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Incest मजबूरी या जरूरत

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संजू और आराधना का अब रोज का हो चुका था आराधना को अब अपने बेटे के बगैर रात गुजरती नहीं की और ना ही संजू का मन अपनी मां को छोड़कर कहीं और लग रहा था रोज रात को दोनों वासना का नंगा नाच खेलते थे मां बेटे के बीच की सारी दीवारें टूट कर बिखर चुकी थी दोनों के बीच के पवित्र रिश्ते तार-तार हो चुके थे दोनों मां बेटे से औरत और मर्द बन चुके थे जो कि एक दूसरे के बदन से अपने लिए सुख खोज रहे थे,,,, रोज रात को समझो अपनी बहन की मदहोश कर देने वाली जवानी से खेलने के बाद उसके गहरी नींद में होते ही अपने कमरे से निकलकर अपनी मां के कमरे में चला जाता था और रोज रात को उसकी मां अपने दरवाजे पर कुंडी ना लगाकर अपने बेटे को आमंत्रण देती थी और अपनी दोनों टांगे खोल कर उसका स्वागत करती थी संजू पूरी तरह से अपनी मां की रसीली चूत में डूब चुका था,,,, उसकी नजरों में उसकी मां से ज्यादा खूबसूरत और सेक्सी औरत इस धरती पर और कोई नहीं थी,,,,,,, धीरे-धीरे अनुराधा भी अपने बेटे के साथ खुलने लगी थी और इस खेल का पूरा मजा ले रही थी,,,,, वह कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उसके जीवन में ऐसा समय भी आएगा जब उसके लिए उसका बेटा ही उसके लिए एक पति प्रेमी और मर्द की जरूरत पूरी करेगा,,,,, अब उसे अपने बेटे से संपूर्ण संतुष्टि प्राप्त होती थी वरना चुदाई के असली सुख को वह जानती ही नहीं थी,,,,

संजू अपने काम क्रीड़ा का असर अपनी पढ़ाई और कोचिंग क्लास पर बिल्कुल भी पडने नहीं देता था,,,, वह रोज समय से अपने कॉलेज जाता था और शाम को कोचिंग क्लास ज्यादा था,,,, जब से वह मनीषा के साथ थोड़ा बहुत शारीरिक रूप से खुला शुरू किया था तब से वह रोज किसी न किसी बहाने मनीषा के अंगों से छेड़खानी कर लेता था और मनीषा को भी संजू किए छेड़खानी बहुत अच्छी लगती थी मनीष अच्छी तरह से जानते थे कि एक न एक दिन जरूर वह अपना तन भी संजू को सौंप देगी और उस पल का मनीषा को बेसब्री से इंतजार था वह इतनी आसानी से अपना कौमार्य संजू के हाथों चुदवाना नहीं चाहती थी वह अपने कौमार्य भंग को भी यादगार बनाना चाहते थे जैसा कि एक औरत के लिए उसकी शादी की पहली रात मतलब की सुहागरात होती है इसी तरह से वह संजू के साथ अपने जीवन का सर्वप्रथम संभोग सुख यादगार बनाना चाहती थी,,,,।

रोज रात को संजू अपनी मां की चुदाई करने उसके कमरे में चाहता था लेकिन इस बात की भनक अभी तक मोहिनी को बिल्कुल भी नहीं हुई थी अगर मोहिनी को इस बात का पता भी चल जाता तो वह बहुत खुश होती लेकिन अभी वह किस राज से बिल्कुल अनजान थी संजू खुद उसे इस राज से अनजान किए हुए था क्योंकि उसके दिमाग में कुछ और चल रहा था और वह जानता था कि इसका अभी ठीक समय आया नहीं है,,,,

