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Incest यह क्या हुआ

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इधर कॉलेज में भगत क्लास अटेंड कर रहा था।

क्लास में मैडम सुमन केमिस्ट्री पढ़ा रही थी। वह 40 वर्ष की खूबसूरत महिला थी ।आज वह ब्लू कलर की पारदर्शी साड़ी पहनी हुई थी। सुमन आज बहुत ही हॉट और सेक्सी लग रही थी ।

साड़ी के अंदर से उसके ब्लाउज और उसकी चूची साफप नजर आ रहे थे ।उसकी नाभि उसकी खूबसूरती को और बढ़ा रही थी ।

क्लास के कई लड़के मैडम सुमन की हॉट अवतार को देखकर अपना लंड मसल रहे थे ।

भगत का भी हालत खराब हो चुका था। उसका भी लैंड सुमन की खूबसूरत बदन को देख कर खड़ा हो चुका था।

भगत से भी बर्दाश्त करना बहुत मुश्किल हो रहा था। वह अपने एक हाथ से अपने लंड को सहलाने लगा ।

मैडम सूमन जब ब्लैक बोर्ड पर चित्र बना रही होती ,तब वह थोड़ा श्यामपट्ट की ओर झुक जाती, जिसेसे उसका पिछवाड़ा थोड़ा उभर कर स्टूडेंट के सामने आ जाता है ।

मैडम सुमन की पिछवाड़ा देख कर भगत की हालत और खराब हो गई ।वह अपने लंडपर एक हाथ तेजी से चलाने लगा।

भगत से बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था अगर कुछ देर और इसी प्रकार से हाथ चलाता रहा तो अबकभी भी झड़ सकता था ।

कक्षा से बाहर जाना ही उसे उचित लगा। और वह मैडम से इजाजत मांग कर कक्षा से बाहर चला गया ।

क्लास से बाहर जाने के बाद भी भगत का लंड बैठने का नाम नहीं ले रहा था। उसकी आंखों के सामने मैडम सुमन की पिछवाड़ा ही नजर आ रहा था। अतः वह सीधा घर की ओर चला गया ।

घर जाकर देखा तो दरवाजा बंद था। वह दरवाजा खटखटाया ।

कौशल्या देवी इस समय सो रही थी। जब दरवाजा खटखटाने की आवाज सुनी ,वह बेड से उठती है और इस समय कौन हो सकता है ।सोचकर दरवाजा खोलने चली जाती है ।

जब दरवाजे खोली तो देखती है सामने भगत खड़ा है ।वह भगत को देखकर कहती है अरे बेटा तुम कॉलेज से इतनी जल्दी आ गए ।

भगत ने कहा हां माजी आज कॉलेज में मन नहीं लग रहा था ,तो जल्दी आ गया ।

भगत सीधे उपर अपने कमरे में चला जाता है ।कपड़े चेंज कर लोवर और टीशर्ट पहन लेता है। और बेड पर लेट कर आराम करने लगता है।

अभी भी भगत की आंखों के सामने मैडम सुमन की पिछवाड़ा ही नजर आ रहा था जिससे उसके लंडमें तनाव अभी भी बना हुआ था ।

भगत को चुदाई करने की बहुत तीव्र इच्छा हो रही थी ।अतः वह सीधे नीचे चला गया ।

कौशल्या देवी अपने कमरे में आराम कर रही थी ।भगत ने दरवाजा खटखटाया ।

कौशल्या देवी ने दरवाजा खोला, दरवाजा खोलते ही कौशल्या देवी ने देखा भगत सामने खड़ा है। उसने भगत से बोला बेटा कुछ काम है क्या ?

भगत ने कौशल्या देवी से कहा हां मा जी मुझे अजीब सी बेचैनी लग रही है।वह कमरे के अंदर चला गया और बेड पर जाकर बैठ गया ।

कौशल्या देवी भगत के पास आई ।तब भगत कौशल्या देवी को खींचकर को अपनी गोद में बैठा लिया और अपने दोनों हाथों से कौशल्या देवी की चूची को ब्लाउज के ऊपर से ही पकड़ कर मसलने लगा और उसके गर्दन को चूमनेने लगा ।

कौशल्या देवी ने कहा बेटा यह क्या कर रहे हो ।अभी मैं गंदी हूं। अभी तुम्हें 3 दिन रुकना होगा ।अभी मेरी मांहवारी चल रही है ।

भगत ने कहा नहीं मां जी मुझे चुदाई करने का बहुत मन कर रहा है ।मैं नहीं रह सकता। आज मैंने मैडम सुमन की गदराय बदन को देख कर बहुत उत्तेजित हो गया हो गया हूं ।बिना चुदाई के रह पाना मुश्किल है ।

बेटा समझा करो अभी मेरी माहवारी चल रही है।

इधर भगत कौशल्या देवी के ब्लाउज बटन को खोलने लगा ।ब्लाउज को उसके बदन से अलग कर दिया और दोनों चुचियों को अपने हाथों से मसल कर उसकी चूची को पीने लगा ।

भगत की इन हरकतों से कौशल्या देवी भी गर्म होने लगी ।भगत का लंड लोहे की राड की तरह खड़ा होकर ठूनकी मार रहा था ।जिसका असर सुमन को अपने गांड पर हो रहा था और वह भी मदहोश होने लगी थी ।

कौशल्या देवी ने भगत से कहा अच्छा ठीक बेटा मैं तुम्हारे लंड* को चूस कर तुम्हे शांत कर देती हूं।

भगत ने कहा जो भी करना है जल्दी करो, मेरी जान मुझ से बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा है ।

भगत अपनी लोअर और अंडरवियर को खींचकर नंगा हो गया। और वह बेड पर जाकर लेट गया।

कौशल्या देवी भी बैड पर जाकर भगत के बगल में बैठ गई और उसके लंड को अपने हाथों में पकड़ कर सहलाने लगी ।

तभी भगत ने अपने लंड को चूसने का इशारा किया ।

कौशल्या देवी भगत के इसारा को समझ कर ,अपना मुख लंड की ओर ले गई।

कौशल्या देवी भगत के लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी ।

भगत ने अपने दोनों हाथों से कौशल्या देवी के सिर को पकड़कर लंड चूसवाने का मजा लेने लगा ।

भगत को लंड चूसवाने में बहुत ही आनंद आने लगा ।वह लंड चूसवाते समय अपने मुह से बोले जा रहा था। मेरी जान चुस,और चूस पूरा अंदर लेकर चूसो बहुत मजा आ रहा है ।

कौशल्या देवी गपा गप लंड** को मुंह में लेकर चूसे जा रही थी ।

भगत कौशल्या को रुकने के लिए कहा । और वह बेड से उतर गया।

कौशल्या देवी भी बेड से उतर गई।

भगत कौशलेया देवी की ब्लाउज को निकाल दिया और कौशल्या देवी के साड़ी को खीच कर ,उसके बदन से अलग कर दिया।

कौशल्या देवी सिर्फ पेटीकोट में रह गई थी।

भगत बेड किनारे फिर से बैठ गया और कौशल्या देवी को अपने लंड पर बिठा लिया और दोनों हाथों से उसकी चूची को मसलने लगा। उसकी चूची को पीने लगा ।

कौशल्या देवी भगत की इन हरकतों से जोश में आ गई वह मदहोश होने लगी। उसके मुंह से सिसक निकलना शुरू हो गई ।

भगत ने कहा मैं बिना चोदे नहीं रह सकता।

कौशल्या देवी ने भगत से कहा अरे बेटा अभी माहवारी चल रही है ।अभी चूत * पूरा गंदा है। मैं चुदाने लायक नहीं हूं।

भगत ने कहा आज मैं तेरी चूत नही तेरी गांड चोदूंगा।आज मैं तुम्हारी गांड मारूंगा ।

कौशल्या देवी ने कहा बेटा मैंने पहले कभी गाड नहीं मरवाई ।मुझसे नहीं हो पाएगा ।गांड का छेद बहुत ही सकरी होती है । तुम्हारा लंड उसमें जाएगा कैसे? मेरी गांड फट जाएगी ।

तब भगत ने अपना मोबाइल आन किया और उस पर पोर्न चलाने लगा जिसमें एक लड़का एक महिला का गांड चोद रहा था।

उसे देख कर कौशल्या देवी की आंखें बाहर आ गई इतना मोटा लैंड उस महिला के गांड में तेजी से अंदर बाहर हो रहा था।

भगत ने पोर्न कौशल्या देवी को दिखाते हुए कहा देखो लंड कैसे गांड में आराम से अंदर बाहर आ जा रहा है। ऐसा ही मैं तुम्हारा आज गांड मारूंगा ।

कौशल्या देवी ने कहा बेटा पर बहुत दर्द होगा अगर मेरी गांड फट गई तो ।

भगत ने कहा पहली बार दर्द होगा फिर तुम्हें भी बहुत मजा आएगा ।

जाओ घर में ़घी होगा उसे ले आओ मैं अपने लंड और तुम्हारी गांड में भी लगा देता हूं ताकि आसानी से तुम्हारे गांड में मेरा लंड चला जाएगा ।

कौशल्या देवी भगत से के गोद से उतरकर किचन की ओर चली गई और वहां से घी का डब्बा उठाकर ले आई ।

भगत ने कौशल्या देवी को इशारा किया, कौशल्या देवी इशारा समझ कर घी के डिब्बे से घी निकालकर भगत के लंड पर लगाने लगी ।

भगत ने पीछे से कौशल्या देवी को अपने बाहो से भर लिया और उसकी चूची को मसलने लगा। फिर अपने हाथों से कौशल्या देवी के पेटीकोट के नाड़े को पकड़ कर खींच लिया ।

कौशल्या देवी की पेटीकोट सर सराते हुए उसके पैरों से नीचे गिर गया ।कौशल्या देवी पेंटिं नहीं पहनी थी वह पूरी तरह नंगी हो गई ।

नंगे होते ही भगत ने कौशल्या देवी को बेड पर झुका दिया और खुद उसके पीछे खड़ा हो गया और उसके गांड के छेद को देखने लगा ।

अपने एक उंगली पर घी लगा कर कौशल्या देवी के गांड के छेद में भरने लगा ।वह उंगली को कौशल्या देवी के गांड के छेद में अंदर-बाहर करने लगा ।

गांड काफी टाइट था कौशल्या देवी ने भगत ने कहा बेटा मुझे बहुत ही दर्द होगा ।मेरा गांड मत मारो ।मै तुम्हारे लंड को चुस कर तुम्हारे तुम्हारा वीर्य को निकाल देती हूं ।

भगत ने कहा चुप साली आज तो मैं तुम्हारी गाड चोदूंगा। चुपचाप झुकी रह।

इधर भगत का लंड कौशल्या देवी के गांड को देखकर लोहे की रॉड की तरह हो गया और वह ठूनकी मारने लगा ।

राजेश अपने लंड को कौशल्या देवी के गांड के ऊपर रख कर घिसने लगा ।

कौशल्या देवी के मुख से सिसक निकलने लगी ।

भगत अपने दोनों हाथों को सामने ले जाकर कौशल्या देवी की चूची को पकड़कर जोर-जोर से मसलने लगा ।अपने लंड को उसकी गांड के छेद पर रखकर घिसने लगा ।

कौशल्या देवी के मुख से सिसकारी निकलने लगी। भगत के लंड घी लगा हुआ था वह चमक रहा था। वह अपने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर ,लंड के टोपे को कौशल्या देवी के गांड छेद पर रखा ।

भगत का लैंड का टोपा थोड़ा पतला और जड़ मोटा था । थोड़ा जोर लगाते ही लैंड का टोपा कौशल्या देवी के गांड के छेद पर जाकर फस गया।

कौशल्या देवी के मुख से चीख निकली वह बोली निकालो बेटा उई मा दर्द हो रहा है।

भगत अपने दोनों हाथों से कौशल्या देवी की कमर को पकड़े हुए था दोनों हाथ से कमर को पकड़ कर वह लंड का दबाव गाड के छेद पर बढ़ाने लगा, जिससे लंड* सरकर गांड के अंदर थोड़ा और घुस गया।

