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Adultery चुदक्कड गर्ल्स

Lutgaya

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चुद्दक्कड गर्ल्स
भाग - 5

सूरज उठा और कपड़े पहने और चला गया। दोनों बहनें भी उठी, कपड़े पहने, बिस्तर धोया, साफ़ किया और बाते करने लगी- साले को एक दिन में ही दो कच्ची सील तोड़ने का मौका मिल गया !

पिंकी ने कहा- चलो, एक बात तो है ! घर की बात घर में रही, कहीं बाहर जाने की जरुरत नहीं पड़ी और मजा भी मिल गया।

रिंकी ने कहा- हाँ, वो तो है।

तब से दोनों ने ठान लिया कि जहाँ मौका मिले वहाँ मजा ले लेंगी।

रिंकी के बारहवीं होने तक दोनों ने सूरज के लण्ड से मौज की और किसी को पता भी नहीं चला। बारहवीं के बाद रिंकी अपने मामा के घर चली गई, वहाँ कॉलेज में दाखिला ले लिया। वहाँ उसके मामा-मामी और उनका एक बेटा विवेक जिसकी उम्र 22 साल थी। यहाँ पिंकी अकेली रह गई और बारहवीं की पढ़ाई करने लगी। सूरज भी और कहीं चला गया था।

तो बात आती है पहले पिंकी की। रात को बस उंगली करती और सो जाती। कभी कभार पेन या मोमबत्ती से काम चलाती।

एक दिन पिंकी पानी पीने के उठी तो देखा उसका भाई महेश अपने मम्मी पापा के कमरे के आगे खड़ा अपना लण्ड सहला रहा है।

पिंकी अच्छा मौका देख कर बाहर गई और महेश से पूछा- क्या कर रहे हो?

वो घबरा सा गया और लण्ड कच्छे में डाल लिया।

पिंकी ने भी देखा तो उसके पापा उसकी अम्मी की गाण्ड में लण्ड डाल कर आगे-पीछे कर रहे है। यह देख पिंकी को भी मजा आने लगा। महेश उसके पीछे ही खड़ा था। पिंकी ने कच्छे के ऊपर से ही उसका लण्ड पकड़ लिया और दबाने लगी।

महेश बस पिंकी को देखता रह गया, महेश ने भी पिंकी के मम्मे उसके टॉप के ऊपर से पकड़ लिए और दबाने लगा। पिंकी सिसकारियाँ लेने लगी तो महेश उसे उठा कर अपने कमरे में ले गया और दरवाज़ा बंद करके सीधा उसके होंठ चूसने लगा और मम्मे दबाने लगा। पिंकी भी उसका पूरा साथ दे रही थी।

महेश ने उसका टॉप उतार दिया और उसके नंगे मम्मों को चूसने लगा।

पिंकी सिसकारियाँ ले रही थी और कह रही थी- चूस और चूस ! काट ले मेरे मम्मे।

फ़िर महेश ने पिंकी की पैंटी उतार दी और चूत चाटने लगा। पिंकी की चूत पानी छोड़ने लगी। वो उठी और महेश का लण्ड कच्छे से निकाल लिया और चूसने लगी, वो कभी लण्ड तो कभी गोलियाँ भी चूस रही थी।

तब पिंकी से रहा नहीं जा रहा था तो महेश से उसने कहा- अब और नहीं सहा जाता, चोद दो मुझे !

उसने अपना लण्ड उसकी चूत पर रखा और एक धक्का दिया तो एक ही धक्के में पूरा लण्ड अन्दर चला गया।

महेश हैरान था कि इसकी चूत की सील टूटी कैसे?

उसने पूछ ही लिया तो पिंकी ने कहा- बस उंगली से या मोमबत्ती से करती थी।

तो महेश ने कहा- रिंकी ने तो नहीं तोड़ दी जब तुम दोनों एक साथ करती थी?

तो पिंकी ने कहा- तुम हमें देखते थे?

तो महेश ने कहा- हाँ, देखता था।

पिंकी कहने लगी- तभी रात को कमरे में आकर हमारे साथ वो सब करते थे।

महेश भी हैरान- तो क्या तुम जाग रही होती थी उस वक्त?

तो पिंकी ने कहा- हाँ भाई, हम जाग रही होती थी और मजे ले रही होती थी।

और महेश का जोश और बढ़ गया और वो तेज तेज धक्के लगाने लगा। पन्द्रह मिनट चोदने के बाद दोनों लुढ़क कर लेट गए। कुछ देर आराम करने के बाद महेश पिंकी की चूची चूसने लगा और कहा- पिंकी, गाण्ड भी मारने दे।

तो पिंकी ने कहा- जब चूत नहीं छोड़ी तो गाण्ड भी मार लो।

पिंकी महेश का लण्ड खड़ा करने लगी और फिर महेश ने पिंकी की गाण्ड पर थोड़ा थूक लगाया और थोड़ा अपने लण्ड पर और एक धक्का दिया और दो धक्कों में ही उसकी गाण्ड में महेश का लण्ड उतर गया।

अब महेश ने आगे-पीछे करना शुरू किया।

पिंकी ने थोड़ी देर बाद कहा- अब तुम लेट जाओ, मैं ऊपर चढ़ कर गाण्ड में लूँगी।

तो महेश नीचे लेट गया और पिंकी ऊपर से उसका लण्ड गाण्ड में ले लिया और ऊपर-नीचे होने लगी। कुछ देर बाद पिंकी और महेश दोनों झर गए और आराम से लेट गए।

महेश ने कहा- क्यों पिंकी, मजा आया न?

पिंकी ने कहा- भाई, तुमने अपनी बहन को चोद दिया।

तो महेश ने कहा- अरे यार, थोड़ी देर के भूल जा कि हम भाई-बहन हैं बस तू एक लड़की है और मैं एक लड़का ! और फिर क्या तू यह नहीं चाहती थी? तुझे मजा नहीं आया?

तो पिंकी शरमा गई और महेश के गले से लग गई। फिर दोनों रात को रोज चुदाई का खेल खेलने लगे।महेश ने पिंकी को कई बार अपने दोस्त से चुदवाया और कभी कभार दोनों एक साथ चोदते थे।

तो यह तो हो गई पिंकी की दास्तान !

और अगली कहानी में रिंकी ने अपने मामा के घर क्या करती थी और कैसे करती थी।

कहानी जारी रहेगी।
 

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चुद्दक्कड गर्ल्स
भाग-6

महेश नीचे लेट गया और पिंकी ऊपर से उसका लण्ड गाण्ड में ले लिया और ऊपर-नीचे होने लगी। कुछ देर बाद पिंकी और महेश दोनों झर गए और आराम से लेट गए।

महेश ने कहा- क्यों पिंकी, मजा आया न?

