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Romance In Love.. With You... (Completed)

park

Well-Known Member
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Update 33




नेहा राघव को अवॉइड कर रही थी क्युकी अब राघव का लैपटॉप तो बड़ी दादी के पास था और करने को कुछ था नहीं तो राघव नेहा को चिक्की नाम से चिढ़ा कर मजे ले रहा था और वो उसे चिक्की चिक्की बुलाते हुए पूरे घर मे उसके पीछे पीछे घूम रहा था बगैर परिवार वालों की चिंता करे और नेहा इससे काफी ज्यादा चिढ़ भी रही थी, इस वक्त नेहा किचन मे थी और सब्जियां काट रही थी

श्वेता- चिक्की भाभी भईया आपको बुला रहे है

श्वेता ने अपनी हसी छुपाते हुए नेहा से कहा और बदले मे नेहा ने उसे घूर के देखा

नेहा- उनहू उनहू श्वेता प्लीज!!

श्वेता- अच्छा अच्छा ठीक है नेहा भाभी मैं नहीं बुलाऊँगी आपको उस नाम से

श्वेता ने हसते हुए कहा

नेहा- वही अच्छा होगा और तभी वहा एंट्री हुई राघव की

राघव- चिक...

राघव किचन मे आते हुए नेहा को चिक्की बुलाने ही वाला था के वहा श्वेता को नेहा के साथ देख वो रुक गया और श्वेता हसते हुए वहा से चली गई और नेहा मन मे सोचने लगी

इनको अचानक क्या हो गया है? उफ्फ़ इनकी ये बच्चों जैसी हरकते!’

नेहा- क्या है!!

नेहा ने थोड़ा रुडली राघव से कहा

राघव- वो चिक्की असल मे......

नेहा- मुझे उस नाम से मत बुलाइए

नेहा ने फ्रस्टेट होकर राघव को अपने हाथ मे पकडा चाकू दिखाते हुए कहा और चाकू उसकी गर्दन के पास पकड़ा

राघव- अरे देखो ऐसा मत करो भरी जवानी मे विधवा हो जाओगी

नेहा- आई डोन्ट केयर मुझे बस मेरे नाम से मतलब है

नेहा ने राघव की तरफ एक कदम और बढ़ाया और राघव एक कदम पीछे हटा और सरेन्डर करने के लिए अपने दोनों हाथ उसने ऊपर उठा लिया

राघव- अरे शांत हो जाओ मेरी मा, और ये बताओ तुम्हें ये नाम पसंद क्यू नहीं है??

राघव ने मासूमियत से पूछा

नेहा- ऐसा नाम कीसे पसंद आएगा और पहली बात आपके दिमाग मे ये नाम आया कहा से वो बताइए पहले ?

नेहा ने राघव से पूछा

राघव- वो अखबार मे एड थी एक जिसमे लिखा था के अब लोनावला की फेमस चिक्की मिलेगी हर जगह बस वही से चिक्की उठा लिया

और राघव का जवाब सुन नेहा ने अपना माथा पीट लिया

नेहा- आप ना...

लेकिन बोलते बोलते नेहा रुक गई जब उसने राघव को उसे देख कर मुस्कुराता हुआ पाया

राघव- अच्छा सुनो न चिक्की.... मतलब नेहा, नेहा

जब चिक्की बुलाने पे नेहा ने वापिस राघव को घूरा तो उसने उसे नेहा बुलाना शुरू कर दिया

नेहा- हम्म क्या..

राघव- मैं जरा शेखर और आकाश के साथ कुछ काम से बाहर जा रहा हु आकाश को कुछ सामान लेना है और आज शॉप से कुर्ते वाला आ रहा है तो अगर मैं टाइम पर ना पहुंच पाया तो मेरे लिए अपनी पसंद का एक कुर्ता चुन कर रखना।

और इतना बोल के राघव बगैर नेहा की बात सुने वहा से निकल गया और नेहा बस मुसकुराते हुए उसे जाते हुए देखती रही

--x--


रमाकांत- स्वाती बेटा जाओ नेहा को बुला लाओ, राघव ने कहा था के नेहा को कहे उसके लिए कुर्ता पसंद करने

रमाकांत जी ने स्वाती से कहा और वो भी हा मे गर्दन हिला कर चली गई

शुभंकर- हा हा अब जब हमने इनकी साड़िया पसंद की है तो ये भी तो हमारे लिए कपड़े पसंद करेंगी न

धनंजय- हा बिल्कुल

सब औरते अपने अपने पतियों की कपड़े सिलेक्ट करने मे मदद कर रही थी तभी वहा रितु आई

रितु- हैलो एवरीवन अरे वाह आज भी कपड़ों की खरीदारी चल रही है

जानकी- हा बेटा आज जेंट्स लोगों की बारी है

जानकी जी की बात सुन रितु ने इधर उधर देखा जैसे किसी को ढूंढ रही हो लेकिन वो बंदा उसे कही नहीं दिखा

रितु- राघव कहा है?? और शेखर और आकाश?

किसी को अजीब न लगे इस लिए उसने शेखर और आकाश के बारे मे भी पुछ लिया

संध्या- वो लोग कुछ काम से बाहर गए है

संध्या जी ने कपड़े देखते हुए ही रितु के सवाल का जवाब दिया

आरती - अरे रितु तुम भी आओ कुछ सजेशन दो

जिसके बाद रितु भी वहा बैठ गई इतने मे वहा नेहा आई और रमाकांत जी से बोली

नेहा- जी पापा आपने बुलाया था

रमाकांत- हा बेटा आओ राघव के लिए कुर्ता पसंद कर लो उसने मुझे तुम्हें याद दिलाने कहा था

और रमाकांत जी की बात सुन रिद्धि अपनी मा से बोली

रिद्धि- देखा मा आपका बेटा लाइन पर आ रहा है अब

जिसपर नेहा शर्मा गई

श्वेता- भाभी यहा आओ न

श्वेता ने नेहा को अपने बाजू की खाली जगह की तरफ इशारा करके बुलाया वही रितु बस नेहा को घूरे जा रही थी लेकिन कोई उसकी तरफ ध्यान नहीं दे रहा था

संध्या- अच्छा है राघव बदल रहा है वरना हम तो भूल ही गए थे के वो आखरी बार ऐसे किसी फॅमिली फंक्शन मे आया हो

मीनाक्षी- अरे ये तो नेहा है जो संभाल रही है उसे

जानकी- वही तो कोई और होती तो पता नहीं उसे संभाल पाती या नहीं

इन लोगों की बाते सुन नेहा कुर्ता पसंद करते हुए मुस्कुरा दी वही इन बातों ने रितु के मन मे आग लगा दी थी जिसकी जलने की बदबू बाहर तक आ रही थी

विवेक- ये गलत बात है यार, मैं तो सिंगल हु अब मेरे लिए कौन पसंद करेगा

विवेक ने कहा जिसपर नेहा और श्वेता ने एकसाथ कहा “हम है ना”

कुमुद- रुक मैं पसंद करती हु तेरे लिए तेरी बड़ी दादी की पसंद इतनी खराब नहीं है

सारा प्रोग्राम सही चल रहा था तभी रितु बीच मे बोल पड़ी

रितु- अरे अरे नेहा ये क्या कर रही हो? इस कुर्ते का कलर ऑफ है राघव को पसंद नहीं आएगा रुको मैं मदद करती हु तुम्हारी

रितु ने नेहा के पसंद किए कुर्ते को घृणित नजरों से देखा और खुद कुर्ता ढूंढने लगी

नेहा- इन्हे क्या पसंद है क्या नहीं मुझे अच्छे से पता है!

रितु- उसे डार्क कलर पसंद है इतना भी नहीं पता क्या फिर तुम्हें

रितु ने नेहा को ताना मारा जो वहा मौजूद किसी को भी अच्छा नहीं लगा

नेहा- वो टाइम और जगह के हिसाब से कलर पसंद करते है

नेहा ने आराम से कहा

रितु- नहीं! बचपन मे वो हमेशा डार्क कलर पहनता था चाहे कुछ हो और उसका पसंदीदा रंग डार्क ब्लू है उसने बताया था मुझे

रितु ऐसा जता रही थी जैसे वो राघव को नेहा से बेहतर जानती थी

नेहा- वो बचपन था रितु, वो अब बच्चे नहीं है और समय के साथ पसंद भी बदलती है

नेहा अब रितु की बातों से परेशान हो रही थी

रितु- तो मैं मदद करती हु तुम्हारी वैसे भी मेरी चॉइस तुमसे अच्छी है उसे पसंद आएगी

अब ये बात रितु ने कही तो नॉर्मली ही थी लेकिन नेहा जानती थी के वो उसे चैलेंज कर रही है

नेहा- उन्होंने मुझे खास तौर से उनके लिए कुर्ता पसंद करने करने कहा है रितु और अगर कोई और ये काम करेगा तो ये उन्हे अच्छा नहीं लगेगा तुम जाओ औरों की मदद करो मुझे अच्छे से पता है इन्हे क्या पसंद है क्या नहीं

नेहा ने प्यार से मुस्कान के साथ रितु से कहा लेकिन उसके शब्द किसी तीर की तरह थे वही ये बवाल देख श्वेता अपनी हसी कंट्रोल कर रही थी

नेहा को ऐसे राघव की साइड लेता देख उसपर हक जमाते देख दादू ने दादी की ओर देखा मानो इशारों मे कह रहे हो मैंने कहा था न नेहा राघव के लिए परफेक्ट है और दादी ने भी इशारों मे सहमति जताई

रितु- ठीक है मैं भी उसके लिए एक कुर्ता पसंद कर लेती हु जब वो आएगा तब उसी से पुछ लेंगे उसे किसका कुर्ता ज्यादा अच्छा लगा

रितु को नेहा द्वारा हुई अपनी सोम्य शब्दों वाली बेइज्जती रास नहीं आई और जिद्दी तो वो बहुत थी वही नेहा ने इसका कुछ नहीं हो सकता सोच के मुंडी हिला दी

कुछ समय मे सब की खरीदारी हो चुकी थी और अब बस वहा अपनी गैंग बची थी वो भी रितु के उस बचकाने आइडीया के चलते, नेहा और रितु दोनों ही राघव की राह देख रही थी तभी वो लोग वहा आए

शेखर- अरे वाह हो गया सब ?

