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Incest जीजा जी की चाहत (incest)

Tiger 786

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फोन रख कर मुझे याद आया दीदी भी तो यहीं हैं मेरे बगल में और उसी वक़्त खड़े लंड पे मुझे जोर से पेशाब आया ......,
मैंने धीरे से कहा दीदी ...... दीदी ने हूँ कर के जवाब दिया मैंने कहा टॉयलेट करनी है मेरी बात सुन कर दीदी उठी लाइट ऑन की और बाथरूम से वो डिब्बा उठा लायी फिर उन्होंने मुझे बिठा कर मेरी टांगे नीचे लटका कर मेरा लोअर अंडरवियर सरकाया मेरा लंड जो इस समय पूरी औकात पर था वो तन कर रॉकेट जैसे खड़ा था ऐसे में मैं मूतता तो वो डिब्बे में ना जा कर मेरे ऊपर ही गिरता मैंने उसे हाथ से नीचे की ओर झुकाया पर खड़ा लंड भला कभी झुकता है दीदी बड़े गौर से उसे देख कर मुस्कुरा रही थीं ...... मैंने बेबसी से दीदी की ओर देखा दीदी बोली अभी तो मुश्किल लग रहा है ...... ऐसा कर तू इसे एक बार हल्का कर ले ...... उनकी बात सुन कर मेरे लंड ने एक झटका से लिया ...... तभी दीदी बोली एक काम कर मैं थोड़ी देर को अपने रूम में जाती हूँ तू इसे शांत कर ले और उन्होंने अलमारी से एक छोटा तौलिया निकाल कर मेरी ओर उछाल दिया और बोली कपड़े मत गंदे करना फिर वो बाहर निकल गयी और मैं चुतिया जैसे बैठे सोचने लगा ये साला हो क्या रहा है ...... वैसे इस समय मुझे भी लंड की गर्मी निकालने की बेहद जरूरत महसूस हो रही थी तो मैंने विनय का फोन उठाया और दीदी की pic देखते हुए लंड को मुठियाने लगा ...... कोई 15 मिनट तक तेजी से लंड पर हाथ चलाने के बाद भी वो नही हल्का हुआ ऊपर से मेरा हाथ दुखने लगा ...... मैं इस समय थोड़ा सा झुंझलाया हुआ था और तभी एकदम से दीदी अंदर आयी और मेरे हाथ मे खड़ा लंड देख कर बोली लगता है अभी हुआ नही मैंने सर झुका कर ना में सर हिला दिया दीदी कुछ देर तक खड़ी मुझे देखती रही और फिर बोली मैं कुछ हेल्प कर दूं क्या ...... सच कहूं मन तो मेरा भी यही था कि कोई लड़की मेरे लंड को मुठ मार दे तो मैं जल्दी से निपट जाऊं पर इस समय लड़की कहाँ मिलनी थी मुझे ..... लेकिन दीदी के ये कहते ही मेरे मन मे लड्डू फूटा दीदी ने फिर पूछ लिया लगता है तू मुझसे शरमा रहा है चल ठीक है मैं थोड़ी देर और अपने कमरे में जा रही तू निपट ही ले और वो मुड़ी ...... तभी नशे में झूमते मेरे दिमाग ने कहा रोक ले दीदी को आखिर तू भी तो यही चाहता है और वो खुद से पूछ रही हैं तुझसे ..... मैंने कहा दीदी ..... वो दरवाजे के पास पहुंच कर रुक गयी बड़ी अदा से मुड़ कर मेरी ओर देखा उनकी आंखें भी नशीली सी हो रही थीं ..... फिर कुछ सोच कर उन्होंने हाथ बढ़ा कर लाइट ऑफ कर दी कमरे में घुप्प अंधेरा हो गया मेरी सांसे तेज होने लगी तभी मुझे अपनी टांगों के बीच कुछ सरसराहट हुई और इसी के साथ दीदी का हाथ मुझे अपनी जांघ पर महसूस हुआ दीदी मेरी टांगो के बीच आ बैठी थी ....... उनकी गर्म सांसे मेरे लंड पर मुझे महसूस हो रही थी और फिर उनका मुलायम ठंडा हाथ मेरी जांघ से सरकता हुआ मेरे लंड की जड़ पर आ गया और उन्होंने पहली बार मेरे सख्त खड़े लंड को अपनी मुट्ठी में भर का महसूस किया उन्होंने अपने हाथ मे उसे भर कर कस के दबाया पर वो जरा भी नही दबा उल्टे और झटके मारने लगा दीदी ने जड़ से ले कर सुपाड़े तक पूरे लंड को दो तीन बार अच्छे से सहलाया और फिर हौले हौले मेरी मुठ मारने लगी मैं अल्कोहल और सेक्स के नशे में चूर हुआ हवा में उड़ रहा था दीदी के हाथों से मुठ मरवाने में मुझे रानी को चोदने से भी ज्यादा मज़ा आ रहा था और दीदी के हाथों की गति धीरे धीरे बढ़ने लगी ...... धीरे धीरे मेरी आँखे भी अंधेरे की अभ्यस्त हो रही थी और मैंने देखा दीदी मेरे लंड की स्किन को नीचे करते हुए मेरे गुलाबी रसगुल्ले जैसे सुपाड़े को आंखे फाड़ कर गौर से देखने लगी ....... तभी मैंने देखा उन्होंने अपनी गांड़ को थोड़ा सा ऊपर उठा कर दूसरे हाथ से नीचे कुछ एडजस्ट किया ...... शायद उन्होंने अपनी नाइटी ऊपर सरकाई थी अब मुझे अफसोस होने लगा कि अगर मैंने थोड़ी हिम्मत की होती तो शायद ये सब अंधेरे में नही उजाले में होता ...... लेकिन अब तो बात हाथ से निकल चुकी थी ...... दीदी ने अब मेरे लंड को तेजी से मुठियाते हुए ...... अपना चेहरा और झुका दिया था मेरे लंड पर और अचानक से उनकी नाक मेरे लंड पर टच हुई मेरा बदन एकदम से गनगना गया ...... दीदी ने अपना चेहरा पीछे नही किया बल्कि ऐसा लग रहा था वो गहरी सांसे लेते हुए मेरा लंड सूंघ रही हों ये महसूस करते ही मेरे दिल जोर से उछलने लगा तभी दीदी वैसे ही लंड को मसलते हुए खड़ी हुई और दूसरे हाथ से अपनी नाइटी को उपर करते हुए शायद उन्होंने अपनी पेंटी नीचे सरका दी और अगले ही पल उन्होंने बारी बारी से अपनी दोनो टांगे उठाई तो मैं कन्फर्म हो गया कि वो अपनी पेंटी ही निकाल रही हैं मुझे एक हल्की सी झलक उनकी गोरी चिकनी टांगों की मिली मगर अगले ही पल वो फिर से अपने पंजो पर बैठ गयी पर बैठने से पहले उन्होंने अपनी नाइटी पीछे से ऊपर उठा ली थी कमर से ऊपर ...... यानी अब वो कमर से नीचे नंगी थीं नीचे बैठ कर उन्होंने लंड को फिर से पूरी तेजी से हिलाना शुरू कर दिया और साथ ही साथ उनका दूसरा हाथ उनकी टांगों के बीच मे तेजी से हिल रहा था........