पिंकी ने कहा- भाई, तुमने अपनी बहन को चोद दिया।

तो महेश ने कहा- अरे यार, थोड़ी देर के भूल जा कि हम भाई-बहन हैं बस तू एक लड़की है और मैं एक लड़का ! और फिर क्या तू यह नहीं चाहती थी? तुझे मजा नहीं आया?

तो पिंकी शरमा गई और महेश के गले से लग गई। फिर दोनों रात को रोज चुदाई का खेल खेलने लगे।महेश ने पिंकी को कई बार अपने दोस्त से चुदवाया और कभी कभार दोनों एक साथ चोदते थे।

तो यह तो हो गई पिंकी की दास्तान !

और अगली कहानी में रिंकी ने अपने मामा के घर क्या करती थी और कैसे करती थी।

तो महेश नीचे लेट गया और पिंकी ऊपर से उसका लण्ड गाण्ड में ले लिए और ऊपर नीचे होने लगी २५ मिनट बाद पिंकी और महेश दोनों झर गए और आराम से लेट गए। महेश ने कहा- क्यों पिंकी मजा आया न। पिंकी ने कहा- भाई तुमने अपनी बहन को चोद दिया। तो महेश ने कहा- अरे यार थोड़ी देर के भूल जा की हम भाई बहन है बस तू एक लड़की है और मैं एक लड़का और फिर क्या तू ये नहीं चाहती थी। तुझे मजा नहीं आया। तो पिंकी शर्मा गई और महेश ले लगे से लग गई। फिर दोनों रात को रोज चुदाई का खेल खेलते थे। महेश ने पिंकी को कई बार अपने द्सोत से चुदवाया और कभी कभार दोनों एक साथ चोदते थे।

तो ये तो हो गई पिंकी का अकेलेपन की दास्ताँ और आगे कहानी में पिंकी की वो वहां क्या करती थी। और कैसे करती थी।

रिंकी अपने मामा के यहाँ कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी। उसके मामा का लड़का किसी और शहर में नौकरी कर रहा था। वहाँ सिर्फ उसके मामा वरुण और मामी गीता थी। वो दोनों भी ठरकी किस्म के थे। दोनों रात को चुदाई करते तो रिंकी को उनकी आवाजें सुनाई देती थी।

एक दिन रिंकी से रहा नहीं गया तो वो अपने कमरे से अपने मामा के कमरे की तरफ बढ़ी तो देखा कि गेट खुला हुआ है और उसकी मामी गीता और मामा वरुण चुदाई कर रहे थे बिल्कुल नंगे।

गीता वरुण के ऊपर थी और एक और उसके मामा की उम्र का आदमी भी था वहाँ पर। वो भी नंगा था और वो मामी की चूची चूस रहा था।

कुछ देर बाद मामी ने कहा- सिर्फ़ चूची को ही प्यार दोगे? मेरी गाण्ड का छेद अभी खुला हुआ है, इसमें डाल दो।

तो वो आदमी पीछे आया और मामी की गाण्ड में अपना लण्ड डाल दिया। मामी खूब मजे से चुदवा रही थी। 15 मिनट तक चोदने के बाद मामा ने अपना पानी निकाल लिया और कहा- अब आप ही करो, मैं थक गया हूँ। आज काम बहुत किया।

और उस आदमी ने गाण्ड से लण्ड निकाल कर चूत में डाल दिया। फिर वो भी थोड़ो देर चोद कर कपड़े पहन कर चला गया।

रिंकी भी जाकर सो गई पर उसे रात को नींद नहीं आई। इतने दिनों बाद लण्ड देख के उसका मन भी ललचा गया। जैसे तैसे रिंकी सो गई, अब रिंकी अगली रात का इन्तजार करने लगी।

रात हो गई। उसके मामा-मामी की चुदाई फिर शुरू हो गई। उसके मामा उसकी मामी को चोद रहे थे और कह रहे थे- यार, रिंकी भी अब बड़ी हो गई है।

गीता ने कहा- मतलब?

वरुण ने उसका जवाब देते हुए कहा- मतलब क्या? कभी देखा है उसको? उसकी गाण्ड की तरफ? उसकी चूचियाँ मस्त लगती हैं।

गीता- हाँ, लगती तो हैं ! तो?

वरुण- क्या? तो एक बार दिलवा दो।

गीता- नहीं तो तुम्हारी भांजी है, उसको चोदोगे?

वरुण- तो क्या हो गया? तुम्हारे कहने पर मैंने भी तो नेता जी से तुमको चुदवाया है।

गीता- तो उसके लिए तुम पैसे लेते थे। पहले 15000 और अब 5000/-

वरुण- और मेरे बॉस के बेटे के साथ भी चुदवाने के मन था तुम्हारा, मैंने चुदवाया ना?

गीता- उसके कारण तुम्हारा प्रोमोशन भी हुआ था।

वरुण- और वो मजदूरों से? उनसे तो कोई फायदा नहीं हुआ मेरा।

गीता- हाँ यार ! मजा आ गया था उन लम्बे और काले लण्डों से ! चलो, तुम्हे रिंकी की चूत मारनी है ना?

वरुण- नहीं यार, चूत और गाण्ड दोनों।

गीता- अच्छा ठीक है, कुछ जुगाड़ कर दूँगी, तब तक मेरी तो प्यास बुझाओ।

वरुण- अगर मान गई तो नेता जी से चुदवा दूंगा। उसके तो 25000 लूँगा।

गीता- चलो ठीक है ! अब स्पीड बढ़ाओ।

उनकी ये बातें रिंकी सुन रही थी और सुन के हैरान रह गई कि उसके मामा उसको चोदना चाहते हैं और किसी और से चुदवा कर पैसे भी लेंगे।

उसे अपने मामा पर गुस्सा आ रहा था पर मजा भी आने वाला था कि एक साथ कई दिनों बाद लण्ड मिलने वाले हैं।

वो अपने कमरे में गई और सारे कपड़े उतार कर उंगली करके सो गई।

सुबह उठी और अच्छे से नहाई और अपनी झांटें साफ़ की।

उसे पता था कि अब वो जल्दी ही चुदने वाली है। उस दिन उसके कॉलेज की छुट्टी थी। इसलिए उसने अपनी पैंटी नहीं पहनी और ना ही ब्रा। एक ढीला टॉप और जांघों तक स्कर्ट पहना था।

