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Incest यह क्या हुआ

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राजेश और भगत दोनों सुखी राम के घर पहुंच गए।

दोनों ने देखा कि दरवाजा अंदर से बंद है ।भगत ने कहा भाई दरवाजा अंदर से बंद है।

राजेश ने कहा दरवाजा खटखटा।

भगत ने दरवाजा खटखटाया।

चमेली बाई इस समय अपने कमरे में आराम कर रही थी ।दरवाजे खटखटाने की आवाज सुनकर वह कमरे से बाहर आती है और यह सोचते हुए इस वक्त कौन हो सकता है। वह दरवाजा खोलती है ।

दरवाजा खोलते ही उसकी नजर राजेश और भगत पर पड़ती है। दोनों को देखते ही वह मुस्कुराते हुए कहती है अरे राजेश और भगत तुम दोनों हो, बहुत दिनों बाद चाची को याद किया।

राजेश और भगत दोनो ने चाची को नमस्ते किया।

चमेली बाई - नमस्ते बेटा, आओ चलो अंदर आओ

राजेश और भगत दोनों अंदर आ गए और वे बैठक रूम मे लगे सोफे पर बैठ गए।

राजेश ने कहां है आप कैसी है चाची जी।

चमेली- बेटा मैं तो ठीक हूं। तुम दोनों कैसे हो।

राजेश- हम भी अच्छे हैं चाची ।

चमेली बाई ने कहा -बेटा लगता है अपनी चाची को भूल ही गए उस दिन के बाद, इतने दिनों के बाद आज याद आई ।

राजेश ने कहां चाची जी ऐसी बात नहीं है दरअसल में कुछ दिनों से कालेज ही नहीं आ रहा था। हां चाची जी कुछ मनचले लड़कों से झगड़ा हो जाने के कारण मुझे काफी चोटे आई थी, जिसके कारण मैं कॉलेज नहीं आ पा रहा था ।

चमेली बाई ने कहा -तुम्हारे चाचा जी ने तुम्हारे बारे में मुझे बताया था राजेश। तुम्हारे बारे में जानकर बहुत दुख हुआ था बेटा ।अब तुम्हारी तबीयत कैसी है?

राजेश -अब तो मैं पूरी तरह ठीक हूं चाची।

भगत ने बोला चाची जी जिन लड़काे ने भाई पर हमला किया था उसे भाई ने अच्छा सबक सिखाया है। पुलिस वाले भी ढूंढ रहे हैं सालों को उन्हे सजा होने से कोई नहीं बचा सकता।

भगत ने कहा चाचा जी कहीं नजर नहीं आ रहे है।

चमेली भाई ने - बेटा तुम्हारे चाचा जी बाजार में कुछ सामान लाने गये है।आने में समय लगेगा। कुछ काम था क्या?

राजेश ने बोला नहीं चाची जी, हम तो काफी दिन हो गए थे तो आप लोगों से मिलने चले आए।

चमेली बाई बोली बहुत अच्छा किया बेटे मैं तो सोच रही थी कि तुम लोग अपनी चाचा चाची को भूल ही गए।

राजेश- चाची जी तुम्हारे हाथों से बना स्वादिष्ट भोजन हम कैसे भूल सकते हैं? सच में आप बहुत अच्छा खाना बनाती हो।

चमेली बाई ने कहा, झूठी तारीफ करना तो कोई आप लोगों से सीखे ।

भगत ने कहा ,राजेश सही कह रहा चाची जी उस दिन बहुत स्व़ादिष्ट भोजन बनाई थी।

चमेली बाई अच्छा ठीक है बाबा,अब मेरी तारीफ करना अब बंद करो और बताओ आज मैं तुम दोनों के लिए क्या बनाऊं।

राजेश ने कहा अरे चाची ने कष्ट उठाने की जरूरत नहीं है ।हम लोग तो आपसे मिलने के लिए आए थे।

फिर भी बेटा आए हे तो कुछ खा कर ही जाना। भोजन बनाने में काफी समय हो जाएगा। मैं तुम दोनों के लिए आमलेट बना देती हू। तुम लोगों को पसंद तो है ना ।

भगत हां चाची जी आमलेट हम दोनों को पसंद है।

चमेली बाई ने कहा अरे बातों ही बातों में मैं तुम लोगों को पानी देना ही भूल गई।

वह पानी लानेने किचन की ओर अपने चूतड़ को मटकाते हुए चली , जिसे देखकर भगत ने राजेश को इशारा किया ।देखो भाई कैसे अपने कुल्हे मटकाते हुए चल रही ,क्या मस्त माल है साली। आज तो इसकी गाड को बजा कर रहेंगे और वहअपने लंड को एक हाथ से में सहलाने लगा।

राजेश ने भी चमेली बाई के मटकते गांड को देखा। उसने देखा की चाची जानबूझकर अपने चूतड मटकाते हुए चल रही है ।

राजेश ने भगत से कहा यार यदि हम दोनों यहां रहेंगे तो चाची को पटाना मुश्किल होगा। हम दोनों में में से किसी एक को बाहर जाना होगा। जब अकेले रहेंगे तब चाची को खुलने मे आसान होगा।

भगत ने कहा तुम ठीक कह रहे हो भाई ।तुम यहां रहो क्योंकि चाची तुम्हारी ओर आकर्षित लगती है। मुझे यकीन है, वह तुमसे जल्दी पट जाएगी। मैं बहाना बनाकर बाहर चला जाता हू ।काम बन जाने के बाद तुम मुझे मिस ़़़कॉल कर देना। मैं समझ जाऊंगाऔर वापस आ जाउंगा।

राजेश बोला हां यह ठीक रहेगा ।
चमेली बाई कमरे में पानी लेकर पहुंची। वह राजेश् और भगत से बोली ,लो बेटा पानी पी लो ।

पानी देनेके लिए जैसे ही नीचे झुकी , राजेश और भगत की नजरें उसकी झूलती हुई चुचियों पर पढ़ा, जो ब्लाउज से बाहर आने के लिए बेताब नजर आ रहे थे। उनकी गोरे-गोरे बडी बडी सुडौल चूचियों को देखकर राजेश और भगत दोनों के लंंड* के नसों मे खून भरने लगा ।

चमेली बाई उन दोनों की नजरों अपने स्तनों को निहारते हुए पाकर उसके शरीर में भी अजीब सी हलचल होने लगी।

दोनों ने पानी पी लिया फिर राजेश चमेली बाई से छुपा कर भगत के मोबाइल पर कॉल कर दिया ।भगत ने कांल उठाया और बातचीत करने लगा ।

चमेली बाई समझी भगत किसी दूसरे से बात कर रहा है । भगत चाची से कहा ,चाची जी मुझे कॉलेज जाना होगा। जरूरी काम आ गया है ।मैं थोड़ी देर बाद आ जाऊंगा ,तब तक नाश्ता भी तैयार हो जाएगा।

चमेली बाई बोली ठीक है भगत तुम काम निपटा कर आ जाना ।

चमेली बाई ,राजेश से बोली बेटा तुम टीवी पर कुछ प्रोग्राम देखो ।तब तक मैं नाश्ता तैयार करती हूं और वह किचन मैं चली गई ।

भगत जाते समय अपना अंगूठा दिखाकर राजेश को बेस्ट ऑफ लक कहा।

राजेश थोड़ी देर बैठक रूम में बैठने के बाद वह भी किचन में चला गया ।

जब चमेली बाई ,राजेश को देखी, तो बोली अरे राजेश बेटा तुम किचन में क्यो आ गए ।कुछ चाहिए क्या?

राजेश बोला, चाची जी मैं अकेला बैठा बोर हो रहा था मैंने सोचा क्यो न मैं नाश्ता बनाने में तुम्हारी मदद कर दूं।

चमेली बाई इस समय प्याज ,मिर्ची और टमाटर एक प्लेट पर काटने के लिए निकाली थी और वह प्याज काट रही थी ।

राजेश ने बोला चाची जी मेै टमाटर काट देता हूं ।

चमेली बाई बोली क्या तुमने कभी टमाटर काटा है।

राजेश - वैसे तो कभी कांटा नहीं हूं ,पर आप सिखाओगी तो मै सीख जाऊंगा।

चमेली बाई हंसने लगी । वह राजेश से बोली तो क्या अपनी चाची से सीखने आए हो और क्या-क्या सीखोगे अपनी चाची से ।

राजेश बोला चाची जी , मैं तो अनाड़ी हूं आप जो भी सिखाएंगी मै अच्छे से सीखने की कोशिश करूंगा।

चमेली बाई ने एक चाकू राजेश को देते हुए कहा अच्छा चलो इस टमाटर काटो मैं भी देखू टमाटर तुम कैसे काटते?

राजेश चाकू लेकर टमाटर काटने लगा।

चमेली बाई बोली, अच्छा राजेश तुम एक बहुत अच्छे लड़के हो ,फिर तुम यह बताओ ,उन लफंगे लड़कों के साथ तुम्हारा झगड़ा कैसे हुआ ?

राजेश ने कहा चाची उन लोगों ने मेरी बहन स्वीटी के बारे में गलत बोला, जिससे मुझे गुस्सा आ गया और मैं उन लोगों से भीड गया ।

चमेली बाई बोली उन लड़कों ने स्वीटी के बारे ऐसा क्या बोल दिया जो तुम्हे उन पर गुस्सा आ गया।

राजेश ने कहा ,उन लोगों ने स्वीटी को क्या मस्त माल है ?बोला।

चमेली बाई ने कहा ,क्या स्वीटी उस दिन सच में खूबसूरत और हॉट लग रही थी?
राजेश ने कहा, हा।

चमेली बाई बोलू तब तो तुम्हें इतना इतना गुस्सा नहीं करना चाहिए था ।

राजेश ने बोला मेरे सामने मेरी बहन को कोई माल बोले तो मुझे गुस्सा आएगा ही ।चाची अगर मै चाचा जी के सामने तुम्हें क्या मस्त माल है ?बोलूंगा तो चाचा जी नाराज होंगे कि नहीं।

चमेली बाई ने कहा क्यों बेटा मैं तो दो बच्चों की मां हूं बूजी हो चुकी हूं ।मैं कहां से मस्त माल लगती हूं ।मुझे लगता है कि तुम्हारे चाचा जी को बुरा नहीं लगेगा।

राजेश ने कहा क्यों चाची जी आप तो अभी काफी जवान हो और काफी हॉट भी हो ।अभी आप बूड़ी कहां हुई हो आपका हुस्न तो किसी भी नौजवान को अपना दीवाना बना देगी ।

चमेली बाई ने कहा झूठी तारीफ करना तो कोई तुमसे सीखे।

राजेश बोला ,नहीं चाची जी मैं झूठी तारीफ नहीं कर रहा। मैं सच कह रहा हूं तुम काफी हाट लगती हो ।

चमेली बाई बोली अच्छा फिर ये बताओ मैं कहां से हॉट लगती हूं ।

राजेश चमेली बाई के पास आ गया और बोला , रहने दो चाची आप बुरा मान जाओगी।

चमेली बाई ने कहा नहीं मैं बुरा नहीं मानूंगी ,आखिर मुझे भी तो पता चले मैं कहां से हॉट लगती हूं ।

चमेली बाई इस समय साड़ी और ब्लाउज पहनी हुई थी कमर पर साडी नाभि के काफी नीचे बांधी हुई थी राजेश चमेली बाई के पीछे खड़ा होकर एक हाथ से उसके पेट को सहलाने लगा और चमेली भाई से बोली तुम्हारी ये पतली कमर और गोरे गोरे बदन पर यह नाभि क्या कयामत ढा रही है किसी भी जवान को अपना दीवाना बनाने के लिए काफी है।

चमेली बाई के पेट सहलाने से चमेली बाई के शरीर में सिहरन दौड़ने लगी।

राजेश बोला तुम्हारी खूबसूरत बदन पर ये नाभी काफी हॉट लगती है और उसके पेट पर हाथ चलाने लगा।

राजेश कहा ने चमेली बाई से कहा और बताउं तुम कहां से हाथ हॉट लगती हो ।

चमेली बाई ने धीरे से कहा, हूं।

राजेश ने कहा चाची कहीं तुम बुरा तो नहीं मानोगी ना चमेली बाई ने धीरे से नहीं मैं बुरा नहीं मानूंगी बताओ और मैं और कहां से हाट लगती हूं।

राजेश का हिम्मत बढ़ गया, वह अपना एक हाथ उसकी चूची पर रख दियाऔर उसे दबाने लगा, फिर कहां चाची यह तुम्हारी गोरी गोरी बड़ी बड़ी दूदू काफी मस्त है ।इसे देखते ही किसी का भी लोड़ा तन जाएगा।

राजेश के द्वारा उसकी चूचियां मसलने और अश्लील शब्द का प्रयोग करने से उसके शरीर में रक्त प्रवाह काफी बढ़ गया। चमेली बाई सिसक उठी और बोली बेटा यह क्या कर रहे हो ।

राजेश ने कहा चाची में बता रहा हूं कि तुम कहां से कहां से हॉट लगती हो ,तुम्हारी इन मस्त चूचियो को देख कर देखो मेरा क्या हाल है और चमेली बाई के एक हाथ को पकड़ कर अपने लंड के ऊपर पेंट पर बनी उभार पर रख दिया ।

चमेली बाई ने राजेश के लंड को अपने हाथ में महसूस कर ।उसकी सांसे तेज आने लगी, उसका सीना ऊपर नीचे होने लगा ,वह काफी उत्तेजित हो गई ।

उसने देखा कि सच में राजेश का लोड़ा खड़ा हो गया है और काफी बड़ा लग रहा है ।

उसने राजेश से बोला राजेश तुम्हारा तो सच में खड़ा हो गया है ।

राजेश अपने दोनों हाथों से चमेली बाई के चूची को मसलने लगा चमेली बाई उत्तेजित होकर सिसकने लगी।

राजेश ने चमेली बाई से कहा चाची और बताउ, तुम कहां से हॉट लगती हो।

चमेली बाई ने सिसकते हुए कहा, और कहां से बेटा।

राजेश अपना एक हाथ चमेली बाई के चूतड़ पर ले जाकर उसे सहलाने लगा और बोला तुम्हारी उभरी हुई गांड काफी हाट है इसे देखकर तो बूढे का लंड खड़ा हो जाए और उसकी गांड को सहलाने लगा।

राजेश की इस हरकत से चमेली बाई काफी उत्तेजित हो गई और और गहरी गहरी सांस लेने लगी। उसकी सांसे तेज चलने लगी ।

राजेश ने चमेली बाई को घुमा कर उसका मुख अपने ओर कर दिया ।चमेली बाई ने राजेश की ओर देखा दोनों एक दूसरे की आंखों में देख रहे थे ।दोनों की आंखों में चुदाई के लिए तड़प साफ नजर आ रहा था।

राजेश चमेली बाइक के होंठों पर अपने होंठ रख कर उसे चूसना शुरू कर दिया चमेली बाई भी उसका का सहयोग करने लगी। उसके होंठ चूसने के बाद हुआ उसकी गर्दन को चुमते हुए ,वह उसकी दूदू की तरफ आगे बढ़ गया ।

राजेश ने चमेली बाई ब्लाउज के बटन खोल दीए और ब्रा को ऊपर सरका कर चूची को बाहर निकाल दिया। उसकी चूची को देखकर राजेश बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया ।उसका लंज खड़ा होकर ठूनकी मारने लगा। वह चमेली के चूचक को मुंह में भर कर चूसने लगा।

उसकी चुचियों को दोनों हाथों से मसल मसल कर उसके निप्पल को मुंह में भर कर चूसने लगा।

राजेश की इस हरकत से चमेली बाई की बूर से पानी झरने की तरह बहने लगी। चमेली बाई काफी दिनों से प्यासी थी ।

कुछ देर तक चूची पीने के बाद राजेश आगे बढ़ा और इसके नाभि को चाटने लगा जिससे चमेली बाई का बदन कपकपाने लगे। वह सिसकने लगी। अब दोनों से बर्दाश्त करना मुश्किल हो गया।

राजेश ने चमेली बाई को अपने बाहों में उठा लिया और बेडरूम की ओर ले गए ।बेडरूम में ले जाकर उसे पलंग पर पटक दिया।

राजेश ने अपना पैंट का चैन खोलकर अपने लंड को बाहर निकाला ।चमेली बाई,राजेश के विशाल एवं खूबसूरत लंड को देख कर मंत्रमुग्ध हो गई ।

राजेश ने चमेली बाई के आंखों मे देख कर आंखों ही आंखों से लंड चूसने का इशारा किया।

चमेली बाई पलंग से उठ कर नीचे फर्श पर आकर बैठ गई ।राजेश के लंड को अपने हाथों से पकड़ ली, जो इस समय हवा में लहरा रहा था और चमेली बाई की हाथ लगते ही लंड और कठोर होकर ठूमकने लगा ।

चमेली बाई देर न करते हुए राजेश के लंड के टोपे को अपने मुंह में भर कर चूसनी लगी राजेश अपने दोनों हाथों से चमेली बाई क़़ी बालों को पकड़ लिया और आंखें बंद कर लंड * चुसवाने * का मजा लेने लग।

राजेश का लंड** चमेली बाई के मुंह में घपा घप अंदर बाहर होने लगा। कुछ देर तक लंड* चुसवाने*का मजा लेने के बाद ,राजेश चमेली बाई को अप़ने हाथों से उठाकर खड़ा कर दिया। उसके होंठ को फिर से चूसना शुरू कर दिया ,फिर उसकी चूची को पीने लगा।

चमेली बाई फिर से सिसकने लगी। राजेश्, चमेली को बेड के किनारे लिटा दिया और उसके पेटीकोट को उसके पैरों के ऊपर जागो से भी ऊपर उठाते हुए उसके कमर तक चढ़ा दिया।

चमेली बाई पैंटी पहनी हुई थी राजेश ने उसकी पैंटी को दोनों हाथों से पकड़ा और उसे खींचकर उसे पैरों से अलग कर दिया ।

पेंटी बूर रस से भीग चुका था। राजेश उसकी पैंटी को सूघने लगा एक ज़नाना के बर रस का गंध पाकर उस़का लंड और कठोर हो गया।

पेंटी के निकलते ही चमेली बाई की खूबसूरत एवं चिकनी चूत ** राजेश की नजरों के सामने आ गया जिसे देखकर राजेश का लंड और कठोर होकर ठूनकी मारने लगा ।

चमेली बाई की नजर राजेश को ठूनकी मारते हुए लंड* को देखी तो ,उसका बूर और रस छोड़ने लगी।


राजेश ने अपना एक हाथ उसके बूर पर रखकर उसे सहलाने लगा। एक उंगली उसके चूत केअंदर ले जाकर ,उसके भग्नासा को रगड़ने लगा जिससे चमेली बाई आनंद के मारे चीखने लगी ।अपने दोनों पैरों को जोड़ने लगी। चमेली बाई के चूत से पानी झरने की तरह बह रही थी ।जिसे राजेश की उंगली पूरी तरह गीला हो गया ।

राजेश समझ गया था कि चमेली बाइ पूरी तरह उत्तेजित हो गई है ।वह देर ना करते हुए अपने लंड को एक हाथ से पकड़ा और लंड* का टोपा चमेली बाई के चूत पर रखकर उसके चूत पर उपर से रगडा।

चमेली बाई से अब बर्दाश्त नहीं हुआ वह राजेश से बोली और मत तड़पाओ बेटा मैं मर जाऊंगी अंदर डालो और अपनी चाची की प्यास बुझाओ।

राजेश लंड का टोपा को चमेली बाई के बुर् के मुख पर रखकर एक जोर का धक्का मारा लंड* सरसराते हुए चमेली बाई के चूूत* को फाड़कर , आधा अंदर घूस गया ।चमेली बाई के मुख से चीख निकल गई।

वह बोली आराम से करो राजेश बेटा तुम्हारा बहुत बड़ा है ।

राजेश दोनों हाथों से चमेली बाई की चूची को पकड़कर उसे मसल कर उसके चूचक को मुंह में भर कर पीने लगा।

चमेली बाई फिर से सिसकने लगी । राजेश अपने कमर को धीरे-धीरे हिला कर अपना लंड चमेली बाई की चूत** में अंदर बाहर करने लगा ।धीरे-धीरे लंड* चूत मे अपनी जगह बनाने लगा ।

चमेली बाई के चूत के पानी से राजेश का लंड* पूरी तरह भीग चुका था। वह अब बड़ी आसानी से चूत के अंदर बाहर होने लगा। राजेश ने अपना स्पीड बढ़ा दिया। अपने दोनों हाथों से चमेली बाई की कमर को पकड़ के उसके चूत को तेज तेज चोदना शुरु कर दिया ।

लंड चमेली बाई की चूत * में फच फच गच गच की आवाज करते हुए अंदर बाहर होने लगा।

लंज* बड़ा होने के कारण चूत की दीवारों को और उसकी भग्नासा को अच्छी तरह रगड़ते हुए गपा गप अंदर बाहर होने लगा ।जुदाई के आनंद के मारे चमेली बाई अपना सुध बुध खो बैठी और आंखें बंद कर ली थी उसके मुख से आनंद के मारे सिसकने की आवाज लगातार निकल रही थी ।

इधर राजेश को भी चमेली बाई को चोदने बहुत मजा आने लगा। दोनों स्वर्ग में चले गए,थे। राजेश अब जोश में चमेली बाई को जोर जोर से चोदने लगा।

राजेश का लंड* अब चमेली बाई के बच्चेदानी को ठोकने लगा। जिससे चमेली को ऐसा अद्भुत आनंद मिलने लगा ,जिसे वह ज्यादा देर तक बर्दाश्त न कर सकी और वह झड़ने लगी। झड़ते समय वह राजेश को अपनी टांगो से पूरी तरह जकड़ ली जिसे राजेश धक्का मार ना सका ।वह भी समझ गया कि चाची झड गई है और दोनो कुछ देर इसी अवस्था में पड़े रहे।

राजेश अपने लंड को चमेली बाई की चूत से बाहर निकाला। राजेश का लंड* चमेली बाई के बुर के रस से चमक रहा था ।और हवा में लहराते हुए ठूनकी मार रहा था।

राजेश चमेली बाई को पलंग से उठाकर उसके होठों को चूसने लगा ।फिर वह पलंग पर बैठ गया और चमेली बाई को अपनी गोद पर बिठा लिया।

चमेली बाई, राजेश के गोद में सामने मुख कर बैठ बैठी थी । राजेश उसे बाहों में भर लिया ।उसके गर्दन को चूमने लगा। धीरे-धीरे व उसकी चूची की ओर आगे बढ़ा और उसे अपने हाथों से मसल कर पीना शुरू कर दिया।

चमेली बाई फिर गर्म होकर सिसकने लगी।

राजेश पलंग से खड़ा हो गया और चमेली बाई को से पलटाकर उसे कुत्तिया बना दिया और वह उसके पीछे खड़ा हो गया ।

राजेश अपने एक हाथ से लंड को पकड़ कर चमेली बाई के चूत** के मूख पर रख कर एक जोरदार धक्का मारा।
लंड सरसराते हुए चमेली बाई के चूत गच की आवाज करता हुआ चला गया क्योंकि राजेश के चुदाई से चमेली बाई का चूत काफी खुल गया एक ही धागे में आधे से ज्यादा लंड* खचाक की आवाज करता हुआ अंदर घुस गया ।

चमेली बोली, राजेश बेटा आराम से करो मैं कही भागी नहीं जा रही ।

राजेश अपने दोनों हाथ सामने ले जाकर चमेली बाई की चूची को अपने हाथों में थाम लिया और उसे मसलने लगा । कुछ देर उसके दूदू स् खेलने के बाद उसके पीठ को सहलाने और चूमने लगा लगा, जिससे चमेली बाई फिर से सिसकने लगी।

राजेश अपनी कमर हिला कर लंड* को चूत * के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया। लंज कुछ ही देर में गचागच, अंदर बहार होना शुरू हो गया।

अब राजेश दोनों हाथों से चमेली बाई की कमर को पकड़ कर ,लंड** को तेज गति से चमेली बाई चूत** में पेलने लगा।

लंड, चमेली बाई के बूर में फच फच गच गच की आवाज करता हुआ अंदर बाहर होने लगा ।

राजेश को चुदाई में फिर से बहुत मजा आने लगा। चमेली बाई तो फिर से अपना सुध बुध खो बैठी। दोनों एक बार फिर स्वर्ग में चले गए।

तभी राजेश को यह मौका अच्छा लगा भगा को बुलाने का।राजेश ने अपना मोबाइल अपनी जेब से निकाला और भगत को मिस कॉल कर दिया। इधर भगत राजेश के कॉल का इंतजार कर रहा था। वह समझ गया कि काम बन गया है।वह सुखीराम के घर चल पड़ा।

इधर राजेश चमेली बाई को जोर-जोर से चोदना शुरु कर दिया ।जिससे उसका लंड चमेली बाई के बच्चेदानी को फिर से ठोकने लगा। जिससे चमेली बाई
कभी सिसकती थी तो कभी उसके मुख चीख निकलती थी।

इस आसन में चुदाई*करने से राजेश के लंड के टट्टे उसके कुल्हे से टकराने से कमरे में थप थप की आवाज भी गूंज रही थी ।

इधर भगत सुखीराम के घर पहुंच चुका था ।उसने देखा दरवाजा खुला है ।वह अंदर गया। बैठक रूम पर कोई नहीं था ।वह किचन में गया। वहां भी कोई नहीं था ।वह समझ गया कि दोनों बेडरूम में होंगे ।वह बेडरूम कि ओर गया बेडरूम का दरवाजा भी खुला था। जैसे ही वह अंदर गया अंदर का दृश्य देखकर ,उसके शरीर में खून तेज गति से बहना शुरू हो गया।