शेखर ने अंदर आते हुए पूछा

रितु- राघव कहा है?

रितु ने शेखर से पूछा और नेहा अब उससे परेशान हो चुकी थी वही शेखर ने उसका सवाल सुन श्वेता को देखा तो श्वेता ने इशारे से ये पागल है ऐसा कहा

शेखर - भाई बस आ ही रहा है

शेखर ने नेहा को देखते हुए कहा और तभी वहा राघव की एंट्री हुई और रिद्धि उसके पास गई

रिद्धि- भाई आप आ गए अब चलो और अपने लिए एक कुर्ता पसंद करो ताकि मेरी भाभी का काम खतम हो

रिद्धि ने कहा और राघव कन्फ्यूजन मे उन्हे देखने लगा

रितु- राघव देखो मैंने तुम्हारे लिए एक कुर्ता पसंद किया है

रितु ने राघव के पास जाते हुए कुर्ता दिखाया और उसे देख राघव का मूड ही खराब हो गया और उसने नेहा को देखा और इशारों मे कहा के मैंने तुम्हें कहा था ना?? और इससे पहले रितु उसके पास पहुचती वो जाकर नेहा के बाजू मे बैठ गया

श्वेता- भईया भाभी और रितु ने आपके लिए ये दो कुर्ते पसंद किए है अब बताओ आपको कौनसा बढ़िया लगा

श्वेता ने राघव को एक डार्क ब्लू और एक हल्के गुलाबी रंग का ऐसे दोनों कुर्ते दिखाए

राघव- ये वाला...

राघव के डार्क ब्लू कुर्ते की ओर इशारा किया जिससे वहा बस एक इंसान को खुशी हुई

नेहा- ठीक है यही फाइनल फिर

नेहा ने झूठी मुस्कान के साथ कहा और वहा से उठने लगी इतने मे ही राघव ने उसका हाथ पकड़ कर उसे वहा बैठा लिया

राघव- क्या? फाइनल क्या? अरे पहले पूरी बात तो सुन लो मैं कह रहा हु ये वाला बहुत डार्क है सगाई के फंक्शन मे उतना सही नहीं लगेगा इसीलिए दूसरा वाला फाइनल करो

राघव की बात सुन नेहा ने उसकी ओर देखा और रितु की स्माइल गायब हो गई

राघव- और वैसे भी ये चिक्की... मतलब तुम्हारी साड़ी के साथ मैच हो रहा है तो इसे ही डन करो

राघव ने नर्वस स्माइल के साथ कहा और उसकी बात सुन नेहा के गाल लाल होने ले

शेखर- ओ हो हो मैचिंग मैचिंग....

शेखर ने राघव को चिढ़ाते हुए कहा वही राघव कुछ नहीं बोला बस उसने एक बार नेहा को देखा और वहा से निकल गया.....

क्रमश:
Nice and superb update....
 

chawla sahab

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Update 33




नेहा राघव को अवॉइड कर रही थी क्युकी अब राघव का लैपटॉप तो बड़ी दादी के पास था और करने को कुछ था नहीं तो राघव नेहा को चिक्की नाम से चिढ़ा कर मजे ले रहा था और वो उसे चिक्की चिक्की बुलाते हुए पूरे घर मे उसके पीछे पीछे घूम रहा था बगैर परिवार वालों की चिंता करे और नेहा इससे काफी ज्यादा चिढ़ भी रही थी, इस वक्त नेहा किचन मे थी और सब्जियां काट रही थी

श्वेता- चिक्की भाभी भईया आपको बुला रहे है

श्वेता ने अपनी हसी छुपाते हुए नेहा से कहा और बदले मे नेहा ने उसे घूर के देखा

नेहा- उनहू उनहू श्वेता प्लीज!!

श्वेता- अच्छा अच्छा ठीक है नेहा भाभी मैं नहीं बुलाऊँगी आपको उस नाम से

श्वेता ने हसते हुए कहा

नेहा- वही अच्छा होगा और तभी वहा एंट्री हुई राघव की

राघव- चिक...

राघव किचन मे आते हुए नेहा को चिक्की बुलाने ही वाला था के वहा श्वेता को नेहा के साथ देख वो रुक गया और श्वेता हसते हुए वहा से चली गई और नेहा मन मे सोचने लगी

इनको अचानक क्या हो गया है? उफ्फ़ इनकी ये बच्चों जैसी हरकते!’

नेहा- क्या है!!

नेहा ने थोड़ा रुडली राघव से कहा

राघव- वो चिक्की असल मे......

नेहा- मुझे उस नाम से मत बुलाइए

नेहा ने फ्रस्टेट होकर राघव को अपने हाथ मे पकडा चाकू दिखाते हुए कहा और चाकू उसकी गर्दन के पास पकड़ा

राघव- अरे देखो ऐसा मत करो भरी जवानी मे विधवा हो जाओगी

नेहा- आई डोन्ट केयर मुझे बस मेरे नाम से मतलब है

नेहा ने राघव की तरफ एक कदम और बढ़ाया और राघव एक कदम पीछे हटा और सरेन्डर करने के लिए अपने दोनों हाथ उसने ऊपर उठा लिया

राघव- अरे शांत हो जाओ मेरी मा, और ये बताओ तुम्हें ये नाम पसंद क्यू नहीं है??

राघव ने मासूमियत से पूछा

नेहा- ऐसा नाम कीसे पसंद आएगा और पहली बात आपके दिमाग मे ये नाम आया कहा से वो बताइए पहले ?

नेहा ने राघव से पूछा

राघव- वो अखबार मे एड थी एक जिसमे लिखा था के अब लोनावला की फेमस चिक्की मिलेगी हर जगह बस वही से चिक्की उठा लिया

और राघव का जवाब सुन नेहा ने अपना माथा पीट लिया

नेहा- आप ना...

लेकिन बोलते बोलते नेहा रुक गई जब उसने राघव को उसे देख कर मुस्कुराता हुआ पाया

राघव- अच्छा सुनो न चिक्की.... मतलब नेहा, नेहा

जब चिक्की बुलाने पे नेहा ने वापिस राघव को घूरा तो उसने उसे नेहा बुलाना शुरू कर दिया

नेहा- हम्म क्या..

राघव- मैं जरा शेखर और आकाश के साथ कुछ काम से बाहर जा रहा हु आकाश को कुछ सामान लेना है और आज शॉप से कुर्ते वाला आ रहा है तो अगर मैं टाइम पर ना पहुंच पाया तो मेरे लिए अपनी पसंद का एक कुर्ता चुन कर रखना।

और इतना बोल के राघव बगैर नेहा की बात सुने वहा से निकल गया और नेहा बस मुसकुराते हुए उसे जाते हुए देखती रही

--x--


रमाकांत- स्वाती बेटा जाओ नेहा को बुला लाओ, राघव ने कहा था के नेहा को कहे उसके लिए कुर्ता पसंद करने

रमाकांत जी ने स्वाती से कहा और वो भी हा मे गर्दन हिला कर चली गई

शुभंकर- हा हा अब जब हमने इनकी साड़िया पसंद की है तो ये भी तो हमारे लिए कपड़े पसंद करेंगी न

धनंजय- हा बिल्कुल

सब औरते अपने अपने पतियों की कपड़े सिलेक्ट करने मे मदद कर रही थी तभी वहा रितु आई

रितु- हैलो एवरीवन अरे वाह आज भी कपड़ों की खरीदारी चल रही है

जानकी- हा बेटा आज जेंट्स लोगों की बारी है

जानकी जी की बात सुन रितु ने इधर उधर देखा जैसे किसी को ढूंढ रही हो लेकिन वो बंदा उसे कही नहीं दिखा

रितु- राघव कहा है?? और शेखर और आकाश?

किसी को अजीब न लगे इस लिए उसने शेखर और आकाश के बारे मे भी पुछ लिया

संध्या- वो लोग कुछ काम से बाहर गए है

संध्या जी ने कपड़े देखते हुए ही रितु के सवाल का जवाब दिया

आरती - अरे रितु तुम भी आओ कुछ सजेशन दो

जिसके बाद रितु भी वहा बैठ गई इतने मे वहा नेहा आई और रमाकांत जी से बोली

नेहा- जी पापा आपने बुलाया था

रमाकांत- हा बेटा आओ राघव के लिए कुर्ता पसंद कर लो उसने मुझे तुम्हें याद दिलाने कहा था

और रमाकांत जी की बात सुन रिद्धि अपनी मा से बोली

रिद्धि- देखा मा आपका बेटा लाइन पर आ रहा है अब

जिसपर नेहा शर्मा गई

श्वेता- भाभी यहा आओ न

श्वेता ने नेहा को अपने बाजू की खाली जगह की तरफ इशारा करके बुलाया वही रितु बस नेहा को घूरे जा रही थी लेकिन कोई उसकी तरफ ध्यान नहीं दे रहा था

संध्या- अच्छा है राघव बदल रहा है वरना हम तो भूल ही गए थे के वो आखरी बार ऐसे किसी फॅमिली फंक्शन मे आया हो

मीनाक्षी- अरे ये तो नेहा है जो संभाल रही है उसे

जानकी- वही तो कोई और होती तो पता नहीं उसे संभाल पाती या नहीं

इन लोगों की बाते सुन नेहा कुर्ता पसंद करते हुए मुस्कुरा दी वही इन बातों ने रितु के मन मे आग लगा दी थी जिसकी जलने की बदबू बाहर तक आ रही थी

विवेक- ये गलत बात है यार, मैं तो सिंगल हु अब मेरे लिए कौन पसंद करेगा

विवेक ने कहा जिसपर नेहा और श्वेता ने एकसाथ कहा “हम है ना”

कुमुद- रुक मैं पसंद करती हु तेरे लिए तेरी बड़ी दादी की पसंद इतनी खराब नहीं है

सारा प्रोग्राम सही चल रहा था तभी रितु बीच मे बोल पड़ी

रितु- अरे अरे नेहा ये क्या कर रही हो? इस कुर्ते का कलर ऑफ है राघव को पसंद नहीं आएगा रुको मैं मदद करती हु तुम्हारी

रितु ने नेहा के पसंद किए कुर्ते को घृणित नजरों से देखा और खुद कुर्ता ढूंढने लगी

नेहा- इन्हे क्या पसंद है क्या नहीं मुझे अच्छे से पता है!

