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Incest ❣️ घर की ज़िम्मेदारी ❣️ [Completed]

आप की पंसदीता लड़की/औरत

  • सुमित्रा

    Votes: 40 51.9%
  • पारुल

    Votes: 32 41.6%
  • नेहा

    Votes: 5 6.5%

  • Total voters
    77

Underground Life

Your Cute Smile Make Me Melt Like Ice
155
613
94
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Underground Life

Your Cute Smile Make Me Melt Like Ice
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Update 08

रात के 12 बज गई थे लेकिन सूरज का कोई अता पता नहीं था... पारुल का दिल बेचैन हो रहा था वो उसके मन में अजीब अजीब ख्याल आने लगे थे... करती तो करती क्या बिचारी घर पे क्या बोलती नहीं तो अपनी शास से बात कर लेने का उसका दिल हो रहा था यहा किस को अपनी परेशानी कहे बिचारी...

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तभी उसे पड़ोस वाली अंतू याद आते है और वो वैसे तो बड़ा संकोच कर रही थी की इतनी रात को केसे किसी के घर का दरवाजा खटखटाया जाई...पर मजबूरन हो डोर बैल बजा देती है... पारुल एक बार घंटी बजा कुछ देर रुक जाती... और बड़ी बड़ी आंखें कर दरवाजा खुलने से इंतेजर में अपने हाथो को एक दूसरे से अजीब तरह से पकड़ रही थी... वो जितना परेशान होती उतना अपना एक हाथ दूसरे हाथ में दबा रही थी...

तभी उसे एक हल्की सी आवाज उसके कान में सुनाई दी...
"मम्मा कोई दीदी है..." कुछ देर कोई आवाज नहीं आई फिर दरवाजा खुला...(अंदर से वो पारुल को देख रहे थे)

पारुल के सामने एक 18 साल का लड़का उसे अपनी आखों से घूर रहा था जैसे उस ने कोई अप्सरा देख ली हो...वो अपने भाव को छुपा नहीं पा रहा था उसके मुंह से साफ समझ रही थी पारुल की लड़का पहली नजर में उसके सौंदर्य का गुलाम हो गया था...तभी उसने देखा कि उसकी नजर उसके उभरे हुए उरोज पे जाने लगी थी...पारुल एक दम से अपना पल्लू ठीक करती हुई बोली.."वो वो..."और उसकी आखें भर आई... सूची (आंटी) पारुल की नाजुक हालत का अंदाजा लगा ली और उसे घर के अंदर ले आई...उसे पानी का पीने को यह और सोफ़ा पे बिताया...दोनो मां बेटे एक दम चिपक के बैठे...

सूची ने एक पतला सा काले रंग का शर्ट पहना हुआ था... कुछ बटन खुले ही थे जिस से उसके स्तन का कद पारुल को साफ साफ पत्ता चल रहा था...पारुल इतना ध्यान नही दिया...
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सूची – क्या हुआ पारुल are you okay....

पारुल – वो नही आई अभी तक...

सूची – वो कोन...आप के हसबैंड भी आई हैं....

पारुल – (पारुल को अब याद आया कि सूची के लिए वो सूरज की भाभी थी) जी जी... सूरज अभी तक नही आया...और उसका फोन भी बंद आ रहा है...

सूची – अरे तुम खामा खा परेशान हो रही...गया होगा अपने दोस्तो के साथ कही...आ जायेगा...

पारुल – वो आज....(और जो हुआ वो बता दी लेकिन उसके और सूरज का रिश्ता के बारे में नहीं बोली)

सूची – क्या...इतना सब हो गया...तुम डरो मत में कुछ करती हु... अथर्व मेरा मोबाइल लाना...

अथर्व – ओके सूची...

और सूची उसके पति श्रीकांत को कॉल करती है...

सूची – हेलो...

श्रीकांत – हेलो...आज पति की याद कैसी आ गई..

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सूची – शट अप श्रीकान्त...वो हमारे पड़ोस में रहाता हैं ना सूरज वो अभी तक घर नहीं आया और कॉल भी नही लग रहा... प्लेस कुछ करो यार...उसकी भाभी आई हुए ही घर...

श्रीकांत – यार सूची तुम ने मुझे क्या समर रखा हे..अब खूंखार अपरादी को पकडू या... तुम्हारे सूरज को घर लाऊ...यार जवान लड़का है गया होगा कही....