कैशल्या देवी के मुख से फिर से चीख निकली बेटा दर्द हो रहा है ।निकाल दो ।

भगत अपने दोनों हाथों को सामने लाकर कौशल्या देवी की चूची को पकड़ कर मसलने लगा। कौशल्या देवी का दर्द कुछ कम हुआ। और वह सिसक ने लगी है ।

भगत फिर से कौशल्या देवी के कमर को अपने हाथों से पकड़ लिया और लंड* का दबाव उसके गाड की छेद पर लगाने लगा। जिससे लैंड और थोड़ा अंदर घुस गया ।

कौशल्या देवी के मुख से फिर से ची ख निकली, बेटा दर्द कर रहा है निकाल दो।

अब भगत ने लंड को थे थोड़ा बाहर खींचा और फिर थोड़ा सा धक्का मारा जिसे लैंड फिर से सर सर आता हुआ हुआ आधा अंदर घुस गया।

भगत फिर से कौशल्या देवी की चूची को मसलने लगा कौशल्या देवी का दर्द कुछ कम हुआ। फिर उसके मुंह से सिसक निकलने लगी ।

भगत ने कौशल्या देवी के कमर को हाथों से पकड़कर लंड का दबाव उसकी गांड के छेद पर लगाया लंड कुछ और अंदर चला गया अब अपने दोनों हाथों से उसकी के चूची को पकड़कर मसलते हुए अपने लंड* को कौशल्या देवी के गांड के छेद घर धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा ।

कौशल्या देवी के मुख से चीख निकलने लगी। बेटा दर्द हो रहा है निकाल दो ।मगर

भगत कौशल्या देवी के बातों को अनसुना कर वह उसकी चूची को जोर जोर से मसलने लगा और अपने लंड* को उसके गांड के छेद में अंदर-बाहर करने लगा ।

लंड गांड के के छेद में में अपना जगह बनाने लगा अब उसका लंड पूरे गांड के अंदर घुस चुका था।

कौशल्या देवी का गांड बुरी तरह से भगत के लंड* को जकडा हुआ था। लंडड कसा कसा हुआ अंदर बहार आने जाने लगा ।

भगत को चूत चोदने से गांड चोदने में एक अलग ही अनुभव और आनंद आने लगा। उसे चूत चोदने से ज्यादा गांड चोदने में मजा आने लगा ,क्योंकि गांड काफी टाइट था और वह लंड* को ही कस कर जकड़ा हुआ था ।काफी तेज घर्षण लंडपर हो रहा था।

इधर कौशल्या देवी का दर्द भी धीरे-धीरे कम होने लगा और उसे भी गांड चुदाने में मजा आने लगा। वह अपने कमर को आगे पीछे हिलाकर भगत को गांड चोदने में सहयोग करने लगी ।

इधर भगत को एहसास हो गया कि कौशल्या देवी को अब मजा आने लगा है ।अब भगत अपने लंड पूरा गाड से बाहर निकालकर कौशल्या देवी के गांड के के अंदर बाहर करने लगा । और वह कसकस कर गांड चोदने लगा ।

कौशल्या देवी भी अब मजा लेने लगी। वह भी लंड पर अपनी गांड को पीछे से धक्का लगाने लगी।

इधर भगत भी तेज धक्का मारने लगा। लंड कौशल्या देवी के गांड में बिना किसी रोक के फक फक के अवाज के साथ अंदर बाहर आने जाने लगा।

भगत को चूत चोदने से ज्यादा मजा, गांड चोदने में आने लगा ।वह किसी दूसरी दुनिया में खो गया और अपने लंड को तेजी से कौशल्या देवी की गांड के छेद में अंदर-बाहर करने लगा ।

भगत ने कौशल्या देवी से कहा आह मेरी जान गांड चोदने में बहुत ही मजा आ रहा है ।मेरा लंड तुम्हारे गांड के अंदर कितना कसा कसा आ जा रहा है। हां मैं बता नहीं सकता मुझे कितना मजा आ रहा है। अब से मै रोज ही तुम्हारा गांड मारूंगा ।

इधर कौशल्या देवी को गांड चुदाने में भी अलग मजा आने लगा । वह भी गांड चोदने में भगत की मदद करने लगी।
भगत से अब बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था ,उसकी सांस तेज तेज चलने लगी। उसका लंड अकड़ने लगा उसके शरीर की सारी ताकत अपने लंड * की ओर जाता हुआ महसूस करने लगा और वह जोर-जोर से कौशल्या देवी की गांड को चोदने लगा ।

दोनों कमर को पकड़कर भगत ने कौशल्या देवी के कूल्हे को अपनी जांघो से कस कर सटा दिया और आह आह करते हुए झड़ने लगा। उसके लंड से ढेर सारा वीर्य निकल कर कौशल्या देवी के गांड में भरने लगा।

इधर कौशल्या देवी भी झड़ने लगी।
कुछ समय तक वे दोनो इसी अवस्था में थे और वे दोनो झडने का आनंद लेने लगे ।

कुछ समय तक दोनों उसी अवस्था में थे। लंड जब ढीला हुआ तो ,भगत अपने लंड को गांड से खींच कर निकाल दिया ।भगत ने देखा कौशल्या का गार्ड पूरी तरह से खुल चुका है वह पूरी तरह फैल चुका था। वह उसके गांड को देख कर मुस्कुराने लगा

भगत बेड पर लेट गया और सुस्ताने लगा ।

कौशल्या देवी के गांड से वीर्य निकलता हुआ उसकी चूत से बहता हुआ वीर्य जमीन पर टपकने लगा ।जिसका अहसास होते ही कौशल्या देवी खड़े हो गई और अपनी गांड मटकाते हुए , बाथरूम की ओर जाने लगी ।

वह अपने गांड में मटकाते हुए बाहर गई जिसे देख कर भगत अपन् लंड काे सहलाते हुुए मुस्कुराने लगा ।

इधर राजेश अपने बेड पर लेटा हुआ सोच रहा था कि आज यह क्या हो गया उसके साथ आज क्या-क्या हो रहा है ।अपनी मां को आज वह बुरी नजर से देखने लगा है ।उसकी मां के हाथ लगते ही आज उसका लंड खड़ा हो जाता है।

उसकी आंखों के सामने उसकी मां की बड़ी-बड़ी चूचियां झूलने लगती है जिससे उसका लंड तन कर खड़ा हो जाता है। वह अपने मन में कहता है कि क्या मस्त चूचियां है मां की और वह अपनी मां की चुचियों को इमेज करते हुए ,एक हाथ अपने लंड पर चलाने लगता हैं ।

इधर सुनीता भी घर का सारा काम निपटा कर अपने बेड पर लेट कर आराम कर रही थी ।वह आज बहुत ही खुश थी कि उसका बेटा राजेश नॉर्मल है ।और वह एक तगड़े लंड का मालिक है । उसे अपने बेटे पर गर्व महसूस होने लगता है।

वह राजेश के लंड को इमेज करने लगी जिसके कारण उसके शरीर भी गर्म होने लगी ।जिसका असर उसके चूत पर होने लगा ।

उसकी चूत पर खुजली होने लगी। वह मन मे सोची जा रही थी कि उसका बेटा का लैंड कितना मोटा बड़ा और खूबसूरत है ।

वह उस पल को याद करती है जब ढेर सारा वीर्य उसके चेहरे पर गिरकर उसकी चुचियों पर टपकने लगा। वह राजेश के बीज से नहा डाली थी यह सब सोचते उसके चूत से रस निकलने लगा ।

सुनीता अपने एक हाथ अपनी चूत पर ले गई और एक उंगली से अपनी चूत के भग्नासा को रगड़ने लगी। उसे बहुत ही आनंद आने लगी। उसके मुख से सिसक निकलने लगी ।

इधर राजेश ने अपना मोबाइल उठाया और अपने मां को व्हाट्सएप मैसेज कर दी ।

राजेश- मां क्या कर रही हो।

सुनीता ने मोबाइल पर मैसेज रिंग सुनकर मोबाइल उठा कर देखी , उसने देखा राजेश का मैसेज आया है। उसने मैसेज पढ़ी। सुनीता ने राजेश को मेसेज भेजी ।

सुनीता- कुछ नहीं बेटा बस थोडा आराम कर रही थी। कुछ काम था क्या।

राजेश- मां मुझे माफ कर दो आज यह सब क्या हो रहा है। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा, मैं यह सब जानबूझकर नहीं कर रहा हूं।

सुनीता -मैं सब समझ सकती हूं। बेटा यह सब नॉर्मल है और तुम्हें सॉरी बोलने की जरूरत नहीं है।

राजेश - मेरी मदद करने के लिए धन्यवाद मां।

सुनीता- बेटा मैं तुम्हारी मां हूं ,मैं तुम्हारी मदद नहीं करूंगी तो और कौन करेगा। तुम्हें धन्यवाद देने की जरूरत नहीं।

राजेश- मा मैंने तुम्हें आज गंदा कर दिया ,मैंने अपना पानी तुम्हारे चेहरे पर गिरा दिया मुझे माफ कर देना ।

सुनीता -बेटा इसके लिए भी तुम्हें माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं। इंसान उस समय जब उसका पानी निकलने वाला होता है तब वह जोश मे , सब कुछ भूल सा जाता है और जोश में यह सब हो जाता है। यह सब नॉर्मल है।

राजेश- हां मा जब तुम अपने हाथों से मेरे नूनू को हिला रही थी तब मुझे बहुत ही आनंद आ रहा था और जब मेरा पानी निकला तो उस समय तो मैं बता ही नहीं सकता कि मुझे कितना मजा आया। मैं अपना होश खो बैठा था। मैं किसी दूसरे दुनिया में खो गया था और मेरा पानी तुम्हारे चेहरे पर गिर रहा है मुझे पता ही नहीं चला।

सुनीता -हां बेटा मैं समझ सकती हूं ।पुरुषों की नूनू से पानी निकलने से पुरुषों को अनोखा आनंद मिलता है ।

राजेश- पर मा पहले तो मै अपने पर कंट्रोल कर पा रहा था ।पर अब मुझसे कंट्रोल क्यों नहीं हो पा रहा है ।पहले भी तुम मुझे पेशाब कराती थी तो मुझे ऐसा कोई फीलिंग नहीं होता था ,लेकिन अब तुम्हारे हाथ में आते ही , मेरा नूनू तन कर खड़ा हो जाता है ऐसा क्यों हो रहा है मा

सुनीता -बेटा यह सब नॉर्मल है ।अब तुम जवान हो गए हो। हम मां बेटे के साथ-साथ एक औरत और मर्द भी हैं। पहले तुम सिर्फ मुझे मां की नजरों से देख रहे थे ।इसलिए तुम्हारे नूनू में तनाव नहीं आ रहा था ।अब तो मुझे एक औरत की नजरों से देख रहे हो इसलिए तुम्हारे नूनू पर तनाव आ रहा है। यह सब नॉर्मल है।

राजेश- मां मुझे माफ कर दो मैं अब तुम्हें औरत की नजर से देखने लगा हू । मां मुझे तुमसे एक और बात पूछनी थी।
सुनीता -पूछोबेटा क्या बात है?

राजेश -ओ मां मेरी नूनू बढ़कर इतना लंबा और मोटा हो जाता है क्या सभी का नूनू इतना बड़ा और मेटा हो जाता है ।

सुनीता -बेटा अब तुम बड़े हो गए हो तुम्हारा नूनू अब नूनू नहीं रहा।

राजेश - हां तो अब इसे क्या कहते हैं?

सुनीता- बेटा मुझे लिखने पर मुझे शर्म आ रही है ।

राजेश -मा अगर तुम नहीं बताओगी तो मैं कैसे जानूंगा

सुनिता -बेटा इतने इसे लंड * कहते हैं अब तुम्हारा नूनू लंड बन चुका है। तुम्हारा लंड काफी बड़ा हर मोटा है।

मां की लिखी बातों को पढते ही राजेश का लंड* और कठोर हो गया और ठूनकी मारने लगा ।इधर संुनीता की भी हालत खराब हो रही थी। लंड शब्द लिखते ही उसकी चूत से और रस तेज गति से बहना शुरू हो गई।

राजेश -मां क्या पापा का लंड भी इतना बड़ा हो जाता है ।

सुनीता -नहीं बेटा तुम्हारा पापा का लंड तो तुम्हारे लमड में काफी छोटा है।

राजेश - आह मा।

सुनीता - क्या बात है बेटे क्या हुआ?
राजेश- दर्द हो रहा है ।

सुनीता -बेटा कहां दर्द हो रहा है ?

