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♡ Family Introduction ♡ |
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Yes

Thank you so much SANJU ( V. R. ) bhai, aapke sabdo ki hamesha hi partiksha rahti hai, aapne theek kaha duniya bohot aage nikal gai aur apna vakeel paiso ke maamle me kafi peeche chal raha haiवैशाली गरीब थी , उसकी माली हालात ठीक नही थी इसलिए रोमेश साहब ने उससे कोई फीस की डिमांड नही की , यह समझ मे आता है लेकिन , जब क्लाइंट अमीर लोग हों , रसूखदार लोग हों , बड़े बड़े सांसद या चीफ मिनिस्टर तक हों तब फीस के मामले मे इतना भी दरियादिली नही दिखाना चाहिए ।
एक चीफ मिनिस्टर और केस की फीस महज एक लाख रुपए , यह नाइंसाफी है । ऐसा लगता है या तो रोमेश साहब साठ - सत्तर के युग मे जी रहे हैं या उन्हे धन-दौलत की कोई खास जरूरत नही है ।
हमारे सुप्रीम कोर्ट के मशहूर वकील एक सुनवाई पर चालीस पचास लाख चार्ज करते हैं । उस हिसाब से रोमेश साहब कम से कम चार पांच लाख रुपए चार्ज तो कर ही सकते है ।
रोमेश साहब फाइनेंशियल प्रॉब्लम के साथ साथ पर्सनल प्रॉब्लम से भी जूझ रहे है । अपनी पत्नी को ठीक तरह से टैकल करें , ठीक तरह से हैंडल करें अन्यथा यह प्रॉब्लम उनके लिए आगे चलकर काफी नुकसानदेह होगी ।
वैसे इस बार का केस काफी दिलचस्प है । सासंद सावंत साहब को अपनी हत्या का अंदेशा है और चीफ मिनिस्टर के सेक्रेटरी ने इस भावी हत्या की बात भी कबूल कर ली है । वजह वही पोलिटिकल स्वार्थ ।
मतलब यह केस पुरी तरह साफ साफ है ।
लेकिन क्या रोमेश साहब इस कत्ल को होने से रोक पायेंगे ? क्या वो डायरेक्ट चीफ मिनिस्टर से पंगा ले सकते है ?
या फिर कोई और ही ट्विस्ट आने वाला है इस केस मे ?
खुबसूरत अपडेट शर्मा जी । बेहतरीन थ्रिलर स्टोरी लिख रहे है आप । एक परफेक्ट जासूसी उपन्यास की तरह ।
आउटस्टैंडिंग एंड जगमग जगमग ।
और सुप्रीम मेम्बर शीप के लिए बधाई आपको ।

Somu ki toh seth ji ne chupke se maar liअपडेट 1
अंधेरे को चीरती हुई एक कार , जो की बोहोत ही तेजी से अपने गन्तव्य की ओर बढी जा रही थी।
कि अचानक कार के ब्रेक चीख पडें!!
कार के ब्रेकों के चीखने का शोर इतना तीव्र था कि अपने घोंसलों में सोते पक्षी भी फड़फड़ा कर उड़ चले ।
रात की नीरवता खण्ड-विखण्ड हो कर रह गयी ।
"क्या हुआ ?" सेठ कमलनाथ ने पूछा!
"एक आदमी गाड़ी के आगे अचानक कूद गया।
" ड्राइवर ने थर्राई आवाज में उत्तर
दिया , "मेरी कोई गलती नहीं सेठ जी ! मैंनेतो पूरी कौशिश की ।"
"अरे देखो तो , जिन्दा है या मर गया !"
ड्राइवर ने फुर्ती से दरवाजा खोला । हेडलाइट्स अभी भी ऑन थी , वह ड्राइविंग सीट से उतरकर आगे आ गया । गाड़ी के नीचे एक व्यक्ति औंधा पड़ा था , उसके जिस्म पर आगे के पहिये उतर चुके थे ।
चूँकि पहियों के बीच में अन्धेरा था ,
इसलिये कुछ ठीक से नजर नहीं आ रहा ...।"
"जी के बच्चे जो मैं कह रहा हूँ, वह कर, नहीं तो तू सीधा अन्दर होगा ।"
"लेकिन सेठ जी , कपड़े क्यों ?"