सूची – सुनो...(सब डिटेल में बता दी)...

श्रीकांत – अच्छा अच्छा देखता हु...अब यही काम रह गया था... Jk एक नंबर दे रहा हु जल्दी से लास्ट लोकेशन पता करवा...

सूची के हाथ से उसका मोबाइल ले कर अथर्व उसके पापा से बात करने लगा....

अथर्व – what's up Dad...

श्रीकांत – ठीक हु बेटा...अपनी मम्मी का खयाल रखना...

अथर्व बात करता हुए बेडरूम में चला गया...

अथर्व – पापा पूरा खयाल रख रहा हू...आप उनके बारे में जरा भी टेंशन मत लो...

श्रीकांत (वो फिर से लोकेशन का याद दिला के बाहर केबिन से बाहर भेज दिया) – अथर्व तुम्हे तो पता ही है... में बस अपने बेटे पे भरोसा कर सकता हु... नही तो वो अरविंद कमिना...मेरी सूची को मुझ से चीन लेना चाहता है...

अथर्व – पापा आप की नही...हमारी सूची...मेरा वादा हे..सूची को इतना प्यार दूंगा की उसे किसी और के पास जाने की कभी कोई जरूरत नही होगी...आप जो प्यार मम्मा को अपने काम के रहते नही दे पाते हो में दूंगा पापा...

श्रीकांत – ध्यान रहे बेटा सूची को न पता चले कि में तुम दोनो के बारे में सब जान गया हूं...

अथर्व – don't worry Dad...

श्रीकांत – और सुन बेटा...में तेरे हाथ जोड़ता हूं... कॉन्डम पहना कर... She is sitll fertile...be careful for atleast some years....

अथर्व – पापा but I want to have atleast one baby with suchi... please na...

श्रीकांत – shut up... Is bare me sochna bhi nahi...

अथर्व – हा हा...पापा आप भी ना I'm just kidding...

श्रीकांत – ठीक है लेकिन मैने आप को समझाया था न कि आप अपनी मम्मी के साथ बच्चा क्यों नही कर सकते...

अथर्व – हा पता ही पापा... मेडिकल प्रोब्लम होगी हमारे बेबी को...ok dad...I love you so much....

श्रीकांत – I love too my dear son... सूची को मेरी और से किस दे देना...

अथर्व कॉल रख बाहर आता है और सूची के होठों को चूमने लगा...और पारुल दोनो मां बेटे को इसे देख हैरान रह गई...और वो सूची की को अपनी बाहों में भर सहला रहा था...

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सूची ने अथर्व को धीरे से अपने से दूर किया...

सूची – पारुल मेने श्रीकांत से बात कर ली है वो ले आएगा सूरज को... तुम तब तक यही रुको...

पारुल – (पारुल मन में) ये भगवान अगर वो सही सलामत आ गई तो में नंगे पैर आप के दर्शन के लिए चड़ावा लेके आऊंगी...

*** सूरज घर से दूर किसी सड़क पे चल रहा था****

वो अपने गम न सब भूल सड़क के बीचों बीच चलने लगा था...उसे अब जैसे जीने की कोई इच्छा नहीं बची थी...एक ट्रक उसके सामने से पूरी रफ्तार से आ गया... ड्राइवर ब्रेक लगाया लेकिन बहुत देर हो चुकी थी...तभी सूरज का हाथ कोई पकड़ उसे अपनी और खींच लेता है...और सूरज मरते मरते बचा... ट्रक वाला सूरज को गलियां देके वहा से आग बड़ी गया...

सूरज को जैसे कुछ पड़ी ही नही थी वो फिर से खड़ा हुआ और चलन लगा...की उस बूढ़े आदमी ने उसे रोका और कहा " बेटा कहा खो गई थे तुम कही कुछ हो जाता तो"
"क्या फर्क पड़ेगा किसी को" "बेटा फर्क पड़ेगा..आप की मां को पड़ेगा..आप के पिता को पड़ेगा...एक बेटा खो चुके तुम्हारे ताऊजी को फर्क पड़ेगा...पहले पति को खो के बड़ी हिम्मत कर दूसरी शादी करने वाली तुम्हारी अर्धांगिनी को फर्क पड़ेगा...फर्क पड़ेगा परी को जो फिर से अनाथ हो जायेगी"

सूरज का ये सब सुन हैरान रह गया...उसके दिमाग में एक साथ कही सवाल आने लगे...