उफ्फ्फ दीदी मेरी मुठ मारते हुए अपनी चूत में भी उंगली कर रही थीं ...... मुझे लगा मेरी और रानी की बात सुन कर वो भी गरम हो गयी होंगी फिर मैंने सारे खयाल दिमाग से निकाल दिए और अचानक दीदी के होंठो से एक आहह निकाली मुझे लगा उन्होंने उंगली ज्यादा तेजी से डाल ली अपनी चूत में फिर वो सिसकने लगी और बड़बड़ाने लगी ...... उफ्फ विकी वाकई मस्त लंड है तेरा रानी ठीक कह रही थी ...... इस लंड पर तो कोई भी फिदा हो जाये और इतना बोलते बोलते उन्होंने वो किया जिसकी मुझे उम्मीद नही थी उन्होंने अपने गरम गुलाबी होंठ लंड के सुपाड़े पर रख दिये और मैं उछल पड़ा ...... मेरा हाथ स्वतः दीदी के सर पर आ गया और मैं दीदी के सर को अपने लंड पर दबाने लगा दीदी ने भी मेरी हालत को समझा और मुह खोलते हुए लंड को अंदर जाने का रास्ता दे दिया ...... और लगभग 5 इंच लंड मुह ले कर अपनी जीभ उसके इर्द गिर्द फिराने लगी उनका हाथ अब मेरे आंड़ को सहला रहा था फिर उन्होंने सर को आगे पीछे करते हुए लंड को चूसते हुए मेरे अन्डो को सहलाते हुए तेजी से अपनी चूत में उंगली पेलनी शुरू कर दी उनके मुह से आवाजें आने लगी ......, आआम्म्म्महहहहहह उफ़्फ़फ़ सससससससस ओह विकी ....... और अब मेरी भी कमर नीचे से ऊपर को मूव होने लगी और मैं तेजी से लंड पेलते हुए दीदी का गरम गरम मुह चोदने लगा ....... तभी दीदी ने एक पल को अपना हाथ अपनी चूत से हटा कर मेरे हाथ पर रखा और फिर मेरे हाथ को खींच कर नाइटी के ऊपर से अपने नरम चूचे पर रख दिया आए वापस चूत रगड़ने लगी मैंने बिना कुछ सोचे दो तीन बार उनकी नरम मुलायम चूची को सहलाया उसकी नरमी महसूस की तभी मेरी उंगलियां उनके तन कर खड़े निप्पल से टकराई और मैंने उसे उंगलियों में पकड़ कर भींच दिया दीदी ने एक तेज आह भरी और उन्होंने अपने दांत हल्के से मेरे लंड पर चुभा दिए और फिर मैंने अपना हाथ उनकी नाइटी के अंदर डाला और उनके नंगे सीने को सहलाते हुए दाईं चूची को मसलने लगा बीच बीच मे मैं निप्पल को भी मसल देता था दो मिनट तक ऐसे की करने से दीदी अब पागल सी होने लगी उनकी आहह और सिसकियां तेज होने लगी और अगले ही पल उनका बदन कांपने लगा उन्होंने थरथराते हुए मेरे लंड को जोर से चुस्का मेरे मुह से भी एक आहह निकली और मैंने तेजी से कमर उछाल कर लंड जड़ तक उनके मुह में पेल दिया और मेरे सुपाड़े से गरम वीर्य की तेज धार एक के बाद एक निकल कर दीदी के मुह में समाने लगी अपनी चूत से रस टपकाते हुए चूत को हल्के हाथ से सहलाते हुए दीदी आंखे मूंदे मेरे लंड का गाढ़ा गरम चूस चूस कर पीने लगी आखिरी बून्द तक निगलने के बाद उन्होंने लंड मुह से निकाला और मेरी जांघ पर अपना गाल रख कर सुस्ताने लगी मैं भी अपनी उखड़ी हुई सांसों को नियंत्रित करते हुए दीदी के सर पर हाथ फिराने लगा .......
और दीदी ने मेरा दूसरा हाथ कस के पकड़ लिया और धीरे से बोली ...... i love you viki ...... मैंने भी दीदी का हाथ दबाते हुए कहा ...... love you to didi .......
वक़्त मानो थम सा गया था दीदी से मेरा नया रिश्ता बन चुका था पर इसका अंजाम क्या होगा इससे हम दोनों बेखबर थे ...... फिर कुछ पल बाद दीदी उठी उन्होंने अपने कपड़े सही किये और लाइट ऑन की उनका चेहरा लाल था वो मेरी ओर देख भी नही रही थी यही हाल मेरा भी था अंधेरे नशे और उत्तेजना में घटी इस घटना से हम दोनों शर्मिन्दा थे दीदी ने मेरे पास आ कर वो डिब्बा उठा कर मेरे लंड के नीचे लगा दिया और बोली अब कर लो हो जाएगी ...... मैंने मूतना शुरू किया और डिब्बा लगभग पूरा ही भर गया इसमे हैंडल नही था तो दीदी को दो ओर से उंगलियों से मदद से उसे पकड़ना पड़ रहा था पूरा भरने से वो काफी भारी हो गया था और दीदी की उंगलियां मेरे पेशाब में डूब गई थीं दीदी ने उसकी गर्मी महसूस की होगी और उनके चेहरे पर एक शर्मीली मुस्कान आ गयी ये देख कर मुझे उन पर प्यार आ गया फिर वो डिब्बा ले कर बाथरूम गयी और 5 मिनट में वापस आयी उन्होंने लाइट ऑफ कर दी और मेरे बगल में लेट गयीं ......
दीदी ने कुछ देर बाद मेरी ओर करवट ली और अपना एक हाथ मेरे सीने पर रख कर मुझसे लिपट सी गयीं और मेरे गाल को चूम कर बोली गुड नाईट विकी .......मैंने भी उन्हें अपने सीने पर चिपकाते हुए कहा गुड नाईट दीदी और फिर हम नींद में डूबते चले गए .....।

