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Incest बाली उमर के कच्चे निम्बू।

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Well-Known Member
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Update is there check it now
Thanks Janaab...ati sundar update...thanks for the same...jaisa aapne kaha tha..bahut hi kamuk update tha..
hope next update jaldi hi doge...
Btw,Happy New Year..and enjoy!!
and keep entertaining us.. :)
Thanks.
 

NEHAVERMA

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अमन सोनम को घर छोड़कर अपनी गाड़ी से कामनी बुआ के पार्लर की तरफ निकल गया।

अब आगे-

हाइवे पर आते ही अमन की गाड़ी हवा से बात कर रही थी कुछ ही समय के बाद अमन पार्लर के सामने अपनी गाड़ी से निकल रहा था।
कामनी ने दूर से ही अमन को आता हुआ देख लिया था उसने आवाज़ लगाकर पुर्वा को पिज़्ज़ा ओवन में रखने का आर्डर दे दिया था।
अपने यार के आने की खुशी में कामनी ने अपने आप को सवार लिया था वैसे तो वो घर से निकलती ही सज-संवर कर थी।
पर फिर भी उसने एक बार अपने मेकप को फाइनल टच देदिया था।
अपने पंजाबी सूट के ऊपर के 2 बटन खोल दिये थे जिसमें से उसके उरोज़ो की गहरी घाटी और भी गहरी लगने लगी थी अपने दुप्पटे को तो बस नाम के लिए एक कंधे पर डाल लिया था।
कुल मिलाकर कामनी ने अपने भतीजे को अपने मोह-पाश मैं बांधने का पूरा इंतज़ाम कर लिया था।

hzop1gbdb9d61
उरोज़ो की गहराई बराबर नज़र आ रही है ना इसलिए एक सेल्फी भी लेली।
कामनी ने अपने भतीजे के सामने आने के लिए अपने आप को पूरी तरह तैयार कर लिया था।

जबसे अमन के साथ कामनी के जिस्मानी संबंध बने थे तबसे वो हर काम अमन की खुशी के लिए करना चाहती थी वो अपने आप को अमन के सामने आने के लिए सजा लेती थी।

अमन पार्लर का गेट खोलकर अंदर आता है और कामनी बुआ को देखता है तो देखता ही रह जाता है।

"आआह बुआ क्या बात है आप तो निखरती जा रही है।

"सब आपके प्यार का असर है भतीजे राजा।

"क्या बात आज कोई लड़की नही आई क्या।

"कोई लड़की या किसी खास लड़की को ढूंढ रही है तुम्हारी आंखे।

"क्या बुआ मज़ाक मत करो बताओ ना सब कँहा है।

"हाय मेरे राजा सब यंही है।पुर्वा ओवन में पिज़्ज़ा रखने गई है और जिसे तुम ढूंढ रहे हो उसको मेने ऊपर बैडरूम में आराम करने को भेज दिया है।
क्यों सही किया ना?

कामनी ने अपने भतीजे से चुटकी ली।

"क्या अभी तक ठीक नही हुई गोरी।

"मैडम पिज़्ज़ा तैयार है।
अभी कामनी कोई जवाब देती की तभी पुर्वा की आवाज़ आई।

"चलो बेटा सब कुछ अपने आप देख लेना ऊपर चलते है।
पुर्वा पिज़्ज़ा टेबल पर लगाओ और फ्रिज से कोल्ड-ड्रिंक भी निकाल लेना।

कामनी अमन को लेकर सीढ़ियों से ऊपर की तरफ जाती है अमन अपनी बुआ के पीछे चल रहा था उसकी मस्तानी गाँड को थिरकता हुआ देखने के लिए।
कामनी को पता था अमन की आंखे कहाँ होगी इस लिए वो और मटक कर चल रही थी।
कामनी की लचकती-मचकती गाँड को देख अमन से रहा ना गया उसने चटाक से एक चांटा कामनी की गाँड पर मारा।

"ओ नॉटी बॉय बुआ को दर्द होता है।
कामनी ने पलट कर अमन को देखते हुए कहा।

"सॉरी बुआ कंट्रोल नही कर पाया।

"हा हा हा मेरे लाल मज़ाक कर रही थी मेरे पूरे जिस्म पर तेरा पूरा हक है।
कामनी खिलखिलाते हुए बोली।

इन बातों में सीढ़ियों का रास्ता खत्म हो गया था ऊपर बैडरूम में पुर्वा फ्रिज से बोतल निकाल रही थी और गोरी बिस्तर पर आराम कर रही थी।
पुर्वा ने बड़े गले का पंजाबी सूट पहना हुआ था जो उसके कमसिन जिस्म पर चिपका हुआ था।
और गोरी कंबल के अंदर छुपी थी।

"पुर्वा बेटी अपना पिज़्ज़ा लेकर नीचे जाओ देखो पार्लर में कोई नही है।
कामनी ने आर्डर दिया।

"ठीक है मैडम।
पुर्वा अपना पिज़्ज़ा और एक कोल्ड-ड्रिंक लेकर नीचे चली गई।

"बुआ क्या गोरी अब ठीक है।
अमन ने आशंकित स्वर में पूछा।

"बेटा तुम खुद ही पूछ लो लेटी तो तुम्हारे सामने।
अमन ने गोरी की तरफ देखा।

"गोरी....गोरी केसी हो तुम।
अमन के मुँह से अल्फ़ाज़ अटक कर निकल रहे थे।
वो अपने द्वारा गोरी पर किया ज़ुल्म भूला नही था।

अमन को अपना नाम लेता सुन गोरी ने पट से अपनी आंखें खोल दी।ऐसा लग ही नही रहा था जैसे वो सोई हो।

"ठीक हूँ भैय्या आप कैसे हो।
गोरी आंखे खोलते ही तोते की तरह बोलने लगी।

"में भी ठीक हूँ क्या अभी तुमको आराम की ज़रूरत है।

"नही आराम की ज़रूरत तो नही है वो तो बस मैडम के कहने पर आपके लिए सरप्राइज की तैयारी की थी।
गोरी की बाते सुनकर अमन के कान खड़े हो गए।
कौन सा सरप्राइज आने वाला था उसके सामने।

"कैसा सरप्राइज में कुछ समझा नही।

"ऐसे नही मेरे लाल सरप्राइज गोरी के कंबल के अंदर है कंबल को हटाते ही तुमको सरप्राइज मिल जायेगा।

"ठीक है ऐसे ही सही।
अमन ने गोरी के ऊपर पड़ा कंबल एक झटके में हटा दिया।

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कंबल के हटते ही अमन की आंखे चोंधिया गई।
गोरी चिकना बदन कंबल के अंदर पूरा नंगा था।
और एक टेड्डी उसपर ऐसे लेटा था जैसे उसको चोद रहा हो।

"ओह गोरी कितना शानदार सरप्राइज है।
थैंक्स गोरी और बुआ आपका भी बहुत धन्यवाद इतना प्यारा सरप्राइज देने के लिए।

"अच्छा अच्छा चलो पहले थोड़ी पेट पूजा कर लो।
आजाओ गोरी तुम भी।

कामनी पिज़्ज़ा खोलते हुए बोली।

"ऐसे नही मैडम आपने और भैय्या ने तो कपड़े पहने है और मुझे पूरा नंगा कर दिया मुझे ऐसे शर्म आएगी पहले भैया के और अपने भी कपड़े निकालो।

अमन तो खुद भी यही चाहता था उसने जल्दी से अपनी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए।
इधर कामनी भी कहाँ पीछे रहने वाली थी कुछ ही पलों में दोनों बुआ भतीजा पूरी तरह निर्वस्त्र थे।

"अब तो ठीक है ना गोरी अब हम भी तुम्हारे जैसे हो गए।

"हाँ ये हुई ना बात।
गोरी कूद कर बिस्तर से निकली और अमन की गोद में चढ़ गई।

अमन ने उसे अपने सीने से लगा लिया और अपने दोनों हाथों को उसकी गदराई गाँड पर रख दिया।

"अभी नही पहले कुछ खा लो।
कामनी ने दोनों को घूर कर देखा।

"हाँ तो हमने कब मना किया है बुआ।
अमन गोरी को अपनी गोद में लेकर सोफे पर बैठ गया।
गोरी अमन से ऐसे चिपटी थी जैसे बंदर का बच्चा अपनी माँ से चिपका रहता है।
कामनी ने पिज़्ज़ा का पैक खोला और कोल्ड-ड्रिंक को गिलासों में करने लगी।
दो बिल्कुल विपरीत जिस्म की मालिकाओं के साथ अमन किसी राजा की तरह बैठा था।

जंहा गोरी एकदम छरहरे बदन की कमसिन कन्या थी।
वंही कामनी गदराय जिस्म की गाय बिल्कुल हरी भरी हर काम की जगह पर भरपूर मास।

तीनो सोफे पर बैठे पिज़्ज़ा का मज़ा ले रहे थे तभी अमन के हाथ से पिज़्ज़ा की क्रीम गोरी के गुलाबी निप्पल पर टपक गई।
गर्म क्रीम से गुलाबी निप्पल सुर्ख हो गया गोरी की चीख निकल गई अमन ने एकदम गोरी के निप्पल को अपने होंठो में कैद कर लिया और क्रीम को अपने होंठो और जीभ की मदद से चाट गया।

क्रीम अमन के मुंह से अबतक उसके पेट में जा चुकी थी पर अमन अभी भी गोरी के गुलाबी निप्पल को चूस और चाट रहा था जिसका असर गोरी के दूसरे निप्पल पर साफ दिख रहा था दूसरा निप्पल भाले के नोक की तरह सख्त और नुकीला होकर खड़ा हो गया था।
अमन का लौड़ा गोरी की गाँड के नीचे ठोकरे मार रहा था जिसकी दस्तक गोरी अपनी गाँड और जांघो पर साफ महसूस कर रही थी।

कुछ देर बाद अमन ने गोरी के निप्पल को अपने होंठो से आज़ाद किया।गुलाबी निप्पल कुछ गर्म क्रीम और कुछ अमन के होंठो से सुर्ख हो गया था।

अमन के मुँह से बाहर निकले गोरी के निप्पल को देख कामनी की हंसी निकल गई।

"जब भी तू इसके करीब आता है इस बेचारी को ज़ख्म ज़रूर मिलता है।
मुझे तो ऐसा लगने लगा है कि तेरे और इसके नक्षत्र बिल्कुल भी मैच नही करते।

"बिल्कुल ठीक कहा मैडम।
उस दिन मेरा मुँह फाड़ दिया और आज देखो कितना लाल हो गया मेरा निप्पल।

"मुझे माफ़ करना गोरी पर आज मेरी गलती नही थी।

"मेरे प्यारे भैय्या में तो मज़ाक कर रही हूँ।
गोरी खिलखिलाते हुए बोली।

"ओह मेरी जानू बेबी तुम कितनी स्वीट हो।
अमन गोरी के होंठो को चूमता हुआ बोला।

"अमन भईया ये मेरे नीचे क्या चुभ रहा है।
गोरी ने सबकुछ समझते हुए भी अमन से चुहल की।

"तुमको पता है मुझसे क्या पूछती हो और नही पता तो खुद ही देखलो।
अमन ने भी नहले पे दहला दिया।

कामनी खामोश बैठी दोनों की चुहलबाज़ी देख रही थी।अमन को खुश देखकर उसकी बुआ भी खुश थी।अब तक पिज़्ज़ा और कोल्ड-ड्रिंक खत्म हो चुकी थी।कामनी अपनी जगह से खड़ी होती हुई बोली।

"चलो मेरे शेर तैयार हो जाओ बुआ को हैप्पी करने के लिए।
और गोरी तुम ये कचरा डस्ट-बीन में डालो।

गोरी के अमन की गोद से उठते ही अमन का लंबा बम्बू स्प्रिंग की तरह उछल कर खड़ा हो गया।
जिसे देखकर कामनी के चेहरे पर मुस्कान फैल गई।

"ओह गोरी कितनी मज़बूत चीज़ पर बैठी थी तुम वाह तुम्हारी बम की गर्मी ने तो अमन का बम्बू एकदम तैयार कर दिया।

कामनी की बात सुनकर गोरी अपनी गाँड को मटकाती हुई कचरा उठाने लगी उसके झुकने से गाँड खुलकर दिखने लगी जिससे कामनी और अमन को उसकी गाँड के साथ सिर्फ एक इंच नीचे उसकी नन्ही परी के पंख भी दिख गए जो आपस में बिल्कुल चिपके हुए थे और थोड़े गीले भी।
गोरी की चूत के गुलाबी गीले होंठो को देखकर पता चल रहा था कि अमन की हरकतों ने ही उसे गीला होने पर मजबूर किया था।
गोरी की चूत के गीले होंठो को देखकर अमन के माइंड में प्रीति की चूत घूम गई जो बीते एक घंटे पहले उसके मुँह को अपने अमृत से तृप्त करने की कोशिश कर रही थी।

"गोरी थोड़ा सा और झुकना।
अमन की बात सुनकर गोरी ने पीछे मुड़कर देखा अमन की आंखों में उसकी आँखों का केंद्र देख वो समझ गई कि अमन क्या देखना चाहता है।
अपने भैया को खुश करने के लिए उसने अपनी गर्दन को पूरा नीचे लगा दिया।

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"अब ठीक है भैय्या।
अपने दोनों पैरों के बीच से झांकती वो अमन से बोली।
गोरी ने अपनी कमर को इतना मोड़ लिया कि पीछे देखते अमन का उसके ख़ज़ाने को देख लौड़ा बगावत पर उतर गया।
अमन का मन तो किया कि लड़की पोजीशन लिए हुए है बस पीछे जाकर अपना फड़कता हुआ लौड़ा चूत या गाँड दोनों में किसी भी छिद्र में डाल दे पर वो इस कली के मज़े आराम से लेना चाहता था।

"अमन भैया क्या अब मैं उठ जाऊं।
झुके झुके गोरी की कमर दुखने लगी थी।
पर अमन इस नज़ारे को देखता रहना चाहता था।
कामनी का काम तो गोरी आसान कर ही रही थी।
अपने जलवे दिखा दिखा कर उसने अमन के लंड को बिल्कुल तैयार कर दिया था जो खड़ा होकर ठुमके लगा रहा था।
गोरी की कही बात को तो जैसे अमन ने सुना ही नही था उसकी आंखें तो बस गोरी के हुस्न में डूबी हुई थी।
जब कामनी ने अमन को गोरी की चूत में डूबा हुआ पाया तो उसने गोरी को अपना काम करने का इशारा कर दिया।

गोरी सीधी होकर कचरा उठाने लगी।
कामनी ने अपने भतीजे की आंखों के सामने चुटकी बजाई।
"हेलो कँहा खो गए राजा।
2-3 बार चुटकी बजाने पर अमन का ध्यान भंग हुआ।
"हा हा हा क्या बोल....रही थी बुआ।
"बेटा थोड़ी नज़रे इनायत इधर भी करदे देख बहुत गीली हो गई है।

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कामनी ने अपने पैरों को फैलाकर अपनी गदराई चूत को अमन के सामने परोस दिया।
अपनी बुआ की मालपुए के जैसी फूली हुई चूत को देखकर अमन के मुँह में पानी आ गया।
चूत को देखकर लग रहा था कि कामनी ने अपने भतीजे के लिए अपनी चूत को स्पेशली तैयार किया है।
चूत को बिल्कुल क्लीन करके शायद उसकी मसाज की गई थी तभी तो वो बिल्कुल चाँदी की तरह चमक रही थी।

अमन का चेहरा अपनी बुआ के खुले पैरों के बीच झुकता चला गया अमन ने अपनी जीभ की नोक बनाकर कामनी की चूत की खुली गहराई को चाट लिया।

"आआह मेरे लाल पहले से ही बहुत गीली हो रही है।
अब तेरी जीभ को नही तेरे बम्बू को डाल अंदर।
कामनी के मुख से सीत्कार निकली।
अमन का लौड़ा भी चोट करने के लिए बिल्कुल तैयार था।

"ठीक है मेरी रंडी बुआ जैसी आपकी मर्जी।
वासना के अतिरेक अमन के मुंह से बेसाख़्ता ही अपनी बुआ के लिए गाली निकल गई।
जिसका एहसास होते ही उसने तुरंत माफी मांग ली।
"माफ करना बुआ मेरा वो मतलब नही था।