उसके मामा वरुण अभी सोकर उठे थे तो वो लुंगी और बनियान में थे। रिंकी उनके सामने आकर बैठ गई।

उसकी मामी रसोई में थी। रिंकी और उसके मामा दोनों बैठ कर चाय पी रहे थे। तभी रिंकी ने अपनी टांगें फैला ली और उसके मामा की नजर सीधा उसकी चूत पर गई जो बिल्कुल गुलाबी दिख रही थी।

देखते ही वरुण का लण्ड खड़ा हो गया। रिंकी की नजर सीधा उसी पर गई और वो धीरे से मुस्कुरा दी।

रिंकी टांगें चौड़ी करके चूत दिखाती हुई अपने फोन में लगी हुई थी और उसके मामा अख़बार का बहाना करके उसकी चूत देख रहे थे।

तभी गीता आई तो वरुण ने अपने आप को और रिंकी ने भी खुद को संभाला। गीता आकर वरुण के पास बैठ गई और कहा- बेटा रिंकी, मैं 2-3 दिन के लिए मायके जा रही हूँ। तू सुबह जल्दी उठ कर नाश्ता बना लिया करना।

और बोल कर चली गई कि मैं सामान रखने जा रही हूँ।

गीता के जाने के बाद रिंकी ने फिर टांगें चौड़ा ली। वरुण से रहा नहीं गया तो बोल ही दिया- रिंकी !

रिंकी- हाँ मामा, क्या बात है?

वरुण- लगता है आज तुम गलती से अपनी पैंटी पहनना भूल गई हो और तुमने टांगे भी चौड़ी कर रखी है, कोई भी तुम्हारी उस जगह को देख सकता है।

रिंकी यह सुन कर शरमा गई और अपने कमरे में चली गई। रिंकी काले रंग की पैंटी पहन कर वापिस आ गई।

दो घण्टे बाद उसकी मामी चली गई। रिंकी रसोई में कुछ काम कर रही थी उसके मामा वहाँ आये और कहने लगे- रिंकी, जैसे आज भूल गई और कहीं या कॉलेज मत चली जाना ! नहीं तो किसी की नियत ख़राब हो सकती है।

रिंकी कुछ नहीं बोली, चुपचाप अपना काम करती रही।

तभी वरुण उसके पीछे आया और उसकी गाण्ड की दरार पर अपना लण्ड रख दिया जो लुंगी के अन्दर था।

रिंकी को कोई ऐसी उम्मीद नहीं थी कि उसके मामा ऐसा करेंगे, फिर भी उसे मजा आ रहा था पर नाटक जरूरी था, रिंकी कहने लगी- मामा जी, क्या कर रहे हैं? आप मेरे मामा हैं, यह गलत है, मैं मामी से कह दूंगी।

उसके मामा कहने लगे- रिंकी, किसी से भी कह दे, मगर जब से तेरी चिकनी चूत देखी है लण्ड खड़ा का खड़ा है। बस एक बार मेरे वरुण को अपनी रिंकी से मिला लेने दे, फिर छोड़ दूंगा।

रिंकी कहने लगी- नहीं मामा जी, यह गलत है मैं आपकी भांजी हूँ।

वरुण ने कहा- अच्छा जब मामा के सामने बिना पैंटी के टांगें चौड़ी करके बैठी थी तब नहीं दिखा कि क्या गलत है क्या सही?

और कह कर वरुण ने रिंकी की स्कर्ट ऊपर कर दी और पैंटी नीचे सरका दी, लुंगी में से अपना लण्ड बाहर निकाल के चूत पर लण्ड रखा और एक ही धक्के में आधा लण्ड घुसा दिया।

रिंकी ने कहा- मामा जी, आपने यह क्या कर दिया?

वरुण ने कहा- मैंने क्या किया/ पहले से ही चुदी पड़ी है, सील तो तेरी टूटी हुई है, बता किससे तुड़वाई, नहीं तो अभी तेरे घर फोन करता हूँ।

और एक धक्का और दिया और पूरा लण्ड अन्दर कर दिया।

रिंकी ने ऐसे ही झूठ बोल दिया कि कॉलेज में एक लड़का है उसी ने सील तोड़ दी।

“अच्छा, तो कॉलेज में जाकर चुदवाती है और यहाँ मुझे बताती है यह गलत है?”

रिंकी ने कहा- मामा जी, किसी को बताना मत, आपको जो करना है कर लो।

वरुण ने कहा- यह हुई न बात। चल अब मेरा साथ दे !

और कह कर धक्के पर धक्का लगाने लगे और 15 मिनट चोदने के बाद अपना वीर्य उसकी चूत में ही डाल दिया।

फिर उसे कमरे में ले गए और उसके सारे कपड़े उतार दिए और अपने भी !

अपना लण्ड सहलाते हुए बोले- ले रिंकी, चूस इसे।

रिंकी उसे चूसने लगी।

वरुण ने कहा- चूसने से लगती हो बहुत खेली खाई हो ! सच बताओ चुदना कब से शुरू किया?

रिंकी ने कहा- बस यही दो महीने हुए हैं।

“अच्छा? लगता है उसने तुम्हें पूरी एक्सपर्ट बना दिया, कई लड़कियों को चोदा होगा।”

फिर वरुण रिंकी की चूत चाटने लगा, फिर एक बार चूत और एक बार गाण्ड मारी और कहा- शाम को ठीक से तैयार रहना, नेता जी आयेंगे, मजे से चुदना उनसे।

कहानी जारी रहेगी।
 

Lutgaya

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चुद्दक्कड गल्से
भाग-7

रिंकी की मामी अपने मायके गई तो मामा ने रिंकी को चोदने में देर नहीं लगाई और उसे नेता जी से चुदवाने की बात भी कर ली।

रिंकी अच्छे से तैयार हो गई। शाम को उसके मामा विस्की और कुछ खाने को लाये।

ठीक आठ बजे नेता जी जिसका नाम मनोज था वो आ गया।

मनोज ने आते ही पूछा- कहा है तेरी भांजी? कई दिनों से कोई जवान लड़की नहीं मिली। आज सारी कसर निकाल दूंगा।

इतने में रिंकी सामने आ गई उसे देखते ही मनोज के मुँह में पानी आ गया। आता भी क्यों ना, वो बिना कपड़ों के जो आई थी।

उसे देखते ही मनोज उस पर टूट पड़ा, उसकी दोनों चूचियाँ कस के दबाने लगा और होंठ चूमने लगा।

