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कोई तो कारण होगा हीसोचने वाली बात ये भी है कि राये साहब जैसा राजा ठाकुर मंगु को क्यों अपने व्यक्तिगत शारीरक मामलों में भागीदार बनाये हुए है
कोई तो कारण होगा हीसोचने वाली बात ये भी है कि राये साहब जैसा राजा ठाकुर मंगु को क्यों अपने व्यक्तिगत शारीरक मामलों में भागीदार बनाये हुए है
पूछते है उससेrai saheb hi bata sakte hai
दिल के ख़ुश रखने को ग़ालिब ये ख्याल अच्छा है..!!!शक दूर करो भाई
मैं मानता हूं आप नही बदलते, क्योंकि ऐसा होता तो 2 कहानियां अधूरी ना पड़ी होती।आप लोगों को ना जाने क्यों ऐसा लगता है कि मैं कहानी की स्क्रिप्ट बदलते रहता हूं
दिल खुश रहें तो हर ख्याल अच्छा हैदिल के ख़ुश रखने को ग़ालिब ये ख्याल अच्छा है..!!!
कह नहीं सकताUpdate kab Tak milega bhai...
मैं भी ऐसा ही सोचता हूंमैं मानता हूं आप नही बदलते, क्योंकि ऐसा होता तो 2 कहानियां अधूरी ना पड़ी होती।
लेकिन इसका मतलब ये नही कि पूरी न की जा सकेमैं भी ऐसा ही सोचता हूं
इसके बाद मैं और प्रयास नहीं करूंगा बेशक मैं चाहता था कि मेरी अंतिम कहानी हवेलि हो पर शायद किस्मत मे नही उसे लिखना मैं दिल से चाहता था कि रूपाली की कहानी एक बार और ईन फोरम पर पढ़ी जाएलेकिन इसका मतलब ये नही कि पूरी न की जा सके