पर कामनी को अमन के मुँह से निकला शब्द शायद पसंद आया।

"फिरसे बोल क्या बोला तूने।

"बुआ माफ करदो मेरा वो मतलब नही था।

"मेरे लाल बोल तो सही मुझे बुरा नही अच्छा लगा।

दोस्तो वैसे तो हर स्त्री में एक रंडी छुपी होती है बस उसको बाहर लाने वाला होना चाहिए।
स्त्री हर किसी के सामने नही खुलती वो कोई खास ही होता है जिसका गाली देना भी औरत को अच्छा लगता है।
और पति के बाद कामनी की काम तृप्ति को उसके भतीजे ने शांत किया था इसलिए वो कामनी के दिल का राजा था।

"र..र...न...सॉरी बुआ मुझसे नही बोला जा रहा।

"चल कोई बात नही मुझे पता है तू कब और कैसे बोलेगा।
अब जल्दी से अपने मूसल को मेरी ओखली में भर दे।

बुआ की बात मानकर अमन कामनी के ऊपर झुकता चला गया अमन ने कामनी के दोनों पैरों को उपर उठाया और अपने गरम खड़े लौड़े को चूत की गीली लकीर पर सेट किया और अपनी कमर को नीचे की तरफ धकेला।

कामनी की गीली चूत में अपने भतीजे का लंबा लौड़ा फिल






अमन सोनम को घर छोड़कर अपनी गाड़ी से कामनी बुआ के पार्लर की तरफ निकल गया।

अब आगे-

हाइवे पर आते ही अमन की गाड़ी हवा से बात कर रही थी कुछ ही समय के बाद अमन पार्लर के सामने अपनी गाड़ी से निकल रहा था।
कामनी ने दूर से ही अमन को आता हुआ देख लिया था उसने आवाज़ लगाकर पुर्वा को पिज़्ज़ा ओवन में रखने का आर्डर दे दिया था।
अपने यार के आने की खुशी में कामनी ने अपने आप को सवार लिया था वैसे तो वो घर से निकलती ही सज-संवर कर थी।
पर फिर भी उसने एक बार अपने मेकप को फाइनल टच देदिया था।
अपने पंजाबी सूट के ऊपर के 2 बटन खोल दिये थे जिसमें से उसके उरोज़ो की गहरी घाटी और भी गहरी लगने लगी थी अपने दुप्पटे को तो बस नाम के लिए एक कंधे पर डाल लिया था।
कुल मिलाकर कामनी ने अपने भतीजे को अपने मोह-पाश मैं बांधने का पूरा इंतज़ाम कर लिया था।

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उरोज़ो की गहराई बराबर नज़र आ रही है ना इसलिए एक सेल्फी भी लेली।
कामनी ने अपने भतीजे के सामने आने के लिए अपने आप को पूरी तरह तैयार कर लिया था।

जबसे अमन के साथ कामनी के जिस्मानी संबंध बने थे तबसे वो हर काम अमन की खुशी के लिए करना चाहती थी वो अपने आप को अमन के सामने आने के लिए सजा लेती थी।

अमन पार्लर का गेट खोलकर अंदर आता है और कामनी बुआ को देखता है तो देखता ही रह जाता है।

"आआह बुआ क्या बात है आप तो निखरती जा रही है।

"सब आपके प्यार का असर है भतीजे राजा।

"क्या बात आज कोई लड़की नही आई क्या।

"कोई लड़की या किसी खास लड़की को ढूंढ रही है तुम्हारी आंखे।

"क्या बुआ मज़ाक मत करो बताओ ना सब कँहा है।

"हाय मेरे राजा सब यंही है।पुर्वा ओवन में पिज़्ज़ा रखने गई है और जिसे तुम ढूंढ रहे हो उसको मेने ऊपर बैडरूम में आराम करने को भेज दिया है।
क्यों सही किया ना?

कामनी ने अपने भतीजे से चुटकी ली।

"क्या अभी तक ठीक नही हुई गोरी।

"मैडम पिज़्ज़ा तैयार है।
अभी कामनी कोई जवाब देती की तभी पुर्वा की आवाज़ आई।

"चलो बेटा सब कुछ अपने आप देख लेना ऊपर चलते है।
पुर्वा पिज़्ज़ा टेबल पर लगाओ और फ्रिज से कोल्ड-ड्रिंक भी निकाल लेना।

कामनी अमन को लेकर सीढ़ियों से ऊपर की तरफ जाती है अमन अपनी बुआ के पीछे चल रहा था उसकी मस्तानी गाँड को थिरकता हुआ देखने के लिए।
कामनी को पता था अमन की आंखे कहाँ होगी इस लिए वो और मटक कर चल रही थी।
कामनी की लचकती-मचकती गाँड को देख अमन से रहा ना गया उसने चटाक से एक चांटा कामनी की गाँड पर मारा।

"ओ नॉटी बॉय बुआ को दर्द होता है।
कामनी ने पलट कर अमन को देखते हुए कहा।

"सॉरी बुआ कंट्रोल नही कर पाया।

"हा हा हा मेरे लाल मज़ाक कर रही थी मेरे पूरे जिस्म पर तेरा पूरा हक है।
कामनी खिलखिलाते हुए बोली।

इन बातों में सीढ़ियों का रास्ता खत्म हो गया था ऊपर बैडरूम में पुर्वा फ्रिज से बोतल निकाल रही थी और गोरी बिस्तर पर आराम कर रही थी।
पुर्वा ने बड़े गले का पंजाबी सूट पहना हुआ था जो उसके कमसिन जिस्म पर चिपका हुआ था।
और गोरी कंबल के अंदर छुपी थी।

"पुर्वा बेटी अपना पिज़्ज़ा लेकर नीचे जाओ देखो पार्लर में कोई नही है।
कामनी ने आर्डर दिया।

"ठीक है मैडम।
पुर्वा अपना पिज़्ज़ा और एक कोल्ड-ड्रिंक लेकर नीचे चली गई।

"बुआ क्या गोरी अब ठीक है।
अमन ने आशंकित स्वर में पूछा।

"बेटा तुम खुद ही पूछ लो लेटी तो तुम्हारे सामने।
अमन ने गोरी की तरफ देखा।

"गोरी....गोरी केसी हो तुम।
अमन के मुँह से अल्फ़ाज़ अटक कर निकल रहे थे।
वो अपने द्वारा गोरी पर किया ज़ुल्म भूला नही था।

अमन को अपना नाम लेता सुन गोरी ने पट से अपनी आंखें खोल दी।ऐसा लग ही नही रहा था जैसे वो सोई हो।

"ठीक हूँ भैय्या आप कैसे हो।
गोरी आंखे खोलते ही तोते की तरह बोलने लगी।

"में भी ठीक हूँ क्या अभी तुमको आराम की ज़रूरत है।

"नही आराम की ज़रूरत तो नही है वो तो बस मैडम के कहने पर आपके लिए सरप्राइज की तैयारी की थी।
गोरी की बाते सुनकर अमन के कान खड़े हो गए।
कौन सा सरप्राइज आने वाला था उसके सामने।

"कैसा सरप्राइज में कुछ समझा नही।

"ऐसे नही मेरे लाल सरप्राइज गोरी के कंबल के अंदर है कंबल को हटाते ही तुमको सरप्राइज मिल जायेगा।

"ठीक है ऐसे ही सही।
अमन ने गोरी के ऊपर पड़ा कंबल एक झटके में हटा दिया।

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कंबल के हटते ही अमन की आंखे चोंधिया गई।
गोरी चिकना बदन कंबल के अंदर पूरा नंगा था।
और एक टेड्डी उसपर ऐसे लेटा था जैसे उसको चोद रहा हो।

"ओह गोरी कितना शानदार सरप्राइज है।
थैंक्स गोरी और बुआ आपका भी बहुत धन्यवाद इतना प्यारा सरप्राइज देने के लिए।

"अच्छा अच्छा चलो पहले थोड़ी पेट पूजा कर लो।
आजाओ गोरी तुम भी।

कामनी पिज़्ज़ा खोलते हुए बोली।

"ऐसे नही मैडम आपने और भैय्या ने तो कपड़े पहने है और मुझे पूरा नंगा कर दिया मुझे ऐसे शर्म आएगी पहले भैया के और अपने भी कपड़े निकालो।

अमन तो खुद भी यही चाहता था उसने जल्दी से अपनी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए।
इधर कामनी भी कहाँ पीछे रहने वाली थी कुछ ही पलों में दोनों बुआ भतीजा पूरी तरह निर्वस्त्र थे।

"अब तो ठीक है ना गोरी अब हम भी तुम्हारे जैसे हो गए।

"हाँ ये हुई ना बात।
गोरी कूद कर बिस्तर से निकली और अमन की गोद में चढ़ गई।

अमन ने उसे अपने सीने से लगा लिया और अपने दोनों हाथों को उसकी गदराई गाँड पर रख दिया।

"अभी नही पहले कुछ खा लो।
कामनी ने दोनों को घूर कर देखा।

"हाँ तो हमने कब मना किया है बुआ।
अमन गोरी को अपनी गोद में लेकर सोफे पर बैठ गया।
गोरी अमन से ऐसे चिपटी थी जैसे बंदर का बच्चा अपनी माँ से चिपका रहता है।
कामनी ने पिज़्ज़ा का पैक खोला और कोल्ड-ड्रिंक को गिलासों में करने लगी।
दो बिल्कुल विपरीत जिस्म की मालिकाओं के साथ अमन किसी राजा की तरह बैठा था।

जंहा गोरी एकदम छरहरे बदन की कमसिन कन्या थी।
वंही कामनी गदराय जिस्म की गाय बिल्कुल हरी भरी हर काम की जगह पर भरपूर मास।

तीनो सोफे पर बैठे पिज़्ज़ा का मज़ा ले रहे थे तभी अमन के हाथ से पिज़्ज़ा की क्रीम गोरी के गुलाबी निप्पल पर टपक गई।
गर्म क्रीम से गुलाबी निप्पल सुर्ख हो गया गोरी की चीख निकल गई अमन ने एकदम गोरी के निप्पल को अपने होंठो में कैद कर लिया और क्रीम को अपने होंठो और जीभ की मदद से चाट गया।

क्रीम अमन के मुंह से अबतक उसके पेट में जा चुकी थी पर अमन अभी भी गोरी के गुलाबी निप्पल को चूस और चाट रहा था जिसका असर गोरी के दूसरे निप्पल पर साफ दिख रहा था दूसरा निप्पल भाले के नोक की तरह सख्त और नुकीला होकर खड़ा हो गया था।
अमन का लौड़ा गोरी की गाँड के नीचे ठोकरे मार रहा था जिसकी दस्तक गोरी अपनी गाँड और जांघो पर साफ महसूस कर रही थी।

कुछ देर बाद अमन ने गोरी के निप्पल को अपने होंठो से आज़ाद किया।गुलाबी निप्पल कुछ गर्म क्रीम और कुछ अमन के होंठो से सुर्ख हो गया था।

अमन के मुँह से बाहर निकले गोरी के निप्पल को देख कामनी की हंसी निकल गई।

"जब भी तू इसके करीब आता है इस बेचारी को ज़ख्म ज़रूर मिलता है।
मुझे तो ऐसा लगने लगा है कि तेरे और इसके नक्षत्र बिल्कुल भी मैच नही करते।

"बिल्कुल ठीक कहा मैडम।
उस दिन मेरा मुँह फाड़ दिया और आज देखो कितना लाल हो गया मेरा निप्पल।

"मुझे माफ़ करना गोरी पर आज मेरी गलती नही थी।

"मेरे प्यारे भैय्या में तो मज़ाक कर रही हूँ।
गोरी खिलखिलाते हुए बोली।

"ओह मेरी जानू बेबी तुम कितनी स्वीट हो।
अमन गोरी के होंठो को चूमता हुआ बोला।

"अमन भईया ये मेरे नीचे क्या चुभ रहा है।
गोरी ने सबकुछ समझते हुए भी अमन से चुहल की।

"तुमको पता है मुझसे क्या पूछती हो और नही पता तो खुद ही देखलो।
अमन ने भी नहले पे दहला दिया।

कामनी खामोश बैठी दोनों की चुहलबाज़ी देख रही थी।अमन को खुश देखकर उसकी बुआ भी खुश थी।अब तक पिज़्ज़ा और कोल्ड-ड्रिंक खत्म हो चुकी थी।कामनी अपनी जगह से खड़ी होती हुई बोली।

"चलो मेरे शेर तैयार हो जाओ बुआ को हैप्पी करने के लिए।
और गोरी तुम ये कचरा डस्ट-बीन में डालो।

गोरी के अमन की गोद से उठते ही अमन का लंबा बम्बू स्प्रिंग की तरह उछल कर खड़ा हो गया।
जिसे देखकर कामनी के चेहरे पर मुस्कान फैल गई।

"ओह गोरी कितनी मज़बूत चीज़ पर बैठी थी तुम वाह तुम्हारी बम की गर्मी ने तो अमन का बम्बू एकदम तैयार कर दिया।

कामनी की बात सुनकर गोरी अपनी गाँड को मटकाती हुई कचरा उठाने लगी उसके झुकने से गाँड खुलकर दिखने लगी जिससे कामनी और अमन को उसकी गाँड के साथ सिर्फ एक इंच नीचे उसकी नन्ही परी के पंख भी दिख गए जो आपस में बिल्कुल चिपके हुए थे और थोड़े गीले भी।
गोरी की चूत के गुलाबी गीले होंठो को देखकर पता चल रहा था कि अमन की हरकतों ने ही उसे गीला होने पर मजबूर किया था।
गोरी की चूत के गीले होंठो को देखकर अमन के माइंड में प्रीति की चूत घूम गई जो बीते एक घंटे पहले उसके मुँह को अपने अमृत से तृप्त करने की कोशिश कर रही थी।

"गोरी थोड़ा सा और झुकना।
अमन की बात सुनकर गोरी ने पीछे मुड़कर देखा अमन की आंखों में उसकी आँखों का केंद्र देख वो समझ गई कि अमन क्या देखना चाहता है।
अपने भैया को खुश करने के लिए उसने अपनी गर्दन को पूरा नीचे लगा दिया।

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"अब ठीक है भैय्या।
अपने दोनों पैरों के बीच से झांकती वो अमन से बोली।
गोरी ने अपनी कमर को इतना मोड़ लिया कि पीछे देखते अमन का उसके ख़ज़ाने को देख लौड़ा बगावत पर उतर गया।
अमन का मन तो किया कि लड़की पोजीशन लिए हुए है बस पीछे जाकर अपना फड़कता हुआ लौड़ा चूत या गाँड दोनों में किसी भी छिद्र में डाल दे पर वो इस कली के मज़े आराम से लेना चाहता था।

"अमन भैया क्या अब मैं उठ जाऊं।
झुके झुके गोरी की कमर दुखने लगी थी।
पर अमन इस नज़ारे को देखता रहना चाहता था।
कामनी का काम तो गोरी आसान कर ही रही थी।
अपने जलवे दिखा दिखा कर उसने अमन के लंड को बिल्कुल तैयार कर दिया था जो खड़ा होकर ठुमके लगा रहा था।
गोरी की कही बात को तो जैसे अमन ने सुना ही नही था उसकी आंखें तो बस गोरी के हुस्न में डूबी हुई थी।
जब कामनी ने अमन को गोरी की चूत में डूबा हुआ पाया तो उसने गोरी को अपना काम करने का इशारा कर दिया।

गोरी सीधी होकर कचरा उठाने लगी।
कामनी ने अपने भतीजे की आंखों के सामने चुटकी बजाई।
"हेलो कँहा खो गए राजा।
2-3 बार चुटकी बजाने पर अमन का ध्यान भंग हुआ।
"हा हा हा क्या बोल....रही थी बुआ।
"बेटा थोड़ी नज़रे इनायत इधर भी करदे देख बहुत गीली हो गई है।

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कामनी ने अपने पैरों को फैलाकर अपनी गदराई चूत को अमन के सामने परोस दिया।
अपनी बुआ की मालपुए के जैसी फूली हुई चूत को देखकर अमन के मुँह में पानी आ गया।
चूत को देखकर लग रहा था कि कामनी ने अपने भतीजे के लिए अपनी चूत को स्पेशली तैयार किया है।
चूत को बिल्कुल क्लीन करके शायद उसकी मसाज की गई थी तभी तो वो बिल्कुल चाँदी की तरह चमक रही थी।