रिंकी उसके भार को संभल ना पाई और सोफे पर गिर गई। मनोज भी उसके ऊपर चढ़ गया, उसकी चूची चूस के के लाल कर दी। उसने अपने कपड़े उतार दिए और लण्ड दिखा के बोला- मुँह में लो थोड़ी देर।

रिंकी ने वैसा ही किया, लण्ड मुँह में लेकर चूसने लगी। फ़िर रिंकी घोड़ी बन गई, मनोज ने अपना लण्ड उसकी चूत पर रखा और धक्का दिया पर लण्ड फिसल कर उसकी गाण्ड में चला गया। रिंकी चिंहुक उठी। नेता जी उसकी गाण्ड मारने में मग्न हो गए।

दस मिनट बाद मनोज ने पानी रिंकी की गाण्ड में निकाल दिया। उसके बाद तीनो नंगे हो गए और विस्की का दौर चल गया। एक बोतल ख़त्म हो गई विस्की की जिसमें से रिंकी ने तीन पेग पिए थे।

अब मनोज लेट गया और बोला- रिंकी, अब तू मेर ऊपर आ जा।

रिंकी मनोज के ऊपर आ गई और उछल-उछल कर चुदने लगी। तभी वरुण आया और अपना लण्ड उसकी गाण्ड पे रखा और धक्का दिया, उसकी गाण्ड मारने लगा।

रिंकी को कुछ मालूम नहीं चल रहा था कि क्या हो रहा है वो उस वक़्त नशे में थी।

दोनों ने सारी रात इसी तरह रिंकी को रगड़ा। रिंकी अगले दिन दोपहर के दो बजे उठी, उसे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था।

और फिर उसकी मामी के आने के बाद भी रिंकी चुदती रही।

फिर साल ख़त्म हो गया, रिंकी अपने शहर अपने घर आ गई पिंकी के पास।

पिंकी ने रिंकी को अपनी कहानी सुनाई और रिंकी ने पिंकी को अपनी।

जिससे रिंकी कुछ दिन अपने भाई से भी चुदी और फिर दोनों एक ही कॉलेज में यानि मेरे शहर में आ गई, वो भी मेरे घर में किरायेदार बन कर।

इस तरह हम दोनों बहनें ऐसी बन गईं और सोचा जहाँ मिल जाएँ वहीं मजे ले लेंगी।

उसके बाद वो जाने लगी और मुझे शाम को कमरे में आने के लिए कहा।

तभी जाते जाते पिंकी रुकी और बोली- क्यों ना हम किसी दिन कॉलेज न जाएँ और उसके बहाने हम कहीं घूमने चलें, तुम हमें रास्ते में मिल जाना।

मैंने भी कहा- ठीक है ! हम रास्ते में मिलेंगे।

पिंकी ने कहा- लेकिन तुम गाड़ी लेकर नहीं आना, हम ऐसे ही घूमेंगे बस में।

मैंने कहा- चलो ठीक है।

हमने अगली सुबह मिलने का वादा किया। वो दोनों सुबह कॉलेज के लिए निकल गई और मैं भी निकल गया, वो मुझे रास्ते में मिल गई। हम बस में बैठ गए। तीन सीट वाली पर दोनों बहनें आजू-बाजू और बीच में मैं बैठा। बस में ज्यादा भीड़ नहीं थी और हमें कोई देख भी नहीं रहा था, कंडक्टर आया और टिकट देकर आगे चला गया। रिंकी को बस के अन्दर ही शरारत सूझी। उसने वहीं पर मेरा लण्ड सहलाना चालू कर दिया। मेरा लण्ड खड़ा हो गया मैंने भी उसकी टॉप के अन्दर हाथ डाल दिया, उसने ब्रा नहीं पहनी थी। मैं उसकी नंगी चूचियों को दबा रहा था।

थोड़ी देर बाद उसने मेरा लण्ड बाहर निकाल लिया और मुँह में लेकर चूसने लगी। इतनी जोर से लण्ड चूस रही थी कि पाँच मिनट में ही मैं उसके मुँह में झर गया।

फिर हम सबसे पहले एक पार्क में रुके और एक खाली जगह देखने लगे। वैसे पूरा खाली था, कुछ ही लोग थे, हम एक जगह झाड़ियों के पीछे बैठ गए और मैं पिंकी को चूमने लगा। मैंने पिंकी का टॉप ऊपर कर दिया और उसकी चूचियाँ चूसने लगा। वो मेरा लण्ड निकाल कर चूसने लगी।

कुछ देर बाद मैंने उसकी जींस नीचे करवा दी। और जैसे ही उसकी चूत पर अपना लण्ड रखा, पता नहीं कहाँ से एक पुलिसवाला आ गया और उसके साथ एक लेडिज़ पुलिस वाली भी थी।

उनको देख पिंकी ने जल्दी से अपने कपड़े ठीक किये, मैं अभी करने ही जा रहा था तो पुलिसवाले ने कहा- शर्म नहीं आती पब्लिक प्लेस में ऐसे काम करते हुए? पुलिसवाली ने भी दोनों लड़कियों की तरफ देख कर कहा- कुछ तो शर्म करो ! कॉलेज के बहाने यहाँ आ जाती हो गाण्ड मरवाने।

मैंने भी अपने कपड़े ठीक किये।

पुलिसवाले ने कहा- चलो थाने में ! जब अन्दर रहोगे एक दिन तो अक्ल ठिकाने आ जाएगी।

मैंने रिंकी को आँख मारी तो उसने कहा- सर, प्लीज़ हमें जाने दीजिये, कुछ ले देकर ख़त्म करिए !

और कह कर उसने पुलिसवाले का लण्ड पकड़ लिया और सहलाने लगी।

पुलिस वाला हंसने लगा और अपनी जिप खोलने लगा तो पुलिसवाली ने कहा- यहाँ नहीं, पब्लिक प्लेस है, कहीं और ले चलो इनको।

उन्होंने हमें जीप में बैठा लिया और पुलिसवाली के घर ले गया जहाँ वो अकेली रहती थी। पुलिसवाली का नाम हेमा था और पुलिसवाले का नाम सुमीत था। सुमीत एकदम काले रंग का था।

जाते ही उसने अपना लण्ड पैंट से निकाल कर रिंकी के मुँह में दे दिया और उसके बाल पकड़ कर धक्के लगाने लगा। हम बैठ कर सिर्फ देख रहे थे।तभी सुमीत ने कहा पिंकी से- तू क्या बैठी है? यहाँ आ कपड़े उतार के।

पिंकी ने सारे कपड़े उतार कर उसके पास गई। सुमीत अब सोफे पर बैठ गया और पिंकी ने अपनी चूत उसके मुँह पर लगा दी।

इस बीच रिंकी ने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और फ़िर से उसका लण्ड चूसने लगी।

मेरे बगल में बैठी हेमा की साँसें भी गर्म होने लगी थी, मेरा भी लण्ड खड़ा हो गया था।सुमीत ने मुझे भी कहा- तू क्यों खाली बैठा है? चल कपड़े उतार और हमें देख कर मुठ मार !

