्यों पड़े हैं? वगैरह-वगैरह.....।“

क्रिस्टी ने एक साथ ऐलेक्स पर प्रश्नों की बौछार कर दी। ऐलेक्स इतने प्रश्नों को सुनकर अब पूरी तरह नर्वस हो गया था। उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्रिस्टी के प्रश्नों का क्या उत्तर दे? अगर वह सच बोलता है, तो इस बार क्रिस्टी का रिएक्शन क्या होगा ? और झूठ बोलने के लिए उसके पास जवाब ही नहीं हैं ।

वह कुछ देर सोचता रहा । पर जब उसे कुछ समझ में नहीं आया । तो वह धीरे से खड़ा होता हुआ बोला-

“माफ कीजिएगा मिस क्रिस्टी ! अचानक मेरी तबियत कुछ ज्यादा गड़बड़ लग रही है। मैं आपके प्रश्नों का उत्तर, फिर कभी दूंगा। अभी तो मुझे चलकर पहले दवा लेनी होगी।“ यह कहकर ऐलेक्स वहां से चलने लगा।

“एक्सक्यूज मी मिस्टर ऐलेक्स! क्रिस्टी ने ऐलेक्स को पीछे से टोकते हुए कहा-

“अगर आपकी तबियत ज्यादा खराब हो, तो मैं आपको आपके रूम तक छोड़ दूं।“

“नहीं-नहीं । आप बिल्कुल परेशान मत होइए।“ ऐलेक्स ने लगभग जान छुड़ाते हुए, भागने वाले अंदाज में कहा- “मैं धीरे-धीरे चला जाऊंगा।“

“वैसे आपका रूम नंबर क्या है?“ क्रिस्टी ने पीछे से पुकारते हुए कहा-

“मैं आपसे फोन करके, आपकी तबियत पूछ लूंगी।“

“465“ ऐलेक्स ने एक बार पीछे मुड़कर जवाब दिया, और फिर इससे पहले कि क्रिस्टी और कुछ कह पाती, वह तेज-तेज__________ कदमों से चलता हुआ, उसकी आँखों से ओझल हो गया। क्रिस्टी, ऐलेक्स को जाते हुए, अंत तक देखती रही, और फिर उसके होठों पर एक रहस्यमई मुस्कान उभरी।





जारी रहेगा……....:writing:

Bahut hi badhiya update he Raj_sharma Bhai,

Christi ne sahi se class le li Alex ki, Loaren to apna picha chhuda kar chali gayi.........

Christi samajh to gayi he sab.............bas confirm karna baaki he..........

Keep posting Bro
 

Rekha rani

Well-Known Member
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# 7.
26 दिसम्बर 2001, बुधवार 15:00; “सुप्रीम”

“क्या बात है तौफीक?“ जेनिथ ने धीरे से अपना हाथ तौफीक के हाथ पर रखते हुए कहा-

“तुम मुझसे इतना अलग-अलग सा रहने की कोशिश क्यों करते हो ? ठीक तरह से बातें भी नहीं करते।“ तौफीक ने धीरे से अपना हाथ जेनिथ के हाथ के नीचे से निकालते हुए, कोल्ड ड्रिंक का गिलास उठाया, और होठों से लगा कर धीरे-धीरे चुस्कियां लेने लगा । जब थोड़ी देर तक तौफीक ने कोई जवाब नहीं दिया, तो जेनिथ फिर से पूछ बैठी-

“तुमने मेरी बात का जवाब नहीं दिया तौफीक।“

“जिस आदमी की जिंदगी खुद एक सवाल बन गई हो, वह भला किसी की बात का क्या जवाब दे सकता है।“ तौफीक ने बड़े उलझे हुए शब्दों में कहा ।

“क्या मतलब?“ जेनिथ ने तौफीक से पूछा।

“मतलब तुम समझने की कोशिश नहीं कर रही हो।“ तौफीक ने सपाट स्वर में कहा- “जो तुम सोच रही हो। वह कभी संभव नहीं हो सकता।“

“मैं क्या सोच रही हूं?“ एका एक जेनिथ के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान उभरी ।

“यही कि मैं तुमसे प्यार करूं। तुम्हारे साथ शादी कर लूं।“ तौफीक ने एका एक थोड़ा सा उत्तेजित हो कर कहा- “और तुम्हारे साथ पूरी जिंदगी बिताऊँ।“

“थैंक गॉड! कि तुम्हें यह एहसास है कि मैं तुम्हें प्यार करती हूं।“ जेनिथ ने चेहरे पर क्रास बनाते हुए, खुशी भरे स्वर में कहा-

“लेकिन इसमें आखिर बुराई क्या है? क्या तुम किसी और से प्यार करते हो ? या मैं तुम्हें पसंद नहीं .. ...या.......या फिर ......कोई और बात है।“

“बार-बार एक ही बात को मत दोहराओ जेनिथ।“ तौफीक ने झुंझलाते हुए कहा-

“मुझे एहसास है, कि तुम क्या सोच और समझ रही हो। पर तुम इस बात को नहीं जानती, कि मैं इस समय सस्पेंड चल रहा हूं और फिर मेरी जिंदगी का भी कोई भरोसा नहीं है। हर कदम पर हजारों दुश्मन घूम रहे हैं। क्या पता, कब किधर से एक गोली आए और ............।“

लेकिन इससे पहले की तौफीक उसके आगे और कुछ बोल पाता, जेनिथ ने आगे बढ़कर, अपना हाथ तौफीक के होठों पर रख दिया । जेनिथ के चेहरे को देखकर ऐसा महसूस हो रहा था, जैसे वह अभी रो देगी ।

“बस! इसके आगे कुछ मत बोलना।“ जेनिथ एका एक भावुक हो गई-

“तुम्हारे ऊपर आई हर गोली के आगे, मैं अपना शरीर कर दूंगी । पर तुम्हें आंच नहीं आने दूंगी ।“

“मैं तुम्हारे भावनाओं की कद्र करता हूं।“ तौफीक ने जेनिथ का कोमल हाथ अपने मुंह के ऊपर से हटाते हुए कहा-
“पर मैं अपनी जिंदगी के साथ-साथ, तुम्हारी जिंदगी को भी खतरे में नहीं डाल सकता।“

“जब मैं खतरा उठाने को तैयार हूं, तो फिर तुम्हें क्या परेशानी है?“ इस बार जेनिथ ने थोड़ा रोष में आते हुए कहा।

“परेशानी है........ क्यों कि........ क्यों कि......।“ तौफीक एका एक कुछ कहते- कहते चुप हो गया।