राजेश -ओ मा लंड पे दर्द हो रहा है ?लंड बार बार खड़ा हो रहा जिसके कारण दर्द करने लगा है ।


सुनीता -लगता है ,तुम मेरे बारे में ही सोच रहे हो इसलिए तुम्हारा लंड खड़ा हो जा रहा है।

राजेश -हां मा मुझे नहलाते समय जिस रूप में तुम्हे देखा ,तुम बहुत ही खूबसूरत हॉट और सेक्सी लग रही थी ।तुम्हारा कामरूप मेरी नजरों के सामने बार-बार आ जा रहा है ।जिससे मेरे लंड बार बार खडी हेकर दर्द करने लगा है ।मा कुछ करो ना ।

अनीता सोचती है कि मैंने अपना काम रुप अपने बेटे को दिखाया ,जिसके कारण आज उसकी ये हालत हो रही है ।मेरे कारण ही उसके लैंड पर दर्द हो रहा है इसलिए मुझे कुछ करना होगा?

सुनीत व्हाट्सएप करती है ।

सुनिता -बेटा तुम मेरे कमरे में चले आओ। मैं तुम्हारे लंड का पानी निकाल दूंगी ।इससे तुम्हें रात मिलेगा।

राजेश -थैंक यू मा मैं अभी तुम्हारे कमरे में आ रहा हूं ।

दोनों के द्वारा इस तरह व्हाट्सएप मैसेज करने से

राजेश का लंड और तन कर खड़ा हो गया और उसकी मां फिर से उसका मुठ मारेगी ,इसका एहसास से उसका लंड ठुमके मारने लगा।
राजेश इतना देर से उठकर मैं कैमरे से अपनी मां की कमरे की ओर जाने लगा
वह अपने रूम से निकलकर अपनी मां की कमरे की ओर जाने लगा।

इधर सुनीता भी उसका बेटा राजेश उसके कमरे में आ रही है यह सोचकर ही उसके चूत का बहा व बढ गया , उसके दिल की धड़कन बढ़ गई। और उसकी चूत में खुजली भी बढ़ गई ।उसकी चूत से से रस बहना बढ़ गया ।

राजेश अपनी मां के कमरे पास जाकर खड़ा होकर दरवाजा खटखटाया ।

सुनीता ने राजेश से कहा दरवाजा खुला बेटा अंदर आ जाओ । आ जाओ बेटा सुनीता का ध्यान राजेश के लोवर की ओर की ओर गया इस समय उसे लोअर मे बडा सा तंबू बना था ।जिससे स्पष्ट हो रहा था कि राजेश का लंड इस समय खड़ा हुआ है।

सुनीता के शरीर में सिहरन दौड़ने लगा । राजेश सुनीता की बेड पर जाकर बैठ गया ।सुनीता ने राजेश से कहा चलो बेटा बाथरूम में चलो।

राजेश ने कहा ठीक है मा और राजेश बाथरूम की ओर चला गया। बाथरूम में जाकर वह यूरिनल पाट के सामने खड़ा हो गया।

सुनीता राजेश के पीछे जाकर खड़ी खड़ी हो गई और उसके लेवर को नीचे सरकार कर उसके लंड को बाहर निकाल दी।

सुनीता के द्वारा उसके लोवर को नीचे खिसकाने से राजेश का लंड हवा में ठुमके लगाने लगा। जिसे देखकर सुनीता मुस्कुराने लगी और उसके चूत की खुजली और बढ़ गई ।

सुनिता राजेश से बोली बेटा तुम्हारा लंड तो काफी लंबा मोटा और कठोर हो गया है। तुम्हें काफी दर्द हो रहा होगा ।

राजेश बोला हा मा लंड में काफी दर्द हो रहा है तुम उसका पानी निकालकर दर्द कम कर दो ।

सुनीता ने कहा ठीक है बेटा और वह राजेश के लंड को एक हाथ से पकड़ ली और उसे धीरे-धीरे सहलाने लगी।
अपनी मां के द्वारा अपने लंड सहलाये जाने से राजेश की सांसें तेज़ होने लगी। उसके लंड पर रक्त का प्रवाह और बड़ गया ।

इधर सुनीता का भी हाल बुरा था ।उसके चूत से रस टपक रहा था ।वह ना चाहते हुए भी अपना एक हाथ अपने चूत पर रख कर अपने चूत को रगड़ने लगी ।

इधर सुनीता के द्वारा मुठ मारने से राजेश को बहुत ही आनंद आने लगा। वह अपनी आंखें बंद कर अपने मां के द्वारा मूठ मरवाने का आनंद लेने लगा ।

इधर सुनीता एक हाथ से राजेश के लंड को मुठ मार रही थी। दूसरे हाथ की उंगलियों से अपनी चूत रगड़े जा रही थी।

सुनीता को भी बहुत आनंद आ रहा था। उसकी भी सांसें तेज हो गई। मां बेटे दोनों की सांसें तेज हो गई थी। दोनों की दिल की धड़कन बढ़ गई ।

राजेश ने अपनी मां से कहा मा बहुत ही आनंद आ रहा है ,बहुत ही मजा आ रहा है ,ऐसे ही मुठ मारते रहो, आह ,आह ,आह ,कितना मजा आ रहा है मां ।और तेजो मारो और तेज मारो ।

इधर सुनीता का भी हालत खराब हो चुकी थी उसके मुख से भी सिसक निकलना शुरू हो गया था ।वह भी एक हाथ से अपन् चूत कोतेज तेज रगड़ने लगी और एक हाथ से राजेश के लंड को तेज तेज मुठ मारने लगी ।

इस तरह दोनों ही मुठ मारने का आनंद लेने लगे दोनों की आंखें बंद हो गई थी ।वे दोनों भूल गए थे कि वह मां और बेटे हैं।

अब राजेश को बर्दाश्त से बाहर लगने लगा उसका लंड अकडने लगा उसने सुनीता से कहा मा मेरा पानी आने वाला है और तेज तेज मारो मां बहुत मजा आ रहा है ।

सुनीता अपने हाथ को और तेज तेज चलाने लगी और अपनी चूत पर भी अपनी उंगलियां तेज तेज अरे रगडने नहीं लगी ।उसके मुख से भी शिशक निकल रही थी ।

ईधर राजेश अपने पर कंट्रोल न कर सका और आह मम्मी ,आह मम्मी ,आह करके झड़ने लगा ।

उसके लंड से तेज वीर्य की पिचकारी निकलकर यूरिनल पाट में में जाने लगा ।

इधर सुनीता भी झडने ने लगी। दोनों मां-बेटे साथ झड़ने लगे ।दोनों की आंखें बंद थी।

जब दोनो होश में आए दोनों की नजरें एक दूसरे मिले सुनीता शर्मा गई। वह अपने नजरें नीचे कर दी ।

राजेश ने सुनीता से का थैंक्यू मां । और वह सुनीता के गालों पर किस कर दिया।

सुनीता अपनी नजरें नीचे करके मुस्कुरा रही थी और शर्मा रही थी ।

सुनीता ने राजेश का लोवर उपर कर दिया और राजेश से कहां ,जाओ बेटा तुम अपने कमरे में ,तुम अपने कमरे में जाकर आराम करो।

राजेश अपनी मां के कमरे से निकलकर ,अपने कमरे में चला जाता है।

राजेश के बाथरूम से चले जाने के बाद ,सुनीता अपनी पेंटी को निकाल कर देखती है ।उसकी पैंटी पूरी तरह से उसके चूत रस से गीली हो चुकी थी। वह अपनी पेंटी की हालत देखकर कहती है , छी मैं कितनी गंदी हो गई हूं।

अपने बेटे के पास रहते ही इतनी गंदी हरकत कर डाली। हे। भगवान मुझे माफ कर दो । मुझसे कितना बड़ा पाप हो गया।
 

Mahendra Baranwal

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इधर कॉलेज में भगत क्लास अटेंड कर रहा था।

क्लास में मैडम सुमन केमिस्ट्री पढ़ा रही थी। वह 40 वर्ष की खूबसूरत महिला थी ।आज वह ब्लू कलर की पारदर्शी साड़ी पहनी हुई थी। सुमन आज बहुत ही हॉट और सेक्सी लग रही थी ।

साड़ी के अंदर से उसके ब्लाउज और उसकी चूची साफप नजर आ रहे थे ।उसकी नाभि उसकी खूबसूरती को और बढ़ा रही थी ।

क्लास के कई लड़के मैडम सुमन की हॉट अवतार को देखकर अपना लंड मसल रहे थे ।

भगत का भी हालत खराब हो चुका था। उसका भी लैंड सुमन की खूबसूरत बदन को देख कर खड़ा हो चुका था।

भगत से भी बर्दाश्त करना बहुत मुश्किल हो रहा था। वह अपने एक हाथ से अपने लंड को सहलाने लगा ।

मैडम सूमन जब ब्लैक बोर्ड पर चित्र बना रही होती ,तब वह थोड़ा श्यामपट्ट की ओर झुक जाती, जिसेसे उसका पिछवाड़ा थोड़ा उभर कर स्टूडेंट के सामने आ जाता है ।

मैडम सुमन की पिछवाड़ा देख कर भगत की हालत और खराब हो गई ।वह अपने लंडपर एक हाथ तेजी से चलाने लगा।

भगत से बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था अगर कुछ देर और इसी प्रकार से हाथ चलाता रहा तो अबकभी भी झड़ सकता था ।

कक्षा से बाहर जाना ही उसे उचित लगा। और वह मैडम से इजाजत मांग कर कक्षा से बाहर चला गया ।

क्लास से बाहर जाने के बाद भी भगत का लंड बैठने का नाम नहीं ले रहा था। उसकी आंखों के सामने मैडम सुमन की पिछवाड़ा ही नजर आ रहा था। अतः वह सीधा घर की ओर चला गया ।

घर जाकर देखा तो दरवाजा बंद था। वह दरवाजा खटखटाया ।

कौशल्या देवी इस समय सो रही थी। जब दरवाजा खटखटाने की आवाज सुनी ,वह बेड से उठती है और इस समय कौन हो सकता है ।सोचकर दरवाजा खोलने चली जाती है ।

जब दरवाजे खोली तो देखती है सामने भगत खड़ा है ।वह भगत को देखकर कहती है अरे बेटा तुम कॉलेज से इतनी जल्दी आ गए ।

भगत ने कहा हां माजी आज कॉलेज में मन नहीं लग रहा था ,तो जल्दी आ गया ।

भगत सीधे उपर अपने कमरे में चला जाता है ।कपड़े चेंज कर लोवर और टीशर्ट पहन लेता है। और बेड पर लेट कर आराम करने लगता है।

अभी भी भगत की आंखों के सामने मैडम सुमन की पिछवाड़ा ही नजर आ रहा था जिससे उसके लंडमें तनाव अभी भी बना हुआ था ।

भगत को चुदाई करने की बहुत तीव्र इच्छा हो रही थी ।अतः वह सीधे नीचे चला गया ।

कौशल्या देवी अपने कमरे में आराम कर रही थी ।भगत ने दरवाजा खटखटाया ।

कौशल्या देवी ने दरवाजा खोला, दरवाजा खोलते ही कौशल्या देवी ने देखा भगत सामने खड़ा है। उसने भगत से बोला बेटा कुछ काम है क्या ?