सूरज – आप कोन है और मुझे केसे जानते है...

बुड्ढा – में कोन हू...कहा से आया...क्या करता हु...इस से कोई फर्क नही पड़ता...सवाल ये की क्या तुम क्या चाहते हो...

सूरज – कुछ समझा नही बाबा...

वो आदमी सूरज को एक पेड़ के पास ले आया और वो दोनो वही आमने सामने एक बेंच पे बैठ गई... सूरज बुड्ढे के तेज से बड़ा प्रभावती हो रहा था...सफेद कपड़ों में वो कोई बड़े सिद्ध पुरुष मालूम होते थे... आखों में एक अलग ही चमक सूरज साफ देख सकता था...

सूरज – आप है कोन....?????

गुरुदेव – में बस तुम्हे सही दिशा दिखाने आया हु बेटा...तुम अपनी मजिल से भटक रहे थे... h(और एक तेज रोशनी हुए)

सूरज इतना तो समझ गया था की ये कोई मामूली बाबा नही... वो उनके आगे हाथ जोड़ के पूछता है..."गुरूदेव में कुछ समझ नहीं पा रहा...पर आप कोई साधारण व्यक्ति नहीं.."

गुरुदेव – बेटा सूरज...में तुम्हे सही राह दिखाने ही आया हु... क्या तुम्हे अभी लगता है तुम्हारे जीवन का कोई मूल्य नहीं...

सूरज – (सब के बारे में सोच के) नही गुरुदेव में गलत था... बहोत लोगो की उम्मीद सिर्फ मेरे ऊपर हे..और में क्या कर रहा था लेकिन में अब समझ रहा हु....

गुरदेव – तो क्या सोचा है फिर आगे...अपनी जिमेदारी से दूर भगाना चाहते हो या अपने "घर की जिमेदारी"
एक अच्छे बेटे पति पिता बन ने निभाना चाहते हो...

सूरज – गुरुदेव में अपने घर की सारी जिमेदारी उठा न चाहता हु..अब मेरा और कोई थ्येय नही...पर....

गुरुदेव – खुले के बोलो बेटा... मुझे तो सब पता ही हे लेकिन में तुम्हारे मुंह से सुनना चाहता हु...बोलो...

सूरज – आप को इतना सब पता ही है तो ये भी पता होगा कि...में अपनी भाभी को उस नजर से नहीं देख सकता...वो मेरे भाई की पत्नी थी गुरुदेव..

गुरुदेव – सूरज बेटा...भले वो तुन्हारी भाभी थी...अब वो रिश्ता नही रहा...तुम दोनो ने अग्नि को साक्षी मानी एक दूसरे से वचन लिया हे एक दूसरे का हर परिस्थिति में साथ देने का...पारुल बेटी तो अपना हर वादा पूरा कर रही हैं लेकिन तुम नही...आज भी वो तुम्हारे लिए व्याकुल होकर अपनी हर मुनकिन कोशिश में लगी है की तुम सही सलामत घर आ जाओ.... और रही बात तुम्हारे भाई की तो क्या उसकी जगा तुम होते तो क्या तुम अपनी पत्नी को किसी पराई घर में जाने देते जगा क्या पता वो आदमी में परी को दिल से अपना पाता...क्या वो पारुल को जितना तुम खुश रख सकते हो उतना खुस रखता...क्या परी को अपने परिवार से दूर करना सही होगा....

सूरज – (कुछ देर मोन रह सोहता रहा) गुरदेव में आप को बात से सहमत हु...अब भाभी और परी दोनो का पूरा खयाल रखूंगा....

गुरदेव – बेटा वो अब तेरी भाभी नही रही...ये बात समझ लो... वो बच्ची कुछ बोलती नहीं इसका ये मतलब नही की उसे बुरा नही लगता होगा... कोन सी सुहागन को अच्छा लगेगा की उसका पति उसे भाभी बुलाता हे....

सूरज – में नही बोल सकता उन्हें किसी और तरह से...

गुरदेव – अपनी जिमेदारी मत भूलो...तुम उसके पति हो...उसे पति का सुख प्रदान करो...यही धर्म है...