इस समय राजेश और चमेली बाई दोनों अपनी सुध बुध खोकर चुदाई का मजा ले रहे थे। कमरे में लंड* का चूत मे अंदर बाहर होने से फच फच गच गच की आवाज। लंड के टट्टे का चमेली के कुलहे से टकराने से थप थप की आवाज और चमेली बाई के आनंद के मारे सिसकने और चिखने की आवाज गूंज रही थी।

ऐसा नजारा देख कर भगत का लंड तन कर खड़ा हो गया।

इधर राजेश की नजर भगत पर पड़ा वह चुदाई* के नशे में था ।उसे राजेश के आने से कोई फर्क नहीं पड़ा और वह उसी गति से चुदाई* करता रहा।

इधर भगत भी अपना पेंट निकाल लिया और अंडर वियर खिसका कर लंड* बाहर निकाल कर अपने हांथ से हिलानेलगा।

इधर राजेश चमेली बाई को और जोर-जोर से हुमच हुमच कर चोदने लगा, जिससे चमेली बाई को बर्दाश्त नहीं हुआ वह फिर से झड़ने लगी।

झड़ते समय वह बेड को अपने हाथों से जोर से भीच ली। उसके मुख से चीख निकल गई।

राजेश् और भगत दोनों ही समझ गए कि चमेली बाई झड़ गई है। कुछ देर तक दोनों ऐसे ही हालत में पड़े रहे फिर राजेश ने अपना लंड* चमेली बाई के चूत से बाहर निकाल लिया।

उसका लंड* फचाक की आवाज करता हुआ लंड से बाहर आया। लंड * चूत के रस से भीगकर चमक रा था ।बूर का पानी पीकर और लंबा और मोटा होकर हवा में लहरा रहा था, जिस पर भगत की नजर पड़ते ही उसकी आंखें फटी की फटी रह गई ।

भगत अपने मन मे कहा राजेश का हथियार कितना तगड़ा है ,तभी राजेश भाई की अपनी पहली चुदाई* मे ही मां जी की चूत सुजा दी ।

भगत कू नजर चमेली बाई की चूत पर पढा , चमेली बाई की चूत का छेद काफी फैल गई थी ।भगत अपने मन में कहा राजेश भाई ने तो चाची के बूर की धज्जियां उड़ा दी है ।

राजेश ने भगत को दो उंगली दिखा कर उसके बीच अपनी जीभ चला कर भगत को, चमेली बाई का चूत चाटने का इशारा किया ।

चमेली बाई अभी अनजान थी उसे पता नहीं था कि कमरे मे भगत भी है।वह कमरे में घोडी बने अवस्था में ही पड़ी हुई थी ।

भगत ,चमेली बाई के चुत को पास जाकर देखने लगा उसके चूत से रस बह रहा था ।भगत ने पेटीकोट से चमेली बाई के चूत रस को साफ किया। फिर उसके चूत पर अपनी जीभ से चाटने लगा ।

चमेली बाई को अपनी चूत पर किसी गर्म चीज का एहसास हुआ। वह पीछे पलट कर देखी। उसने देखा राजेश पीछे खड़ा था ।वह मन मे सोची तो मेरी चूत * कौन चाट रहा है ।उसने सिर पीछे घुमाकर देखा उसने देखा कि भगत उसका चुत चांट रहा है उसे आश्चर्य हुआ कि यह कब आया ।

राजेश ने चमेली बाई से कहा चाची ,भगत हम दोनों को चूदाई करते हुए देख रहा था और उत्तेजित हो गया है। उसे भी थोड़ा मजा लेने दो।

चमेली बाई राजेश की चुदाई * की दीवानी हो गई थी वह राजेश की बात ना टाल सखी ।

इधर भगत चमेली बाई के चुत को तेज तेज चाटने लगा जिससे कुछ ही देर में चमेली बाई फिर से गर्म हो गई। इसके पहले किसी ने उसका चुत नहीं चांटा था पहली बार वह चुत चटवाने का * का मजा ले रही थी। वह आनंद के मारे सिसकने लगी । जब उसे बर्दाश्त करना मुस्किल हुआ ।

वह बोली, बेटा बस करो मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा भगत ने चूत * चाटना बंद कर दिया और अपना लंड अपने एक हांथ से पकड़ कर चमले बाई के चूत मुख पर रख दिया उऔर उसके चूत पर जोर का धक्का मारा।लंड सरसराते हुए एक ही बार मैं पूरा अंदर घुस गया।

भगत काफी उत्तेजित हो गया था ।वह जोश में आकर चमेली बाई के कमर को पकड़ कर तेज तेज धक्के * मारने लगा।

भगत का इस तरह चोदना मेरे चमेली बाई को भी अच्छा लगने लगा।

इधर राजेश बेड के ऊपर चढ गया और चमेली बाई के सिर के सामने जाकर बैठ गया। वह अपने खड़े लंड* को चमेली बाई के मुख के पास ले गया ।चमेली बाई समझ गई राजेश क्या चाहता है ?

चमेली बाई राजेश क लंड को अपने मुंह में भर कर चूसने लगी।

इधर भगत पीछे से तेज गति से चमेली बाई की चूत* बजा रहा था। भगत का लंड चमेली बाई के चूतरस से पूरी तरह भीग चुका था ।लंड* चूत में फच फच की आवाज करता हुआ अंदर बाहर हो रहा था ।

चमेली बाई को भगत से चुदाने में मजा आ रहा था ,पर भगत चमेली बाई को उस चरमसुख तक नहीं ले जा सका। जहां तक राजेश ने ले गया था ।सुख के उस स्तर तक पहुंचने के लिए चमेली बाई ने भगत को और जोर जोर से चोदने के लिए कहा ।भगत और जोर-जोर से ठुकाई करने लगा , पर चमेली को निराशा ही हाथ लगी।

इधर भगत की नजर चमेली बाई के गांड के छेद पर गया ।चमेली बाई की गांड का छेद काफी बड़ा लग रहा था ।भगत की अनुभवी आंखों ने जान लिया की चाची जरूर गांड मरवाती है ।

उसने चाची से कहा चाची तुम्हारा गांड का छेद तो काफी बड़ा है। लगता है ,चाचा जी तुम्हारे गांड मारते हैं।

चमेली बाई ने कहा, हां बेटा ,पता नहीं तुम्हारे चाचा जी को यह शौंक कैसे लग गया ?जब से उसने गांड मारना शुरू किया। वह चुत को मारना ही बंद कर दिया। मेरे गाड के पीछे ही लगा रहता है ,जिससे मेरी चुत बरसों से प्यासी थी ।आज इसकी प्यास बुझ रही है ।

भगत ने चाची से कहा ,चाची मैंने जब तुम्हें पहली बार देखा तभी मैं जान गया था कि तुम प्यासी हो ।तुम्हारे उभरी हुई गांड को देखकर मैंने ठान लिया था कि मुझे तुम्हारी गांड मारनी है।

भगत चाची से कहा ,चाची मुझे भी तुम्हारी गांड मारने का मन कर रहा है ।चाची बोली लगता है बेटा तुम्हें भी तुम्हारे चाचा जी की तरह गांड मारने का शौक है ।कर लो अपनी शौक पूरी ।

भगत ने अपने लंड* को चूत * से बाहर निकाल दिया और चमेली बाई के गांड के छेद पर अपने लंज के टोपे को रख दिया।

चमेली बाई के गांड का छेद काफी बड़ा था जैसे ही भगत ने एक धक्का मारा उसका लंड का टोपा गाड़ के अंदर चला गया।

इधर राजेश का लंड चमेली बाई के मूह के अंदर था वह चीख ना पाई ।राजेश उसकी चूची को मसलने लगा ।

उधर भगत अपनी कमर को हिला कर धीरे धीरे लंड को , चमेली बाई के गांड में ठेलने लगा। लंड* धीरे-धीरे चमेली बाई के गांड में अपनी जगह बनाने लगा और कुछ ही देर बाद लंड पूरा गांड के अंदर घुस गया ।

लंड गांड में कसा कसा अंदर बाहर आने जाने लगा। जिससे भगत को बहुत मजा आने लगा । अब वह तेज गति से गांड में अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा। उसे गांड मारने में बहुत मजा आ रहा था ।

इधर चमेली बाई को राजेश का लंड* बूर में लेने का मन कर रहा था। उसे राजेश से चूत* मरवाने का मन कर रहा था ।वह राजेश से बोली बेटा अब तुम मेरी बूर चोदो।

राजेश पलंग पर लेट गया उसका लंड सीधा खड़ा होकर ठूमक रहा था । उसने चमेली बाई को अपने लंड पर बैठने का इशारा किया ।

इधर भगत भी राजेश के इशारा को समझ कर ,गांड मारना बंद कर दिया और अपना लंड गांड से बाहर निकाल दिया ।

चमेली बाई पलंग पर चढ़कर ।राजेश के लंड को एक हाथ से पकड़ कर अपनी चूत पर सेट किया और लंड* की की टोपे को अपनी योनि द्वार पर रखकर उस पर बैठ गई जिससे लंड सरसराता हुआ चूत के अंदर चला गया।

लंड* का चूत * में जाते ही वह सिसक उठी ।

राजेश चमेली बाई की चुचियों को अपने हाथों में थाम उसे मसलने लगा। उसकी चूची को पीने लगा।

चमेली बाई अपनी कमर को ऊपर नीचे करके लंड को अपने बूर में अंदर-बाहर करने लगी ।धीरे-धीरे उसकी चूत * में पूरे लंड को निगल गई ।

अब राजेश भी चमेली बाई के कमर को पकड़ कर उसके कुल्हे को अपने लंड पर पटक पटक कर चोदने लगा ।

चमेली बाई भी जोर-जोर से उछल उछल कर राजेश के लंड से चुदने लगी ।लंड का टोपा चमेली बाई की बच्चेदानी को ठोकने लगा ।जिससे चमेली बाई प्राप्त फिर से चरम सुख प्राप्त करने लगी ।उसके मुख से क सीसकने की आवाज निकलने लगी। वह जोर-जोर से उछल उछल कर राजेश के लंड* से चुदने लगी ।

राजेश और चमेली बाई दोनों ही अपनी सुध बुध खो बैठे ।चमेली बाई के राजेश के लंड पर उछल कूद करने से उसकी चूचिया भी ऊपर नीचे उछलने लगी।

दोनों की चुदाई*** देखकर भगत बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया ।उससे रहा न गया ।वह भी पलंग पर चड गया और चमेली बाई के पीछे खड़ा हो गया।

वह अपने लंड को हिलाते हुए कहा ,राजेश भाई मेरा भी तो ख्याल रखो ।

राजेश अपनी आंखें खोल कर देखा भगत बेड पर चढ़कर अपना लंड हिला रहा है।वह समझ गया भगत क्या चाहता है ?वह चुदाई रोक दिया और चमेली बाई को अपने हाथों से खींच कर अपने सीने से लगा लिया। जिससे चमेली बाई की गाड भगत के सामने आ गया।

राजेश भगत से बोला डाल दो अपने लंड* चाची की गांड में।

भगत मुस्कुराते हुए अपना लंड चमेली बाई की गांड पर सेट कर दिया और चमेली बाई के गांड पर एक जोर का धक्का मारा ,लंड गच से गांड के अंदर घुस गया ।इसी के साथ राजेश के लंड का दबाव चूत मे बढने से लंड चमेली बाई के बच्चेदानी से टकरा गए जिससे चमेली बाई चिहुक उठी।

भगत फिर से एक जोरदार धक्का मारा उसका लंड गांड में पूरा समाहित हो गया ।इधर राजेश का लंड फिर से चमेली बाई के बच्चेदानी से टकराया ।फिर से चमेली बाई चिहुक उठी ।

भगत अपने लंड को गांड में धीरे धीरे अंदर बहार करना शुरू कर दिया। राजेंश भी नीचे से अपना कमर हिला कर अपना लंड* चूत* में ठेलने लगा। गांड और चूत *की * एक साथ चुदाई होने से ,चमेली बाई जन्नत मैं पहुंच गई।

इधर राजेश और भगत दोनों ही जोर-जोर से धक्का लगाने लगे। चमेली बाई आनंद के मारे चीखने और चिल्लाने लगी ।वह सिसकने लगी ।

चमेली बाई ने सपने मे भी नहीं सोची थी दो जवान लड़को से वह एक साथ ऐसे चुदेगी ।

भगत को अब अपने पर नियंत्रण रख पाना मुश्किल हो गया और वह बहुत जोर-जोर से गाड मारने लगा ।वह झड़ने वाला था ।

वह राजेश से बोला भाई मैं झड़ने वाला हूं।

राजेश बोला, अंदर मत झडना भगत ।

भगत से और बर्दाश्त नहीं हुआ अपने लंड गांड से बाहर खींच लिया और कराहते हुए चमेली बाई की चूतड़ पर ही झडने लगा ।

चमेली बाई भगत के वीर्य को अपने पेटीकोट से पोछ कर साफ लिया ।

अब चमेली बाई फिर से राजेश के लंड पर जोर जोर से उछल उछल कर चूदने लगी ।

राजेश भी उसके कमर को पकड़ कर उसके कूल्हे लंड पर पटक पटक चोदने लगा। दो फिर से अपना सुध बुध खो बैठे । वे जन्नत में चले गए। राजेश का लंड चमेली बाई की बूर के भग्नासा को रगड़ते हुए फच फच की आवाज करता हुआ चूत के अंदर जा रहा था लंड का टोपा बच्चेदानी से टकरा रहा था, जिससे चमेली बाई सुख की चरम अवस्था में पहुंच गई और वह झड़ने लगी। उसका शरीर कप कपाने लगा ।वह राजेश के सीने से जकड़ गई ।

इ धर भगत ,राजेश के स्तंभन शक्ति को देखकर आश्चर्यचकित था।

राजेश ने भगत से कहा भगत तुम बैठक रूम में जाओ और देखो कोई आ ना जाए कोई आए तो संभाल लेना भगत ने कहा ठीक हैभाई ।

भगत क मरे से निकलकर बैठक रूम में आकर बैठ गया ।

राजेश भी चरम अवस्था मैं पहुंचने वाला था वह चुदाई * बंद करना नहीं चाहता था। वह बेड से उठकर कर बैठ गया और साथ मे रात में चमेली बाइ को भी उठा कर बेड पर पीठ के बल लिटा दिया । खुद उसके ऊपर आ गया ।

वह चमेली बाई के होंठों को चूसने लगा ।उसके दूध दबाने और चूचक को मूह मे भर कर चूसने लगा। धीरे धीरे चमेली बाई फिर गर्म होने लगी। राजेश अपनी एक उंगली चमेली बाई के चूत पर ले जाकर ,उसकी भग्नासा को रगड़ने लगा। कुछ देर चमेली बाई फिर से सिसकने लगी ।

राजेश पलंग से उतर कर चमेली बाई को भी उठाकर पलंग से उतार दिया और चमेली बाई की साडी और को उसके ब्लाउज को निकाल कर शरीर से अलग कर दिया।

वह उसकी ब्रा को भी उसके जिस्म से अलग कर दिया । चमेली बाई अब केवल पेटीकोट में थी।

राजेश चमेली बाई के नाभि को चुमले चाटने लगा। चमेली बाई आनंद के मारे सिसकने लगी। राजेश खुद भी अपना कपड़ा उतारकर नंगा हो गया।

राजेश की गठीला बदन को देख कर चमेली बाई और भी ज्यादा उत्तेजित हो गई ।वह राजेश को सीने से लगाकर उसे चूमने चाटने लगी।

राजेश भी बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया था। वह चमेली बाई के पेटीकोट का नारा को खींचकर उसे भी उसके शरीर से अलग कर दिया ।

दोनों कमरे में बिल्कुल नंगे हो गए थे ।दोनों एक दूसरे के खूबसूरत जिस्म को देखकर कामवासना में जलने लगे ।

राजेश का लंड* बहुत कठोर होकर ठूमक रहा था वह चूत * के अंदर जाने के लिए तड़प रहा था। एक दूसरे के नंगे जिस्म को जी भर कर देखने के बाद राजेश ने चमेली बाई को लंड चूसने का का इशारा किया।

चमेली भाई नीचे बैठ कर राजेश के लंड * को मुंह में लेकर चूसने लगी।

राजेश कुछ देर लंज* चूस वाने के बाद चमेली बाई को पलंग के सहारे घोड़ी बना दिया और उसके पीछे जाकर अपना लंड * हाथ में लेकर उसकी चूत * के मुख पर रखकर एक जोरदार धक्का मारा । लंड चूत * को फाड़ते हुए सरसराता ़हुआ ़ बूर मे अंदर घुस जगया ।

चमेली बाई के मुख से कामुक चीख निकल गई।

राजेश ने चमेली बाई के कमर को दोनों हाथों से पकड़ कर लंड को चूत मे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे सरकता हुआ समूचा लंड* चूत में समा गया।


राजेश जोर जोर से चोदना शुरू कर दिया ।लंड चूत मे फच फच गच गच की आवाज करता हुआ अंदर बहार होने लगा।

चमेली बाई को राजेश से बूर*चोदवाने में फिर से बहुत मजा आने लगा ।वह भी कमर पूछे हिला हिला कर राजेश का सहयोग करने लगी ।

दोनों चुदाई* की मस्ती में पूरी तरह डूब चुकेथे।

राजेश की नजर चमेली के गांड पर पड़ा उसकी गांड के छेद फूल और पिचक रहे थे।

राजेश को गांड चोदने की इच्छा हुआ।वह लंड को चूत से बाहर खींच लिया। और चमेली बाई के गोरे गोरे कूल्हे को चूमनेचाटने लगा ।

चमेली बाई को समझ नहीं आया कि आखिर राजेश मने लंड के क्यों बाहर निकाल लिया ?

राजेश ने अपना लंड का टोपा चमेली बाई गांड के छेद पर जैसे ही रखा । तमेली बाई , राजेश से बोली, नहीं राजेश ,मेरी गांड मत मारो ।तुम्हारा लंड* बहुत बड़ा है काफी मोटा है। मेरी गांड फट जाएगी।

राजेश बोलो, चाची मुझे भी गाड का स्वाद चखना है। मूझे जानना है कि गांड मारने में कैसा लगता है।

चमेली बाई बोली, नहीं राजेश मै तुम्हारा लंड** मैं अपनी गांड में नहीं ले पाऊंगी। मेरी गांड फट जाएगी।

राजेश ने कहा क्या जाजी तूम मेरी खुशी के लिए थोड़ा कष्ट नहीं उठा सकती।

राजेश कि याचना को सुनकर चमेली बाई बोली, बेटा बहुत ही आराम से धीरे धीरे करना ।मुझे बहुत मुझे बहुत दर्द होगा।

राजेश ने कहा चाची जी तुम चिंता मत करो मैं धीरे-धीरे आराम से डालूंगा और राजेश अपना लंड* का टोपा चमेली बाई की गांड के छेद पर रख जोर से दबाया लंड का टोपा काफी मोटा था। वह अंदर नहीं जा पा रहा था ।

चमेली बाई ,राजेश से कहा रुको राजेश ।वह उठ कर खड़ा हो गई और वह अलमारी से एक क्रीम निकालकर राजेश को दे दी और मैं बोली इस क्रीम को मेरी गांड और अपने लंड पर * अच्छे से लगाा दो। तेरे चाचा जी इस क्रीम को लगाकर मेरी गाड मारते है। जिससे लंड गांड में आसानी से चला जाताहै और दर्द भी बहुत कम होता है।

राजेश ने क्रीम लेक कर अपने लंज* में अच्छे से लगा लिया और दो उंगली में क्रीम लगाकर उसे चमेली बाई के गाड के छेद में भर दिया। चमेली बाई के गांड में अच्छी तरह भरकर उसके गांड में दो उंगली डालकर अंदर-बाहर करने लगा। फिर दोनों उंगलियों से उसके गाड के छेद को फैलाने लगा ।एक हाथ की अंगुलियों से उसकी गांड के छेद को फैला कर दूसरे हाथ में लंड* को पकड़ कर उसके टोपे को उसकी गांड के छेद पर रख दिया और एक जोरदार झटका मारा।

लंड का टोपा गांड के अंदर घुस गया चमेली बाई के मुख से एक चीख निकली और वह बोली बेटा आराम से मेरी गाड फट जाएगी।

राजेश चमेली बाई के पीठ को चूमने चाटने लगा उसके स्तनों को दोनों हाथों से पकड़ कर मसलने लगा, जिससे चमेली बाई का दर्द कम हो गया । उसके दूदू को मसलते हुए लंड* का दबाव गांड पर डालने लगा जिससे लंड धीरे-धीरे से सरखता हुआ गाड मे घुसने लगा ।

राजेश अपना लंड* को गांड मे धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा और लंड का दबाव हर बार गांड में थोड़ा बढ़ाने लगा ,जिससे लंड गांड के अंदर घुस कर अपनी जगह बनाने लिया ।

लंड आधे से ज्यादा गांड के अंदर घुस गया। राजेश चमेली बाई के कमर को को पकड़कर लंड उसके गांड में मारना शुरू कर दिया ।धीरे-धीरे लंड गांड में अपनी जगह बना ली और पूरा लंड* गांड में समा गया ।

इसे देखकर राजेश को बड़ा आश्चर्य हुआ इतना मोटा लंड गांड के अंदर पूरा समाहित होने उसे बड़ा आश्चर्य हुआ।

वह कमर को पकड़ कर गांड को तेज तेज चोदना चोदना शुरू कर दिया ।

चचमेली बाई को आनंद और दर्द दोनोंमिल रहा था वह कभी जी सिसकती थी तो कभी दर्द से कराहती थी।

राजेश का लंड गांड में बुरी तरह जकड़ हुआ था जिससे लंड* कसा कसा अंदर बाहर होने लगा। जिससे राजेश को एक अलग आनंद आने लगा ,पर उसे लगने लगा कि अगर वह इसी तरह गांड चोदता रहा तो वह बहुत जल्द झड़ जाएगा ।अतः कुछ देर गांड मारने के बाद गांड से लंड* को निकाल दिया ।

लंड निकालने के बाद देखा कि चमेली बाई के गांड का छेद काफी फैल गया है। उसे देखकर राजेश मुस्कुराने लगा ।

राजेश जोश में था चमेली बाई के चूत में लंड सेट कर जोर से धक्का मारा लंड* गच की आवाज के साथ चूत में घुस गया ।

राजेश चमेली बाई के चुत जोर जोर से चोदने लगा ।चमेली बाई फिर से आनंद के मारे सिसकने लगी ।कुछ देर चूत चोदने के बाद फिर से राजेश ने अपना लंड चूत से बाहर निकाल कर, उसके गांड में डाल दिया और गांड को भी जोर जोर से चोदने लगा।

इस प्रकार हुआ कभी गांड में तो कभी चूत * में अपना लंड डालकर चोदता रहा।

चमेली बाई को राजेश के इस हरकत से बहुत मजा आने लगा ।वह भी राजेश का खुलकर साथ देने लगी।

राजेश को खुद पर नियंत्रण रख पाना मुश्किल हो गया वह अपने लंड चमेली बाई के चूत में डाल कर चमेली बाई को जोर जोर से चोदने लगा। उसका लंड का टोपा चमेली बाई के बच्चेदानी को ठोकने लगा । चमेली बाई जिससे आनंद के मारे सिसकने लगी वह स्वर्ग में चली गई ।चरम सुख प्राप्त करने लगी ।

राजेश को अब बर्दाश्त ना हुआ और एक जोरदार धक्का मार कर चमेली बाई के कुल्हे को को अपने कमर से सटा कर जोर जोर से आह आह कराहते हुए वीर्य की लंबी-लंबी पिचकारी चमेली बाई के गर्भ में छोड़ने लगा ।

गरम गरम वीर्य को अपने बच्चेदानी में जाता हुआ अनुभव कर,चमेली बाई भी एक बार फिर झड़ने लगी।

चमेली बाई का इस समय गर्भधारण कांल चल रहा था उसके अंडासय से अंडा उत्सर्जित होकर उसके गर्भाशय और अंडाशय को जोड़ने वाली नली में आकर शुक्राणु का इंतजार कर रहा था।

राजेश का शुक्राणु गरभासय से नली मे जाकर तेजी स
अंडा तक पहुचकर उसके के अंदर प्रवेश कर गया और उसके अंडा को निषेचित कर दिया।

इस घटना से राजेश और चमेली बाई दोनों अनजान थे।

राजेश चमेली बाई को चोदकर में अपना बीज उसके कोख में बो दिया था।

दोनों झड़ने के बाद, चुदाई करते हुए काफी थक गए थे ।दोनों बिस्तर पर लेट गए ।चमेली बाई राजेश के सीने पर सिर रख कर लेट गई ।दोनों एक दूसरे के बाहों में कुछ समय तक ले लेटे रहे ।

राजेश ने बोला, चाची तुम खुश तो हो ना।

चमेली बाई मुस्कुराते हुए बोली ,हां बेटा आज मैं बहुत खुश हूं मेरी बरसों की प्यास आज तूने बुझा दी ।

चमेली बाई राजेश की दीवानी हो गई थी । चुदाई का जो सुख राजेश से उसे मिला, ऐसा सुख उसे आज तक कभी नहीं मिला था ।

चमेली बाई बोली , बेटा चाची को भोगने में तुम्हें मजा आया कि नहीं ।

राजेश ने कहा चाची तुमने तो मुझे जन्नत में पहुंच दिया था ।मुझे भी बहुत मजा आया ,और दोने एक दूसरे से कसकर लिपट गये।
Gajab kar diya bhagat bhai kya likhte ho chkidar ki bibi to lagta hai ki ab chod kar hi manege ye dono, awesome update.
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Raj_sharma

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राजेश और भगत दोनों सुखी राम के घर पहुंच गए।

दोनों ने देखा कि दरवाजा अंदर से बंद है ।भगत ने कहा भाई दरवाजा अंदर से बंद है।

राजेश ने कहा दरवाजा खटखटा।

भगत ने दरवाजा खटखटाया।

चमेली बाई इस समय अपने कमरे में आराम कर रही थी ।दरवाजे खटखटाने की आवाज सुनकर वह कमरे से बाहर आती है और यह सोचते हुए इस वक्त कौन हो सकता है। वह दरवाजा खोलती है ।

दरवाजा खोलते ही उसकी नजर राजेश और भगत पर पड़ती है। दोनों को देखते ही वह मुस्कुराते हुए कहती है अरे राजेश और भगत तुम दोनों हो, बहुत दिनों बाद चाची को याद किया।

राजेश और भगत दोनो ने चाची को नमस्ते किया।

चमेली बाई - नमस्ते बेटा, आओ चलो अंदर आओ

राजेश और भगत दोनों अंदर आ गए और वे बैठक रूम मे लगे सोफे पर बैठ गए।

राजेश ने कहां है आप कैसी है चाची जी।

चमेली- बेटा मैं तो ठीक हूं। तुम दोनों कैसे हो।

राजेश- हम भी अच्छे हैं चाची ।

चमेली बाई ने कहा -बेटा लगता है अपनी चाची को भूल ही गए उस दिन के बाद, इतने दिनों के बाद आज याद आई ।

राजेश ने कहां चाची जी ऐसी बात नहीं है दरअसल में कुछ दिनों से कालेज ही नहीं आ रहा था। हां चाची जी कुछ मनचले लड़कों से झगड़ा हो जाने के कारण मुझे काफी चोटे आई थी, जिसके कारण मैं कॉलेज नहीं आ पा रहा था ।

चमेली बाई ने कहा -तुम्हारे चाचा जी ने तुम्हारे बारे में मुझे बताया था राजेश। तुम्हारे बारे में जानकर बहुत दुख हुआ था बेटा ।अब तुम्हारी तबीयत कैसी है?