भगत ने कौशल्या देवी से कहा हां मा जी मुझे अजीब सी बेचैनी लग रही है।वह कमरे के अंदर चला गया और बेड पर जाकर बैठ गया ।

कौशल्या देवी भगत के पास आई ।तब भगत कौशल्या देवी को खींचकर को अपनी गोद में बैठा लिया और अपने दोनों हाथों से कौशल्या देवी की चूची को ब्लाउज के ऊपर से ही पकड़ कर मसलने लगा और उसके गर्दन को चूमनेने लगा ।

कौशल्या देवी ने कहा बेटा यह क्या कर रहे हो ।अभी मैं गंदी हूं। अभी तुम्हें 3 दिन रुकना होगा ।अभी मेरी मांहवारी चल रही है ।

भगत ने कहा नहीं मां जी मुझे चुदाई करने का बहुत मन कर रहा है ।मैं नहीं रह सकता। आज मैंने मैडम सुमन की गदराय बदन को देख कर बहुत उत्तेजित हो गया हो गया हूं ।बिना चुदाई के रह पाना मुश्किल है ।

बेटा समझा करो अभी मेरी माहवारी चल रही है।

इधर भगत कौशल्या देवी के ब्लाउज बटन को खोलने लगा ।ब्लाउज को उसके बदन से अलग कर दिया और दोनों चुचियों को अपने हाथों से मसल कर उसकी चूची को पीने लगा ।

भगत की इन हरकतों से कौशल्या देवी भी गर्म होने लगी ।भगत का लंड लोहे की राड की तरह खड़ा होकर ठूनकी मार रहा था ।जिसका असर सुमन को अपने गांड पर हो रहा था और वह भी मदहोश होने लगी थी ।

कौशल्या देवी ने भगत से कहा अच्छा ठीक बेटा मैं तुम्हारे लंड* को चूस कर तुम्हे शांत कर देती हूं।

भगत ने कहा जो भी करना है जल्दी करो, मेरी जान मुझ से बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा है ।

भगत अपनी लोअर और अंडरवियर को खींचकर नंगा हो गया। और वह बेड पर जाकर लेट गया।

कौशल्या देवी भी बैड पर जाकर भगत के बगल में बैठ गई और उसके लंड को अपने हाथों में पकड़ कर सहलाने लगी ।

तभी भगत ने अपने लंड को चूसने का इशारा किया ।

कौशल्या देवी भगत के इसारा को समझ कर ,अपना मुख लंड की ओर ले गई।

कौशल्या देवी भगत के लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी ।

भगत ने अपने दोनों हाथों से कौशल्या देवी के सिर को पकड़कर लंड चूसवाने का मजा लेने लगा ।

भगत को लंड चूसवाने में बहुत ही आनंद आने लगा ।वह लंड चूसवाते समय अपने मुह से बोले जा रहा था। मेरी जान चुस,और चूस पूरा अंदर लेकर चूसो बहुत मजा आ रहा है ।

कौशल्या देवी गपा गप लंड** को मुंह में लेकर चूसे जा रही थी ।

भगत कौशल्या को रुकने के लिए कहा । और वह बेड से उतर गया।

कौशल्या देवी भी बेड से उतर गई।

भगत कौशलेया देवी की ब्लाउज को निकाल दिया और कौशल्या देवी के साड़ी को खीच कर ,उसके बदन से अलग कर दिया।

कौशल्या देवी सिर्फ पेटीकोट में रह गई थी।

भगत बेड किनारे फिर से बैठ गया और कौशल्या देवी को अपने लंड पर बिठा लिया और दोनों हाथों से उसकी चूची को मसलने लगा। उसकी चूची को पीने लगा ।

कौशल्या देवी भगत की इन हरकतों से जोश में आ गई वह मदहोश होने लगी। उसके मुंह से सिसक निकलना शुरू हो गई ।

भगत ने कहा मैं बिना चोदे नहीं रह सकता।

कौशल्या देवी ने भगत से कहा अरे बेटा अभी माहवारी चल रही है ।अभी चूत * पूरा गंदा है। मैं चुदाने लायक नहीं हूं।

भगत ने कहा आज मैं तेरी चूत नही तेरी गांड चोदूंगा।आज मैं तुम्हारी गांड मारूंगा ।

कौशल्या देवी ने कहा बेटा मैंने पहले कभी गाड नहीं मरवाई ।मुझसे नहीं हो पाएगा ।गांड का छेद बहुत ही सकरी होती है । तुम्हारा लंड उसमें जाएगा कैसे? मेरी गांड फट जाएगी ।

तब भगत ने अपना मोबाइल आन किया और उस पर पोर्न चलाने लगा जिसमें एक लड़का एक महिला का गांड चोद रहा था।

उसे देख कर कौशल्या देवी की आंखें बाहर आ गई इतना मोटा लैंड उस महिला के गांड में तेजी से अंदर बाहर हो रहा था।

भगत ने पोर्न कौशल्या देवी को दिखाते हुए कहा देखो लंड कैसे गांड में आराम से अंदर बाहर आ जा रहा है। ऐसा ही मैं तुम्हारा आज गांड मारूंगा ।

कौशल्या देवी ने कहा बेटा पर बहुत दर्द होगा अगर मेरी गांड फट गई तो ।

भगत ने कहा पहली बार दर्द होगा फिर तुम्हें भी बहुत मजा आएगा ।

जाओ घर में ़घी होगा उसे ले आओ मैं अपने लंड और तुम्हारी गांड में भी लगा देता हूं ताकि आसानी से तुम्हारे गांड में मेरा लंड चला जाएगा ।

कौशल्या देवी भगत से के गोद से उतरकर किचन की ओर चली गई और वहां से घी का डब्बा उठाकर ले आई ।

भगत ने कौशल्या देवी को इशारा किया, कौशल्या देवी इशारा समझ कर घी के डिब्बे से घी निकालकर भगत के लंड पर लगाने लगी ।

भगत ने पीछे से कौशल्या देवी को अपने बाहो से भर लिया और उसकी चूची को मसलने लगा। फिर अपने हाथों से कौशल्या देवी के पेटीकोट के नाड़े को पकड़ कर खींच लिया ।

कौशल्या देवी की पेटीकोट सर सराते हुए उसके पैरों से नीचे गिर गया ।कौशल्या देवी पेंटिं नहीं पहनी थी वह पूरी तरह नंगी हो गई ।

नंगे होते ही भगत ने कौशल्या देवी को बेड पर झुका दिया और खुद उसके पीछे खड़ा हो गया और उसके गांड के छेद को देखने लगा ।

अपने एक उंगली पर घी लगा कर कौशल्या देवी के गांड के छेद में भरने लगा ।वह उंगली को कौशल्या देवी के गांड के छेद में अंदर-बाहर करने लगा ।

गांड काफी टाइट था कौशल्या देवी ने भगत ने कहा बेटा मुझे बहुत ही दर्द होगा ।मेरा गांड मत मारो ।मै तुम्हारे लंड को चुस कर तुम्हारे तुम्हारा वीर्य को निकाल देती हूं ।

भगत ने कहा चुप साली आज तो मैं तुम्हारी गाड चोदूंगा। चुपचाप झुकी रह।

इधर भगत का लंड कौशल्या देवी के गांड को देखकर लोहे की रॉड की तरह हो गया और वह ठूनकी मारने लगा ।

राजेश अपने लंड को कौशल्या देवी के गांड के ऊपर रख कर घिसने लगा ।

कौशल्या देवी के मुख से सिसक निकलने लगी ।

भगत अपने दोनों हाथों को सामने ले जाकर कौशल्या देवी की चूची को पकड़कर जोर-जोर से मसलने लगा ।अपने लंड को उसकी गांड के छेद पर रखकर घिसने लगा ।

कौशल्या देवी के मुख से सिसकारी निकलने लगी। भगत के लंड घी लगा हुआ था वह चमक रहा था। वह अपने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर ,लंड के टोपे को कौशल्या देवी के गांड छेद पर रखा ।

भगत का लैंड का टोपा थोड़ा पतला और जड़ मोटा था । थोड़ा जोर लगाते ही लैंड का टोपा कौशल्या देवी के गांड के छेद पर जाकर फस गया।

कौशल्या देवी के मुख से चीख निकली वह बोली निकालो बेटा उई मा दर्द हो रहा है।

भगत अपने दोनों हाथों से कौशल्या देवी की कमर को पकड़े हुए था दोनों हाथ से कमर को पकड़ कर वह लंड का दबाव गाड के छेद पर बढ़ाने लगा, जिससे लंड* सरकर गांड के अंदर थोड़ा और घुस गया।

कैशल्या देवी के मुख से फिर से चीख निकली बेटा दर्द हो रहा है ।निकाल दो ।

भगत अपने दोनों हाथों को सामने लाकर कौशल्या देवी की चूची को पकड़ कर मसलने लगा। कौशल्या देवी का दर्द कुछ कम हुआ। और वह सिसक ने लगी है ।

भगत फिर से कौशल्या देवी के कमर को अपने हाथों से पकड़ लिया और लंड* का दबाव उसके गाड की छेद पर लगाने लगा। जिससे लैंड और थोड़ा अंदर घुस गया ।

कौशल्या देवी के मुख से फिर से ची ख निकली, बेटा दर्द कर रहा है निकाल दो।

अब भगत ने लंड को थे थोड़ा बाहर खींचा और फिर थोड़ा सा धक्का मारा जिसे लैंड फिर से सर सर आता हुआ हुआ आधा अंदर घुस गया।

भगत फिर से कौशल्या देवी की चूची को मसलने लगा कौशल्या देवी का दर्द कुछ कम हुआ। फिर उसके मुंह से सिसक निकलने लगी ।

भगत ने कौशल्या देवी के कमर को हाथों से पकड़कर लंड का दबाव उसकी गांड के छेद पर लगाया लंड कुछ और अंदर चला गया अब अपने दोनों हाथों से उसकी के चूची को पकड़कर मसलते हुए अपने लंड* को कौशल्या देवी के गांड के छेद घर धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा ।

कौशल्या देवी के मुख से चीख निकलने लगी। बेटा दर्द हो रहा है निकाल दो ।मगर

भगत कौशल्या देवी के बातों को अनसुना कर वह उसकी चूची को जोर जोर से मसलने लगा और अपने लंड* को उसके गांड के छेद में अंदर-बाहर करने लगा ।

लंड गांड के के छेद में में अपना जगह बनाने लगा अब उसका लंड पूरे गांड के अंदर घुस चुका था।

कौशल्या देवी का गांड बुरी तरह से भगत के लंड* को जकडा हुआ था। लंडड कसा कसा हुआ अंदर बहार आने जाने लगा ।

भगत को चूत चोदने से गांड चोदने में एक अलग ही अनुभव और आनंद आने लगा। उसे चूत चोदने से ज्यादा गांड चोदने में मजा आने लगा ,क्योंकि गांड काफी टाइट था और वह लंड* को ही कस कर जकड़ा हुआ था ।काफी तेज घर्षण लंडपर हो रहा था।

इधर कौशल्या देवी का दर्द भी धीरे-धीरे कम होने लगा और उसे भी गांड चुदाने में मजा आने लगा। वह अपने कमर को आगे पीछे हिलाकर भगत को गांड चोदने में सहयोग करने लगी ।

इधर भगत को एहसास हो गया कि कौशल्या देवी को अब मजा आने लगा है ।अब भगत अपने लंड पूरा गाड से बाहर निकालकर कौशल्या देवी के गांड के के अंदर बाहर करने लगा । और वह कसकस कर गांड चोदने लगा ।

कौशल्या देवी भी अब मजा लेने लगी। वह भी लंड पर अपनी गांड को पीछे से धक्का लगाने लगी।

इधर भगत भी तेज धक्का मारने लगा। लंड कौशल्या देवी के गांड में बिना किसी रोक के फक फक के अवाज के साथ अंदर बाहर आने जाने लगा।

भगत को चूत चोदने से ज्यादा मजा, गांड चोदने में आने लगा ।वह किसी दूसरी दुनिया में खो गया और अपने लंड को तेजी से कौशल्या देवी की गांड के छेद में अंदर-बाहर करने लगा ।

भगत ने कौशल्या देवी से कहा आह मेरी जान गांड चोदने में बहुत ही मजा आ रहा है ।मेरा लंड तुम्हारे गांड के अंदर कितना कसा कसा आ जा रहा है। हां मैं बता नहीं सकता मुझे कितना मजा आ रहा है। अब से मै रोज ही तुम्हारा गांड मारूंगा ।

इधर कौशल्या देवी को गांड चुदाने में भी अलग मजा आने लगा । वह भी गांड चोदने में भगत की मदद करने लगी।
भगत से अब बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था ,उसकी सांस तेज तेज चलने लगी। उसका लंड अकड़ने लगा उसके शरीर की सारी ताकत अपने लंड * की ओर जाता हुआ महसूस करने लगा और वह जोर-जोर से कौशल्या देवी की गांड को चोदने लगा ।