सूरज – ठीक है गुरुदेव...

सूरज की दिल की उलझने अभी दूर नही हुए थी पर वो चुप था...गुरुदेव सब समझ रहे थे...वो बोले...."सूरज बेटा जब तुम ने पहली बार पारुल को देखा था तुम्हे कैसा लगा था"
"गुरुदेव आप क्या बोल रहे है मुझे तो याद भी नहीं अब"
"गलत बेटा तुम्हे वो दिन अच्छे से याद है" "तुम पारुल को देख उसके यौवन पे मोहित हो गई थे...लेकिन फिर तुम्हे पता चला कि ये तुम्हारे भाई की होने वाली पत्नी है..."
सूरज पूरी तरह से अचंबित हो उठा ”गुरुदेव तब मुझे नही पता था कि वो..." "और जब तुम ने पारुल को पहली बार दुल्हन के रूप में देखा तुम क्या सोच रहे थे"
सूरज कुछ नही बोला तो गुरुदेव ने उसे और अधिक गहरी आवाज में पूछा.."बोलो बेटा " "जी गुरुदेव...में उनकी खूबसूरती में मोहित हो गया था लेकिन मेरे दिल में ऐसा कोई भाव नहीं आया था...में तो बस यही सोच रहा था की मेरी पत्नी भी भाभी जैसी हो बस"

गुरुदेव खड़े होकर बोले "तो अब जब वो खुद तुम्हारी पत्नी के रूप में तुम्हारे जीवन में आई ही उसे क्यों उसका हक नही दे रहे हो..."

सूरज का दिल जोर जोर से धड़कने लगा पारुल के साथ अपने आप को सोच..."नही नही गुरुदेव वो कभी तैयार नहीं होगी...उनके दिल में भईया ही है"
"नही सूरज एक पत्नी के दिल में बस उसका पति होता है...पारुल एक पतिव्रता स्त्री है वो अपने पति को वो अपना हक लेने से कभी नही रोकने वाली...और क्या तुम ने ठीक से थ्यान नही दिया शादी के बाद से उसका तुम्हारे लिए बरताव बदल गया है" "तुम से बड़ी होते हुए भी तुझे आप कह के बुलाना...जब तुम उसके पास जाते हो शरमा जाना.. तुम्हारा पूरा खयाल रखाना... सिर्फ तुम्हारे लिए इतना सजना संवरना..."

सूरज – लेकिन गुरुदेव मेने ऐसा कुछ नही सोचा...

गुरुदेव – में यह नहीं कर रहा की आज ही अपनी पत्नी को उसका हक देदो...लेकिन उसे अपने दिल से अपना लो...अपने ऊपर कोई बोझ ले कर अब मत चलो...अपना वैवाहिक जीवन उसके साथ ऐसे सुरू करो जैसे तुम दोनो पहली बार मिले हो...भूल जाओ बाकी सब...फिर बाकी तो तुम दोनो एक दुसरे के लिए ही बने हो... बस दोनो संकोच कर रहे हो...और पारुल जेसी लड़की खुद पहल नहीं करेगी...इस रिश्ते को आगे तुम्हे ही बड़ाना हे...तुम बस एक नई शुरुआत करो....सब अच्छा होगा...अब जा रहा हु...

एक तेज रफ्तार से हवा चली और गुरदेव कहा चले गए सूरज समाजी ही नही पाया...वो बस बोलता ही रह गया "गुरुदेव आप कहा गई" "गुरुदेव मुझे आप से फिर से मिलना था तो क्या कारूगा" की तभी JK सूरज को पकड़ लेता है....

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Jk – क्या रे...यह कहा उछल कूद कर रहा... वहा सब को परेशान कर रखा है चल घर चल बे...

और दोनों जीप पे घर की और जाने लगे...
 
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Subham

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Superb update bro....Vai Suraj aur Sumitra ki kab chudai hoga...Suraj apni Maa ki jhanto wali chut ko chuss chuss kar uski Kam ras piyegaa aur uske baad pyar se Chudai karega...kab ayega woh din???🤔
 
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रात के 12 बज गई थे लेकिन सूरज का कोई अता पता नहीं था... पारुल का दिल बेचैन हो रहा था वो उसके मन में अजीब अजीब ख्याल आने लगे थे... करती तो करती क्या बिचारी घर पे क्या बोलती नहीं तो अपनी शास से बात कर लेने का उसका दिल हो रहा था यहा किस को अपनी परेशानी कहे बिचारी...