रितु- उसे डार्क कलर पसंद है इतना भी नहीं पता क्या फिर तुम्हें

रितु ने नेहा को ताना मारा जो वहा मौजूद किसी को भी अच्छा नहीं लगा

नेहा- वो टाइम और जगह के हिसाब से कलर पसंद करते है

नेहा ने आराम से कहा

रितु- नहीं! बचपन मे वो हमेशा डार्क कलर पहनता था चाहे कुछ हो और उसका पसंदीदा रंग डार्क ब्लू है उसने बताया था मुझे

रितु ऐसा जता रही थी जैसे वो राघव को नेहा से बेहतर जानती थी

नेहा- वो बचपन था रितु, वो अब बच्चे नहीं है और समय के साथ पसंद भी बदलती है

नेहा अब रितु की बातों से परेशान हो रही थी

रितु- तो मैं मदद करती हु तुम्हारी वैसे भी मेरी चॉइस तुमसे अच्छी है उसे पसंद आएगी

अब ये बात रितु ने कही तो नॉर्मली ही थी लेकिन नेहा जानती थी के वो उसे चैलेंज कर रही है

नेहा- उन्होंने मुझे खास तौर से उनके लिए कुर्ता पसंद करने करने कहा है रितु और अगर कोई और ये काम करेगा तो ये उन्हे अच्छा नहीं लगेगा तुम जाओ औरों की मदद करो मुझे अच्छे से पता है इन्हे क्या पसंद है क्या नहीं

नेहा ने प्यार से मुस्कान के साथ रितु से कहा लेकिन उसके शब्द किसी तीर की तरह थे वही ये बवाल देख श्वेता अपनी हसी कंट्रोल कर रही थी

नेहा को ऐसे राघव की साइड लेता देख उसपर हक जमाते देख दादू ने दादी की ओर देखा मानो इशारों मे कह रहे हो मैंने कहा था न नेहा राघव के लिए परफेक्ट है और दादी ने भी इशारों मे सहमति जताई

रितु- ठीक है मैं भी उसके लिए एक कुर्ता पसंद कर लेती हु जब वो आएगा तब उसी से पुछ लेंगे उसे किसका कुर्ता ज्यादा अच्छा लगा

रितु को नेहा द्वारा हुई अपनी सोम्य शब्दों वाली बेइज्जती रास नहीं आई और जिद्दी तो वो बहुत थी वही नेहा ने इसका कुछ नहीं हो सकता सोच के मुंडी हिला दी

कुछ समय मे सब की खरीदारी हो चुकी थी और अब बस वहा अपनी गैंग बची थी वो भी रितु के उस बचकाने आइडीया के चलते, नेहा और रितु दोनों ही राघव की राह देख रही थी तभी वो लोग वहा आए

शेखर- अरे वाह हो गया सब ?

शेखर ने अंदर आते हुए पूछा

रितु- राघव कहा है?

रितु ने शेखर से पूछा और नेहा अब उससे परेशान हो चुकी थी वही शेखर ने उसका सवाल सुन श्वेता को देखा तो श्वेता ने इशारे से ये पागल है ऐसा कहा

शेखर - भाई बस आ ही रहा है

शेखर ने नेहा को देखते हुए कहा और तभी वहा राघव की एंट्री हुई और रिद्धि उसके पास गई

रिद्धि- भाई आप आ गए अब चलो और अपने लिए एक कुर्ता पसंद करो ताकि मेरी भाभी का काम खतम हो

रिद्धि ने कहा और राघव कन्फ्यूजन मे उन्हे देखने लगा

रितु- राघव देखो मैंने तुम्हारे लिए एक कुर्ता पसंद किया है

रितु ने राघव के पास जाते हुए कुर्ता दिखाया और उसे देख राघव का मूड ही खराब हो गया और उसने नेहा को देखा और इशारों मे कहा के मैंने तुम्हें कहा था ना?? और इससे पहले रितु उसके पास पहुचती वो जाकर नेहा के बाजू मे बैठ गया

श्वेता- भईया भाभी और रितु ने आपके लिए ये दो कुर्ते पसंद किए है अब बताओ आपको कौनसा बढ़िया लगा

श्वेता ने राघव को एक डार्क ब्लू और एक हल्के गुलाबी रंग का ऐसे दोनों कुर्ते दिखाए

राघव- ये वाला...

राघव के डार्क ब्लू कुर्ते की ओर इशारा किया जिससे वहा बस एक इंसान को खुशी हुई

नेहा- ठीक है यही फाइनल फिर

नेहा ने झूठी मुस्कान के साथ कहा और वहा से उठने लगी इतने मे ही राघव ने उसका हाथ पकड़ कर उसे वहा बैठा लिया

राघव- क्या? फाइनल क्या? अरे पहले पूरी बात तो सुन लो मैं कह रहा हु ये वाला बहुत डार्क है सगाई के फंक्शन मे उतना सही नहीं लगेगा इसीलिए दूसरा वाला फाइनल करो

राघव की बात सुन नेहा ने उसकी ओर देखा और रितु की स्माइल गायब हो गई

राघव- और वैसे भी ये चिक्की... मतलब तुम्हारी साड़ी के साथ मैच हो रहा है तो इसे ही डन करो

राघव ने नर्वस स्माइल के साथ कहा और उसकी बात सुन नेहा के गाल लाल होने ले

शेखर- ओ हो हो मैचिंग मैचिंग....

शेखर ने राघव को चिढ़ाते हुए कहा वही राघव कुछ नहीं बोला बस उसने एक बार नेहा को देखा और वहा से निकल गया.....

क्रमश:
Bahut badhiya update ditta brother
 

Babybulbul

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Update 33




नेहा राघव को अवॉइड कर रही थी क्युकी अब राघव का लैपटॉप तो बड़ी दादी के पास था और करने को कुछ था नहीं तो राघव नेहा को चिक्की नाम से चिढ़ा कर मजे ले रहा था और वो उसे चिक्की चिक्की बुलाते हुए पूरे घर मे उसके पीछे पीछे घूम रहा था बगैर परिवार वालों की चिंता करे और नेहा इससे काफी ज्यादा चिढ़ भी रही थी, इस वक्त नेहा किचन मे थी और सब्जियां काट रही थी

श्वेता- चिक्की भाभी भईया आपको बुला रहे है

श्वेता ने अपनी हसी छुपाते हुए नेहा से कहा और बदले मे नेहा ने उसे घूर के देखा

नेहा- उनहू उनहू श्वेता प्लीज!!

श्वेता- अच्छा अच्छा ठीक है नेहा भाभी मैं नहीं बुलाऊँगी आपको उस नाम से

श्वेता ने हसते हुए कहा

नेहा- वही अच्छा होगा और तभी वहा एंट्री हुई राघव की

राघव- चिक...

राघव किचन मे आते हुए नेहा को चिक्की बुलाने ही वाला था के वहा श्वेता को नेहा के साथ देख वो रुक गया और श्वेता हसते हुए वहा से चली गई और नेहा मन मे सोचने लगी

इनको अचानक क्या हो गया है? उफ्फ़ इनकी ये बच्चों जैसी हरकते!’

नेहा- क्या है!!

नेहा ने थोड़ा रुडली राघव से कहा

राघव- वो चिक्की असल मे......

नेहा- मुझे उस नाम से मत बुलाइए

नेहा ने फ्रस्टेट होकर राघव को अपने हाथ मे पकडा चाकू दिखाते हुए कहा और चाकू उसकी गर्दन के पास पकड़ा

राघव- अरे देखो ऐसा मत करो भरी जवानी मे विधवा हो जाओगी

नेहा- आई डोन्ट केयर मुझे बस मेरे नाम से मतलब है

नेहा ने राघव की तरफ एक कदम और बढ़ाया और राघव एक कदम पीछे हटा और सरेन्डर करने के लिए अपने दोनों हाथ उसने ऊपर उठा लिया

राघव- अरे शांत हो जाओ मेरी मा, और ये बताओ तुम्हें ये नाम पसंद क्यू नहीं है??

राघव ने मासूमियत से पूछा

नेहा- ऐसा नाम कीसे पसंद आएगा और पहली बात आपके दिमाग मे ये नाम आया कहा से वो बताइए पहले ?

नेहा ने राघव से पूछा

राघव- वो अखबार मे एड थी एक जिसमे लिखा था के अब लोनावला की फेमस चिक्की मिलेगी हर जगह बस वही से चिक्की उठा लिया

और राघव का जवाब सुन नेहा ने अपना माथा पीट लिया

नेहा- आप ना...

लेकिन बोलते बोलते नेहा रुक गई जब उसने राघव को उसे देख कर मुस्कुराता हुआ पाया

राघव- अच्छा सुनो न चिक्की.... मतलब नेहा, नेहा

जब चिक्की बुलाने पे नेहा ने वापिस राघव को घूरा तो उसने उसे नेहा बुलाना शुरू कर दिया

नेहा- हम्म क्या..

राघव- मैं जरा शेखर और आकाश के साथ कुछ काम से बाहर जा रहा हु आकाश को कुछ सामान लेना है और आज शॉप से कुर्ते वाला आ रहा है तो अगर मैं टाइम पर ना पहुंच पाया तो मेरे लिए अपनी पसंद का एक कुर्ता चुन कर रखना।

और इतना बोल के राघव बगैर नेहा की बात सुने वहा से निकल गया और नेहा बस मुसकुराते हुए उसे जाते हुए देखती रही

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रमाकांत- स्वाती बेटा जाओ नेहा को बुला लाओ, राघव ने कहा था के नेहा को कहे उसके लिए कुर्ता पसंद करने

रमाकांत जी ने स्वाती से कहा और वो भी हा मे गर्दन हिला कर चली गई

शुभंकर- हा हा अब जब हमने इनकी साड़िया पसंद की है तो ये भी तो हमारे लिए कपड़े पसंद करेंगी न

धनंजय- हा बिल्कुल

सब औरते अपने अपने पतियों की कपड़े सिलेक्ट करने मे मदद कर रही थी तभी वहा रितु आई

रितु- हैलो एवरीवन अरे वाह आज भी कपड़ों की खरीदारी चल रही है

जानकी- हा बेटा आज जेंट्स लोगों की बारी है

जानकी जी की बात सुन रितु ने इधर उधर देखा जैसे किसी को ढूंढ रही हो लेकिन वो बंदा उसे कही नहीं दिखा

रितु- राघव कहा है?? और शेखर और आकाश?