राजेश -अब तो मैं पूरी तरह ठीक हूं चाची।

भगत ने बोला चाची जी जिन लड़काे ने भाई पर हमला किया था उसे भाई ने अच्छा सबक सिखाया है। पुलिस वाले भी ढूंढ रहे हैं सालों को उन्हे सजा होने से कोई नहीं बचा सकता।

भगत ने कहा चाचा जी कहीं नजर नहीं आ रहे है।

चमेली भाई ने - बेटा तुम्हारे चाचा जी बाजार में कुछ सामान लाने गये है।आने में समय लगेगा। कुछ काम था क्या?

राजेश ने बोला नहीं चाची जी, हम तो काफी दिन हो गए थे तो आप लोगों से मिलने चले आए।

चमेली बाई बोली बहुत अच्छा किया बेटे मैं तो सोच रही थी कि तुम लोग अपनी चाचा चाची को भूल ही गए।

राजेश- चाची जी तुम्हारे हाथों से बना स्वादिष्ट भोजन हम कैसे भूल सकते हैं? सच में आप बहुत अच्छा खाना बनाती हो।

चमेली बाई ने कहा, झूठी तारीफ करना तो कोई आप लोगों से सीखे ।

भगत ने कहा ,राजेश सही कह रहा चाची जी उस दिन बहुत स्व़ादिष्ट भोजन बनाई थी।

चमेली बाई अच्छा ठीक है बाबा,अब मेरी तारीफ करना अब बंद करो और बताओ आज मैं तुम दोनों के लिए क्या बनाऊं।

राजेश ने कहा अरे चाची ने कष्ट उठाने की जरूरत नहीं है ।हम लोग तो आपसे मिलने के लिए आए थे।

फिर भी बेटा आए हे तो कुछ खा कर ही जाना। भोजन बनाने में काफी समय हो जाएगा। मैं तुम दोनों के लिए आमलेट बना देती हू। तुम लोगों को पसंद तो है ना ।

भगत हां चाची जी आमलेट हम दोनों को पसंद है।

चमेली बाई ने कहा अरे बातों ही बातों में मैं तुम लोगों को पानी देना ही भूल गई।

वह पानी लानेने किचन की ओर अपने चूतड़ को मटकाते हुए चली , जिसे देखकर भगत ने राजेश को इशारा किया ।देखो भाई कैसे अपने कुल्हे मटकाते हुए चल रही ,क्या मस्त माल है साली। आज तो इसकी गाड को बजा कर रहेंगे और वहअपने लंड को एक हाथ से में सहलाने लगा।

राजेश ने भी चमेली बाई के मटकते गांड को देखा। उसने देखा की चाची जानबूझकर अपने चूतड मटकाते हुए चल रही है ।

राजेश ने भगत से कहा यार यदि हम दोनों यहां रहेंगे तो चाची को पटाना मुश्किल होगा। हम दोनों में में से किसी एक को बाहर जाना होगा। जब अकेले रहेंगे तब चाची को खुलने मे आसान होगा।

भगत ने कहा तुम ठीक कह रहे हो भाई ।तुम यहां रहो क्योंकि चाची तुम्हारी ओर आकर्षित लगती है। मुझे यकीन है, वह तुमसे जल्दी पट जाएगी। मैं बहाना बनाकर बाहर चला जाता हू ।काम बन जाने के बाद तुम मुझे मिस ़़़कॉल कर देना। मैं समझ जाऊंगाऔर वापस आ जाउंगा।

राजेश बोला हां यह ठीक रहेगा ।
चमेली बाई कमरे में पानी लेकर पहुंची। वह राजेश् और भगत से बोली ,लो बेटा पानी पी लो ।

पानी देनेके लिए जैसे ही नीचे झुकी , राजेश और भगत की नजरें उसकी झूलती हुई चुचियों पर पढ़ा, जो ब्लाउज से बाहर आने के लिए बेताब नजर आ रहे थे। उनकी गोरे-गोरे बडी बडी सुडौल चूचियों को देखकर राजेश और भगत दोनों के लंंड* के नसों मे खून भरने लगा ।

चमेली बाई उन दोनों की नजरों अपने स्तनों को निहारते हुए पाकर उसके शरीर में भी अजीब सी हलचल होने लगी।

दोनों ने पानी पी लिया फिर राजेश चमेली बाई से छुपा कर भगत के मोबाइल पर कॉल कर दिया ।भगत ने कांल उठाया और बातचीत करने लगा ।

चमेली बाई समझी भगत किसी दूसरे से बात कर रहा है । भगत चाची से कहा ,चाची जी मुझे कॉलेज जाना होगा। जरूरी काम आ गया है ।मैं थोड़ी देर बाद आ जाऊंगा ,तब तक नाश्ता भी तैयार हो जाएगा।

चमेली बाई बोली ठीक है भगत तुम काम निपटा कर आ जाना ।

चमेली बाई ,राजेश से बोली बेटा तुम टीवी पर कुछ प्रोग्राम देखो ।तब तक मैं नाश्ता तैयार करती हूं और वह किचन मैं चली गई ।

भगत जाते समय अपना अंगूठा दिखाकर राजेश को बेस्ट ऑफ लक कहा।

राजेश थोड़ी देर बैठक रूम में बैठने के बाद वह भी किचन में चला गया ।

जब चमेली बाई ,राजेश को देखी, तो बोली अरे राजेश बेटा तुम किचन में क्यो आ गए ।कुछ चाहिए क्या?

राजेश बोला, चाची जी मैं अकेला बैठा बोर हो रहा था मैंने सोचा क्यो न मैं नाश्ता बनाने में तुम्हारी मदद कर दूं।

चमेली बाई इस समय प्याज ,मिर्ची और टमाटर एक प्लेट पर काटने के लिए निकाली थी और वह प्याज काट रही थी ।

राजेश ने बोला चाची जी मेै टमाटर काट देता हूं ।

चमेली बाई बोली क्या तुमने कभी टमाटर काटा है।

राजेश - वैसे तो कभी कांटा नहीं हूं ,पर आप सिखाओगी तो मै सीख जाऊंगा।

चमेली बाई हंसने लगी । वह राजेश से बोली तो क्या अपनी चाची से सीखने आए हो और क्या-क्या सीखोगे अपनी चाची से ।

राजेश बोला चाची जी , मैं तो अनाड़ी हूं आप जो भी सिखाएंगी मै अच्छे से सीखने की कोशिश करूंगा।

चमेली बाई ने एक चाकू राजेश को देते हुए कहा अच्छा चलो इस टमाटर काटो मैं भी देखू टमाटर तुम कैसे काटते?

राजेश चाकू लेकर टमाटर काटने लगा।

चमेली बाई बोली, अच्छा राजेश तुम एक बहुत अच्छे लड़के हो ,फिर तुम यह बताओ ,उन लफंगे लड़कों के साथ तुम्हारा झगड़ा कैसे हुआ ?

राजेश ने कहा चाची उन लोगों ने मेरी बहन स्वीटी के बारे में गलत बोला, जिससे मुझे गुस्सा आ गया और मैं उन लोगों से भीड गया ।

चमेली बाई बोली उन लड़कों ने स्वीटी के बारे ऐसा क्या बोल दिया जो तुम्हे उन पर गुस्सा आ गया।

राजेश ने कहा ,उन लोगों ने स्वीटी को क्या मस्त माल है ?बोला।

चमेली बाई ने कहा ,क्या स्वीटी उस दिन सच में खूबसूरत और हॉट लग रही थी?
राजेश ने कहा, हा।

चमेली बाई बोलू तब तो तुम्हें इतना इतना गुस्सा नहीं करना चाहिए था ।

राजेश ने बोला मेरे सामने मेरी बहन को कोई माल बोले तो मुझे गुस्सा आएगा ही ।चाची अगर मै चाचा जी के सामने तुम्हें क्या मस्त माल है ?बोलूंगा तो चाचा जी नाराज होंगे कि नहीं।

चमेली बाई ने कहा क्यों बेटा मैं तो दो बच्चों की मां हूं बूजी हो चुकी हूं ।मैं कहां से मस्त माल लगती हूं ।मुझे लगता है कि तुम्हारे चाचा जी को बुरा नहीं लगेगा।

राजेश ने कहा क्यों चाची जी आप तो अभी काफी जवान हो और काफी हॉट भी हो ।अभी आप बूड़ी कहां हुई हो आपका हुस्न तो किसी भी नौजवान को अपना दीवाना बना देगी ।

चमेली बाई ने कहा झूठी तारीफ करना तो कोई तुमसे सीखे।

राजेश बोला ,नहीं चाची जी मैं झूठी तारीफ नहीं कर रहा। मैं सच कह रहा हूं तुम काफी हाट लगती हो ।

चमेली बाई बोली अच्छा फिर ये बताओ मैं कहां से हॉट लगती हूं ।

राजेश चमेली बाई के पास आ गया और बोला , रहने दो चाची आप बुरा मान जाओगी।

चमेली बाई ने कहा नहीं मैं बुरा नहीं मानूंगी ,आखिर मुझे भी तो पता चले मैं कहां से हॉट लगती हूं ।

चमेली बाई इस समय साड़ी और ब्लाउज पहनी हुई थी कमर पर साडी नाभि के काफी नीचे बांधी हुई थी राजेश चमेली बाई के पीछे खड़ा होकर एक हाथ से उसके पेट को सहलाने लगा और चमेली भाई से बोली तुम्हारी ये पतली कमर और गोरे गोरे बदन पर यह नाभि क्या कयामत ढा रही है किसी भी जवान को अपना दीवाना बनाने के लिए काफी है।

चमेली बाई के पेट सहलाने से चमेली बाई के शरीर में सिहरन दौड़ने लगी।

राजेश बोला तुम्हारी खूबसूरत बदन पर ये नाभी काफी हॉट लगती है और उसके पेट पर हाथ चलाने लगा।

राजेश कहा ने चमेली बाई से कहा और बताउं तुम कहां से हाथ हॉट लगती हो ।

चमेली बाई ने धीरे से कहा, हूं।

राजेश ने कहा चाची कहीं तुम बुरा तो नहीं मानोगी ना चमेली बाई ने धीरे से नहीं मैं बुरा नहीं मानूंगी बताओ और मैं और कहां से हाट लगती हूं।

राजेश का हिम्मत बढ़ गया, वह अपना एक हाथ उसकी चूची पर रख दियाऔर उसे दबाने लगा, फिर कहां चाची यह तुम्हारी गोरी गोरी बड़ी बड़ी दूदू काफी मस्त है ।इसे देखते ही किसी का भी लोड़ा तन जाएगा।

राजेश के द्वारा उसकी चूचियां मसलने और अश्लील शब्द का प्रयोग करने से उसके शरीर में रक्त प्रवाह काफी बढ़ गया। चमेली बाई सिसक उठी और बोली बेटा यह क्या कर रहे हो ।

राजेश ने कहा चाची में बता रहा हूं कि तुम कहां से कहां से हॉट लगती हो ,तुम्हारी इन मस्त चूचियो को देख कर देखो मेरा क्या हाल है और चमेली बाई के एक हाथ को पकड़ कर अपने लंड के ऊपर पेंट पर बनी उभार पर रख दिया ।

चमेली बाई ने राजेश के लंड को अपने हाथ में महसूस कर ।उसकी सांसे तेज आने लगी, उसका सीना ऊपर नीचे होने लगा ,वह काफी उत्तेजित हो गई ।

उसने देखा कि सच में राजेश का लोड़ा खड़ा हो गया है और काफी बड़ा लग रहा है ।

उसने राजेश से बोला राजेश तुम्हारा तो सच में खड़ा हो गया है ।

राजेश अपने दोनों हाथों से चमेली बाई के चूची को मसलने लगा चमेली बाई उत्तेजित होकर सिसकने लगी।

राजेश ने चमेली बाई से कहा चाची और बताउ, तुम कहां से हॉट लगती हो।

चमेली बाई ने सिसकते हुए कहा, और कहां से बेटा।

राजेश अपना एक हाथ चमेली बाई के चूतड़ पर ले जाकर उसे सहलाने लगा और बोला तुम्हारी उभरी हुई गांड काफी हाट है इसे देखकर तो बूढे का लंड खड़ा हो जाए और उसकी गांड को सहलाने लगा।

राजेश की इस हरकत से चमेली बाई काफी उत्तेजित हो गई और और गहरी गहरी सांस लेने लगी। उसकी सांसे तेज चलने लगी ।

राजेश ने चमेली बाई को घुमा कर उसका मुख अपने ओर कर दिया ।चमेली बाई ने राजेश की ओर देखा दोनों एक दूसरे की आंखों में देख रहे थे ।दोनों की आंखों में चुदाई के लिए तड़प साफ नजर आ रहा था।

राजेश चमेली बाइक के होंठों पर अपने होंठ रख कर उसे चूसना शुरू कर दिया चमेली बाई भी उसका का सहयोग करने लगी। उसके होंठ चूसने के बाद हुआ उसकी गर्दन को चुमते हुए ,वह उसकी दूदू की तरफ आगे बढ़ गया ।

राजेश ने चमेली बाई ब्लाउज के बटन खोल दीए और ब्रा को ऊपर सरका कर चूची को बाहर निकाल दिया। उसकी चूची को देखकर राजेश बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया ।उसका लंज खड़ा होकर ठूनकी मारने लगा। वह चमेली के चूचक को मुंह में भर कर चूसने लगा।

उसकी चुचियों को दोनों हाथों से मसल मसल कर उसके निप्पल को मुंह में भर कर चूसने लगा।

राजेश की इस हरकत से चमेली बाई की बूर से पानी झरने की तरह बहने लगी। चमेली बाई काफी दिनों से प्यासी थी ।

कुछ देर तक चूची पीने के बाद राजेश आगे बढ़ा और इसके नाभि को चाटने लगा जिससे चमेली बाई का बदन कपकपाने लगे। वह सिसकने लगी। अब दोनों से बर्दाश्त करना मुश्किल हो गया।

राजेश ने चमेली बाई को अपने बाहों में उठा लिया और बेडरूम की ओर ले गए ।बेडरूम में ले जाकर उसे पलंग पर पटक दिया।

राजेश ने अपना पैंट का चैन खोलकर अपने लंड को बाहर निकाला ।चमेली बाई,राजेश के विशाल एवं खूबसूरत लंड को देख कर मंत्रमुग्ध हो गई ।

राजेश ने चमेली बाई के आंखों मे देख कर आंखों ही आंखों से लंड चूसने का इशारा किया।

चमेली बाई पलंग से उठ कर नीचे फर्श पर आकर बैठ गई ।राजेश के लंड को अपने हाथों से पकड़ ली, जो इस समय हवा में लहरा रहा था और चमेली बाई की हाथ लगते ही लंड और कठोर होकर ठूमकने लगा ।

चमेली बाई देर न करते हुए राजेश के लंड के टोपे को अपने मुंह में भर कर चूसनी लगी राजेश अपने दोनों हाथों से चमेली बाई क़़ी बालों को पकड़ लिया और आंखें बंद कर लंड * चुसवाने * का मजा लेने लग।

राजेश का लंड** चमेली बाई के मुंह में घपा घप अंदर बाहर होने लगा। कुछ देर तक लंड* चुसवाने*का मजा लेने के बाद ,राजेश चमेली बाई को अप़ने हाथों से उठाकर खड़ा कर दिया। उसके होंठ को फिर से चूसना शुरू कर दिया ,फिर उसकी चूची को पीने लगा।

चमेली बाई फिर से सिसकने लगी। राजेश्, चमेली को बेड के किनारे लिटा दिया और उसके पेटीकोट को उसके पैरों के ऊपर जागो से भी ऊपर उठाते हुए उसके कमर तक चढ़ा दिया।

चमेली बाई पैंटी पहनी हुई थी राजेश ने उसकी पैंटी को दोनों हाथों से पकड़ा और उसे खींचकर उसे पैरों से अलग कर दिया ।

पेंटी बूर रस से भीग चुका था। राजेश उसकी पैंटी को सूघने लगा एक ज़नाना के बर रस का गंध पाकर उस़का लंड और कठोर हो गया।

पेंटी के निकलते ही चमेली बाई की खूबसूरत एवं चिकनी चूत ** राजेश की नजरों के सामने आ गया जिसे देखकर राजेश का लंड और कठोर होकर ठूनकी मारने लगा ।

चमेली बाई की नजर राजेश को ठूनकी मारते हुए लंड* को देखी तो ,उसका बूर और रस छोड़ने लगी।


राजेश ने अपना एक हाथ उसके बूर पर रखकर उसे सहलाने लगा। एक उंगली उसके चूत केअंदर ले जाकर ,उसके भग्नासा को रगड़ने लगा जिससे चमेली बाई आनंद के मारे चीखने लगी ।अपने दोनों पैरों को जोड़ने लगी। चमेली बाई के चूत से पानी झरने की तरह बह रही थी ।जिसे राजेश की उंगली पूरी तरह गीला हो गया ।

राजेश समझ गया था कि चमेली बाइ पूरी तरह उत्तेजित हो गई है ।वह देर ना करते हुए अपने लंड को एक हाथ से पकड़ा और लंड* का टोपा चमेली बाई के चूत पर रखकर उसके चूत पर उपर से रगडा।

चमेली बाई से अब बर्दाश्त नहीं हुआ वह राजेश से बोली और मत तड़पाओ बेटा मैं मर जाऊंगी अंदर डालो और अपनी चाची की प्यास बुझाओ।

राजेश लंड का टोपा को चमेली बाई के बुर् के मुख पर रखकर एक जोर का धक्का मारा लंड* सरसराते हुए चमेली बाई के चूूत* को फाड़कर , आधा अंदर घूस गया ।चमेली बाई के मुख से चीख निकल गई।

वह बोली आराम से करो राजेश बेटा तुम्हारा बहुत बड़ा है ।

राजेश दोनों हाथों से चमेली बाई की चूची को पकड़कर उसे मसल कर उसके चूचक को मुंह में भर कर पीने लगा।

चमेली बाई फिर से सिसकने लगी । राजेश अपने कमर को धीरे-धीरे हिला कर अपना लंड चमेली बाई की चूत** में अंदर बाहर करने लगा ।धीरे-धीरे लंड* चूत मे अपनी जगह बनाने लगा ।

चमेली बाई के चूत के पानी से राजेश का लंड* पूरी तरह भीग चुका था। वह अब बड़ी आसानी से चूत के अंदर बाहर होने लगा। राजेश ने अपना स्पीड बढ़ा दिया। अपने दोनों हाथों से चमेली बाई की कमर को पकड़ के उसके चूत को तेज तेज चोदना शुरु कर दिया ।

लंड चमेली बाई की चूत * में फच फच गच गच की आवाज करते हुए अंदर बाहर होने लगा।

लंज* बड़ा होने के कारण चूत की दीवारों को और उसकी भग्नासा को अच्छी तरह रगड़ते हुए गपा गप अंदर बाहर होने लगा ।जुदाई के आनंद के मारे चमेली बाई अपना सुध बुध खो बैठी और आंखें बंद कर ली थी उसके मुख से आनंद के मारे सिसकने की आवाज लगातार निकल रही थी ।

इधर राजेश को भी चमेली बाई को चोदने बहुत मजा आने लगा। दोनों स्वर्ग में चले गए,थे। राजेश अब जोश में चमेली बाई को जोर जोर से चोदने लगा।

राजेश का लंड* अब चमेली बाई के बच्चेदानी को ठोकने लगा। जिससे चमेली को ऐसा अद्भुत आनंद मिलने लगा ,जिसे वह ज्यादा देर तक बर्दाश्त न कर सकी और वह झड़ने लगी। झड़ते समय वह राजेश को अपनी टांगो से पूरी तरह जकड़ ली जिसे राजेश धक्का मार ना सका ।वह भी समझ गया कि चाची झड गई है और दोनो कुछ देर इसी अवस्था में पड़े रहे।

राजेश अपने लंड को चमेली बाई की चूत से बाहर निकाला। राजेश का लंड* चमेली बाई के बुर के रस से चमक रहा था ।और हवा में लहराते हुए ठूनकी मार रहा था।

राजेश चमेली बाई को पलंग से उठाकर उसके होठों को चूसने लगा ।फिर वह पलंग पर बैठ गया और चमेली बाई को अपनी गोद पर बिठा लिया।

चमेली बाई, राजेश के गोद में सामने मुख कर बैठ बैठी थी । राजेश उसे बाहों में भर लिया ।उसके गर्दन को चूमने लगा। धीरे-धीरे व उसकी चूची की ओर आगे बढ़ा और उसे अपने हाथों से मसल कर पीना शुरू कर दिया।

चमेली बाई फिर गर्म होकर सिसकने लगी।

राजेश पलंग से खड़ा हो गया और चमेली बाई को से पलटाकर उसे कुत्तिया बना दिया और वह उसके पीछे खड़ा हो गया ।

राजेश अपने एक हाथ से लंड को पकड़ कर चमेली बाई के चूत** के मूख पर रख कर एक जोरदार धक्का मारा।
लंड सरसराते हुए चमेली बाई के चूत गच की आवाज करता हुआ चला गया क्योंकि राजेश के चुदाई से चमेली बाई का चूत काफी खुल गया एक ही धागे में आधे से ज्यादा लंड* खचाक की आवाज करता हुआ अंदर घुस गया ।

चमेली बोली, राजेश बेटा आराम से करो मैं कही भागी नहीं जा रही ।

राजेश अपने दोनों हाथ सामने ले जाकर चमेली बाई की चूची को अपने हाथों में थाम लिया और उसे मसलने लगा । कुछ देर उसके दूदू स् खेलने के बाद उसके पीठ को सहलाने और चूमने लगा लगा, जिससे चमेली बाई फिर से सिसकने लगी।

राजेश अपनी कमर हिला कर लंड* को चूत * के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया। लंज कुछ ही देर में गचागच, अंदर बहार होना शुरू हो गया।

अब राजेश दोनों हाथों से चमेली बाई की कमर को पकड़ कर ,लंड** को तेज गति से चमेली बाई चूत** में पेलने लगा।

लंड, चमेली बाई के बूर में फच फच गच गच की आवाज करता हुआ अंदर बाहर होने लगा ।

राजेश को चुदाई में फिर से बहुत मजा आने लगा। चमेली बाई तो फिर से अपना सुध बुध खो बैठी। दोनों एक बार फिर स्वर्ग में चले गए।

तभी राजेश को यह मौका अच्छा लगा भगा को बुलाने का।राजेश ने अपना मोबाइल अपनी जेब से निकाला और भगत को मिस कॉल कर दिया। इधर भगत राजेश के कॉल का इंतजार कर रहा था। वह समझ गया कि काम बन गया है।वह सुखीराम के घर चल पड़ा।

इधर राजेश चमेली बाई को जोर-जोर से चोदना शुरु कर दिया ।जिससे उसका लंड चमेली बाई के बच्चेदानी को फिर से ठोकने लगा। जिससे चमेली बाई
कभी सिसकती थी तो कभी उसके मुख चीख निकलती थी।

इस आसन में चुदाई*करने से राजेश के लंड के टट्टे उसके कुल्हे से टकराने से कमरे में थप थप की आवाज भी गूंज रही थी ।

इधर भगत सुखीराम के घर पहुंच चुका था ।उसने देखा दरवाजा खुला है ।वह अंदर गया। बैठक रूम पर कोई नहीं था ।वह किचन में गया। वहां भी कोई नहीं था ।वह समझ गया कि दोनों बेडरूम में होंगे ।वह बेडरूम कि ओर गया बेडरूम का दरवाजा भी खुला था। जैसे ही वह अंदर गया अंदर का दृश्य देखकर ,उसके शरीर में खून तेज गति से बहना शुरू हो गया।