अमन का चेहरा अपनी बुआ के खुले पैरों के बीच झुकता चला गया अमन ने अपनी जीभ की नोक बनाकर कामनी की चूत की खुली गहराई को चाट लिया।

"आआह मेरे लाल पहले से ही बहुत गीली हो रही है।
अब तेरी जीभ को नही तेरे बम्बू को डाल अंदर।
कामनी के मुख से सीत्कार निकली।
अमन का लौड़ा भी चोट करने के लिए बिल्कुल तैयार था।

"ठीक है मेरी रंडी बुआ जैसी आपकी मर्जी।
वासना के अतिरेक अमन के मुंह से बेसाख़्ता ही अपनी बुआ के लिए गाली निकल गई।
जिसका एहसास होते ही उसने तुरंत माफी मांग ली।
"माफ करना बुआ मेरा वो मतलब नही था।

पर कामनी को अमन के मुँह से निकला शब्द शायद पसंद आया।

"फिरसे बोल क्या बोला तूने।

"बुआ माफ करदो मेरा वो मतलब नही था।

"मेरे लाल बोल तो सही मुझे बुरा नही अच्छा लगा।

दोस्तो वैसे तो हर स्त्री में एक रंडी छुपी होती है बस उसको बाहर लाने वाला होना चाहिए।
स्त्री हर किसी के सामने नही खुलती वो कोई खास ही होता है जिसका गाली देना भी औरत को अच्छा लगता है।
और पति के बाद कामनी की काम तृप्ति को उसके भतीजे ने शांत किया था इसलिए वो कामनी के दिल का राजा था।

"र..र...न...सॉरी बुआ मुझसे नही बोला जा रहा।

"चल कोई बात नही मुझे पता है तू कब और कैसे बोलेगा।
अब जल्दी से अपने मूसल को मेरी ओखली में भर दे।

बुआ की बात मानकर अमन कामनी के ऊपर झुकता चला गया अमन ने कामनी के दोनों पैरों को उपर उठाया और अपने गरम खड़े लौड़े को चूत की गीली लकीर पर सेट किया और अपनी कमर को नीचे की तरफ धकेला।

कामनी की गीली चूत में अपने भतीजे का लंबा लौड़ा फिसलता चला गया और उसने अपना सफर तब खत्म किया जब आंड कामनी की गाँड से जा लगे।
लौड़े के बच्चेदानी तक पहुँचते ही कामनी के होंठो o शेप में खुल गए।
यही वो बिंदु था जंहा तक कामनी का पति भी कभी नही पहुँच पाता था पर उसका भतीजा अपने विकराल लिंग से बच्चेदानी को और अंदर धकेलने की कोशिश करता था।
अंग्रेज़ी की कहावत है-साइज डस नॉट मैटर।
मतलब साइज का कोई मतलब नही।
पर एक और कहावत भी है-बिग्गर इस बेटर।
मतलब बड़ा है तो बेहतर है।

अब कामनी से बेहतर इस बात को कौन समझ सकता था।उसको तो दोनों प्रकार के लिंगों का स्वाद मिल चुका था।
लेकिन अपने पति के बाद अपने भतीजे के सामने नंगा होने में उसे अभूतपूर्व सुख की अनुभूति हुई थी।

कुछ क्षण चूत का तापमान नापने के बाद अमन ने अपने लौड़े को बाहर खींचा और टॉपले तक बाहर निकालकर फिर एक करारा प्रहार किया।

"आआह मेरे लाल आराम से।

"अभी तो शुरू भी नही हुआ बुआ।

"तू बड़ा ज़ालिम है अमन आआह आराम से राजा उईईईई माँ।

कामनी की चिकनी चूत में अमन का लंड ऐसे अंदर बाहर हो रहा था जैसे मख्खन में छुरी।
अमन ने अपने हाथों को कामनी के बग़ल के बराबर रखा और अपनी बॉडी का जोर अपने हाथों पर डालकर उसने अपनी बुआ की चूत में गहरे धक्के लगाने शुरू कर दिए।

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जब लौड़ा चूत को चीरता हुआ अंदर जाकर बच्चेदानी पर चोट करता कामनी के मुख से लंबी आआह निकलती और जब अमन की कमर पीछे होती और लिंग चूत की दीवारों को रगड़ता हुआ बाहर निकलता तब कामनी के मुख से मदहोशी में डूबी लंबी सिसकारी निकलती।
"आआह आआह चो...चोद मेरे लाल अपनी बुआ की चूत को सीईईई ऊईईई माँ कितना लंबा है तेरा लौड़ा।

"आआह आआह लो बुआ मेरी रानी आआह लो अपने भतीजे से आआह भरवा लो आआह लो लो हुन्न हुन्न प्यारी बुआ।

इन प्यारी बातों के साथ अमन अपनी बुआ की कच्ची ज़मीन को अपने मज़बूत हल से जोत रहा था।
कामनी की कच्ची ज़मीन धीरे धीरे अपने भतीजे के हल को चिकना करने के लिए लुब्रिकेंट भी निकालती जा रही थी ताकि उसके भतीजे को हल चलाने में कोई मुश्किल ना हो।
और अपने सामने चलती इस फ़िल्म को देख गोरी की तितली भी गीली हो रही थी।वो कामनी की चिकनी चूत में अंदर बाहर होते लंड को देख अपने कच्चे निम्बूओ से खेल रही थी और उनको हिला हिला कर अमन को दिखा रही थी।
की देखो तुम्हारे लिए ये कच्चे निम्बूओ का खट्टा रस भी तैयार है आ जाओ चूस लो इनको।

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अमन की आंखे तो गोरी को देख रही थी पर वो अपने लौड़े का ज़ोर कामनी की चूत को दिखा रहा था।
कामनी ने जब अमन को गोरी की तरफ देखते पाया तो उसने इशारा करके गोरी को अपने पास बुला लिया।

"आआह सीईईई गोरी देख तेरे भैय्या के उईईईई माँ होंठो पर केसी खुश्की आ गई है उईईईई आआह इनको गीला नही करेगी।

"क्यों नही दीदी।बताओ भैय्या क्या लोगे खट्टा या मीठा।
गोरी ने एक हाथ अपने निप्पल और दूसरे को अपनी चूत पर रखकर कहा।

"हुन्न बताओ तो कौन सा खट्टा है आआह आआह
और कौन सा मीठा आआह बुआ कितनी कसी हुई है तुम्हारी चूत मेरी जान आआह।

"इधर देखो मेरे प्यारे भाई ऊपर मीठा है।
और नीचे खट्टा।

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"बताओ क्या चखोगे प्यारे भाई।
गोरी ने अपने एक पैर को उठाकर अमन के सामने अपनी तितली के पंख खोल दिये।
कहने को तो गोरी गांव की थी पर उसका नशीला बदन ऐसा था कि शहर की अच्छी अच्छी लड़कियों को पानी भरवा दे।
सांचे में ढले बदन पर दो प्यारे अनमोल रतन उसकी खूबसूरती में चार चांद लगाते थे नीचे पतले पैट और उसके नीचे उसका अनमोल खज़ाना अपने पंखों को आपस में भींचे ये तितली ऐसी लगती थी मानो बहुत ही अनमोल चीज़ खज़ाना अपने अंदर छुपाए हो।

गोरी के पैर को ऊपर उठाते ही उसकी तितली के पंख खुले और अंदर का गुलाबी हिस्सा नज़र आने लगा साथ ही बंद पंखों में कैद उसका अमृत भी उसकी चूत से निकलकर उसकी जांघो पर बेहने लगा।
अमन कच्ची चूत से निकलते इस पानी की कीमत जानता था उसने तुरंत गोरी का हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और अपनी जीभ को निकालकर लकीर की भांति उसकी जांघो पर आए पानी को चाट गया।
कच्ची कली को सुखद अनुभूति मिलते ही उसकी चूत से और पानी निकलने लगा।
अमन अपनी जीभ को जांघो पर रखता और चूत तक चाटता चला जाता।
कच्ची कली के पास आते ही अमन की कमर रुक गई थी जिससे नीचे लेटी कामनी को परेशानी होने लगी उसकी गदराई चूत में लंड का आवागमन बाधित हो गया था।
कामनी ने नीचे से अपनी कमर उठानी शुरू की अब धीरे धीरे अमन का बम्बू कामनी के छल्ले को फैलाने लगा अपनी बुआ को मेहनत करता देख अमन ने धीरे धीरे अपनी कमर चलानी शुरू की अमन जब कमर को नीचे दबाता उसी लय में कामनी अपनी कमर को उपर उठाती और चूत लौड़े को पूरा लील जाती।
जैसे ही लंड का टॉपला बच्चेदानी पर चोट करता कामनी के पैर कांपने लगते धीरे धीरे कामनी की चूत में संकुचन होने लगा जिसका एहसास अमन को भी हो गया उसने अपने धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी उसने गोरी की चूत से अपने होंठो को हटाकर अपनी बुआ पर ध्यान देना शुरू किया और अपने लंबे लौड़े को पूरा बाहर खींच कर लंबे और गहरे धक्के लगाने लगा।
कुछ ही मिनट में कामनी के पूरे जिस्म में झटके लगने लगे।

"आआह आआह अमन मेरे सीईईई लाल हाय आआह ओऊऊऊ मेरे चोदू चोद ज़ोर से चोद।

अपनी बुआ की सीत्कार को अमन ने हाथों हाथ लिया।

"हन्न हन्न ले मेरी रानी ले और अंदर ले अपने यार का लौड़ा अपनी चूत में।

"आआह उईईईई अमन मेरे लाल अपनी रंडी बना ले हहहह अपनी बुआ सीईईई को रंडी बना कर चोद।

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कामनी की रस बहाती चूत से अब पच पच की आवाज़ आने लगी थी कामनी की चूत का गाढ़ा पानी अमन के लौड़े पर लग कर बाहर आ रहा था और चूत के होंठो के आस पास इखट्टा हो रहा था।
जो अमन की जांघो के कामनी की जांघो पर टकराने से बूंदों की शक्ल में उड़ रहा था।
कामनी ने अमन के हाथों को बिस्तर से उठाकर अपने उन्नत उरोज़ो पर रख दिया और अपनी कमर की गति को बढ़ा दिया।

अमन समझ गया था कि बुआ अब ढेर होने वाली है।
कुछ ही पलों में कामनी ने अपने पैरों को अमन की कमर में कैंची की तरह फसा कर उसके पूरे लिंग को अपनी बच्चेदानी से सटा कर अपने पैरों की कैंची से उसको कस लिया।
और अपने प्रेम रस से अमन के लिंग को स्नान करवाने लगी।
कामनी की चूत अत्यधिक संकुचित हो रही थी।
अमन के लौड़े को किसी वैक्यूम पम्प की तरह निचोड़ने की कोशिश कर रही थी।
अमन की जगह कोई और होता तो अब तक अपना लावा चूत को अर्पित कर चुका होता।
पर जवान पठ्ठा डटा हुआ था और अपनी बुआ की चूत के गर्म पानी के स्नान को सहर्ष स्वीकार कर रहा था।



खेल तो अभी शुरू हुआ है।
Is khel ka maja to aata hi aur ye maja kisi khel me nahi aata bas lage rahiye aur maja bikharte rahiye
 

Chota chetan

Aman Deep Maurya
33
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अमन सोनम को घर छोड़कर अपनी गाड़ी से कामनी बुआ के पार्लर की तरफ निकल गया।

अब आगे-

हाइवे पर आते ही अमन की गाड़ी हवा से बात कर रही थी कुछ ही समय के बाद अमन पार्लर के सामने अपनी गाड़ी से निकल रहा था।
कामनी ने दूर से ही अमन को आता हुआ देख लिया था उसने आवाज़ लगाकर पुर्वा को पिज़्ज़ा ओवन में रखने का आर्डर दे दिया था।
अपने यार के आने की खुशी में कामनी ने अपने आप को सवार लिया था वैसे तो वो घर से निकलती ही सज-संवर कर थी।
पर फिर भी उसने एक बार अपने मेकप को फाइनल टच देदिया था।
अपने पंजाबी सूट के ऊपर के 2 बटन खोल दिये थे जिसमें से उसके उरोज़ो की गहरी घाटी और भी गहरी लगने लगी थी अपने दुप्पटे को तो बस नाम के लिए एक कंधे पर डाल लिया था।
कुल मिलाकर कामनी ने अपने भतीजे को अपने मोह-पाश मैं बांधने का पूरा इंतज़ाम कर लिया था।

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उरोज़ो की गहराई बराबर नज़र आ रही है ना इसलिए एक सेल्फी भी लेली।
कामनी ने अपने भतीजे के सामने आने के लिए अपने आप को पूरी तरह तैयार कर लिया था।

जबसे अमन के साथ कामनी के जिस्मानी संबंध बने थे तबसे वो हर काम अमन की खुशी के लिए करना चाहती थी वो अपने आप को अमन के सामने आने के लिए सजा लेती थी।

अमन पार्लर का गेट खोलकर अंदर आता है और कामनी बुआ को देखता है तो देखता ही रह जाता है।

"आआह बुआ क्या बात है आप तो निखरती जा रही है।

"सब आपके प्यार का असर है भतीजे राजा।

"क्या बात आज कोई लड़की नही आई क्या।

"कोई लड़की या किसी खास लड़की को ढूंढ रही है तुम्हारी आंखे।

"क्या बुआ मज़ाक मत करो बताओ ना सब कँहा है।

"हाय मेरे राजा सब यंही है।पुर्वा ओवन में पिज़्ज़ा रखने गई है और जिसे तुम ढूंढ रहे हो उसको मेने ऊपर बैडरूम में आराम करने को भेज दिया है।
क्यों सही किया ना?

कामनी ने अपने भतीजे से चुटकी ली।

"क्या अभी तक ठीक नही हुई गोरी।

"मैडम पिज़्ज़ा तैयार है।
अभी कामनी कोई जवाब देती की तभी पुर्वा की आवाज़ आई।

"चलो बेटा सब कुछ अपने आप देख लेना ऊपर चलते है।
पुर्वा पिज़्ज़ा टेबल पर लगाओ और फ्रिज से कोल्ड-ड्रिंक भी निकाल लेना।

कामनी अमन को लेकर सीढ़ियों से ऊपर की तरफ जाती है अमन अपनी बुआ के पीछे चल रहा था उसकी मस्तानी गाँड को थिरकता हुआ देखने के लिए।
कामनी को पता था अमन की आंखे कहाँ होगी इस लिए वो और मटक कर चल रही थी।
कामनी की लचकती-मचकती गाँड को देख अमन से रहा ना गया उसने चटाक से एक चांटा कामनी की गाँड पर मारा।

"ओ नॉटी बॉय बुआ को दर्द होता है।
कामनी ने पलट कर अमन को देखते हुए कहा।

"सॉरी बुआ कंट्रोल नही कर पाया।

"हा हा हा मेरे लाल मज़ाक कर रही थी मेरे पूरे जिस्म पर तेरा पूरा हक है।
कामनी खिलखिलाते हुए बोली।

इन बातों में सीढ़ियों का रास्ता खत्म हो गया था ऊपर बैडरूम में पुर्वा फ्रिज से बोतल निकाल रही थी और गोरी बिस्तर पर आराम कर रही थी।
पुर्वा ने बड़े गले का पंजाबी सूट पहना हुआ था जो उसके कमसिन जिस्म पर चिपका हुआ था।
और गोरी कंबल के अंदर छुपी थी।

"पुर्वा बेटी अपना पिज़्ज़ा लेकर नीचे जाओ देखो पार्लर में कोई नही है।
कामनी ने आर्डर दिया।

"ठीक है मैडम।
पुर्वा अपना पिज़्ज़ा और एक कोल्ड-ड्रिंक लेकर नीचे चली गई।

"बुआ क्या गोरी अब ठीक है।
अमन ने आशंकित स्वर में पूछा।

"बेटा तुम खुद ही पूछ लो लेटी तो तुम्हारे सामने।
अमन ने गोरी की तरफ देखा।

"गोरी....गोरी केसी हो तुम।
अमन के मुँह से अल्फ़ाज़ अटक कर निकल रहे थे।
वो अपने द्वारा गोरी पर किया ज़ुल्म भूला नही था।

अमन को अपना नाम लेता सुन गोरी ने पट से अपनी आंखें खोल दी।ऐसा लग ही नही रहा था जैसे वो सोई हो।

