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जोरू का गुलाम भाग 246 ----तीज प्रिंसेज कांटेस्ट पृष्ठ १५३३
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आपकी बात मान के इस अपडेट में मैंने थोड़ा सुधार किया, चार दिन पहले पोस्ट भी किया ,कोमल जी आपकी कहानी तो अच्छी हे पर आपके लिखने की सेटिंग सही नहीं लग रही हे , एक तो इमेज बेहद ज्यादा हें , दुसरे आप कुछ लाइनों को पुरे पेज में फेला देती हें जेसे एक वाक्य के बाद दुसरे वाक्य में दुरी ज्यादा हे और लाइने भी बिखरी हुई हें ये आपकी हर कहानी में देखा जा रहा हे , अभी में नेहा का परिवार देख रहा था , उसमे पेराग्राफ सुगठित तरीके से लिखा हुआ हे और पढने में भी अच्छा लगता हे , पर आपकी कहानी अच्छीखासी होते हुए भी पढ़ी नही जा रही हे , अगर आप इस पर ध्यान दे तो ठीक रहेगा और इमेज बहुत ज्यादा हें , पाठक आपकी लेखनी को पढ़ता हे , इमेज से ज्यादा फर्क नही पड़ता हे इस मामले में सीमा जी की " नेहा का परिवार" मुझे ज्यादा बेहतर लगी उसमे कहीं भी इमेज नहीं हें बाकि आपकी मर्जी
बहुत बहुत धन्यवाद, आपको अच्छी लगी ये पोस्टउफ्फ्फ...... बस इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकता..... बस पानी बहने से किसी तरह रोक लिया बस.....
बहुत बहुत धन्यवाद, बस अब हर पोस्ट के बाद आपके कमेंट्स का वेट रहेगाआपकी अन्य कहानी की तरह ही यह कहानी भी रोमांचकारी और धमाकेदार
thanks idea interesting haiDidi guddi ke boobs aur pussy par tattoo bhi banvao achchhi lagegi bahut
धन्यवाद कोमल जी , वेसे आपकी कहानी पढकर होली की मस्ती जेसी फीलिंग्स आती हे , हालाँकि में इमेज को कम ही पसंद करता हूँ , पर आपकी इमेज कहानी बेस्ड हें , कुछ विदेशियों की इमेज को छोडकर अपने यहाँ की खुबसुरत लड़कियों की तस्वीरें मन को सुकून देती हें , और मेने इमेज को एक अलग ही फोल्डर में रखा हे , बाकि मेने आपकी कहानी की लाइनों को तरीके से व्यवस्थित करने की कोशिस की हे . और एक बात आप अपडेट एक पेज पर दे दें किस पेज पर अपडेट हें या इंडेक्स बना दें , ज्यादा बेहतर रहेगा नये बाद में आपकी कहानी पढने वालों को सारे पेज पलटने नही पड़ेंगे उसका समय बचेगा और वो कहानी पढने पर ज्यादा फोकस करेगा . धन्यवाद फिर मिलते हें .आपकी बात मान के इस अपडेट में मैंने थोड़ा सुधार किया, चार दिन पहले पोस्ट भी किया ,
बस अब आपके कमेंट्स का इंतजार है ,
बताइये कैसा लगा।
जोरू का गुलाम भाग १६९
गुड्डी की सुहागरात, भैया के साथ,
पृष्ठ ५५९ पर
बहुत बढिया कोमल जी पहले से काफी बेहतर हे . बस इंडेक्स और जोड़ दें , या शुरू के पेज पर ये कर दें की अपडेट किस पेज पर हे बाकि कहानी के बारे में कहने की जरूरत नही हे , होली के रंगों और मस्ती की तरह मादकता से भरपूर कहानीThanks for the comments and like.
लेकिन कमेंट का सूखा पड़ गया था,इस बार तो अपडेट की बारिश कर दी है आपने....
जबरदस्त उदाहरण दिया है आपनेफिल्म "गोरा और काला" में रेखा पिटने पर भी मजा ले रही थी..
बल्कि और उकसा-उकसा कर....
पहली मुलाक़ात है जी पहली मुलाक़ात है,...एक-एक सेकेंड कीमती है...
किसी को भी जाया नहीं होने देंगे....
एकदम और मैं कोशिश करती हूँ की पाठकों से संवाद, एक अर्थपूर्ण संवाद जरूर करूँ,... वो समय निकाल के कहानी पढ़ने आते हैं उनमे से कुछ लाग करके कमेंट भी देते हैं तो,... और फिर सम्बाद एक पुल की तरह भी काम करते हैंस्वस्थ संवाद... कहानी की दशा और दिशा निर्धारित करते हैं...