"सवाल नहीं करने का , समझे ! जो बोला वह करो।"
इस बार सेठ कमलनाथ मवालियों
जैसे अन्दाज में बोला ।
सोमू ने डरते हए कपड़े उतार डाले । इसी बीच सेठ कमलनाथ ने अपने भी कपड़े उतारे
और खुद कार की पिछली सीट पर आ गया । उसने कार में रखी एक चादर लपेट ली ।
"मेरे कपड़े लाश को पहना दे सोमू ।" सेठ कमलनाथ ने खलनायक वाले अन्दाज में कहा ।
"सोमू के कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि हो क्या रहा है ? अपने मालिक का हुक्म मानते हुए उसने सेठ कमलनाथ के कपड़े लाश को पहना दिये ।
"मेरी घड़ी , मेरी अंगूठी , मेरे गले की चेन भी इसे पहना दे ।"
कमलनाथ ने अपनी घड़ी , चेन और अंगूठी भी सोमू को थमा दी ।
सोमू ने सेठ कमलनाथ को ऐसी निगाहों से देखा , जैसे सेठ पागल हो गया हो !! फिर उसने वह तीनों चीजें भी लाश को पहना दी ।
"अब कार में आजा ...।"
सोमू कार में आ गया ।
"इसका चेहरा इस तरह कुचल दे, जो पहचाना न जा सके ।"
सोमू ने यह काम भी कर दिखाया । इस बीच वह हांफने भी लगा था । चादर ओढ़े सेठ ने एक बार फिर लाश का निरीक्षण किया और फिर से गाड़ी में आ बैठा ।
"हमें किसी ने देखा तो नहीं ?"
"इतनी रात गये इस सड़क पर कौन आयेगा ।"
"हूँ !! चलो ! छुट्टी हुई, मैं मर गया ।"
"क… क्या कह रहे हैं ?"
"अबे गाड़ी चला , रास्ते में तुझे सब बता दूँगा कि सेठ कमलनाथ कैसे मरा और किसने मारा , चल बेफिक्र हो कर गाड़ी चला ।"
गाड़ी आगे बढ़ गई, इसके साथ ही सेठ कमलनाथ का कहकहा गूँज उठा ।।
इस घटना के कुछ समय बाद :
जब सेठ कमलनाथ की मौत का समाचार बासी हो चुका था , किसी को अब उस हादसे में कोई दिलचस्पी भी नहीं थी । लोगों की आदत होती है, बड़े-बड़े हादसे चंद दिन में ही भूल जाते हैं । और फिर कमलनाथ ऐसा महत्वपूर्ण व्यक्ति भी नहीं था , जो चर्चा में रहता ।
मुकदमा मुम्बई सेशन कोर्ट में पेश था ।
कटघरे में एक मुलजिम खड़ा था , नाम था सोमू !
"योर ऑनर ! यह नौजवान सोमू जो आपके सामने कटघरे में खड़ा है, एक वहशी हत्यारा है, जिसने अपने मालिक सेठ कमलनाथ का निर्दयता पूर्वक कत्ल कर डाला ।
मैं अदालत के सामने सभी सबूतों के साथ-साथ गवाहों को पेश करने की भी इजाजत चाहूँगा।"
"इजाजत है । "
जज ने अनुमति प्रदान कर दी ।
पब्लिक प्रोसिक्यूटर राजदान मिर्जा ने मुकदमे की पृष्ठभूमि से पर्दा उठाना शुरू किया ।
"उस रात सेठ कमलनाथ मुम्बई गोवा हाईवे पर सफर कर रहे थे । वह कारोबार की उगाही करके लौट रहे थे! और उनके सूटकेस में एक लाख रुपया नकद मौजूद था । रात के एक बजे जल्दी पहुंचने की गरज से ड्राइवर सोमू ने कार को एक शॉर्टकट मार्ग पर मोड़ा,
और एक सुनसान सड़क पर गाड़ी को ले गया । असल में मुजरिम का मकसद जल्दी पहुंचना नहीं था बल्कि वह तो सेठ को कभी भी घर न पहुंचने देने के लिए प्लान कर चुका था ।"
कुछ रुककर मिर्जा ने कहा ।
"योर ऑनर, सुनसान और सन्नाटेदार सड़क पर आते ही इस वफादार नौकर ने अपनी नमक हरामी का सबसे बड़ा सिला यह दिया कि सुनसान जगह कार रोककर सेठ से रुपयों का सूटकेस माँगा । सोमू उस वक्त रुपया लेकर भागजाने का इरादा रखता था , इसी लिये वह उस सुनसान सड़क पर पहुंचा , ताकि सेठ अगर चीख पुकार मचाए भी , तो कोई सुनने वाला न हो , कोई उसकी मदद के लिए न आये और यही हुआ ।
लेकिन सेठ ने जब पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करने और भुगत लेने की धमकी दी , तो सोमू ने सेठ का कत्ल कर डाला ।
“जी हाँ योर ऑनर”, गाड़ी से कुचलकर उसने सेठ को मार डाला । यहाँ तक कि लाश का चेहरा ऐसा बिगाड़ दिया कि कोई पहचान भी न सके ।"
अदालत खामोश थी । लोग राजदान मिर्जा की दलीलें चुपचाप सुन रहे थे । किसी ने टोका -टाकी नहीं की ।
"लेकिन मीलार्ड, कहते हैं अपराधी चाहे कितना भी चालाक क्यों न हो, उससे कोई-न-कोई भूल तो हो ही जाती है, और कानून के लम्बे हाथ उसी भूल का फायदा उठा कर मुजरिम के गिरेबान तक जा पहुंचते हैं ।
मुलजिम सोमू ने हत्या तो कर दी , लेकिन सेठ कमलनाथ के जिस्म पर उसकी शिनाख्त की कई चीजें छोड़ गया । अंगूठी , घड़ी और पर्स तक जेब में पड़ा रह गया । जिससे न सिर्फ लाश की शिनाख्त हो गई बल्कि यह भी पता चल गया कि उस रात सेठ एक लाख रुपया लेकर मुम्बई लौट रहा था ।
इसने सेठ कमलनाथ का कत्ल किया और लाश का हुलिया बिगाड़ने के लिए पूरा चेहरा गाड़ी के पहिये से कुचल डाला ।
इसलिये भारतीय दण्ड विधान धारा 302 के तहत मुलजिम को कड़ी -से-कड़ी सजा दी जाये ।
“दैट्स आल योर ऑनर ।"
सरकारी वकील राजदान मिर्जा ने मुलजिम के विरुद्ध आरोप दाखिल किया और अपनी सीट पर आ बैठा ।
"मुलजिम सोमू "
थोड़ी देर में न्यायाधीश की आवाज कोर्ट में गूंजी ,
"तुम पर जो आरोप लगाए गये हैं, क्या वह सही हैं ?"