किसी को अजीब न लगे इस लिए उसने शेखर और आकाश के बारे मे भी पुछ लिया

संध्या- वो लोग कुछ काम से बाहर गए है

संध्या जी ने कपड़े देखते हुए ही रितु के सवाल का जवाब दिया

आरती - अरे रितु तुम भी आओ कुछ सजेशन दो

जिसके बाद रितु भी वहा बैठ गई इतने मे वहा नेहा आई और रमाकांत जी से बोली

नेहा- जी पापा आपने बुलाया था

रमाकांत- हा बेटा आओ राघव के लिए कुर्ता पसंद कर लो उसने मुझे तुम्हें याद दिलाने कहा था

और रमाकांत जी की बात सुन रिद्धि अपनी मा से बोली

रिद्धि- देखा मा आपका बेटा लाइन पर आ रहा है अब

जिसपर नेहा शर्मा गई

श्वेता- भाभी यहा आओ न

श्वेता ने नेहा को अपने बाजू की खाली जगह की तरफ इशारा करके बुलाया वही रितु बस नेहा को घूरे जा रही थी लेकिन कोई उसकी तरफ ध्यान नहीं दे रहा था

संध्या- अच्छा है राघव बदल रहा है वरना हम तो भूल ही गए थे के वो आखरी बार ऐसे किसी फॅमिली फंक्शन मे आया हो

मीनाक्षी- अरे ये तो नेहा है जो संभाल रही है उसे

जानकी- वही तो कोई और होती तो पता नहीं उसे संभाल पाती या नहीं

इन लोगों की बाते सुन नेहा कुर्ता पसंद करते हुए मुस्कुरा दी वही इन बातों ने रितु के मन मे आग लगा दी थी जिसकी जलने की बदबू बाहर तक आ रही थी

विवेक- ये गलत बात है यार, मैं तो सिंगल हु अब मेरे लिए कौन पसंद करेगा

विवेक ने कहा जिसपर नेहा और श्वेता ने एकसाथ कहा “हम है ना”

कुमुद- रुक मैं पसंद करती हु तेरे लिए तेरी बड़ी दादी की पसंद इतनी खराब नहीं है

सारा प्रोग्राम सही चल रहा था तभी रितु बीच मे बोल पड़ी

रितु- अरे अरे नेहा ये क्या कर रही हो? इस कुर्ते का कलर ऑफ है राघव को पसंद नहीं आएगा रुको मैं मदद करती हु तुम्हारी

रितु ने नेहा के पसंद किए कुर्ते को घृणित नजरों से देखा और खुद कुर्ता ढूंढने लगी

नेहा- इन्हे क्या पसंद है क्या नहीं मुझे अच्छे से पता है!

रितु- उसे डार्क कलर पसंद है इतना भी नहीं पता क्या फिर तुम्हें

रितु ने नेहा को ताना मारा जो वहा मौजूद किसी को भी अच्छा नहीं लगा

नेहा- वो टाइम और जगह के हिसाब से कलर पसंद करते है

नेहा ने आराम से कहा

रितु- नहीं! बचपन मे वो हमेशा डार्क कलर पहनता था चाहे कुछ हो और उसका पसंदीदा रंग डार्क ब्लू है उसने बताया था मुझे

रितु ऐसा जता रही थी जैसे वो राघव को नेहा से बेहतर जानती थी

नेहा- वो बचपन था रितु, वो अब बच्चे नहीं है और समय के साथ पसंद भी बदलती है

नेहा अब रितु की बातों से परेशान हो रही थी

रितु- तो मैं मदद करती हु तुम्हारी वैसे भी मेरी चॉइस तुमसे अच्छी है उसे पसंद आएगी

अब ये बात रितु ने कही तो नॉर्मली ही थी लेकिन नेहा जानती थी के वो उसे चैलेंज कर रही है

नेहा- उन्होंने मुझे खास तौर से उनके लिए कुर्ता पसंद करने करने कहा है रितु और अगर कोई और ये काम करेगा तो ये उन्हे अच्छा नहीं लगेगा तुम जाओ औरों की मदद करो मुझे अच्छे से पता है इन्हे क्या पसंद है क्या नहीं

नेहा ने प्यार से मुस्कान के साथ रितु से कहा लेकिन उसके शब्द किसी तीर की तरह थे वही ये बवाल देख श्वेता अपनी हसी कंट्रोल कर रही थी

नेहा को ऐसे राघव की साइड लेता देख उसपर हक जमाते देख दादू ने दादी की ओर देखा मानो इशारों मे कह रहे हो मैंने कहा था न नेहा राघव के लिए परफेक्ट है और दादी ने भी इशारों मे सहमति जताई

रितु- ठीक है मैं भी उसके लिए एक कुर्ता पसंद कर लेती हु जब वो आएगा तब उसी से पुछ लेंगे उसे किसका कुर्ता ज्यादा अच्छा लगा

रितु को नेहा द्वारा हुई अपनी सोम्य शब्दों वाली बेइज्जती रास नहीं आई और जिद्दी तो वो बहुत थी वही नेहा ने इसका कुछ नहीं हो सकता सोच के मुंडी हिला दी

कुछ समय मे सब की खरीदारी हो चुकी थी और अब बस वहा अपनी गैंग बची थी वो भी रितु के उस बचकाने आइडीया के चलते, नेहा और रितु दोनों ही राघव की राह देख रही थी तभी वो लोग वहा आए

शेखर- अरे वाह हो गया सब ?

शेखर ने अंदर आते हुए पूछा

रितु- राघव कहा है?

रितु ने शेखर से पूछा और नेहा अब उससे परेशान हो चुकी थी वही शेखर ने उसका सवाल सुन श्वेता को देखा तो श्वेता ने इशारे से ये पागल है ऐसा कहा

शेखर - भाई बस आ ही रहा है

शेखर ने नेहा को देखते हुए कहा और तभी वहा राघव की एंट्री हुई और रिद्धि उसके पास गई

रिद्धि- भाई आप आ गए अब चलो और अपने लिए एक कुर्ता पसंद करो ताकि मेरी भाभी का काम खतम हो

रिद्धि ने कहा और राघव कन्फ्यूजन मे उन्हे देखने लगा

रितु- राघव देखो मैंने तुम्हारे लिए एक कुर्ता पसंद किया है

रितु ने राघव के पास जाते हुए कुर्ता दिखाया और उसे देख राघव का मूड ही खराब हो गया और उसने नेहा को देखा और इशारों मे कहा के मैंने तुम्हें कहा था ना?? और इससे पहले रितु उसके पास पहुचती वो जाकर नेहा के बाजू मे बैठ गया

श्वेता- भईया भाभी और रितु ने आपके लिए ये दो कुर्ते पसंद किए है अब बताओ आपको कौनसा बढ़िया लगा

श्वेता ने राघव को एक डार्क ब्लू और एक हल्के गुलाबी रंग का ऐसे दोनों कुर्ते दिखाए

राघव- ये वाला...

राघव के डार्क ब्लू कुर्ते की ओर इशारा किया जिससे वहा बस एक इंसान को खुशी हुई

नेहा- ठीक है यही फाइनल फिर

नेहा ने झूठी मुस्कान के साथ कहा और वहा से उठने लगी इतने मे ही राघव ने उसका हाथ पकड़ कर उसे वहा बैठा लिया

राघव- क्या? फाइनल क्या? अरे पहले पूरी बात तो सुन लो मैं कह रहा हु ये वाला बहुत डार्क है सगाई के फंक्शन मे उतना सही नहीं लगेगा इसीलिए दूसरा वाला फाइनल करो

राघव की बात सुन नेहा ने उसकी ओर देखा और रितु की स्माइल गायब हो गई

राघव- और वैसे भी ये चिक्की... मतलब तुम्हारी साड़ी के साथ मैच हो रहा है तो इसे ही डन करो

राघव ने नर्वस स्माइल के साथ कहा और उसकी बात सुन नेहा के गाल लाल होने ले

शेखर- ओ हो हो मैचिंग मैचिंग....

शेखर ने राघव को चिढ़ाते हुए कहा वही राघव कुछ नहीं बोला बस उसने एक बार नेहा को देखा और वहा से निकल गया.....

क्रमश:
Superb update
 
Update 33




नेहा राघव को अवॉइड कर रही थी क्युकी अब राघव का लैपटॉप तो बड़ी दादी के पास था और करने को कुछ था नहीं तो राघव नेहा को चिक्की नाम से चिढ़ा कर मजे ले रहा था और वो उसे चिक्की चिक्की बुलाते हुए पूरे घर मे उसके पीछे पीछे घूम रहा था बगैर परिवार वालों की चिंता करे और नेहा इससे काफी ज्यादा चिढ़ भी रही थी, इस वक्त नेहा किचन मे थी और सब्जियां काट रही थी

श्वेता- चिक्की भाभी भईया आपको बुला रहे है

श्वेता ने अपनी हसी छुपाते हुए नेहा से कहा और बदले मे नेहा ने उसे घूर के देखा

नेहा- उनहू उनहू श्वेता प्लीज!!

श्वेता- अच्छा अच्छा ठीक है नेहा भाभी मैं नहीं बुलाऊँगी आपको उस नाम से

श्वेता ने हसते हुए कहा

नेहा- वही अच्छा होगा और तभी वहा एंट्री हुई राघव की

राघव- चिक...