"ठीक हूँ भैय्या आप कैसे हो।
गोरी आंखे खोलते ही तोते की तरह बोलने लगी।

"में भी ठीक हूँ क्या अभी तुमको आराम की ज़रूरत है।

"नही आराम की ज़रूरत तो नही है वो तो बस मैडम के कहने पर आपके लिए सरप्राइज की तैयारी की थी।
गोरी की बाते सुनकर अमन के कान खड़े हो गए।
कौन सा सरप्राइज आने वाला था उसके सामने।

"कैसा सरप्राइज में कुछ समझा नही।

"ऐसे नही मेरे लाल सरप्राइज गोरी के कंबल के अंदर है कंबल को हटाते ही तुमको सरप्राइज मिल जायेगा।

"ठीक है ऐसे ही सही।
अमन ने गोरी के ऊपर पड़ा कंबल एक झटके में हटा दिया।

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कंबल के हटते ही अमन की आंखे चोंधिया गई।
गोरी चिकना बदन कंबल के अंदर पूरा नंगा था।
और एक टेड्डी उसपर ऐसे लेटा था जैसे उसको चोद रहा हो।

"ओह गोरी कितना शानदार सरप्राइज है।
थैंक्स गोरी और बुआ आपका भी बहुत धन्यवाद इतना प्यारा सरप्राइज देने के लिए।

"अच्छा अच्छा चलो पहले थोड़ी पेट पूजा कर लो।
आजाओ गोरी तुम भी।

कामनी पिज़्ज़ा खोलते हुए बोली।

"ऐसे नही मैडम आपने और भैय्या ने तो कपड़े पहने है और मुझे पूरा नंगा कर दिया मुझे ऐसे शर्म आएगी पहले भैया के और अपने भी कपड़े निकालो।

अमन तो खुद भी यही चाहता था उसने जल्दी से अपनी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए।
इधर कामनी भी कहाँ पीछे रहने वाली थी कुछ ही पलों में दोनों बुआ भतीजा पूरी तरह निर्वस्त्र थे।

"अब तो ठीक है ना गोरी अब हम भी तुम्हारे जैसे हो गए।

"हाँ ये हुई ना बात।
गोरी कूद कर बिस्तर से निकली और अमन की गोद में चढ़ गई।

अमन ने उसे अपने सीने से लगा लिया और अपने दोनों हाथों को उसकी गदराई गाँड पर रख दिया।

"अभी नही पहले कुछ खा लो।
कामनी ने दोनों को घूर कर देखा।

"हाँ तो हमने कब मना किया है बुआ।
अमन गोरी को अपनी गोद में लेकर सोफे पर बैठ गया।
गोरी अमन से ऐसे चिपटी थी जैसे बंदर का बच्चा अपनी माँ से चिपका रहता है।
कामनी ने पिज़्ज़ा का पैक खोला और कोल्ड-ड्रिंक को गिलासों में करने लगी।
दो बिल्कुल विपरीत जिस्म की मालिकाओं के साथ अमन किसी राजा की तरह बैठा था।

जंहा गोरी एकदम छरहरे बदन की कमसिन कन्या थी।
वंही कामनी गदराय जिस्म की गाय बिल्कुल हरी भरी हर काम की जगह पर भरपूर मास।

तीनो सोफे पर बैठे पिज़्ज़ा का मज़ा ले रहे थे तभी अमन के हाथ से पिज़्ज़ा की क्रीम गोरी के गुलाबी निप्पल पर टपक गई।
गर्म क्रीम से गुलाबी निप्पल सुर्ख हो गया गोरी की चीख निकल गई अमन ने एकदम गोरी के निप्पल को अपने होंठो में कैद कर लिया और क्रीम को अपने होंठो और जीभ की मदद से चाट गया।

क्रीम अमन के मुंह से अबतक उसके पेट में जा चुकी थी पर अमन अभी भी गोरी के गुलाबी निप्पल को चूस और चाट रहा था जिसका असर गोरी के दूसरे निप्पल पर साफ दिख रहा था दूसरा निप्पल भाले के नोक की तरह सख्त और नुकीला होकर खड़ा हो गया था।
अमन का लौड़ा गोरी की गाँड के नीचे ठोकरे मार रहा था जिसकी दस्तक गोरी अपनी गाँड और जांघो पर साफ महसूस कर रही थी।

कुछ देर बाद अमन ने गोरी के निप्पल को अपने होंठो से आज़ाद किया।गुलाबी निप्पल कुछ गर्म क्रीम और कुछ अमन के होंठो से सुर्ख हो गया था।

अमन के मुँह से बाहर निकले गोरी के निप्पल को देख कामनी की हंसी निकल गई।

"जब भी तू इसके करीब आता है इस बेचारी को ज़ख्म ज़रूर मिलता है।
मुझे तो ऐसा लगने लगा है कि तेरे और इसके नक्षत्र बिल्कुल भी मैच नही करते।

"बिल्कुल ठीक कहा मैडम।
उस दिन मेरा मुँह फाड़ दिया और आज देखो कितना लाल हो गया मेरा निप्पल।

"मुझे माफ़ करना गोरी पर आज मेरी गलती नही थी।

"मेरे प्यारे भैय्या में तो मज़ाक कर रही हूँ।
गोरी खिलखिलाते हुए बोली।

"ओह मेरी जानू बेबी तुम कितनी स्वीट हो।
अमन गोरी के होंठो को चूमता हुआ बोला।

"अमन भईया ये मेरे नीचे क्या चुभ रहा है।
गोरी ने सबकुछ समझते हुए भी अमन से चुहल की।

"तुमको पता है मुझसे क्या पूछती हो और नही पता तो खुद ही देखलो।
अमन ने भी नहले पे दहला दिया।

कामनी खामोश बैठी दोनों की चुहलबाज़ी देख रही थी।अमन को खुश देखकर उसकी बुआ भी खुश थी।अब तक पिज़्ज़ा और कोल्ड-ड्रिंक खत्म हो चुकी थी।कामनी अपनी जगह से खड़ी होती हुई बोली।

"चलो मेरे शेर तैयार हो जाओ बुआ को हैप्पी करने के लिए।
और गोरी तुम ये कचरा डस्ट-बीन में डालो।

गोरी के अमन की गोद से उठते ही अमन का लंबा बम्बू स्प्रिंग की तरह उछल कर खड़ा हो गया।
जिसे देखकर कामनी के चेहरे पर मुस्कान फैल गई।

"ओह गोरी कितनी मज़बूत चीज़ पर बैठी थी तुम वाह तुम्हारी बम की गर्मी ने तो अमन का बम्बू एकदम तैयार कर दिया।

कामनी की बात सुनकर गोरी अपनी गाँड को मटकाती हुई कचरा उठाने लगी उसके झुकने से गाँड खुलकर दिखने लगी जिससे कामनी और अमन को उसकी गाँड के साथ सिर्फ एक इंच नीचे उसकी नन्ही परी के पंख भी दिख गए जो आपस में बिल्कुल चिपके हुए थे और थोड़े गीले भी।
गोरी की चूत के गुलाबी गीले होंठो को देखकर पता चल रहा था कि अमन की हरकतों ने ही उसे गीला होने पर मजबूर किया था।
गोरी की चूत के गीले होंठो को देखकर अमन के माइंड में प्रीति की चूत घूम गई जो बीते एक घंटे पहले उसके मुँह को अपने अमृत से तृप्त करने की कोशिश कर रही थी।

"गोरी थोड़ा सा और झुकना।
अमन की बात सुनकर गोरी ने पीछे मुड़कर देखा अमन की आंखों में उसकी आँखों का केंद्र देख वो समझ गई कि अमन क्या देखना चाहता है।
अपने भैया को खुश करने के लिए उसने अपनी गर्दन को पूरा नीचे लगा दिया।

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"अब ठीक है भैय्या।
अपने दोनों पैरों के बीच से झांकती वो अमन से बोली।
गोरी ने अपनी कमर को इतना मोड़ लिया कि पीछे देखते अमन का उसके ख़ज़ाने को देख लौड़ा बगावत पर उतर गया।
अमन का मन तो किया कि लड़की पोजीशन लिए हुए है बस पीछे जाकर अपना फड़कता हुआ लौड़ा चूत या गाँड दोनों में किसी भी छिद्र में डाल दे पर वो इस कली के मज़े आराम से लेना चाहता था।

"अमन भैया क्या अब मैं उठ जाऊं।
झुके झुके गोरी की कमर दुखने लगी थी।
पर अमन इस नज़ारे को देखता रहना चाहता था।
कामनी का काम तो गोरी आसान कर ही रही थी।
अपने जलवे दिखा दिखा कर उसने अमन के लंड को बिल्कुल तैयार कर दिया था जो खड़ा होकर ठुमके लगा रहा था।
गोरी की कही बात को तो जैसे अमन ने सुना ही नही था उसकी आंखें तो बस गोरी के हुस्न में डूबी हुई थी।
जब कामनी ने अमन को गोरी की चूत में डूबा हुआ पाया तो उसने गोरी को अपना काम करने का इशारा कर दिया।

गोरी सीधी होकर कचरा उठाने लगी।
कामनी ने अपने भतीजे की आंखों के सामने चुटकी बजाई।
"हेलो कँहा खो गए राजा।
2-3 बार चुटकी बजाने पर अमन का ध्यान भंग हुआ।
"हा हा हा क्या बोल....रही थी बुआ।
"बेटा थोड़ी नज़रे इनायत इधर भी करदे देख बहुत गीली हो गई है।

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कामनी ने अपने पैरों को फैलाकर अपनी गदराई चूत को अमन के सामने परोस दिया।
अपनी बुआ की मालपुए के जैसी फूली हुई चूत को देखकर अमन के मुँह में पानी आ गया।
चूत को देखकर लग रहा था कि कामनी ने अपने भतीजे के लिए अपनी चूत को स्पेशली तैयार किया है।
चूत को बिल्कुल क्लीन करके शायद उसकी मसाज की गई थी तभी तो वो बिल्कुल चाँदी की तरह चमक रही थी।

अमन का चेहरा अपनी बुआ के खुले पैरों के बीच झुकता चला गया अमन ने अपनी जीभ की नोक बनाकर कामनी की चूत की खुली गहराई को चाट लिया।

"आआह मेरे लाल पहले से ही बहुत गीली हो रही है।
अब तेरी जीभ को नही तेरे बम्बू को डाल अंदर।
कामनी के मुख से सीत्कार निकली।
अमन का लौड़ा भी चोट करने के लिए बिल्कुल तैयार था।

"ठीक है मेरी रंडी बुआ जैसी आपकी मर्जी।
वासना के अतिरेक अमन के मुंह से बेसाख़्ता ही अपनी बुआ के लिए गाली निकल गई।
जिसका एहसास होते ही उसने तुरंत माफी मांग ली।
"माफ करना बुआ मेरा वो मतलब नही था।

पर कामनी को अमन के मुँह से निकला शब्द शायद पसंद आया।

"फिरसे बोल क्या बोला तूने।

"बुआ माफ करदो मेरा वो मतलब नही था।

"मेरे लाल बोल तो सही मुझे बुरा नही अच्छा लगा।

दोस्तो वैसे तो हर स्त्री में एक रंडी छुपी होती है बस उसको बाहर लाने वाला होना चाहिए।
स्त्री हर किसी के सामने नही खुलती वो कोई खास ही होता है जिसका गाली देना भी औरत को अच्छा लगता है।
और पति के बाद कामनी की काम तृप्ति को उसके भतीजे ने शांत किया था इसलिए वो कामनी के दिल का राजा था।

"र..र...न...सॉरी बुआ मुझसे नही बोला जा रहा।

"चल कोई बात नही मुझे पता है तू कब और कैसे बोलेगा।
अब जल्दी से अपने मूसल को मेरी ओखली में भर दे।

बुआ की बात मानकर अमन कामनी के ऊपर झुकता चला गया अमन ने कामनी के दोनों पैरों को उपर उठाया और अपने गरम खड़े लौड़े को चूत की गीली लकीर पर सेट किया और अपनी कमर को नीचे की तरफ धकेला।

कामनी की गीली चूत में अपने भतीजे का लंबा लौड़ा फिल






अमन सोनम को घर छोड़कर अपनी गाड़ी से कामनी बुआ के पार्लर की तरफ निकल गया।

अब आगे-

हाइवे पर आते ही अमन की गाड़ी हवा से बात कर रही थी कुछ ही समय के बाद अमन पार्लर के सामने अपनी गाड़ी से निकल रहा था।
कामनी ने दूर से ही अमन को आता हुआ देख लिया था उसने आवाज़ लगाकर पुर्वा को पिज़्ज़ा ओवन में रखने का आर्डर दे दिया था।
अपने यार के आने की खुशी में कामनी ने अपने आप को सवार लिया था वैसे तो वो घर से निकलती ही सज-संवर कर थी।
पर फिर भी उसने एक बार अपने मेकप को फाइनल टच देदिया था।
अपने पंजाबी सूट के ऊपर के 2 बटन खोल दिये थे जिसमें से उसके उरोज़ो की गहरी घाटी और भी गहरी लगने लगी थी अपने दुप्पटे को तो बस नाम के लिए एक कंधे पर डाल लिया था।
कुल मिलाकर कामनी ने अपने भतीजे को अपने मोह-पाश मैं बांधने का पूरा इंतज़ाम कर लिया था।

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उरोज़ो की गहराई बराबर नज़र आ रही है ना इसलिए एक सेल्फी भी लेली।
कामनी ने अपने भतीजे के सामने आने के लिए अपने आप को पूरी तरह तैयार कर लिया था।

जबसे अमन के साथ कामनी के जिस्मानी संबंध बने थे तबसे वो हर काम अमन की खुशी के लिए करना चाहती थी वो अपने आप को अमन के सामने आने के लिए सजा लेती थी।

अमन पार्लर का गेट खोलकर अंदर आता है और कामनी बुआ को देखता है तो देखता ही रह जाता है।

"आआह बुआ क्या बात है आप तो निखरती जा रही है।

"सब आपके प्यार का असर है भतीजे राजा।

"क्या बात आज कोई लड़की नही आई क्या।

"कोई लड़की या किसी खास लड़की को ढूंढ रही है तुम्हारी आंखे।

"क्या बुआ मज़ाक मत करो बताओ ना सब कँहा है।

"हाय मेरे राजा सब यंही है।पुर्वा ओवन में पिज़्ज़ा रखने गई है और जिसे तुम ढूंढ रहे हो उसको मेने ऊपर बैडरूम में आराम करने को भेज दिया है।
क्यों सही किया ना?