मैंने अपने कपड़े उतार दिए और लण्ड पकड़ कर हिलाने लगा। मैंने हेमा की तरफ देखा तो वो कभी मुझे तो कभी मेरे लण्ड को देख रही थी।

हेमा एक सेक्सी बदन वाली गोरी लड़की थी। 24-26-34 आकार होगा उसका।

मैंने उसको देख कर कहा- आप इनमें शामिल नहीं होंगी?

हेमा ने जवाब दिया- नहीं ! मेरा महीना आ रहा है।

तो मैंने कहा- तो क्या हुआ/ पीछे से डलवा लो।

हेमा ने कहा- नहीं, उसमे दर्द होता है।

मैंने पूछा- कभी किया है?

उसने नहीं में उत्तर दिया।

मैंने कहा- जब तक करोगी नहीं, तब तक मालूम कैसे चलेगा कि चूत से ज्यादा मजा है।

“नहीं, सुमीत बड़ी बुरी तरह से गाण्ड मारता है ! एक बार मेरे सामने एक लड़की की गाण्ड मारी थी। बुरी तरह चिल्ला रही थी वो !”

मैंने कहा- तो क्या हुआ? मैं तो हूँ ना ! मैंने भी कई बार गाण्ड मारी है, मैं तो आराम से करता हूँ।

हेमा ने पूछा- तुम ? तुम मार लोगे मेरी? बच्चे से लग रहे हो ! कितनी उम्र है तुम्हारी?

मैंने कहा- इक्कीस साल।

तो उसने कहा- मेरी 27 है, मेरी आग कैसे शांत करोगे?

मैंने कहा- तुम्हारी आग मैं नहीं मेरा लण्ड शांत करेगा।

इतना कह कर मैंने उसके होंठों पर होंठ रख दिए और वर्दी के ऊपर से ही उसकी चूची जोर से दबाने लगा जिससे उसकी सिसकारी निकल गई। वो भी मेरा साथ देने लगी।

कुछ देर बाद उसने मुझसे अलग होकर कहा- दम तो है तुम में ! पर यहाँ नहीं, चलो, अन्दर चलते हैं दूसरे कमरे में।

कमरे में जाते ही मैं उसके ऊपर टूट पड़ा और उसे बिस्तर पर गिरा दिया और चूची दबाने लगा, होंठ चूसने लगा।

उसने मुझे रोकते हुए कहा- अरे, कपड़े तो उतार लेने दो।

मैंने कहा- नहीं, मेरी एक इच्छा थी कि किसी पुलिस वाली की मारूँगा ! आज वो इच्छा पूरी हो गई, सारे कपड़े उतार दोगी तो इच्छा दबी रह जाएगी।

“अरे, तो पैंट तो उतार लेने दो।”

फिर मैंने उसकी पैंट उतार दी। उसने व्हिस्पर लगाया हुआ था, मैंने वो भी उतार दिया, शर्ट के बटन खोल दिए, ब्रा ऊपर उठा दी, चूचियाँ चूसने और दबाने लगा। कुछ देर बाद मैं उसके ऊपर आ गया और उसकी चूचियाँ चोदने लगा। फिर और ऊपर आकर उसके मुँह में अपना लण्ड दे दिया वो मेरा लण्ड जोर जोर से चूसने लगी।

कुछ देर बाद मैंने उसके उल्टा लिटा दिया और तेल लेकर उसकी गाण्ड में लगाया और अपने लण्ड पर भी अच्छी तरह मालिश के बाद मैंने अपना लण्ड उसकी गाण्ड के छेद पर रखा और धीरे से धक्का दिया। थोडा सा लण्ड अन्दर गया फिर एक और धक्का और सुपारा अन्दर गया। थोड़ा तेज धक्का दिया तो आधा लण्ड चला गया अन्दर। धीरे धीरे करते करते मैंने पूरा लण्ड ऐसे ही डाल दिया।

हेमा कहने लगी- और कितना रह गया?

मैंने उसके कान में कहा- चला गया पूरा अन्दर !

उसने कहा- मुझे पता भी नहीं चला और पूरा अन्दर चला गया, तुम तो बड़े माहिर हो।

“हाँ वो तो हूँ ! चलो, अब तमन्ना पूरी हो गई ! सारे कपड़े उतार दो, अभी मुझे ब्लू लाइन चलानी है।”

उसने शर्ट और ब्रा उतार दी मैंने उसकी दोनों चूचियाँ कस के पकड़ ली तेज और लम्बे धक्के लगाने लगा। आधा तो कभी आधे से ज्यादा लण्ड बाहर निकालता और झटके से दे देता। हर झटके में उसकी आह निकल जाती। उसकी चूची दबा दबा कर लाल कर दी और 15 मिनट तक चोदता रहा।

मैंने उससे पूछा- कहाँ निकालूँ?

उसने कहा- मुँह में।

मैंने लण्ड बाहर निकाला और उसके मुँह में लण्ड डाल कर चोदने लगा और ढेर सारा माल उसके मुँह में छोड़ दिया।

वो सारा माल गटक गई।

फिर हम बिस्तर पर लेट गए। बाहर से अभी भी तेज आवाज आ रही थी, मैंने झांक कर देखा तो…

कहानी जारी रहेगी।
 
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चुदक्कड गर्लस
भाग -8

फिर हम बिस्तर पर लेट गए। बाहर से अभी भी तेज आवाज आ रही थी, मैंने झांक कर देखा तो…

पिंकी सोफे पर बैठी थी और रिंकी उसकी चूत चाट रही थी। सुमीत पीछे से उसकी चूत मार रहा था।

मैंने हेमा से पूछा- तुम्हारी सील किसने तोड़ी थी?

उसकी आँखों में आँसू आ गए। मैंने उसके आँसू पौंछते हुए कहा- क्या हुआ? मैंने कुछ गलत पूछ लिया क्या?

उसने कहा- नहीं, बस ऐसा लगा कि कोई मेरे साथ है ऐसा जो मेरा गम बंटाना चाहता है।

“गम? कैसा गम?”