राघव किचन मे आते हुए नेहा को चिक्की बुलाने ही वाला था के वहा श्वेता को नेहा के साथ देख वो रुक गया और श्वेता हसते हुए वहा से चली गई और नेहा मन मे सोचने लगी

इनको अचानक क्या हो गया है? उफ्फ़ इनकी ये बच्चों जैसी हरकते!’

नेहा- क्या है!!

नेहा ने थोड़ा रुडली राघव से कहा

राघव- वो चिक्की असल मे......

नेहा- मुझे उस नाम से मत बुलाइए

नेहा ने फ्रस्टेट होकर राघव को अपने हाथ मे पकडा चाकू दिखाते हुए कहा और चाकू उसकी गर्दन के पास पकड़ा

राघव- अरे देखो ऐसा मत करो भरी जवानी मे विधवा हो जाओगी

नेहा- आई डोन्ट केयर मुझे बस मेरे नाम से मतलब है

नेहा ने राघव की तरफ एक कदम और बढ़ाया और राघव एक कदम पीछे हटा और सरेन्डर करने के लिए अपने दोनों हाथ उसने ऊपर उठा लिया

राघव- अरे शांत हो जाओ मेरी मा, और ये बताओ तुम्हें ये नाम पसंद क्यू नहीं है??

राघव ने मासूमियत से पूछा

नेहा- ऐसा नाम कीसे पसंद आएगा और पहली बात आपके दिमाग मे ये नाम आया कहा से वो बताइए पहले ?

नेहा ने राघव से पूछा

राघव- वो अखबार मे एड थी एक जिसमे लिखा था के अब लोनावला की फेमस चिक्की मिलेगी हर जगह बस वही से चिक्की उठा लिया

और राघव का जवाब सुन नेहा ने अपना माथा पीट लिया

नेहा- आप ना...

लेकिन बोलते बोलते नेहा रुक गई जब उसने राघव को उसे देख कर मुस्कुराता हुआ पाया

राघव- अच्छा सुनो न चिक्की.... मतलब नेहा, नेहा

जब चिक्की बुलाने पे नेहा ने वापिस राघव को घूरा तो उसने उसे नेहा बुलाना शुरू कर दिया

नेहा- हम्म क्या..

राघव- मैं जरा शेखर और आकाश के साथ कुछ काम से बाहर जा रहा हु आकाश को कुछ सामान लेना है और आज शॉप से कुर्ते वाला आ रहा है तो अगर मैं टाइम पर ना पहुंच पाया तो मेरे लिए अपनी पसंद का एक कुर्ता चुन कर रखना।

और इतना बोल के राघव बगैर नेहा की बात सुने वहा से निकल गया और नेहा बस मुसकुराते हुए उसे जाते हुए देखती रही

--x--


रमाकांत- स्वाती बेटा जाओ नेहा को बुला लाओ, राघव ने कहा था के नेहा को कहे उसके लिए कुर्ता पसंद करने

रमाकांत जी ने स्वाती से कहा और वो भी हा मे गर्दन हिला कर चली गई

शुभंकर- हा हा अब जब हमने इनकी साड़िया पसंद की है तो ये भी तो हमारे लिए कपड़े पसंद करेंगी न

धनंजय- हा बिल्कुल

सब औरते अपने अपने पतियों की कपड़े सिलेक्ट करने मे मदद कर रही थी तभी वहा रितु आई

रितु- हैलो एवरीवन अरे वाह आज भी कपड़ों की खरीदारी चल रही है

जानकी- हा बेटा आज जेंट्स लोगों की बारी है

जानकी जी की बात सुन रितु ने इधर उधर देखा जैसे किसी को ढूंढ रही हो लेकिन वो बंदा उसे कही नहीं दिखा

रितु- राघव कहा है?? और शेखर और आकाश?

किसी को अजीब न लगे इस लिए उसने शेखर और आकाश के बारे मे भी पुछ लिया

संध्या- वो लोग कुछ काम से बाहर गए है

संध्या जी ने कपड़े देखते हुए ही रितु के सवाल का जवाब दिया

आरती - अरे रितु तुम भी आओ कुछ सजेशन दो

जिसके बाद रितु भी वहा बैठ गई इतने मे वहा नेहा आई और रमाकांत जी से बोली

नेहा- जी पापा आपने बुलाया था

रमाकांत- हा बेटा आओ राघव के लिए कुर्ता पसंद कर लो उसने मुझे तुम्हें याद दिलाने कहा था

और रमाकांत जी की बात सुन रिद्धि अपनी मा से बोली

रिद्धि- देखा मा आपका बेटा लाइन पर आ रहा है अब

जिसपर नेहा शर्मा गई

श्वेता- भाभी यहा आओ न

श्वेता ने नेहा को अपने बाजू की खाली जगह की तरफ इशारा करके बुलाया वही रितु बस नेहा को घूरे जा रही थी लेकिन कोई उसकी तरफ ध्यान नहीं दे रहा था

संध्या- अच्छा है राघव बदल रहा है वरना हम तो भूल ही गए थे के वो आखरी बार ऐसे किसी फॅमिली फंक्शन मे आया हो

मीनाक्षी- अरे ये तो नेहा है जो संभाल रही है उसे

जानकी- वही तो कोई और होती तो पता नहीं उसे संभाल पाती या नहीं

इन लोगों की बाते सुन नेहा कुर्ता पसंद करते हुए मुस्कुरा दी वही इन बातों ने रितु के मन मे आग लगा दी थी जिसकी जलने की बदबू बाहर तक आ रही थी

विवेक- ये गलत बात है यार, मैं तो सिंगल हु अब मेरे लिए कौन पसंद करेगा

विवेक ने कहा जिसपर नेहा और श्वेता ने एकसाथ कहा “हम है ना”

कुमुद- रुक मैं पसंद करती हु तेरे लिए तेरी बड़ी दादी की पसंद इतनी खराब नहीं है

सारा प्रोग्राम सही चल रहा था तभी रितु बीच मे बोल पड़ी

रितु- अरे अरे नेहा ये क्या कर रही हो? इस कुर्ते का कलर ऑफ है राघव को पसंद नहीं आएगा रुको मैं मदद करती हु तुम्हारी

रितु ने नेहा के पसंद किए कुर्ते को घृणित नजरों से देखा और खुद कुर्ता ढूंढने लगी

नेहा- इन्हे क्या पसंद है क्या नहीं मुझे अच्छे से पता है!

रितु- उसे डार्क कलर पसंद है इतना भी नहीं पता क्या फिर तुम्हें

रितु ने नेहा को ताना मारा जो वहा मौजूद किसी को भी अच्छा नहीं लगा

नेहा- वो टाइम और जगह के हिसाब से कलर पसंद करते है

नेहा ने आराम से कहा

रितु- नहीं! बचपन मे वो हमेशा डार्क कलर पहनता था चाहे कुछ हो और उसका पसंदीदा रंग डार्क ब्लू है उसने बताया था मुझे

रितु ऐसा जता रही थी जैसे वो राघव को नेहा से बेहतर जानती थी

नेहा- वो बचपन था रितु, वो अब बच्चे नहीं है और समय के साथ पसंद भी बदलती है

नेहा अब रितु की बातों से परेशान हो रही थी

रितु- तो मैं मदद करती हु तुम्हारी वैसे भी मेरी चॉइस तुमसे अच्छी है उसे पसंद आएगी

अब ये बात रितु ने कही तो नॉर्मली ही थी लेकिन नेहा जानती थी के वो उसे चैलेंज कर रही है

नेहा- उन्होंने मुझे खास तौर से उनके लिए कुर्ता पसंद करने करने कहा है रितु और अगर कोई और ये काम करेगा तो ये उन्हे अच्छा नहीं लगेगा तुम जाओ औरों की मदद करो मुझे अच्छे से पता है इन्हे क्या पसंद है क्या नहीं

नेहा ने प्यार से मुस्कान के साथ रितु से कहा लेकिन उसके शब्द किसी तीर की तरह थे वही ये बवाल देख श्वेता अपनी हसी कंट्रोल कर रही थी

नेहा को ऐसे राघव की साइड लेता देख उसपर हक जमाते देख दादू ने दादी की ओर देखा मानो इशारों मे कह रहे हो मैंने कहा था न नेहा राघव के लिए परफेक्ट है और दादी ने भी इशारों मे सहमति जताई

रितु- ठीक है मैं भी उसके लिए एक कुर्ता पसंद कर लेती हु जब वो आएगा तब उसी से पुछ लेंगे उसे किसका कुर्ता ज्यादा अच्छा लगा

रितु को नेहा द्वारा हुई अपनी सोम्य शब्दों वाली बेइज्जती रास नहीं आई और जिद्दी तो वो बहुत थी वही नेहा ने इसका कुछ नहीं हो सकता सोच के मुंडी हिला दी

कुछ समय मे सब की खरीदारी हो चुकी थी और अब बस वहा अपनी गैंग बची थी वो भी रितु के उस बचकाने आइडीया के चलते, नेहा और रितु दोनों ही राघव की राह देख रही थी तभी वो लोग वहा आए

शेखर- अरे वाह हो गया सब ?

शेखर ने अंदर आते हुए पूछा

रितु- राघव कहा है?

रितु ने शेखर से पूछा और नेहा अब उससे परेशान हो चुकी थी वही शेखर ने उसका सवाल सुन श्वेता को देखा तो श्वेता ने इशारे से ये पागल है ऐसा कहा

शेखर - भाई बस आ ही रहा है

शेखर ने नेहा को देखते हुए कहा और तभी वहा राघव की एंट्री हुई और रिद्धि उसके पास गई

रिद्धि- भाई आप आ गए अब चलो और अपने लिए एक कुर्ता पसंद करो ताकि मेरी भाभी का काम खतम हो

रिद्धि ने कहा और राघव कन्फ्यूजन मे उन्हे देखने लगा

रितु- राघव देखो मैंने तुम्हारे लिए एक कुर्ता पसंद किया है

रितु ने राघव के पास जाते हुए कुर्ता दिखाया और उसे देख राघव का मूड ही खराब हो गया और उसने नेहा को देखा और इशारों मे कहा के मैंने तुम्हें कहा था ना?? और इससे पहले रितु उसके पास पहुचती वो जाकर नेहा के बाजू मे बैठ गया

श्वेता- भईया भाभी और रितु ने आपके लिए ये दो कुर्ते पसंद किए है अब बताओ आपको कौनसा बढ़िया लगा

श्वेता ने राघव को एक डार्क ब्लू और एक हल्के गुलाबी रंग का ऐसे दोनों कुर्ते दिखाए

राघव- ये वाला...