“हां......हां......बोलो.....बोलो...... तुम्हें क्या परेशानी है तौफीक?“ जेनिथ ने शायद उसके आगे के शब्द समझ लिए और तौफीक की आंखों में अपने लिए प्यार की भाषा भी पढ़ ली। इसी लिए वह तौफीक को जोश दिलाते हुए बोली। अचानक तौफीक के चेहरे के भाव परिवर्तित हुए और वह फिर उत्तेजित नजर आने लगा-

“क्यों कि मेरे डिक्शनरी में प्यार नाम का, तब तक कोई शब्द नहीं आएगा, जब तक मेरा काम पूरा नहीं हो जाता।“

“तुम किस काम की बात कर रहे हो? मैं समझी नहीं।“ जेनिथ ने उलझे स्वर में तौफीक से पूछा ।

“तुम समझोगी भी नहीं । फिलहाल तो मैं इतना बता दूं, कि मुझे एक बहुत जरूरी काम को सरअंजाम देना है। और इस काम के पहले मैं तुम्हारे बारे में सोच भी नहीं सकता।“ तौफीक ने जवाब दिया ।

“ठीक है! अगर तुम मुझे उस बात के बारे में नहीं बताना चाहते। तो मैं तुम्हें इसके लिए बाध्य नहीं करुंगी। मेरे जिंदा रहने के लिए इतना ही काफी है, कि कभी न कभी तुम मेरे होकर ही रहोगे।“ जेनिथ ने कहा।

“वैसे तब तक के लिए हम एक अच्छे दोस्त बने रह सकते हैं, या नहीं ।“ जेनिथ ने पुनः मुस्कुराते हुए तौफीक की आंखों में आंखें डालकर, अपना दाहिना हाथ आगे बढ़ाते हुए पूछा।

“बेशक!“ तौफीक ने जेनिथ का हाथ थामते हुए कहा-
“लेकिन कब तक? ........पता नहीं ।“

“अच्छा ! अब जब हम अच्छे दोस्त बन ही गए हैं, तो तुम्हारी हर परेशानी मेरी ।“ जेनिथ ने खुश हो कर कहा-

“अब तुम ये बताओ कि तुम्हें सस्पेंड क्यों कर दिया गया?“ कहकर जेनिथ एक क्षण के लिए रुकी। शायद वह अब तौफीक के बोलने का इंतजार कर रही थी । कुछ देर तक तौफीक को न बोलते देख, वह फिर से बोल उठी -

“ठीक है अगर तुम अपने मिशन के बारे में नहीं बताना चाहते, तो मत बताओ। पर दोस्त होने के नाते, कम से कम अपने सस्पेंड होने का कारण तो बता सकते हो । और वैसे भी तुमको पता नहीं है कि मेरे डैड भी फ्रांस की आर्मी में कर्नल की पोस्ट पर हैं। मैं उनसे कह कर तुम्हारा सस्पेंशन ऑर्डर कैंसिल कराने की कोशिश करुंगी।“

“अब कोई चाहकर भी इस मामले में कुछ नहीं कर सकता । क्यों कि मेरे ऊपर, देश के दुश्मनों के साथ मिलकर, गद्दारी करने का आरोप लगाया गया है। यह बात अलग है कि फ्रांस की सरकार, अभी तक इसे पूरी तरह सच नहीं मान रही है। लेकिन कब तक.........सारे सबूत मेरे खिलाफ हैं। एक न एक दिन, सभी लोग इसे सच मान ही लेंगे। फिर मेरा क्या होगा ?“ तौफीक के शब्दों में रोष और निराशा साफ झलक रही थी ।

“अच्छा छोड़ो इन बातों को।“ जेनिथ ने तौफीक को दुखी होते देख, टॉपिक को चेंज करते हुए कहा-

“आओ डेक पर चलते हैं। बाहर मौसम बहुत अच्छा है।“ यह कहकर जेनिथ ने रेस्टोरेंट के बिल पर साइन किया और तौफीक के हाथों में हाथ डालकर, धीरे-धीरे चलते हुए, रेस्टोरेंट के बाहर निकल गई। जेनिथ का हाथ तौफीक के हाथ में देखकर, किसी के चेहरे पर एक कड़वी मुस्कुराहट आई और फिर वह परछाई भी रेस्टोरेंट के बाहर निकल गयी।

चैपटर-3
27 दिसम्बर 2001, गुरुवार, 10:15;
आज मौसम काफी खुशगवार था। परंतु ऐलेक्स के ऊपर मौसम का, आज कोई भी प्रभाव नहीं दिख रहा था। वह बहुत परेशान था, क्यों कि आज तीसरा दिन था, जबसे उसकी क्रिस्टी से बात नहीं हुई थी। वह इन बीते हुए 3 दिनों से क्रिस्टी के पीछे भाग-भाग कर परेशान हो गया था।

पहली बात तो वह जल्दी अपने रूम से निकलती नहीं थी, और अगर निकल भी गयी, तो किसी न किसी के पास खड़े हो कर बातें करने लगती। ऐलेक्स को वह अकेले कभी मिल ही नहीं रही थी।

आज ऐलेक्स सुबह से ही उसके कमरे के बाहर इधर-उधर टहल रहा था। उसने यह निश्चय कर लिया था कि आज वह क्रिस्टी से बात करके ही रहेगा, चाहे इसके लिए उसे कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े। उसे गैलरी में टहलते हुए काफी देर हो गई थी।

तभी ‘खटाक्‘ की आवाज के साथ क्रिस्टी के कमरे का दरवाजा खुला और क्रिस्टी कमरे से निकलकर बाहर आयी। उसने चाबी से रूम को लॉक किया और चाभी को अपनी चुस्त जींस की जेब के हवाले कर दिया । दरवाजा लॉक करने के बाद, उसने सरसरी तौर पर एक नजर गैलरी में डाली । उसकी नजर कुछ दूर खड़े ऐलेक्स पर पड़ी, जो कि लगातार उसी को देख रहा था ।

ऐलेक्स को देख क्रिस्टी ने अजीब सा मुंह बनाते हुए, कुछ बड़बड़ाया । पर ऐलेक्स को वह बातें, दूरी अधिक होने के कारण सुनाई नहीं दी । लेकिन इतना तो वह समझ चुका था कि क्रिस्टी ने उसके लिए कुछ विशेष ‘इटैलियन मंत्र‘ पढ़ा था।