समय अपनी गति से गुजर रहा था,,, और मां बेटे दोनों की कामलीला परवान चढ़ रही थी,,, ऐसे ही एक दिन दोपहर के समय दोनों मां बेटे कमरे में बैठे हुए थे,,, आराधना आज ऑफिस से जल्दी घर वापस आ गई थी इसलिए घर पर उसे संजू मिल गया था और संजू को देखते ही वह खुश हो गई थी,,,, और आराधना हाथ मुंह धो कर फ्रेश होकर अपने कमरे में मुस्कुराते हुए चली गई और पीछे पीछे संजू भी अपनी मां के कमरे में पहुंच गया,,, जहां पर वह अपनी बाहों में अपनी मां को लेकर बिस्तर पर बैठ गया था और उसके खूबसूरत रेशमी बाल को अपनी उंगलियों से से लाते हुए उससे गुफ्तगू कर रहा था इस समय आराधना अपने आप को दुनिया की सबसे खुद किस्मत औरत समझ रही थी,,,, बेटे के रूप में उसे एक प्रेमी और एक पति दोनों का सुख प्राप्त हो रहा था,,,, बातों की शुरुआत करते हुए अपने नाखूनों को नाखून से ही कुरेदेते हुए आराधना बोली,,,।

संजू में कभी सोची नहीं थी कि तेरे और मेरे बीच इस तरह का रिश्ता बन जाएगा,,,

तो तुम इस रिश्ते से खुश नहीं हो,,,

नहीं ऐसा बिल्कुल भी नहीं है,,, पहले पहले मुझे बहुत ही अजीब लग रहा था एक बेटा अपनी मां के साथ ऐसा कैसे कर सकता है और एक मां अपने बेटे के साथ इस तरह का गंदा रिश्ता कैसे स्थापित कर सकती है लेकिन धीरे-धीरे ना जाने क्यों इस खेल में मुझे भी अच्छा लगने लगा पता नहीं यह मेरी जरूरत थी या मजबूरी कुछ समझ में नहीं आ रहा है,,,,।

तुम्हें ज्यादा सोचने समझने की जरूरत नहीं है जैसा चल रहा है वैसा चलने दो और इसी में मजा है,,,, जो कुछ भी हुआ इसमें हम दोनों की मजबूरी और जरूरत दोनों ही थी,,,, तुम शायद नहीं जानती बातों ही बातों में मोहिनी ने आशंका जता दी थी कि तुम किसी और मर्द के साथ घूमती हो,,,

क्या,,,?

मतलब की जो भी हो उसके मन में इस बात का डर था कि कहीं दूसरी औरतों की तरह तुम भी कहीं सुख खोजने के चक्कर में दूसरे मर्दों का सहारा ना ले लो और ऐसे में बदनामी होने का डर तो बना ही रहता है और यह डर मोहिनी के मन में था उसने आखिर कार खुलकर तो नहीं बोली लेकिन जो कुछ भी उसने कहीं उससे मैं समझ गया था कि वह क्या कहना चाह रही थी और यह बात मैंने तुम्हें बताया भी था मैं भी पहले ही नहीं चाहता था कि मैं तुम्हारे साथ यह सब करु लेकिन तुम्हारे हालात देखते हुए मैं मजबूर हो गया था ऐसा करने के लिए,,,, सच कहूं तो मुझे भी डर था कि कहीं तुम अपना खूबसूरत जिसमें किसी दूसरे मर्दों को ना सौंप दो क्योंकि यह तो हर एक औरत की जरूरत होती है,,,,

अच्छा तो तुम यह सोचे कि दूसरे लोग मजा ले इससे अच्छा तुम क्यों ना इस मौके का फायदा उठाओ,,,(आराधना मुस्कुराते हुए बोली)



मौका नहीं,,,, मौका नहीं तुम समझ नहीं रही हो जब मैंने अपने परिवार और खास करके तुम्हारी हालात पर गौर किया तो ना जाने क्यों तुम्हें देखने पर मेरे बदन में कुछ कुछ होने लगा था इससे पहले मुझे कुछ होता नहीं था लेकिन पापा के जाने के बाद कुछ महीनों तक वह घर पर नहीं आए तब मेरे मन में यह सब ख्याल आने लगा और मैं तुम्हें जब भी देखने लगा तब तक एक बेटे की नजर से नहीं बल्कि एक मर्द की नजर से देखना शुरू कर दिया और सच पूछो तो तुम बला की खूबसूरत हो,,,

अच्छा,,,!(अपने बेटे की तरफ मुस्कुराकर देखते हुए और फिर वापस अपनी नजरें नीचे झुका कर नाखून से नाखून को कुरेदने लगी,,,)

हां मम्मी ने सच कह रहा हूं तुम बहुत खूबसूरत हो मुझे तो पापा की किस्मत पर उनकी सोच पर तरस आता है कितनी खूबसूरत स्वर्ग की अप्सरा जैसी औरतों को छोड़कर बाजारू औरतों के पीछे अपना समय अपना पैसा और अपना इज्जत के साथ साथ जीवन भी बर्बाद कर रहे हैं लेकिन सच कहूं तो एक तरह से अच्छा ही होगा अगर पापा होती तो शायद मैं तुम्हारे पास ना होता हां होता लेकिन इस तरह से नहीं जैसा कि अभी,,,(ब्लाउज के ऊपर से चूची को दबाते हुए)

आहहह क्या कर रहा है,,,,?

