हर बार एक नया राज........बेहतरीन अपडेट
Kaha to hum kyas laga rehe the ki arjun singh wapis aa gya.apne to puri bisaat hi palat di.#56
सात अश्व मानव और रीना अकेली . दियो की टिमटिमाती रौशनी ने उस मैदान में प्राण फूंक दिए थे. सारी बाते एक तरफ पर रीना का यहाँ होना अपने आप में कहानी थी, उसने मुझे कई बार ही तो बताया था की कुछ तो है जो उसे रुद्रपुर की तरफ खींच रहा है पर इस द्रश्य ने मेरी रूह को बताया की मामला वैसा नहीं था जैसे की मैं देख रहा था .
बिजली की तेजी से रीना उन अजीब से अश्व मनवो का मुकाबला कर रही थी , और मैं बस हैरान था की ऐसी भी कोई चीज होती है या ये सब मेरा वहम था .
“चली जा वापिस लौट जा ” उनमे से सबसे बुजुर्ग अश्व मानव ने रीना से कहा .
रीना- जाना होता तो आती ही नहीं
अश्व मानव- तू जो करने का सोच रही है वो असंभव है , तेरे दुस्साहस की प्रशंशा करता हूँ पर साथ ही मैं फिर से चेतावनी भी देता हूँ की मेरे सब्र का पैमाना छलक रहा है , कहीं ऐसा न हो की तेरे प्राण भी रिहाई की भीख मांगे .
रीना- मेरी आँखों में देख और फिर सोच क्या मुझे परवाह है तेरी या फिर किसी और की
अश्व मानव- तू जानती नहीं तू क्या कर रही है . तुझसे पहले कितने आये कितने गए , कितने तो हम तक भी नहीं पहुँच पाई, बता तुझे क्या चाहिए सोना चांदी या फिर तेरी कोई मनचाही
रीना- मेरी मनचाही में तो तू रोड़ा बना हुआ है .
रीना आगे बढ़ी और उस बुजुर्ग अश्व मानव पर वार किया पर वो तेज था, चपल था . उसके खुरो ने रीना की पीठ पर लात मारी पर वो गिरी नहीं . हवाओ ने जैसे आज ठान ली थी की सारा जोर यही पर लगा देंगी. रीना के होंठो पर कुटिल मुस्कान अ गयी और फिर अगले ही पल वो किसी बिजली के जैसे कौंधी और उस बुजुर्ग अश्व मानव के बीच से होती हुई उसकी तलवार ने उसे दो हिस्सों में बाँट दिया.
मासूम, फूल सी नाजुक रीना ने अभी अभी एक क़त्ल कर दिया था हमारी आँखों के सामने, बाकि बचे अश्व-मनवो ने अपने साथी के हश्र पर रुदन करना शुरू कर दिया , पर कुछ पालो के लिए क्योंकि अब उन्होंने व्यूहरचना बना दी थी . तीन तलवारों ने एक झटके में ही रीना के कुरते को तार तार करते हुए उसकी पीठ को चीर दिया था . रीना चीखी और , और तेजी से उनसे लड़ने लगी.
“मुझे तुम तो क्या नहारवीर भी नहीं रोक पाएंगे , “रीना ने कहा .
अश्वमानव- तेरी खुशकिस्मती नहीं की तू उन महान वीरो को देख पाए, तेरे भाग्य में हमारे हाथो से ही मरना है .
उनमे से एक अश्वमानव की कटार रीना की पिंडी को चीर गयी , वो धरती पर गिर गयी,
“बस बहुत हुआ ” मीता ने मुझसे हाथ छुड़ाया और उस घेरे की तरफ दौड़ पड़ी.
मेरी जिन्दगी में ये दो लडकिया आई थी और आज दोनों के ही अलग रूप देख रहा था मैं. मीता ने एक अश्वमानव की पीठ पर लात मारी और घेरे में प्रवेश कर गयी.
मीता- सितारों के रक्षको को मेरा प्रणाम , मैं नहीं जानती की आपका यहाँ होने का क्या प्रयोजन है ,पर यदि ये श्रेष्ट सुरक्षा पंक्ति के दर्शन मुझे हुए है तो मेरा सौभाग्य है साथ ही मेरा निवेदन है इस लड़की को बक्शा जाए.
अश्वमानव- अब देर हो चुकी है , शिवाले की धरती अब या तो इसके रक्त से सींची जाएगी या हमारे रक्त से . बीच का कोई रास्ता है ही नहीं .
मीता- आखिर ऐसा क्या है जिसकी वजह से इस पवित्र स्थान पर ये रक्तपात हो रहा है .
अश्वमानव- सितारों को पढने वाली, तू ये तो जानती होगी न की हम मर्जी के मालिक है , बिना मतलब के कुछ नहीं बताते. तू अपनी राह पकड़
मीता- इसे लिए बिना नहीं जाउंगी
अश्वमानव- तो फिर तेरे प्राण भी हरे जायेंगे.