कामनी ने अपने भतीजे से चुटकी ली।

"क्या अभी तक ठीक नही हुई गोरी।

"मैडम पिज़्ज़ा तैयार है।
अभी कामनी कोई जवाब देती की तभी पुर्वा की आवाज़ आई।

"चलो बेटा सब कुछ अपने आप देख लेना ऊपर चलते है।
पुर्वा पिज़्ज़ा टेबल पर लगाओ और फ्रिज से कोल्ड-ड्रिंक भी निकाल लेना।

कामनी अमन को लेकर सीढ़ियों से ऊपर की तरफ जाती है अमन अपनी बुआ के पीछे चल रहा था उसकी मस्तानी गाँड को थिरकता हुआ देखने के लिए।
कामनी को पता था अमन की आंखे कहाँ होगी इस लिए वो और मटक कर चल रही थी।
कामनी की लचकती-मचकती गाँड को देख अमन से रहा ना गया उसने चटाक से एक चांटा कामनी की गाँड पर मारा।

"ओ नॉटी बॉय बुआ को दर्द होता है।
कामनी ने पलट कर अमन को देखते हुए कहा।

"सॉरी बुआ कंट्रोल नही कर पाया।

"हा हा हा मेरे लाल मज़ाक कर रही थी मेरे पूरे जिस्म पर तेरा पूरा हक है।
कामनी खिलखिलाते हुए बोली।

इन बातों में सीढ़ियों का रास्ता खत्म हो गया था ऊपर बैडरूम में पुर्वा फ्रिज से बोतल निकाल रही थी और गोरी बिस्तर पर आराम कर रही थी।
पुर्वा ने बड़े गले का पंजाबी सूट पहना हुआ था जो उसके कमसिन जिस्म पर चिपका हुआ था।
और गोरी कंबल के अंदर छुपी थी।

"पुर्वा बेटी अपना पिज़्ज़ा लेकर नीचे जाओ देखो पार्लर में कोई नही है।
कामनी ने आर्डर दिया।

"ठीक है मैडम।
पुर्वा अपना पिज़्ज़ा और एक कोल्ड-ड्रिंक लेकर नीचे चली गई।

"बुआ क्या गोरी अब ठीक है।
अमन ने आशंकित स्वर में पूछा।

"बेटा तुम खुद ही पूछ लो लेटी तो तुम्हारे सामने।
अमन ने गोरी की तरफ देखा।

"गोरी....गोरी केसी हो तुम।
अमन के मुँह से अल्फ़ाज़ अटक कर निकल रहे थे।
वो अपने द्वारा गोरी पर किया ज़ुल्म भूला नही था।

अमन को अपना नाम लेता सुन गोरी ने पट से अपनी आंखें खोल दी।ऐसा लग ही नही रहा था जैसे वो सोई हो।

"ठीक हूँ भैय्या आप कैसे हो।
गोरी आंखे खोलते ही तोते की तरह बोलने लगी।

"में भी ठीक हूँ क्या अभी तुमको आराम की ज़रूरत है।

"नही आराम की ज़रूरत तो नही है वो तो बस मैडम के कहने पर आपके लिए सरप्राइज की तैयारी की थी।
गोरी की बाते सुनकर अमन के कान खड़े हो गए।
कौन सा सरप्राइज आने वाला था उसके सामने।

"कैसा सरप्राइज में कुछ समझा नही।

"ऐसे नही मेरे लाल सरप्राइज गोरी के कंबल के अंदर है कंबल को हटाते ही तुमको सरप्राइज मिल जायेगा।

"ठीक है ऐसे ही सही।
अमन ने गोरी के ऊपर पड़ा कंबल एक झटके में हटा दिया।

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कंबल के हटते ही अमन की आंखे चोंधिया गई।
गोरी चिकना बदन कंबल के अंदर पूरा नंगा था।
और एक टेड्डी उसपर ऐसे लेटा था जैसे उसको चोद रहा हो।

"ओह गोरी कितना शानदार सरप्राइज है।
थैंक्स गोरी और बुआ आपका भी बहुत धन्यवाद इतना प्यारा सरप्राइज देने के लिए।

"अच्छा अच्छा चलो पहले थोड़ी पेट पूजा कर लो।
आजाओ गोरी तुम भी।

कामनी पिज़्ज़ा खोलते हुए बोली।

"ऐसे नही मैडम आपने और भैय्या ने तो कपड़े पहने है और मुझे पूरा नंगा कर दिया मुझे ऐसे शर्म आएगी पहले भैया के और अपने भी कपड़े निकालो।

अमन तो खुद भी यही चाहता था उसने जल्दी से अपनी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए।
इधर कामनी भी कहाँ पीछे रहने वाली थी कुछ ही पलों में दोनों बुआ भतीजा पूरी तरह निर्वस्त्र थे।

"अब तो ठीक है ना गोरी अब हम भी तुम्हारे जैसे हो गए।

"हाँ ये हुई ना बात।
गोरी कूद कर बिस्तर से निकली और अमन की गोद में चढ़ गई।

अमन ने उसे अपने सीने से लगा लिया और अपने दोनों हाथों को उसकी गदराई गाँड पर रख दिया।

"अभी नही पहले कुछ खा लो।
कामनी ने दोनों को घूर कर देखा।

"हाँ तो हमने कब मना किया है बुआ।
अमन गोरी को अपनी गोद में लेकर सोफे पर बैठ गया।
गोरी अमन से ऐसे चिपटी थी जैसे बंदर का बच्चा अपनी माँ से चिपका रहता है।
कामनी ने पिज़्ज़ा का पैक खोला और कोल्ड-ड्रिंक को गिलासों में करने लगी।
दो बिल्कुल विपरीत जिस्म की मालिकाओं के साथ अमन किसी राजा की तरह बैठा था।

जंहा गोरी एकदम छरहरे बदन की कमसिन कन्या थी।
वंही कामनी गदराय जिस्म की गाय बिल्कुल हरी भरी हर काम की जगह पर भरपूर मास।

तीनो सोफे पर बैठे पिज़्ज़ा का मज़ा ले रहे थे तभी अमन के हाथ से पिज़्ज़ा की क्रीम गोरी के गुलाबी निप्पल पर टपक गई।
गर्म क्रीम से गुलाबी निप्पल सुर्ख हो गया गोरी की चीख निकल गई अमन ने एकदम गोरी के निप्पल को अपने होंठो में कैद कर लिया और क्रीम को अपने होंठो और जीभ की मदद से चाट गया।

क्रीम अमन के मुंह से अबतक उसके पेट में जा चुकी थी पर अमन अभी भी गोरी के गुलाबी निप्पल को चूस और चाट रहा था जिसका असर गोरी के दूसरे निप्पल पर साफ दिख रहा था दूसरा निप्पल भाले के नोक की तरह सख्त और नुकीला होकर खड़ा हो गया था।
अमन का लौड़ा गोरी की गाँड के नीचे ठोकरे मार रहा था जिसकी दस्तक गोरी अपनी गाँड और जांघो पर साफ महसूस कर रही थी।

कुछ देर बाद अमन ने गोरी के निप्पल को अपने होंठो से आज़ाद किया।गुलाबी निप्पल कुछ गर्म क्रीम और कुछ अमन के होंठो से सुर्ख हो गया था।

अमन के मुँह से बाहर निकले गोरी के निप्पल को देख कामनी की हंसी निकल गई।

"जब भी तू इसके करीब आता है इस बेचारी को ज़ख्म ज़रूर मिलता है।
मुझे तो ऐसा लगने लगा है कि तेरे और इसके नक्षत्र बिल्कुल भी मैच नही करते।

"बिल्कुल ठीक कहा मैडम।
उस दिन मेरा मुँह फाड़ दिया और आज देखो कितना लाल हो गया मेरा निप्पल।

"मुझे माफ़ करना गोरी पर आज मेरी गलती नही थी।

"मेरे प्यारे भैय्या में तो मज़ाक कर रही हूँ।
गोरी खिलखिलाते हुए बोली।

"ओह मेरी जानू बेबी तुम कितनी स्वीट हो।
अमन गोरी के होंठो को चूमता हुआ बोला।

"अमन भईया ये मेरे नीचे क्या चुभ रहा है।
गोरी ने सबकुछ समझते हुए भी अमन से चुहल की।

"तुमको पता है मुझसे क्या पूछती हो और नही पता तो खुद ही देखलो।
अमन ने भी नहले पे दहला दिया।

कामनी खामोश बैठी दोनों की चुहलबाज़ी देख रही थी।अमन को खुश देखकर उसकी बुआ भी खुश थी।अब तक पिज़्ज़ा और कोल्ड-ड्रिंक खत्म हो चुकी थी।कामनी अपनी जगह से खड़ी होती हुई बोली।

"चलो मेरे शेर तैयार हो जाओ बुआ को हैप्पी करने के लिए।
और गोरी तुम ये कचरा डस्ट-बीन में डालो।

गोरी के अमन की गोद से उठते ही अमन का लंबा बम्बू स्प्रिंग की तरह उछल कर खड़ा हो गया।
जिसे देखकर कामनी के चेहरे पर मुस्कान फैल गई।

"ओह गोरी कितनी मज़बूत चीज़ पर बैठी थी तुम वाह तुम्हारी बम की गर्मी ने तो अमन का बम्बू एकदम तैयार कर दिया।

कामनी की बात सुनकर गोरी अपनी गाँड को मटकाती हुई कचरा उठाने लगी उसके झुकने से गाँड खुलकर दिखने लगी जिससे कामनी और अमन को उसकी गाँड के साथ सिर्फ एक इंच नीचे उसकी नन्ही परी के पंख भी दिख गए जो आपस में बिल्कुल चिपके हुए थे और थोड़े गीले भी।
गोरी की चूत के गुलाबी गीले होंठो को देखकर पता चल रहा था कि अमन की हरकतों ने ही उसे गीला होने पर मजबूर किया था।
गोरी की चूत के गीले होंठो को देखकर अमन के माइंड में प्रीति की चूत घूम गई जो बीते एक घंटे पहले उसके मुँह को अपने अमृत से तृप्त करने की कोशिश कर रही थी।

"गोरी थोड़ा सा और झुकना।
अमन की बात सुनकर गोरी ने पीछे मुड़कर देखा अमन की आंखों में उसकी आँखों का केंद्र देख वो समझ गई कि अमन क्या देखना चाहता है।
अपने भैया को खुश करने के लिए उसने अपनी गर्दन को पूरा नीचे लगा दिया।

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"अब ठीक है भैय्या।
अपने दोनों पैरों के बीच से झांकती वो अमन से बोली।
गोरी ने अपनी कमर को इतना मोड़ लिया कि पीछे देखते अमन का उसके ख़ज़ाने को देख लौड़ा बगावत पर उतर गया।
अमन का मन तो किया कि लड़की पोजीशन लिए हुए है बस पीछे जाकर अपना फड़कता हुआ लौड़ा चूत या गाँड दोनों में किसी भी छिद्र में डाल दे पर वो इस कली के मज़े आराम से लेना चाहता था।

"अमन भैया क्या अब मैं उठ जाऊं।
झुके झुके गोरी की कमर दुखने लगी थी।
पर अमन इस नज़ारे को देखता रहना चाहता था।
कामनी का काम तो गोरी आसान कर ही रही थी।
अपने जलवे दिखा दिखा कर उसने अमन के लंड को बिल्कुल तैयार कर दिया था जो खड़ा होकर ठुमके लगा रहा था।
गोरी की कही बात को तो जैसे अमन ने सुना ही नही था उसकी आंखें तो बस गोरी के हुस्न में डूबी हुई थी।
जब कामनी ने अमन को गोरी की चूत में डूबा हुआ पाया तो उसने गोरी को अपना काम करने का इशारा कर दिया।

गोरी सीधी होकर कचरा उठाने लगी।
कामनी ने अपने भतीजे की आंखों के सामने चुटकी बजाई।
"हेलो कँहा खो गए राजा।
2-3 बार चुटकी बजाने पर अमन का ध्यान भंग हुआ।
"हा हा हा क्या बोल....रही थी बुआ।
"बेटा थोड़ी नज़रे इनायत इधर भी करदे देख बहुत गीली हो गई है।

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कामनी ने अपने पैरों को फैलाकर अपनी गदराई चूत को अमन के सामने परोस दिया।
अपनी बुआ की मालपुए के जैसी फूली हुई चूत को देखकर अमन के मुँह में पानी आ गया।
चूत को देखकर लग रहा था कि कामनी ने अपने भतीजे के लिए अपनी चूत को स्पेशली तैयार किया है।
चूत को बिल्कुल क्लीन करके शायद उसकी मसाज की गई थी तभी तो वो बिल्कुल चाँदी की तरह चमक रही थी।

अमन का चेहरा अपनी बुआ के खुले पैरों के बीच झुकता चला गया अमन ने अपनी जीभ की नोक बनाकर कामनी की चूत की खुली गहराई को चाट लिया।

"आआह मेरे लाल पहले से ही बहुत गीली हो रही है।
अब तेरी जीभ को नही तेरे बम्बू को डाल अंदर।
कामनी के मुख से सीत्कार निकली।
अमन का लौड़ा भी चोट करने के लिए बिल्कुल तैयार था।

"ठीक है मेरी रंडी बुआ जैसी आपकी मर्जी।
वासना के अतिरेक अमन के मुंह से बेसाख़्ता ही अपनी बुआ के लिए गाली निकल गई।
जिसका एहसास होते ही उसने तुरंत माफी मांग ली।
"माफ करना बुआ मेरा वो मतलब नही था।

पर कामनी को अमन के मुँह से निकला शब्द शायद पसंद आया।

"फिरसे बोल क्या बोला तूने।

"बुआ माफ करदो मेरा वो मतलब नही था।

"मेरे लाल बोल तो सही मुझे बुरा नही अच्छा लगा।

दोस्तो वैसे तो हर स्त्री में एक रंडी छुपी होती है बस उसको बाहर लाने वाला होना चाहिए।
स्त्री हर किसी के सामने नही खुलती वो कोई खास ही होता है जिसका गाली देना भी औरत को अच्छा लगता है।
और पति के बाद कामनी की काम तृप्ति को उसके भतीजे ने शांत किया था इसलिए वो कामनी के दिल का राजा था।

"र..र...न...सॉरी बुआ मुझसे नही बोला जा रहा।

"चल कोई बात नही मुझे पता है तू कब और कैसे बोलेगा।
अब जल्दी से अपने मूसल को मेरी ओखली में भर दे।

बुआ की बात मानकर अमन कामनी के ऊपर झुकता चला गया अमन ने कामनी के दोनों पैरों को उपर उठाया और अपने गरम खड़े लौड़े को चूत की गीली लकीर पर सेट किया और अपनी कमर को नीचे की तरफ धकेला।

कामनी की गीली चूत में अपने भतीजे का लंबा लौड़ा फिसलता चला गया और उसने अपना सफर तब खत्म किया जब आंड कामनी की गाँड से जा लगे।
लौड़े के बच्चेदानी तक पहुँचते ही कामनी के होंठो o शेप में खुल गए।
यही वो बिंदु था जंहा तक कामनी का पति भी कभी नही पहुँच पाता था पर उसका भतीजा अपने विकराल लिंग से बच्चेदानी को और अंदर धकेलने की कोशिश करता था।
अंग्रेज़ी की कहावत है-साइज डस नॉट मैटर।
मतलब साइज का कोई मतलब नही।
पर एक और कहावत भी है-बिग्गर इस बेटर।
मतलब बड़ा है तो बेहतर है।

अब कामनी से बेहतर इस बात को कौन समझ सकता था।उसको तो दोनों प्रकार के लिंगों का स्वाद मिल चुका था।
लेकिन अपने पति के बाद अपने भतीजे के सामने नंगा होने में उसे अभूतपूर्व सुख की अनुभूति हुई थी।

कुछ क्षण चूत का तापमान नापने के बाद अमन ने अपने लौड़े को बाहर खींचा और टॉपले तक बाहर निकालकर फिर एक करारा प्रहार किया।

"आआह मेरे लाल आराम से।

"अभी तो शुरू भी नही हुआ बुआ।

"तू बड़ा ज़ालिम है अमन आआह आराम से राजा उईईईई माँ।

कामनी की चिकनी चूत में अमन का लंड ऐसे अंदर बाहर हो रहा था जैसे मख्खन में छुरी।
अमन ने अपने हाथों को कामनी के बग़ल के बराबर रखा और अपनी बॉडी का जोर अपने हाथों पर डालकर उसने अपनी बुआ की चूत में गहरे धक्के लगाने शुरू कर दिए।

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जब लौड़ा चूत को चीरता हुआ अंदर जाकर बच्चेदानी पर चोट करता कामनी के मुख से लंबी आआह निकलती और जब अमन की कमर पीछे होती और लिंग चूत की दीवारों को रगड़ता हुआ बाहर निकलता तब कामनी के मुख से मदहोशी में डूबी लंबी सिसकारी निकलती।
"आआह आआह चो...चोद मेरे लाल अपनी बुआ की चूत को सीईईई ऊईईई माँ कितना लंबा है तेरा लौड़ा।

"आआह आआह लो बुआ मेरी रानी आआह लो अपने भतीजे से आआह भरवा लो आआह लो लो हुन्न हुन्न प्यारी बुआ।

इन प्यारी बातों के साथ अमन अपनी बुआ की कच्ची ज़मीन को अपने मज़बूत हल से जोत रहा था।
कामनी की कच्ची ज़मीन धीरे धीरे अपने भतीजे के हल को चिकना करने के लिए लुब्रिकेंट भी निकालती जा रही थी ताकि उसके भतीजे को हल चलाने में कोई मुश्किल ना हो।
और अपने सामने चलती इस फ़िल्म को देख गोरी की तितली भी गीली हो रही थी।वो कामनी की चिकनी चूत में अंदर बाहर होते लंड को देख अपने कच्चे निम्बूओ से खेल रही थी और उनको हिला हिला कर अमन को दिखा रही थी।
की देखो तुम्हारे लिए ये कच्चे निम्बूओ का खट्टा रस भी तैयार है आ जाओ चूस लो इनको।