दोनों कमर को पकड़कर भगत ने कौशल्या देवी के कूल्हे को अपनी जांघो से कस कर सटा दिया और आह आह करते हुए झड़ने लगा। उसके लंड से ढेर सारा वीर्य निकल कर कौशल्या देवी के गांड में भरने लगा।

इधर कौशल्या देवी भी झड़ने लगी।
कुछ समय तक वे दोनो इसी अवस्था में थे और वे दोनो झडने का आनंद लेने लगे ।

कुछ समय तक दोनों उसी अवस्था में थे। लंड जब ढीला हुआ तो ,भगत अपने लंड को गांड से खींच कर निकाल दिया ।भगत ने देखा कौशल्या का गार्ड पूरी तरह से खुल चुका है वह पूरी तरह फैल चुका था। वह उसके गांड को देख कर मुस्कुराने लगा

भगत बेड पर लेट गया और सुस्ताने लगा ।

कौशल्या देवी के गांड से वीर्य निकलता हुआ उसकी चूत से बहता हुआ वीर्य जमीन पर टपकने लगा ।जिसका अहसास होते ही कौशल्या देवी खड़े हो गई और अपनी गांड मटकाते हुए , बाथरूम की ओर जाने लगी ।

वह अपने गांड में मटकाते हुए बाहर गई जिसे देख कर भगत अपन् लंड काे सहलाते हुुए मुस्कुराने लगा ।

इधर राजेश अपने बेड पर लेटा हुआ सोच रहा था कि आज यह क्या हो गया उसके साथ आज क्या-क्या हो रहा है ।अपनी मां को आज वह बुरी नजर से देखने लगा है ।उसकी मां के हाथ लगते ही आज उसका लंड खड़ा हो जाता है।

उसकी आंखों के सामने उसकी मां की बड़ी-बड़ी चूचियां झूलने लगती है जिससे उसका लंड तन कर खड़ा हो जाता है। वह अपने मन में कहता है कि क्या मस्त चूचियां है मां की और वह अपनी मां की चुचियों को इमेज करते हुए ,एक हाथ अपने लंड पर चलाने लगता हैं ।

इधर सुनीता भी घर का सारा काम निपटा कर अपने बेड पर लेट कर आराम कर रही थी ।वह आज बहुत ही खुश थी कि उसका बेटा राजेश नॉर्मल है ।और वह एक तगड़े लंड का मालिक है । उसे अपने बेटे पर गर्व महसूस होने लगता है।

वह राजेश के लंड को इमेज करने लगी जिसके कारण उसके शरीर भी गर्म होने लगी ।जिसका असर उसके चूत पर होने लगा ।

उसकी चूत पर खुजली होने लगी। वह मन मे सोची जा रही थी कि उसका बेटा का लैंड कितना मोटा बड़ा और खूबसूरत है ।

वह उस पल को याद करती है जब ढेर सारा वीर्य उसके चेहरे पर गिरकर उसकी चुचियों पर टपकने लगा। वह राजेश के बीज से नहा डाली थी यह सब सोचते उसके चूत से रस निकलने लगा ।

सुनीता अपने एक हाथ अपनी चूत पर ले गई और एक उंगली से अपनी चूत के भग्नासा को रगड़ने लगी। उसे बहुत ही आनंद आने लगी। उसके मुख से सिसक निकलने लगी ।

इधर राजेश ने अपना मोबाइल उठाया और अपने मां को व्हाट्सएप मैसेज कर दी ।

राजेश- मां क्या कर रही हो।

सुनीता ने मोबाइल पर मैसेज रिंग सुनकर मोबाइल उठा कर देखी , उसने देखा राजेश का मैसेज आया है। उसने मैसेज पढ़ी। सुनीता ने राजेश को मेसेज भेजी ।

सुनीता- कुछ नहीं बेटा बस थोडा आराम कर रही थी। कुछ काम था क्या।

राजेश- मां मुझे माफ कर दो आज यह सब क्या हो रहा है। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा, मैं यह सब जानबूझकर नहीं कर रहा हूं।

सुनीता -मैं सब समझ सकती हूं। बेटा यह सब नॉर्मल है और तुम्हें सॉरी बोलने की जरूरत नहीं है।

राजेश - मेरी मदद करने के लिए धन्यवाद मां।

सुनीता- बेटा मैं तुम्हारी मां हूं ,मैं तुम्हारी मदद नहीं करूंगी तो और कौन करेगा। तुम्हें धन्यवाद देने की जरूरत नहीं।

राजेश- मा मैंने तुम्हें आज गंदा कर दिया ,मैंने अपना पानी तुम्हारे चेहरे पर गिरा दिया मुझे माफ कर देना ।

सुनीता -बेटा इसके लिए भी तुम्हें माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं। इंसान उस समय जब उसका पानी निकलने वाला होता है तब वह जोश मे , सब कुछ भूल सा जाता है और जोश में यह सब हो जाता है। यह सब नॉर्मल है।

राजेश- हां मा जब तुम अपने हाथों से मेरे नूनू को हिला रही थी तब मुझे बहुत ही आनंद आ रहा था और जब मेरा पानी निकला तो उस समय तो मैं बता ही नहीं सकता कि मुझे कितना मजा आया। मैं अपना होश खो बैठा था। मैं किसी दूसरे दुनिया में खो गया था और मेरा पानी तुम्हारे चेहरे पर गिर रहा है मुझे पता ही नहीं चला।

सुनीता -हां बेटा मैं समझ सकती हूं ।पुरुषों की नूनू से पानी निकलने से पुरुषों को अनोखा आनंद मिलता है ।

राजेश- पर मा पहले तो मै अपने पर कंट्रोल कर पा रहा था ।पर अब मुझसे कंट्रोल क्यों नहीं हो पा रहा है ।पहले भी तुम मुझे पेशाब कराती थी तो मुझे ऐसा कोई फीलिंग नहीं होता था ,लेकिन अब तुम्हारे हाथ में आते ही , मेरा नूनू तन कर खड़ा हो जाता है ऐसा क्यों हो रहा है मा

सुनीता -बेटा यह सब नॉर्मल है ।अब तुम जवान हो गए हो। हम मां बेटे के साथ-साथ एक औरत और मर्द भी हैं। पहले तुम सिर्फ मुझे मां की नजरों से देख रहे थे ।इसलिए तुम्हारे नूनू में तनाव नहीं आ रहा था ।अब तो मुझे एक औरत की नजरों से देख रहे हो इसलिए तुम्हारे नूनू पर तनाव आ रहा है। यह सब नॉर्मल है।

राजेश- मां मुझे माफ कर दो मैं अब तुम्हें औरत की नजर से देखने लगा हू । मां मुझे तुमसे एक और बात पूछनी थी।
सुनीता -पूछोबेटा क्या बात है?

राजेश -ओ मां मेरी नूनू बढ़कर इतना लंबा और मोटा हो जाता है क्या सभी का नूनू इतना बड़ा और मेटा हो जाता है ।

सुनीता -बेटा अब तुम बड़े हो गए हो तुम्हारा नूनू अब नूनू नहीं रहा।

राजेश - हां तो अब इसे क्या कहते हैं?

सुनीता- बेटा मुझे लिखने पर मुझे शर्म आ रही है ।

राजेश -मा अगर तुम नहीं बताओगी तो मैं कैसे जानूंगा

सुनिता -बेटा इतने इसे लंड * कहते हैं अब तुम्हारा नूनू लंड बन चुका है। तुम्हारा लंड काफी बड़ा हर मोटा है।

मां की लिखी बातों को पढते ही राजेश का लंड* और कठोर हो गया और ठूनकी मारने लगा ।इधर संुनीता की भी हालत खराब हो रही थी। लंड शब्द लिखते ही उसकी चूत से और रस तेज गति से बहना शुरू हो गई।

राजेश -मां क्या पापा का लंड भी इतना बड़ा हो जाता है ।

सुनीता -नहीं बेटा तुम्हारा पापा का लंड तो तुम्हारे लमड में काफी छोटा है।

राजेश - आह मा।

सुनीता - क्या बात है बेटे क्या हुआ?
राजेश- दर्द हो रहा है ।

सुनीता -बेटा कहां दर्द हो रहा है ?

राजेश -ओ मा लंड पे दर्द हो रहा है ?लंड बार बार खड़ा हो रहा जिसके कारण दर्द करने लगा है ।


सुनीता -लगता है ,तुम मेरे बारे में ही सोच रहे हो इसलिए तुम्हारा लंड खड़ा हो जा रहा है।

राजेश -हां मा मुझे नहलाते समय जिस रूप में तुम्हे देखा ,तुम बहुत ही खूबसूरत हॉट और सेक्सी लग रही थी ।तुम्हारा कामरूप मेरी नजरों के सामने बार-बार आ जा रहा है ।जिससे मेरे लंड बार बार खडी हेकर दर्द करने लगा है ।मा कुछ करो ना ।

अनीता सोचती है कि मैंने अपना काम रुप अपने बेटे को दिखाया ,जिसके कारण आज उसकी ये हालत हो रही है ।मेरे कारण ही उसके लैंड पर दर्द हो रहा है इसलिए मुझे कुछ करना होगा?

सुनीत व्हाट्सएप करती है ।

सुनिता -बेटा तुम मेरे कमरे में चले आओ। मैं तुम्हारे लंड का पानी निकाल दूंगी ।इससे तुम्हें रात मिलेगा।

राजेश -थैंक यू मा मैं अभी तुम्हारे कमरे में आ रहा हूं ।

दोनों के द्वारा इस तरह व्हाट्सएप मैसेज करने से

राजेश का लंड और तन कर खड़ा हो गया और उसकी मां फिर से उसका मुठ मारेगी ,इसका एहसास से उसका लंड ठुमके मारने लगा।
राजेश इतना देर से उठकर मैं कैमरे से अपनी मां की कमरे की ओर जाने लगा
वह अपने रूम से निकलकर अपनी मां की कमरे की ओर जाने लगा।

इधर सुनीता भी उसका बेटा राजेश उसके कमरे में आ रही है यह सोचकर ही उसके चूत का बहा व बढ गया , उसके दिल की धड़कन बढ़ गई। और उसकी चूत में खुजली भी बढ़ गई ।उसकी चूत से से रस बहना बढ़ गया ।

राजेश अपनी मां के कमरे पास जाकर खड़ा होकर दरवाजा खटखटाया ।

सुनीता ने राजेश से कहा दरवाजा खुला बेटा अंदर आ जाओ । आ जाओ बेटा सुनीता का ध्यान राजेश के लोवर की ओर की ओर गया इस समय उसे लोअर मे बडा सा तंबू बना था ।जिससे स्पष्ट हो रहा था कि राजेश का लंड इस समय खड़ा हुआ है।

सुनीता के शरीर में सिहरन दौड़ने लगा । राजेश सुनीता की बेड पर जाकर बैठ गया ।सुनीता ने राजेश से कहा चलो बेटा बाथरूम में चलो।

राजेश ने कहा ठीक है मा और राजेश बाथरूम की ओर चला गया। बाथरूम में जाकर वह यूरिनल पाट के सामने खड़ा हो गया।

सुनीता राजेश के पीछे जाकर खड़ी खड़ी हो गई और उसके लेवर को नीचे सरकार कर उसके लंड को बाहर निकाल दी।

सुनीता के द्वारा उसके लोवर को नीचे खिसकाने से राजेश का लंड हवा में ठुमके लगाने लगा। जिसे देखकर सुनीता मुस्कुराने लगी और उसके चूत की खुजली और बढ़ गई ।

सुनिता राजेश से बोली बेटा तुम्हारा लंड तो काफी लंबा मोटा और कठोर हो गया है। तुम्हें काफी दर्द हो रहा होगा ।

राजेश बोला हा मा लंड में काफी दर्द हो रहा है तुम उसका पानी निकालकर दर्द कम कर दो ।

सुनीता ने कहा ठीक है बेटा और वह राजेश के लंड को एक हाथ से पकड़ ली और उसे धीरे-धीरे सहलाने लगी।
अपनी मां के द्वारा अपने लंड सहलाये जाने से राजेश की सांसें तेज़ होने लगी। उसके लंड पर रक्त का प्रवाह और बड़ गया ।