कुछ नहीं,,,, अच्छा एक बात बताओ मम्मी,,, पापा का लंड से तुम बहुत बार अपनी चूत में ली होगी लेकिन क्या मेरे जितना मजा पापा दे पाते थे,,,

बिल्कुल भी नहीं रे,,,,, सच कहूं तो मुझे दो पता ही नहीं था कि कोई इस तरह से भी औरत को चोदता है,,,,

मतलब,,,,(ब्लाउज का बटन खोलते हुए)

मतलब की तेरे पापा बस साड़ी उठाकर मेरे दोनों कानों के बीच आ जाते हैं और ज्यादा से ज्यादा दो-तीन मिनट बस फिर हांफने लगते थे और मुझे भी ऐसा ही लगता था कि इसे ही चुदाई कहते हैं सच कहूं तो मुझे जरा भी मजा नहीं आता था या मजा आना शुरु होता था तभी खेल ही खत्म हो जाता था,,,,

मतलब यही कि मम्मी तुमने अब तक पापा से चुदाई का असली सुख प्राप्त ही नहीं कर पाई अच्छा ही हुआ कि मैं पापा की जगह ले लिया और तुम्हें अपने मोटे और लंबे लंड से चुदाई का जबरदस्त मजा देने लगा वरना तुम भी जिंदगी ऐसे ही गुजार देती,,,

ऐसा क्यों सोच रहा है तू नहीं आता तो कोई और आ जाता,,, वैसे भी मर्दों की कमी है क्या,,,,

अच्छा मेरी जान तो तुम दूसरे से चुदवाना चाहती हो,,(ब्लाउज का आखरी बटन खोलते हुए संजू बोला)

हां तो इसमें क्या हो गया तूने ही तो मेरे बताने में चुदाई का आग लगा है तेरे लंड से ना सही दूसरे के लंड से,,,,।

हाय मेरी जान तुम्हारी मुंह से लंड शब्द सुनकर मेरा लंड खड़ा हो जाता है,,,, सच कहूं तो तुम्हारी चूत में किसी और का लंड जाए यह मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता,,,

अगर किसी और का चला गया तो,,,

तो मैं उसका लंड ही काट दूंगा,,,,(ब्लाउज के बटन को खोलकर ब्रा के ऊपर से ही अपनी मां की बड़ी बड़ी चूची को दबाते हुए,,,,,,, और अपने बेटे के मुंह से लंड काटने वाली बात सुनकर बहुत जोर जोर से हंसने लगी और बोली,,)

बाप रे मेरी चुदाई का ऐसा बदला लेगा तु,,,

तो क्या मैं उसकी ऐसी हालत कर दूंगा कि वह अपनी बीवी को भी चोद नहीं पाएगा,,,,,,,
(दोनों मां-बेटे आपस में बहुत ज्यादा ही खुल चुके थे दोनों आपस में चुदाई के बारे में खुलकर बातें करते थे आराधना शुरू शुरू में शर्म महसूस करती थी लेकिन धीरे-धीरे वह भी एकदम बेशर्म बन चुकी थी और अपने बेटे के साथ चुदाई की बातें करके भरपूर मजा लेती थी संजू की हरकत से आराधना के बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ रही थी,,,, अभी मोहिनी के आने में समय था और संजू अपने हाथों से अपनी मां का ब्लाउज खोल कर ब्रा में से उसकी दोनों चूचियों को बाहर निकाल लिया था,,, और उसे अपनी हथेली में लेकर जोर जोर से दबा रहा था संजू की हथेली में आराधना की चुचियां खरबूजे से कम नहीं लग रही थी जिसे दबाने में संजू को बहुत ज्यादा मजा आ रहा था,,,, कुछ ही देर में आराधना की हंसी गायब हो गई और उसके होठों पर मदहोशी का असर नजर आने लगा,,,,,, उसकी आंखें बंद होने लगी और वह उतेजना मैं डूबने लगी,,,, और गहरी सांस लेते हुए बोली,,,।)