इस समय राजेश और चमेली बाई दोनों अपनी सुध बुध खोकर चुदाई का मजा ले रहे थे। कमरे में लंड* का चूत मे अंदर बाहर होने से फच फच गच गच की आवाज। लंड के टट्टे का चमेली के कुलहे से टकराने से थप थप की आवाज और चमेली बाई के आनंद के मारे सिसकने और चिखने की आवाज गूंज रही थी।

ऐसा नजारा देख कर भगत का लंड तन कर खड़ा हो गया।

इधर राजेश की नजर भगत पर पड़ा वह चुदाई* के नशे में था ।उसे राजेश के आने से कोई फर्क नहीं पड़ा और वह उसी गति से चुदाई* करता रहा।

इधर भगत भी अपना पेंट निकाल लिया और अंडर वियर खिसका कर लंड* बाहर निकाल कर अपने हांथ से हिलानेलगा।

इधर राजेश चमेली बाई को और जोर-जोर से हुमच हुमच कर चोदने लगा, जिससे चमेली बाई को बर्दाश्त नहीं हुआ वह फिर से झड़ने लगी।

झड़ते समय वह बेड को अपने हाथों से जोर से भीच ली। उसके मुख से चीख निकल गई।

राजेश् और भगत दोनों ही समझ गए कि चमेली बाई झड़ गई है। कुछ देर तक दोनों ऐसे ही हालत में पड़े रहे फिर राजेश ने अपना लंड* चमेली बाई के चूत से बाहर निकाल लिया।

उसका लंड* फचाक की आवाज करता हुआ लंड से बाहर आया। लंड * चूत के रस से भीगकर चमक रा था ।बूर का पानी पीकर और लंबा और मोटा होकर हवा में लहरा रहा था, जिस पर भगत की नजर पड़ते ही उसकी आंखें फटी की फटी रह गई ।

भगत अपने मन मे कहा राजेश का हथियार कितना तगड़ा है ,तभी राजेश भाई की अपनी पहली चुदाई* मे ही मां जी की चूत सुजा दी ।

भगत कू नजर चमेली बाई की चूत पर पढा , चमेली बाई की चूत का छेद काफी फैल गई थी ।भगत अपने मन में कहा राजेश भाई ने तो चाची के बूर की धज्जियां उड़ा दी है ।

राजेश ने भगत को दो उंगली दिखा कर उसके बीच अपनी जीभ चला कर भगत को, चमेली बाई का चूत चाटने का इशारा किया ।

चमेली बाई अभी अनजान थी उसे पता नहीं था कि कमरे मे भगत भी है।वह कमरे में घोडी बने अवस्था में ही पड़ी हुई थी ।

भगत ,चमेली बाई के चुत को पास जाकर देखने लगा उसके चूत से रस बह रहा था ।भगत ने पेटीकोट से चमेली बाई के चूत रस को साफ किया। फिर उसके चूत पर अपनी जीभ से चाटने लगा ।

चमेली बाई को अपनी चूत पर किसी गर्म चीज का एहसास हुआ। वह पीछे पलट कर देखी। उसने देखा राजेश पीछे खड़ा था ।वह मन मे सोची तो मेरी चूत * कौन चाट रहा है ।उसने सिर पीछे घुमाकर देखा उसने देखा कि भगत उसका चुत चांट रहा है उसे आश्चर्य हुआ कि यह कब आया ।

राजेश ने चमेली बाई से कहा चाची ,भगत हम दोनों को चूदाई करते हुए देख रहा था और उत्तेजित हो गया है। उसे भी थोड़ा मजा लेने दो।

चमेली बाई राजेश की चुदाई * की दीवानी हो गई थी वह राजेश की बात ना टाल सखी ।

इधर भगत चमेली बाई के चुत को तेज तेज चाटने लगा जिससे कुछ ही देर में चमेली बाई फिर से गर्म हो गई। इसके पहले किसी ने उसका चुत नहीं चांटा था पहली बार वह चुत चटवाने का * का मजा ले रही थी। वह आनंद के मारे सिसकने लगी । जब उसे बर्दाश्त करना मुस्किल हुआ ।

वह बोली, बेटा बस करो मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा भगत ने चूत * चाटना बंद कर दिया और अपना लंड अपने एक हांथ से पकड़ कर चमले बाई के चूत मुख पर रख दिया उऔर उसके चूत पर जोर का धक्का मारा।लंड सरसराते हुए एक ही बार मैं पूरा अंदर घुस गया।

भगत काफी उत्तेजित हो गया था ।वह जोश में आकर चमेली बाई के कमर को पकड़ कर तेज तेज धक्के * मारने लगा।

भगत का इस तरह चोदना मेरे चमेली बाई को भी अच्छा लगने लगा।

इधर राजेश बेड के ऊपर चढ गया और चमेली बाई के सिर के सामने जाकर बैठ गया। वह अपने खड़े लंड* को चमेली बाई के मुख के पास ले गया ।चमेली बाई समझ गई राजेश क्या चाहता है ?

चमेली बाई राजेश क लंड को अपने मुंह में भर कर चूसने लगी।

इधर भगत पीछे से तेज गति से चमेली बाई की चूत* बजा रहा था। भगत का लंड चमेली बाई के चूतरस से पूरी तरह भीग चुका था ।लंड* चूत में फच फच की आवाज करता हुआ अंदर बाहर हो रहा था ।

चमेली बाई को भगत से चुदाने में मजा आ रहा था ,पर भगत चमेली बाई को उस चरमसुख तक नहीं ले जा सका। जहां तक राजेश ने ले गया था ।सुख के उस स्तर तक पहुंचने के लिए चमेली बाई ने भगत को और जोर जोर से चोदने के लिए कहा ।भगत और जोर-जोर से ठुकाई करने लगा , पर चमेली को निराशा ही हाथ लगी।

इधर भगत की नजर चमेली बाई के गांड के छेद पर गया ।चमेली बाई की गांड का छेद काफी बड़ा लग रहा था ।भगत की अनुभवी आंखों ने जान लिया की चाची जरूर गांड मरवाती है ।

उसने चाची से कहा चाची तुम्हारा गांड का छेद तो काफी बड़ा है। लगता है ,चाचा जी तुम्हारे गांड मारते हैं।

चमेली बाई ने कहा, हां बेटा ,पता नहीं तुम्हारे चाचा जी को यह शौंक कैसे लग गया ?जब से उसने गांड मारना शुरू किया। वह चुत को मारना ही बंद कर दिया। मेरे गाड के पीछे ही लगा रहता है ,जिससे मेरी चुत बरसों से प्यासी थी ।आज इसकी प्यास बुझ रही है ।

भगत ने चाची से कहा ,चाची मैंने जब तुम्हें पहली बार देखा तभी मैं जान गया था कि तुम प्यासी हो ।तुम्हारे उभरी हुई गांड को देखकर मैंने ठान लिया था कि मुझे तुम्हारी गांड मारनी है।

भगत चाची से कहा ,चाची मुझे भी तुम्हारी गांड मारने का मन कर रहा है ।चाची बोली लगता है बेटा तुम्हें भी तुम्हारे चाचा जी की तरह गांड मारने का शौक है ।कर लो अपनी शौक पूरी ।

भगत ने अपने लंड* को चूत * से बाहर निकाल दिया और चमेली बाई के गांड के छेद पर अपने लंज के टोपे को रख दिया।

चमेली बाई के गांड का छेद काफी बड़ा था जैसे ही भगत ने एक धक्का मारा उसका लंड का टोपा गाड़ के अंदर चला गया।

इधर राजेश का लंड चमेली बाई के मूह के अंदर था वह चीख ना पाई ।राजेश उसकी चूची को मसलने लगा ।

उधर भगत अपनी कमर को हिला कर धीरे धीरे लंड को , चमेली बाई के गांड में ठेलने लगा। लंड* धीरे-धीरे चमेली बाई के गांड में अपनी जगह बनाने लगा और कुछ ही देर बाद लंड पूरा गांड के अंदर घुस गया ।

लंड गांड में कसा कसा अंदर बाहर आने जाने लगा। जिससे भगत को बहुत मजा आने लगा । अब वह तेज गति से गांड में अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा। उसे गांड मारने में बहुत मजा आ रहा था ।

इधर चमेली बाई को राजेश का लंड* बूर में लेने का मन कर रहा था। उसे राजेश से चूत* मरवाने का मन कर रहा था ।वह राजेश से बोली बेटा अब तुम मेरी बूर चोदो।

राजेश पलंग पर लेट गया उसका लंड सीधा खड़ा होकर ठूमक रहा था । उसने चमेली बाई को अपने लंड पर बैठने का इशारा किया ।

इधर भगत भी राजेश के इशारा को समझ कर ,गांड मारना बंद कर दिया और अपना लंड गांड से बाहर निकाल दिया ।

चमेली बाई पलंग पर चढ़कर ।राजेश के लंड को एक हाथ से पकड़ कर अपनी चूत पर सेट किया और लंड* की की टोपे को अपनी योनि द्वार पर रखकर उस पर बैठ गई जिससे लंड सरसराता हुआ चूत के अंदर चला गया।

लंड* का चूत * में जाते ही वह सिसक उठी ।

राजेश चमेली बाई की चुचियों को अपने हाथों में थाम उसे मसलने लगा। उसकी चूची को पीने लगा।

चमेली बाई अपनी कमर को ऊपर नीचे करके लंड को अपने बूर में अंदर-बाहर करने लगी ।धीरे-धीरे उसकी चूत * में पूरे लंड को निगल गई ।

अब राजेश भी चमेली बाई के कमर को पकड़ कर उसके कुल्हे को अपने लंड पर पटक पटक कर चोदने लगा ।

चमेली बाई भी जोर-जोर से उछल उछल कर राजेश के लंड से चुदने लगी ।लंड का टोपा चमेली बाई की बच्चेदानी को ठोकने लगा ।जिससे चमेली बाई प्राप्त फिर से चरम सुख प्राप्त करने लगी ।उसके मुख से क सीसकने की आवाज निकलने लगी। वह जोर-जोर से उछल उछल कर राजेश के लंड* से चुदने लगी ।

राजेश और चमेली बाई दोनों ही अपनी सुध बुध खो बैठे ।चमेली बाई के राजेश के लंड पर उछल कूद करने से उसकी चूचिया भी ऊपर नीचे उछलने लगी।

दोनों की चुदाई*** देखकर भगत बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया ।उससे रहा न गया ।वह भी पलंग पर चड गया और चमेली बाई के पीछे खड़ा हो गया।

वह अपने लंड को हिलाते हुए कहा ,राजेश भाई मेरा भी तो ख्याल रखो ।

राजेश अपनी आंखें खोल कर देखा भगत बेड पर चढ़कर अपना लंड हिला रहा है।वह समझ गया भगत क्या चाहता है ?वह चुदाई रोक दिया और चमेली बाई को अपने हाथों से खींच कर अपने सीने से लगा लिया। जिससे चमेली बाई की गाड भगत के सामने आ गया।

राजेश भगत से बोला डाल दो अपने लंड* चाची की गांड में।

भगत मुस्कुराते हुए अपना लंड चमेली बाई की गांड पर सेट कर दिया और चमेली बाई के गांड पर एक जोर का धक्का मारा ,लंड गच से गांड के अंदर घुस गया ।इसी के साथ राजेश के लंड का दबाव चूत मे बढने से लंड चमेली बाई के बच्चेदानी से टकरा गए जिससे चमेली बाई चिहुक उठी।

भगत फिर से एक जोरदार धक्का मारा उसका लंड गांड में पूरा समाहित हो गया ।इधर राजेश का लंड फिर से चमेली बाई के बच्चेदानी से टकराया ।फिर से चमेली बाई चिहुक उठी ।

भगत अपने लंड को गांड में धीरे धीरे अंदर बहार करना शुरू कर दिया। राजेंश भी नीचे से अपना कमर हिला कर अपना लंड* चूत* में ठेलने लगा। गांड और चूत *की * एक साथ चुदाई होने से ,चमेली बाई जन्नत मैं पहुंच गई।

इधर राजेश और भगत दोनों ही जोर-जोर से धक्का लगाने लगे। चमेली बाई आनंद के मारे चीखने और चिल्लाने लगी ।वह सिसकने लगी ।

चमेली बाई ने सपने मे भी नहीं सोची थी दो जवान लड़को से वह एक साथ ऐसे चुदेगी ।

भगत को अब अपने पर नियंत्रण रख पाना मुश्किल हो गया और वह बहुत जोर-जोर से गाड मारने लगा ।वह झड़ने वाला था ।

वह राजेश से बोला भाई मैं झड़ने वाला हूं।

राजेश बोला, अंदर मत झडना भगत ।

भगत से और बर्दाश्त नहीं हुआ अपने लंड गांड से बाहर खींच लिया और कराहते हुए चमेली बाई की चूतड़ पर ही झडने लगा ।

चमेली बाई भगत के वीर्य को अपने पेटीकोट से पोछ कर साफ लिया ।

अब चमेली बाई फिर से राजेश के लंड पर जोर जोर से उछल उछल कर चूदने लगी ।

राजेश भी उसके कमर को पकड़ कर उसके कूल्हे लंड पर पटक पटक चोदने लगा। दो फिर से अपना सुध बुध खो बैठे । वे जन्नत में चले गए। राजेश का लंड चमेली बाई की बूर के भग्नासा को रगड़ते हुए फच फच की आवाज करता हुआ चूत के अंदर जा रहा था लंड का टोपा बच्चेदानी से टकरा रहा था, जिससे चमेली बाई सुख की चरम अवस्था में पहुंच गई और वह झड़ने लगी। उसका शरीर कप कपाने लगा ।वह राजेश के सीने से जकड़ गई ।

इ धर भगत ,राजेश के स्तंभन शक्ति को देखकर आश्चर्यचकित था।

राजेश ने भगत से कहा भगत तुम बैठक रूम में जाओ और देखो कोई आ ना जाए कोई आए तो संभाल लेना भगत ने कहा ठीक हैभाई ।

भगत क मरे से निकलकर बैठक रूम में आकर बैठ गया ।

राजेश भी चरम अवस्था मैं पहुंचने वाला था वह चुदाई * बंद करना नहीं चाहता था। वह बेड से उठकर कर बैठ गया और साथ मे रात में चमेली बाइ को भी उठा कर बेड पर पीठ के बल लिटा दिया । खुद उसके ऊपर आ गया ।

वह चमेली बाई के होंठों को चूसने लगा ।उसके दूध दबाने और चूचक को मूह मे भर कर चूसने लगा। धीरे धीरे चमेली बाई फिर गर्म होने लगी। राजेश अपनी एक उंगली चमेली बाई के चूत पर ले जाकर ,उसकी भग्नासा को रगड़ने लगा। कुछ देर चमेली बाई फिर से सिसकने लगी ।

राजेश पलंग से उतर कर चमेली बाई को भी उठाकर पलंग से उतार दिया और चमेली बाई की साडी और को उसके ब्लाउज को निकाल कर शरीर से अलग कर दिया।

वह उसकी ब्रा को भी उसके जिस्म से अलग कर दिया । चमेली बाई अब केवल पेटीकोट में थी।

राजेश चमेली बाई के नाभि को चुमले चाटने लगा। चमेली बाई आनंद के मारे सिसकने लगी। राजेश खुद भी अपना कपड़ा उतारकर नंगा हो गया।

राजेश की गठीला बदन को देख कर चमेली बाई और भी ज्यादा उत्तेजित हो गई ।वह राजेश को सीने से लगाकर उसे चूमने चाटने लगी।

राजेश भी बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया था। वह चमेली बाई के पेटीकोट का नारा को खींचकर उसे भी उसके शरीर से अलग कर दिया ।

दोनों कमरे में बिल्कुल नंगे हो गए थे ।दोनों एक दूसरे के खूबसूरत जिस्म को देखकर कामवासना में जलने लगे ।

राजेश का लंड* बहुत कठोर होकर ठूमक रहा था वह चूत * के अंदर जाने के लिए तड़प रहा था। एक दूसरे के नंगे जिस्म को जी भर कर देखने के बाद राजेश ने चमेली बाई को लंड चूसने का का इशारा किया।

चमेली भाई नीचे बैठ कर राजेश के लंड * को मुंह में लेकर चूसने लगी।

राजेश कुछ देर लंज* चूस वाने के बाद चमेली बाई को पलंग के सहारे घोड़ी बना दिया और उसके पीछे जाकर अपना लंड * हाथ में लेकर उसकी चूत * के मुख पर रखकर एक जोरदार धक्का मारा । लंड चूत * को फाड़ते हुए सरसराता ़हुआ ़ बूर मे अंदर घुस जगया ।

चमेली बाई के मुख से कामुक चीख निकल गई।

राजेश ने चमेली बाई के कमर को दोनों हाथों से पकड़ कर लंड को चूत मे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे सरकता हुआ समूचा लंड* चूत में समा गया।


राजेश जोर जोर से चोदना शुरू कर दिया ।लंड चूत मे फच फच गच गच की आवाज करता हुआ अंदर बहार होने लगा।

चमेली बाई को राजेश से बूर*चोदवाने में फिर से बहुत मजा आने लगा ।वह भी कमर पूछे हिला हिला कर राजेश का सहयोग करने लगी ।

दोनों चुदाई* की मस्ती में पूरी तरह डूब चुकेथे।

राजेश की नजर चमेली के गांड पर पड़ा उसकी गांड के छेद फूल और पिचक रहे थे।

राजेश को गांड चोदने की इच्छा हुआ।वह लंड को चूत से बाहर खींच लिया। और चमेली बाई के गोरे गोरे कूल्हे को चूमनेचाटने लगा ।

चमेली बाई को समझ नहीं आया कि आखिर राजेश मने लंड के क्यों बाहर निकाल लिया ?

राजेश ने अपना लंड का टोपा चमेली बाई गांड के छेद पर जैसे ही रखा । तमेली बाई , राजेश से बोली, नहीं राजेश ,मेरी गांड मत मारो ।तुम्हारा लंड* बहुत बड़ा है काफी मोटा है। मेरी गांड फट जाएगी।

राजेश बोलो, चाची मुझे भी गाड का स्वाद चखना है। मूझे जानना है कि गांड मारने में कैसा लगता है।

चमेली बाई बोली, नहीं राजेश मै तुम्हारा लंड** मैं अपनी गांड में नहीं ले पाऊंगी। मेरी गांड फट जाएगी।

राजेश ने कहा क्या जाजी तूम मेरी खुशी के लिए थोड़ा कष्ट नहीं उठा सकती।

राजेश कि याचना को सुनकर चमेली बाई बोली, बेटा बहुत ही आराम से धीरे धीरे करना ।मुझे बहुत मुझे बहुत दर्द होगा।

राजेश ने कहा चाची जी तुम चिंता मत करो मैं धीरे-धीरे आराम से डालूंगा और राजेश अपना लंड* का टोपा चमेली बाई की गांड के छेद पर रख जोर से दबाया लंड का टोपा काफी मोटा था। वह अंदर नहीं जा पा रहा था ।

चमेली बाई ,राजेश से कहा रुको राजेश ।वह उठ कर खड़ा हो गई और वह अलमारी से एक क्रीम निकालकर राजेश को दे दी और मैं बोली इस क्रीम को मेरी गांड और अपने लंड पर * अच्छे से लगाा दो। तेरे चाचा जी इस क्रीम को लगाकर मेरी गाड मारते है। जिससे लंड गांड में आसानी से चला जाताहै और दर्द भी बहुत कम होता है।

राजेश ने क्रीम लेक कर अपने लंज* में अच्छे से लगा लिया और दो उंगली में क्रीम लगाकर उसे चमेली बाई के गाड के छेद में भर दिया। चमेली बाई के गांड में अच्छी तरह भरकर उसके गांड में दो उंगली डालकर अंदर-बाहर करने लगा। फिर दोनों उंगलियों से उसके गाड के छेद को फैलाने लगा ।एक हाथ की अंगुलियों से उसकी गांड के छेद को फैला कर दूसरे हाथ में लंड* को पकड़ कर उसके टोपे को उसकी गांड के छेद पर रख दिया और एक जोरदार झटका मारा।

लंड का टोपा गांड के अंदर घुस गया चमेली बाई के मुख से एक चीख निकली और वह बोली बेटा आराम से मेरी गाड फट जाएगी।

राजेश चमेली बाई के पीठ को चूमने चाटने लगा उसके स्तनों को दोनों हाथों से पकड़ कर मसलने लगा, जिससे चमेली बाई का दर्द कम हो गया । उसके दूदू को मसलते हुए लंड* का दबाव गांड पर डालने लगा जिससे लंड धीरे-धीरे से सरखता हुआ गाड मे घुसने लगा ।

राजेश अपना लंड* को गांड मे धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा और लंड का दबाव हर बार गांड में थोड़ा बढ़ाने लगा ,जिससे लंड गांड के अंदर घुस कर अपनी जगह बनाने लिया ।

लंड आधे से ज्यादा गांड के अंदर घुस गया। राजेश चमेली बाई के कमर को को पकड़कर लंड उसके गांड में मारना शुरू कर दिया ।धीरे-धीरे लंड गांड में अपनी जगह बना ली और पूरा लंड* गांड में समा गया ।

इसे देखकर राजेश को बड़ा आश्चर्य हुआ इतना मोटा लंड गांड के अंदर पूरा समाहित होने उसे बड़ा आश्चर्य हुआ।

वह कमर को पकड़ कर गांड को तेज तेज चोदना चोदना शुरू कर दिया ।

चचमेली बाई को आनंद और दर्द दोनोंमिल रहा था वह कभी जी सिसकती थी तो कभी दर्द से कराहती थी।

राजेश का लंड गांड में बुरी तरह जकड़ हुआ था जिससे लंड* कसा कसा अंदर बाहर होने लगा। जिससे राजेश को एक अलग आनंद आने लगा ,पर उसे लगने लगा कि अगर वह इसी तरह गांड चोदता रहा तो वह बहुत जल्द झड़ जाएगा ।अतः कुछ देर गांड मारने के बाद गांड से लंड* को निकाल दिया ।

लंड निकालने के बाद देखा कि चमेली बाई के गांड का छेद काफी फैल गया है। उसे देखकर राजेश मुस्कुराने लगा ।

राजेश जोश में था चमेली बाई के चूत में लंड सेट कर जोर से धक्का मारा लंड* गच की आवाज के साथ चूत में घुस गया ।

राजेश चमेली बाई के चुत जोर जोर से चोदने लगा ।चमेली बाई फिर से आनंद के मारे सिसकने लगी ।कुछ देर चूत चोदने के बाद फिर से राजेश ने अपना लंड चूत से बाहर निकाल कर, उसके गांड में डाल दिया और गांड को भी जोर जोर से चोदने लगा।

इस प्रकार हुआ कभी गांड में तो कभी चूत * में अपना लंड डालकर चोदता रहा।

चमेली बाई को राजेश के इस हरकत से बहुत मजा आने लगा ।वह भी राजेश का खुलकर साथ देने लगी।

राजेश को खुद पर नियंत्रण रख पाना मुश्किल हो गया वह अपने लंड चमेली बाई के चूत में डाल कर चमेली बाई को जोर जोर से चोदने लगा। उसका लंड का टोपा चमेली बाई के बच्चेदानी को ठोकने लगा । चमेली बाई जिससे आनंद के मारे सिसकने लगी वह स्वर्ग में चली गई ।चरम सुख प्राप्त करने लगी ।

राजेश को अब बर्दाश्त ना हुआ और एक जोरदार धक्का मार कर चमेली बाई के कुल्हे को को अपने कमर से सटा कर जोर जोर से आह आह कराहते हुए वीर्य की लंबी-लंबी पिचकारी चमेली बाई के गर्भ में छोड़ने लगा ।

गरम गरम वीर्य को अपने बच्चेदानी में जाता हुआ अनुभव कर,चमेली बाई भी एक बार फिर झड़ने लगी।

चमेली बाई का इस समय गर्भधारण कांल चल रहा था उसके अंडासय से अंडा उत्सर्जित होकर उसके गर्भाशय और अंडाशय को जोड़ने वाली नली में आकर शुक्राणु का इंतजार कर रहा था।

राजेश का शुक्राणु गरभासय से नली मे जाकर तेजी स
अंडा तक पहुचकर उसके के अंदर प्रवेश कर गया और उसके अंडा को निषेचित कर दिया।

इस घटना से राजेश और चमेली बाई दोनों अनजान थे।

राजेश चमेली बाई को चोदकर में अपना बीज उसके कोख में बो दिया था।

दोनों झड़ने के बाद, चुदाई करते हुए काफी थक गए थे ।दोनों बिस्तर पर लेट गए ।चमेली बाई राजेश के सीने पर सिर रख कर लेट गई ।दोनों एक दूसरे के बाहों में कुछ समय तक ले लेटे रहे ।

राजेश ने बोला, चाची तुम खुश तो हो ना।

चमेली बाई मुस्कुराते हुए बोली ,हां बेटा आज मैं बहुत खुश हूं मेरी बरसों की प्यास आज तूने बुझा दी ।

चमेली बाई राजेश की दीवानी हो गई थी । चुदाई का जो सुख राजेश से उसे मिला, ऐसा सुख उसे आज तक कभी नहीं मिला था ।

चमेली बाई बोली , बेटा चाची को भोगने में तुम्हें मजा आया कि नहीं ।

राजेश ने कहा चाची तुमने तो मुझे जन्नत में पहुंच दिया था ।मुझे भी बहुत मजा आया ,और दोने एक दूसरे से कसकर लिपट गये।
Gajab ka kamuk update diya h aapne maja aa gaya bhai
:yes1:
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Waise update kafi bada tha is 👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻
 
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Curiousbull

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राजेश और भगत दोनों सुखी राम के घर पहुंच गए।

दोनों ने देखा कि दरवाजा अंदर से बंद है ।भगत ने कहा भाई दरवाजा अंदर से बंद है।

राजेश ने कहा दरवाजा खटखटा।

भगत ने दरवाजा खटखटाया।

चमेली बाई इस समय अपने कमरे में आराम कर रही थी ।दरवाजे खटखटाने की आवाज सुनकर वह कमरे से बाहर आती है और यह सोचते हुए इस वक्त कौन हो सकता है। वह दरवाजा खोलती है ।

दरवाजा खोलते ही उसकी नजर राजेश और भगत पर पड़ती है। दोनों को देखते ही वह मुस्कुराते हुए कहती है अरे राजेश और भगत तुम दोनों हो, बहुत दिनों बाद चाची को याद किया।

राजेश और भगत दोनो ने चाची को नमस्ते किया।

चमेली बाई - नमस्ते बेटा, आओ चलो अंदर आओ

राजेश और भगत दोनों अंदर आ गए और वे बैठक रूम मे लगे सोफे पर बैठ गए।

राजेश ने कहां है आप कैसी है चाची जी।

चमेली- बेटा मैं तो ठीक हूं। तुम दोनों कैसे हो।

राजेश- हम भी अच्छे हैं चाची ।

चमेली बाई ने कहा -बेटा लगता है अपनी चाची को भूल ही गए उस दिन के बाद, इतने दिनों के बाद आज याद आई ।

राजेश ने कहां चाची जी ऐसी बात नहीं है दरअसल में कुछ दिनों से कालेज ही नहीं आ रहा था। हां चाची जी कुछ मनचले लड़कों से झगड़ा हो जाने के कारण मुझे काफी चोटे आई थी, जिसके कारण मैं कॉलेज नहीं आ पा रहा था ।

चमेली बाई ने कहा -तुम्हारे चाचा जी ने तुम्हारे बारे में मुझे बताया था राजेश। तुम्हारे बारे में जानकर बहुत दुख हुआ था बेटा ।अब तुम्हारी तबीयत कैसी है?