इधर सुनीता का भी हाल बुरा था ।उसके चूत से रस टपक रहा था ।वह ना चाहते हुए भी अपना एक हाथ अपने चूत पर रख कर अपने चूत को रगड़ने लगी ।

इधर सुनीता के द्वारा मुठ मारने से राजेश को बहुत ही आनंद आने लगा। वह अपनी आंखें बंद कर अपने मां के द्वारा मूठ मरवाने का आनंद लेने लगा ।

इधर सुनीता एक हाथ से राजेश के लंड को मुठ मार रही थी। दूसरे हाथ की उंगलियों से अपनी चूत रगड़े जा रही थी।

सुनीता को भी बहुत आनंद आ रहा था। उसकी भी सांसें तेज हो गई। मां बेटे दोनों की सांसें तेज हो गई थी। दोनों की दिल की धड़कन बढ़ गई ।

राजेश ने अपनी मां से कहा मा बहुत ही आनंद आ रहा है ,बहुत ही मजा आ रहा है ,ऐसे ही मुठ मारते रहो, आह ,आह ,आह ,कितना मजा आ रहा है मां ।और तेजो मारो और तेज मारो ।

इधर सुनीता का भी हालत खराब हो चुकी थी उसके मुख से भी सिसक निकलना शुरू हो गया था ।वह भी एक हाथ से अपन् चूत कोतेज तेज रगड़ने लगी और एक हाथ से राजेश के लंड को तेज तेज मुठ मारने लगी ।

इस तरह दोनों ही मुठ मारने का आनंद लेने लगे दोनों की आंखें बंद हो गई थी ।वे दोनों भूल गए थे कि वह मां और बेटे हैं।

अब राजेश को बर्दाश्त से बाहर लगने लगा उसका लंड अकडने लगा उसने सुनीता से कहा मा मेरा पानी आने वाला है और तेज तेज मारो मां बहुत मजा आ रहा है ।

सुनीता अपने हाथ को और तेज तेज चलाने लगी और अपनी चूत पर भी अपनी उंगलियां तेज तेज अरे रगडने नहीं लगी ।उसके मुख से भी शिशक निकल रही थी ।

ईधर राजेश अपने पर कंट्रोल न कर सका और आह मम्मी ,आह मम्मी ,आह करके झड़ने लगा ।

उसके लंड से तेज वीर्य की पिचकारी निकलकर यूरिनल पाट में में जाने लगा ।

इधर सुनीता भी झडने ने लगी। दोनों मां-बेटे साथ झड़ने लगे ।दोनों की आंखें बंद थी।

जब दोनो होश में आए दोनों की नजरें एक दूसरे मिले सुनीता शर्मा गई। वह अपने नजरें नीचे कर दी ।

राजेश ने सुनीता से का थैंक्यू मां । और वह सुनीता के गालों पर किस कर दिया।

सुनीता अपनी नजरें नीचे करके मुस्कुरा रही थी और शर्मा रही थी ।

सुनीता ने राजेश का लोवर उपर कर दिया और राजेश से कहां ,जाओ बेटा तुम अपने कमरे में ,तुम अपने कमरे में जाकर आराम करो।

राजेश अपनी मां के कमरे से निकलकर ,अपने कमरे में चला जाता है।

राजेश के बाथरूम से चले जाने के बाद ,सुनीता अपनी पेंटी को निकाल कर देखती है ।उसकी पैंटी पूरी तरह से उसके चूत रस से गीली हो चुकी थी। वह अपनी पेंटी की हालत देखकर कहती है , छी मैं कितनी गंदी हो गई हूं।

अपने बेटे के पास रहते ही इतनी गंदी हरकत कर डाली। हे। भगवान मुझे माफ कर दो । मुझसे कितना बड़ा पाप हो गया।
Awesome update
 

sunoanuj

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Bahut hi behtarin updates…
 

sunoanuj

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👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻
 

Raj_sharma

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इधर कॉलेज में भगत क्लास अटेंड कर रहा था।

क्लास में मैडम सुमन केमिस्ट्री पढ़ा रही थी। वह 40 वर्ष की खूबसूरत महिला थी ।आज वह ब्लू कलर की पारदर्शी साड़ी पहनी हुई थी। सुमन आज बहुत ही हॉट और सेक्सी लग रही थी ।

साड़ी के अंदर से उसके ब्लाउज और उसकी चूची साफप नजर आ रहे थे ।उसकी नाभि उसकी खूबसूरती को और बढ़ा रही थी ।

क्लास के कई लड़के मैडम सुमन की हॉट अवतार को देखकर अपना लंड मसल रहे थे ।

भगत का भी हालत खराब हो चुका था। उसका भी लैंड सुमन की खूबसूरत बदन को देख कर खड़ा हो चुका था।

भगत से भी बर्दाश्त करना बहुत मुश्किल हो रहा था। वह अपने एक हाथ से अपने लंड को सहलाने लगा ।

मैडम सूमन जब ब्लैक बोर्ड पर चित्र बना रही होती ,तब वह थोड़ा श्यामपट्ट की ओर झुक जाती, जिसेसे उसका पिछवाड़ा थोड़ा उभर कर स्टूडेंट के सामने आ जाता है ।

मैडम सुमन की पिछवाड़ा देख कर भगत की हालत और खराब हो गई ।वह अपने लंडपर एक हाथ तेजी से चलाने लगा।

भगत से बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था अगर कुछ देर और इसी प्रकार से हाथ चलाता रहा तो अबकभी भी झड़ सकता था ।

कक्षा से बाहर जाना ही उसे उचित लगा। और वह मैडम से इजाजत मांग कर कक्षा से बाहर चला गया ।

क्लास से बाहर जाने के बाद भी भगत का लंड बैठने का नाम नहीं ले रहा था। उसकी आंखों के सामने मैडम सुमन की पिछवाड़ा ही नजर आ रहा था। अतः वह सीधा घर की ओर चला गया ।

घर जाकर देखा तो दरवाजा बंद था। वह दरवाजा खटखटाया ।

कौशल्या देवी इस समय सो रही थी। जब दरवाजा खटखटाने की आवाज सुनी ,वह बेड से उठती है और इस समय कौन हो सकता है ।सोचकर दरवाजा खोलने चली जाती है ।

जब दरवाजे खोली तो देखती है सामने भगत खड़ा है ।वह भगत को देखकर कहती है अरे बेटा तुम कॉलेज से इतनी जल्दी आ गए ।

भगत ने कहा हां माजी आज कॉलेज में मन नहीं लग रहा था ,तो जल्दी आ गया ।

भगत सीधे उपर अपने कमरे में चला जाता है ।कपड़े चेंज कर लोवर और टीशर्ट पहन लेता है। और बेड पर लेट कर आराम करने लगता है।

अभी भी भगत की आंखों के सामने मैडम सुमन की पिछवाड़ा ही नजर आ रहा था जिससे उसके लंडमें तनाव अभी भी बना हुआ था ।

भगत को चुदाई करने की बहुत तीव्र इच्छा हो रही थी ।अतः वह सीधे नीचे चला गया ।

कौशल्या देवी अपने कमरे में आराम कर रही थी ।भगत ने दरवाजा खटखटाया ।

कौशल्या देवी ने दरवाजा खोला, दरवाजा खोलते ही कौशल्या देवी ने देखा भगत सामने खड़ा है। उसने भगत से बोला बेटा कुछ काम है क्या ?

भगत ने कौशल्या देवी से कहा हां मा जी मुझे अजीब सी बेचैनी लग रही है।वह कमरे के अंदर चला गया और बेड पर जाकर बैठ गया ।

कौशल्या देवी भगत के पास आई ।तब भगत कौशल्या देवी को खींचकर को अपनी गोद में बैठा लिया और अपने दोनों हाथों से कौशल्या देवी की चूची को ब्लाउज के ऊपर से ही पकड़ कर मसलने लगा और उसके गर्दन को चूमनेने लगा ।

कौशल्या देवी ने कहा बेटा यह क्या कर रहे हो ।अभी मैं गंदी हूं। अभी तुम्हें 3 दिन रुकना होगा ।अभी मेरी मांहवारी चल रही है ।

भगत ने कहा नहीं मां जी मुझे चुदाई करने का बहुत मन कर रहा है ।मैं नहीं रह सकता। आज मैंने मैडम सुमन की गदराय बदन को देख कर बहुत उत्तेजित हो गया हो गया हूं ।बिना चुदाई के रह पाना मुश्किल है ।

बेटा समझा करो अभी मेरी माहवारी चल रही है।

इधर भगत कौशल्या देवी के ब्लाउज बटन को खोलने लगा ।ब्लाउज को उसके बदन से अलग कर दिया और दोनों चुचियों को अपने हाथों से मसल कर उसकी चूची को पीने लगा ।

भगत की इन हरकतों से कौशल्या देवी भी गर्म होने लगी ।भगत का लंड लोहे की राड की तरह खड़ा होकर ठूनकी मार रहा था ।जिसका असर सुमन को अपने गांड पर हो रहा था और वह भी मदहोश होने लगी थी ।

कौशल्या देवी ने भगत से कहा अच्छा ठीक बेटा मैं तुम्हारे लंड* को चूस कर तुम्हे शांत कर देती हूं।

भगत ने कहा जो भी करना है जल्दी करो, मेरी जान मुझ से बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा है ।

भगत अपनी लोअर और अंडरवियर को खींचकर नंगा हो गया। और वह बेड पर जाकर लेट गया।

कौशल्या देवी भी बैड पर जाकर भगत के बगल में बैठ गई और उसके लंड को अपने हाथों में पकड़ कर सहलाने लगी ।

तभी भगत ने अपने लंड को चूसने का इशारा किया ।

कौशल्या देवी भगत के इसारा को समझ कर ,अपना मुख लंड की ओर ले गई।

कौशल्या देवी भगत के लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी ।

भगत ने अपने दोनों हाथों से कौशल्या देवी के सिर को पकड़कर लंड चूसवाने का मजा लेने लगा ।

भगत को लंड चूसवाने में बहुत ही आनंद आने लगा ।वह लंड चूसवाते समय अपने मुह से बोले जा रहा था। मेरी जान चुस,और चूस पूरा अंदर लेकर चूसो बहुत मजा आ रहा है ।

कौशल्या देवी गपा गप लंड** को मुंह में लेकर चूसे जा रही थी ।

भगत कौशल्या को रुकने के लिए कहा । और वह बेड से उतर गया।

कौशल्या देवी भी बेड से उतर गई।

भगत कौशलेया देवी की ब्लाउज को निकाल दिया और कौशल्या देवी के साड़ी को खीच कर ,उसके बदन से अलग कर दिया।

कौशल्या देवी सिर्फ पेटीकोट में रह गई थी।

भगत बेड किनारे फिर से बैठ गया और कौशल्या देवी को अपने लंड पर बिठा लिया और दोनों हाथों से उसकी चूची को मसलने लगा। उसकी चूची को पीने लगा ।

कौशल्या देवी भगत की इन हरकतों से जोश में आ गई वह मदहोश होने लगी। उसके मुंह से सिसक निकलना शुरू हो गई ।

भगत ने कहा मैं बिना चोदे नहीं रह सकता।

कौशल्या देवी ने भगत से कहा अरे बेटा अभी माहवारी चल रही है ।अभी चूत * पूरा गंदा है। मैं चुदाने लायक नहीं हूं।

भगत ने कहा आज मैं तेरी चूत नही तेरी गांड चोदूंगा।आज मैं तुम्हारी गांड मारूंगा ।

कौशल्या देवी ने कहा बेटा मैंने पहले कभी गाड नहीं मरवाई ।मुझसे नहीं हो पाएगा ।गांड का छेद बहुत ही सकरी होती है । तुम्हारा लंड उसमें जाएगा कैसे? मेरी गांड फट जाएगी ।

तब भगत ने अपना मोबाइल आन किया और उस पर पोर्न चलाने लगा जिसमें एक लड़का एक महिला का गांड चोद रहा था।

उसे देख कर कौशल्या देवी की आंखें बाहर आ गई इतना मोटा लैंड उस महिला के गांड में तेजी से अंदर बाहर हो रहा था।