मीता- ये बात मुझे पसंद नहीं आई,
मीता ने पास पड़ी उस बुजुर्ग अश्वमानव की तलवार उठा ली और बोली- चलो फिर देखते है व्यूह की पहली कतार कितना प्रतिकार कर पाती है .
मीता के चेहरे पर जो कशिश थी ठीक वही मैंने उस दिन थाने में महसूस की थी जब उसने दिलेर को मारा था . तब तक रीना भी खड़ी हो चुकी थी . मीता ने मुझे देखा और इशारा किया की मैं अपनी जगह से हिलू भी नहीं .
आठ तलवारों का शोर आसमान में गूँज रहा था . एक समय ऐसा भी आया की मैंने हवा में बस रक्त के छींटे उड़ते देखे. हवाओ ने उनके चारो तरफ जैसे कोई दिवार बना दी थी . कभी उनकी तो कभी मीता-रीना की चीखो को सुनकर मैं विचलित हो रहा था . ऐसा मंजर कोई कमजोर दिल का देख लेता तो कब का दौरा पड़ जाता उसे. और फिर एकाएक सब कुछ शांत हो गया जितने भी दिए वहां पर रोशन थे एक एक करके सब बुझ गए. शिवाला अपने अंधकार में डूब गया .
मैंने देखा मीता अपने कंधे पर बेहोश रीना को लादे मेरी तरफ आ रही थी . मैं दौड़ कर उसके पास गया और रीना को अपनी बाँहों में ले लिया.
मीता- आग लगा दी है तेरी मोहब्बत ने .
हम रीना को लेकर कुवे पर आये. मैंने लालटेन जलाई और रीना को बिस्तर पर लिटा दी. मीता उसके घावो को देखने लगी. रीना की नंगी पीठ पूरी कटी हुई थी . पैरो में अलग से घाव थे , मैंने देखा की उसकी एक पसली पर भी कट था .
मीता- इसे चादर ओढा दे.
मैं- इसे डाक्टर की जरुरत है
मीता- मैंने कहा न इसे चादर ओढा दे.
मीता ने अपनी चोटों पर मिटटी मलनी शुरू की .
मैं-ये क्या कर रही है तू
मीता- ये मिटटी सबकी माँ है , इसकी पनाह में गए तो हर दर्द को खींच लेगी ये.
मैं- क्या था वो सब और रीना वहां क्या कर रही थी .
मीता- कल बात करेंगे हम इस सब के बारे में . मुझे जरा बैठने दे दो पल . तेरी रीना ने आज मरवा ही दिया था . इसके होश में आते ही दो थप्पड़ लगाने वाली हु इसके.
मैं- रीना अपने बस में नहीं है, कोई तो है , इसने मुझे पहले भी बताया था की कोई डोर जैसे इसे खींच रही है शिवाले की तरफ.
मीता- मौत बुला रही है इसे और कुछ नहीं . अश्व्मनावो का आह्वान कर बैठी ये नादाँ, तंत्र में बहुत सशक्त होता है उनका स्थान, ये तो बस आज दिन ठीक था . पर आगे हालत बहुत बुरी होगी मनीष , सितारों के रक्षक होते है वो उनकी हत्या हुई है आज. ये बात दूर तक जाएगी. तुझे कैसे भी करके संध्या से जानकारी निकलवानी होगी. वो एक दक्ष साधिका है , नाहरविर जल्दी ही आयेंगे हमें संध्या की जरुरत पड़ेगी.
मीता ने मेरी गोद में अपना सर रखा और अपनी आँखों को मूँद लिया. रह गया मैं अकेला ये सोचते हुए की आने वाला कल अपने साथ क्या लेकर आएगा.
Thanks bhaiFauji bhai har ek update ek naya romanch lekar aata hai adbhud, akalpaniya jabardast kahani hai aapki
ThanksSuperb update
देखने वाली बात ये है कि आगे क्या होगाज़बरदस्त भाई फौजी किसी अलग ही दुनिया का भयावय सा संग्राम देखने को मिला मीता और रीना ने तो तूफ़ान खड़ा कर दिया और अब इसमें संध्या चाची की ज़रूरत पड़ गयी | कहानी बहुत जी अनिश्चित से तूफ़ान में प्रवेश कर चुकी है
Thanks bhaiमुसाफिर - जबरदस्त, फिर से एक नया रोमांचक अपडेट, रीना का ये नया रूप, हर बार पिछली रचनाओं को पढ़ना पढ़ता है, कि कंहा से जुड़ी हुई है, हर बार कुछ रहस्मय अद्भुत ........
Tabhi to maja aayega bhaisuper mindblowing updates, reena ko us dhage ne super powerful bana diya hai par mita ke pass bhi powers hain, sandhya chachi ke pass bhi it means ki agar prithvi-manish ke takrav ko dekha jaye to ye sab characters aage chal kar ek doosre ke aamne samne honge
Bhai shabd na mil rahe
ThanksSuperb fantastic update bhai