राजेश -अब तो मैं पूरी तरह ठीक हूं चाची।

भगत ने बोला चाची जी जिन लड़काे ने भाई पर हमला किया था उसे भाई ने अच्छा सबक सिखाया है। पुलिस वाले भी ढूंढ रहे हैं सालों को उन्हे सजा होने से कोई नहीं बचा सकता।

भगत ने कहा चाचा जी कहीं नजर नहीं आ रहे है।

चमेली भाई ने - बेटा तुम्हारे चाचा जी बाजार में कुछ सामान लाने गये है।आने में समय लगेगा। कुछ काम था क्या?

राजेश ने बोला नहीं चाची जी, हम तो काफी दिन हो गए थे तो आप लोगों से मिलने चले आए।

चमेली बाई बोली बहुत अच्छा किया बेटे मैं तो सोच रही थी कि तुम लोग अपनी चाचा चाची को भूल ही गए।

राजेश- चाची जी तुम्हारे हाथों से बना स्वादिष्ट भोजन हम कैसे भूल सकते हैं? सच में आप बहुत अच्छा खाना बनाती हो।

चमेली बाई ने कहा, झूठी तारीफ करना तो कोई आप लोगों से सीखे ।

भगत ने कहा ,राजेश सही कह रहा चाची जी उस दिन बहुत स्व़ादिष्ट भोजन बनाई थी।

चमेली बाई अच्छा ठीक है बाबा,अब मेरी तारीफ करना अब बंद करो और बताओ आज मैं तुम दोनों के लिए क्या बनाऊं।

राजेश ने कहा अरे चाची ने कष्ट उठाने की जरूरत नहीं है ।हम लोग तो आपसे मिलने के लिए आए थे।

फिर भी बेटा आए हे तो कुछ खा कर ही जाना। भोजन बनाने में काफी समय हो जाएगा। मैं तुम दोनों के लिए आमलेट बना देती हू। तुम लोगों को पसंद तो है ना ।

भगत हां चाची जी आमलेट हम दोनों को पसंद है।

चमेली बाई ने कहा अरे बातों ही बातों में मैं तुम लोगों को पानी देना ही भूल गई।

वह पानी लानेने किचन की ओर अपने चूतड़ को मटकाते हुए चली , जिसे देखकर भगत ने राजेश को इशारा किया ।देखो भाई कैसे अपने कुल्हे मटकाते हुए चल रही ,क्या मस्त माल है साली। आज तो इसकी गाड को बजा कर रहेंगे और वहअपने लंड को एक हाथ से में सहलाने लगा।

राजेश ने भी चमेली बाई के मटकते गांड को देखा। उसने देखा की चाची जानबूझकर अपने चूतड मटकाते हुए चल रही है ।

राजेश ने भगत से कहा यार यदि हम दोनों यहां रहेंगे तो चाची को पटाना मुश्किल होगा। हम दोनों में में से किसी एक को बाहर जाना होगा। जब अकेले रहेंगे तब चाची को खुलने मे आसान होगा।

भगत ने कहा तुम ठीक कह रहे हो भाई ।तुम यहां रहो क्योंकि चाची तुम्हारी ओर आकर्षित लगती है। मुझे यकीन है, वह तुमसे जल्दी पट जाएगी। मैं बहाना बनाकर बाहर चला जाता हू ।काम बन जाने के बाद तुम मुझे मिस ़़़कॉल कर देना। मैं समझ जाऊंगाऔर वापस आ जाउंगा।

राजेश बोला हां यह ठीक रहेगा ।
चमेली बाई कमरे में पानी लेकर पहुंची। वह राजेश् और भगत से बोली ,लो बेटा पानी पी लो ।

पानी देनेके लिए जैसे ही नीचे झुकी , राजेश और भगत की नजरें उसकी झूलती हुई चुचियों पर पढ़ा, जो ब्लाउज से बाहर आने के लिए बेताब नजर आ रहे थे। उनकी गोरे-गोरे बडी बडी सुडौल चूचियों को देखकर राजेश और भगत दोनों के लंंड* के नसों मे खून भरने लगा ।

चमेली बाई उन दोनों की नजरों अपने स्तनों को निहारते हुए पाकर उसके शरीर में भी अजीब सी हलचल होने लगी।

दोनों ने पानी पी लिया फिर राजेश चमेली बाई से छुपा कर भगत के मोबाइल पर कॉल कर दिया ।भगत ने कांल उठाया और बातचीत करने लगा ।

चमेली बाई समझी भगत किसी दूसरे से बात कर रहा है । भगत चाची से कहा ,चाची जी मुझे कॉलेज जाना होगा। जरूरी काम आ गया है ।मैं थोड़ी देर बाद आ जाऊंगा ,तब तक नाश्ता भी तैयार हो जाएगा।

चमेली बाई बोली ठीक है भगत तुम काम निपटा कर आ जाना ।

चमेली बाई ,राजेश से बोली बेटा तुम टीवी पर कुछ प्रोग्राम देखो ।तब तक मैं नाश्ता तैयार करती हूं और वह किचन मैं चली गई ।

भगत जाते समय अपना अंगूठा दिखाकर राजेश को बेस्ट ऑफ लक कहा।

राजेश थोड़ी देर बैठक रूम में बैठने के बाद वह भी किचन में चला गया ।

जब चमेली बाई ,राजेश को देखी, तो बोली अरे राजेश बेटा तुम किचन में क्यो आ गए ।कुछ चाहिए क्या?

राजेश बोला, चाची जी मैं अकेला बैठा बोर हो रहा था मैंने सोचा क्यो न मैं नाश्ता बनाने में तुम्हारी मदद कर दूं।

चमेली बाई इस समय प्याज ,मिर्ची और टमाटर एक प्लेट पर काटने के लिए निकाली थी और वह प्याज काट रही थी ।

राजेश ने बोला चाची जी मेै टमाटर काट देता हूं ।

चमेली बाई बोली क्या तुमने कभी टमाटर काटा है।

राजेश - वैसे तो कभी कांटा नहीं हूं ,पर आप सिखाओगी तो मै सीख जाऊंगा।

चमेली बाई हंसने लगी । वह राजेश से बोली तो क्या अपनी चाची से सीखने आए हो और क्या-क्या सीखोगे अपनी चाची से ।

राजेश बोला चाची जी , मैं तो अनाड़ी हूं आप जो भी सिखाएंगी मै अच्छे से सीखने की कोशिश करूंगा।

चमेली बाई ने एक चाकू राजेश को देते हुए कहा अच्छा चलो इस टमाटर काटो मैं भी देखू टमाटर तुम कैसे काटते?

राजेश चाकू लेकर टमाटर काटने लगा।

चमेली बाई बोली, अच्छा राजेश तुम एक बहुत अच्छे लड़के हो ,फिर तुम यह बताओ ,उन लफंगे लड़कों के साथ तुम्हारा झगड़ा कैसे हुआ ?

राजेश ने कहा चाची उन लोगों ने मेरी बहन स्वीटी के बारे में गलत बोला, जिससे मुझे गुस्सा आ गया और मैं उन लोगों से भीड गया ।

चमेली बाई बोली उन लड़कों ने स्वीटी के बारे ऐसा क्या बोल दिया जो तुम्हे उन पर गुस्सा आ गया।

राजेश ने कहा ,उन लोगों ने स्वीटी को क्या मस्त माल है ?बोला।

चमेली बाई ने कहा ,क्या स्वीटी उस दिन सच में खूबसूरत और हॉट लग रही थी?
राजेश ने कहा, हा।

चमेली बाई बोलू तब तो तुम्हें इतना इतना गुस्सा नहीं करना चाहिए था ।

राजेश ने बोला मेरे सामने मेरी बहन को कोई माल बोले तो मुझे गुस्सा आएगा ही ।चाची अगर मै चाचा जी के सामने तुम्हें क्या मस्त माल है ?बोलूंगा तो चाचा जी नाराज होंगे कि नहीं।

चमेली बाई ने कहा क्यों बेटा मैं तो दो बच्चों की मां हूं बूजी हो चुकी हूं ।मैं कहां से मस्त माल लगती हूं ।मुझे लगता है कि तुम्हारे चाचा जी को बुरा नहीं लगेगा।

राजेश ने कहा क्यों चाची जी आप तो अभी काफी जवान हो और काफी हॉट भी हो ।अभी आप बूड़ी कहां हुई हो आपका हुस्न तो किसी भी नौजवान को अपना दीवाना बना देगी ।

चमेली बाई ने कहा झूठी तारीफ करना तो कोई तुमसे सीखे।

राजेश बोला ,नहीं चाची जी मैं झूठी तारीफ नहीं कर रहा। मैं सच कह रहा हूं तुम काफी हाट लगती हो ।

चमेली बाई बोली अच्छा फिर ये बताओ मैं कहां से हॉट लगती हूं ।

राजेश चमेली बाई के पास आ गया और बोला , रहने दो चाची आप बुरा मान जाओगी।

चमेली बाई ने कहा नहीं मैं बुरा नहीं मानूंगी ,आखिर मुझे भी तो पता चले मैं कहां से हॉट लगती हूं ।

चमेली बाई इस समय साड़ी और ब्लाउज पहनी हुई थी कमर पर साडी नाभि के काफी नीचे बांधी हुई थी राजेश चमेली बाई के पीछे खड़ा होकर एक हाथ से उसके पेट को सहलाने लगा और चमेली भाई से बोली तुम्हारी ये पतली कमर और गोरे गोरे बदन पर यह नाभि क्या कयामत ढा रही है किसी भी जवान को अपना दीवाना बनाने के लिए काफी है।

चमेली बाई के पेट सहलाने से चमेली बाई के शरीर में सिहरन दौड़ने लगी।

राजेश बोला तुम्हारी खूबसूरत बदन पर ये नाभी काफी हॉट लगती है और उसके पेट पर हाथ चलाने लगा।

राजेश कहा ने चमेली बाई से कहा और बताउं तुम कहां से हाथ हॉट लगती हो ।

चमेली बाई ने धीरे से कहा, हूं।

राजेश ने कहा चाची कहीं तुम बुरा तो नहीं मानोगी ना चमेली बाई ने धीरे से नहीं मैं बुरा नहीं मानूंगी बताओ और मैं और कहां से हाट लगती हूं।

राजेश का हिम्मत बढ़ गया, वह अपना एक हाथ उसकी चूची पर रख दियाऔर उसे दबाने लगा, फिर कहां चाची यह तुम्हारी गोरी गोरी बड़ी बड़ी दूदू काफी मस्त है ।इसे देखते ही किसी का भी लोड़ा तन जाएगा।

राजेश के द्वारा उसकी चूचियां मसलने और अश्लील शब्द का प्रयोग करने से उसके शरीर में रक्त प्रवाह काफी बढ़ गया। चमेली बाई सिसक उठी और बोली बेटा यह क्या कर रहे हो ।

राजेश ने कहा चाची में बता रहा हूं कि तुम कहां से कहां से हॉट लगती हो ,तुम्हारी इन मस्त चूचियो को देख कर देखो मेरा क्या हाल है और चमेली बाई के एक हाथ को पकड़ कर अपने लंड के ऊपर पेंट पर बनी उभार पर रख दिया ।

चमेली बाई ने राजेश के लंड को अपने हाथ में महसूस कर ।उसकी सांसे तेज आने लगी, उसका सीना ऊपर नीचे होने लगा ,वह काफी उत्तेजित हो गई ।

उसने देखा कि सच में राजेश का लोड़ा खड़ा हो गया है और काफी बड़ा लग रहा है ।

उसने राजेश से बोला राजेश तुम्हारा तो सच में खड़ा हो गया है ।

राजेश अपने दोनों हाथों से चमेली बाई के चूची को मसलने लगा चमेली बाई उत्तेजित होकर सिसकने लगी।

राजेश ने चमेली बाई से कहा चाची और बताउ, तुम कहां से हॉट लगती हो।

चमेली बाई ने सिसकते हुए कहा, और कहां से बेटा।

राजेश अपना एक हाथ चमेली बाई के चूतड़ पर ले जाकर उसे सहलाने लगा और बोला तुम्हारी उभरी हुई गांड काफी हाट है इसे देखकर तो बूढे का लंड खड़ा हो जाए और उसकी गांड को सहलाने लगा।

राजेश की इस हरकत से चमेली बाई काफी उत्तेजित हो गई और और गहरी गहरी सांस लेने लगी। उसकी सांसे तेज चलने लगी ।

राजेश ने चमेली बाई को घुमा कर उसका मुख अपने ओर कर दिया ।चमेली बाई ने राजेश की ओर देखा दोनों एक दूसरे की आंखों में देख रहे थे ।दोनों की आंखों में चुदाई के लिए तड़प साफ नजर आ रहा था।

राजेश चमेली बाइक के होंठों पर अपने होंठ रख कर उसे चूसना शुरू कर दिया चमेली बाई भी उसका का सहयोग करने लगी। उसके होंठ चूसने के बाद हुआ उसकी गर्दन को चुमते हुए ,वह उसकी दूदू की तरफ आगे बढ़ गया ।

राजेश ने चमेली बाई ब्लाउज के बटन खोल दीए और ब्रा को ऊपर सरका कर चूची को बाहर निकाल दिया। उसकी चूची को देखकर राजेश बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया ।उसका लंज खड़ा होकर ठूनकी मारने लगा। वह चमेली के चूचक को मुंह में भर कर चूसने लगा।

उसकी चुचियों को दोनों हाथों से मसल मसल कर उसके निप्पल को मुंह में भर कर चूसने लगा।

राजेश की इस हरकत से चमेली बाई की बूर से पानी झरने की तरह बहने लगी। चमेली बाई काफी दिनों से प्यासी थी ।

कुछ देर तक चूची पीने के बाद राजेश आगे बढ़ा और इसके नाभि को चाटने लगा जिससे चमेली बाई का बदन कपकपाने लगे। वह सिसकने लगी। अब दोनों से बर्दाश्त करना मुश्किल हो गया।

राजेश ने चमेली बाई को अपने बाहों में उठा लिया और बेडरूम की ओर ले गए ।बेडरूम में ले जाकर उसे पलंग पर पटक दिया।

राजेश ने अपना पैंट का चैन खोलकर अपने लंड को बाहर निकाला ।चमेली बाई,राजेश के विशाल एवं खूबसूरत लंड को देख कर मंत्रमुग्ध हो गई ।

राजेश ने चमेली बाई के आंखों मे देख कर आंखों ही आंखों से लंड चूसने का इशारा किया।

चमेली बाई पलंग से उठ कर नीचे फर्श पर आकर बैठ गई ।राजेश के लंड को अपने हाथों से पकड़ ली, जो इस समय हवा में लहरा रहा था और चमेली बाई की हाथ लगते ही लंड और कठोर होकर ठूमकने लगा ।

चमेली बाई देर न करते हुए राजेश के लंड के टोपे को अपने मुंह में भर कर चूसनी लगी राजेश अपने दोनों हाथों से चमेली बाई क़़ी बालों को पकड़ लिया और आंखें बंद कर लंड * चुसवाने * का मजा लेने लग।

राजेश का लंड** चमेली बाई के मुंह में घपा घप अंदर बाहर होने लगा। कुछ देर तक लंड* चुसवाने*का मजा लेने के बाद ,राजेश चमेली बाई को अप़ने हाथों से उठाकर खड़ा कर दिया। उसके होंठ को फिर से चूसना शुरू कर दिया ,फिर उसकी चूची को पीने लगा।

चमेली बाई फिर से सिसकने लगी। राजेश्, चमेली को बेड के किनारे लिटा दिया और उसके पेटीकोट को उसके पैरों के ऊपर जागो से भी ऊपर उठाते हुए उसके कमर तक चढ़ा दिया।

चमेली बाई पैंटी पहनी हुई थी राजेश ने उसकी पैंटी को दोनों हाथों से पकड़ा और उसे खींचकर उसे पैरों से अलग कर दिया ।

पेंटी बूर रस से भीग चुका था। राजेश उसकी पैंटी को सूघने लगा एक ज़नाना के बर रस का गंध पाकर उस़का लंड और कठोर हो गया।

पेंटी के निकलते ही चमेली बाई की खूबसूरत एवं चिकनी चूत ** राजेश की नजरों के सामने आ गया जिसे देखकर राजेश का लंड और कठोर होकर ठूनकी मारने लगा ।

चमेली बाई की नजर राजेश को ठूनकी मारते हुए लंड* को देखी तो ,उसका बूर और रस छोड़ने लगी।


राजेश ने अपना एक हाथ उसके बूर पर रखकर उसे सहलाने लगा। एक उंगली उसके चूत केअंदर ले जाकर ,उसके भग्नासा को रगड़ने लगा जिससे चमेली बाई आनंद के मारे चीखने लगी ।अपने दोनों पैरों को जोड़ने लगी। चमेली बाई के चूत से पानी झरने की तरह बह रही थी ।जिसे राजेश की उंगली पूरी तरह गीला हो गया ।

राजेश समझ गया था कि चमेली बाइ पूरी तरह उत्तेजित हो गई है ।वह देर ना करते हुए अपने लंड को एक हाथ से पकड़ा और लंड* का टोपा चमेली बाई के चूत पर रखकर उसके चूत पर उपर से रगडा।

चमेली बाई से अब बर्दाश्त नहीं हुआ वह राजेश से बोली और मत तड़पाओ बेटा मैं मर जाऊंगी अंदर डालो और अपनी चाची की प्यास बुझाओ।

राजेश लंड का टोपा को चमेली बाई के बुर् के मुख पर रखकर एक जोर का धक्का मारा लंड* सरसराते हुए चमेली बाई के चूूत* को फाड़कर , आधा अंदर घूस गया ।चमेली बाई के मुख से चीख निकल गई।

वह बोली आराम से करो राजेश बेटा तुम्हारा बहुत बड़ा है ।

राजेश दोनों हाथों से चमेली बाई की चूची को पकड़कर उसे मसल कर उसके चूचक को मुंह में भर कर पीने लगा।

चमेली बाई फिर से सिसकने लगी । राजेश अपने कमर को धीरे-धीरे हिला कर अपना लंड चमेली बाई की चूत** में अंदर बाहर करने लगा ।धीरे-धीरे लंड* चूत मे अपनी जगह बनाने लगा ।

चमेली बाई के चूत के पानी से राजेश का लंड* पूरी तरह भीग चुका था। वह अब बड़ी आसानी से चूत के अंदर बाहर होने लगा। राजेश ने अपना स्पीड बढ़ा दिया। अपने दोनों हाथों से चमेली बाई की कमर को पकड़ के उसके चूत को तेज तेज चोदना शुरु कर दिया ।

लंड चमेली बाई की चूत * में फच फच गच गच की आवाज करते हुए अंदर बाहर होने लगा।

लंज* बड़ा होने के कारण चूत की दीवारों को और उसकी भग्नासा को अच्छी तरह रगड़ते हुए गपा गप अंदर बाहर होने लगा ।जुदाई के आनंद के मारे चमेली बाई अपना सुध बुध खो बैठी और आंखें बंद कर ली थी उसके मुख से आनंद के मारे सिसकने की आवाज लगातार निकल रही थी ।

इधर राजेश को भी चमेली बाई को चोदने बहुत मजा आने लगा। दोनों स्वर्ग में चले गए,थे। राजेश अब जोश में चमेली बाई को जोर जोर से चोदने लगा।

राजेश का लंड* अब चमेली बाई के बच्चेदानी को ठोकने लगा। जिससे चमेली को ऐसा अद्भुत आनंद मिलने लगा ,जिसे वह ज्यादा देर तक बर्दाश्त न कर सकी और वह झड़ने लगी। झड़ते समय वह राजेश को अपनी टांगो से पूरी तरह जकड़ ली जिसे राजेश धक्का मार ना सका ।वह भी समझ गया कि चाची झड गई है और दोनो कुछ देर इसी अवस्था में पड़े रहे।

राजेश अपने लंड को चमेली बाई की चूत से बाहर निकाला। राजेश का लंड* चमेली बाई के बुर के रस से चमक रहा था ।और हवा में लहराते हुए ठूनकी मार रहा था।

राजेश चमेली बाई को पलंग से उठाकर उसके होठों को चूसने लगा ।फिर वह पलंग पर बैठ गया और चमेली बाई को अपनी गोद पर बिठा लिया।

चमेली बाई, राजेश के गोद में सामने मुख कर बैठ बैठी थी । राजेश उसे बाहों में भर लिया ।उसके गर्दन को चूमने लगा। धीरे-धीरे व उसकी चूची की ओर आगे बढ़ा और उसे अपने हाथों से मसल कर पीना शुरू कर दिया।

चमेली बाई फिर गर्म होकर सिसकने लगी।

राजेश पलंग से खड़ा हो गया और चमेली बाई को से पलटाकर उसे कुत्तिया बना दिया और वह उसके पीछे खड़ा हो गया ।

राजेश अपने एक हाथ से लंड को पकड़ कर चमेली बाई के चूत** के मूख पर रख कर एक जोरदार धक्का मारा।
लंड सरसराते हुए चमेली बाई के चूत गच की आवाज करता हुआ चला गया क्योंकि राजेश के चुदाई से चमेली बाई का चूत काफी खुल गया एक ही धागे में आधे से ज्यादा लंड* खचाक की आवाज करता हुआ अंदर घुस गया ।

चमेली बोली, राजेश बेटा आराम से करो मैं कही भागी नहीं जा रही ।

राजेश अपने दोनों हाथ सामने ले जाकर चमेली बाई की चूची को अपने हाथों में थाम लिया और उसे मसलने लगा । कुछ देर उसके दूदू स् खेलने के बाद उसके पीठ को सहलाने और चूमने लगा लगा, जिससे चमेली बाई फिर से सिसकने लगी।

राजेश अपनी कमर हिला कर लंड* को चूत * के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया। लंज कुछ ही देर में गचागच, अंदर बहार होना शुरू हो गया।

अब राजेश दोनों हाथों से चमेली बाई की कमर को पकड़ कर ,लंड** को तेज गति से चमेली बाई चूत** में पेलने लगा।

लंड, चमेली बाई के बूर में फच फच गच गच की आवाज करता हुआ अंदर बाहर होने लगा ।

राजेश को चुदाई में फिर से बहुत मजा आने लगा। चमेली बाई तो फिर से अपना सुध बुध खो बैठी। दोनों एक बार फिर स्वर्ग में चले गए।

तभी राजेश को यह मौका अच्छा लगा भगा को बुलाने का।राजेश ने अपना मोबाइल अपनी जेब से निकाला और भगत को मिस कॉल कर दिया। इधर भगत राजेश के कॉल का इंतजार कर रहा था। वह समझ गया कि काम बन गया है।वह सुखीराम के घर चल पड़ा।

इधर राजेश चमेली बाई को जोर-जोर से चोदना शुरु कर दिया ।जिससे उसका लंड चमेली बाई के बच्चेदानी को फिर से ठोकने लगा। जिससे चमेली बाई
कभी सिसकती थी तो कभी उसके मुख चीख निकलती थी।

इस आसन में चुदाई*करने से राजेश के लंड के टट्टे उसके कुल्हे से टकराने से कमरे में थप थप की आवाज भी गूंज रही थी ।

इधर भगत सुखीराम के घर पहुंच चुका था ।उसने देखा दरवाजा खुला है ।वह अंदर गया। बैठक रूम पर कोई नहीं था ।वह किचन में गया। वहां भी कोई नहीं था ।वह समझ गया कि दोनों बेडरूम में होंगे ।वह बेडरूम कि ओर गया बेडरूम का दरवाजा भी खुला था। जैसे ही वह अंदर गया अंदर का दृश्य देखकर ,उसके शरीर में खून तेज गति से बहना शुरू हो गया।