अगले अपडेट में कहानी में एक मोड़ आने वाला है ..... दोस्तों अभी तक कि कहानी कैसी लगी अपने विचार अवश्य दीजिये ।
Lazwaab bro
 

Tiger 786

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मैंने देखा प्रतीक आंख बंद किये लेटा था बेड पर और तभी दीदी दरवाजा धकेल कर ट्रे लिये हुए अंदर दाखिल हुई ...... और बेड के पास जा के खड़ी हो गईं वो कुछ सेकेंड तक खड़ी प्रतीक को देखती रही फिर धीरे से बोली सुनिए ...... उठिए ..... सो गए क्या ....?
उनकी मीठी आवाज़ सुनते ही प्रतीक ने झट से आंखे खोली और दीदी को देखते ही एकदम से उठ कर बैठ गया और बोला आप...... दीदी बोली हां मैं और ट्रे रखते हुए बोली लीजिये हलवा खा लीजिये प्रतीक की नजरें एकदम दीदी को उपर से नीचे तक निहार रही थीं और दीदी शरम से नजरें झुकाए हुए थीं ..... प्रतीक ने कहा बैठो आप भी और दीदी उसके सामने बैठ गईं प्रतीक बस बुत की तरह की दीदी को देखे जा रहा था दीदी ने एक प्लेट उठा कर प्रतीक की ओर बढ़ा दी प्रतीक ने प्लेट ले ली और बोला आप भी लीजिये दीदी ने दूसरी प्लेट उठा ली पर वो चम्मच को हलवे में गोल गोल घुमाने लगी और प्रतीक ने एक चम्मच हलवा मुह में डाल लिया और खाते हुए बोला मीठा कम है दीदी बोली रहने दीजिए फिर मत खाइए मैं दूसरा बना लाती हूँ प्रतीक ने मुस्कुराते हुए कहा उसकी जरूरत नही है मैं अभी ठीक किये देता हूँ इसे फिर उसने एक चम्मच हलवा लिया और दीदी के होंठो तक चम्मच ले आया दीदी ने पहली बार नजरें उठा कर प्रतीक की आंखों में देखा और फिर धीरे से मुह खोल कर हलवा खा लिया प्रतीक ने खाली चम्मच वापस हलवे में डालते हुए एक और चम्मच हलवा खाया और फिर बोला वाह अब तो कुछ ज्यादा ही मीठा हो गया फिर उसने चुपचाप हलवा खाया हां बीच बीच मे वो दीदी को भी खिला देता था प्लेट खाली होने के बाद उसने कहा वाकई बहोत लाजवाब था आपने बनाया है दीदी ने सर हिलाते हुए कहा नही मम्मी ने बनाया है प्रतीक ने पूछा आप भी ऐसा हलवा बना लेती हो या नही मुझे ये हलवा रोज खाना है अगर नही बना पाती तो मम्मी से सीख लेना दीदी ने कहा बना लेती हूं मम्मी ने मुझे खाना बनाना खूब अच्छे से सिखाया है प्रतीक ने कहा फिर ठीक है आज रात का खाना आप ही बनाएगी आपके हाथों से बने खाने का स्वाद तो अलग ही होगा ......, दीदी ने सर हिलाते हुए कहा ठीक है फिर प्रतीक ने थोड़ा सा गंभीर हो कर पूछा निकिता क्या आप मुझे पसन्द करती हैं ...... दीदी ने इस बार कुछ बोला नही बस हां में सर हिला दिया प्रतीक ने कहा ऐसे नही जवाब दो मुझे मुझे कानो से सुननी है तुम्हारे दिल की बात दीदी ने नजरें झुका कर कहा हां प्रतीक मैं आपको पसन्द करती हूं ..... प्रतीक ने बात आगे बढ़ाते हुए कहा फिर बनोगी मेरी दुल्हन दीदी ने एकदम से अपना चेहरा हांथो से ढक लिया और बोली मैं नही जानती प्रतीक दीदी की इस अदा पर फिदा सा हो गया और बोला आई लव यू निकिता मुझे पहली नजर में ही प्यार हो गया था तुमसे जिस दिन तुम्हारी तस्वीर देखी थी फैसला कर लिया था बस यही खबसूरत लड़की मेरी दुल्हन बन कर मेरे घर मे आएगी पर डर रहा था पता नही तुम मुझे पसन्द करोगी या नही ......, पर अब तुम्हारे मुह से ये सुन कर मैं कितना खुश हूं मैं बता नही सकता प्रतीक की बात सुन कर दीदी ने चेहरे से हाथ हटा लिए आए उसकी आँखों मे देखने लगी प्रतीक ने दीदी का हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींच लिया और दीदी उसके सीने से जा लगी प्रतीक ने एकदम से दीदी के माथे को चूम लिया और दीदी प्रतीक के सीने से लग गयी उनकी सांसे तेज हो गयी थी लेकिन प्रतीक ने दीदी को छोड़ दिया और खिसक कर बैठ गया ......
उसने कहा आपका फ़ोन नंबर मिल सकता है लखनऊ जा कर मैं हर रोज आपसे बात करूंगा अब तो एक भी दिन आपके बिना काटना मुश्किल होगा मेरे लिए दीदी ने कहा मेरे पास फोन नही है वो हैरानी से बोला कमाल है आज के जमाने मे बिना फोन के कौन रहता दीदी एकदम झटके से बोल गयीं की पहले था लेकिन फिर पापा ने ले लिया ......
और फौरन उन्हें गलती का अहसास हुआ कि ये उन्हें नही बोलना था पर जबान से निकली बात और कमान से निकला तीर वापस नही आते उनकी बात सुन कर मुझे दीदी की बेवकूफी पर गुस्सा आया , उधर प्रतीक ने पूछा ऐसा क्या हुआ था जो पापा ने आपका फ़ोन ले लिया दीदी ने हकलाते हुए कहा वो मैं फोन में गेम बहोत खेलने लगी थी इसलिए मेरे एग्जाम में मार्क्स कम आये थे तो पापा गुस्सा हुए और फोन ले लिया पर ये कहते हुए वो नजरें चुरा रही थीं प्रतीक ने इस बात को भांप लिया आखिर वो एक जिम्मेवार और अनुभवी इंसान था बैंक की जॉब कर रहा था रोज कितने लोगों को हैंडल करता था उसने दीदी का हाथ पकड़ कर कहा देखो निकिता मुझे तुम्हारे पास्ट से कोई लेना देना नही है मुझे बस इतना पता है कि तुम जो हो जैसी हो मुझे पसन्द हो मुझे तुमसे प्यार है मुझे सिर्फ तुमसे शादी करनी है......
अब मैं अपने हाथों को और तकलीफ नही देना चाहता ये आखिरी बात कहते हुए उसका लहजा कुछ शरारती हो गया था दीदी उसकी बात का अर्थ समझ तो गयीं पर बोली कुछ नही मैं उसकी इस बात पर मुस्कुरा दिया ...... ये भी मुठ मारने में एक्सपर्ट लग रहा था मुझे ....... फिर वो और ढेर सारी बातें करते रहे और अब दीदी भी उसके साथ सहज होने लगी थीं ।
तभी नीचे से मम्मी की आवाज़ निकिता नीचे आओ सब खाना तैयार है और मैं भाग कर दीदी के कमरे में आ गया दो मिनट बाद दीदी कमरे में आई और मुझे देख कर बोली चल नीचे खाना खाने मैंने कहता चलता हूँ पहले ये बताओ जीजा जी ने तुम्हें किस विस किया कि नही वो बोली पागल है क्या हम बस बात कर रहे थे मैंने पूछा अच्छा कैसे लगे वो पसन्द आये या नही दीदी ने सर हिलाते हुए कहा हां अच्छे हैं मैंने किसी बुजुर्ग तरह पूछा तो मैं रिश्ता पक्का समझूँ और दीदी मुस्कुरा कर मेरे सीने से लग गयी मैंने उन्हें कस के हग किया और बोला नीचे चलना है खाना खाने दीदी बोली तुम उन्हें नीचे ले चलो मैं बाथरूम हो के आती हूँ ...... मैंने कहा उन्हें ???? किन्हें???? दीदी बोली अपने जीजा जी को फिर मैं बाहर आया और अपने कमरे में जा कर प्रतीक से कहा चलिए जीजा जी लंच कर लेते हैं वो उठे और हम नीचे आ गए ।