संजू मेरे मन में एक बात आ रही है,,,

क्या,,,?(अपनी मां की गोरी गोरी गर्दन पर अपनी होठ रख कर उसे चुंबन करते हुए और चूचियों को जोर-जोर से दबाते हुए संजू बोला)

यही कि अगर तू मेरे साथ एक बेटे की तरह होता और जिस हालात में में जी रही हूं मतलब की रात को बिस्तर पर अकेले ही तो मेरा झुकाव किसी दूसरे की तरफ हो जाता है और वह मुझे खुश करने के लिए ना जाने कहां कहां ले जाता घुमाने ले जाता पार्क में ले जाता मूवी दिखाने ले जाता और यहां तक कि मुझे गेस्ट हाउस में भी ले जाता,,,।

(अपनी मां की बात सुनकर संजू समझ गया था कि वह क्या कहना चाह रही है इसलिए वह उत्तेजना के मारे अपनी मां की चूची को जोर से दबाते हुए बोला,,,)

वह तो मैं भी कर सकता हूं,,,

क्या कर सकता है,,,?(गहरी सांस लेते हुए आराधना बोली)

तुम्हें घुमा सकता हूं शॉपिंग करा सकता हूं,,,

और,,,!


और तुम्हें पार्क में ले जा सकता हूं आइसक्रीम खिला सकता हूं मुवी दिखा सकता हूं,,,,

और क्या कर सकता है,,,?


गेस्ट हाउस,,,(गर्दन के ऊपरी सतह पर अपने होंठ रखते हुए जिससे आराधना एकदम से मचल उठी,,) तुम्हें गेस्टहाउस देख ले जा सकता हूं जैसे रंडी को ले जाते हैं चोदने के लिए वैसे मैं तुम्हें भी गेस्ट हाउस में ले जाकर के गेस्ट हाउस के कमरे में पूरी तरह से नंगी करके तुम्हें चोद सकता हूं,,,


तो ले चल संजू मुझे गेस्ट हाउस,,,(एकदम से मदहोश होते हुए आराधना बोली) गेस्ट हाउस में ले जाकर मुझे चोद मैं भी गेस्ट हाउस में तुझे से चुदवाना चाहती हूं एक अनजान औरतों की तरह एक रंडी की तरह मानव की तो मुझे पैसे चुरा कर ले जा रहा हो,,, मैं भी गेस्ट हाउस का मजा लेना चाहती हूं,,,,

क्या सच में मम्मी,,,

हां संजू मैं तेरे साथ गेस्ट हाउस में चलना चाहती हूं मैं देखना चाहती हूं कि इस टॉवर्स में औरतें किस तरह से चुदवाती है अनजान नजरों के बीच अनजान कमरे में और वहां के लोगों को इस बारे में पता होगी तो मुझे वहां पर चोदने के लिए लाया, है,,,।