मुलजिम सोमू कटघरे में निर्भीक खड़ा था । उसने एक नजर अदालत में बैठे लोगों पर डाली और फिर वह दृष्टि एक नौजवान लड़की पर ठहर गई थी , जो उसी अदालत के एक कोने में बैठी थी और डबडबाई आँखों से सोमू को देख रही थी ।
वहाँ से सोमू की दृष्टि पलटी और सीधा न्यायाधीश की ओर उठ गई ।
"क्या तुम अपने जुर्म का इकबाल करते हो ?" आवाज गूँज रही थी ।
"जी हाँ योर ऑनर ! मैं अपने जुर्म का इकबाल करता हूँ । वह हत्या मैंने ही की और एक लाख रूपए के लालच में की ।
मेरा सेठ बहुत ही कंजूस और कमीना था । मैंने उससे अपनी बहन की शादी के लिए कर्जा माँगा , तो उसने एक फूटी कौड़ी भी देने से इन्कार कर
दिया । उस रात मुझे मौका मिल गया और मैंने उसका क़त्ल कर डाला ।"
"नहीं..s..s..s. ।"
अचानक अदालत में किसी नारी की चीख-सी सुनाई दी । सबका ध्यान उस
चीख की तरफ आकर्षित हो गया ।
"सोमू झूठ बोल रहा है, यह किसी का कत्ल नहीं कर सकता , यह झूठ है ।"
कुछ क्षण पहले जो लड़की डबडबाई आँखों से सोमू को निहार रही थी , वह उठ खड़ी हुई ।
"तुम्हें जो कुछ कहना है, कटघरे में आकर कहो ।"
युवती अदालत में खाली पड़े दूसरे कटघरे में पहुंच गई ।
"मेरा नाम वैशाली है जज साहब” !
मैं इसकी बहन हूँ । मुझसे अधिक सोमू को कोई नहीं जानता , यह किसी की हत्या नहीं कर सकता ।"
"परन्तु वह इकबाले जुर्म कर रहा है ।"
"मीलार्ड ।"
सरकारी वकील उठ खड़ा हुआ, "कोई भी बहन अपने भाई को हत्यारा
कैसे मान सकती है । जबकि मुलजिम अपने जुर्म का इकबाल कर रहा है, तो इसमें सच्चाई की कोई गुंजाइश ही कहाँ रह जाती है ।"
"मैं कह चुका हूँ योर ऑनर ! मैंने कत्ल किया है, मैं कोई सफाई नहीं देना चाहता और न ही यह मुकदमा आगे चलाना चाहता हूँ ।
वैशाली तुम्हें यहाँ अदालत में नहीं आना चाहिये था , तुम घर जाओ ।"
वैशाली सुबकती हुई कटघरे से बाहर आई और फिर अदालत से ही बाहर चली गई ।
अदालत ने अगली कार्यवाही के लिए तारीख दे दी ।
जारी रहेगा…✍✍
ab dekte hai waise ye Vaishali mast hai
kahi lead herione toh nhi 
Thank you very much GhostySomu ki toh seth ji ne chupke se maar liab dekte hai waise ye Vaishali mast hai
kahi lead herione toh nhi
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Jald hi aayega bhaiRaj_sharma bhai next update kab tak aayega?
Sorry bhai aaj nahi ho payega, aaj afternoon se meetings. Me busy chal rahe hai, jo abhi bhi chalegi to ipdate kalRaj_sharma bhai next update kab tak aayega?