तभी क्रिस्टी गैलरी के दूसरी ओर से डेक की ओर चल दी । ऐलेक्स ने जब उसे दूसरी तरफ जाते देखा, तो वह तेज कदमों से उसके पीछे चल दिया । क्रिस्टी कई गलियों को पार करती हुई, सीढ़ियां चढ़कर डेक पर आ गयी। ऐलेक्स अभी भी उसके पीछे था।

क्रिस्टी ने धीरे से पीछे से आ रहे ऐलेक्स पर एक नजर डाली और फिर किसी की तलाश में, अपनी नजर इधर-उधर घुमाने लगी। ऐलेक्स अब उस से कुछ ही दूरी पर था। तभी क्रिस्टी की नजर सामने खड़े तौफीक व लोथार पर पड़ी। जो कि आपस में बातें कर रहे थे। वह ऐलेक्स से पीछा छुड़ाने के उद्देश्य से तेजी से उन दोनों की तरफ बढ़ गई।

“हैलो मिस्टर तौफीक! हैलो मिस्टर लोथार!“ क्रिस्टी ने दोनों के पास पहुंचते हुए उन्हें संबोधित किया।


“हैलो !“ दोनों ने समवेत स्वर में क्रिस्टी की ओर देखते हुए कहा।

“आप दोनों का निशाना तो गजब का है। क्रिस्टी ने उनकी तारीफ करते हुए कहा-

“बाई द वे! मेरा नाम क्रिस्टीना जोन्स है।“ यह कहते हुए क्रिस्टी ने बारी-बारी दोनों से हा थ मिलाया ।

“मैं तो आप लोगों के निशाने की फैन हो गई। क्या आप मुझको भी निशाना लगाना सिखा सकते हैं?“ यह कहकर क्रिस्टी, सिर्फ दिखावे के लिए, दोनों से बात करने में मशगूल हो गई। उधर ऐलेक्स, क्रिस्टी को तौफीक व लोथार की तरफ जाते देख एक जगह रुक गया।

क्रिस्टी की पीठ ऐलेक्स की तरफ थी। ऐलेक्स गुस्से के कारण मन ही मन में अपने आप पर बड़बड़ाने लगा। उसकी बड़बड़ाहट सुनकर पास से जाती हुई लॉरेन, उसके पास आ गई। “आपने मुझसे कुछ कहा क्या ? मिस्टर....... !“
इतना कहकर लॉरेन ने अपनी बात अधूरी छोड़ दी।

“ऐलेक्स!......मुझे ऐलेक्स कहते हैं।“ ऐलेक्स ने एका एक घबरा कर कहा ।

“ऐलेक्स!..... गुड नेम!.... आप शायद रूस से हैं।“ लॉरेन ने ऐलेक्स में दिलचस्पी दिखाते हुए कहा।

“जी हां ! मिस लॉरेन! आपने बिल्कुल सही कहा।“ ऐलेक्स ने एक नजर लॉरेन पर डालते हुए कहा- “मैं रुस से ही हूं।“

“वाह! आप तो मेरा नाम भी जानते हैं।“ लॉरेन ने ऐलेक्स की भूरी-भूरी आंखों में झांकते हुए कहा ।

“जी हाँ ! आपको मैंने जेनिथ के साथ डांस करते हुए देखा था।“ ऐलेक्स ने तुरंत क्रिस्टी व लॉरेन की मुलाकात का जिक्र गोल करते हुए कहा।

“वैसे आप काफी हैंडसम हैं।“ लॉरेन ने ऐलेक्स की तारीफ करते हुए कहा।

“आपके कहने से क्या होता है?“ ऐलेक्स ने उलझे-उलझे से स्वर में कहा- “जिसको समझना चाहिए, वह तो नहीं समझती।“

“क्या मतलब?“ इस बार लॉरेन ने ऐलेक्स की नजरों का पीछा करते हुए, क्रिस्टी पर नजर डाली।

“ओऽऽऽऽऽ मैं समझ गई।“ लॉरेन ने होंठों को गोल करते हुए, समझने वाले अंदाज में कहा-

“वैसे, उसका नाम क्रिस्टी है। .....मेरी दोस्त है...... आप कहें तो मैं उससे आपकी दोस्ती करवा सकती हूं।“ इस बार पहली बार ऐलेक्स ने गहरी निगाहों से लॉरेन को देखा और मुस्कुराते हुए कहा-

“क्या आप सचमुच उससे मेरी दोस्ती करवा सकती हैं?“

“क्यों नहीं ! यह तो मेरे बांए हाथ का खेल है। पर यह सब करने से मेरा क्या फायदा ?........ मतलब कि यह सब करने से मुझे क्या मिलेगा ?“ लॉरेन ने कहा।

“आपको ! ...... “ ऐलेक्स ने लॉरेन को आश्चर्य से देखते हुए कहा-

“आपको क्या चाहिए?“

“चलिए! ..... मेरी छोड़िए।“ लॉरेन ने एका एक टॉपिक चेंज करते हुए कहा-

“मैं आपकी दोस्ती तो क्रिस्टी से करवा सकती हूं, पर वह अजनबियों से दोस्ती नहीं करती। इसलिए आपको थोड़ा सा नाटक करना पड़ेगा।“

“नाटक! ...... कैसा नाटक?“ ऐलेक्स ने ना समझने वाले भाव से कहा।

“कोई खास नहीं.......। बस आपको ये शो करना होगा कि आप मेरे बहुत पुराने दोस्त हैं।“ लॉरेन ने ऐलेक्स की ओर देखते हुए कहा।

“ठीक है। अगर बात सिर्फ इतनी सी है, तो मुझे कोई ऐतराज नहीं है।“ ऐलेक्स ने सहमति से सिर हिलाते हुए कहा।

“तो फिर ठीक है। मैं उसे अभी बुलाती हूं।“ यह कहकर लॉरेन ने पलट कर क्रिस्टी को आवाज लगाई-

“क्रिस्टी ऽऽऽऽ“ क्रिस्टी जो कि तौफीक से बातें कर रही थी, अपना नाम किसी को पुकारते देख, उधर पलट गयी। लॉरेन को देखकर क्रिस्टी ने वहीं से हाथ हिलाया। तभी लॉरेन ने इशारे से क्रिस्टी को वहां बुलाया। क्रिस्टी , तौफीक व लोथार से इजाजत लेकर लॉरेन की तरफ आ गयी। तभी उसकी निगाह, लॉरेन के साथ खड़े ऐलेक्स पर पड़ी। ऐलेक्स को वहां देख वह आश्चर्य से भर उठी।

“हैलो ! कैसी हो ?“ लॉरेन ने क्रिस्टी से हाथ मिलाते हुए कहा। क्रिस्टी ने जैसे लॉरेन की बात सुनी ही ना हो। उसकी निगाहें अभी भी लगातार ऐलेक्स पर थी।