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तभी उसे पड़ोस वाली अंतू याद आते है और वो वैसे तो बड़ा संकोच कर रही थी की इतनी रात को केसे किसी के घर का दरवाजा खटखटाया जाई...पर मजबूरन हो डोर बैल बजा देती है... पारुल एक बार घंटी बजा कुछ देर रुक जाती... और बड़ी बड़ी आंखें कर दरवाजा खुलने से इंतेजर में अपने हाथो को एक दूसरे से अजीब तरह से पकड़ रही थी... वो जितना परेशान होती उतना अपना एक हाथ दूसरे हाथ में दबा रही थी...

तभी उसे एक हल्की सी आवाज उसके कान में सुनाई दी...
"मम्मा कोई दीदी है..." कुछ देर कोई आवाज नहीं आई फिर दरवाजा खुला...(अंदर से वो पारुल को देख रहे थे)

पारुल के सामने एक 18 साल का लड़का उसे अपनी आखों से घूर रहा था जैसे उस ने कोई अप्सरा देख ली हो...वो अपने भाव को छुपा नहीं पा रहा था उसके मुंह से साफ समझ रही थी पारुल की लड़का पहली नजर में उसके सौंदर्य का गुलाम हो गया था...तभी उसने देखा कि उसकी नजर उसके उभरे हुए उरोज पे जाने लगी थी...पारुल एक दम से अपना पल्लू ठीक करती हुई बोली.."वो वो..."और उसकी आखें भर आई... सूची (आंटी) पारुल की नाजुक हालत का अंदाजा लगा ली और उसे घर के अंदर ले आई...उसे पानी का पीने को यह और सोफ़ा पे बिताया...दोनो मां बेटे एक दम चिपक के बैठे...

सूची ने एक पतला सा काले रंग का शर्ट पहना हुआ था... कुछ बटन खुले ही थे जिस से उसके स्तन का कद पारुल को साफ साफ पत्ता चल रहा था...पारुल इतना ध्यान नही दिया...
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सूची – क्या हुआ पारुल are you okay....

पारुल – वो नही आई अभी तक...

सूची – वो कोन...आप के हसबैंड भी आई हैं....

पारुल – (पारुल को अब याद आया कि सूची के लिए वो सूरज की भाभी थी) जी जी... सूरज अभी तक नही आया...और उसका फोन भी बंद आ रहा है...

सूची – अरे तुम खामा खा परेशान हो रही...गया होगा अपने दोस्तो के साथ कही...आ जायेगा...

पारुल – वो आज....(और जो हुआ वो बता दी लेकिन उसके और सूरज का रिश्ता के बारे में नहीं बोली)

सूची – क्या...इतना सब हो गया...तुम डरो मत में कुछ करती हु... अथर्व मेरा मोबाइल लाना...

अथर्व – ओके सूची...

और सूची उसके पति श्रीकांत को कॉल करती है...

सूची – हेलो...

श्रीकांत – हेलो...आज पति की याद कैसी आ गई..

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सूची – शट अप श्रीकान्त...वो हमारे पड़ोस में रहाता हैं ना सूरज वो अभी तक घर नहीं आया और कॉल भी नही लग रहा... प्लेस कुछ करो यार...उसकी भाभी आई हुए ही घर...

श्रीकांत – यार सूची तुम ने मुझे क्या समर रखा हे..अब खूंखार अपरादी को पकडू या... तुम्हारे सूरज को घर लाऊ...यार जवान लड़का है गया होगा कही....

सूची – सुनो...(सब डिटेल में बता दी)...

श्रीकांत – अच्छा अच्छा देखता हु...अब यही काम रह गया था... Jk एक नंबर दे रहा हु जल्दी से लास्ट लोकेशन पता करवा...

सूची के हाथ से उसका मोबाइल ले कर अथर्व उसके पापा से बात करने लगा....

अथर्व – what's up Dad...

श्रीकांत – ठीक हु बेटा...अपनी मम्मी का खयाल रखना...

अथर्व बात करता हुए बेडरूम में चला गया...

अथर्व – पापा पूरा खयाल रख रहा हू...आप उनके बारे में जरा भी टेंशन मत लो...