ओहहहहह मम्मी तुमने तो यह कहकर मेरे लंड पर कहर बरसा रही हो,,,,(इतना कहने के साथ ही संजू अपनी मां के कदमों को पकड़कर अपनी तरफ घुमा दिया और उसके लाल-लाल होठों पर अपने होंठ रखते हुए बोला,,) सच में बहुत मजा आएगा जब भी तुम्हें देखता उसने जाऊंगा तुम्हें वहां से जाकर चोदुंगा,,,,,(और इतना कहने के साथ ही संजू पूरी तरह से मदहोश हो गया हो अपनी मां के लाल लाल होठों का रसपान करते हुए उसे बिस्तर पर लिटा दिया और खुद उसके ऊपर पसर गया अब वह पूरी तरह से उत्तेजित हो चुका था गेस्ट हाउस वाली बात से दोनों मां बेटी पूरी तरह से मदहोश हो चुके थे दोनों के पास कपड़े उतारने का समय बिल्कुल भी नहीं था और इसीलिए संजू अपनी मां की साड़ी को बिना उतारे उसे ऊपर की तरफ खींच कर उसकी कमर तक उठा दिया और आराधना भी अपनी भारी-भरकम कांड के नीचे दबी साड़ी को ऊपर करने के लिए अपनी गांड को पर की तरफ उठा दी और संजू भी पूरी तरह से साड़ी को कमर के इर्द-गिर्द इकट्ठा कर दिया कमर के नीचे पूरी तरह से आराधना नंगी हो चुकी थी केवल उसकी चूत को छुपाने के लिए उसकी लाल रंग की पैंटी थी जिसे संजू ने बिना उतारे उसके नीचे वाली किनारी को खींचकर बगल में कर दिया और आराधना की कचोरी जैसी फूली हुई चूत का सहारा लेकर उसकी पैंटी की किनारी उस जगह पर एकदम स्थिर हो गई और अपनी मां की पनियाई हुई चूत में,,, वह अपने लंड को घुसाने के लिए अपनी पेंट को भी नहीं उतारा बल्कि चैन खोलकर उसमें से बड़ी मशक्कत करने के बाद अपने मोटे तगड़े लंड को बाहर निकाल लिया और उसी तरह से अपने लंड को अपनी मां की बुर में डालकर चोदना शुरू कर दिया दोनों पूरी तरह से मदहोश हो चुके थे और संजू पहले धक्के से पूरी तरह का जोर लगा था वह अपनी मां को चोदना शुरू कर दिया साथ ही बुरा के बाहर निकली हुई चूची को दोनों हाथों में दशहरी आम की तरह पकड़ कर जोर जोर से दबाता हुआ वह अपनी कमर हिला रहा था आराधना भी अच्छी तरह से समझ रही थी कि गेस्ट हाउस का जिक्र होते ही उसके बेटे में दोगुना जोश आ गया था और उसी जोश का मजा वह पूरी तरह से ले रही थी आराधना के कमरे में गर्म सिसकारियां गूंज रही थी जिस का मजा लेते हुए संजू अपनी मां की चूत में लंड पेल रहा था,,,,।

आहहह आहहहह संजू मेरे बेटे मेरे राजा मुझे ले चलेगा ना गेस्ट हाउस में,,,,

हां मेरी रानी तुझे रंडी बनाकर गेस्टहाउस ले जाऊंगा और वहां पर तुझे पैसे देकर चोदूंगा,,,,

आहहह बहुत मजा आएगा मेरे राजा,,,


हां मेरी रानी बहुत मजा आएगा तुझे रंडी बनाकर तेरे मुंह में अपना लंड डालूंगा तेरी गांड के छेद को चाटुंगा और तुझे घोड़ी बनाकर चोदुंगा,,,

हाय मेरे राजा तूने यह कहकर मेरे बदन में आग लगा दिया है अब जल्दी-जल्दी अपने लंड को मेरी चूत में डालकर जोर-जोर से अंदर बाहर कर तेज धक्कों के साथ ही मुझे चुदवाने में मजा आता है,,,,आहहहह आहहहह हां ऐसे ही मेरे राजा,,,,

मेरी रंडी तब तैयार रहना रविवार को तुझे तो चलूंगा गेस्ट हाउस पहले तुझे मूवी दिखाऊंगा और मूवी दिखाने के बाद तुझे गेस्ट हाउस ले जाकर चोदूंगा,,,