“ओऽऽऽऽ सॉरी-सॉरी ! मैं तुम दोनों को तो मिलवाना ही भूल गई।“ लॉरेन ने ऐलेक्स की ओर इशारा करते हुए कहा-

“ये हैं..... मेरे पुराने ब्वायफ्रेंड- ऐलेक्स। जिनके बारे में मैं तुम्हें अक्सर बताया करती थी। जिनकी फोटो देखने के लिए तुम मुझसे जिद कर रही थी।“ क्रिस्टी ने आश्चर्य से ऐलेक्स को देखते हुए कहा-

“ये हैं वो ऽऽऽ!“

"जी हाँ ! यही हैं वो।“ लॉरेन के चेहरे पर एक खोखली मुस्कान उभरी। जिसे उसने तुरंत नियंत्रित किया।

ऐलेक्स भी लॉरेन की बात सुनकर आश्चर्य से भर उठा। क्यों कि लॉरेन ने उससे यह नहीं बोला था कि वह उसे ब्वायफ्रेंड बना कर, क्रिस्टी से मिलाने वाली है। पर अब कुछ नहीं हो सकता था। इसलिए ऐलेक्स ने भी क्रिस्टी की ओर अनमने भाव से हाथ आगे बढ़ाते हुए कहा -

“हाय! ......“ क्रिस्टी ने भी धीरे से हाथ बढ़ाकर ऐलेक्स से हाथ मिलाया। परंतु उसके चेहरे पर भी आश्चर्य व उलझन के भाव थे।

“क्या हुआ? तुम्हें इनसे मिलकर खुशी नहीं हुई क्या ?“ लॉरेन ने क्रिस्टी के उलझे हुए चेहरे को देख कर कहा-

“वैसे तो तुम मुझसे बहुत पूछा करती थी।“

“नहीं -नहीं ..... वो बात नहीं है।“ एका एक क्रिस्टी ने सामान्य होते हुए मुस्कुराते हुए जवाब दिया और फिर धीरे से ऐलेक्स के हाथ से अपना हाथ छुड़ाया। जिसे कि वह अब भी कोई कीमती चीज समझ कर पकड़े हुए था।

“अच्छा, अब तुम लोग बातें करो। मैं अभी आती हूं।“ यह कहकर लॉरेन ने धीरे से ऐलेक्स को आँख मारकर क्रिस्टी की तरफ इशारा किया और वहां से उस दिशा की ओर बढ़ गई, जिधर उसने अभी-अभी तौफीक व जेनिथ को जाते हुए देखा था।


“आपने पहले बताया नहीं कि आप ही लॉरेन के ब्वायफ्रेंड हैं।“ क्रिस्टी ने लॉरेन के जाते ही शंका भरे स्वर में ऐलेक्स से पूछा।

“मुझे भी कहां पता था ?“ ऐलेक्स ने क्रिस्टी के पूछते ही एका एक बौखला कर कहा।

“क्या मतलब?“ क्रिस्टी ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा।

“म ...म ... मेरा मतलब है कि मुझे ही कहां पता था कि आप लॉरेन की बेस्ट फ्रेंड हैं।“ ऐलेक्स ने पुनः घबरा कर अपनी बात को सुधारते हुए कहा।

“शायद हमें कहीं बैठकर बातें करनी चाहिए।“ क्रिस्टी ने इधर-उधर देखते हुए कहा।

“वो देखिए, उधर स्विमिंग पूल के पास की कुर्सियां खाली पड़ी हैं। चलिए उधर ही चलते हैं।“ ऐलेक्स ने पास पड़ी कुर्सियों की ओर इशारा करते हुए कहा। दोनों पूल के पास पहुंचकर खाली पड़ी दो कुर्सियों पर बैठ गये।

क्रिस्टी की निगाहें अभी भी, किसी एक्सरे मशीन की तरह, ऐलेक्स के चेहरे का जायजा लेने में लगी थी।
ऐलेक्स बार-बार, इधर-उधर देखने का बहाना बना कर, क्रिस्टी से नजरें चुराने की कोशिश कर रहा था।

“क्या बात है मिस्टर ऐलेक्स?“ क्रिस्टी ने ऐलेक्स के चेहरे पर नजरें गड़ाए- गड़ाए ही पूछा-

“आप कुछ परेशान दिख रहे हैं।“

“नहीं-नहीं ! ऐसी कोई बात नहीं है।“ ऐलेक्स ने अपने माथे पर छलक आए पसीने को रुमाल से पोंछते हुए कहा-

“वो मेरी तबीयत थोड़ी ठीक नहीं है।“

“क्या हुआ आपकी तबीयत को ? अभी कुछ देर पहले तो आप बिल्कुल सही थे।“ क्रिस्टी ने पुनः ऐलेक्स को टटोलते हुए कहा -

“अच्छा छोड़िये। आप यह बताइए कि आपकी लॉरेन से पहली मुलाकात कब और कहां हुई? आप उसे इतने पहले से जानते हैं, फिर भी आपने अभी तक उससे शादी क्यों नहीं की ? पहले आप उससे शिप पर क्यों नहीं मिलना चाहते थे? आपके शिप पर कौन से दुश्मन हैं? जिनकी वजह से आप लॉरेन से पहले बात भी नहीं करना चाहते थे। और फिर एकाएक आज सामने आकर आप मुझसे भी मिल लिए। आप जब लॉरेन के ब्वायफ्रेंड हैं, तो इतने दिनों से मेरे पीछे क्यों पड़े हैं? वगैरह-वगैरह.....।“

क्रिस्टी ने एक साथ ऐलेक्स पर प्रश्नों की बौछार कर दी। ऐलेक्स इतने प्रश्नों को सुनकर अब पूरी तरह नर्वस हो गया था। उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्रिस्टी के प्रश्नों का क्या उत्तर दे? अगर वह सच बोलता है, तो इस बार क्रिस्टी का रिएक्शन क्या होगा ? और झूठ बोलने के लिए उसके पास जवाब ही नहीं हैं ।

वह कुछ देर सोचता रहा । पर जब उसे कुछ समझ में नहीं आया । तो वह धीरे से खड़ा होता हुआ बोला-

“माफ कीजिएगा मिस क्रिस्टी ! अचानक मेरी तबियत कुछ ज्यादा गड़बड़ लग रही है। मैं आपके प्रश्नों का उत्तर, फिर कभी दूंगा। अभी तो मुझे चलकर पहले दवा लेनी होगी।“ यह कहकर ऐलेक्स वहां से चलने लगा।