श्रीकांत (वो फिर से लोकेशन का याद दिला के बाहर केबिन से बाहर भेज दिया) – अथर्व तुम्हे तो पता ही है... में बस अपने बेटे पे भरोसा कर सकता हु... नही तो वो अरविंद कमिना...मेरी सूची को मुझ से चीन लेना चाहता है...

अथर्व – पापा आप की नही...हमारी सूची...मेरा वादा हे..सूची को इतना प्यार दूंगा की उसे किसी और के पास जाने की कभी कोई जरूरत नही होगी...आप जो प्यार मम्मा को अपने काम के रहते नही दे पाते हो में दूंगा पापा...

श्रीकांत – ध्यान रहे बेटा सूची को न पता चले कि में तुम दोनो के बारे में सब जान गया हूं...

अथर्व – don't worry Dad...

श्रीकांत – और सुन बेटा...में तेरे हाथ जोड़ता हूं... कॉन्डम पहना कर... She is sitll fertile...be careful for atleast some years....

अथर्व – पापा but I want to have atleast one baby with suchi... please na...

श्रीकांत – shut up... Is bare me sochna bhi nahi...

अथर्व – हा हा...पापा आप भी ना I'm just kidding...

श्रीकांत – ठीक है लेकिन मैने आप को समझाया था न कि आप अपनी मम्मी के साथ बच्चा क्यों नही कर सकते...

अथर्व – हा पता ही पापा... मेडिकल प्रोब्लम होगी हमारे बेबी को...ok dad...I love you so much....

श्रीकांत – I love too my dear son... सूची को मेरी और से किस दे देना...

अथर्व कॉल रख बाहर आता है और सूची के होठों को चूमने लगा...और पारुल दोनो मां बेटे को इसे देख हैरान रह गई...और वो सूची की को अपनी बाहों में भर सहला रहा था...

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सूची ने अथर्व को धीरे से अपने से दूर किया...

सूची – पारुल मेने श्रीकांत से बात कर ली है वो ले आएगा सूरज को... तुम तब तक यही रुको...

पारुल – (पारुल मन में) ये भगवान अगर वो सही सलामत आ गई तो में नंगे पैर आप के दर्शन के लिए चड़ावा लेके आऊंगी...

*** सूरज घर से दूर किसी सड़क पे चल रहा था****

वो अपने गम न सब भूल सड़क के बीचों बीच चलने लगा था...उसे अब जैसे जीने की कोई इच्छा नहीं बची थी...एक ट्रक उसके सामने से पूरी रफ्तार से आ गया... ड्राइवर ब्रेक लगाया लेकिन बहुत देर हो चुकी थी...तभी सूरज का हाथ कोई पकड़ उसे अपनी और खींच लेता है...और सूरज मरते मरते बचा... ट्रक वाला सूरज को गलियां देके वहा से आग बड़ी गया...

सूरज को जैसे कुछ पड़ी ही नही थी वो फिर से खड़ा हुआ और चलन लगा...की उस बूढ़े आदमी ने उसे रोका और कहा " बेटा कहा खो गई थे तुम कही कुछ हो जाता तो"
"क्या फर्क पड़ेगा किसी को" "बेटा फर्क पड़ेगा..आप की मां को पड़ेगा..आप के पिता को पड़ेगा...एक बेटा खो चुके तुम्हारे ताऊजी को फर्क पड़ेगा...पहले पति को खो के बड़ी हिम्मत कर दूसरी शादी करने वाली तुम्हारी अर्धांगिनी को फर्क पड़ेगा...फर्क पड़ेगा परी को जो फिर से अनाथ हो जायेगी"

सूरज का ये सब सुन हैरान रह गया...उसके दिमाग में एक साथ कही सवाल आने लगे...

सूरज – आप कोन है और मुझे केसे जानते है...

बुड्ढा – में कोन हू...कहा से आया...क्या करता हु...इस से कोई फर्क नही पड़ता...सवाल ये की क्या तुम क्या चाहते हो...

सूरज – कुछ समझा नही बाबा...

वो आदमी सूरज को एक पेड़ के पास ले आया और वो दोनो वही आमने सामने एक बेंच पे बैठ गई... सूरज बुड्ढे के तेज से बड़ा प्रभावती हो रहा था...सफेद कपड़ों में वो कोई बड़े सिद्ध पुरुष मालूम होते थे... आखों में एक अलग ही चमक सूरज साफ देख सकता था...