भगत ने पोर्न कौशल्या देवी को दिखाते हुए कहा देखो लंड कैसे गांड में आराम से अंदर बाहर आ जा रहा है। ऐसा ही मैं तुम्हारा आज गांड मारूंगा ।

कौशल्या देवी ने कहा बेटा पर बहुत दर्द होगा अगर मेरी गांड फट गई तो ।

भगत ने कहा पहली बार दर्द होगा फिर तुम्हें भी बहुत मजा आएगा ।

जाओ घर में ़घी होगा उसे ले आओ मैं अपने लंड और तुम्हारी गांड में भी लगा देता हूं ताकि आसानी से तुम्हारे गांड में मेरा लंड चला जाएगा ।

कौशल्या देवी भगत से के गोद से उतरकर किचन की ओर चली गई और वहां से घी का डब्बा उठाकर ले आई ।

भगत ने कौशल्या देवी को इशारा किया, कौशल्या देवी इशारा समझ कर घी के डिब्बे से घी निकालकर भगत के लंड पर लगाने लगी ।

भगत ने पीछे से कौशल्या देवी को अपने बाहो से भर लिया और उसकी चूची को मसलने लगा। फिर अपने हाथों से कौशल्या देवी के पेटीकोट के नाड़े को पकड़ कर खींच लिया ।

कौशल्या देवी की पेटीकोट सर सराते हुए उसके पैरों से नीचे गिर गया ।कौशल्या देवी पेंटिं नहीं पहनी थी वह पूरी तरह नंगी हो गई ।

नंगे होते ही भगत ने कौशल्या देवी को बेड पर झुका दिया और खुद उसके पीछे खड़ा हो गया और उसके गांड के छेद को देखने लगा ।

अपने एक उंगली पर घी लगा कर कौशल्या देवी के गांड के छेद में भरने लगा ।वह उंगली को कौशल्या देवी के गांड के छेद में अंदर-बाहर करने लगा ।

गांड काफी टाइट था कौशल्या देवी ने भगत ने कहा बेटा मुझे बहुत ही दर्द होगा ।मेरा गांड मत मारो ।मै तुम्हारे लंड को चुस कर तुम्हारे तुम्हारा वीर्य को निकाल देती हूं ।

भगत ने कहा चुप साली आज तो मैं तुम्हारी गाड चोदूंगा। चुपचाप झुकी रह।

इधर भगत का लंड कौशल्या देवी के गांड को देखकर लोहे की रॉड की तरह हो गया और वह ठूनकी मारने लगा ।

राजेश अपने लंड को कौशल्या देवी के गांड के ऊपर रख कर घिसने लगा ।

कौशल्या देवी के मुख से सिसक निकलने लगी ।

भगत अपने दोनों हाथों को सामने ले जाकर कौशल्या देवी की चूची को पकड़कर जोर-जोर से मसलने लगा ।अपने लंड को उसकी गांड के छेद पर रखकर घिसने लगा ।

कौशल्या देवी के मुख से सिसकारी निकलने लगी। भगत के लंड घी लगा हुआ था वह चमक रहा था। वह अपने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर ,लंड के टोपे को कौशल्या देवी के गांड छेद पर रखा ।

भगत का लैंड का टोपा थोड़ा पतला और जड़ मोटा था । थोड़ा जोर लगाते ही लैंड का टोपा कौशल्या देवी के गांड के छेद पर जाकर फस गया।

कौशल्या देवी के मुख से चीख निकली वह बोली निकालो बेटा उई मा दर्द हो रहा है।

भगत अपने दोनों हाथों से कौशल्या देवी की कमर को पकड़े हुए था दोनों हाथ से कमर को पकड़ कर वह लंड का दबाव गाड के छेद पर बढ़ाने लगा, जिससे लंड* सरकर गांड के अंदर थोड़ा और घुस गया।

कैशल्या देवी के मुख से फिर से चीख निकली बेटा दर्द हो रहा है ।निकाल दो ।

भगत अपने दोनों हाथों को सामने लाकर कौशल्या देवी की चूची को पकड़ कर मसलने लगा। कौशल्या देवी का दर्द कुछ कम हुआ। और वह सिसक ने लगी है ।

भगत फिर से कौशल्या देवी के कमर को अपने हाथों से पकड़ लिया और लंड* का दबाव उसके गाड की छेद पर लगाने लगा। जिससे लैंड और थोड़ा अंदर घुस गया ।

कौशल्या देवी के मुख से फिर से ची ख निकली, बेटा दर्द कर रहा है निकाल दो।

अब भगत ने लंड को थे थोड़ा बाहर खींचा और फिर थोड़ा सा धक्का मारा जिसे लैंड फिर से सर सर आता हुआ हुआ आधा अंदर घुस गया।

भगत फिर से कौशल्या देवी की चूची को मसलने लगा कौशल्या देवी का दर्द कुछ कम हुआ। फिर उसके मुंह से सिसक निकलने लगी ।

भगत ने कौशल्या देवी के कमर को हाथों से पकड़कर लंड का दबाव उसकी गांड के छेद पर लगाया लंड कुछ और अंदर चला गया अब अपने दोनों हाथों से उसकी के चूची को पकड़कर मसलते हुए अपने लंड* को कौशल्या देवी के गांड के छेद घर धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा ।

कौशल्या देवी के मुख से चीख निकलने लगी। बेटा दर्द हो रहा है निकाल दो ।मगर

भगत कौशल्या देवी के बातों को अनसुना कर वह उसकी चूची को जोर जोर से मसलने लगा और अपने लंड* को उसके गांड के छेद में अंदर-बाहर करने लगा ।

लंड गांड के के छेद में में अपना जगह बनाने लगा अब उसका लंड पूरे गांड के अंदर घुस चुका था।

कौशल्या देवी का गांड बुरी तरह से भगत के लंड* को जकडा हुआ था। लंडड कसा कसा हुआ अंदर बहार आने जाने लगा ।

भगत को चूत चोदने से गांड चोदने में एक अलग ही अनुभव और आनंद आने लगा। उसे चूत चोदने से ज्यादा गांड चोदने में मजा आने लगा ,क्योंकि गांड काफी टाइट था और वह लंड* को ही कस कर जकड़ा हुआ था ।काफी तेज घर्षण लंडपर हो रहा था।

इधर कौशल्या देवी का दर्द भी धीरे-धीरे कम होने लगा और उसे भी गांड चुदाने में मजा आने लगा। वह अपने कमर को आगे पीछे हिलाकर भगत को गांड चोदने में सहयोग करने लगी ।

इधर भगत को एहसास हो गया कि कौशल्या देवी को अब मजा आने लगा है ।अब भगत अपने लंड पूरा गाड से बाहर निकालकर कौशल्या देवी के गांड के के अंदर बाहर करने लगा । और वह कसकस कर गांड चोदने लगा ।

कौशल्या देवी भी अब मजा लेने लगी। वह भी लंड पर अपनी गांड को पीछे से धक्का लगाने लगी।

इधर भगत भी तेज धक्का मारने लगा। लंड कौशल्या देवी के गांड में बिना किसी रोक के फक फक के अवाज के साथ अंदर बाहर आने जाने लगा।

भगत को चूत चोदने से ज्यादा मजा, गांड चोदने में आने लगा ।वह किसी दूसरी दुनिया में खो गया और अपने लंड को तेजी से कौशल्या देवी की गांड के छेद में अंदर-बाहर करने लगा ।

भगत ने कौशल्या देवी से कहा आह मेरी जान गांड चोदने में बहुत ही मजा आ रहा है ।मेरा लंड तुम्हारे गांड के अंदर कितना कसा कसा आ जा रहा है। हां मैं बता नहीं सकता मुझे कितना मजा आ रहा है। अब से मै रोज ही तुम्हारा गांड मारूंगा ।

इधर कौशल्या देवी को गांड चुदाने में भी अलग मजा आने लगा । वह भी गांड चोदने में भगत की मदद करने लगी।
भगत से अब बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था ,उसकी सांस तेज तेज चलने लगी। उसका लंड अकड़ने लगा उसके शरीर की सारी ताकत अपने लंड * की ओर जाता हुआ महसूस करने लगा और वह जोर-जोर से कौशल्या देवी की गांड को चोदने लगा ।

दोनों कमर को पकड़कर भगत ने कौशल्या देवी के कूल्हे को अपनी जांघो से कस कर सटा दिया और आह आह करते हुए झड़ने लगा। उसके लंड से ढेर सारा वीर्य निकल कर कौशल्या देवी के गांड में भरने लगा।

इधर कौशल्या देवी भी झड़ने लगी।
कुछ समय तक वे दोनो इसी अवस्था में थे और वे दोनो झडने का आनंद लेने लगे ।

कुछ समय तक दोनों उसी अवस्था में थे। लंड जब ढीला हुआ तो ,भगत अपने लंड को गांड से खींच कर निकाल दिया ।भगत ने देखा कौशल्या का गार्ड पूरी तरह से खुल चुका है वह पूरी तरह फैल चुका था। वह उसके गांड को देख कर मुस्कुराने लगा

भगत बेड पर लेट गया और सुस्ताने लगा ।

कौशल्या देवी के गांड से वीर्य निकलता हुआ उसकी चूत से बहता हुआ वीर्य जमीन पर टपकने लगा ।जिसका अहसास होते ही कौशल्या देवी खड़े हो गई और अपनी गांड मटकाते हुए , बाथरूम की ओर जाने लगी ।

वह अपने गांड में मटकाते हुए बाहर गई जिसे देख कर भगत अपन् लंड काे सहलाते हुुए मुस्कुराने लगा ।

इधर राजेश अपने बेड पर लेटा हुआ सोच रहा था कि आज यह क्या हो गया उसके साथ आज क्या-क्या हो रहा है ।अपनी मां को आज वह बुरी नजर से देखने लगा है ।उसकी मां के हाथ लगते ही आज उसका लंड खड़ा हो जाता है।

उसकी आंखों के सामने उसकी मां की बड़ी-बड़ी चूचियां झूलने लगती है जिससे उसका लंड तन कर खड़ा हो जाता है। वह अपने मन में कहता है कि क्या मस्त चूचियां है मां की और वह अपनी मां की चुचियों को इमेज करते हुए ,एक हाथ अपने लंड पर चलाने लगता हैं ।

इधर सुनीता भी घर का सारा काम निपटा कर अपने बेड पर लेट कर आराम कर रही थी ।वह आज बहुत ही खुश थी कि उसका बेटा राजेश नॉर्मल है ।और वह एक तगड़े लंड का मालिक है । उसे अपने बेटे पर गर्व महसूस होने लगता है।

वह राजेश के लंड को इमेज करने लगी जिसके कारण उसके शरीर भी गर्म होने लगी ।जिसका असर उसके चूत पर होने लगा ।

उसकी चूत पर खुजली होने लगी। वह मन मे सोची जा रही थी कि उसका बेटा का लैंड कितना मोटा बड़ा और खूबसूरत है ।

वह उस पल को याद करती है जब ढेर सारा वीर्य उसके चेहरे पर गिरकर उसकी चुचियों पर टपकने लगा। वह राजेश के बीज से नहा डाली थी यह सब सोचते उसके चूत से रस निकलने लगा ।

सुनीता अपने एक हाथ अपनी चूत पर ले गई और एक उंगली से अपनी चूत के भग्नासा को रगड़ने लगी। उसे बहुत ही आनंद आने लगी। उसके मुख से सिसक निकलने लगी ।

इधर राजेश ने अपना मोबाइल उठाया और अपने मां को व्हाट्सएप मैसेज कर दी ।

राजेश- मां क्या कर रही हो।

सुनीता ने मोबाइल पर मैसेज रिंग सुनकर मोबाइल उठा कर देखी , उसने देखा राजेश का मैसेज आया है। उसने मैसेज पढ़ी। सुनीता ने राजेश को मेसेज भेजी ।

सुनीता- कुछ नहीं बेटा बस थोडा आराम कर रही थी। कुछ काम था क्या।

राजेश- मां मुझे माफ कर दो आज यह सब क्या हो रहा है। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा, मैं यह सब जानबूझकर नहीं कर रहा हूं।