डाइनिंग टेबल डोंगों से भरी पड़ी थी 5 तरह की सब्जी पूरी कचौरी पुलाव पापड़ सलाद प्रतीक की मम्मी श्वेता और पापा पहले से बैठे हुए थे मैं और प्रतीक भी जा कर बैठ गए तभी दीदी भी आ गईं प्रतीक की मम्मी बोली आ बेटी तू मेरे पास बैठ और दीदी उनके पास बैठ गईं प्रतीक की मम्मी ने मम्मी को आवाज़ दे कर कहा आप भी आइये साथ में मम्मी ने कहा पहले आप लोग खा लीजिये कुछ जरूरत पड़ी तो लेकिन वो मम्मी की बात काटते हुए बोली नही बहन जी हमारे घर तो सब साथ ही खाते हैं कुछ जरूरत पड़ी तो कोई भी ले आएगा ये भी हमारा ही घर है अब और फिर मम्मी को भी बैठना पड़ा हमने खाना शुरू किया वाकई खाना लाजवाब बना था मैं खुद ही रोज से ज्यादा खा गया उधर प्रतीक और श्वेता भी खाने की तारीफ करते हुए खाये चले जा रहे थे ....... प्रतीक ने कहा अब तो लगता है मुझे जल्दी जल्दी प्रयागराज आना पड़ेगा मम्मी जी के हाथों का खाना खाने मम्मी ने कहा तो क्या हुआ जब मन करे आ जाना मैं इससे बढ़िया खाना खिलाऊंगी तुम्हे और निकिता तो मुझसे भी अच्छा खाना बनाती है जल्दी से इसे ले जाओ अपने साथ ब्याह के तो रोज ऐसा खाना मिलने लगेगा मम्मी की बात सुन कर दीदी के गाल सुर्ख हो गए प्रतीक ने कहा आज रात का खाना यही बनाएगी फिर मम्मी ने कहा ठीक है और हमने खाना खत्म किया और मम्मी किचन से खीर ले कर आ गईं किसी के पेट मे जगह नही थी पर मम्मी की ये स्पेशल खीर थी जिसका स्वाद दुनिया की हर मिठाई से बेहतर होगा और उससे उठ रही केसर इलायची और गुलाबजल की खुशबू ने एक एक प्याली उठाने पर मजबूर कर दिया हमे खीर खत्म कर के हम सब उठ गए और पापा ने कहा आप लोग थोड़ी देर आराम कर लो फिर मम्मी सफाई में लग गयीं श्वेता दीदी के साथ ऊपर उनके कमरे में आ गयी प्रतीक की मम्मी मम्मी के कमरे में जा कर लेट गयीं और मैं प्रतीक को ले कर ऊपर अपने कमरे में आ गया हम बेड पर लेट कर इधर उधर की बातें करने लगे मेरी पढ़ाई और आगे फ्यूचर प्लान के बारे में फिर थोड़ी देर में हमे नींद आने लगी और हम सो गए शाम साढ़े पांच बजे मेरी नींद खुली देखा तो प्रतीक जागे हुए थे पर लेटे थे मुझे जागा देख कर बोले चलो तुम उठे तो मैं तो बोर हो गया लेटे लेटे मैंने कहा आपको जगा देना था मुझे वो बोले खाते और सोते हुए किसी को डिस्टर्ब करना गलत बात है फिर हम फ्रेश हो कर नीचे आ गए देखा तो सब ड्राइंग रूम में ही बैठे थे सिवा दीदी के पता चला कि वो ऊपर तैयार हो रही हैं मंगनी की रस्म के लिए फिर आधे घंटे में श्वेता उन्हें ले कर आई दीदी ने लाल रंग की साड़ी पहनी हुई थी हाथो में चूड़ियां आंखों में काजल लिप्स्टिक (बाद में मुझे पता चला कि श्वेता अपनी स्टडी के साथ मे ब्यूटीशियन का कोर्स भी कर रही है और दीदी को उसी ने सजाया था) दीदी इस टाइम एकदम पटाखा लग रही थी उन्हें इस रूप में देख कर तो एक बार मेरे लंड ने भी सर उठाना शुरू कर दिया पर मैंने उसे दबा कर चुपचाप पड़े रहने का इशारा किया....., उधर प्रतीक की भी हालत खराब लग रही थी मुझे दीदी का हुस्न उसे दीवाना बना रहा था फिर दोनो ने एक दूसरे को अंगूठियां पहनाई और मिठाई खिलाई हम सब ने दोनो को मिठाई खिलाई और एक दूसरे को बधाई दी फिर दोनो ने मम्मी पापा और प्रतीक की मम्मी के पैर छू कर आशीर्वाद लिया मैंने फोटोग्राफर का काम सम्हाल लिया और pic लेने लगा फिर मम्मी ने दीदी से कहा निक्की अब तू जा के चेंज कर ले खाने की तैयारी शुरू कर आज किचन की जिम्मेवारी तेरी मैं तो थक गई हूं सुबह से काम करते करते ये सुन कर प्रतीक की मम्मी(अब मैं प्रतीक की मम्मी के लिए माँ जी शब्द प्रयोग करूंगा) बोली कि श्वेता तुम अपनी भाभी की हेल्प करोगी किचन में श्वेता ने गर्दन हिला कर हां बोला और फिर वो दोनो ऊपर चली गयी प्रतीक ने कहा विकास मुझे जरा मार्केट ले चलो कुछ लेना है और मैं उनके साथ बाजार आ गया उन्होंने एक मोबाइल शॉप पर गाड़ी रुकवाई और samsung का एक लेटेस्ट मॉडल फोन खरीदा फिर उन्होंने अपनी id से एक जियो सिम लिया उसे एक्टिवेट करवा कर उसमे एक साल वाला रिचार्ज पैक डलवाया सिम को मोबाइल में डाला और फिर कार्ड से पेमेंट किया 27000 रुपये खर्च कर दिए थे उन्होंने एक झटके में इस से मुझे उनकी दीदी के प्रति चाहत का पता भी लगा गया वरना शॉप कीपर ने तो 10-15 हजार की रेंज में कई सारे फ़ोन दिखाए थे हमें फिर उन्होंने एक जगह उसे अच्छे से पैक करवाया । फिर हम घर की ओर चल पड़े रास्ते मे उन्होंने फिर से बियर शॉप पर कार रुकवाई और बोले इस बार मेरी बात माननी पड़ेगी तुम्हें वो उतरे और दो बियर ले कर आ गए एक मुझे पकड़ाते हुए कहा वैसे मैं ज्यादा नही पीता कभी कभी ही पीता हूँ लेकिन एक आज खुशी का दिन और दूसरे आज खाना ज्यादा खा लिया था तो डाइजेशन सही रखने के लिए एक और ले ली ....... उनकी सफाई सुन कर मैं बस मुस्कुरा दिया और हमने अपनी अपनी बियर खत्म की फिर हम घर आ गए ....... और ऊपर मेरे कमरे में बैठे बातें करते रहे फिर रात के खाने के लिए हम इकट्ठे हुए तो पापा ने मुझे कहा कि इन लोगों की कल की टिकट का इंतजाम करना है मैंने एक ट्रेवल एजेंसी को कॉल कर के तीन कंफर्म टिकट बुक करवा दी ।
दीदी ने वाकई लाजवाब खाना बनाया था एक बार हम सब ने साथ मे खाना खाया प्रतीक मांजी और श्वेता तो खाने से ज्यादा खाने की तारीफ करने में वक़्त लगा रहे थे खाना खत्म करने के बाद दीदी ने गाजर का हलवा परोसा और एक बार दीदी की तारीफों के पुल बनने लगे हलवा खाने के बाद प्रतीक ने अपनी जेब से फोन का बॉक्स निकाला और दीदी को देते हुए बोले इतना शानदार खाना खिलाने के लिए ये एक छोटा सा तोहफा मेरी ओर से दीदी ने फोन ले लिए और बॉक्स को उलट पलट कर देखने लगीं
प्रतीक ने पापा से कहा पापाजी मैंने एक फोन गिफ्ट है किया है इन्हें आप इसे ले मत लेना इनसे ........ पापा ने हंस कर कहा ......... अब तुम लोगों के मामले में मैं कौन होता हूँ टांग अड़ाने वाला , फिर काफी देर हम सब मे बातों का दौर चलता रहा और 11 बजे सोने का टाइम हो गया मम्मी और मांजी उनके कमरे में चले गए पापा गेस्ट रूम में हम चारो ऊपर आ गए दीदी श्वेता को अपने रूम में ले गईं और मैं और प्रतीक मेरे रूम में आ गए मैंने उन्हें अपना एक लोअर दिया उन्होंने चेंज किया मैंने भी कपड़े बदले और फिर हम सो गए ......।
अगली सुबह उठ कर हम फ्रेश हो कर नीचे आये सबने साथ मे नाश्ता किया और फिर उनकी ट्रेन का टाइम हो गया उन्होंने अपना सामान पैक किया मम्मी ने सबको उनके कपड़े और पैसे दे कर विदाई की फिर मैं सबको गाड़ी में बिठा कर स्टेशन ले आया ....... साढ़े 10 बजे उनकी ट्रेन आयी और जब मैंने उनका सामान ट्रेन में चढ़ा कर श्वेता और मांजी को उनकी बर्थ पर बिठा दिया और मांजी के पैर छू कर आने लगा तो प्रतीक भी मेरे साथ नीचे आ गए उन्होंने मेरा नम्बर मांगा मैंने उनसे नंबर एक्सचेंज किया फिर ट्रेन ने सिटि बजायी वो ट्रेन पर चढ़ गए और हाथ हिलाते हुए विदा ली ट्रेन चल पड़ी श्वेता भी विंडो से मुझे हाथ हिलाते हुए बाय करने लगी और धीरे धीरे ट्रेन ने गति पकड़ ली .......।
Nice update
 