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अमन की आंखे तो गोरी को देख रही थी पर वो अपने लौड़े का ज़ोर कामनी की चूत को दिखा रहा था।
कामनी ने जब अमन को गोरी की तरफ देखते पाया तो उसने इशारा करके गोरी को अपने पास बुला लिया।

"आआह सीईईई गोरी देख तेरे भैय्या के उईईईई माँ होंठो पर केसी खुश्की आ गई है उईईईई आआह इनको गीला नही करेगी।

"क्यों नही दीदी।बताओ भैय्या क्या लोगे खट्टा या मीठा।
गोरी ने एक हाथ अपने निप्पल और दूसरे को अपनी चूत पर रखकर कहा।

"हुन्न बताओ तो कौन सा खट्टा है आआह आआह
और कौन सा मीठा आआह बुआ कितनी कसी हुई है तुम्हारी चूत मेरी जान आआह।

"इधर देखो मेरे प्यारे भाई ऊपर मीठा है।
और नीचे खट्टा।

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"बताओ क्या चखोगे प्यारे भाई।
गोरी ने अपने एक पैर को उठाकर अमन के सामने अपनी तितली के पंख खोल दिये।
कहने को तो गोरी गांव की थी पर उसका नशीला बदन ऐसा था कि शहर की अच्छी अच्छी लड़कियों को पानी भरवा दे।
सांचे में ढले बदन पर दो प्यारे अनमोल रतन उसकी खूबसूरती में चार चांद लगाते थे नीचे पतले पैट और उसके नीचे उसका अनमोल खज़ाना अपने पंखों को आपस में भींचे ये तितली ऐसी लगती थी मानो बहुत ही अनमोल चीज़ खज़ाना अपने अंदर छुपाए हो।

गोरी के पैर को ऊपर उठाते ही उसकी तितली के पंख खुले और अंदर का गुलाबी हिस्सा नज़र आने लगा साथ ही बंद पंखों में कैद उसका अमृत भी उसकी चूत से निकलकर उसकी जांघो पर बेहने लगा।
अमन कच्ची चूत से निकलते इस पानी की कीमत जानता था उसने तुरंत गोरी का हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और अपनी जीभ को निकालकर लकीर की भांति उसकी जांघो पर आए पानी को चाट गया।
कच्ची कली को सुखद अनुभूति मिलते ही उसकी चूत से और पानी निकलने लगा।
अमन अपनी जीभ को जांघो पर रखता और चूत तक चाटता चला जाता।
कच्ची कली के पास आते ही अमन की कमर रुक गई थी जिससे नीचे लेटी कामनी को परेशानी होने लगी उसकी गदराई चूत में लंड का आवागमन बाधित हो गया था।
कामनी ने नीचे से अपनी कमर उठानी शुरू की अब धीरे धीरे अमन का बम्बू कामनी के छल्ले को फैलाने लगा अपनी बुआ को मेहनत करता देख अमन ने धीरे धीरे अपनी कमर चलानी शुरू की अमन जब कमर को नीचे दबाता उसी लय में कामनी अपनी कमर को उपर उठाती और चूत लौड़े को पूरा लील जाती।
जैसे ही लंड का टॉपला बच्चेदानी पर चोट करता कामनी के पैर कांपने लगते धीरे धीरे कामनी की चूत में संकुचन होने लगा जिसका एहसास अमन को भी हो गया उसने अपने धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी उसने गोरी की चूत से अपने होंठो को हटाकर अपनी बुआ पर ध्यान देना शुरू किया और अपने लंबे लौड़े को पूरा बाहर खींच कर लंबे और गहरे धक्के लगाने लगा।
कुछ ही मिनट में कामनी के पूरे जिस्म में झटके लगने लगे।

"आआह आआह अमन मेरे सीईईई लाल हाय आआह ओऊऊऊ मेरे चोदू चोद ज़ोर से चोद।

अपनी बुआ की सीत्कार को अमन ने हाथों हाथ लिया।

"हन्न हन्न ले मेरी रानी ले और अंदर ले अपने यार का लौड़ा अपनी चूत में।

"आआह उईईईई अमन मेरे लाल अपनी रंडी बना ले हहहह अपनी बुआ सीईईई को रंडी बना कर चोद।

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कामनी की रस बहाती चूत से अब पच पच की आवाज़ आने लगी थी कामनी की चूत का गाढ़ा पानी अमन के लौड़े पर लग कर बाहर आ रहा था और चूत के होंठो के आस पास इखट्टा हो रहा था।
जो अमन की जांघो के कामनी की जांघो पर टकराने से बूंदों की शक्ल में उड़ रहा था।
कामनी ने अमन के हाथों को बिस्तर से उठाकर अपने उन्नत उरोज़ो पर रख दिया और अपनी कमर की गति को बढ़ा दिया।

अमन समझ गया था कि बुआ अब ढेर होने वाली है।
कुछ ही पलों में कामनी ने अपने पैरों को अमन की कमर में कैंची की तरह फसा कर उसके पूरे लिंग को अपनी बच्चेदानी से सटा कर अपने पैरों की कैंची से उसको कस लिया।
और अपने प्रेम रस से अमन के लिंग को स्नान करवाने लगी।
कामनी की चूत अत्यधिक संकुचित हो रही थी।
अमन के लौड़े को किसी वैक्यूम पम्प की तरह निचोड़ने की कोशिश कर रही थी।
अमन की जगह कोई और होता तो अब तक अपना लावा चूत को अर्पित कर चुका होता।
पर जवान पठ्ठा डटा हुआ था और अपनी बुआ की चूत के गर्म पानी के स्नान को सहर्ष स्वीकार कर रहा था।



खेल तो अभी शुरू हुआ है।
Behatreen sexy update...
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Golu_nd

Proud INDIAN 🇮🇳
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अमन सोनम को घर छोड़कर अपनी गाड़ी से कामनी बुआ के पार्लर की तरफ निकल गया।

अब आगे-

हाइवे पर आते ही अमन की गाड़ी हवा से बात कर रही थी कुछ ही समय के बाद अमन पार्लर के सामने अपनी गाड़ी से निकल रहा था।
कामनी ने दूर से ही अमन को आता हुआ देख लिया था उसने आवाज़ लगाकर पुर्वा को पिज़्ज़ा ओवन में रखने का आर्डर दे दिया था।
अपने यार के आने की खुशी में कामनी ने अपने आप को सवार लिया था वैसे तो वो घर से निकलती ही सज-संवर कर थी।
पर फिर भी उसने एक बार अपने मेकप को फाइनल टच देदिया था।
अपने पंजाबी सूट के ऊपर के 2 बटन खोल दिये थे जिसमें से उसके उरोज़ो की गहरी घाटी और भी गहरी लगने लगी थी अपने दुप्पटे को तो बस नाम के लिए एक कंधे पर डाल लिया था।
कुल मिलाकर कामनी ने अपने भतीजे को अपने मोह-पाश मैं बांधने का पूरा इंतज़ाम कर लिया था।

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उरोज़ो की गहराई बराबर नज़र आ रही है ना इसलिए एक सेल्फी भी लेली।
कामनी ने अपने भतीजे के सामने आने के लिए अपने आप को पूरी तरह तैयार कर लिया था।

जबसे अमन के साथ कामनी के जिस्मानी संबंध बने थे तबसे वो हर काम अमन की खुशी के लिए करना चाहती थी वो अपने आप को अमन के सामने आने के लिए सजा लेती थी।

अमन पार्लर का गेट खोलकर अंदर आता है और कामनी बुआ को देखता है तो देखता ही रह जाता है।

"आआह बुआ क्या बात है आप तो निखरती जा रही है।

"सब आपके प्यार का असर है भतीजे राजा।

"क्या बात आज कोई लड़की नही आई क्या।

"कोई लड़की या किसी खास लड़की को ढूंढ रही है तुम्हारी आंखे।

"क्या बुआ मज़ाक मत करो बताओ ना सब कँहा है।

"हाय मेरे राजा सब यंही है।पुर्वा ओवन में पिज़्ज़ा रखने गई है और जिसे तुम ढूंढ रहे हो उसको मेने ऊपर बैडरूम में आराम करने को भेज दिया है।
क्यों सही किया ना?

कामनी ने अपने भतीजे से चुटकी ली।

"क्या अभी तक ठीक नही हुई गोरी।

"मैडम पिज़्ज़ा तैयार है।
अभी कामनी कोई जवाब देती की तभी पुर्वा की आवाज़ आई।

"चलो बेटा सब कुछ अपने आप देख लेना ऊपर चलते है।
पुर्वा पिज़्ज़ा टेबल पर लगाओ और फ्रिज से कोल्ड-ड्रिंक भी निकाल लेना।

कामनी अमन को लेकर सीढ़ियों से ऊपर की तरफ जाती है अमन अपनी बुआ के पीछे चल रहा था उसकी मस्तानी गाँड को थिरकता हुआ देखने के लिए।
कामनी को पता था अमन की आंखे कहाँ होगी इस लिए वो और मटक कर चल रही थी।
कामनी की लचकती-मचकती गाँड को देख अमन से रहा ना गया उसने चटाक से एक चांटा कामनी की गाँड पर मारा।

"ओ नॉटी बॉय बुआ को दर्द होता है।
कामनी ने पलट कर अमन को देखते हुए कहा।

"सॉरी बुआ कंट्रोल नही कर पाया।

"हा हा हा मेरे लाल मज़ाक कर रही थी मेरे पूरे जिस्म पर तेरा पूरा हक है।
कामनी खिलखिलाते हुए बोली।

इन बातों में सीढ़ियों का रास्ता खत्म हो गया था ऊपर बैडरूम में पुर्वा फ्रिज से बोतल निकाल रही थी और गोरी बिस्तर पर आराम कर रही थी।
पुर्वा ने बड़े गले का पंजाबी सूट पहना हुआ था जो उसके कमसिन जिस्म पर चिपका हुआ था।
और गोरी कंबल के अंदर छुपी थी।

"पुर्वा बेटी अपना पिज़्ज़ा लेकर नीचे जाओ देखो पार्लर में कोई नही है।
कामनी ने आर्डर दिया।

"ठीक है मैडम।
पुर्वा अपना पिज़्ज़ा और एक कोल्ड-ड्रिंक लेकर नीचे चली गई।

"बुआ क्या गोरी अब ठीक है।
अमन ने आशंकित स्वर में पूछा।

"बेटा तुम खुद ही पूछ लो लेटी तो तुम्हारे सामने।
अमन ने गोरी की तरफ देखा।

"गोरी....गोरी केसी हो तुम।
अमन के मुँह से अल्फ़ाज़ अटक कर निकल रहे थे।
वो अपने द्वारा गोरी पर किया ज़ुल्म भूला नही था।

अमन को अपना नाम लेता सुन गोरी ने पट से अपनी आंखें खोल दी।ऐसा लग ही नही रहा था जैसे वो सोई हो।

"ठीक हूँ भैय्या आप कैसे हो।
गोरी आंखे खोलते ही तोते की तरह बोलने लगी।

"में भी ठीक हूँ क्या अभी तुमको आराम की ज़रूरत है।

"नही आराम की ज़रूरत तो नही है वो तो बस मैडम के कहने पर आपके लिए सरप्राइज की तैयारी की थी।
गोरी की बाते सुनकर अमन के कान खड़े हो गए।
कौन सा सरप्राइज आने वाला था उसके सामने।

"कैसा सरप्राइज में कुछ समझा नही।

"ऐसे नही मेरे लाल सरप्राइज गोरी के कंबल के अंदर है कंबल को हटाते ही तुमको सरप्राइज मिल जायेगा।

"ठीक है ऐसे ही सही।
अमन ने गोरी के ऊपर पड़ा कंबल एक झटके में हटा दिया।

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कंबल के हटते ही अमन की आंखे चोंधिया गई।
गोरी चिकना बदन कंबल के अंदर पूरा नंगा था।
और एक टेड्डी उसपर ऐसे लेटा था जैसे उसको चोद रहा हो।

"ओह गोरी कितना शानदार सरप्राइज है।
थैंक्स गोरी और बुआ आपका भी बहुत धन्यवाद इतना प्यारा सरप्राइज देने के लिए।

"अच्छा अच्छा चलो पहले थोड़ी पेट पूजा कर लो।
आजाओ गोरी तुम भी।

कामनी पिज़्ज़ा खोलते हुए बोली।

"ऐसे नही मैडम आपने और भैय्या ने तो कपड़े पहने है और मुझे पूरा नंगा कर दिया मुझे ऐसे शर्म आएगी पहले भैया के और अपने भी कपड़े निकालो।

अमन तो खुद भी यही चाहता था उसने जल्दी से अपनी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए।
इधर कामनी भी कहाँ पीछे रहने वाली थी कुछ ही पलों में दोनों बुआ भतीजा पूरी तरह निर्वस्त्र थे।

"अब तो ठीक है ना गोरी अब हम भी तुम्हारे जैसे हो गए।

"हाँ ये हुई ना बात।
गोरी कूद कर बिस्तर से निकली और अमन की गोद में चढ़ गई।

अमन ने उसे अपने सीने से लगा लिया और अपने दोनों हाथों को उसकी गदराई गाँड पर रख दिया।

"अभी नही पहले कुछ खा लो।
कामनी ने दोनों को घूर कर देखा।

"हाँ तो हमने कब मना किया है बुआ।
अमन गोरी को अपनी गोद में लेकर सोफे पर बैठ गया।
गोरी अमन से ऐसे चिपटी थी जैसे बंदर का बच्चा अपनी माँ से चिपका रहता है।
कामनी ने पिज़्ज़ा का पैक खोला और कोल्ड-ड्रिंक को गिलासों में करने लगी।
दो बिल्कुल विपरीत जिस्म की मालिकाओं के साथ अमन किसी राजा की तरह बैठा था।

जंहा गोरी एकदम छरहरे बदन की कमसिन कन्या थी।
वंही कामनी गदराय जिस्म की गाय बिल्कुल हरी भरी हर काम की जगह पर भरपूर मास।

तीनो सोफे पर बैठे पिज़्ज़ा का मज़ा ले रहे थे तभी अमन के हाथ से पिज़्ज़ा की क्रीम गोरी के गुलाबी निप्पल पर टपक गई।
गर्म क्रीम से गुलाबी निप्पल सुर्ख हो गया गोरी की चीख निकल गई अमन ने एकदम गोरी के निप्पल को अपने होंठो में कैद कर लिया और क्रीम को अपने होंठो और जीभ की मदद से चाट गया।

क्रीम अमन के मुंह से अबतक उसके पेट में जा चुकी थी पर अमन अभी भी गोरी के गुलाबी निप्पल को चूस और चाट रहा था जिसका असर गोरी के दूसरे निप्पल पर साफ दिख रहा था दूसरा निप्पल भाले के नोक की तरह सख्त और नुकीला होकर खड़ा हो गया था।
अमन का लौड़ा गोरी की गाँड के नीचे ठोकरे मार रहा था जिसकी दस्तक गोरी अपनी गाँड और जांघो पर साफ महसूस कर रही थी।

कुछ देर बाद अमन ने गोरी के निप्पल को अपने होंठो से आज़ाद किया।गुलाबी निप्पल कुछ गर्म क्रीम और कुछ अमन के होंठो से सुर्ख हो गया था।

अमन के मुँह से बाहर निकले गोरी के निप्पल को देख कामनी की हंसी निकल गई।

"जब भी तू इसके करीब आता है इस बेचारी को ज़ख्म ज़रूर मिलता है।
मुझे तो ऐसा लगने लगा है कि तेरे और इसके नक्षत्र बिल्कुल भी मैच नही करते।

"बिल्कुल ठीक कहा मैडम।
उस दिन मेरा मुँह फाड़ दिया और आज देखो कितना लाल हो गया मेरा निप्पल।

"मुझे माफ़ करना गोरी पर आज मेरी गलती नही थी।

"मेरे प्यारे भैय्या में तो मज़ाक कर रही हूँ।
गोरी खिलखिलाते हुए बोली।

"ओह मेरी जानू बेबी तुम कितनी स्वीट हो।
अमन गोरी के होंठो को चूमता हुआ बोला।

"अमन भईया ये मेरे नीचे क्या चुभ रहा है।
गोरी ने सबकुछ समझते हुए भी अमन से चुहल की।