सुनीता -मैं सब समझ सकती हूं। बेटा यह सब नॉर्मल है और तुम्हें सॉरी बोलने की जरूरत नहीं है।

राजेश - मेरी मदद करने के लिए धन्यवाद मां।

सुनीता- बेटा मैं तुम्हारी मां हूं ,मैं तुम्हारी मदद नहीं करूंगी तो और कौन करेगा। तुम्हें धन्यवाद देने की जरूरत नहीं।

राजेश- मा मैंने तुम्हें आज गंदा कर दिया ,मैंने अपना पानी तुम्हारे चेहरे पर गिरा दिया मुझे माफ कर देना ।

सुनीता -बेटा इसके लिए भी तुम्हें माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं। इंसान उस समय जब उसका पानी निकलने वाला होता है तब वह जोश मे , सब कुछ भूल सा जाता है और जोश में यह सब हो जाता है। यह सब नॉर्मल है।

राजेश- हां मा जब तुम अपने हाथों से मेरे नूनू को हिला रही थी तब मुझे बहुत ही आनंद आ रहा था और जब मेरा पानी निकला तो उस समय तो मैं बता ही नहीं सकता कि मुझे कितना मजा आया। मैं अपना होश खो बैठा था। मैं किसी दूसरे दुनिया में खो गया था और मेरा पानी तुम्हारे चेहरे पर गिर रहा है मुझे पता ही नहीं चला।

सुनीता -हां बेटा मैं समझ सकती हूं ।पुरुषों की नूनू से पानी निकलने से पुरुषों को अनोखा आनंद मिलता है ।

राजेश- पर मा पहले तो मै अपने पर कंट्रोल कर पा रहा था ।पर अब मुझसे कंट्रोल क्यों नहीं हो पा रहा है ।पहले भी तुम मुझे पेशाब कराती थी तो मुझे ऐसा कोई फीलिंग नहीं होता था ,लेकिन अब तुम्हारे हाथ में आते ही , मेरा नूनू तन कर खड़ा हो जाता है ऐसा क्यों हो रहा है मा

सुनीता -बेटा यह सब नॉर्मल है ।अब तुम जवान हो गए हो। हम मां बेटे के साथ-साथ एक औरत और मर्द भी हैं। पहले तुम सिर्फ मुझे मां की नजरों से देख रहे थे ।इसलिए तुम्हारे नूनू में तनाव नहीं आ रहा था ।अब तो मुझे एक औरत की नजरों से देख रहे हो इसलिए तुम्हारे नूनू पर तनाव आ रहा है। यह सब नॉर्मल है।

राजेश- मां मुझे माफ कर दो मैं अब तुम्हें औरत की नजर से देखने लगा हू । मां मुझे तुमसे एक और बात पूछनी थी।
सुनीता -पूछोबेटा क्या बात है?

राजेश -ओ मां मेरी नूनू बढ़कर इतना लंबा और मोटा हो जाता है क्या सभी का नूनू इतना बड़ा और मेटा हो जाता है ।

सुनीता -बेटा अब तुम बड़े हो गए हो तुम्हारा नूनू अब नूनू नहीं रहा।

राजेश - हां तो अब इसे क्या कहते हैं?

सुनीता- बेटा मुझे लिखने पर मुझे शर्म आ रही है ।

राजेश -मा अगर तुम नहीं बताओगी तो मैं कैसे जानूंगा

सुनिता -बेटा इतने इसे लंड * कहते हैं अब तुम्हारा नूनू लंड बन चुका है। तुम्हारा लंड काफी बड़ा हर मोटा है।

मां की लिखी बातों को पढते ही राजेश का लंड* और कठोर हो गया और ठूनकी मारने लगा ।इधर संुनीता की भी हालत खराब हो रही थी। लंड शब्द लिखते ही उसकी चूत से और रस तेज गति से बहना शुरू हो गई।

राजेश -मां क्या पापा का लंड भी इतना बड़ा हो जाता है ।

सुनीता -नहीं बेटा तुम्हारा पापा का लंड तो तुम्हारे लमड में काफी छोटा है।

राजेश - आह मा।

सुनीता - क्या बात है बेटे क्या हुआ?
राजेश- दर्द हो रहा है ।

सुनीता -बेटा कहां दर्द हो रहा है ?

राजेश -ओ मा लंड पे दर्द हो रहा है ?लंड बार बार खड़ा हो रहा जिसके कारण दर्द करने लगा है ।


सुनीता -लगता है ,तुम मेरे बारे में ही सोच रहे हो इसलिए तुम्हारा लंड खड़ा हो जा रहा है।

राजेश -हां मा मुझे नहलाते समय जिस रूप में तुम्हे देखा ,तुम बहुत ही खूबसूरत हॉट और सेक्सी लग रही थी ।तुम्हारा कामरूप मेरी नजरों के सामने बार-बार आ जा रहा है ।जिससे मेरे लंड बार बार खडी हेकर दर्द करने लगा है ।मा कुछ करो ना ।

अनीता सोचती है कि मैंने अपना काम रुप अपने बेटे को दिखाया ,जिसके कारण आज उसकी ये हालत हो रही है ।मेरे कारण ही उसके लैंड पर दर्द हो रहा है इसलिए मुझे कुछ करना होगा?

सुनीत व्हाट्सएप करती है ।

सुनिता -बेटा तुम मेरे कमरे में चले आओ। मैं तुम्हारे लंड का पानी निकाल दूंगी ।इससे तुम्हें रात मिलेगा।

राजेश -थैंक यू मा मैं अभी तुम्हारे कमरे में आ रहा हूं ।

दोनों के द्वारा इस तरह व्हाट्सएप मैसेज करने से

राजेश का लंड और तन कर खड़ा हो गया और उसकी मां फिर से उसका मुठ मारेगी ,इसका एहसास से उसका लंड ठुमके मारने लगा।
राजेश इतना देर से उठकर मैं कैमरे से अपनी मां की कमरे की ओर जाने लगा
वह अपने रूम से निकलकर अपनी मां की कमरे की ओर जाने लगा।

इधर सुनीता भी उसका बेटा राजेश उसके कमरे में आ रही है यह सोचकर ही उसके चूत का बहा व बढ गया , उसके दिल की धड़कन बढ़ गई। और उसकी चूत में खुजली भी बढ़ गई ।उसकी चूत से से रस बहना बढ़ गया ।

राजेश अपनी मां के कमरे पास जाकर खड़ा होकर दरवाजा खटखटाया ।

सुनीता ने राजेश से कहा दरवाजा खुला बेटा अंदर आ जाओ । आ जाओ बेटा सुनीता का ध्यान राजेश के लोवर की ओर की ओर गया इस समय उसे लोअर मे बडा सा तंबू बना था ।जिससे स्पष्ट हो रहा था कि राजेश का लंड इस समय खड़ा हुआ है।

सुनीता के शरीर में सिहरन दौड़ने लगा । राजेश सुनीता की बेड पर जाकर बैठ गया ।सुनीता ने राजेश से कहा चलो बेटा बाथरूम में चलो।

राजेश ने कहा ठीक है मा और राजेश बाथरूम की ओर चला गया। बाथरूम में जाकर वह यूरिनल पाट के सामने खड़ा हो गया।

सुनीता राजेश के पीछे जाकर खड़ी खड़ी हो गई और उसके लेवर को नीचे सरकार कर उसके लंड को बाहर निकाल दी।

सुनीता के द्वारा उसके लोवर को नीचे खिसकाने से राजेश का लंड हवा में ठुमके लगाने लगा। जिसे देखकर सुनीता मुस्कुराने लगी और उसके चूत की खुजली और बढ़ गई ।

सुनिता राजेश से बोली बेटा तुम्हारा लंड तो काफी लंबा मोटा और कठोर हो गया है। तुम्हें काफी दर्द हो रहा होगा ।

राजेश बोला हा मा लंड में काफी दर्द हो रहा है तुम उसका पानी निकालकर दर्द कम कर दो ।

सुनीता ने कहा ठीक है बेटा और वह राजेश के लंड को एक हाथ से पकड़ ली और उसे धीरे-धीरे सहलाने लगी।
अपनी मां के द्वारा अपने लंड सहलाये जाने से राजेश की सांसें तेज़ होने लगी। उसके लंड पर रक्त का प्रवाह और बड़ गया ।

इधर सुनीता का भी हाल बुरा था ।उसके चूत से रस टपक रहा था ।वह ना चाहते हुए भी अपना एक हाथ अपने चूत पर रख कर अपने चूत को रगड़ने लगी ।

इधर सुनीता के द्वारा मुठ मारने से राजेश को बहुत ही आनंद आने लगा। वह अपनी आंखें बंद कर अपने मां के द्वारा मूठ मरवाने का आनंद लेने लगा ।

इधर सुनीता एक हाथ से राजेश के लंड को मुठ मार रही थी। दूसरे हाथ की उंगलियों से अपनी चूत रगड़े जा रही थी।

सुनीता को भी बहुत आनंद आ रहा था। उसकी भी सांसें तेज हो गई। मां बेटे दोनों की सांसें तेज हो गई थी। दोनों की दिल की धड़कन बढ़ गई ।

राजेश ने अपनी मां से कहा मा बहुत ही आनंद आ रहा है ,बहुत ही मजा आ रहा है ,ऐसे ही मुठ मारते रहो, आह ,आह ,आह ,कितना मजा आ रहा है मां ।और तेजो मारो और तेज मारो ।

इधर सुनीता का भी हालत खराब हो चुकी थी उसके मुख से भी सिसक निकलना शुरू हो गया था ।वह भी एक हाथ से अपन् चूत कोतेज तेज रगड़ने लगी और एक हाथ से राजेश के लंड को तेज तेज मुठ मारने लगी ।

इस तरह दोनों ही मुठ मारने का आनंद लेने लगे दोनों की आंखें बंद हो गई थी ।वे दोनों भूल गए थे कि वह मां और बेटे हैं।

अब राजेश को बर्दाश्त से बाहर लगने लगा उसका लंड अकडने लगा उसने सुनीता से कहा मा मेरा पानी आने वाला है और तेज तेज मारो मां बहुत मजा आ रहा है ।

सुनीता अपने हाथ को और तेज तेज चलाने लगी और अपनी चूत पर भी अपनी उंगलियां तेज तेज अरे रगडने नहीं लगी ।उसके मुख से भी शिशक निकल रही थी ।

ईधर राजेश अपने पर कंट्रोल न कर सका और आह मम्मी ,आह मम्मी ,आह करके झड़ने लगा ।

उसके लंड से तेज वीर्य की पिचकारी निकलकर यूरिनल पाट में में जाने लगा ।

इधर सुनीता भी झडने ने लगी। दोनों मां-बेटे साथ झड़ने लगे ।दोनों की आंखें बंद थी।

जब दोनो होश में आए दोनों की नजरें एक दूसरे मिले सुनीता शर्मा गई। वह अपने नजरें नीचे कर दी ।

राजेश ने सुनीता से का थैंक्यू मां । और वह सुनीता के गालों पर किस कर दिया।

सुनीता अपनी नजरें नीचे करके मुस्कुरा रही थी और शर्मा रही थी ।

सुनीता ने राजेश का लोवर उपर कर दिया और राजेश से कहां ,जाओ बेटा तुम अपने कमरे में ,तुम अपने कमरे में जाकर आराम करो।

राजेश अपनी मां के कमरे से निकलकर ,अपने कमरे में चला जाता है।

राजेश के बाथरूम से चले जाने के बाद ,सुनीता अपनी पेंटी को निकाल कर देखती है ।उसकी पैंटी पूरी तरह से उसके चूत रस से गीली हो चुकी थी। वह अपनी पेंटी की हालत देखकर कहती है , छी मैं कितनी गंदी हो गई हूं।

अपने बेटे के पास रहते ही इतनी गंदी हरकत कर डाली। हे। भगवान मुझे माफ कर दो । मुझसे कितना बड़ा पाप हो गया।
भाई बोहोत् हि कामुक ओर उम्दा अपडेट
अदभुत तरीके से लिखा हुआ सम्भोग दृस्य ओर बेहतरीन कामुक लुंड हिलाने वाला दृस्य।
पढ़ कर लुड़ खड़ा हो गया। 👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👓👓👓👓
 
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