राघव के डार्क ब्लू कुर्ते की ओर इशारा किया जिससे वहा बस एक इंसान को खुशी हुई

नेहा- ठीक है यही फाइनल फिर

नेहा ने झूठी मुस्कान के साथ कहा और वहा से उठने लगी इतने मे ही राघव ने उसका हाथ पकड़ कर उसे वहा बैठा लिया

राघव- क्या? फाइनल क्या? अरे पहले पूरी बात तो सुन लो मैं कह रहा हु ये वाला बहुत डार्क है सगाई के फंक्शन मे उतना सही नहीं लगेगा इसीलिए दूसरा वाला फाइनल करो

राघव की बात सुन नेहा ने उसकी ओर देखा और रितु की स्माइल गायब हो गई

राघव- और वैसे भी ये चिक्की... मतलब तुम्हारी साड़ी के साथ मैच हो रहा है तो इसे ही डन करो

राघव ने नर्वस स्माइल के साथ कहा और उसकी बात सुन नेहा के गाल लाल होने ले

शेखर- ओ हो हो मैचिंग मैचिंग....

शेखर ने राघव को चिढ़ाते हुए कहा वही राघव कुछ नहीं बोला बस उसने एक बार नेहा को देखा और वहा से निकल गया.....

क्रमश:
दोस्त आपकी ये कहानी बेहतरीन हे और भी कहानियां आपने लिखी हें उनके बारे में भी बताएं धन्यवाद
 
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शादी-ब्याह से पहले लड़के और लड़कियों के खट्टे मीठे प्रसंग अक्सर देखे सुने जाते है। फ्लर्ट करना , कभी लड़की का भाव खाना कभी लड़के का भाव खाना , शरारतें करना वगैरह वगैरह जैसी चीजें विवाह से पूर्व अक्सर होती रहती है।
लेकिन यह एक ऐसी लव स्टोरी है जो ये सब चीजें शादी के बाद यहां शुरू हुई। ये चीज इस स्टोरी को एक अलग तरह की स्टोरी बनाती है।
नेहा मैडम और राघव सर के दरम्यान नोकझोंक इसी कैटिगरी मे आता है।

इधर रितु मैडम धीरे धीरे साइको के कैरेक्टर मे ढलती जा रही है। क्या यह सब राघव सर को दिख नही रहा ? क्या यह सब परिवार के सदस्य गौर नही कर रहे ? और अगर कर रहे हैं तो ये लोग रितु को समझाते क्यों नही ?

अपडेट हमेशा की तरह बेहतरीन और शानदार था।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट Adirshi भाई।
 
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Aakash.

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Kya baat hai Ritu the psycho Lover ne Neha ko akele me darane ki koshish ki hai :lol1: anyway cat fight dekhne ko milegi lagta hai :fight: Ritu jo karne waali hai ya karne ja rahi hai isme uski ka nuksaan hai jaha tak hume samjh Me aata hai :dazed: jaha tak humne ragav jo samjha hai pahle bhi usne Ritu ko mana Kiya hai or ab bhi yahi honga :approve:

Dusre update me khush khaas nahi tha siwaye chikki ke :roflol: Indian shadiyo me yahi to khaas hota hai sabhi ki apni parmparaye or rasme kuch maanytaye jo hume dekhne or enjoy karne ko milta hai :approve:

Oooho kya baat hai ab janab to matching hona sabkuch :D bechari Ritu abhi to sirf shuruwaat hai aage or bhi bura honga agar ye nahi ruki to :sigh:
 

kas1709

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नेहा राघव को अवॉइड कर रही थी क्युकी अब राघव का लैपटॉप तो बड़ी दादी के पास था और करने को कुछ था नहीं तो राघव नेहा को चिक्की नाम से चिढ़ा कर मजे ले रहा था और वो उसे चिक्की चिक्की बुलाते हुए पूरे घर मे उसके पीछे पीछे घूम रहा था बगैर परिवार वालों की चिंता करे और नेहा इससे काफी ज्यादा चिढ़ भी रही थी, इस वक्त नेहा किचन मे थी और सब्जियां काट रही थी

श्वेता- चिक्की भाभी भईया आपको बुला रहे है

श्वेता ने अपनी हसी छुपाते हुए नेहा से कहा और बदले मे नेहा ने उसे घूर के देखा

नेहा- उनहू उनहू श्वेता प्लीज!!

श्वेता- अच्छा अच्छा ठीक है नेहा भाभी मैं नहीं बुलाऊँगी आपको उस नाम से

श्वेता ने हसते हुए कहा

नेहा- वही अच्छा होगा और तभी वहा एंट्री हुई राघव की

राघव- चिक...

राघव किचन मे आते हुए नेहा को चिक्की बुलाने ही वाला था के वहा श्वेता को नेहा के साथ देख वो रुक गया और श्वेता हसते हुए वहा से चली गई और नेहा मन मे सोचने लगी

इनको अचानक क्या हो गया है? उफ्फ़ इनकी ये बच्चों जैसी हरकते!’

नेहा- क्या है!!

नेहा ने थोड़ा रुडली राघव से कहा

राघव- वो चिक्की असल मे......

नेहा- मुझे उस नाम से मत बुलाइए

नेहा ने फ्रस्टेट होकर राघव को अपने हाथ मे पकडा चाकू दिखाते हुए कहा और चाकू उसकी गर्दन के पास पकड़ा

राघव- अरे देखो ऐसा मत करो भरी जवानी मे विधवा हो जाओगी

नेहा- आई डोन्ट केयर मुझे बस मेरे नाम से मतलब है

नेहा ने राघव की तरफ एक कदम और बढ़ाया और राघव एक कदम पीछे हटा और सरेन्डर करने के लिए अपने दोनों हाथ उसने ऊपर उठा लिया

राघव- अरे शांत हो जाओ मेरी मा, और ये बताओ तुम्हें ये नाम पसंद क्यू नहीं है??

राघव ने मासूमियत से पूछा

नेहा- ऐसा नाम कीसे पसंद आएगा और पहली बात आपके दिमाग मे ये नाम आया कहा से वो बताइए पहले ?

नेहा ने राघव से पूछा

राघव- वो अखबार मे एड थी एक जिसमे लिखा था के अब लोनावला की फेमस चिक्की मिलेगी हर जगह बस वही से चिक्की उठा लिया

और राघव का जवाब सुन नेहा ने अपना माथा पीट लिया

नेहा- आप ना...

लेकिन बोलते बोलते नेहा रुक गई जब उसने राघव को उसे देख कर मुस्कुराता हुआ पाया

राघव- अच्छा सुनो न चिक्की.... मतलब नेहा, नेहा

जब चिक्की बुलाने पे नेहा ने वापिस राघव को घूरा तो उसने उसे नेहा बुलाना शुरू कर दिया

नेहा- हम्म क्या..

राघव- मैं जरा शेखर और आकाश के साथ कुछ काम से बाहर जा रहा हु आकाश को कुछ सामान लेना है और आज शॉप से कुर्ते वाला आ रहा है तो अगर मैं टाइम पर ना पहुंच पाया तो मेरे लिए अपनी पसंद का एक कुर्ता चुन कर रखना।

और इतना बोल के राघव बगैर नेहा की बात सुने वहा से निकल गया और नेहा बस मुसकुराते हुए उसे जाते हुए देखती रही

--x--


रमाकांत- स्वाती बेटा जाओ नेहा को बुला लाओ, राघव ने कहा था के नेहा को कहे उसके लिए कुर्ता पसंद करने

रमाकांत जी ने स्वाती से कहा और वो भी हा मे गर्दन हिला कर चली गई

शुभंकर- हा हा अब जब हमने इनकी साड़िया पसंद की है तो ये भी तो हमारे लिए कपड़े पसंद करेंगी न

धनंजय- हा बिल्कुल

सब औरते अपने अपने पतियों की कपड़े सिलेक्ट करने मे मदद कर रही थी तभी वहा रितु आई

रितु- हैलो एवरीवन अरे वाह आज भी कपड़ों की खरीदारी चल रही है

जानकी- हा बेटा आज जेंट्स लोगों की बारी है

जानकी जी की बात सुन रितु ने इधर उधर देखा जैसे किसी को ढूंढ रही हो लेकिन वो बंदा उसे कही नहीं दिखा

रितु- राघव कहा है?? और शेखर और आकाश?