ऊमममम आहहहह मेरा निकलने वाला है और जोर जोर से धक्के लगा,,,,आहहहह आहहहरह

तू चिंता मत कर मेरी रानी तुझे किनारे पर पहुंचाने के बाद एक ही मैं सांस लूंगा देख अब मैं तेरी कैसी चुदाई करता हूं,,,
(संजू समझ गया था कि उसकी मां का पानी निकलने वाला है इसलिए वह बिल्कुल भी देर किए बिना अपने दुखों को रफ्तार दे दिया था और अपनी मां की जबरदस्त चुदाई कर रहा था जांघों से जांघे टकरा रही थी और उसकी आवाज से पूरा कमरा गूंज रहा था,,,, आराधना अपने कमरे में अपनी ही बिस्तर पर अपने बेटे के साथ चुदवा रही थी अपने बेटे के तेज धक्कों को वह सहन नहीं कर पा रही थी और मस्ती में उसके मुंह से जोर जोर से चीख निकल रही थी जिसको सुनने वाला इस समय वहां कोई नहीं था पूरी पलंग चरमरा रही थी,,, इस तरह की पलंगतोड़ चुदाई उसे अपने बेटे से ही प्राप्त होती थी और थोड़ी ही देर में अपने बेटे के तेज झटकों के साथ ही दोनों एक साथ भला भला कर झड़ने लगे,,,,
वासना का तूफान पूरी तरह से थम गया था पूरा गर्म लावा अपनी मां की चूत में गिरा लेने के बाद राजू अपने लंड को अपनी मां की चूत से बाहर निकलता हुआ उसके बगल में ही पसर गया,,,,,, कुछ देर तक गहरी सांस लेते हुए आराधना भी वहीं पर चारों खाने चित लेटी रह गई थोड़ी देर बाद वह बिस्तर पर से उठ कर बैठ गई और धीरे से पलंग के नीचे रखकर खड़ी हो गई साड़ी उसके बदन से उतर कर नीचे गिर चुकी थी उसकी चुदाई करते समय ही संजू ने उसका ब्लाउज भी उतार फेंका था और इस समय वह केवल ब्रा और पेटीकोट में ही थी,,,,, और उसी हाल में वह कमरे से बाहर निकल गई और कुछ ही क्षण में संजू के कान में औरत के मूतने की आवाज उसकी मधुर सिटी साफ सुनाई देने लगी वह तुरंत बिस्तर पर उठ कर बैठ गया पर वह भी कमरे से बाहर आने के लिए जैसे कमरे के दरवाजे पर पहुंचा तो उसकी नजर सामने पड़ गई और उसकी मां बाथरूम में ना जाकर बाथरूम के बाहर ही बैठकर पेशाब कर रही थी उसकी गोरी गोरी नंगी गाड़ी एकदम साफ नजर आ रही थी एक बार फिर से यह नजारा देखकर संजू कैलेंडर में हरकत होने लगी और वह बिना कुछ बोले अपनी मां के पीछे जाकर बैठ गया जैसे वह बैठी थी वैसे वह भी मिल गया लेकिन जाने से पहले वह अपनी पेंट को उतारकर एकदम नंगा हो गया था और जैसे ही आराधना को अपने पीछे संजू के बैठने का एहसास हुआ तब तक बहुत देर हो चुकी थी संजू का मोटा तगड़ा लंबा लंड उसके पीछे से एकदम आगे की तरह पाकर उसकी बुर की छेद पर सुपाड़ा स्पर्श होने लगा था जिस पर आराधना के पेशाब की धार पढ़ रही थी वह एक तरह से अपने बेटे के लंड पर मुंह रही थी और यह एहसास संजू के बदन में एक बार फिर से उत्तेजना की चिंगारी को भड़का दिया,,, संजू इस मौके का फायदा उठाते हुए अपने लंड को हाथ से पकड़ कर उसके सुपाड़े को अपनी पेशाब करती हुई मां की चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया और साथ ही वह भी पेशाब करने लगा एक अद्भुत दृश्य नजारा कमरे के अंदर बाथरूम के पास में नजर आ रहा था जिसे देखने वाला कोई नहीं था लेकिन इसे महसूस करने के लिए दोनों मां बेटे पूरी तरह से फिर से उत्तेजित होने लगे,,,, संजू बैठे-बैठे ही अपनी मां की चूत में लंड डालने की कोशिश करने लगा और उसकी कोशिश कामयाबी होने लगी देखते ही देखते संजू के लंड का सुपाड़ा आराधना की चूत में प्रवेश कर गया लेकिन इससे ज्यादा आगे घुसाना मुश्किल हो रहा था तो उत्तेजना और मदहोशी के आलम में संजू उसी जगह पर थोड़ा पीछे की तरफ हो गया और अपने हाथ की कोहनी का सहारा लेकर एकदम से पीछे की तरफ लेट गया और आराधना भी जानती थी कि उसे क्या करना है वह तुरंत अपने घुटनों को मोड़ कर बैठ गई और अपने हाथ को नीचे की तरफ लाकर अपनी बेटी के लंड को पकड़ कर उसे वापस अपनी गुलाबी छेद में सटा दी और फिर अपनी भारी-भरकम गोल-गोल गांड को अपने बेटे के खड़े लंड पर रखना शुरू कर दिया और देखते ही देखते अपने बेटे के लंबे लंड को अपनी चूत की गहराई में छुपा लिया और फिर उसके ऊपर कूदना शुरू कर दी संजू अपने दोनों हाथ आगे बढ़ा कर अपनी मां की भारी-भरकम गांड को दोनों हाथों में पकड़ लिया और उसे पकड़ कर अपने लंड पर ऊपर नीचे करने लगा दोनों पूरी तरह से मदहोश हो चुके थे देखते ही देखते आराधना बड़े जोरों से अपनी गांड को अपने बेटे के लंड के ऊपर पटक रही थी,,,, इस खेल में दोनों पूरी तरह से मदहोश और आनंदित हुए जा रहे थे इस समय इस खेल का पूरा कमाए आराधना के हाथों में था इसलिए वह जैसा चाहे वैसे अपनी गांड को हिला रही थी तभी जोर-जोर से तो कभी एकदम होले होले से अपनी गांड को हिलाते हुए अपने बेटे के लंड अपनी चूत में ले रही थी उसे बहुत मजा आ रहा था मोटा तगड़ा लंड उसकी चूत की अंदरूनी दीवारों में रगड़ रगड़ कर अंदर बाहर हो रहा था,,,, इस एहसास से वह पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी एक बार फिर से आराधना की गरम सिसकारियां गुंजने लगी और कुछ ही देर में दोनों एक बार फिर से झड़ गए,,,
दोनों जिस हाल में थे दोनों को नहाना जरूरी था इसलिए दोनों बाथरूम में एक साथ घुस गए और अपने सारे कपड़े उतार कर नहाना शुरू कर दिए,,,