इस समय राजेश और चमेली बाई दोनों अपनी सुध बुध खोकर चुदाई का मजा ले रहे थे। कमरे में लंड* का चूत मे अंदर बाहर होने से फच फच गच गच की आवाज। लंड के टट्टे का चमेली के कुलहे से टकराने से थप थप की आवाज और चमेली बाई के आनंद के मारे सिसकने और चिखने की आवाज गूंज रही थी।

ऐसा नजारा देख कर भगत का लंड तन कर खड़ा हो गया।

इधर राजेश की नजर भगत पर पड़ा वह चुदाई* के नशे में था ।उसे राजेश के आने से कोई फर्क नहीं पड़ा और वह उसी गति से चुदाई* करता रहा।

इधर भगत भी अपना पेंट निकाल लिया और अंडर वियर खिसका कर लंड* बाहर निकाल कर अपने हांथ से हिलानेलगा।

इधर राजेश चमेली बाई को और जोर-जोर से हुमच हुमच कर चोदने लगा, जिससे चमेली बाई को बर्दाश्त नहीं हुआ वह फिर से झड़ने लगी।

झड़ते समय वह बेड को अपने हाथों से जोर से भीच ली। उसके मुख से चीख निकल गई।

राजेश् और भगत दोनों ही समझ गए कि चमेली बाई झड़ गई है। कुछ देर तक दोनों ऐसे ही हालत में पड़े रहे फिर राजेश ने अपना लंड* चमेली बाई के चूत से बाहर निकाल लिया।

उसका लंड* फचाक की आवाज करता हुआ लंड से बाहर आया। लंड * चूत के रस से भीगकर चमक रा था ।बूर का पानी पीकर और लंबा और मोटा होकर हवा में लहरा रहा था, जिस पर भगत की नजर पड़ते ही उसकी आंखें फटी की फटी रह गई ।

भगत अपने मन मे कहा राजेश का हथियार कितना तगड़ा है ,तभी राजेश भाई की अपनी पहली चुदाई* मे ही मां जी की चूत सुजा दी ।

भगत कू नजर चमेली बाई की चूत पर पढा , चमेली बाई की चूत का छेद काफी फैल गई थी ।भगत अपने मन में कहा राजेश भाई ने तो चाची के बूर की धज्जियां उड़ा दी है ।

राजेश ने भगत को दो उंगली दिखा कर उसके बीच अपनी जीभ चला कर भगत को, चमेली बाई का चूत चाटने का इशारा किया ।

चमेली बाई अभी अनजान थी उसे पता नहीं था कि कमरे मे भगत भी है।वह कमरे में घोडी बने अवस्था में ही पड़ी हुई थी ।

भगत ,चमेली बाई के चुत को पास जाकर देखने लगा उसके चूत से रस बह रहा था ।भगत ने पेटीकोट से चमेली बाई के चूत रस को साफ किया। फिर उसके चूत पर अपनी जीभ से चाटने लगा ।

चमेली बाई को अपनी चूत पर किसी गर्म चीज का एहसास हुआ। वह पीछे पलट कर देखी। उसने देखा राजेश पीछे खड़ा था ।वह मन मे सोची तो मेरी चूत * कौन चाट रहा है ।उसने सिर पीछे घुमाकर देखा उसने देखा कि भगत उसका चुत चांट रहा है उसे आश्चर्य हुआ कि यह कब आया ।

राजेश ने चमेली बाई से कहा चाची ,भगत हम दोनों को चूदाई करते हुए देख रहा था और उत्तेजित हो गया है। उसे भी थोड़ा मजा लेने दो।

चमेली बाई राजेश की चुदाई * की दीवानी हो गई थी वह राजेश की बात ना टाल सखी ।

इधर भगत चमेली बाई के चुत को तेज तेज चाटने लगा जिससे कुछ ही देर में चमेली बाई फिर से गर्म हो गई। इसके पहले किसी ने उसका चुत नहीं चांटा था पहली बार वह चुत चटवाने का * का मजा ले रही थी। वह आनंद के मारे सिसकने लगी । जब उसे बर्दाश्त करना मुस्किल हुआ ।

वह बोली, बेटा बस करो मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा भगत ने चूत * चाटना बंद कर दिया और अपना लंड अपने एक हांथ से पकड़ कर चमले बाई के चूत मुख पर रख दिया उऔर उसके चूत पर जोर का धक्का मारा।लंड सरसराते हुए एक ही बार मैं पूरा अंदर घुस गया।

भगत काफी उत्तेजित हो गया था ।वह जोश में आकर चमेली बाई के कमर को पकड़ कर तेज तेज धक्के * मारने लगा।

भगत का इस तरह चोदना मेरे चमेली बाई को भी अच्छा लगने लगा।

इधर राजेश बेड के ऊपर चढ गया और चमेली बाई के सिर के सामने जाकर बैठ गया। वह अपने खड़े लंड* को चमेली बाई के मुख के पास ले गया ।चमेली बाई समझ गई राजेश क्या चाहता है ?

चमेली बाई राजेश क लंड को अपने मुंह में भर कर चूसने लगी।

इधर भगत पीछे से तेज गति से चमेली बाई की चूत* बजा रहा था। भगत का लंड चमेली बाई के चूतरस से पूरी तरह भीग चुका था ।लंड* चूत में फच फच की आवाज करता हुआ अंदर बाहर हो रहा था ।

चमेली बाई को भगत से चुदाने में मजा आ रहा था ,पर भगत चमेली बाई को उस चरमसुख तक नहीं ले जा सका। जहां तक राजेश ने ले गया था ।सुख के उस स्तर तक पहुंचने के लिए चमेली बाई ने भगत को और जोर जोर से चोदने के लिए कहा ।भगत और जोर-जोर से ठुकाई करने लगा , पर चमेली को निराशा ही हाथ लगी।

इधर भगत की नजर चमेली बाई के गांड के छेद पर गया ।चमेली बाई की गांड का छेद काफी बड़ा लग रहा था ।भगत की अनुभवी आंखों ने जान लिया की चाची जरूर गांड मरवाती है ।

उसने चाची से कहा चाची तुम्हारा गांड का छेद तो काफी बड़ा है। लगता है ,चाचा जी तुम्हारे गांड मारते हैं।

चमेली बाई ने कहा, हां बेटा ,पता नहीं तुम्हारे चाचा जी को यह शौंक कैसे लग गया ?जब से उसने गांड मारना शुरू किया। वह चुत को मारना ही बंद कर दिया। मेरे गाड के पीछे ही लगा रहता है ,जिससे मेरी चुत बरसों से प्यासी थी ।आज इसकी प्यास बुझ रही है ।

भगत ने चाची से कहा ,चाची मैंने जब तुम्हें पहली बार देखा तभी मैं जान गया था कि तुम प्यासी हो ।तुम्हारे उभरी हुई गांड को देखकर मैंने ठान लिया था कि मुझे तुम्हारी गांड मारनी है।

भगत चाची से कहा ,चाची मुझे भी तुम्हारी गांड मारने का मन कर रहा है ।चाची बोली लगता है बेटा तुम्हें भी तुम्हारे चाचा जी की तरह गांड मारने का शौक है ।कर लो अपनी शौक पूरी ।

भगत ने अपने लंड* को चूत * से बाहर निकाल दिया और चमेली बाई के गांड के छेद पर अपने लंज के टोपे को रख दिया।

चमेली बाई के गांड का छेद काफी बड़ा था जैसे ही भगत ने एक धक्का मारा उसका लंड का टोपा गाड़ के अंदर चला गया।

इधर राजेश का लंड चमेली बाई के मूह के अंदर था वह चीख ना पाई ।राजेश उसकी चूची को मसलने लगा ।

उधर भगत अपनी कमर को हिला कर धीरे धीरे लंड को , चमेली बाई के गांड में ठेलने लगा। लंड* धीरे-धीरे चमेली बाई के गांड में अपनी जगह बनाने लगा और कुछ ही देर बाद लंड पूरा गांड के अंदर घुस गया ।

लंड गांड में कसा कसा अंदर बाहर आने जाने लगा। जिससे भगत को बहुत मजा आने लगा । अब वह तेज गति से गांड में अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा। उसे गांड मारने में बहुत मजा आ रहा था ।

इधर चमेली बाई को राजेश का लंड* बूर में लेने का मन कर रहा था। उसे राजेश से चूत* मरवाने का मन कर रहा था ।वह राजेश से बोली बेटा अब तुम मेरी बूर चोदो।

राजेश पलंग पर लेट गया उसका लंड सीधा खड़ा होकर ठूमक रहा था । उसने चमेली बाई को अपने लंड पर बैठने का इशारा किया ।

इधर भगत भी राजेश के इशारा को समझ कर ,गांड मारना बंद कर दिया और अपना लंड गांड से बाहर निकाल दिया ।

चमेली बाई पलंग पर चढ़कर ।राजेश के लंड को एक हाथ से पकड़ कर अपनी चूत पर सेट किया और लंड* की की टोपे को अपनी योनि द्वार पर रखकर उस पर बैठ गई जिससे लंड सरसराता हुआ चूत के अंदर चला गया।

लंड* का चूत * में जाते ही वह सिसक उठी ।

राजेश चमेली बाई की चुचियों को अपने हाथों में थाम उसे मसलने लगा। उसकी चूची को पीने लगा।

चमेली बाई अपनी कमर को ऊपर नीचे करके लंड को अपने बूर में अंदर-बाहर करने लगी ।धीरे-धीरे उसकी चूत * में पूरे लंड को निगल गई ।

अब राजेश भी चमेली बाई के कमर को पकड़ कर उसके कुल्हे को अपने लंड पर पटक पटक कर चोदने लगा ।

चमेली बाई भी जोर-जोर से उछल उछल कर राजेश के लंड से चुदने लगी ।लंड का टोपा चमेली बाई की बच्चेदानी को ठोकने लगा ।जिससे चमेली बाई प्राप्त फिर से चरम सुख प्राप्त करने लगी ।उसके मुख से क सीसकने की आवाज निकलने लगी। वह जोर-जोर से उछल उछल कर राजेश के लंड* से चुदने लगी ।

राजेश और चमेली बाई दोनों ही अपनी सुध बुध खो बैठे ।चमेली बाई के राजेश के लंड पर उछल कूद करने से उसकी चूचिया भी ऊपर नीचे उछलने लगी।

दोनों की चुदाई*** देखकर भगत बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया ।उससे रहा न गया ।वह भी पलंग पर चड गया और चमेली बाई के पीछे खड़ा हो गया।

वह अपने लंड को हिलाते हुए कहा ,राजेश भाई मेरा भी तो ख्याल रखो ।

राजेश अपनी आंखें खोल कर देखा भगत बेड पर चढ़कर अपना लंड हिला रहा है।वह समझ गया भगत क्या चाहता है ?वह चुदाई रोक दिया और चमेली बाई को अपने हाथों से खींच कर अपने सीने से लगा लिया। जिससे चमेली बाई की गाड भगत के सामने आ गया।

राजेश भगत से बोला डाल दो अपने लंड* चाची की गांड में।

भगत मुस्कुराते हुए अपना लंड चमेली बाई की गांड पर सेट कर दिया और चमेली बाई के गांड पर एक जोर का धक्का मारा ,लंड गच से गांड के अंदर घुस गया ।इसी के साथ राजेश के लंड का दबाव चूत मे बढने से लंड चमेली बाई के बच्चेदानी से टकरा गए जिससे चमेली बाई चिहुक उठी।

भगत फिर से एक जोरदार धक्का मारा उसका लंड गांड में पूरा समाहित हो गया ।इधर राजेश का लंड फिर से चमेली बाई के बच्चेदानी से टकराया ।फिर से चमेली बाई चिहुक उठी ।

भगत अपने लंड को गांड में धीरे धीरे अंदर बहार करना शुरू कर दिया। राजेंश भी नीचे से अपना कमर हिला कर अपना लंड* चूत* में ठेलने लगा। गांड और चूत *की * एक साथ चुदाई होने से ,चमेली बाई जन्नत मैं पहुंच गई।

इधर राजेश और भगत दोनों ही जोर-जोर से धक्का लगाने लगे। चमेली बाई आनंद के मारे चीखने और चिल्लाने लगी ।वह सिसकने लगी ।

चमेली बाई ने सपने मे भी नहीं सोची थी दो जवान लड़को से वह एक साथ ऐसे चुदेगी ।

भगत को अब अपने पर नियंत्रण रख पाना मुश्किल हो गया और वह बहुत जोर-जोर से गाड मारने लगा ।वह झड़ने वाला था ।

वह राजेश से बोला भाई मैं झड़ने वाला हूं।

राजेश बोला, अंदर मत झडना भगत ।

भगत से और बर्दाश्त नहीं हुआ अपने लंड गांड से बाहर खींच लिया और कराहते हुए चमेली बाई की चूतड़ पर ही झडने लगा ।

चमेली बाई भगत के वीर्य को अपने पेटीकोट से पोछ कर साफ लिया ।

अब चमेली बाई फिर से राजेश के लंड पर जोर जोर से उछल उछल कर चूदने लगी ।

राजेश भी उसके कमर को पकड़ कर उसके कूल्हे लंड पर पटक पटक चोदने लगा। दो फिर से अपना सुध बुध खो बैठे । वे जन्नत में चले गए। राजेश का लंड चमेली बाई की बूर के भग्नासा को रगड़ते हुए फच फच की आवाज करता हुआ चूत के अंदर जा रहा था लंड का टोपा बच्चेदानी से टकरा रहा था, जिससे चमेली बाई सुख की चरम अवस्था में पहुंच गई और वह झड़ने लगी। उसका शरीर कप कपाने लगा ।वह राजेश के सीने से जकड़ गई ।

इ धर भगत ,राजेश के स्तंभन शक्ति को देखकर आश्चर्यचकित था।

राजेश ने भगत से कहा भगत तुम बैठक रूम में जाओ और देखो कोई आ ना जाए कोई आए तो संभाल लेना भगत ने कहा ठीक हैभाई ।

भगत क मरे से निकलकर बैठक रूम में आकर बैठ गया ।

राजेश भी चरम अवस्था मैं पहुंचने वाला था वह चुदाई * बंद करना नहीं चाहता था। वह बेड से उठकर कर बैठ गया और साथ मे रात में चमेली बाइ को भी उठा कर बेड पर पीठ के बल लिटा दिया । खुद उसके ऊपर आ गया ।

वह चमेली बाई के होंठों को चूसने लगा ।उसके दूध दबाने और चूचक को मूह मे भर कर चूसने लगा। धीरे धीरे चमेली बाई फिर गर्म होने लगी। राजेश अपनी एक उंगली चमेली बाई के चूत पर ले जाकर ,उसकी भग्नासा को रगड़ने लगा। कुछ देर चमेली बाई फिर से सिसकने लगी ।

राजेश पलंग से उतर कर चमेली बाई को भी उठाकर पलंग से उतार दिया और चमेली बाई की साडी और को उसके ब्लाउज को निकाल कर शरीर से अलग कर दिया।

वह उसकी ब्रा को भी उसके जिस्म से अलग कर दिया । चमेली बाई अब केवल पेटीकोट में थी।

राजेश चमेली बाई के नाभि को चुमले चाटने लगा। चमेली बाई आनंद के मारे सिसकने लगी। राजेश खुद भी अपना कपड़ा उतारकर नंगा हो गया।

राजेश की गठीला बदन को देख कर चमेली बाई और भी ज्यादा उत्तेजित हो गई ।वह राजेश को सीने से लगाकर उसे चूमने चाटने लगी।

राजेश भी बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया था। वह चमेली बाई के पेटीकोट का नारा को खींचकर उसे भी उसके शरीर से अलग कर दिया ।

दोनों कमरे में बिल्कुल नंगे हो गए थे ।दोनों एक दूसरे के खूबसूरत जिस्म को देखकर कामवासना में जलने लगे ।

राजेश का लंड* बहुत कठोर होकर ठूमक रहा था वह चूत * के अंदर जाने के लिए तड़प रहा था। एक दूसरे के नंगे जिस्म को जी भर कर देखने के बाद राजेश ने चमेली बाई को लंड चूसने का का इशारा किया।

चमेली भाई नीचे बैठ कर राजेश के लंड * को मुंह में लेकर चूसने लगी।

राजेश कुछ देर लंज* चूस वाने के बाद चमेली बाई को पलंग के सहारे घोड़ी बना दिया और उसके पीछे जाकर अपना लंड * हाथ में लेकर उसकी चूत * के मुख पर रखकर एक जोरदार धक्का मारा । लंड चूत * को फाड़ते हुए सरसराता ़हुआ ़ बूर मे अंदर घुस जगया ।

चमेली बाई के मुख से कामुक चीख निकल गई।

राजेश ने चमेली बाई के कमर को दोनों हाथों से पकड़ कर लंड को चूत मे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे सरकता हुआ समूचा लंड* चूत में समा गया।


राजेश जोर जोर से चोदना शुरू कर दिया ।लंड चूत मे फच फच गच गच की आवाज करता हुआ अंदर बहार होने लगा।

चमेली बाई को राजेश से बूर*चोदवाने में फिर से बहुत मजा आने लगा ।वह भी कमर पूछे हिला हिला कर राजेश का सहयोग करने लगी ।

दोनों चुदाई* की मस्ती में पूरी तरह डूब चुकेथे।

राजेश की नजर चमेली के गांड पर पड़ा उसकी गांड के छेद फूल और पिचक रहे थे।

राजेश को गांड चोदने की इच्छा हुआ।वह लंड को चूत से बाहर खींच लिया। और चमेली बाई के गोरे गोरे कूल्हे को चूमनेचाटने लगा ।

चमेली बाई को समझ नहीं आया कि आखिर राजेश मने लंड के क्यों बाहर निकाल लिया ?

राजेश ने अपना लंड का टोपा चमेली बाई गांड के छेद पर जैसे ही रखा । तमेली बाई , राजेश से बोली, नहीं राजेश ,मेरी गांड मत मारो ।तुम्हारा लंड* बहुत बड़ा है काफी मोटा है। मेरी गांड फट जाएगी।

राजेश बोलो, चाची मुझे भी गाड का स्वाद चखना है। मूझे जानना है कि गांड मारने में कैसा लगता है।

चमेली बाई बोली, नहीं राजेश मै तुम्हारा लंड** मैं अपनी गांड में नहीं ले पाऊंगी। मेरी गांड फट जाएगी।

राजेश ने कहा क्या जाजी तूम मेरी खुशी के लिए थोड़ा कष्ट नहीं उठा सकती।

राजेश कि याचना को सुनकर चमेली बाई बोली, बेटा बहुत ही आराम से धीरे धीरे करना ।मुझे बहुत मुझे बहुत दर्द होगा।

राजेश ने कहा चाची जी तुम चिंता मत करो मैं धीरे-धीरे आराम से डालूंगा और राजेश अपना लंड* का टोपा चमेली बाई की गांड के छेद पर रख जोर से दबाया लंड का टोपा काफी मोटा था। वह अंदर नहीं जा पा रहा था ।

चमेली बाई ,राजेश से कहा रुको राजेश ।वह उठ कर खड़ा हो गई और वह अलमारी से एक क्रीम निकालकर राजेश को दे दी और मैं बोली इस क्रीम को मेरी गांड और अपने लंड पर * अच्छे से लगाा दो। तेरे चाचा जी इस क्रीम को लगाकर मेरी गाड मारते है। जिससे लंड गांड में आसानी से चला जाताहै और दर्द भी बहुत कम होता है।

राजेश ने क्रीम लेक कर अपने लंज* में अच्छे से लगा लिया और दो उंगली में क्रीम लगाकर उसे चमेली बाई के गाड के छेद में भर दिया। चमेली बाई के गांड में अच्छी तरह भरकर उसके गांड में दो उंगली डालकर अंदर-बाहर करने लगा। फिर दोनों उंगलियों से उसके गाड के छेद को फैलाने लगा ।एक हाथ की अंगुलियों से उसकी गांड के छेद को फैला कर दूसरे हाथ में लंड* को पकड़ कर उसके टोपे को उसकी गांड के छेद पर रख दिया और एक जोरदार झटका मारा।

लंड का टोपा गांड के अंदर घुस गया चमेली बाई के मुख से एक चीख निकली और वह बोली बेटा आराम से मेरी गाड फट जाएगी।

राजेश चमेली बाई के पीठ को चूमने चाटने लगा उसके स्तनों को दोनों हाथों से पकड़ कर मसलने लगा, जिससे चमेली बाई का दर्द कम हो गया । उसके दूदू को मसलते हुए लंड* का दबाव गांड पर डालने लगा जिससे लंड धीरे-धीरे से सरखता हुआ गाड मे घुसने लगा ।

राजेश अपना लंड* को गांड मे धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा और लंड का दबाव हर बार गांड में थोड़ा बढ़ाने लगा ,जिससे लंड गांड के अंदर घुस कर अपनी जगह बनाने लिया ।

लंड आधे से ज्यादा गांड के अंदर घुस गया। राजेश चमेली बाई के कमर को को पकड़कर लंड उसके गांड में मारना शुरू कर दिया ।धीरे-धीरे लंड गांड में अपनी जगह बना ली और पूरा लंड* गांड में समा गया ।

इसे देखकर राजेश को बड़ा आश्चर्य हुआ इतना मोटा लंड गांड के अंदर पूरा समाहित होने उसे बड़ा आश्चर्य हुआ।

वह कमर को पकड़ कर गांड को तेज तेज चोदना चोदना शुरू कर दिया ।

चचमेली बाई को आनंद और दर्द दोनोंमिल रहा था वह कभी जी सिसकती थी तो कभी दर्द से कराहती थी।

राजेश का लंड गांड में बुरी तरह जकड़ हुआ था जिससे लंड* कसा कसा अंदर बाहर होने लगा। जिससे राजेश को एक अलग आनंद आने लगा ,पर उसे लगने लगा कि अगर वह इसी तरह गांड चोदता रहा तो वह बहुत जल्द झड़ जाएगा ।अतः कुछ देर गांड मारने के बाद गांड से लंड* को निकाल दिया ।

लंड निकालने के बाद देखा कि चमेली बाई के गांड का छेद काफी फैल गया है। उसे देखकर राजेश मुस्कुराने लगा ।

राजेश जोश में था चमेली बाई के चूत में लंड सेट कर जोर से धक्का मारा लंड* गच की आवाज के साथ चूत में घुस गया ।

राजेश चमेली बाई के चुत जोर जोर से चोदने लगा ।चमेली बाई फिर से आनंद के मारे सिसकने लगी ।कुछ देर चूत चोदने के बाद फिर से राजेश ने अपना लंड चूत से बाहर निकाल कर, उसके गांड में डाल दिया और गांड को भी जोर जोर से चोदने लगा।

इस प्रकार हुआ कभी गांड में तो कभी चूत * में अपना लंड डालकर चोदता रहा।

चमेली बाई को राजेश के इस हरकत से बहुत मजा आने लगा ।वह भी राजेश का खुलकर साथ देने लगी।

राजेश को खुद पर नियंत्रण रख पाना मुश्किल हो गया वह अपने लंड चमेली बाई के चूत में डाल कर चमेली बाई को जोर जोर से चोदने लगा। उसका लंड का टोपा चमेली बाई के बच्चेदानी को ठोकने लगा । चमेली बाई जिससे आनंद के मारे सिसकने लगी वह स्वर्ग में चली गई ।चरम सुख प्राप्त करने लगी ।

राजेश को अब बर्दाश्त ना हुआ और एक जोरदार धक्का मार कर चमेली बाई के कुल्हे को को अपने कमर से सटा कर जोर जोर से आह आह कराहते हुए वीर्य की लंबी-लंबी पिचकारी चमेली बाई के गर्भ में छोड़ने लगा ।

गरम गरम वीर्य को अपने बच्चेदानी में जाता हुआ अनुभव कर,चमेली बाई भी एक बार फिर झड़ने लगी।

चमेली बाई का इस समय गर्भधारण कांल चल रहा था उसके अंडासय से अंडा उत्सर्जित होकर उसके गर्भाशय और अंडाशय को जोड़ने वाली नली में आकर शुक्राणु का इंतजार कर रहा था।

राजेश का शुक्राणु गरभासय से नली मे जाकर तेजी स
अंडा तक पहुचकर उसके के अंदर प्रवेश कर गया और उसके अंडा को निषेचित कर दिया।

इस घटना से राजेश और चमेली बाई दोनों अनजान थे।

राजेश चमेली बाई को चोदकर में अपना बीज उसके कोख में बो दिया था।

दोनों झड़ने के बाद, चुदाई करते हुए काफी थक गए थे ।दोनों बिस्तर पर लेट गए ।चमेली बाई राजेश के सीने पर सिर रख कर लेट गई ।दोनों एक दूसरे के बाहों में कुछ समय तक ले लेटे रहे ।

राजेश ने बोला, चाची तुम खुश तो हो ना।

चमेली बाई मुस्कुराते हुए बोली ,हां बेटा आज मैं बहुत खुश हूं मेरी बरसों की प्यास आज तूने बुझा दी ।

चमेली बाई राजेश की दीवानी हो गई थी । चुदाई का जो सुख राजेश से उसे मिला, ऐसा सुख उसे आज तक कभी नहीं मिला था ।

चमेली बाई बोली , बेटा चाची को भोगने में तुम्हें मजा आया कि नहीं ।

राजेश ने कहा चाची तुमने तो मुझे जन्नत में पहुंच दिया था ।मुझे भी बहुत मजा आया ,और दोने एक दूसरे से कसकर लिपट गये।
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राजेश और भगत दोनों सुखी राम के घर पहुंच गए।

दोनों ने देखा कि दरवाजा अंदर से बंद है ।भगत ने कहा भाई दरवाजा अंदर से बंद है।

राजेश ने कहा दरवाजा खटखटा।

भगत ने दरवाजा खटखटाया।

चमेली बाई इस समय अपने कमरे में आराम कर रही थी ।दरवाजे खटखटाने की आवाज सुनकर वह कमरे से बाहर आती है और यह सोचते हुए इस वक्त कौन हो सकता है। वह दरवाजा खोलती है ।

दरवाजा खोलते ही उसकी नजर राजेश और भगत पर पड़ती है। दोनों को देखते ही वह मुस्कुराते हुए कहती है अरे राजेश और भगत तुम दोनों हो, बहुत दिनों बाद चाची को याद किया।

राजेश और भगत दोनो ने चाची को नमस्ते किया।

चमेली बाई - नमस्ते बेटा, आओ चलो अंदर आओ

राजेश और भगत दोनों अंदर आ गए और वे बैठक रूम मे लगे सोफे पर बैठ गए।

राजेश ने कहां है आप कैसी है चाची जी।

चमेली- बेटा मैं तो ठीक हूं। तुम दोनों कैसे हो।

राजेश- हम भी अच्छे हैं चाची ।

चमेली बाई ने कहा -बेटा लगता है अपनी चाची को भूल ही गए उस दिन के बाद, इतने दिनों के बाद आज याद आई ।

राजेश ने कहां चाची जी ऐसी बात नहीं है दरअसल में कुछ दिनों से कालेज ही नहीं आ रहा था। हां चाची जी कुछ मनचले लड़कों से झगड़ा हो जाने के कारण मुझे काफी चोटे आई थी, जिसके कारण मैं कॉलेज नहीं आ पा रहा था ।

चमेली बाई ने कहा -तुम्हारे चाचा जी ने तुम्हारे बारे में मुझे बताया था राजेश। तुम्हारे बारे में जानकर बहुत दुख हुआ था बेटा ।अब तुम्हारी तबीयत कैसी है?