किसी को अजीब न लगे इस लिए उसने शेखर और आकाश के बारे मे भी पुछ लिया

संध्या- वो लोग कुछ काम से बाहर गए है

संध्या जी ने कपड़े देखते हुए ही रितु के सवाल का जवाब दिया

आरती - अरे रितु तुम भी आओ कुछ सजेशन दो

जिसके बाद रितु भी वहा बैठ गई इतने मे वहा नेहा आई और रमाकांत जी से बोली

नेहा- जी पापा आपने बुलाया था

रमाकांत- हा बेटा आओ राघव के लिए कुर्ता पसंद कर लो उसने मुझे तुम्हें याद दिलाने कहा था

और रमाकांत जी की बात सुन रिद्धि अपनी मा से बोली

रिद्धि- देखा मा आपका बेटा लाइन पर आ रहा है अब

जिसपर नेहा शर्मा गई

श्वेता- भाभी यहा आओ न

श्वेता ने नेहा को अपने बाजू की खाली जगह की तरफ इशारा करके बुलाया वही रितु बस नेहा को घूरे जा रही थी लेकिन कोई उसकी तरफ ध्यान नहीं दे रहा था

संध्या- अच्छा है राघव बदल रहा है वरना हम तो भूल ही गए थे के वो आखरी बार ऐसे किसी फॅमिली फंक्शन मे आया हो

मीनाक्षी- अरे ये तो नेहा है जो संभाल रही है उसे

जानकी- वही तो कोई और होती तो पता नहीं उसे संभाल पाती या नहीं

इन लोगों की बाते सुन नेहा कुर्ता पसंद करते हुए मुस्कुरा दी वही इन बातों ने रितु के मन मे आग लगा दी थी जिसकी जलने की बदबू बाहर तक आ रही थी

विवेक- ये गलत बात है यार, मैं तो सिंगल हु अब मेरे लिए कौन पसंद करेगा

विवेक ने कहा जिसपर नेहा और श्वेता ने एकसाथ कहा “हम है ना”

कुमुद- रुक मैं पसंद करती हु तेरे लिए तेरी बड़ी दादी की पसंद इतनी खराब नहीं है

सारा प्रोग्राम सही चल रहा था तभी रितु बीच मे बोल पड़ी

रितु- अरे अरे नेहा ये क्या कर रही हो? इस कुर्ते का कलर ऑफ है राघव को पसंद नहीं आएगा रुको मैं मदद करती हु तुम्हारी

रितु ने नेहा के पसंद किए कुर्ते को घृणित नजरों से देखा और खुद कुर्ता ढूंढने लगी

नेहा- इन्हे क्या पसंद है क्या नहीं मुझे अच्छे से पता है!

रितु- उसे डार्क कलर पसंद है इतना भी नहीं पता क्या फिर तुम्हें

रितु ने नेहा को ताना मारा जो वहा मौजूद किसी को भी अच्छा नहीं लगा

नेहा- वो टाइम और जगह के हिसाब से कलर पसंद करते है

नेहा ने आराम से कहा

रितु- नहीं! बचपन मे वो हमेशा डार्क कलर पहनता था चाहे कुछ हो और उसका पसंदीदा रंग डार्क ब्लू है उसने बताया था मुझे

रितु ऐसा जता रही थी जैसे वो राघव को नेहा से बेहतर जानती थी

नेहा- वो बचपन था रितु, वो अब बच्चे नहीं है और समय के साथ पसंद भी बदलती है

नेहा अब रितु की बातों से परेशान हो रही थी

रितु- तो मैं मदद करती हु तुम्हारी वैसे भी मेरी चॉइस तुमसे अच्छी है उसे पसंद आएगी

अब ये बात रितु ने कही तो नॉर्मली ही थी लेकिन नेहा जानती थी के वो उसे चैलेंज कर रही है

नेहा- उन्होंने मुझे खास तौर से उनके लिए कुर्ता पसंद करने करने कहा है रितु और अगर कोई और ये काम करेगा तो ये उन्हे अच्छा नहीं लगेगा तुम जाओ औरों की मदद करो मुझे अच्छे से पता है इन्हे क्या पसंद है क्या नहीं

नेहा ने प्यार से मुस्कान के साथ रितु से कहा लेकिन उसके शब्द किसी तीर की तरह थे वही ये बवाल देख श्वेता अपनी हसी कंट्रोल कर रही थी

नेहा को ऐसे राघव की साइड लेता देख उसपर हक जमाते देख दादू ने दादी की ओर देखा मानो इशारों मे कह रहे हो मैंने कहा था न नेहा राघव के लिए परफेक्ट है और दादी ने भी इशारों मे सहमति जताई

रितु- ठीक है मैं भी उसके लिए एक कुर्ता पसंद कर लेती हु जब वो आएगा तब उसी से पुछ लेंगे उसे किसका कुर्ता ज्यादा अच्छा लगा

रितु को नेहा द्वारा हुई अपनी सोम्य शब्दों वाली बेइज्जती रास नहीं आई और जिद्दी तो वो बहुत थी वही नेहा ने इसका कुछ नहीं हो सकता सोच के मुंडी हिला दी

कुछ समय मे सब की खरीदारी हो चुकी थी और अब बस वहा अपनी गैंग बची थी वो भी रितु के उस बचकाने आइडीया के चलते, नेहा और रितु दोनों ही राघव की राह देख रही थी तभी वो लोग वहा आए

शेखर- अरे वाह हो गया सब ?

शेखर ने अंदर आते हुए पूछा

रितु- राघव कहा है?

रितु ने शेखर से पूछा और नेहा अब उससे परेशान हो चुकी थी वही शेखर ने उसका सवाल सुन श्वेता को देखा तो श्वेता ने इशारे से ये पागल है ऐसा कहा

शेखर - भाई बस आ ही रहा है

शेखर ने नेहा को देखते हुए कहा और तभी वहा राघव की एंट्री हुई और रिद्धि उसके पास गई

रिद्धि- भाई आप आ गए अब चलो और अपने लिए एक कुर्ता पसंद करो ताकि मेरी भाभी का काम खतम हो

रिद्धि ने कहा और राघव कन्फ्यूजन मे उन्हे देखने लगा

रितु- राघव देखो मैंने तुम्हारे लिए एक कुर्ता पसंद किया है

रितु ने राघव के पास जाते हुए कुर्ता दिखाया और उसे देख राघव का मूड ही खराब हो गया और उसने नेहा को देखा और इशारों मे कहा के मैंने तुम्हें कहा था ना?? और इससे पहले रितु उसके पास पहुचती वो जाकर नेहा के बाजू मे बैठ गया

श्वेता- भईया भाभी और रितु ने आपके लिए ये दो कुर्ते पसंद किए है अब बताओ आपको कौनसा बढ़िया लगा

श्वेता ने राघव को एक डार्क ब्लू और एक हल्के गुलाबी रंग का ऐसे दोनों कुर्ते दिखाए

राघव- ये वाला...

राघव के डार्क ब्लू कुर्ते की ओर इशारा किया जिससे वहा बस एक इंसान को खुशी हुई

नेहा- ठीक है यही फाइनल फिर

नेहा ने झूठी मुस्कान के साथ कहा और वहा से उठने लगी इतने मे ही राघव ने उसका हाथ पकड़ कर उसे वहा बैठा लिया

राघव- क्या? फाइनल क्या? अरे पहले पूरी बात तो सुन लो मैं कह रहा हु ये वाला बहुत डार्क है सगाई के फंक्शन मे उतना सही नहीं लगेगा इसीलिए दूसरा वाला फाइनल करो

राघव की बात सुन नेहा ने उसकी ओर देखा और रितु की स्माइल गायब हो गई

राघव- और वैसे भी ये चिक्की... मतलब तुम्हारी साड़ी के साथ मैच हो रहा है तो इसे ही डन करो

राघव ने नर्वस स्माइल के साथ कहा और उसकी बात सुन नेहा के गाल लाल होने ले

शेखर- ओ हो हो मैचिंग मैचिंग....

शेखर ने राघव को चिढ़ाते हुए कहा वही राघव कुछ नहीं बोला बस उसने एक बार नेहा को देखा और वहा से निकल गया.....

क्रमश:
Nice update....
 

chandan misra

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Update 33




नेहा राघव को अवॉइड कर रही थी क्युकी अब राघव का लैपटॉप तो बड़ी दादी के पास था और करने को कुछ था नहीं तो राघव नेहा को चिक्की नाम से चिढ़ा कर मजे ले रहा था और वो उसे चिक्की चिक्की बुलाते हुए पूरे घर मे उसके पीछे पीछे घूम रहा था बगैर परिवार वालों की चिंता करे और नेहा इससे काफी ज्यादा चिढ़ भी रही थी, इस वक्त नेहा किचन मे थी और सब्जियां काट रही थी

श्वेता- चिक्की भाभी भईया आपको बुला रहे है

श्वेता ने अपनी हसी छुपाते हुए नेहा से कहा और बदले मे नेहा ने उसे घूर के देखा

नेहा- उनहू उनहू श्वेता प्लीज!!

श्वेता- अच्छा अच्छा ठीक है नेहा भाभी मैं नहीं बुलाऊँगी आपको उस नाम से

श्वेता ने हसते हुए कहा

नेहा- वही अच्छा होगा और तभी वहा एंट्री हुई राघव की

राघव- चिक...

राघव किचन मे आते हुए नेहा को चिक्की बुलाने ही वाला था के वहा श्वेता को नेहा के साथ देख वो रुक गया और श्वेता हसते हुए वहा से चली गई और नेहा मन मे सोचने लगी

इनको अचानक क्या हो गया है? उफ्फ़ इनकी ये बच्चों जैसी हरकते!’

नेहा- क्या है!!

नेहा ने थोड़ा रुडली राघव से कहा

राघव- वो चिक्की असल मे......

नेहा- मुझे उस नाम से मत बुलाइए

नेहा ने फ्रस्टेट होकर राघव को अपने हाथ मे पकडा चाकू दिखाते हुए कहा और चाकू उसकी गर्दन के पास पकड़ा

राघव- अरे देखो ऐसा मत करो भरी जवानी मे विधवा हो जाओगी

नेहा- आई डोन्ट केयर मुझे बस मेरे नाम से मतलब है

नेहा ने राघव की तरफ एक कदम और बढ़ाया और राघव एक कदम पीछे हटा और सरेन्डर करने के लिए अपने दोनों हाथ उसने ऊपर उठा लिया

राघव- अरे शांत हो जाओ मेरी मा, और ये बताओ तुम्हें ये नाम पसंद क्यू नहीं है??

राघव ने मासूमियत से पूछा

नेहा- ऐसा नाम कीसे पसंद आएगा और पहली बात आपके दिमाग मे ये नाम आया कहा से वो बताइए पहले ?

नेहा ने राघव से पूछा

राघव- वो अखबार मे एड थी एक जिसमे लिखा था के अब लोनावला की फेमस चिक्की मिलेगी हर जगह बस वही से चिक्की उठा लिया

और राघव का जवाब सुन नेहा ने अपना माथा पीट लिया

नेहा- आप ना...

लेकिन बोलते बोलते नेहा रुक गई जब उसने राघव को उसे देख कर मुस्कुराता हुआ पाया

राघव- अच्छा सुनो न चिक्की.... मतलब नेहा, नेहा

जब चिक्की बुलाने पे नेहा ने वापिस राघव को घूरा तो उसने उसे नेहा बुलाना शुरू कर दिया

नेहा- हम्म क्या..