“एक्सक्यूज मी मिस्टर ऐलेक्स! क्रिस्टी ने ऐलेक्स को पीछे से टोकते हुए कहा-

“अगर आपकी तबियत ज्यादा खराब हो, तो मैं आपको आपके रूम तक छोड़ दूं।“

“नहीं-नहीं । आप बिल्कुल परेशान मत होइए।“ ऐलेक्स ने लगभग जान छुड़ाते हुए, भागने वाले अंदाज में कहा- “मैं धीरे-धीरे चला जाऊंगा।“

“वैसे आपका रूम नंबर क्या है?“ क्रिस्टी ने पीछे से पुकारते हुए कहा-

“मैं आपसे फोन करके, आपकी तबियत पूछ लूंगी।“

“465“ ऐलेक्स ने एक बार पीछे मुड़कर जवाब दिया, और फिर इससे पहले कि क्रिस्टी और कुछ कह पाती, वह तेज-तेज__________ कदमों से चलता हुआ, उसकी आँखों से ओझल हो गया। क्रिस्टी, ऐलेक्स को जाते हुए, अंत तक देखती रही, और फिर उसके होठों पर एक रहस्यमई मुस्कान उभरी।





जारी रहेगा……....:writing:
Awesome update
 

parkas

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# 7.
26 दिसम्बर 2001, बुधवार 15:00; “सुप्रीम”

“क्या बात है तौफीक?“ जेनिथ ने धीरे से अपना हाथ तौफीक के हाथ पर रखते हुए कहा-

“तुम मुझसे इतना अलग-अलग सा रहने की कोशिश क्यों करते हो ? ठीक तरह से बातें भी नहीं करते।“ तौफीक ने धीरे से अपना हाथ जेनिथ के हाथ के नीचे से निकालते हुए, कोल्ड ड्रिंक का गिलास उठाया, और होठों से लगा कर धीरे-धीरे चुस्कियां लेने लगा । जब थोड़ी देर तक तौफीक ने कोई जवाब नहीं दिया, तो जेनिथ फिर से पूछ बैठी-

“तुमने मेरी बात का जवाब नहीं दिया तौफीक।“

“जिस आदमी की जिंदगी खुद एक सवाल बन गई हो, वह भला किसी की बात का क्या जवाब दे सकता है।“ तौफीक ने बड़े उलझे हुए शब्दों में कहा ।

“क्या मतलब?“ जेनिथ ने तौफीक से पूछा।

“मतलब तुम समझने की कोशिश नहीं कर रही हो।“ तौफीक ने सपाट स्वर में कहा- “जो तुम सोच रही हो। वह कभी संभव नहीं हो सकता।“

“मैं क्या सोच रही हूं?“ एका एक जेनिथ के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान उभरी ।

“यही कि मैं तुमसे प्यार करूं। तुम्हारे साथ शादी कर लूं।“ तौफीक ने एका एक थोड़ा सा उत्तेजित हो कर कहा- “और तुम्हारे साथ पूरी जिंदगी बिताऊँ।“

“थैंक गॉड! कि तुम्हें यह एहसास है कि मैं तुम्हें प्यार करती हूं।“ जेनिथ ने चेहरे पर क्रास बनाते हुए, खुशी भरे स्वर में कहा-

“लेकिन इसमें आखिर बुराई क्या है? क्या तुम किसी और से प्यार करते हो ? या मैं तुम्हें पसंद नहीं .. ...या.......या फिर ......कोई और बात है।“

“बार-बार एक ही बात को मत दोहराओ जेनिथ।“ तौफीक ने झुंझलाते हुए कहा-

“मुझे एहसास है, कि तुम क्या सोच और समझ रही हो। पर तुम इस बात को नहीं जानती, कि मैं इस समय सस्पेंड चल रहा हूं और फिर मेरी जिंदगी का भी कोई भरोसा नहीं है। हर कदम पर हजारों दुश्मन घूम रहे हैं। क्या पता, कब किधर से एक गोली आए और ............।“

लेकिन इससे पहले की तौफीक उसके आगे और कुछ बोल पाता, जेनिथ ने आगे बढ़कर, अपना हाथ तौफीक के होठों पर रख दिया । जेनिथ के चेहरे को देखकर ऐसा महसूस हो रहा था, जैसे वह अभी रो देगी ।

“बस! इसके आगे कुछ मत बोलना।“ जेनिथ एका एक भावुक हो गई-

“तुम्हारे ऊपर आई हर गोली के आगे, मैं अपना शरीर कर दूंगी । पर तुम्हें आंच नहीं आने दूंगी ।“

“मैं तुम्हारे भावनाओं की कद्र करता हूं।“ तौफीक ने जेनिथ का कोमल हाथ अपने मुंह के ऊपर से हटाते हुए कहा-
“पर मैं अपनी जिंदगी के साथ-साथ, तुम्हारी जिंदगी को भी खतरे में नहीं डाल सकता।“

“जब मैं खतरा उठाने को तैयार हूं, तो फिर तुम्हें क्या परेशानी है?“ इस बार जेनिथ ने थोड़ा रोष में आते हुए कहा।

“परेशानी है........ क्यों कि........ क्यों कि......।“ तौफीक एका एक कुछ कहते- कहते चुप हो गया।


“हां......हां......बोलो.....बोलो...... तुम्हें क्या परेशानी है तौफीक?“ जेनिथ ने शायद उसके आगे के शब्द समझ लिए और तौफीक की आंखों में अपने लिए प्यार की भाषा भी पढ़ ली। इसी लिए वह तौफीक को जोश दिलाते हुए बोली। अचानक तौफीक के चेहरे के भाव परिवर्तित हुए और वह फिर उत्तेजित नजर आने लगा-

“क्यों कि मेरे डिक्शनरी में प्यार नाम का, तब तक कोई शब्द नहीं आएगा, जब तक मेरा काम पूरा नहीं हो जाता।“

“तुम किस काम की बात कर रहे हो? मैं समझी नहीं।“ जेनिथ ने उलझे स्वर में तौफीक से पूछा ।

“तुम समझोगी भी नहीं । फिलहाल तो मैं इतना बता दूं, कि मुझे एक बहुत जरूरी काम को सरअंजाम देना है। और इस काम के पहले मैं तुम्हारे बारे में सोच भी नहीं सकता।“ तौफीक ने जवाब दिया ।

“ठीक है! अगर तुम मुझे उस बात के बारे में नहीं बताना चाहते। तो मैं तुम्हें इसके लिए बाध्य नहीं करुंगी। मेरे जिंदा रहने के लिए इतना ही काफी है, कि कभी न कभी तुम मेरे होकर ही रहोगे।“ जेनिथ ने कहा।