राजेश -अब तो मैं पूरी तरह ठीक हूं चाची।

भगत ने बोला चाची जी जिन लड़काे ने भाई पर हमला किया था उसे भाई ने अच्छा सबक सिखाया है। पुलिस वाले भी ढूंढ रहे हैं सालों को उन्हे सजा होने से कोई नहीं बचा सकता।

भगत ने कहा चाचा जी कहीं नजर नहीं आ रहे है।

चमेली भाई ने - बेटा तुम्हारे चाचा जी बाजार में कुछ सामान लाने गये है।आने में समय लगेगा। कुछ काम था क्या?

राजेश ने बोला नहीं चाची जी, हम तो काफी दिन हो गए थे तो आप लोगों से मिलने चले आए।

चमेली बाई बोली बहुत अच्छा किया बेटे मैं तो सोच रही थी कि तुम लोग अपनी चाचा चाची को भूल ही गए।

राजेश- चाची जी तुम्हारे हाथों से बना स्वादिष्ट भोजन हम कैसे भूल सकते हैं? सच में आप बहुत अच्छा खाना बनाती हो।

चमेली बाई ने कहा, झूठी तारीफ करना तो कोई आप लोगों से सीखे ।

भगत ने कहा ,राजेश सही कह रहा चाची जी उस दिन बहुत स्व़ादिष्ट भोजन बनाई थी।

चमेली बाई अच्छा ठीक है बाबा,अब मेरी तारीफ करना अब बंद करो और बताओ आज मैं तुम दोनों के लिए क्या बनाऊं।

राजेश ने कहा अरे चाची ने कष्ट उठाने की जरूरत नहीं है ।हम लोग तो आपसे मिलने के लिए आए थे।

फिर भी बेटा आए हे तो कुछ खा कर ही जाना। भोजन बनाने में काफी समय हो जाएगा। मैं तुम दोनों के लिए आमलेट बना देती हू। तुम लोगों को पसंद तो है ना ।

भगत हां चाची जी आमलेट हम दोनों को पसंद है।

चमेली बाई ने कहा अरे बातों ही बातों में मैं तुम लोगों को पानी देना ही भूल गई।

वह पानी लानेने किचन की ओर अपने चूतड़ को मटकाते हुए चली , जिसे देखकर भगत ने राजेश को इशारा किया ।देखो भाई कैसे अपने कुल्हे मटकाते हुए चल रही ,क्या मस्त माल है साली। आज तो इसकी गाड को बजा कर रहेंगे और वहअपने लंड को एक हाथ से में सहलाने लगा।

राजेश ने भी चमेली बाई के मटकते गांड को देखा। उसने देखा की चाची जानबूझकर अपने चूतड मटकाते हुए चल रही है ।

राजेश ने भगत से कहा यार यदि हम दोनों यहां रहेंगे तो चाची को पटाना मुश्किल होगा। हम दोनों में में से किसी एक को बाहर जाना होगा। जब अकेले रहेंगे तब चाची को खुलने मे आसान होगा।

भगत ने कहा तुम ठीक कह रहे हो भाई ।तुम यहां रहो क्योंकि चाची तुम्हारी ओर आकर्षित लगती है। मुझे यकीन है, वह तुमसे जल्दी पट जाएगी। मैं बहाना बनाकर बाहर चला जाता हू ।काम बन जाने के बाद तुम मुझे मिस ़़़कॉल कर देना। मैं समझ जाऊंगाऔर वापस आ जाउंगा।

राजेश बोला हां यह ठीक रहेगा ।
चमेली बाई कमरे में पानी लेकर पहुंची। वह राजेश् और भगत से बोली ,लो बेटा पानी पी लो ।

पानी देनेके लिए जैसे ही नीचे झुकी , राजेश और भगत की नजरें उसकी झूलती हुई चुचियों पर पढ़ा, जो ब्लाउज से बाहर आने के लिए बेताब नजर आ रहे थे। उनकी गोरे-गोरे बडी बडी सुडौल चूचियों को देखकर राजेश और भगत दोनों के लंंड* के नसों मे खून भरने लगा ।

चमेली बाई उन दोनों की नजरों अपने स्तनों को निहारते हुए पाकर उसके शरीर में भी अजीब सी हलचल होने लगी।

दोनों ने पानी पी लिया फिर राजेश चमेली बाई से छुपा कर भगत के मोबाइल पर कॉल कर दिया ।भगत ने कांल उठाया और बातचीत करने लगा ।

चमेली बाई समझी भगत किसी दूसरे से बात कर रहा है । भगत चाची से कहा ,चाची जी मुझे कॉलेज जाना होगा। जरूरी काम आ गया है ।मैं थोड़ी देर बाद आ जाऊंगा ,तब तक नाश्ता भी तैयार हो जाएगा।

चमेली बाई बोली ठीक है भगत तुम काम निपटा कर आ जाना ।

चमेली बाई ,राजेश से बोली बेटा तुम टीवी पर कुछ प्रोग्राम देखो ।तब तक मैं नाश्ता तैयार करती हूं और वह किचन मैं चली गई ।

भगत जाते समय अपना अंगूठा दिखाकर राजेश को बेस्ट ऑफ लक कहा।

राजेश थोड़ी देर बैठक रूम में बैठने के बाद वह भी किचन में चला गया ।

जब चमेली बाई ,राजेश को देखी, तो बोली अरे राजेश बेटा तुम किचन में क्यो आ गए ।कुछ चाहिए क्या?

राजेश बोला, चाची जी मैं अकेला बैठा बोर हो रहा था मैंने सोचा क्यो न मैं नाश्ता बनाने में तुम्हारी मदद कर दूं।

चमेली बाई इस समय प्याज ,मिर्ची और टमाटर एक प्लेट पर काटने के लिए निकाली थी और वह प्याज काट रही थी ।

राजेश ने बोला चाची जी मेै टमाटर काट देता हूं ।

चमेली बाई बोली क्या तुमने कभी टमाटर काटा है।

राजेश - वैसे तो कभी कांटा नहीं हूं ,पर आप सिखाओगी तो मै सीख जाऊंगा।

चमेली बाई हंसने लगी । वह राजेश से बोली तो क्या अपनी चाची से सीखने आए हो और क्या-क्या सीखोगे अपनी चाची से ।

राजेश बोला चाची जी , मैं तो अनाड़ी हूं आप जो भी सिखाएंगी मै अच्छे से सीखने की कोशिश करूंगा।

चमेली बाई ने एक चाकू राजेश को देते हुए कहा अच्छा चलो इस टमाटर काटो मैं भी देखू टमाटर तुम कैसे काटते?

राजेश चाकू लेकर टमाटर काटने लगा।

चमेली बाई बोली, अच्छा राजेश तुम एक बहुत अच्छे लड़के हो ,फिर तुम यह बताओ ,उन लफंगे लड़कों के साथ तुम्हारा झगड़ा कैसे हुआ ?

राजेश ने कहा चाची उन लोगों ने मेरी बहन स्वीटी के बारे में गलत बोला, जिससे मुझे गुस्सा आ गया और मैं उन लोगों से भीड गया ।

चमेली बाई बोली उन लड़कों ने स्वीटी के बारे ऐसा क्या बोल दिया जो तुम्हे उन पर गुस्सा आ गया।

राजेश ने कहा ,उन लोगों ने स्वीटी को क्या मस्त माल है ?बोला।

चमेली बाई ने कहा ,क्या स्वीटी उस दिन सच में खूबसूरत और हॉट लग रही थी?
राजेश ने कहा, हा।

चमेली बाई बोलू तब तो तुम्हें इतना इतना गुस्सा नहीं करना चाहिए था ।

राजेश ने बोला मेरे सामने मेरी बहन को कोई माल बोले तो मुझे गुस्सा आएगा ही ।चाची अगर मै चाचा जी के सामने तुम्हें क्या मस्त माल है ?बोलूंगा तो चाचा जी नाराज होंगे कि नहीं।

चमेली बाई ने कहा क्यों बेटा मैं तो दो बच्चों की मां हूं बूजी हो चुकी हूं ।मैं कहां से मस्त माल लगती हूं ।मुझे लगता है कि तुम्हारे चाचा जी को बुरा नहीं लगेगा।

राजेश ने कहा क्यों चाची जी आप तो अभी काफी जवान हो और काफी हॉट भी हो ।अभी आप बूड़ी कहां हुई हो आपका हुस्न तो किसी भी नौजवान को अपना दीवाना बना देगी ।

चमेली बाई ने कहा झूठी तारीफ करना तो कोई तुमसे सीखे।

राजेश बोला ,नहीं चाची जी मैं झूठी तारीफ नहीं कर रहा। मैं सच कह रहा हूं तुम काफी हाट लगती हो ।

चमेली बाई बोली अच्छा फिर ये बताओ मैं कहां से हॉट लगती हूं ।

राजेश चमेली बाई के पास आ गया और बोला , रहने दो चाची आप बुरा मान जाओगी।

चमेली बाई ने कहा नहीं मैं बुरा नहीं मानूंगी ,आखिर मुझे भी तो पता चले मैं कहां से हॉट लगती हूं ।

चमेली बाई इस समय साड़ी और ब्लाउज पहनी हुई थी कमर पर साडी नाभि के काफी नीचे बांधी हुई थी राजेश चमेली बाई के पीछे खड़ा होकर एक हाथ से उसके पेट को सहलाने लगा और चमेली भाई से बोली तुम्हारी ये पतली कमर और गोरे गोरे बदन पर यह नाभि क्या कयामत ढा रही है किसी भी जवान को अपना दीवाना बनाने के लिए काफी है।

चमेली बाई के पेट सहलाने से चमेली बाई के शरीर में सिहरन दौड़ने लगी।

राजेश बोला तुम्हारी खूबसूरत बदन पर ये नाभी काफी हॉट लगती है और उसके पेट पर हाथ चलाने लगा।

राजेश कहा ने चमेली बाई से कहा और बताउं तुम कहां से हाथ हॉट लगती हो ।

चमेली बाई ने धीरे से कहा, हूं।

राजेश ने कहा चाची कहीं तुम बुरा तो नहीं मानोगी ना चमेली बाई ने धीरे से नहीं मैं बुरा नहीं मानूंगी बताओ और मैं और कहां से हाट लगती हूं।

राजेश का हिम्मत बढ़ गया, वह अपना एक हाथ उसकी चूची पर रख दियाऔर उसे दबाने लगा, फिर कहां चाची यह तुम्हारी गोरी गोरी बड़ी बड़ी दूदू काफी मस्त है ।इसे देखते ही किसी का भी लोड़ा तन जाएगा।

राजेश के द्वारा उसकी चूचियां मसलने और अश्लील शब्द का प्रयोग करने से उसके शरीर में रक्त प्रवाह काफी बढ़ गया। चमेली बाई सिसक उठी और बोली बेटा यह क्या कर रहे हो ।

राजेश ने कहा चाची में बता रहा हूं कि तुम कहां से कहां से हॉट लगती हो ,तुम्हारी इन मस्त चूचियो को देख कर देखो मेरा क्या हाल है और चमेली बाई के एक हाथ को पकड़ कर अपने लंड के ऊपर पेंट पर बनी उभार पर रख दिया ।

चमेली बाई ने राजेश के लंड को अपने हाथ में महसूस कर ।उसकी सांसे तेज आने लगी, उसका सीना ऊपर नीचे होने लगा ,वह काफी उत्तेजित हो गई ।

उसने देखा कि सच में राजेश का लोड़ा खड़ा हो गया है और काफी बड़ा लग रहा है ।

उसने राजेश से बोला राजेश तुम्हारा तो सच में खड़ा हो गया है ।

राजेश अपने दोनों हाथों से चमेली बाई के चूची को मसलने लगा चमेली बाई उत्तेजित होकर सिसकने लगी।

राजेश ने चमेली बाई से कहा चाची और बताउ, तुम कहां से हॉट लगती हो।

चमेली बाई ने सिसकते हुए कहा, और कहां से बेटा।

राजेश अपना एक हाथ चमेली बाई के चूतड़ पर ले जाकर उसे सहलाने लगा और बोला तुम्हारी उभरी हुई गांड काफी हाट है इसे देखकर तो बूढे का लंड खड़ा हो जाए और उसकी गांड को सहलाने लगा।

राजेश की इस हरकत से चमेली बाई काफी उत्तेजित हो गई और और गहरी गहरी सांस लेने लगी। उसकी सांसे तेज चलने लगी ।

राजेश ने चमेली बाई को घुमा कर उसका मुख अपने ओर कर दिया ।चमेली बाई ने राजेश की ओर देखा दोनों एक दूसरे की आंखों में देख रहे थे ।दोनों की आंखों में चुदाई के लिए तड़प साफ नजर आ रहा था।

राजेश चमेली बाइक के होंठों पर अपने होंठ रख कर उसे चूसना शुरू कर दिया चमेली बाई भी उसका का सहयोग करने लगी। उसके होंठ चूसने के बाद हुआ उसकी गर्दन को चुमते हुए ,वह उसकी दूदू की तरफ आगे बढ़ गया ।

राजेश ने चमेली बाई ब्लाउज के बटन खोल दीए और ब्रा को ऊपर सरका कर चूची को बाहर निकाल दिया। उसकी चूची को देखकर राजेश बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया ।उसका लंज खड़ा होकर ठूनकी मारने लगा। वह चमेली के चूचक को मुंह में भर कर चूसने लगा।

उसकी चुचियों को दोनों हाथों से मसल मसल कर उसके निप्पल को मुंह में भर कर चूसने लगा।

राजेश की इस हरकत से चमेली बाई की बूर से पानी झरने की तरह बहने लगी। चमेली बाई काफी दिनों से प्यासी थी ।

कुछ देर तक चूची पीने के बाद राजेश आगे बढ़ा और इसके नाभि को चाटने लगा जिससे चमेली बाई का बदन कपकपाने लगे। वह सिसकने लगी। अब दोनों से बर्दाश्त करना मुश्किल हो गया।

राजेश ने चमेली बाई को अपने बाहों में उठा लिया और बेडरूम की ओर ले गए ।बेडरूम में ले जाकर उसे पलंग पर पटक दिया।

राजेश ने अपना पैंट का चैन खोलकर अपने लंड को बाहर निकाला ।चमेली बाई,राजेश के विशाल एवं खूबसूरत लंड को देख कर मंत्रमुग्ध हो गई ।

राजेश ने चमेली बाई के आंखों मे देख कर आंखों ही आंखों से लंड चूसने का इशारा किया।

चमेली बाई पलंग से उठ कर नीचे फर्श पर आकर बैठ गई ।राजेश के लंड को अपने हाथों से पकड़ ली, जो इस समय हवा में लहरा रहा था और चमेली बाई की हाथ लगते ही लंड और कठोर होकर ठूमकने लगा ।

चमेली बाई देर न करते हुए राजेश के लंड के टोपे को अपने मुंह में भर कर चूसनी लगी राजेश अपने दोनों हाथों से चमेली बाई क़़ी बालों को पकड़ लिया और आंखें बंद कर लंड * चुसवाने * का मजा लेने लग।

राजेश का लंड** चमेली बाई के मुंह में घपा घप अंदर बाहर होने लगा। कुछ देर तक लंड* चुसवाने*का मजा लेने के बाद ,राजेश चमेली बाई को अप़ने हाथों से उठाकर खड़ा कर दिया। उसके होंठ को फिर से चूसना शुरू कर दिया ,फिर उसकी चूची को पीने लगा।

चमेली बाई फिर से सिसकने लगी। राजेश्, चमेली को बेड के किनारे लिटा दिया और उसके पेटीकोट को उसके पैरों के ऊपर जागो से भी ऊपर उठाते हुए उसके कमर तक चढ़ा दिया।

चमेली बाई पैंटी पहनी हुई थी राजेश ने उसकी पैंटी को दोनों हाथों से पकड़ा और उसे खींचकर उसे पैरों से अलग कर दिया ।

पेंटी बूर रस से भीग चुका था। राजेश उसकी पैंटी को सूघने लगा एक ज़नाना के बर रस का गंध पाकर उस़का लंड और कठोर हो गया।

पेंटी के निकलते ही चमेली बाई की खूबसूरत एवं चिकनी चूत ** राजेश की नजरों के सामने आ गया जिसे देखकर राजेश का लंड और कठोर होकर ठूनकी मारने लगा ।

चमेली बाई की नजर राजेश को ठूनकी मारते हुए लंड* को देखी तो ,उसका बूर और रस छोड़ने लगी।


राजेश ने अपना एक हाथ उसके बूर पर रखकर उसे सहलाने लगा। एक उंगली उसके चूत केअंदर ले जाकर ,उसके भग्नासा को रगड़ने लगा जिससे चमेली बाई आनंद के मारे चीखने लगी ।अपने दोनों पैरों को जोड़ने लगी। चमेली बाई के चूत से पानी झरने की तरह बह रही थी ।जिसे राजेश की उंगली पूरी तरह गीला हो गया ।

राजेश समझ गया था कि चमेली बाइ पूरी तरह उत्तेजित हो गई है ।वह देर ना करते हुए अपने लंड को एक हाथ से पकड़ा और लंड* का टोपा चमेली बाई के चूत पर रखकर उसके चूत पर उपर से रगडा।

चमेली बाई से अब बर्दाश्त नहीं हुआ वह राजेश से बोली और मत तड़पाओ बेटा मैं मर जाऊंगी अंदर डालो और अपनी चाची की प्यास बुझाओ।

राजेश लंड का टोपा को चमेली बाई के बुर् के मुख पर रखकर एक जोर का धक्का मारा लंड* सरसराते हुए चमेली बाई के चूूत* को फाड़कर , आधा अंदर घूस गया ।चमेली बाई के मुख से चीख निकल गई।

वह बोली आराम से करो राजेश बेटा तुम्हारा बहुत बड़ा है ।

राजेश दोनों हाथों से चमेली बाई की चूची को पकड़कर उसे मसल कर उसके चूचक को मुंह में भर कर पीने लगा।

चमेली बाई फिर से सिसकने लगी । राजेश अपने कमर को धीरे-धीरे हिला कर अपना लंड चमेली बाई की चूत** में अंदर बाहर करने लगा ।धीरे-धीरे लंड* चूत मे अपनी जगह बनाने लगा ।

चमेली बाई के चूत के पानी से राजेश का लंड* पूरी तरह भीग चुका था। वह अब बड़ी आसानी से चूत के अंदर बाहर होने लगा। राजेश ने अपना स्पीड बढ़ा दिया। अपने दोनों हाथों से चमेली बाई की कमर को पकड़ के उसके चूत को तेज तेज चोदना शुरु कर दिया ।

लंड चमेली बाई की चूत * में फच फच गच गच की आवाज करते हुए अंदर बाहर होने लगा।

लंज* बड़ा होने के कारण चूत की दीवारों को और उसकी भग्नासा को अच्छी तरह रगड़ते हुए गपा गप अंदर बाहर होने लगा ।जुदाई के आनंद के मारे चमेली बाई अपना सुध बुध खो बैठी और आंखें बंद कर ली थी उसके मुख से आनंद के मारे सिसकने की आवाज लगातार निकल रही थी ।

इधर राजेश को भी चमेली बाई को चोदने बहुत मजा आने लगा। दोनों स्वर्ग में चले गए,थे। राजेश अब जोश में चमेली बाई को जोर जोर से चोदने लगा।

राजेश का लंड* अब चमेली बाई के बच्चेदानी को ठोकने लगा। जिससे चमेली को ऐसा अद्भुत आनंद मिलने लगा ,जिसे वह ज्यादा देर तक बर्दाश्त न कर सकी और वह झड़ने लगी। झड़ते समय वह राजेश को अपनी टांगो से पूरी तरह जकड़ ली जिसे राजेश धक्का मार ना सका ।वह भी समझ गया कि चाची झड गई है और दोनो कुछ देर इसी अवस्था में पड़े रहे।

राजेश अपने लंड को चमेली बाई की चूत से बाहर निकाला। राजेश का लंड* चमेली बाई के बुर के रस से चमक रहा था ।और हवा में लहराते हुए ठूनकी मार रहा था।

राजेश चमेली बाई को पलंग से उठाकर उसके होठों को चूसने लगा ।फिर वह पलंग पर बैठ गया और चमेली बाई को अपनी गोद पर बिठा लिया।

चमेली बाई, राजेश के गोद में सामने मुख कर बैठ बैठी थी । राजेश उसे बाहों में भर लिया ।उसके गर्दन को चूमने लगा। धीरे-धीरे व उसकी चूची की ओर आगे बढ़ा और उसे अपने हाथों से मसल कर पीना शुरू कर दिया।

चमेली बाई फिर गर्म होकर सिसकने लगी।

राजेश पलंग से खड़ा हो गया और चमेली बाई को से पलटाकर उसे कुत्तिया बना दिया और वह उसके पीछे खड़ा हो गया ।

राजेश अपने एक हाथ से लंड को पकड़ कर चमेली बाई के चूत** के मूख पर रख कर एक जोरदार धक्का मारा।
लंड सरसराते हुए चमेली बाई के चूत गच की आवाज करता हुआ चला गया क्योंकि राजेश के चुदाई से चमेली बाई का चूत काफी खुल गया एक ही धागे में आधे से ज्यादा लंड* खचाक की आवाज करता हुआ अंदर घुस गया ।

चमेली बोली, राजेश बेटा आराम से करो मैं कही भागी नहीं जा रही ।

राजेश अपने दोनों हाथ सामने ले जाकर चमेली बाई की चूची को अपने हाथों में थाम लिया और उसे मसलने लगा । कुछ देर उसके दूदू स् खेलने के बाद उसके पीठ को सहलाने और चूमने लगा लगा, जिससे चमेली बाई फिर से सिसकने लगी।

राजेश अपनी कमर हिला कर लंड* को चूत * के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया। लंज कुछ ही देर में गचागच, अंदर बहार होना शुरू हो गया।

अब राजेश दोनों हाथों से चमेली बाई की कमर को पकड़ कर ,लंड** को तेज गति से चमेली बाई चूत** में पेलने लगा।

लंड, चमेली बाई के बूर में फच फच गच गच की आवाज करता हुआ अंदर बाहर होने लगा ।

राजेश को चुदाई में फिर से बहुत मजा आने लगा। चमेली बाई तो फिर से अपना सुध बुध खो बैठी। दोनों एक बार फिर स्वर्ग में चले गए।

तभी राजेश को यह मौका अच्छा लगा भगा को बुलाने का।राजेश ने अपना मोबाइल अपनी जेब से निकाला और भगत को मिस कॉल कर दिया। इधर भगत राजेश के कॉल का इंतजार कर रहा था। वह समझ गया कि काम बन गया है।वह सुखीराम के घर चल पड़ा।

इधर राजेश चमेली बाई को जोर-जोर से चोदना शुरु कर दिया ।जिससे उसका लंड चमेली बाई के बच्चेदानी को फिर से ठोकने लगा। जिससे चमेली बाई
कभी सिसकती थी तो कभी उसके मुख चीख निकलती थी।

इस आसन में चुदाई*करने से राजेश के लंड के टट्टे उसके कुल्हे से टकराने से कमरे में थप थप की आवाज भी गूंज रही थी ।

इधर भगत सुखीराम के घर पहुंच चुका था ।उसने देखा दरवाजा खुला है ।वह अंदर गया। बैठक रूम पर कोई नहीं था ।वह किचन में गया। वहां भी कोई नहीं था ।वह समझ गया कि दोनों बेडरूम में होंगे ।वह बेडरूम कि ओर गया बेडरूम का दरवाजा भी खुला था। जैसे ही वह अंदर गया अंदर का दृश्य देखकर ,उसके शरीर में खून तेज गति से बहना शुरू हो गया।