थोड़ी ही देर में दोनों नहा कर बाहर आ गए और अपने अपने कपड़े पहन कर एकदम दुरुस्त हो गए आराधना बहुत खुश थी क्योंकि रविवार को उसका बेटा उसे गेस्ट हाउस ले जाने वाला था एक नए अनुभव के लिए इसलिए वह चाय बनाने लगी,,,, चाय बन कर तैयार होती तब तक मोहिनी भी घर पर आ गई थी और तीनों एक साथ मिलकर चाय पिए और संजू कोचिंग क्लास के लिए निकल गया,,,।
Jabardast, mind blowing update
 

Alok

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Bahut hi behtareen aur kamuk update rohnny4545 bhai...

Ab Sanju aaradhana ko guest house lejakar apni saari hasratein poori karega aur aaradhana bhi sayad guest house jakar yeh dekhna chahti hai ki uske pati ko randiyo ko chodne mein kya maaza aata tha..
 

vyabhichari

Member
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भाई आराधना और संजू के बीच पहले रेट तय करवाना, जैसे रंडियां मोल भाव करती हैं। संजू बोले की ज़्यादा बोल रही हो, तो आराधना बोले की समान और चीज़ भी देखो राजा। फिर आराधना उसके साथ बाइक पर चिपक कर जाए। वहाँ कमरे में ब्लू फिल्म दिखाए और फिर आराधना गंदी गंदी हरकतें करे। संजू बैठे और आराधना अश्लील डांस करे ब्रा पैंटी में। फिर उसके ऊपर पैसे उड़ाए। फिर अपनी माँ को चोदे, और मूठ मुंह पर गिराए।
 

Raj_sharma

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Awesome update With Great writing Skills 💥💥💥💥💥💯💯💯💯💯💯👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻
 

rohnny4545

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भाई आराधना और संजू के बीच पहले रेट तय करवाना, जैसे रंडियां मोल भाव करती हैं। संजू बोले की ज़्यादा बोल रही हो, तो आराधना बोले की समान और चीज़ भी देखो राजा। फिर आराधना उसके साथ बाइक पर चिपक कर जाए। वहाँ कमरे में ब्लू फिल्म दिखाए और फिर आराधना गंदी गंदी हरकतें करे। संजू बैठे और आराधना अश्लील डांस करे ब्रा पैंटी में। फिर उसके ऊपर पैसे उड़ाए। फिर अपनी माँ को चोदे, और मूठ मुंह पर गिराए।
Thanks dear

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