“वैसे तब तक के लिए हम एक अच्छे दोस्त बने रह सकते हैं, या नहीं ।“ जेनिथ ने पुनः मुस्कुराते हुए तौफीक की आंखों में आंखें डालकर, अपना दाहिना हाथ आगे बढ़ाते हुए पूछा।

“बेशक!“ तौफीक ने जेनिथ का हाथ थामते हुए कहा-
“लेकिन कब तक? ........पता नहीं ।“

“अच्छा ! अब जब हम अच्छे दोस्त बन ही गए हैं, तो तुम्हारी हर परेशानी मेरी ।“ जेनिथ ने खुश हो कर कहा-

“अब तुम ये बताओ कि तुम्हें सस्पेंड क्यों कर दिया गया?“ कहकर जेनिथ एक क्षण के लिए रुकी। शायद वह अब तौफीक के बोलने का इंतजार कर रही थी । कुछ देर तक तौफीक को न बोलते देख, वह फिर से बोल उठी -

“ठीक है अगर तुम अपने मिशन के बारे में नहीं बताना चाहते, तो मत बताओ। पर दोस्त होने के नाते, कम से कम अपने सस्पेंड होने का कारण तो बता सकते हो । और वैसे भी तुमको पता नहीं है कि मेरे डैड भी फ्रांस की आर्मी में कर्नल की पोस्ट पर हैं। मैं उनसे कह कर तुम्हारा सस्पेंशन ऑर्डर कैंसिल कराने की कोशिश करुंगी।“

“अब कोई चाहकर भी इस मामले में कुछ नहीं कर सकता । क्यों कि मेरे ऊपर, देश के दुश्मनों के साथ मिलकर, गद्दारी करने का आरोप लगाया गया है। यह बात अलग है कि फ्रांस की सरकार, अभी तक इसे पूरी तरह सच नहीं मान रही है। लेकिन कब तक.........सारे सबूत मेरे खिलाफ हैं। एक न एक दिन, सभी लोग इसे सच मान ही लेंगे। फिर मेरा क्या होगा ?“ तौफीक के शब्दों में रोष और निराशा साफ झलक रही थी ।


“अच्छा छोड़ो इन बातों को।“ जेनिथ ने तौफीक को दुखी होते देख, टॉपिक को चेंज करते हुए कहा-

“आओ डेक पर चलते हैं। बाहर मौसम बहुत अच्छा है।“ यह कहकर जेनिथ ने रेस्टोरेंट के बिल पर साइन किया और तौफीक के हाथों में हाथ डालकर, धीरे-धीरे चलते हुए, रेस्टोरेंट के बाहर निकल गई। जेनिथ का हाथ तौफीक के हाथ में देखकर, किसी के चेहरे पर एक कड़वी मुस्कुराहट आई और फिर वह परछाई भी रेस्टोरेंट के बाहर निकल गयी।


चैपटर-3
27 दिसम्बर 2001, गुरुवार, 10:15;
आज मौसम काफी खुशगवार था। परंतु ऐलेक्स के ऊपर मौसम का, आज कोई भी प्रभाव नहीं दिख रहा था। वह बहुत परेशान था, क्यों कि आज तीसरा दिन था, जबसे उसकी क्रिस्टी से बात नहीं हुई थी। वह इन बीते हुए 3 दिनों से क्रिस्टी के पीछे भाग-भाग कर परेशान हो गया था।

पहली बात तो वह जल्दी अपने रूम से निकलती नहीं थी, और अगर निकल भी गयी, तो किसी न किसी के पास खड़े हो कर बातें करने लगती। ऐलेक्स को वह अकेले कभी मिल ही नहीं रही थी।

आज ऐलेक्स सुबह से ही उसके कमरे के बाहर इधर-उधर टहल रहा था। उसने यह निश्चय कर लिया था कि आज वह क्रिस्टी से बात करके ही रहेगा, चाहे इसके लिए उसे कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े। उसे गैलरी में टहलते हुए काफी देर हो गई थी।

तभी ‘खटाक्‘ की आवाज के साथ क्रिस्टी के कमरे का दरवाजा खुला और क्रिस्टी कमरे से निकलकर बाहर आयी। उसने चाबी से रूम को लॉक किया और चाभी को अपनी चुस्त जींस की जेब के हवाले कर दिया । दरवाजा लॉक करने के बाद, उसने सरसरी तौर पर एक नजर गैलरी में डाली । उसकी नजर कुछ दूर खड़े ऐलेक्स पर पड़ी, जो कि लगातार उसी को देख रहा था ।

ऐलेक्स को देख क्रिस्टी ने अजीब सा मुंह बनाते हुए, कुछ बड़बड़ाया । पर ऐलेक्स को वह बातें, दूरी अधिक होने के कारण सुनाई नहीं दी । लेकिन इतना तो वह समझ चुका था कि क्रिस्टी ने उसके लिए कुछ विशेष ‘इटैलियन मंत्र‘ पढ़ा था।

तभी क्रिस्टी गैलरी के दूसरी ओर से डेक की ओर चल दी । ऐलेक्स ने जब उसे दूसरी तरफ जाते देखा, तो वह तेज कदमों से उसके पीछे चल दिया । क्रिस्टी कई गलियों को पार करती हुई, सीढ़ियां चढ़कर डेक पर आ गयी। ऐलेक्स अभी भी उसके पीछे था।

क्रिस्टी ने धीरे से पीछे से आ रहे ऐलेक्स पर एक नजर डाली और फिर किसी की तलाश में, अपनी नजर इधर-उधर घुमाने लगी। ऐलेक्स अब उस से कुछ ही दूरी पर था। तभी क्रिस्टी की नजर सामने खड़े तौफीक व लोथार पर पड़ी। जो कि आपस में बातें कर रहे थे। वह ऐलेक्स से पीछा छुड़ाने के उद्देश्य से तेजी से उन दोनों की तरफ बढ़ गई।

“हैलो मिस्टर तौफीक! हैलो मिस्टर लोथार!“ क्रिस्टी ने दोनों के पास पहुंचते हुए उन्हें संबोधित किया।


“हैलो !“ दोनों ने समवेत स्वर में क्रिस्टी की ओर देखते हुए कहा।

“आप दोनों का निशाना तो गजब का है। क्रिस्टी ने उनकी तारीफ करते हुए कहा-

“बाई द वे! मेरा नाम क्रिस्टीना जोन्स है।“ यह कहते हुए क्रिस्टी ने बारी-बारी दोनों से हा थ मिलाया ।