राघव- मैं जरा शेखर और आकाश के साथ कुछ काम से बाहर जा रहा हु आकाश को कुछ सामान लेना है और आज शॉप से कुर्ते वाला आ रहा है तो अगर मैं टाइम पर ना पहुंच पाया तो मेरे लिए अपनी पसंद का एक कुर्ता चुन कर रखना।

और इतना बोल के राघव बगैर नेहा की बात सुने वहा से निकल गया और नेहा बस मुसकुराते हुए उसे जाते हुए देखती रही

--x--


रमाकांत- स्वाती बेटा जाओ नेहा को बुला लाओ, राघव ने कहा था के नेहा को कहे उसके लिए कुर्ता पसंद करने

रमाकांत जी ने स्वाती से कहा और वो भी हा मे गर्दन हिला कर चली गई

शुभंकर- हा हा अब जब हमने इनकी साड़िया पसंद की है तो ये भी तो हमारे लिए कपड़े पसंद करेंगी न

धनंजय- हा बिल्कुल

सब औरते अपने अपने पतियों की कपड़े सिलेक्ट करने मे मदद कर रही थी तभी वहा रितु आई

रितु- हैलो एवरीवन अरे वाह आज भी कपड़ों की खरीदारी चल रही है

जानकी- हा बेटा आज जेंट्स लोगों की बारी है

जानकी जी की बात सुन रितु ने इधर उधर देखा जैसे किसी को ढूंढ रही हो लेकिन वो बंदा उसे कही नहीं दिखा

रितु- राघव कहा है?? और शेखर और आकाश?

किसी को अजीब न लगे इस लिए उसने शेखर और आकाश के बारे मे भी पुछ लिया

संध्या- वो लोग कुछ काम से बाहर गए है

संध्या जी ने कपड़े देखते हुए ही रितु के सवाल का जवाब दिया

आरती - अरे रितु तुम भी आओ कुछ सजेशन दो

जिसके बाद रितु भी वहा बैठ गई इतने मे वहा नेहा आई और रमाकांत जी से बोली

नेहा- जी पापा आपने बुलाया था

रमाकांत- हा बेटा आओ राघव के लिए कुर्ता पसंद कर लो उसने मुझे तुम्हें याद दिलाने कहा था

और रमाकांत जी की बात सुन रिद्धि अपनी मा से बोली

रिद्धि- देखा मा आपका बेटा लाइन पर आ रहा है अब

जिसपर नेहा शर्मा गई

श्वेता- भाभी यहा आओ न

श्वेता ने नेहा को अपने बाजू की खाली जगह की तरफ इशारा करके बुलाया वही रितु बस नेहा को घूरे जा रही थी लेकिन कोई उसकी तरफ ध्यान नहीं दे रहा था

संध्या- अच्छा है राघव बदल रहा है वरना हम तो भूल ही गए थे के वो आखरी बार ऐसे किसी फॅमिली फंक्शन मे आया हो

मीनाक्षी- अरे ये तो नेहा है जो संभाल रही है उसे

जानकी- वही तो कोई और होती तो पता नहीं उसे संभाल पाती या नहीं

इन लोगों की बाते सुन नेहा कुर्ता पसंद करते हुए मुस्कुरा दी वही इन बातों ने रितु के मन मे आग लगा दी थी जिसकी जलने की बदबू बाहर तक आ रही थी

विवेक- ये गलत बात है यार, मैं तो सिंगल हु अब मेरे लिए कौन पसंद करेगा

विवेक ने कहा जिसपर नेहा और श्वेता ने एकसाथ कहा “हम है ना”

कुमुद- रुक मैं पसंद करती हु तेरे लिए तेरी बड़ी दादी की पसंद इतनी खराब नहीं है

सारा प्रोग्राम सही चल रहा था तभी रितु बीच मे बोल पड़ी

रितु- अरे अरे नेहा ये क्या कर रही हो? इस कुर्ते का कलर ऑफ है राघव को पसंद नहीं आएगा रुको मैं मदद करती हु तुम्हारी

रितु ने नेहा के पसंद किए कुर्ते को घृणित नजरों से देखा और खुद कुर्ता ढूंढने लगी

नेहा- इन्हे क्या पसंद है क्या नहीं मुझे अच्छे से पता है!

रितु- उसे डार्क कलर पसंद है इतना भी नहीं पता क्या फिर तुम्हें

रितु ने नेहा को ताना मारा जो वहा मौजूद किसी को भी अच्छा नहीं लगा

नेहा- वो टाइम और जगह के हिसाब से कलर पसंद करते है

नेहा ने आराम से कहा

रितु- नहीं! बचपन मे वो हमेशा डार्क कलर पहनता था चाहे कुछ हो और उसका पसंदीदा रंग डार्क ब्लू है उसने बताया था मुझे

रितु ऐसा जता रही थी जैसे वो राघव को नेहा से बेहतर जानती थी

नेहा- वो बचपन था रितु, वो अब बच्चे नहीं है और समय के साथ पसंद भी बदलती है

नेहा अब रितु की बातों से परेशान हो रही थी

रितु- तो मैं मदद करती हु तुम्हारी वैसे भी मेरी चॉइस तुमसे अच्छी है उसे पसंद आएगी

अब ये बात रितु ने कही तो नॉर्मली ही थी लेकिन नेहा जानती थी के वो उसे चैलेंज कर रही है

नेहा- उन्होंने मुझे खास तौर से उनके लिए कुर्ता पसंद करने करने कहा है रितु और अगर कोई और ये काम करेगा तो ये उन्हे अच्छा नहीं लगेगा तुम जाओ औरों की मदद करो मुझे अच्छे से पता है इन्हे क्या पसंद है क्या नहीं

नेहा ने प्यार से मुस्कान के साथ रितु से कहा लेकिन उसके शब्द किसी तीर की तरह थे वही ये बवाल देख श्वेता अपनी हसी कंट्रोल कर रही थी

नेहा को ऐसे राघव की साइड लेता देख उसपर हक जमाते देख दादू ने दादी की ओर देखा मानो इशारों मे कह रहे हो मैंने कहा था न नेहा राघव के लिए परफेक्ट है और दादी ने भी इशारों मे सहमति जताई

रितु- ठीक है मैं भी उसके लिए एक कुर्ता पसंद कर लेती हु जब वो आएगा तब उसी से पुछ लेंगे उसे किसका कुर्ता ज्यादा अच्छा लगा

रितु को नेहा द्वारा हुई अपनी सोम्य शब्दों वाली बेइज्जती रास नहीं आई और जिद्दी तो वो बहुत थी वही नेहा ने इसका कुछ नहीं हो सकता सोच के मुंडी हिला दी

कुछ समय मे सब की खरीदारी हो चुकी थी और अब बस वहा अपनी गैंग बची थी वो भी रितु के उस बचकाने आइडीया के चलते, नेहा और रितु दोनों ही राघव की राह देख रही थी तभी वो लोग वहा आए

शेखर- अरे वाह हो गया सब ?

शेखर ने अंदर आते हुए पूछा

रितु- राघव कहा है?

रितु ने शेखर से पूछा और नेहा अब उससे परेशान हो चुकी थी वही शेखर ने उसका सवाल सुन श्वेता को देखा तो श्वेता ने इशारे से ये पागल है ऐसा कहा

शेखर - भाई बस आ ही रहा है

शेखर ने नेहा को देखते हुए कहा और तभी वहा राघव की एंट्री हुई और रिद्धि उसके पास गई

रिद्धि- भाई आप आ गए अब चलो और अपने लिए एक कुर्ता पसंद करो ताकि मेरी भाभी का काम खतम हो

रिद्धि ने कहा और राघव कन्फ्यूजन मे उन्हे देखने लगा

रितु- राघव देखो मैंने तुम्हारे लिए एक कुर्ता पसंद किया है

रितु ने राघव के पास जाते हुए कुर्ता दिखाया और उसे देख राघव का मूड ही खराब हो गया और उसने नेहा को देखा और इशारों मे कहा के मैंने तुम्हें कहा था ना?? और इससे पहले रितु उसके पास पहुचती वो जाकर नेहा के बाजू मे बैठ गया

श्वेता- भईया भाभी और रितु ने आपके लिए ये दो कुर्ते पसंद किए है अब बताओ आपको कौनसा बढ़िया लगा

श्वेता ने राघव को एक डार्क ब्लू और एक हल्के गुलाबी रंग का ऐसे दोनों कुर्ते दिखाए

राघव- ये वाला...

राघव के डार्क ब्लू कुर्ते की ओर इशारा किया जिससे वहा बस एक इंसान को खुशी हुई

नेहा- ठीक है यही फाइनल फिर

नेहा ने झूठी मुस्कान के साथ कहा और वहा से उठने लगी इतने मे ही राघव ने उसका हाथ पकड़ कर उसे वहा बैठा लिया

राघव- क्या? फाइनल क्या? अरे पहले पूरी बात तो सुन लो मैं कह रहा हु ये वाला बहुत डार्क है सगाई के फंक्शन मे उतना सही नहीं लगेगा इसीलिए दूसरा वाला फाइनल करो

राघव की बात सुन नेहा ने उसकी ओर देखा और रितु की स्माइल गायब हो गई

राघव- और वैसे भी ये चिक्की... मतलब तुम्हारी साड़ी के साथ मैच हो रहा है तो इसे ही डन करो

राघव ने नर्वस स्माइल के साथ कहा और उसकी बात सुन नेहा के गाल लाल होने ले

शेखर- ओ हो हो मैचिंग मैचिंग....

शेखर ने राघव को चिढ़ाते हुए कहा वही राघव कुछ नहीं बोला बस उसने एक बार नेहा को देखा और वहा से निकल गया.....

क्रमश:
ऐसी नोक झोक चिढ़ाना मनाना अक्सर पति पत्नी के बीच कम और प्रेमी प्रेमिका के बीच अधिक देखने मिलता है, और यही इस कहानी की अलग बात है, बहुत बढ़िया तरीके के लिखा है लेखक जी
 
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