सूरज – आप है कोन....?????

गुरुदेव – में बस तुम्हे सही दिशा दिखाने आया हु बेटा...तुम अपनी मजिल से भटक रहे थे... h(और एक तेज रोशनी हुए)

सूरज इतना तो समझ गया था की ये कोई मामूली बाबा नही... वो उनके आगे हाथ जोड़ के पूछता है..."गुरूदेव में कुछ समझ नहीं पा रहा...पर आप कोई साधारण व्यक्ति नहीं.."

गुरुदेव – बेटा सूरज...में तुम्हे सही राह दिखाने ही आया हु... क्या तुम्हे अभी लगता है तुम्हारे जीवन का कोई मूल्य नहीं...

सूरज – (सब के बारे में सोच के) नही गुरुदेव में गलत था... बहोत लोगो की उम्मीद सिर्फ मेरे ऊपर हे..और में क्या कर रहा था लेकिन में अब समझ रहा हु....

गुरदेव – तो क्या सोचा है फिर आगे...अपनी जिमेदारी से दूर भगाना चाहते हो या अपने "घर की जिमेदारी"
एक अच्छे बेटे पति पिता बन ने निभाना चाहते हो...

सूरज – गुरुदेव में अपने घर की सारी जिमेदारी उठा न चाहता हु..अब मेरा और कोई थ्येय नही...पर....

गुरुदेव – खुले के बोलो बेटा... मुझे तो सब पता ही हे लेकिन में तुम्हारे मुंह से सुनना चाहता हु...बोलो...

सूरज – आप को इतना सब पता ही है तो ये भी पता होगा कि...में अपनी भाभी को उस नजर से नहीं देख सकता...वो मेरे भाई की पत्नी थी गुरुदेव..

गुरुदेव – सूरज बेटा...भले वो तुन्हारी भाभी थी...अब वो रिश्ता नही रहा...तुम दोनो ने अग्नि को साक्षी मानी एक दूसरे से वचन लिया हे एक दूसरे का हर परिस्थिति में साथ देने का...पारुल बेटी तो अपना हर वादा पूरा कर रही हैं लेकिन तुम नही...आज भी वो तुम्हारे लिए व्याकुल होकर अपनी हर मुनकिन कोशिश में लगी है की तुम सही सलामत घर आ जाओ.... और रही बात तुम्हारे भाई की तो क्या उसकी जगा तुम होते तो क्या तुम अपनी पत्नी को किसी पराई घर में जाने देते जगा क्या पता वो आदमी में परी को दिल से अपना पाता...क्या वो पारुल को जितना तुम खुश रख सकते हो उतना खुस रखता...क्या परी को अपने परिवार से दूर करना सही होगा....

सूरज – (कुछ देर मोन रह सोहता रहा) गुरदेव में आप को बात से सहमत हु...अब भाभी और परी दोनो का पूरा खयाल रखूंगा....

गुरदेव – बेटा वो अब तेरी भाभी नही रही...ये बात समझ लो... वो बच्ची कुछ बोलती नहीं इसका ये मतलब नही की उसे बुरा नही लगता होगा... कोन सी सुहागन को अच्छा लगेगा की उसका पति उसे भाभी बुलाता हे....

सूरज – में नही बोल सकता उन्हें किसी और तरह से...

गुरदेव – अपनी जिमेदारी मत भूलो...तुम उसके पति हो...उसे पति का सुख प्रदान करो...यही धर्म है...

सूरज – ठीक है गुरुदेव...

सूरज की दिल की उलझने अभी दूर नही हुए थी पर वो चुप था...गुरुदेव सब समझ रहे थे...वो बोले...."सूरज बेटा जब तुम ने पहली बार पारुल को देखा था तुम्हे कैसा लगा था"
"गुरुदेव आप क्या बोल रहे है मुझे तो याद भी नहीं अब"
"गलत बेटा तुम्हे वो दिन अच्छे से याद है" "तुम पारुल को देख उसके यौवन पे मोहित हो गई थे...लेकिन फिर तुम्हे पता चला कि ये तुम्हारे भाई की होने वाली पत्नी है..."
सूरज पूरी तरह से अचंबित हो उठा ”गुरुदेव तब मुझे नही पता था कि वो..." "और जब तुम ने पारुल को पहली बार दुल्हन के रूप में देखा तुम क्या सोच रहे थे"
सूरज कुछ नही बोला तो गुरुदेव ने उसे और अधिक गहरी आवाज में पूछा.."बोलो बेटा " "जी गुरुदेव...में उनकी खूबसूरती में मोहित हो गया था लेकिन मेरे दिल में ऐसा कोई भाव नहीं आया था...में तो बस यही सोच रहा था की मेरी पत्नी भी भाभी जैसी हो बस"