इस समय राजेश और चमेली बाई दोनों अपनी सुध बुध खोकर चुदाई का मजा ले रहे थे। कमरे में लंड* का चूत मे अंदर बाहर होने से फच फच गच गच की आवाज। लंड के टट्टे का चमेली के कुलहे से टकराने से थप थप की आवाज और चमेली बाई के आनंद के मारे सिसकने और चिखने की आवाज गूंज रही थी।

ऐसा नजारा देख कर भगत का लंड तन कर खड़ा हो गया।

इधर राजेश की नजर भगत पर पड़ा वह चुदाई* के नशे में था ।उसे राजेश के आने से कोई फर्क नहीं पड़ा और वह उसी गति से चुदाई* करता रहा।

इधर भगत भी अपना पेंट निकाल लिया और अंडर वियर खिसका कर लंड* बाहर निकाल कर अपने हांथ से हिलानेलगा।

इधर राजेश चमेली बाई को और जोर-जोर से हुमच हुमच कर चोदने लगा, जिससे चमेली बाई को बर्दाश्त नहीं हुआ वह फिर से झड़ने लगी।

झड़ते समय वह बेड को अपने हाथों से जोर से भीच ली। उसके मुख से चीख निकल गई।

राजेश् और भगत दोनों ही समझ गए कि चमेली बाई झड़ गई है। कुछ देर तक दोनों ऐसे ही हालत में पड़े रहे फिर राजेश ने अपना लंड* चमेली बाई के चूत से बाहर निकाल लिया।

उसका लंड* फचाक की आवाज करता हुआ लंड से बाहर आया। लंड * चूत के रस से भीगकर चमक रा था ।बूर का पानी पीकर और लंबा और मोटा होकर हवा में लहरा रहा था, जिस पर भगत की नजर पड़ते ही उसकी आंखें फटी की फटी रह गई ।

भगत अपने मन मे कहा राजेश का हथियार कितना तगड़ा है ,तभी राजेश भाई की अपनी पहली चुदाई* मे ही मां जी की चूत सुजा दी ।

भगत कू नजर चमेली बाई की चूत पर पढा , चमेली बाई की चूत का छेद काफी फैल गई थी ।भगत अपने मन में कहा राजेश भाई ने तो चाची के बूर की धज्जियां उड़ा दी है ।

राजेश ने भगत को दो उंगली दिखा कर उसके बीच अपनी जीभ चला कर भगत को, चमेली बाई का चूत चाटने का इशारा किया ।

चमेली बाई अभी अनजान थी उसे पता नहीं था कि कमरे मे भगत भी है।वह कमरे में घोडी बने अवस्था में ही पड़ी हुई थी ।

भगत ,चमेली बाई के चुत को पास जाकर देखने लगा उसके चूत से रस बह रहा था ।भगत ने पेटीकोट से चमेली बाई के चूत रस को साफ किया। फिर उसके चूत पर अपनी जीभ से चाटने लगा ।

चमेली बाई को अपनी चूत पर किसी गर्म चीज का एहसास हुआ। वह पीछे पलट कर देखी। उसने देखा राजेश पीछे खड़ा था ।वह मन मे सोची तो मेरी चूत * कौन चाट रहा है ।उसने सिर पीछे घुमाकर देखा उसने देखा कि भगत उसका चुत चांट रहा है उसे आश्चर्य हुआ कि यह कब आया ।

राजेश ने चमेली बाई से कहा चाची ,भगत हम दोनों को चूदाई करते हुए देख रहा था और उत्तेजित हो गया है। उसे भी थोड़ा मजा लेने दो।

चमेली बाई राजेश की चुदाई * की दीवानी हो गई थी वह राजेश की बात ना टाल सखी ।

इधर भगत चमेली बाई के चुत को तेज तेज चाटने लगा जिससे कुछ ही देर में चमेली बाई फिर से गर्म हो गई। इसके पहले किसी ने उसका चुत नहीं चांटा था पहली बार वह चुत चटवाने का * का मजा ले रही थी। वह आनंद के मारे सिसकने लगी । जब उसे बर्दाश्त करना मुस्किल हुआ ।

वह बोली, बेटा बस करो मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा भगत ने चूत * चाटना बंद कर दिया और अपना लंड अपने एक हांथ से पकड़ कर चमले बाई के चूत मुख पर रख दिया उऔर उसके चूत पर जोर का धक्का मारा।लंड सरसराते हुए एक ही बार मैं पूरा अंदर घुस गया।

भगत काफी उत्तेजित हो गया था ।वह जोश में आकर चमेली बाई के कमर को पकड़ कर तेज तेज धक्के * मारने लगा।

भगत का इस तरह चोदना मेरे चमेली बाई को भी अच्छा लगने लगा।

इधर राजेश बेड के ऊपर चढ गया और चमेली बाई के सिर के सामने जाकर बैठ गया। वह अपने खड़े लंड* को चमेली बाई के मुख के पास ले गया ।चमेली बाई समझ गई राजेश क्या चाहता है ?

चमेली बाई राजेश क लंड को अपने मुंह में भर कर चूसने लगी।

इधर भगत पीछे से तेज गति से चमेली बाई की चूत* बजा रहा था। भगत का लंड चमेली बाई के चूतरस से पूरी तरह भीग चुका था ।लंड* चूत में फच फच की आवाज करता हुआ अंदर बाहर हो रहा था ।

चमेली बाई को भगत से चुदाने में मजा आ रहा था ,पर भगत चमेली बाई को उस चरमसुख तक नहीं ले जा सका। जहां तक राजेश ने ले गया था ।सुख के उस स्तर तक पहुंचने के लिए चमेली बाई ने भगत को और जोर जोर से चोदने के लिए कहा ।भगत और जोर-जोर से ठुकाई करने लगा , पर चमेली को निराशा ही हाथ लगी।

इधर भगत की नजर चमेली बाई के गांड के छेद पर गया ।चमेली बाई की गांड का छेद काफी बड़ा लग रहा था ।भगत की अनुभवी आंखों ने जान लिया की चाची जरूर गांड मरवाती है ।

उसने चाची से कहा चाची तुम्हारा गांड का छेद तो काफी बड़ा है। लगता है ,चाचा जी तुम्हारे गांड मारते हैं।

चमेली बाई ने कहा, हां बेटा ,पता नहीं तुम्हारे चाचा जी को यह शौंक कैसे लग गया ?जब से उसने गांड मारना शुरू किया। वह चुत को मारना ही बंद कर दिया। मेरे गाड के पीछे ही लगा रहता है ,जिससे मेरी चुत बरसों से प्यासी थी ।आज इसकी प्यास बुझ रही है ।

भगत ने चाची से कहा ,चाची मैंने जब तुम्हें पहली बार देखा तभी मैं जान गया था कि तुम प्यासी हो ।तुम्हारे उभरी हुई गांड को देखकर मैंने ठान लिया था कि मुझे तुम्हारी गांड मारनी है।

भगत चाची से कहा ,चाची मुझे भी तुम्हारी गांड मारने का मन कर रहा है ।चाची बोली लगता है बेटा तुम्हें भी तुम्हारे चाचा जी की तरह गांड मारने का शौक है ।कर लो अपनी शौक पूरी ।

भगत ने अपने लंड* को चूत * से बाहर निकाल दिया और चमेली बाई के गांड के छेद पर अपने लंज के टोपे को रख दिया।

चमेली बाई के गांड का छेद काफी बड़ा था जैसे ही भगत ने एक धक्का मारा उसका लंड का टोपा गाड़ के अंदर चला गया।

इधर राजेश का लंड चमेली बाई के मूह के अंदर था वह चीख ना पाई ।राजेश उसकी चूची को मसलने लगा ।

उधर भगत अपनी कमर को हिला कर धीरे धीरे लंड को , चमेली बाई के गांड में ठेलने लगा। लंड* धीरे-धीरे चमेली बाई के गांड में अपनी जगह बनाने लगा और कुछ ही देर बाद लंड पूरा गांड के अंदर घुस गया ।

लंड गांड में कसा कसा अंदर बाहर आने जाने लगा। जिससे भगत को बहुत मजा आने लगा । अब वह तेज गति से गांड में अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा। उसे गांड मारने में बहुत मजा आ रहा था ।

इधर चमेली बाई को राजेश का लंड* बूर में लेने का मन कर रहा था। उसे राजेश से चूत* मरवाने का मन कर रहा था ।वह राजेश से बोली बेटा अब तुम मेरी बूर चोदो।

राजेश पलंग पर लेट गया उसका लंड सीधा खड़ा होकर ठूमक रहा था । उसने चमेली बाई को अपने लंड पर बैठने का इशारा किया ।

इधर भगत भी राजेश के इशारा को समझ कर ,गांड मारना बंद कर दिया और अपना लंड गांड से बाहर निकाल दिया ।

चमेली बाई पलंग पर चढ़कर ।राजेश के लंड को एक हाथ से पकड़ कर अपनी चूत पर सेट किया और लंड* की की टोपे को अपनी योनि द्वार पर रखकर उस पर बैठ गई जिससे लंड सरसराता हुआ चूत के अंदर चला गया।

लंड* का चूत * में जाते ही वह सिसक उठी ।

राजेश चमेली बाई की चुचियों को अपने हाथों में थाम उसे मसलने लगा। उसकी चूची को पीने लगा।

चमेली बाई अपनी कमर को ऊपर नीचे करके लंड को अपने बूर में अंदर-बाहर करने लगी ।धीरे-धीरे उसकी चूत * में पूरे लंड को निगल गई ।

अब राजेश भी चमेली बाई के कमर को पकड़ कर उसके कुल्हे को अपने लंड पर पटक पटक कर चोदने लगा ।

चमेली बाई भी जोर-जोर से उछल उछल कर राजेश के लंड से चुदने लगी ।लंड का टोपा चमेली बाई की बच्चेदानी को ठोकने लगा ।जिससे चमेली बाई प्राप्त फिर से चरम सुख प्राप्त करने लगी ।उसके मुख से क सीसकने की आवाज निकलने लगी। वह जोर-जोर से उछल उछल कर राजेश के लंड* से चुदने लगी ।

राजेश और चमेली बाई दोनों ही अपनी सुध बुध खो बैठे ।चमेली बाई के राजेश के लंड पर उछल कूद करने से उसकी चूचिया भी ऊपर नीचे उछलने लगी।

दोनों की चुदाई*** देखकर भगत बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया ।उससे रहा न गया ।वह भी पलंग पर चड गया और चमेली बाई के पीछे खड़ा हो गया।

वह अपने लंड को हिलाते हुए कहा ,राजेश भाई मेरा भी तो ख्याल रखो ।

राजेश अपनी आंखें खोल कर देखा भगत बेड पर चढ़कर अपना लंड हिला रहा है।वह समझ गया भगत क्या चाहता है ?वह चुदाई रोक दिया और चमेली बाई को अपने हाथों से खींच कर अपने सीने से लगा लिया। जिससे चमेली बाई की गाड भगत के सामने आ गया।

राजेश भगत से बोला डाल दो अपने लंड* चाची की गांड में।

भगत मुस्कुराते हुए अपना लंड चमेली बाई की गांड पर सेट कर दिया और चमेली बाई के गांड पर एक जोर का धक्का मारा ,लंड गच से गांड के अंदर घुस गया ।इसी के साथ राजेश के लंड का दबाव चूत मे बढने से लंड चमेली बाई के बच्चेदानी से टकरा गए जिससे चमेली बाई चिहुक उठी।

भगत फिर से एक जोरदार धक्का मारा उसका लंड गांड में पूरा समाहित हो गया ।इधर राजेश का लंड फिर से चमेली बाई के बच्चेदानी से टकराया ।फिर से चमेली बाई चिहुक उठी ।

भगत अपने लंड को गांड में धीरे धीरे अंदर बहार करना शुरू कर दिया। राजेंश भी नीचे से अपना कमर हिला कर अपना लंड* चूत* में ठेलने लगा। गांड और चूत *की * एक साथ चुदाई होने से ,चमेली बाई जन्नत मैं पहुंच गई।

इधर राजेश और भगत दोनों ही जोर-जोर से धक्का लगाने लगे। चमेली बाई आनंद के मारे चीखने और चिल्लाने लगी ।वह सिसकने लगी ।

चमेली बाई ने सपने मे भी नहीं सोची थी दो जवान लड़को से वह एक साथ ऐसे चुदेगी ।

भगत को अब अपने पर नियंत्रण रख पाना मुश्किल हो गया और वह बहुत जोर-जोर से गाड मारने लगा ।वह झड़ने वाला था ।

वह राजेश से बोला भाई मैं झड़ने वाला हूं।

राजेश बोला, अंदर मत झडना भगत ।

भगत से और बर्दाश्त नहीं हुआ अपने लंड गांड से बाहर खींच लिया और कराहते हुए चमेली बाई की चूतड़ पर ही झडने लगा ।

चमेली बाई भगत के वीर्य को अपने पेटीकोट से पोछ कर साफ लिया ।

अब चमेली बाई फिर से राजेश के लंड पर जोर जोर से उछल उछल कर चूदने लगी ।

राजेश भी उसके कमर को पकड़ कर उसके कूल्हे लंड पर पटक पटक चोदने लगा। दो फिर से अपना सुध बुध खो बैठे । वे जन्नत में चले गए। राजेश का लंड चमेली बाई की बूर के भग्नासा को रगड़ते हुए फच फच की आवाज करता हुआ चूत के अंदर जा रहा था लंड का टोपा बच्चेदानी से टकरा रहा था, जिससे चमेली बाई सुख की चरम अवस्था में पहुंच गई और वह झड़ने लगी। उसका शरीर कप कपाने लगा ।वह राजेश के सीने से जकड़ गई ।

इ धर भगत ,राजेश के स्तंभन शक्ति को देखकर आश्चर्यचकित था।

राजेश ने भगत से कहा भगत तुम बैठक रूम में जाओ और देखो कोई आ ना जाए कोई आए तो संभाल लेना भगत ने कहा ठीक हैभाई ।

भगत क मरे से निकलकर बैठक रूम में आकर बैठ गया ।

राजेश भी चरम अवस्था मैं पहुंचने वाला था वह चुदाई * बंद करना नहीं चाहता था। वह बेड से उठकर कर बैठ गया और साथ मे रात में चमेली बाइ को भी उठा कर बेड पर पीठ के बल लिटा दिया । खुद उसके ऊपर आ गया ।

वह चमेली बाई के होंठों को चूसने लगा ।उसके दूध दबाने और चूचक को मूह मे भर कर चूसने लगा। धीरे धीरे चमेली बाई फिर गर्म होने लगी। राजेश अपनी एक उंगली चमेली बाई के चूत पर ले जाकर ,उसकी भग्नासा को रगड़ने लगा। कुछ देर चमेली बाई फिर से सिसकने लगी ।

राजेश पलंग से उतर कर चमेली बाई को भी उठाकर पलंग से उतार दिया और चमेली बाई की साडी और को उसके ब्लाउज को निकाल कर शरीर से अलग कर दिया।

वह उसकी ब्रा को भी उसके जिस्म से अलग कर दिया । चमेली बाई अब केवल पेटीकोट में थी।

राजेश चमेली बाई के नाभि को चुमले चाटने लगा। चमेली बाई आनंद के मारे सिसकने लगी। राजेश खुद भी अपना कपड़ा उतारकर नंगा हो गया।

राजेश की गठीला बदन को देख कर चमेली बाई और भी ज्यादा उत्तेजित हो गई ।वह राजेश को सीने से लगाकर उसे चूमने चाटने लगी।

राजेश भी बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया था। वह चमेली बाई के पेटीकोट का नारा को खींचकर उसे भी उसके शरीर से अलग कर दिया ।

दोनों कमरे में बिल्कुल नंगे हो गए थे ।दोनों एक दूसरे के खूबसूरत जिस्म को देखकर कामवासना में जलने लगे ।

राजेश का लंड* बहुत कठोर होकर ठूमक रहा था वह चूत * के अंदर जाने के लिए तड़प रहा था। एक दूसरे के नंगे जिस्म को जी भर कर देखने के बाद राजेश ने चमेली बाई को लंड चूसने का का इशारा किया।

चमेली भाई नीचे बैठ कर राजेश के लंड * को मुंह में लेकर चूसने लगी।

राजेश कुछ देर लंज* चूस वाने के बाद चमेली बाई को पलंग के सहारे घोड़ी बना दिया और उसके पीछे जाकर अपना लंड * हाथ में लेकर उसकी चूत * के मुख पर रखकर एक जोरदार धक्का मारा । लंड चूत * को फाड़ते हुए सरसराता ़हुआ ़ बूर मे अंदर घुस जगया ।

चमेली बाई के मुख से कामुक चीख निकल गई।

राजेश ने चमेली बाई के कमर को दोनों हाथों से पकड़ कर लंड को चूत मे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे सरकता हुआ समूचा लंड* चूत में समा गया।


राजेश जोर जोर से चोदना शुरू कर दिया ।लंड चूत मे फच फच गच गच की आवाज करता हुआ अंदर बहार होने लगा।

चमेली बाई को राजेश से बूर*चोदवाने में फिर से बहुत मजा आने लगा ।वह भी कमर पूछे हिला हिला कर राजेश का सहयोग करने लगी ।

दोनों चुदाई* की मस्ती में पूरी तरह डूब चुकेथे।

राजेश की नजर चमेली के गांड पर पड़ा उसकी गांड के छेद फूल और पिचक रहे थे।

राजेश को गांड चोदने की इच्छा हुआ।वह लंड को चूत से बाहर खींच लिया। और चमेली बाई के गोरे गोरे कूल्हे को चूमनेचाटने लगा ।

चमेली बाई को समझ नहीं आया कि आखिर राजेश मने लंड के क्यों बाहर निकाल लिया ?

राजेश ने अपना लंड का टोपा चमेली बाई गांड के छेद पर जैसे ही रखा । तमेली बाई , राजेश से बोली, नहीं राजेश ,मेरी गांड मत मारो ।तुम्हारा लंड* बहुत बड़ा है काफी मोटा है। मेरी गांड फट जाएगी।

राजेश बोलो, चाची मुझे भी गाड का स्वाद चखना है। मूझे जानना है कि गांड मारने में कैसा लगता है।

चमेली बाई बोली, नहीं राजेश मै तुम्हारा लंड** मैं अपनी गांड में नहीं ले पाऊंगी। मेरी गांड फट जाएगी।

राजेश ने कहा क्या जाजी तूम मेरी खुशी के लिए थोड़ा कष्ट नहीं उठा सकती।

राजेश कि याचना को सुनकर चमेली बाई बोली, बेटा बहुत ही आराम से धीरे धीरे करना ।मुझे बहुत मुझे बहुत दर्द होगा।

राजेश ने कहा चाची जी तुम चिंता मत करो मैं धीरे-धीरे आराम से डालूंगा और राजेश अपना लंड* का टोपा चमेली बाई की गांड के छेद पर रख जोर से दबाया लंड का टोपा काफी मोटा था। वह अंदर नहीं जा पा रहा था ।

चमेली बाई ,राजेश से कहा रुको राजेश ।वह उठ कर खड़ा हो गई और वह अलमारी से एक क्रीम निकालकर राजेश को दे दी और मैं बोली इस क्रीम को मेरी गांड और अपने लंड पर * अच्छे से लगाा दो। तेरे चाचा जी इस क्रीम को लगाकर मेरी गाड मारते है। जिससे लंड गांड में आसानी से चला जाताहै और दर्द भी बहुत कम होता है।

राजेश ने क्रीम लेक कर अपने लंज* में अच्छे से लगा लिया और दो उंगली में क्रीम लगाकर उसे चमेली बाई के गाड के छेद में भर दिया। चमेली बाई के गांड में अच्छी तरह भरकर उसके गांड में दो उंगली डालकर अंदर-बाहर करने लगा। फिर दोनों उंगलियों से उसके गाड के छेद को फैलाने लगा ।एक हाथ की अंगुलियों से उसकी गांड के छेद को फैला कर दूसरे हाथ में लंड* को पकड़ कर उसके टोपे को उसकी गांड के छेद पर रख दिया और एक जोरदार झटका मारा।

लंड का टोपा गांड के अंदर घुस गया चमेली बाई के मुख से एक चीख निकली और वह बोली बेटा आराम से मेरी गाड फट जाएगी।

राजेश चमेली बाई के पीठ को चूमने चाटने लगा उसके स्तनों को दोनों हाथों से पकड़ कर मसलने लगा, जिससे चमेली बाई का दर्द कम हो गया । उसके दूदू को मसलते हुए लंड* का दबाव गांड पर डालने लगा जिससे लंड धीरे-धीरे से सरखता हुआ गाड मे घुसने लगा ।

राजेश अपना लंड* को गांड मे धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा और लंड का दबाव हर बार गांड में थोड़ा बढ़ाने लगा ,जिससे लंड गांड के अंदर घुस कर अपनी जगह बनाने लिया ।

लंड आधे से ज्यादा गांड के अंदर घुस गया। राजेश चमेली बाई के कमर को को पकड़कर लंड उसके गांड में मारना शुरू कर दिया ।धीरे-धीरे लंड गांड में अपनी जगह बना ली और पूरा लंड* गांड में समा गया ।

इसे देखकर राजेश को बड़ा आश्चर्य हुआ इतना मोटा लंड गांड के अंदर पूरा समाहित होने उसे बड़ा आश्चर्य हुआ।

वह कमर को पकड़ कर गांड को तेज तेज चोदना चोदना शुरू कर दिया ।

चचमेली बाई को आनंद और दर्द दोनोंमिल रहा था वह कभी जी सिसकती थी तो कभी दर्द से कराहती थी।

राजेश का लंड गांड में बुरी तरह जकड़ हुआ था जिससे लंड* कसा कसा अंदर बाहर होने लगा। जिससे राजेश को एक अलग आनंद आने लगा ,पर उसे लगने लगा कि अगर वह इसी तरह गांड चोदता रहा तो वह बहुत जल्द झड़ जाएगा ।अतः कुछ देर गांड मारने के बाद गांड से लंड* को निकाल दिया ।

लंड निकालने के बाद देखा कि चमेली बाई के गांड का छेद काफी फैल गया है। उसे देखकर राजेश मुस्कुराने लगा ।

राजेश जोश में था चमेली बाई के चूत में लंड सेट कर जोर से धक्का मारा लंड* गच की आवाज के साथ चूत में घुस गया ।

राजेश चमेली बाई के चुत जोर जोर से चोदने लगा ।चमेली बाई फिर से आनंद के मारे सिसकने लगी ।कुछ देर चूत चोदने के बाद फिर से राजेश ने अपना लंड चूत से बाहर निकाल कर, उसके गांड में डाल दिया और गांड को भी जोर जोर से चोदने लगा।

इस प्रकार हुआ कभी गांड में तो कभी चूत * में अपना लंड डालकर चोदता रहा।

चमेली बाई को राजेश के इस हरकत से बहुत मजा आने लगा ।वह भी राजेश का खुलकर साथ देने लगी।

राजेश को खुद पर नियंत्रण रख पाना मुश्किल हो गया वह अपने लंड चमेली बाई के चूत में डाल कर चमेली बाई को जोर जोर से चोदने लगा। उसका लंड का टोपा चमेली बाई के बच्चेदानी को ठोकने लगा । चमेली बाई जिससे आनंद के मारे सिसकने लगी वह स्वर्ग में चली गई ।चरम सुख प्राप्त करने लगी ।

राजेश को अब बर्दाश्त ना हुआ और एक जोरदार धक्का मार कर चमेली बाई के कुल्हे को को अपने कमर से सटा कर जोर जोर से आह आह कराहते हुए वीर्य की लंबी-लंबी पिचकारी चमेली बाई के गर्भ में छोड़ने लगा ।

गरम गरम वीर्य को अपने बच्चेदानी में जाता हुआ अनुभव कर,चमेली बाई भी एक बार फिर झड़ने लगी।

चमेली बाई का इस समय गर्भधारण कांल चल रहा था उसके अंडासय से अंडा उत्सर्जित होकर उसके गर्भाशय और अंडाशय को जोड़ने वाली नली में आकर शुक्राणु का इंतजार कर रहा था।

राजेश का शुक्राणु गरभासय से नली मे जाकर तेजी स
अंडा तक पहुचकर उसके के अंदर प्रवेश कर गया और उसके अंडा को निषेचित कर दिया।

इस घटना से राजेश और चमेली बाई दोनों अनजान थे।

राजेश चमेली बाई को चोदकर में अपना बीज उसके कोख में बो दिया था।

दोनों झड़ने के बाद, चुदाई करते हुए काफी थक गए थे ।दोनों बिस्तर पर लेट गए ।चमेली बाई राजेश के सीने पर सिर रख कर लेट गई ।दोनों एक दूसरे के बाहों में कुछ समय तक ले लेटे रहे ।

राजेश ने बोला, चाची तुम खुश तो हो ना।

चमेली बाई मुस्कुराते हुए बोली ,हां बेटा आज मैं बहुत खुश हूं मेरी बरसों की प्यास आज तूने बुझा दी ।

चमेली बाई राजेश की दीवानी हो गई थी । चुदाई का जो सुख राजेश से उसे मिला, ऐसा सुख उसे आज तक कभी नहीं मिला था ।

चमेली बाई बोली , बेटा चाची को भोगने में तुम्हें मजा आया कि नहीं ।

राजेश ने कहा चाची तुमने तो मुझे जन्नत में पहुंच दिया था ।मुझे भी बहुत मजा आया ,और दोने एक दूसरे से कसकर लिपट गये।
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