उसने कहा- मेरा कुंवारापन सुमीत और इसके दोस्त ने तोड़ा। मुझे नंगा नचवाया मेरे ऊपर पेशाब किया, मेरी विडियो बनाई। रंडी से भी बदतर तरीके से चोद रहे थे।

मैंने पूछा- पर क्यों?

पुलिस में भर्ती करवाने के बहाने मुझे घर लाये, नशे की चीज ड्रिंक में मिला कर पिला दी और मेरे साथ ऐसा किया। अब भी जब चाहे मुझे रंडी बना देते हैं। हर बार अलग अलग दोस्त लाता है और मेरी जवानी बर्बाद करता है।

“तो तुम इसका कुछ करती क्यों नहीं?”

“इसके घर में सिर्फ यह और इसकी 18 साल की बहन रहती है जो कॉलेज में है।”

मैंने कहा- तो तुम उसकी बहन का विडियो बना लो। फिर यह तुम्हें परेशान नहीं करेगा।

“इसके लिए एक लड़के की भी तो जरुरत है।”

मैंने कहा- मैं हूँ ना ! मैं करूँगा तुम्हारी मदद।”

“सच ! तुम साथ दोगे मेरा?”

“हाँ, मैं साथ दूँगा तुम्हारा इससे बदला लेने के लिए !”

हेमा ने ख़ुशी से मुझे चूम लिया और गले से लगा लिया। फिर हमने थोड़ी देर बाद कपड़े पहने और बाहर उनकी चुदाई भी ख़त्म हो गई थी। उन्होंने भी कपड़े पहन लिए।

हेमा ने मेरा नम्बर ले लिया और कहा- बाद में फोन करुँगी।

फिर हम बाहर आये। रिंकी और पिंकी दोनों ने कहा- मजा आ गया, आज तो नया लण्ड मिला।

“हाँ, सिनेमाघर चलो, एक और नया लण्ड मिलेगा !”

पिंकी ने पूछा- किसका?”

“मेरा और किसका?”

फिर हम सिनेमाघर गए, टिकट लेकर अन्दर एक जगह कोने में बैठ गए, पूरा खाली पड़ा हुआ था, कुछ ही लोग बैठे हुए थे।

जाते ही मैं रिंकी की चूची चूसने लगा और पिंकी मेरा लण्ड। कुछ देर बाद मैंने रिंकी की जींस नीचे करवा दी, उसे नीचे झुका कर उसकी चूत पर लण्ड रखा और धक्का दिया, दो धक्कों में ही लण्ड उसकी चूत के अन्दर था, मैं आराम आराम से चोद रहा था क्योंकि अभी इंटरवल में कुछ समय बाकी था। फिर मैंने स्पीड तेज कर दी और सारा माल उसकी चूत में ही डाल दिया। फिर उसने मुँह में ल्रकर लण्ड साफ़ किया।

इंटरवल हो गया। हमने कुछ ड्रिंक्स ली और वापस आ गए। फिल्म दुबारा चालू हो गई। फिल्म अच्छी नहीं थी इसलिए ज्यादतर लोग चले गए सिर्फ आगे दो लड़के और बीच में तीन लड़कियाँ और पीछे हम बैठे थे।

आते ही दोनों मेरा लण्ड निकाल के चूसने लगी पिंकी लण्ड तो रिंकी टट्टे। फिर मैंने पिंकी की पूरी जींस उतरवा दी और उसकी चूत में लण्ड डाल दिया। फिर कुछ देर चोदने के बाद गाण्ड में डाल दिया और बीस मिनट उसे चोदने के बाद मैंने उसकी गाण्ड के ऊपर माल गिरा दिया।

फिर हम थोड़ी देर ऐसे ही बैठे रहे। मैंने कपड़े ठीक कर लिए। पिंकी अभी भी वैसे ही बैठी थी, मैंने उस से कहा- अब पहन भी लो !

तो उसने कहा- अभी मेरा और मन है।

मैंने कहा- अब घर जाकर कर लेंगे।

तो उसने कहा- नहीं, मैं नए लण्ड की बात कर रही हूँ।

मैंने पूछा- मतलब?

उसने कहा- मतलब आगे दो लण्ड हैं। रिंकी उन्हें पटा कर ले आएगी और तुम्हारे लिए वो तीन नई चूतें।

मैंने कहा- वो तो मान जायेंगे पर ये तीनों कैसे?

रिंकी ने कहा- जब तुम हमें चोद रहे थे तब तीनों बार बार पीछे देख कर हंस रही थी। इंटरवल में एक ने मुझसे कहा भी था हमारा भी कुछ करवाओ न।

पिंकी ने जींस नहीं पहनी थी इसलिए रिंकी आगे चली गई और मैं उन तीनों लड़कियों के पास। रिंकी जाकर उनके पास बैठ गई और एक का लण्ड पकड़ लिया। दोनों खुश हो गए रिंकी ने कहा- चलो पीछे ! वो नंगी ही बैठी है।

वो दोनों लड़के पीछे चले गए और दोनों लड़कों का लण्ड चूसने लगी। मैं उन तीनों के पास जाकर बैठ गया और एक की चूची दबाने लगा। एक उठ कर मेरे पास आ गई, मेरा लण्ड निकल कर चूसने लगी। फिर तीनों बैठ गई, मैंने तीनों की लाइन से चूची और चूत चूसी, उन तीनों ने भी बारी बारी से मेरा लण्ड चूसा और इंग्लिश मूवी की तरह तीनों के मुँह के ऊपर माल डाल दिया।

मूवी ख़त्म हो गई और हम घर आ गये। फिर जब भी मौका मिलता मैं पिंकी और रिंकी की चूत मार लेता।

यह थी रिंकी और पिंकी की जिंदगी। मैं खुद सोचता था कितना सेक्स भरा पड़ा है दोनों में ! अगर दिन में बीस मर्द भी मिलें तो बीसों से चुद लें। अब वो हाई प्रोफाइल कॉल गर्ल बन चुकी है। हमारे यहाँ से खाली कर दिया है अब शायद पंजाब सिटी की साइड रहती हैं।

एक महीने बाद हेमा का फोन आया कि सुमीत की बहन आरती घर पर अकेली है, उसकी परीक्षा है इसलिए सुमीत आरती का भाई उसे कह गया है कि वो उसकी पढाई में मदद कर दे, आरती उसके घर ही आ रही है सात दिनों के लिए तो जो प्लान तुम कर सकते हो कर लो बदला लेने के लिए !