Lib am

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मैं नीचे आ गया पापा tv पर आईपीएल देख रहे थे मम्मी खाना बना रही थीं ......
मैं भी बैठ कर मैच देखने लगा पापा ने कहा विकास बेटा सबसे पहले तुम शादी के लिए कोई अच्छा सा गेस्ट हाउस लॉन देख लो जो तुम्हे ठीक लगे और कोई हलवाई लाइट वाला माली इन सब से बात कर के सबको एडवांस देते जाओ और घर की भी पेंटिंग करवानी है ये सब निपट जाए तो खरीददारी शुरू कर दो ...... मम्मी और दीदी से सब पूछ पूछ कर करते जाना सब काम ध्यान से करना .....
मैंने कहा ठीक है पापा मैं बस दो तीन दिन बाद से काम मे लग जाता हूँ आप निश्चिंत रहो ...... पापा जानते थे कि मैं काम को ले कर हमेशा से जिम्मेवार रहा हूँ इसलिए उन्होंने सब मेरे जिम्मे कर दिया था ......

तभी दीदी ऊपर से उतर कर आईं और मुझे गुस्से से घूरती हुई किचन में चली गयी ...... फिर जल्दी ही हम सब ने खाना खाया और मैं सोचने लगा आज ऊपर जाने के बाद दीदी से बचना मुश्किल ही नही नामुमकिन होगा .......

खाना खा कर मैं भी पापा के साथ बैठ के मैच देखने लगा एकतरफा से मैच था चेन्नई आराम से जीत रही थी ...... पापा थोड़ी देर बाद बोले ये मैच CSK जीत रही मैं चला सोने व उठ के चले गए लेकिन जल्दी ही वो लौट कर आये और मेरे हाथ मे दीदी का पुराना फोन देते हुए बोले ये निकिता को दे देना मैंने कहा पर उनके पास है तो उनका फोन वो बोले वो कह रही थी कि उसे अपनी फ्रेंड्स के नंबर निकालने हैं जो कि इसी फोन में हैं ...... मैंने फोन ले लिया ....... थोड़ी देर में मम्मी भी किचन समेट कर चली गईं अपने कमरे में ......

और दीदी ने आ कर tv ऑफ कर दिया और कमर पर हाथ रख के मेरे सामने खड़े हो गईं ...... उनका मुझे देखने का अंदाज़ ऐसा था मानो कह रही हों अब बच के कहाँ जाएगा बच्चू ...... मैंने कहा tv क्यों ऑफ कर दी बस 6 ओवर का खेल बाकी था .....
दीदी बोली ऊपर चल मैं तुझे फ़ास्ट बॉलिंग खिलाती हूँ ..... मैं मुस्कुराते हुए उठा और दीदी के साथ ऊपर आ गया ...... मैं अपने कमरे में गया और दीदी अपने कमरे में चली गईं ...... मुझे शरारत सूझी और मैंने अपने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया ...... और कपड़े बदल कर बेड पर लेट गया .......

कुछ देर बाद मेरे कमरे के दरवाजे को दीदी ने नॉक किया और बोली दरवाजा खोला विकी ये क्या हरकत है ..... मैंने सोचा बेवजह बखेड़ा करने से कोई फायदा नही और मैंने दरवाजा खोल दिया .......

दीदी अंदर आईं उन्होंने आज भी ब्लैक वाली नाइटी पहनी थी और अंदर उन्होंने शायद कुछ नही पहना था क्योंकि उनके चूचे चलने पर ज्यादा ही थिरक रहे थे .......