"तुमको पता है मुझसे क्या पूछती हो और नही पता तो खुद ही देखलो।
अमन ने भी नहले पे दहला दिया।

कामनी खामोश बैठी दोनों की चुहलबाज़ी देख रही थी।अमन को खुश देखकर उसकी बुआ भी खुश थी।अब तक पिज़्ज़ा और कोल्ड-ड्रिंक खत्म हो चुकी थी।कामनी अपनी जगह से खड़ी होती हुई बोली।

"चलो मेरे शेर तैयार हो जाओ बुआ को हैप्पी करने के लिए।
और गोरी तुम ये कचरा डस्ट-बीन में डालो।

गोरी के अमन की गोद से उठते ही अमन का लंबा बम्बू स्प्रिंग की तरह उछल कर खड़ा हो गया।
जिसे देखकर कामनी के चेहरे पर मुस्कान फैल गई।

"ओह गोरी कितनी मज़बूत चीज़ पर बैठी थी तुम वाह तुम्हारी बम की गर्मी ने तो अमन का बम्बू एकदम तैयार कर दिया।

कामनी की बात सुनकर गोरी अपनी गाँड को मटकाती हुई कचरा उठाने लगी उसके झुकने से गाँड खुलकर दिखने लगी जिससे कामनी और अमन को उसकी गाँड के साथ सिर्फ एक इंच नीचे उसकी नन्ही परी के पंख भी दिख गए जो आपस में बिल्कुल चिपके हुए थे और थोड़े गीले भी।
गोरी की चूत के गुलाबी गीले होंठो को देखकर पता चल रहा था कि अमन की हरकतों ने ही उसे गीला होने पर मजबूर किया था।
गोरी की चूत के गीले होंठो को देखकर अमन के माइंड में प्रीति की चूत घूम गई जो बीते एक घंटे पहले उसके मुँह को अपने अमृत से तृप्त करने की कोशिश कर रही थी।

"गोरी थोड़ा सा और झुकना।
अमन की बात सुनकर गोरी ने पीछे मुड़कर देखा अमन की आंखों में उसकी आँखों का केंद्र देख वो समझ गई कि अमन क्या देखना चाहता है।
अपने भैया को खुश करने के लिए उसने अपनी गर्दन को पूरा नीचे लगा दिया।

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"अब ठीक है भैय्या।
अपने दोनों पैरों के बीच से झांकती वो अमन से बोली।
गोरी ने अपनी कमर को इतना मोड़ लिया कि पीछे देखते अमन का उसके ख़ज़ाने को देख लौड़ा बगावत पर उतर गया।
अमन का मन तो किया कि लड़की पोजीशन लिए हुए है बस पीछे जाकर अपना फड़कता हुआ लौड़ा चूत या गाँड दोनों में किसी भी छिद्र में डाल दे पर वो इस कली के मज़े आराम से लेना चाहता था।

"अमन भैया क्या अब मैं उठ जाऊं।
झुके झुके गोरी की कमर दुखने लगी थी।
पर अमन इस नज़ारे को देखता रहना चाहता था।
कामनी का काम तो गोरी आसान कर ही रही थी।
अपने जलवे दिखा दिखा कर उसने अमन के लंड को बिल्कुल तैयार कर दिया था जो खड़ा होकर ठुमके लगा रहा था।
गोरी की कही बात को तो जैसे अमन ने सुना ही नही था उसकी आंखें तो बस गोरी के हुस्न में डूबी हुई थी।
जब कामनी ने अमन को गोरी की चूत में डूबा हुआ पाया तो उसने गोरी को अपना काम करने का इशारा कर दिया।

गोरी सीधी होकर कचरा उठाने लगी।
कामनी ने अपने भतीजे की आंखों के सामने चुटकी बजाई।
"हेलो कँहा खो गए राजा।
2-3 बार चुटकी बजाने पर अमन का ध्यान भंग हुआ।
"हा हा हा क्या बोल....रही थी बुआ।
"बेटा थोड़ी नज़रे इनायत इधर भी करदे देख बहुत गीली हो गई है।

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कामनी ने अपने पैरों को फैलाकर अपनी गदराई चूत को अमन के सामने परोस दिया।
अपनी बुआ की मालपुए के जैसी फूली हुई चूत को देखकर अमन के मुँह में पानी आ गया।
चूत को देखकर लग रहा था कि कामनी ने अपने भतीजे के लिए अपनी चूत को स्पेशली तैयार किया है।
चूत को बिल्कुल क्लीन करके शायद उसकी मसाज की गई थी तभी तो वो बिल्कुल चाँदी की तरह चमक रही थी।

अमन का चेहरा अपनी बुआ के खुले पैरों के बीच झुकता चला गया अमन ने अपनी जीभ की नोक बनाकर कामनी की चूत की खुली गहराई को चाट लिया।

"आआह मेरे लाल पहले से ही बहुत गीली हो रही है।
अब तेरी जीभ को नही तेरे बम्बू को डाल अंदर।
कामनी के मुख से सीत्कार निकली।
अमन का लौड़ा भी चोट करने के लिए बिल्कुल तैयार था।

"ठीक है मेरी रंडी बुआ जैसी आपकी मर्जी।
वासना के अतिरेक अमन के मुंह से बेसाख़्ता ही अपनी बुआ के लिए गाली निकल गई।
जिसका एहसास होते ही उसने तुरंत माफी मांग ली।
"माफ करना बुआ मेरा वो मतलब नही था।

पर कामनी को अमन के मुँह से निकला शब्द शायद पसंद आया।

"फिरसे बोल क्या बोला तूने।

"बुआ माफ करदो मेरा वो मतलब नही था।

"मेरे लाल बोल तो सही मुझे बुरा नही अच्छा लगा।

दोस्तो वैसे तो हर स्त्री में एक रंडी छुपी होती है बस उसको बाहर लाने वाला होना चाहिए।
स्त्री हर किसी के सामने नही खुलती वो कोई खास ही होता है जिसका गाली देना भी औरत को अच्छा लगता है।
और पति के बाद कामनी की काम तृप्ति को उसके भतीजे ने शांत किया था इसलिए वो कामनी के दिल का राजा था।

"र..र...न...सॉरी बुआ मुझसे नही बोला जा रहा।

"चल कोई बात नही मुझे पता है तू कब और कैसे बोलेगा।
अब जल्दी से अपने मूसल को मेरी ओखली में भर दे।

बुआ की बात मानकर अमन कामनी के ऊपर झुकता चला गया अमन ने कामनी के दोनों पैरों को उपर उठाया और अपने गरम खड़े लौड़े को चूत की गीली लकीर पर सेट किया और अपनी कमर को नीचे की तरफ धकेला।

कामनी की गीली चूत में अपने भतीजे का लंबा लौड़ा फिल






अमन सोनम को घर छोड़कर अपनी गाड़ी से कामनी बुआ के पार्लर की तरफ निकल गया।

अब आगे-

हाइवे पर आते ही अमन की गाड़ी हवा से बात कर रही थी कुछ ही समय के बाद अमन पार्लर के सामने अपनी गाड़ी से निकल रहा था।
कामनी ने दूर से ही अमन को आता हुआ देख लिया था उसने आवाज़ लगाकर पुर्वा को पिज़्ज़ा ओवन में रखने का आर्डर दे दिया था।
अपने यार के आने की खुशी में कामनी ने अपने आप को सवार लिया था वैसे तो वो घर से निकलती ही सज-संवर कर थी।
पर फिर भी उसने एक बार अपने मेकप को फाइनल टच देदिया था।
अपने पंजाबी सूट के ऊपर के 2 बटन खोल दिये थे जिसमें से उसके उरोज़ो की गहरी घाटी और भी गहरी लगने लगी थी अपने दुप्पटे को तो बस नाम के लिए एक कंधे पर डाल लिया था।
कुल मिलाकर कामनी ने अपने भतीजे को अपने मोह-पाश मैं बांधने का पूरा इंतज़ाम कर लिया था।

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उरोज़ो की गहराई बराबर नज़र आ रही है ना इसलिए एक सेल्फी भी लेली।
कामनी ने अपने भतीजे के सामने आने के लिए अपने आप को पूरी तरह तैयार कर लिया था।

जबसे अमन के साथ कामनी के जिस्मानी संबंध बने थे तबसे वो हर काम अमन की खुशी के लिए करना चाहती थी वो अपने आप को अमन के सामने आने के लिए सजा लेती थी।

अमन पार्लर का गेट खोलकर अंदर आता है और कामनी बुआ को देखता है तो देखता ही रह जाता है।

"आआह बुआ क्या बात है आप तो निखरती जा रही है।

"सब आपके प्यार का असर है भतीजे राजा।

"क्या बात आज कोई लड़की नही आई क्या।

"कोई लड़की या किसी खास लड़की को ढूंढ रही है तुम्हारी आंखे।

"क्या बुआ मज़ाक मत करो बताओ ना सब कँहा है।

"हाय मेरे राजा सब यंही है।पुर्वा ओवन में पिज़्ज़ा रखने गई है और जिसे तुम ढूंढ रहे हो उसको मेने ऊपर बैडरूम में आराम करने को भेज दिया है।
क्यों सही किया ना?

कामनी ने अपने भतीजे से चुटकी ली।

"क्या अभी तक ठीक नही हुई गोरी।

"मैडम पिज़्ज़ा तैयार है।
अभी कामनी कोई जवाब देती की तभी पुर्वा की आवाज़ आई।

"चलो बेटा सब कुछ अपने आप देख लेना ऊपर चलते है।
पुर्वा पिज़्ज़ा टेबल पर लगाओ और फ्रिज से कोल्ड-ड्रिंक भी निकाल लेना।

कामनी अमन को लेकर सीढ़ियों से ऊपर की तरफ जाती है अमन अपनी बुआ के पीछे चल रहा था उसकी मस्तानी गाँड को थिरकता हुआ देखने के लिए।
कामनी को पता था अमन की आंखे कहाँ होगी इस लिए वो और मटक कर चल रही थी।
कामनी की लचकती-मचकती गाँड को देख अमन से रहा ना गया उसने चटाक से एक चांटा कामनी की गाँड पर मारा।

"ओ नॉटी बॉय बुआ को दर्द होता है।
कामनी ने पलट कर अमन को देखते हुए कहा।

"सॉरी बुआ कंट्रोल नही कर पाया।

"हा हा हा मेरे लाल मज़ाक कर रही थी मेरे पूरे जिस्म पर तेरा पूरा हक है।
कामनी खिलखिलाते हुए बोली।

इन बातों में सीढ़ियों का रास्ता खत्म हो गया था ऊपर बैडरूम में पुर्वा फ्रिज से बोतल निकाल रही थी और गोरी बिस्तर पर आराम कर रही थी।
पुर्वा ने बड़े गले का पंजाबी सूट पहना हुआ था जो उसके कमसिन जिस्म पर चिपका हुआ था।
और गोरी कंबल के अंदर छुपी थी।

"पुर्वा बेटी अपना पिज़्ज़ा लेकर नीचे जाओ देखो पार्लर में कोई नही है।
कामनी ने आर्डर दिया।

"ठीक है मैडम।
पुर्वा अपना पिज़्ज़ा और एक कोल्ड-ड्रिंक लेकर नीचे चली गई।

"बुआ क्या गोरी अब ठीक है।
अमन ने आशंकित स्वर में पूछा।

"बेटा तुम खुद ही पूछ लो लेटी तो तुम्हारे सामने।
अमन ने गोरी की तरफ देखा।

"गोरी....गोरी केसी हो तुम।
अमन के मुँह से अल्फ़ाज़ अटक कर निकल रहे थे।
वो अपने द्वारा गोरी पर किया ज़ुल्म भूला नही था।

अमन को अपना नाम लेता सुन गोरी ने पट से अपनी आंखें खोल दी।ऐसा लग ही नही रहा था जैसे वो सोई हो।

"ठीक हूँ भैय्या आप कैसे हो।
गोरी आंखे खोलते ही तोते की तरह बोलने लगी।

"में भी ठीक हूँ क्या अभी तुमको आराम की ज़रूरत है।

"नही आराम की ज़रूरत तो नही है वो तो बस मैडम के कहने पर आपके लिए सरप्राइज की तैयारी की थी।
गोरी की बाते सुनकर अमन के कान खड़े हो गए।
कौन सा सरप्राइज आने वाला था उसके सामने।

"कैसा सरप्राइज में कुछ समझा नही।

"ऐसे नही मेरे लाल सरप्राइज गोरी के कंबल के अंदर है कंबल को हटाते ही तुमको सरप्राइज मिल जायेगा।

"ठीक है ऐसे ही सही।
अमन ने गोरी के ऊपर पड़ा कंबल एक झटके में हटा दिया।

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कंबल के हटते ही अमन की आंखे चोंधिया गई।
गोरी चिकना बदन कंबल के अंदर पूरा नंगा था।
और एक टेड्डी उसपर ऐसे लेटा था जैसे उसको चोद रहा हो।

"ओह गोरी कितना शानदार सरप्राइज है।
थैंक्स गोरी और बुआ आपका भी बहुत धन्यवाद इतना प्यारा सरप्राइज देने के लिए।

"अच्छा अच्छा चलो पहले थोड़ी पेट पूजा कर लो।
आजाओ गोरी तुम भी।

कामनी पिज़्ज़ा खोलते हुए बोली।

"ऐसे नही मैडम आपने और भैय्या ने तो कपड़े पहने है और मुझे पूरा नंगा कर दिया मुझे ऐसे शर्म आएगी पहले भैया के और अपने भी कपड़े निकालो।

अमन तो खुद भी यही चाहता था उसने जल्दी से अपनी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए।
इधर कामनी भी कहाँ पीछे रहने वाली थी कुछ ही पलों में दोनों बुआ भतीजा पूरी तरह निर्वस्त्र थे।

"अब तो ठीक है ना गोरी अब हम भी तुम्हारे जैसे हो गए।

"हाँ ये हुई ना बात।
गोरी कूद कर बिस्तर से निकली और अमन की गोद में चढ़ गई।

अमन ने उसे अपने सीने से लगा लिया और अपने दोनों हाथों को उसकी गदराई गाँड पर रख दिया।

"अभी नही पहले कुछ खा लो।
कामनी ने दोनों को घूर कर देखा।

"हाँ तो हमने कब मना किया है बुआ।
अमन गोरी को अपनी गोद में लेकर सोफे पर बैठ गया।
गोरी अमन से ऐसे चिपटी थी जैसे बंदर का बच्चा अपनी माँ से चिपका रहता है।
कामनी ने पिज़्ज़ा का पैक खोला और कोल्ड-ड्रिंक को गिलासों में करने लगी।
दो बिल्कुल विपरीत जिस्म की मालिकाओं के साथ अमन किसी राजा की तरह बैठा था।

जंहा गोरी एकदम छरहरे बदन की कमसिन कन्या थी।
वंही कामनी गदराय जिस्म की गाय बिल्कुल हरी भरी हर काम की जगह पर भरपूर मास।

तीनो सोफे पर बैठे पिज़्ज़ा का मज़ा ले रहे थे तभी अमन के हाथ से पिज़्ज़ा की क्रीम गोरी के गुलाबी निप्पल पर टपक गई।
गर्म क्रीम से गुलाबी निप्पल सुर्ख हो गया गोरी की चीख निकल गई अमन ने एकदम गोरी के निप्पल को अपने होंठो में कैद कर लिया और क्रीम को अपने होंठो और जीभ की मदद से चाट गया।

क्रीम अमन के मुंह से अबतक उसके पेट में जा चुकी थी पर अमन अभी भी गोरी के गुलाबी निप्पल को चूस और चाट रहा था जिसका असर गोरी के दूसरे निप्पल पर साफ दिख रहा था दूसरा निप्पल भाले के नोक की तरह सख्त और नुकीला होकर खड़ा हो गया था।
अमन का लौड़ा गोरी की गाँड के नीचे ठोकरे मार रहा था जिसकी दस्तक गोरी अपनी गाँड और जांघो पर साफ महसूस कर रही थी।

कुछ देर बाद अमन ने गोरी के निप्पल को अपने होंठो से आज़ाद किया।गुलाबी निप्पल कुछ गर्म क्रीम और कुछ अमन के होंठो से सुर्ख हो गया था।