“मैं तो आप लोगों के निशाने की फैन हो गई। क्या आप मुझको भी निशाना लगाना सिखा सकते हैं?“ यह कहकर क्रिस्टी, सिर्फ दिखावे के लिए, दोनों से बात करने में मशगूल हो गई। उधर ऐलेक्स, क्रिस्टी को तौफीक व लोथार की तरफ जाते देख एक जगह रुक गया।

क्रिस्टी की पीठ ऐलेक्स की तरफ थी। ऐलेक्स गुस्से के कारण मन ही मन में अपने आप पर बड़बड़ाने लगा। उसकी बड़बड़ाहट सुनकर पास से जाती हुई लॉरेन, उसके पास आ गई। “आपने मुझसे कुछ कहा क्या ? मिस्टर....... !“
इतना कहकर लॉरेन ने अपनी बात अधूरी छोड़ दी।

“ऐलेक्स!......मुझे ऐलेक्स कहते हैं।“ ऐलेक्स ने एका एक घबरा कर कहा ।

“ऐलेक्स!..... गुड नेम!.... आप शायद रूस से हैं।“ लॉरेन ने ऐलेक्स में दिलचस्पी दिखाते हुए कहा।

“जी हां ! मिस लॉरेन! आपने बिल्कुल सही कहा।“ ऐलेक्स ने एक नजर लॉरेन पर डालते हुए कहा- “मैं रुस से ही हूं।“

“वाह! आप तो मेरा नाम भी जानते हैं।“ लॉरेन ने ऐलेक्स की भूरी-भूरी आंखों में झांकते हुए कहा ।

“जी हाँ ! आपको मैंने जेनिथ के साथ डांस करते हुए देखा था।“ ऐलेक्स ने तुरंत क्रिस्टी व लॉरेन की मुलाकात का जिक्र गोल करते हुए कहा।

“वैसे आप काफी हैंडसम हैं।“ लॉरेन ने ऐलेक्स की तारीफ करते हुए कहा।

“आपके कहने से क्या होता है?“ ऐलेक्स ने उलझे-उलझे से स्वर में कहा- “जिसको समझना चाहिए, वह तो नहीं समझती।“

“क्या मतलब?“ इस बार लॉरेन ने ऐलेक्स की नजरों का पीछा करते हुए, क्रिस्टी पर नजर डाली।

“ओऽऽऽऽऽ मैं समझ गई।“ लॉरेन ने होंठों को गोल करते हुए, समझने वाले अंदाज में कहा-

“वैसे, उसका नाम क्रिस्टी है। .....मेरी दोस्त है...... आप कहें तो मैं उससे आपकी दोस्ती करवा सकती हूं।“ इस बार पहली बार ऐलेक्स ने गहरी निगाहों से लॉरेन को देखा और मुस्कुराते हुए कहा-

“क्या आप सचमुच उससे मेरी दोस्ती करवा सकती हैं?“

“क्यों नहीं ! यह तो मेरे बांए हाथ का खेल है। पर यह सब करने से मेरा क्या फायदा ?........ मतलब कि यह सब करने से मुझे क्या मिलेगा ?“ लॉरेन ने कहा।

“आपको ! ...... “ ऐलेक्स ने लॉरेन को आश्चर्य से देखते हुए कहा-

“आपको क्या चाहिए?“

“चलिए! ..... मेरी छोड़िए।“ लॉरेन ने एका एक टॉपिक चेंज करते हुए कहा-


“मैं आपकी दोस्ती तो क्रिस्टी से करवा सकती हूं, पर वह अजनबियों से दोस्ती नहीं करती। इसलिए आपको थोड़ा सा नाटक करना पड़ेगा।“

“नाटक! ...... कैसा नाटक?“ ऐलेक्स ने ना समझने वाले भाव से कहा।

“कोई खास नहीं.......। बस आपको ये शो करना होगा कि आप मेरे बहुत पुराने दोस्त हैं।“ लॉरेन ने ऐलेक्स की ओर देखते हुए कहा।

“ठीक है। अगर बात सिर्फ इतनी सी है, तो मुझे कोई ऐतराज नहीं है।“ ऐलेक्स ने सहमति से सिर हिलाते हुए कहा।

“तो फिर ठीक है। मैं उसे अभी बुलाती हूं।“ यह कहकर लॉरेन ने पलट कर क्रिस्टी को आवाज लगाई-

“क्रिस्टी ऽऽऽऽ“ क्रिस्टी जो कि तौफीक से बातें कर रही थी, अपना नाम किसी को पुकारते देख, उधर पलट गयी। लॉरेन को देखकर क्रिस्टी ने वहीं से हाथ हिलाया। तभी लॉरेन ने इशारे से क्रिस्टी को वहां बुलाया। क्रिस्टी , तौफीक व लोथार से इजाजत लेकर लॉरेन की तरफ आ गयी। तभी उसकी निगाह, लॉरेन के साथ खड़े ऐलेक्स पर पड़ी। ऐलेक्स को वहां देख वह आश्चर्य से भर उठी।

“हैलो ! कैसी हो ?“ लॉरेन ने क्रिस्टी से हाथ मिलाते हुए कहा। क्रिस्टी ने जैसे लॉरेन की बात सुनी ही ना हो। उसकी निगाहें अभी भी लगातार ऐलेक्स पर थी।

“ओऽऽऽऽ सॉरी-सॉरी ! मैं तुम दोनों को तो मिलवाना ही भूल गई।“ लॉरेन ने ऐलेक्स की ओर इशारा करते हुए कहा-

“ये हैं..... मेरे पुराने ब्वायफ्रेंड- ऐलेक्स। जिनके बारे में मैं तुम्हें अक्सर बताया करती थी। जिनकी फोटो देखने के लिए तुम मुझसे जिद कर रही थी।“ क्रिस्टी ने आश्चर्य से ऐलेक्स को देखते हुए कहा-

“ये हैं वो ऽऽऽ!“

"जी हाँ ! यही हैं वो।“ लॉरेन के चेहरे पर एक खोखली मुस्कान उभरी। जिसे उसने तुरंत नियंत्रित किया।

ऐलेक्स भी लॉरेन की बात सुनकर आश्चर्य से भर उठा। क्यों कि लॉरेन ने उससे यह नहीं बोला था कि वह उसे ब्वायफ्रेंड बना कर, क्रिस्टी से मिलाने वाली है। पर अब कुछ नहीं हो सकता था। इसलिए ऐलेक्स ने भी क्रिस्टी की ओर अनमने भाव से हाथ आगे बढ़ाते हुए कहा -