उन्होंने मुड़ कर दरवाजा बंद किया और अधिकार पूर्वक आ कर बेड पर लेट गयीं ....... मैं भी आ कर लेट गया और मेरे लेटते ही दीदी ने पूछा दरवाजा क्यों बंद किया था ...... मैंने कहा बस यूं ही ..... दीदी बोली विकी तू मुझे प्यार नही करता ना बस यूं ही बातें बनाता रहता है ..... मैंने कहा ऐसा क्यों लगा आपको अचानक ...... दीदी बोलीं जिस तरह से तू मुझसे दूर भागता है लगता तो यही है ..... मैंने दीदी का हाथ पकड़ कर कहा ऐसा कुछ नही है दीदी आपके प्रति मेरा प्यार मैं कैसे जाहिर करु वो समझ नही आता पर सच तो ये है आप मेरी दीदी ने होती तो मैं आपसे शादी कर लेता .....

दीदी हंस कर बोली अब तो देर कर दी तूने ये बात कहने में कुछ दिन पहले कही होती तो मैं सोचती इस बारे में लेकिन अब तो मेरी शादी तय हो गयी है ....... मैंने कहा जानता हूँ और ये भी जानता हूँ कि मेरे कहने पर ही आपने इस शादी के लिए हां की है ......

दीदी बोली वही तो मैं तो तेरी हर बात मान लेती हूं चुपचाप पर तू ना जाने क्यों मुझसे दूर भागता है ..... मैंने कहा बस इसीलिए क्यों कि आपकी शादी तय हो गयी है और मैं नही चाहता कि विनय वाले मामले के बाद कोई नया संकट आये आपके जीवन मे हमारा रिश्ता कही से भी सही नही है .......

दीदी मेरी बात सुन के कुछ सोचते हुए बोली पर हमने ऐसा क्या गलत कर दिया भाई बहन एक दूसरे को प्यार करते हैं इसमे तो कुछ गलत नही है ..... . रही बात जो हम थोड़ी सी खुशी एक दूसरे को दे देते हैं उसमें किसी का क्या जाता है अगर हम एक दूसरे के साथ एक दूसरे की मर्ज़ी से कुछ कर रहे हैं तो इसमें गलत क्या है ......?

मैंने बस तब तक गलत नही है जब तक किसी को इसकी खबर नही लगती उसके बाद तो सब गलत ही गलत है और इतना गलत की इससे गलत कुछ नही हो सकता ....... अगर मम्मी पापा को इस बारे में कुछ पता चला गलती से भी इसका क्या अंजाम होगा कभी सोचा है आपने ......

विनय वाले मामले को जैसे तैसे बर्दाश्त किया उन्होंने पर ये शायद ना बर्दाश्त कर पाएं वो लोग .......

दीदी बोली तुम्हारी बातें एकदम सही हैं विकी पर मैं ऐसा कुछ तो नही करती हूं जिस से किसी को हम पर शक हो या कोई गड़बड़ हो ...... मैंने कहा हां सही है पर ये सिर्फ इसलिए है कि हम खुद पर काबू करते हैं आपकी इच्छाओं पर नियंत्रण रखते हैं और यही मैं कह रहा हूँ कि जितना नियंत्रण रखेंगे उतना ही सही रहेगा हम सब के लिए हमारे परिवार के लिए हमारे रिश्ते के लिए .......

दीदी एक गहरी सांस ले कर बोली क्या यार शम्स के इतने मूड में थी मैं लेकिन तुमने तो एकदम गहरी गहरी बड़ी बड़ी बातें कर के सब चौपट कर दिया ...... मैंने कहा प्रतीक से बात कर लो फिर से मूड बन जायेगा ..... दीदी बोली हां लेकिन क्या फायदा तुम तो कुछ करोगे नही मेरे साथ ...... मैंने कहा अभी एक हफ्ता पूरा होने में दो दिन बाकी हैं ....... दीदी बोली ठीक है दो दिन और सही फिर देखती हूँ ...... तुम कहाँ भाग कर छुपते हो ......

तभी मुझे याद आया और मैंने जेब से दीदी का फोन निकाल कर उन्हें दिया ....... उन्होंने फोन ले कर चार्जिंग पर लगा दिया और वापस आ कर लेट कर अपना नया फोन उठा कर प्रतीक को कॉल कर दी ......

लेकिन कॉल रिसीव नही हुई तो मुह बना कर फ़ोन फेंकते हुए बोली किस्मत ही खराब है आज ...... और मैं हंस दिया ...... वो भी मुस्कुराने लगी और उनके गाल में डिंपल पड़ गया और मैंने उसे देख कर मन मे सोच लिया की एक दिन इसे छोटे से गड्ढे को अपने लंड के रस से भरूँगा जरूर ......

और इतना सोचते सोचते ही दीदी के फोन पर प्रतीक का कॉल आ गया ...... दीदी ने कॉल रिसीव किया और स्पीकर ऑन कर दिया ......

प्रतीक- लगता है मेरी सासू माँ को मुझ पर रहम आ ही गया ........

दीदी- हंसते हुए नही ऐसा कुछ नही है मैंने सोचा चलो थोड़ी सी ही बात कर लूं ताकि तुम चैन से सो सको......

प्रतीक - ओह जान कितना ख्याल रखती हो तुम मेरा लव यू सो मच मेरी जान .....

दीदी- लव यू टू जानू ...... पर हर किसी को प्यार की कदर नही होती ......

प्रतीक- ऐसा क्यों कह रही हो ..... जान ऐसा कौन बेवकूफ है जो प्यार की कदर नही करता ......

दीदी- बस यूं ही कहा ......

प्रतीक- खाना खा लिया तुमने ....?

दीदी- हां खा लिया ..... तुमने खाया....?

प्रतीक-अभी नही तुमने आज बात करने से मना किया था तो सोचा आराम से खा लूंगा नही तो रोज 8 बजे तक खा पी के फ़ोन ले के इंतजार करता हूँ तुम्हारी कॉल का ......

दीदी- अच्छा ऐसा क्यों एक दिन भी नही रह सकते मुझसे बात किये बिना ......

प्रतीक- रह सकता हूँ पर मुश्किल तो होगी ही ....... अच्छा लगता है तुमसे बातें करना तुम्हारी आवाज़ सुनना .......

मैं गौर से दीदी विनय की बातें सुन रहा था और खुश भी था कि दीदी को एक अच्छा जीवनसाथी मिला है जिसके साथ दीदी का जीवन खुशियों से भरा होगा ......

दीदी- अच्छा आज ज्यादा बात नही कर सकती अब रखती हूं गुड नाईट जान.....

प्रतीक- ok जानू गुड नाईट ऊऊम्म्म्म तुम्हारे रसीले होंठो पर .....

दीदी- ऊऊम्म्म्म्म तुम्हारे गाल पर ......

फिर दीदी ने फोन काट दिया और मेरे पास खिसक आईं और मेरे पर सीने पर सर रख कर लेट गयीं मैंने भी अपना हाथ उनकी कमर पर रख कर उन्हें खुद से चिपका लिया ....... तभी उन्हें कुछ याद आया और ..... वो उठ कर अपना पुराना फोन ले आईं ...... और उसे ऑन करते हुए बोली निशा (उनकी पक्की वाली सहेली) का नंबर चाहिए वो 20-22 दिन से मिली नही और बात भी नही हुई ......