अमन के मुँह से बाहर निकले गोरी के निप्पल को देख कामनी की हंसी निकल गई।

"जब भी तू इसके करीब आता है इस बेचारी को ज़ख्म ज़रूर मिलता है।
मुझे तो ऐसा लगने लगा है कि तेरे और इसके नक्षत्र बिल्कुल भी मैच नही करते।

"बिल्कुल ठीक कहा मैडम।
उस दिन मेरा मुँह फाड़ दिया और आज देखो कितना लाल हो गया मेरा निप्पल।

"मुझे माफ़ करना गोरी पर आज मेरी गलती नही थी।

"मेरे प्यारे भैय्या में तो मज़ाक कर रही हूँ।
गोरी खिलखिलाते हुए बोली।

"ओह मेरी जानू बेबी तुम कितनी स्वीट हो।
अमन गोरी के होंठो को चूमता हुआ बोला।

"अमन भईया ये मेरे नीचे क्या चुभ रहा है।
गोरी ने सबकुछ समझते हुए भी अमन से चुहल की।

"तुमको पता है मुझसे क्या पूछती हो और नही पता तो खुद ही देखलो।
अमन ने भी नहले पे दहला दिया।

कामनी खामोश बैठी दोनों की चुहलबाज़ी देख रही थी।अमन को खुश देखकर उसकी बुआ भी खुश थी।अब तक पिज़्ज़ा और कोल्ड-ड्रिंक खत्म हो चुकी थी।कामनी अपनी जगह से खड़ी होती हुई बोली।

"चलो मेरे शेर तैयार हो जाओ बुआ को हैप्पी करने के लिए।
और गोरी तुम ये कचरा डस्ट-बीन में डालो।

गोरी के अमन की गोद से उठते ही अमन का लंबा बम्बू स्प्रिंग की तरह उछल कर खड़ा हो गया।
जिसे देखकर कामनी के चेहरे पर मुस्कान फैल गई।

"ओह गोरी कितनी मज़बूत चीज़ पर बैठी थी तुम वाह तुम्हारी बम की गर्मी ने तो अमन का बम्बू एकदम तैयार कर दिया।

कामनी की बात सुनकर गोरी अपनी गाँड को मटकाती हुई कचरा उठाने लगी उसके झुकने से गाँड खुलकर दिखने लगी जिससे कामनी और अमन को उसकी गाँड के साथ सिर्फ एक इंच नीचे उसकी नन्ही परी के पंख भी दिख गए जो आपस में बिल्कुल चिपके हुए थे और थोड़े गीले भी।
गोरी की चूत के गुलाबी गीले होंठो को देखकर पता चल रहा था कि अमन की हरकतों ने ही उसे गीला होने पर मजबूर किया था।
गोरी की चूत के गीले होंठो को देखकर अमन के माइंड में प्रीति की चूत घूम गई जो बीते एक घंटे पहले उसके मुँह को अपने अमृत से तृप्त करने की कोशिश कर रही थी।

"गोरी थोड़ा सा और झुकना।
अमन की बात सुनकर गोरी ने पीछे मुड़कर देखा अमन की आंखों में उसकी आँखों का केंद्र देख वो समझ गई कि अमन क्या देखना चाहता है।
अपने भैया को खुश करने के लिए उसने अपनी गर्दन को पूरा नीचे लगा दिया।

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"अब ठीक है भैय्या।
अपने दोनों पैरों के बीच से झांकती वो अमन से बोली।
गोरी ने अपनी कमर को इतना मोड़ लिया कि पीछे देखते अमन का उसके ख़ज़ाने को देख लौड़ा बगावत पर उतर गया।
अमन का मन तो किया कि लड़की पोजीशन लिए हुए है बस पीछे जाकर अपना फड़कता हुआ लौड़ा चूत या गाँड दोनों में किसी भी छिद्र में डाल दे पर वो इस कली के मज़े आराम से लेना चाहता था।

"अमन भैया क्या अब मैं उठ जाऊं।
झुके झुके गोरी की कमर दुखने लगी थी।
पर अमन इस नज़ारे को देखता रहना चाहता था।
कामनी का काम तो गोरी आसान कर ही रही थी।
अपने जलवे दिखा दिखा कर उसने अमन के लंड को बिल्कुल तैयार कर दिया था जो खड़ा होकर ठुमके लगा रहा था।
गोरी की कही बात को तो जैसे अमन ने सुना ही नही था उसकी आंखें तो बस गोरी के हुस्न में डूबी हुई थी।
जब कामनी ने अमन को गोरी की चूत में डूबा हुआ पाया तो उसने गोरी को अपना काम करने का इशारा कर दिया।

गोरी सीधी होकर कचरा उठाने लगी।
कामनी ने अपने भतीजे की आंखों के सामने चुटकी बजाई।
"हेलो कँहा खो गए राजा।
2-3 बार चुटकी बजाने पर अमन का ध्यान भंग हुआ।
"हा हा हा क्या बोल....रही थी बुआ।
"बेटा थोड़ी नज़रे इनायत इधर भी करदे देख बहुत गीली हो गई है।

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कामनी ने अपने पैरों को फैलाकर अपनी गदराई चूत को अमन के सामने परोस दिया।
अपनी बुआ की मालपुए के जैसी फूली हुई चूत को देखकर अमन के मुँह में पानी आ गया।
चूत को देखकर लग रहा था कि कामनी ने अपने भतीजे के लिए अपनी चूत को स्पेशली तैयार किया है।
चूत को बिल्कुल क्लीन करके शायद उसकी मसाज की गई थी तभी तो वो बिल्कुल चाँदी की तरह चमक रही थी।

अमन का चेहरा अपनी बुआ के खुले पैरों के बीच झुकता चला गया अमन ने अपनी जीभ की नोक बनाकर कामनी की चूत की खुली गहराई को चाट लिया।

"आआह मेरे लाल पहले से ही बहुत गीली हो रही है।
अब तेरी जीभ को नही तेरे बम्बू को डाल अंदर।
कामनी के मुख से सीत्कार निकली।
अमन का लौड़ा भी चोट करने के लिए बिल्कुल तैयार था।

"ठीक है मेरी रंडी बुआ जैसी आपकी मर्जी।
वासना के अतिरेक अमन के मुंह से बेसाख़्ता ही अपनी बुआ के लिए गाली निकल गई।
जिसका एहसास होते ही उसने तुरंत माफी मांग ली।
"माफ करना बुआ मेरा वो मतलब नही था।

पर कामनी को अमन के मुँह से निकला शब्द शायद पसंद आया।

"फिरसे बोल क्या बोला तूने।

"बुआ माफ करदो मेरा वो मतलब नही था।

"मेरे लाल बोल तो सही मुझे बुरा नही अच्छा लगा।

दोस्तो वैसे तो हर स्त्री में एक रंडी छुपी होती है बस उसको बाहर लाने वाला होना चाहिए।
स्त्री हर किसी के सामने नही खुलती वो कोई खास ही होता है जिसका गाली देना भी औरत को अच्छा लगता है।
और पति के बाद कामनी की काम तृप्ति को उसके भतीजे ने शांत किया था इसलिए वो कामनी के दिल का राजा था।

"र..र...न...सॉरी बुआ मुझसे नही बोला जा रहा।

"चल कोई बात नही मुझे पता है तू कब और कैसे बोलेगा।
अब जल्दी से अपने मूसल को मेरी ओखली में भर दे।

बुआ की बात मानकर अमन कामनी के ऊपर झुकता चला गया अमन ने कामनी के दोनों पैरों को उपर उठाया और अपने गरम खड़े लौड़े को चूत की गीली लकीर पर सेट किया और अपनी कमर को नीचे की तरफ धकेला।

कामनी की गीली चूत में अपने भतीजे का लंबा लौड़ा फिसलता चला गया और उसने अपना सफर तब खत्म किया जब आंड कामनी की गाँड से जा लगे।
लौड़े के बच्चेदानी तक पहुँचते ही कामनी के होंठो o शेप में खुल गए।
यही वो बिंदु था जंहा तक कामनी का पति भी कभी नही पहुँच पाता था पर उसका भतीजा अपने विकराल लिंग से बच्चेदानी को और अंदर धकेलने की कोशिश करता था।
अंग्रेज़ी की कहावत है-साइज डस नॉट मैटर।
मतलब साइज का कोई मतलब नही।
पर एक और कहावत भी है-बिग्गर इस बेटर।
मतलब बड़ा है तो बेहतर है।

अब कामनी से बेहतर इस बात को कौन समझ सकता था।उसको तो दोनों प्रकार के लिंगों का स्वाद मिल चुका था।
लेकिन अपने पति के बाद अपने भतीजे के सामने नंगा होने में उसे अभूतपूर्व सुख की अनुभूति हुई थी।

कुछ क्षण चूत का तापमान नापने के बाद अमन ने अपने लौड़े को बाहर खींचा और टॉपले तक बाहर निकालकर फिर एक करारा प्रहार किया।

"आआह मेरे लाल आराम से।

"अभी तो शुरू भी नही हुआ बुआ।

"तू बड़ा ज़ालिम है अमन आआह आराम से राजा उईईईई माँ।

कामनी की चिकनी चूत में अमन का लंड ऐसे अंदर बाहर हो रहा था जैसे मख्खन में छुरी।
अमन ने अपने हाथों को कामनी के बग़ल के बराबर रखा और अपनी बॉडी का जोर अपने हाथों पर डालकर उसने अपनी बुआ की चूत में गहरे धक्के लगाने शुरू कर दिए।

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जब लौड़ा चूत को चीरता हुआ अंदर जाकर बच्चेदानी पर चोट करता कामनी के मुख से लंबी आआह निकलती और जब अमन की कमर पीछे होती और लिंग चूत की दीवारों को रगड़ता हुआ बाहर निकलता तब कामनी के मुख से मदहोशी में डूबी लंबी सिसकारी निकलती।
"आआह आआह चो...चोद मेरे लाल अपनी बुआ की चूत को सीईईई ऊईईई माँ कितना लंबा है तेरा लौड़ा।

"आआह आआह लो बुआ मेरी रानी आआह लो अपने भतीजे से आआह भरवा लो आआह लो लो हुन्न हुन्न प्यारी बुआ।

इन प्यारी बातों के साथ अमन अपनी बुआ की कच्ची ज़मीन को अपने मज़बूत हल से जोत रहा था।
कामनी की कच्ची ज़मीन धीरे धीरे अपने भतीजे के हल को चिकना करने के लिए लुब्रिकेंट भी निकालती जा रही थी ताकि उसके भतीजे को हल चलाने में कोई मुश्किल ना हो।
और अपने सामने चलती इस फ़िल्म को देख गोरी की तितली भी गीली हो रही थी।वो कामनी की चिकनी चूत में अंदर बाहर होते लंड को देख अपने कच्चे निम्बूओ से खेल रही थी और उनको हिला हिला कर अमन को दिखा रही थी।
की देखो तुम्हारे लिए ये कच्चे निम्बूओ का खट्टा रस भी तैयार है आ जाओ चूस लो इनको।

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अमन की आंखे तो गोरी को देख रही थी पर वो अपने लौड़े का ज़ोर कामनी की चूत को दिखा रहा था।
कामनी ने जब अमन को गोरी की तरफ देखते पाया तो उसने इशारा करके गोरी को अपने पास बुला लिया।

"आआह सीईईई गोरी देख तेरे भैय्या के उईईईई माँ होंठो पर केसी खुश्की आ गई है उईईईई आआह इनको गीला नही करेगी।

"क्यों नही दीदी।बताओ भैय्या क्या लोगे खट्टा या मीठा।
गोरी ने एक हाथ अपने निप्पल और दूसरे को अपनी चूत पर रखकर कहा।

"हुन्न बताओ तो कौन सा खट्टा है आआह आआह
और कौन सा मीठा आआह बुआ कितनी कसी हुई है तुम्हारी चूत मेरी जान आआह।

"इधर देखो मेरे प्यारे भाई ऊपर मीठा है।
और नीचे खट्टा।

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"बताओ क्या चखोगे प्यारे भाई।
गोरी ने अपने एक पैर को उठाकर अमन के सामने अपनी तितली के पंख खोल दिये।
कहने को तो गोरी गांव की थी पर उसका नशीला बदन ऐसा था कि शहर की अच्छी अच्छी लड़कियों को पानी भरवा दे।
सांचे में ढले बदन पर दो प्यारे अनमोल रतन उसकी खूबसूरती में चार चांद लगाते थे नीचे पतले पैट और उसके नीचे उसका अनमोल खज़ाना अपने पंखों को आपस में भींचे ये तितली ऐसी लगती थी मानो बहुत ही अनमोल चीज़ खज़ाना अपने अंदर छुपाए हो।

गोरी के पैर को ऊपर उठाते ही उसकी तितली के पंख खुले और अंदर का गुलाबी हिस्सा नज़र आने लगा साथ ही बंद पंखों में कैद उसका अमृत भी उसकी चूत से निकलकर उसकी जांघो पर बेहने लगा।
अमन कच्ची चूत से निकलते इस पानी की कीमत जानता था उसने तुरंत गोरी का हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और अपनी जीभ को निकालकर लकीर की भांति उसकी जांघो पर आए पानी को चाट गया।
कच्ची कली को सुखद अनुभूति मिलते ही उसकी चूत से और पानी निकलने लगा।
अमन अपनी जीभ को जांघो पर रखता और चूत तक चाटता चला जाता।
कच्ची कली के पास आते ही अमन की कमर रुक गई थी जिससे नीचे लेटी कामनी को परेशानी होने लगी उसकी गदराई चूत में लंड का आवागमन बाधित हो गया था।
कामनी ने नीचे से अपनी कमर उठानी शुरू की अब धीरे धीरे अमन का बम्बू कामनी के छल्ले को फैलाने लगा अपनी बुआ को मेहनत करता देख अमन ने धीरे धीरे अपनी कमर चलानी शुरू की अमन जब कमर को नीचे दबाता उसी लय में कामनी अपनी कमर को उपर उठाती और चूत लौड़े को पूरा लील जाती।
जैसे ही लंड का टॉपला बच्चेदानी पर चोट करता कामनी के पैर कांपने लगते धीरे धीरे कामनी की चूत में संकुचन होने लगा जिसका एहसास अमन को भी हो गया उसने अपने धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी उसने गोरी की चूत से अपने होंठो को हटाकर अपनी बुआ पर ध्यान देना शुरू किया और अपने लंबे लौड़े को पूरा बाहर खींच कर लंबे और गहरे धक्के लगाने लगा।
कुछ ही मिनट में कामनी के पूरे जिस्म में झटके लगने लगे।

"आआह आआह अमन मेरे सीईईई लाल हाय आआह ओऊऊऊ मेरे चोदू चोद ज़ोर से चोद।

अपनी बुआ की सीत्कार को अमन ने हाथों हाथ लिया।

"हन्न हन्न ले मेरी रानी ले और अंदर ले अपने यार का लौड़ा अपनी चूत में।

"आआह उईईईई अमन मेरे लाल अपनी रंडी बना ले हहहह अपनी बुआ सीईईई को रंडी बना कर चोद।

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कामनी की रस बहाती चूत से अब पच पच की आवाज़ आने लगी थी कामनी की चूत का गाढ़ा पानी अमन के लौड़े पर लग कर बाहर आ रहा था और चूत के होंठो के आस पास इखट्टा हो रहा था।
जो अमन की जांघो के कामनी की जांघो पर टकराने से बूंदों की शक्ल में उड़ रहा था।
कामनी ने अमन के हाथों को बिस्तर से उठाकर अपने उन्नत उरोज़ो पर रख दिया और अपनी कमर की गति को बढ़ा दिया।

अमन समझ गया था कि बुआ अब ढेर होने वाली है।
कुछ ही पलों में कामनी ने अपने पैरों को अमन की कमर में कैंची की तरह फसा कर उसके पूरे लिंग को अपनी बच्चेदानी से सटा कर अपने पैरों की कैंची से उसको कस लिया।
और अपने प्रेम रस से अमन के लिंग को स्नान करवाने लगी।
कामनी की चूत अत्यधिक संकुचित हो रही थी।
अमन के लौड़े को किसी वैक्यूम पम्प की तरह निचोड़ने की कोशिश कर रही थी।
अमन की जगह कोई और होता तो अब तक अपना लावा चूत को अर्पित कर चुका होता।
पर जवान पठ्ठा डटा हुआ था और अपनी बुआ की चूत के गर्म पानी के स्नान को सहर्ष स्वीकार कर रहा था।



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