“हाय! ......“ क्रिस्टी ने भी धीरे से हाथ बढ़ाकर ऐलेक्स से हाथ मिलाया। परंतु उसके चेहरे पर भी आश्चर्य व उलझन के भाव थे।

“क्या हुआ? तुम्हें इनसे मिलकर खुशी नहीं हुई क्या ?“ लॉरेन ने क्रिस्टी के उलझे हुए चेहरे को देख कर कहा-

“वैसे तो तुम मुझसे बहुत पूछा करती थी।“

“नहीं -नहीं ..... वो बात नहीं है।“ एका एक क्रिस्टी ने सामान्य होते हुए मुस्कुराते हुए जवाब दिया और फिर धीरे से ऐलेक्स के हाथ से अपना हाथ छुड़ाया। जिसे कि वह अब भी कोई कीमती चीज समझ कर पकड़े हुए था।

“अच्छा, अब तुम लोग बातें करो। मैं अभी आती हूं।“ यह कहकर लॉरेन ने धीरे से ऐलेक्स को आँख मारकर क्रिस्टी की तरफ इशारा किया और वहां से उस दिशा की ओर बढ़ गई, जिधर उसने अभी-अभी तौफीक व जेनिथ को जाते हुए देखा था।


“आपने पहले बताया नहीं कि आप ही लॉरेन के ब्वायफ्रेंड हैं।“ क्रिस्टी ने लॉरेन के जाते ही शंका भरे स्वर में ऐलेक्स से पूछा।

“मुझे भी कहां पता था ?“ ऐलेक्स ने क्रिस्टी के पूछते ही एका एक बौखला कर कहा।

“क्या मतलब?“ क्रिस्टी ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा।

“म ...म ... मेरा मतलब है कि मुझे ही कहां पता था कि आप लॉरेन की बेस्ट फ्रेंड हैं।“ ऐलेक्स ने पुनः घबरा कर अपनी बात को सुधारते हुए कहा।

“शायद हमें कहीं बैठकर बातें करनी चाहिए।“ क्रिस्टी ने इधर-उधर देखते हुए कहा।

“वो देखिए, उधर स्विमिंग पूल के पास की कुर्सियां खाली पड़ी हैं। चलिए उधर ही चलते हैं।“ ऐलेक्स ने पास पड़ी कुर्सियों की ओर इशारा करते हुए कहा। दोनों पूल के पास पहुंचकर खाली पड़ी दो कुर्सियों पर बैठ गये।

क्रिस्टी की निगाहें अभी भी, किसी एक्सरे मशीन की तरह, ऐलेक्स के चेहरे का जायजा लेने में लगी थी।
ऐलेक्स बार-बार, इधर-उधर देखने का बहाना बना कर, क्रिस्टी से नजरें चुराने की कोशिश कर रहा था।

“क्या बात है मिस्टर ऐलेक्स?“ क्रिस्टी ने ऐलेक्स के चेहरे पर नजरें गड़ाए- गड़ाए ही पूछा-

“आप कुछ परेशान दिख रहे हैं।“

“नहीं-नहीं ! ऐसी कोई बात नहीं है।“ ऐलेक्स ने अपने माथे पर छलक आए पसीने को रुमाल से पोंछते हुए कहा-

“वो मेरी तबीयत थोड़ी ठीक नहीं है।“

“क्या हुआ आपकी तबीयत को ? अभी कुछ देर पहले तो आप बिल्कुल सही थे।“ क्रिस्टी ने पुनः ऐलेक्स को टटोलते हुए कहा -

“अच्छा छोड़िये। आप यह बताइए कि आपकी लॉरेन से पहली मुलाकात कब और कहां हुई? आप उसे इतने पहले से जानते हैं, फिर भी आपने अभी तक उससे शादी क्यों नहीं की ? पहले आप उससे शिप पर क्यों नहीं मिलना चाहते थे? आपके शिप पर कौन से दुश्मन हैं? जिनकी वजह से आप लॉरेन से पहले बात भी नहीं करना चाहते थे। और फिर एकाएक आज सामने आकर आप मुझसे भी मिल लिए। आप जब लॉरेन के ब्वायफ्रेंड हैं, तो इतने दिनों से मेरे पीछे क्यों पड़े हैं? वगैरह-वगैरह.....।“

क्रिस्टी ने एक साथ ऐलेक्स पर प्रश्नों की बौछार कर दी। ऐलेक्स इतने प्रश्नों को सुनकर अब पूरी तरह नर्वस हो गया था। उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्रिस्टी के प्रश्नों का क्या उत्तर दे? अगर वह सच बोलता है, तो इस बार क्रिस्टी का रिएक्शन क्या होगा ? और झूठ बोलने के लिए उसके पास जवाब ही नहीं हैं ।

वह कुछ देर सोचता रहा । पर जब उसे कुछ समझ में नहीं आया । तो वह धीरे से खड़ा होता हुआ बोला-

“माफ कीजिएगा मिस क्रिस्टी ! अचानक मेरी तबियत कुछ ज्यादा गड़बड़ लग रही है। मैं आपके प्रश्नों का उत्तर, फिर कभी दूंगा। अभी तो मुझे चलकर पहले दवा लेनी होगी।“ यह कहकर ऐलेक्स वहां से चलने लगा।

“एक्सक्यूज मी मिस्टर ऐलेक्स! क्रिस्टी ने ऐलेक्स को पीछे से टोकते हुए कहा-

“अगर आपकी तबियत ज्यादा खराब हो, तो मैं आपको आपके रूम तक छोड़ दूं।“

“नहीं-नहीं । आप बिल्कुल परेशान मत होइए।“ ऐलेक्स ने लगभग जान छुड़ाते हुए, भागने वाले अंदाज में कहा- “मैं धीरे-धीरे चला जाऊंगा।“

“वैसे आपका रूम नंबर क्या है?“ क्रिस्टी ने पीछे से पुकारते हुए कहा-

“मैं आपसे फोन करके, आपकी तबियत पूछ लूंगी।“

“465“ ऐलेक्स ने एक बार पीछे मुड़कर जवाब दिया, और फिर इससे पहले कि क्रिस्टी और कुछ कह पाती, वह तेज-तेज__________ कदमों से चलता हुआ, उसकी आँखों से ओझल हो गया। क्रिस्टी, ऐलेक्स को जाते हुए, अंत तक देखती रही, और फिर उसके होठों पर एक रहस्यमई मुस्कान उभरी।





जारी रहेगा……....:writing:
Bahut hi badhiya update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and beautiful update....
 
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