फोन ऑन हुआ पूरे 27 दिन बाद ये फोन ऑन हुआ था और फोन ऑन होते ही नोटिफिकेशन की बाढ़ सी आ गयी .......


दीदी फोन चेक करने लगीं और थोड़ी ही देर में उनका चेहरा पीला पड़ने लगा ..... वो एकदम से फफक कर रोने लगीं ...... उन्हें रोता देख कर मैं भी हैरान और परेशान हो गया ....... मैंने दीदी को सीने से लगाते हुए पूछा क्या हुआ दीदी ...... आप रो क्यों रही हो वो बोली सब खत्म हो गया विकास ...... विनय ने सब खत्म कर दिया ये पढ़ लो उन्होंने अपना पुराना फोन मेरी ओर बढ़ा दिया .......

मैंने दीदी का फोन देखा व्हाट्सएप्प ओपन था और किसी नंबर से ढेर सारे मैसेज आये हुए थे........ मैंने उन्हें पढ़ना शुरू किया .......

(वो मैसेज मैं ज्यों के त्यों लिख रहा हूँ)

ये मैसेज जिस दिन विनय को थाने बुलाया गया था उस से तीन दिन बाद के थे।

साली रण्डी तुझे क्या लगा मेरी पुलिस कंप्लेन कर के तू बच जाएगी ......

बर्बाद कर दूंगा मैं तुझे मेरे बाप ने मुझे दिल्ली भेज दिया तो क्या हुआ ....... मैं यही से तेरी जिंदगी नरक कर दूंगा कुतिया......

अगर अपनी सलामती चाहती है तो मैसेज पढ़ते ही मुझे इस नंबर पर कॉल करना......

इसके बाद दो दिन बाद कोई मैसेज नही थे
फिर......

साली फोन बंद कर के बैठी है तो क्या हुआ मैं तुझे कहीं से भी ढूंढ निकलूंगा तेरी वजह से मेरी और मेरे बाप की बहोत बेज्जती हुई है और मैं ये बर्दाश्त नही कर पा रहा हूँ अगर मुझसे बात नही की तूने तो मैं तुझे बर्बाद कर दूंगा .........

उसके बाद फिर 4 दिन कोई मैसेज नही थे और अगले दिन ......

बिल में छुपी बैठी है तू और तेरा वो नामर्द भाई जो पुलिस का सहारा ले कर मुझे तुझसे दूर करना चाहता है पर याद रखना ये कानून ये पुलिस कुछ नही उखाड़ सकते मेरा ...... मेरे बाप ने भले ही सब भुला दिया हो पर मैं ना तुझे भूल पाऊंगा ना तेरे नंगे बदन को साली बनेगी तो तू मेरी ही रखैल .......

और फिर अगले मैसेज उस दिन के थे जिस दिन मैं रानी के घर गया था उसे चोदने।

साली रण्डी तेरी एक एक हरकत पर मेरी नजर है शादी फिक्स हुई है ना तेरी ...... मेज देखता हूँ कैसे होती है ये शादी अगर तूने मुझसे बात नही की तो तेरे होने वाले पति को सब बताऊंगा अपने और तेरे बारे में ...... ये भी की तूने मेरा लंड चूसा है और उछल उछल के मेरे लंड से चुदी है ........

अगर तुझे लग रहा है कि मैं बकवास कर रहा हूँ तो ये देख तेरे होने वाले पति का नंबर भी है मेरे पास .......

प्रतीक का नंबर पढ़ के मुझे भी घबराहट होने लगी .......

फिर अगले मैसेज में लिखा था ये देख ले हरामजादी तेरी नंगी तस्वीरें फिर से मेरे पास आ चुकी हैं और अगर दो दिन में तूने मुझे कॉल नही की तो मैं ये तस्वीरें तेरे होने वाले पति को भेज दूंगा .......

उसके बाद दीदी वही सब तस्वीरें सेंड की गई थी जो कि विनय के फोन में थीं .........

उसके बाद आज दोपहर का एक मैसेज था उसमें लिखा था .......

तू ऐसे नही मानेगी फिर मैं ये तस्वीरें भेज देता हूँ तेरे पति को अब तू बर्बाद ......

ये सब पढ़ के मेरी आँखों के आगे अंधेरा सा छा गया और मेरा सर चकराने लगा .....

उधर दीदी फूट फूट कर रोये जा रही थीं मैं उन्हें चुप कराने की कोशिश करने लगा वो मेरे सीने से लग कर सुबकने लगीं .......

किसी तरह मैंने खुद को इस झटके से बाहर निकालते हुए सम्हाला और मैंने बड़े प्यार से दीदी माथे को सहलाते हुए चूम लिया और फिर उनके गालों पर बह रहे उनके आंसू पोछते हुए बोला दीदी आपको मुझ पर जरा सा भी भरोसा है या नही ......?

दीदी ने लाल लाल आंखों से मेरी ओर देखा और बोली मुझे अपनी किस्मत के सिवा सब पर भरोसा है ...... लेकिन मेरी किस्मत में ही दुख लिखे हैं शायद .......

मैंने कहा दीदी ज्यादा कुछ तो नही कह सकता इस समय पर इतना वादा जरूर करता हूँ पिछली बार की तरह ही इस बार भी मैं आपकी इस समस्या को कैसे भी दूर करूंगा आपकी मुस्कान वापस लाऊंगा आपके चेहरे पर ये मेरा वादा है इसके लिए मुझे जो भी करना पड़े करूंगा कोई भी हद पार करूंगा .......

इतना कहते हुए मेरे अंदर दबा हुआ गुस्सा जिसे मैं काबू करने की कोशिश कर रहा था फट पड़ा और मैं गुर्राते हुए बोला विनय सिंह अगर तेरी माँ ना चोदी तो मैं अपने बाप की पैदाइश नही ........ मेरा चेहरे गुस्से से लाल हो रहा था और मेरी आँखें लाल हो उठी थीं .......

दीदी बोली रहने दे विकास तू कहाँ तक मेरे दुख मेरी मुसीबतें अपने सर लेगा अब मुझे मेरे हाल पर छोड़ दे .......

मैंने दीदी को कस के बाहों में जकड़ लिया और बोला प्यार करता हूँ आपसे ..... हद से ज्यादा ..... और शायद मुझे बार बार अपने प्यार को सबित करने का मौका मिल रहा है .......

बस अभी आप रोना बंद करो प्लीज ताकि मैं कुछ सोच सकूं कोई रास्ता कोई तरकीब कोई हल इस समस्या का ......