मैं आरती के आने से एक दिन पहले गया हेमा के पास में उससे मिलने के लिए। शाम के वक्त वो नाईट ड्रेस में थी जो सिर्फ जांघों तक थी, अन्दर एक पैंटी पहन रखी थी, ब्रा नहीं पहनी थी।

मैंने जाते ही कहा- क्या बात है ! पहले ही तैयारी में हो, लगता है कि पता था कि मैं आ रहा हूँ?

उसने कहा- हाँ मेरी जान ! तुम्हारे लिए ही तैयार हूँ।

उस दिन मैं घर कह कर आया था दोस्त की शादी में दिल्ली जा रहा हूँ सात दिन के लिए इसलिए अब सात दिन मैं वहीं रहने वाला था।

पहले हमने बैठ कर खाना खाया और फिर मैं कमरे में आ गया। कमरे में खुशबू आ रही थी। तभी कमरे की बत्ती बंद हो गई, मेरे आँखों पर हेमा ने पट्टी बाँध दी। उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरे हाथ पलंग से बांध दिए।

क्या बताऊँ, ऐसे महसूस हो रहा था कि कोई लण्ड को हाथ लगा दे तो अभी माल निकल जाये। वो भी शायद नंगी थी, उसके बदन पर कपड़ों का एहसास नहीं हो रहा था।

उसने पहले मेरे होंठ चूसे, फिर छाती, फिर नीचे आई, लण्ड चूसने लगी, तो कभी गोलियाँ। उसने मेरी टांगें उठा दी और गाण्ड पर जीभ लगा दी और चाटने लगी। उसमें तो और भी मजा आ रहा था, गाण्ड चाट रही थी और लण्ड हाथ से हिला रही थी।

दोस्तो, अगर तुम्हारी दोस्त, गर्लफ्रेंड, आंटी कोई भी हो, उससे गाण्ड चटवा कर देखना, कितना मजा आता है।

मुझे लगा मेरा निकलने वाला है, मैंने हेमा से कहा- आई एम् कम्मिंग।

उसने झट से लण्ड मुँह में ले लिया और उसका मुँह माल से भर गया। मैं जोर जोर से साँस लेने लगा और वो भी मेरे बगल में लेट गई। उसके बाद मैंने उसको खूब जी भर के चोदा। और फिर मैंने उसे आगे की सारी योजना बता दी। योजना के हिसाब से मैं हेमा का दूर का रिश्तेदार यानि कजन ब्रदर बना था।

सुबह हेमा सुमीत को छोड़ने के बाद आरती को घर पर ले आई, उसने पहले ही बता दिया था कि घर पर मेरा कोई रिश्तेदार है, वो कुछ दिन यहीं रहेगा।

यह भी कहा कि वो मेरा कज़न कम दोस्त ज्यादा है।

योजना के हिसाब से मैं अभी सो रहा था, हेमा ने आरती से कहा कि मुझे जगा दे। वो मुझे जगाने आई पर देखती रह गई… क्योंकि मैं बिना कपड़ों के था, आधा लण्ड खड़ा हुआ था। वैसे तो मैं जाग ही रहा था। वो थोड़ा पास आई पर पास आते ही उसके पैर सिकुड़ गए क्योंकि वो झर गई थी। नीले रंग की जींस चूत वाली जगह पर गीली हो गई थी। वो भाग कर कमरे में गई, कपड़े बदले और बाहर आई। मैं उस समय बाहर सोफे पर बैठ गया था। वो मुझे तिरछी नजर से देखती जा रही थी।

मैंने उसे देखते हुए पूछा- जी, आप कौन?

हेमा तभी वहाँ आई और कहा- यह मेरे साथ काम करने वाले पुलिसकर्मी की बहन है, वो कहीं बाहर गया हुआ है तो मैं इसे अपने साथ ले आई, अकेले डर लगेगा।

मैंने भी कहा- मेरे होते हुए डरने की कोई बात नहीं।

फिर हम शाम को मिले। मैं सोफे पर बैठा टीवी देख रहा था और आरती हेमा से बात कर रही थी।

आरती ने कहा- हेमा दी, एक बात कहूँ?

हेमा- हाँ बोलो।

आरती- जी वो आपके जो मेहमान है वो रोज ऐसे ही सोते हैं?

हेमा- अच्छा तो लगता है तुमने उसको…

आरती ने बीच में ही बोल दिया- हाँ… आते ही देख लिया और मैं भाग कर बाहर आ गई।

हेमा- हाँ वो रोज ऐसे ही सोता है। कई बार मैंने भी देखा है… सोते समय वो बिना कपड़ों के ही सोता है… नहीं तो कम्फरटेबल फ़ील नहीं करता।

आरती- कहीं आप तो ऐसी नहीं सोती?

हेमा- नहीं रे ! तू क्यों घबरा रही है? वैसे आरती, क्या तूने पहली बार देखा है?

आरती- हाँ तभी तो डर गई।

हेमा ने पूछा- कैसा था? मतलब कैसा लगा? साइज़ क्या था उस वक्त?

आरती ने शरमाते हुए कहा- जी कोई 3-4 इंच का होगा।

हेमा- अच्छा लगा था?

आरती- क्या दी, आप भी कैसे बात कर रही हैं?

हेमा- अरे मैं तो तेरे लिए ही कह रही हूँ…

आरती- मेरे लिए? पर क्या?

हेमा- अरे झल्ली, तेरे मजे के लिए… रात को वो घोड़े बेच कर सोता है, चलम तुझे आज पास से दिखाऊँगी।

फिर हमने रात का खाना खाया और सोने चले गए। मैं जग रहा था। हेमा ने नाईट ड्रेस और ब्रा-पैंटी पहनी थी और आरती ने नाईट ड्रेस और पैंटी पहनी थी। उसके चूचे छोटे थे। वो मेरे कमरे में आई। मैं सीधा लेटा हुआ था जिससे लण्ड साफ़ साफ़ दिख सके और हाथ में दूसरी तरफ एक पोर्न मेग्जिन थी।

आरती ने देखा तो थोड़ी शर्मा गई। आरती ने कहा- दी, कही जाग तो नहीं जायेंगे?