गुरुदेव खड़े होकर बोले "तो अब जब वो खुद तुम्हारी पत्नी के रूप में तुम्हारे जीवन में आई ही उसे क्यों उसका हक नही दे रहे हो..."

सूरज का दिल जोर जोर से धड़कने लगा पारुल के साथ अपने आप को सोच..."नही नही गुरुदेव वो कभी तैयार नहीं होगी...उनके दिल में भईया ही है"
"नही सूरज एक पत्नी के दिल में बस उसका पति होता है...पारुल एक पतिव्रता स्त्री है वो अपने पति को वो अपना हक लेने से कभी नही रोकने वाली...और क्या तुम ने ठीक से थ्यान नही दिया शादी के बाद से उसका तुम्हारे लिए बरताव बदल गया है" "तुम से बड़ी होते हुए भी तुझे आप कह के बुलाना...जब तुम उसके पास जाते हो शरमा जाना.. तुम्हारा पूरा खयाल रखाना... सिर्फ तुम्हारे लिए इतना सजना संवरना..."

सूरज – लेकिन गुरुदेव मेने ऐसा कुछ नही सोचा...

गुरुदेव – में यह नहीं कर रहा की आज ही अपनी पत्नी को उसका हक देदो...लेकिन उसे अपने दिल से अपना लो...अपने ऊपर कोई बोझ ले कर अब मत चलो...अपना वैवाहिक जीवन उसके साथ ऐसे सुरू करो जैसे तुम दोनो पहली बार मिले हो...भूल जाओ बाकी सब...फिर बाकी तो तुम दोनो एक दुसरे के लिए ही बने हो... बस दोनो संकोच कर रहे हो...और पारुल जेसी लड़की खुद पहल नहीं करेगी...इस रिश्ते को आगे तुम्हे ही बड़ाना हे...तुम बस एक नई शुरुआत करो....सब अच्छा होगा...अब जा रहा हु...

एक तेज रफ्तार से हवा चली और गुरदेव कहा चले गए सूरज समाजी ही नही पाया...वो बस बोलता ही रह गया "गुरुदेव आप कहा गई" "गुरुदेव मुझे आप से फिर से मिलना था तो क्या कारूगा" की तभी JK सूरज को पकड़ लेता है....

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Jk – क्या रे...यह कहा उछल कूद कर रहा... वहा सब को परेशान कर रखा है चल घर चल बे...

और दोनों जीप पे घर की और जाने लगे...
बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत मनमोहक अपडेट हैं भाई मजा आ गया
सुरज को गुरुदेव मिले संकेत के बाद कहानी ने एक नया रोमांच आ गया
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 
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Superb update bro....Vai Suraj aur Sumitra ki kab chudai hoga...Suraj apni Maa ki jhanto wali chut ko chuss chuss kar uski Kam ras piyegaa aur uske baad pyar se Chudai karega...kab ayega woh din???🤔

धन्यवाद आपका... आगे क्या होगा वो तो आने वाला वक्त ही बता सकता है भाई...लेकिन आप सब के प्रतिभाव से इस लग रहा की ज्यादा लोग सुमित्रा की योनि में सूरज का लिंग देखना चाहते हे...क्या पारुल की योनि में कोई लिंग नही जाना चाहिए...आप सब अपनी अमूल्य राय दे...
 
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बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत मनमोहक अपडेट हैं भाई मजा आ गया
सुरज को गुरुदेव मिले संकेत के बाद कहानी ने एक नया रोमांच आ गया
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा

धन्यवाद भाई...अब सूरज और पारुल एक नई शुरुआत करने वाले है अपने रिश्ते की... देखते है कितना जल्दी पारुल सूरज को अपनी योनि में इसका लिंग प्रवेश करने देगी....
 
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