हेमा ने कहा- इसको भी तो मजे चाहिएँ, देख कैसे पोर्न मेग्जिन दख रहा है। चल जगा देते हैं फिर तीनों मजे करेंगे।

आरती ने कहा- नहीं दी, ऐसे ही सही है।

हेमा आरती का हाथ पकड़ के मेरे पास ले आई। दोनों मेरे पास बैठ गई औरलण्ड को निहारने लगी। हेमा ने पहले हाथ आगे बढ़ाया और लण्ड पकड़ कर सहलाने लगी। फिर उसने आरती का हाथ पकड़ा और मेरा लण्ड पकड़ा दिया।

आरती ने झिझकते हुए लण्ड पकड़ा और हिलाने लगी। फिर हेमा ने मेरा लण्ड मुँह में ले लिया और चूसने लगी। कुछ ही देर में हेमा ने आरती को लण्ड चूसने का इशारा किया, आरती ने पहले मना किया पर ज्यादा जोर देने पर चूसने लगी। चूसने से ऐसा लगा जैसे कई बार लण्ड चूस चुकी हो। उसके चूसने ने कमाल दिखाया और मेरा लण्ड खड़ा हो गया। आरती मेरा लण्ड चूस रही थी और हेमा एक हाथ से अपनी चूत रगड़ रही थी, दूसरे से आरती की चूची दबा रही थी। अब हेमा ने आरती को रोका और उसकी नाइटी उतार दी और अपनी भी। हेमा तो पूरी नंगी हो गई। थोड़ी देर में उसने आरती को भी नंगा कर दिया।

अब आरती बिस्तर पर बैठ गई और लण्ड चूसने लगी। हेमा ने मेरा हाथ पकड़ा और चूत पे ले जाकर घिसने लगी। तभी मैंने आँखें खोल ली और हेमा को आँख मारी, हेमा तो मजे लेती रही पर आरती फिर भी चूसती रही। उसे मालूम नहीं चला था कि मैं जाग गया हूँ।

मैंने कहा- अरे, यह तुम दोनों क्या कर रही हो?

तभी उसकी नजर मेरे ऊपर गई। मैं उसके नंगे बदन को देख रहा था। यह देखते ही आरती दूर हट कर जमीन पर बैठ गई पर हेमा मेरे ऊपर चढ़ गई और धक्के लगाने लगी। 15 मिनट तक हमारा खेल चलता रहा और फिर दोनों एक साथ झर गए।

हमने आरती की तरफ देखा, वो हमें आँखें फाड़े देखे जा रही थी। हेमा आरती के पास गई और उसके सर पर हाथ रख के सहलाने लगी- क्या हुआ आरती?

आरती- जी, ये आपके कजन हैं न ! फिर आपने इनके साथ यह क्या कर रही हो?

हेमा- अरी पगली, जब यहाँ आग लगती है न, तब पता नहीं चलता कि आगे कौन खड़ा है और किसका खड़ा है।

यह बात उसने आरती की चूत पर हाथ रखते हुए कही और उसकी चूत सहलाने लगी। आरती धीर धीरे सिसकारियाँ लेने लगी। कुछ देर बाद हेमा ने उसे उठाया, चूत सहलाते हुए और बिस्तर पर लाने लगी।

आरती सिसकारियाँ भी ले रही थी और मना भी कर रही थी- वहाँ मत ले जाओ, आपका कजन मुझे भी चोद देगा।

हेमा उसे बिस्तर पर ले आई और लेटा दिया और उसकी चूत चाटने लगी।

मैं भी मौका देख कर उसकी चूची चूसने लगा। फ़िर मैं उसकी चूत चूसने लगा। फिर मैंने उसको अपना लण्ड चूसने को कहा पर वो मना करने लगी।

हेमा ने कहा- चलो कोई बात नहीं, जबरदस्ती नहीं, मैं चूस देती हूँ लाओ।

मैं आरती की चूत चूस रहा था और हेमा मेरा लण्ड। जब मैं तैयार हुआ और आरती की चूत पर लण्ड रगड़ने लगा तो आरती कहने लगी- थोड़ा आराम से, अभी मैं कुंवारी हूँ।

मैंने हाँ में सर हिलाया। हेमा ने मौका देख एक कैमरा रख दिया और जाकर कुर्सी पर बैठ कर देखने लगी।

मैंने आरती की टांगें फैलाई और एक धक्का दिया और टोपा से आगे तक अन्दर चला गया।

वो चिल्लाने लगी पर मैंने न सुनते हुए एक और धक्का दिया और आधे से ज्यादा अन्दर, थोड़ा ही बाहर था। वो अपने हाथ पैर पटकने लगी।

हेमा ने कहा- थोड़ा आराम से, बेचारी का पहली बार है।

मैं थोड़ा रुक गया और उसकी चूची चूसने लगा। उसे दस मिनट बाद आराम मिला तो वो गाण्ड उठा उठा कर मजे लेने लगी। मैंने भी पूरा लण्ड दे दिया पर इस बार वो चिल्लाई नहीं बस थोड़ा सा उई किया।

वो और मैं पूरे मजे ले रहे थे, तभी मैंने अपना लण्ड उसकी चूत में से निकाल लिया, वो तड़प उठी और कहने लगी- रुक क्यों गए? और करो ना !

मैंने उसे कहा- पहले इसे अपने मुँह का स्वाद दो।

उसने मुँह बना कर कहा- यहाँ आओ।

मैं उसकी छाती के पास गया और अपना लण्ड उसके मुँह में दे दिया और चूत की तरह मुँह को चोदने लगा।

फिर मैंने उसे घोड़ी बनने के लिए कहा। वो बन गई, मैंने एक ही झटके में उसकी चूत में लण्ड पेल दिया और चोदने लगा।

फिर थोड़ी देर में उसे मैंने ऊपर किया और वो उछल-उछल कर चुदने लगी। फिर मैं जब झड़ने वाला हुआ तो उसे लिटा दिया और उसके ऊपर सारा माल छोड़ दिया।

फिर कुछ देर हम यों ही लेटे रहे, फिर मैंने उसके मुँह में लण्ड दे दिया। फिर उसे चोदने की तैयारी करने लगा।

मैंने उसे तीन बार चोदा और दो घंटे की वीडियो बनाई। पर विडियो उसे बदनाम करने के लिए नहीं बनाईं थी। बल्कि इसलिए कि उसका भाई हेमा का पीछा छोड़ दे।

सात दिन तक हम ऐसे ही मौज करते रहे। फिर उसका भाई आ गया।

हेमा ने सुमीत को वो वीडियो दिखाई, पहले वो आगबबूला हुआ पर डर के मारे कुछ नहीं कहा और हेमा का पीछा भी छोड़ दिया।

इस तरह हेमा का बदला पूरा हुआ। हेमा ने मुझसे कहा- कोई भी, किसी चीज की जरुरत हो तो बता देना, किसी को अन्दर करना हो या…मेरे में अन्दर-बाहर करना हो तो भी।

तो दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी कहानी।
 
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