दीदी ने रोना तो बन्द कर दिया पर उनके चेहरे पर दुनिया भर की उदासी और परेशानी के बादल मंडरा रहे थे ....... मेरी भी हालत कुछ ऐसी ही थी पर मैं उसे अंदर छुपाए हुए था नही तो दीदी को कौन सम्हालता मैं खुद बेड की पुश्त से पीठ टिका कर बैठ गया और दीदी को खींच कर अपनी गोद मे लिटा लिया और उनका माथा सहलाते हुए कहा आप सो जाओ दीदी बस आंखे बंद करो और ये सोचो कुछ हुआ ही नही है और कल सुबह से आपको एकदम नॉर्मल रहना है जैसे कुछ हुआ ही ना हो .......

मम्मी पापा को इस बारे में कोई भनक तक नही लगनी चाहिए ......

दीदी ने कहा है तो मुश्किल काम पर कोशिश करूंगी लेकिन अगर प्रतीक ने मम्मी पापा से कुछ बोल दिया तो क्या होगा मैंने फिर से उनके हाथ को कस के पकड़ते हुए कहा तब जो होगा देखा जाएगा और मैं हूँ ना हर हाल में आपके साथ हमेशा आपके सामने खड़ा हो जाऊंगा हर मुसीबत को आपसे पहले मुझसे टकराना पड़ेगा ......

लेकिन मुझे थोड़ा सा मौका दो शांत दिमाग से सोचने का दीदी ने सर हिला दिया और आंखे बंद कर ली .....

मैंने दीदी का फोन लिया और बारीकी से सारे मैसेज दोबारा पढ़े एक एक मैसेज की तारीख और समय दिमाग मे बिठाया और पिछले दिनों की घटनाओं को याद करने लगा .........

सबसे पहले मुझे ये पता लगाना था कि वो पिक्स विनय को दोबारा कैसे मिले उसने हमसे झूठ बोला था उनकी और कॉपी थी उसके पास या कोई और बात है .........

मेरे इस सवाल का जवाब मेरे ही दिमाग ने दिया अगर उसके पास कॉपी होती तो वो इस धमकी वाले मैसेज के लिए कई दिन इंतजार क्यों करता पहले दिन ही वो बात कहता .......
लेकिन तब तक तो दीदी की शादी की कोई बात थी ही नही ये सब तो अभी दो दिन पहले हुआ और कुछ खास लोगों के सिवा किसी को इस बारे में कुछ पता नही यहां तक कि मुहल्ले में भी सिर्फ शुक्ला अंकल की फैमिली को छोड़ कर कोई नही जानता दीदी की शादी वाली बात ......

और फिर अचानक रानी का नाम और चेहरा मेरे दिमाग मे आया ...... और ये भी याद आया कि उस दिन मेरा फोन उसके घर मे और उसके हाथ मे भी था ....... जब मैं बाथरूम से वापस आया था तो उसने सकपका कर मेरा फोन फेंक दिया था .......

गलती तो हुई थी मुझसे अब इस गलती को खत्म करना था कैसे भी ......

दीदी सो चुकी थी मैंने उन्हें धीरे से तकिए पर लिटा दिया और .......

मैंने अलमारी से विनय वाला फोन निकाला और निकाला सारे फोन ले कर मैं दीदी के रूम में आया दरवाजा अंदर से बंद कर लिया .......

मैंने दीदी के पुराने फोन से विनय का नया नंबर डायल किया ...... घंटी जाने के साथ ही मैंने कॉल को रिकार्ड पर लगा दिया ..........

जल्दी सी उधर से विनय की शराब के नशे में लड़खड़ाती आवाज़ आयी ....... अब आयी ना तू औकात में साली दो टके की लौंडिया तू विनय सिंह को पुलिस से उठवायेगी .......

मैंने एकदम शांत और ठंडी आवाज़ में कहा मैं विकास हूँ निकिता का भाई अब सुन हरामजादे तेरे बाप ने वादा किया था तेरी या उनकी ओर से कोई हरकत नही होगी ईसलिये तू बचा हुआ वरना मैं कब का तुझे काट कर गंगा में बहा देता ........ और हां ये जो तूने दीदी के pic प्रतीक को भेज कर नीचता की है ना इसका अंजाम तू नही सोच सकता बहोत बुरी हालत करूंगा तेरी जिस दिन तू मेरे सामने हुआ .......

मेरी बात सुन कर वो हंसते हुए बोला हरामजादे अब मैं उस शहर से बहोत दूर हूँ तुझे कभी मालूम भी नही होगा मैं कहाँ हूँ और सोच जो इंसान यहां बैठ कर तेरे घर मे चल रही घटनाओं की जानकारी कर सकता है वो क्या नही कर सकता ........ तू मेरी झांट भी नही उखाड़ सकता .....

मैंने अपने शब्दों को चबाते हुए कहा ....... कुत्ते तू भूल गया शायद अभी कुछ दिन पहले थाने में गांड़ पर एक डंडा पड़ते ही तेरी गांड़ फट गई थी दो चार और पड़ते तो पैंट में हग देता तू ....... लेकिन साले तू दोगला है एक बाप की औलाद ही नही है और नामर्द भी है तू एक लड़की को धोखा दे कर उस से प्यार का झूठा नाटक कर के उसे अपने जाल में फंसा कर उसे शादी के सपने दिखा कर तूने उसके जिस्म से खिलवाड़ किया उसकी नंगी तस्वीरें ले ली और उन तस्वीरों के दम पर तू खुद को बहोत बड़ा तीस मार खान समझ रहा है ...... थोड़ा सा इंतजार कर फिर तेरा खेल खत्म .......

विनय बोला ये सब तू जानता है मैं जानता हूँ पर तेरी बहन का होने वाला पति तो नही जानता और कौन तस्वीरें मेरे पास अब कोई तस्वीर नही तेरी बहन की वो तो मैंने आज सुबह ही उसके होने वाले पति को भेज दी थीं और अपने फोन से डिलीट भी कर दी थीं अब कोई सबित नही कर सकता कि मेरे पास तेरी बहन की कोई तस्वीर है ....... उसने देख भी ली हैं और उसका कॉल भी आ रहा था मेरे पास लेकिन मैंने उसका नंबर ब्लॉक लिस्ट में डाल दिया ........

अब रहा होगा ये सोच सोच के तेरी दीदी से शादी करे या नही क्योंकि तेरी दीदी की तस्वीरें देखने के बाद वो सोच रहा होगा ऐसी मस्त लौंडिया को कैसे बिना चोदे छोड़ दूं ........

उसकी ये बात सुन कर इतनी परेशानी में भी मुझे हंसी आ गयी क़ानूनी तौर पर उसे गलत सिद्ध करने के एक हजार तरीके थे मेरे पास पर वो मुझे करना नही था ......

मैंने कहा विनय सिंह अब रखता हूँ जरा तेरी रखैल रानी के हालचाल पूंछ लूं कल सुबह उसे थाने में बिठा कर पूछ ताछ होगी तो वो सारी बातें गा गा कर बताएगी .......

मेरी बात सुन कर वो थोड़ा सा बौखला गया और बोला ...... उसे भी कुछ नही पता मैं कहाँ हूँ वो बस इतना ही बता सकती है कि उसने ही मेरे फोन से जिसे तू इस्तेमाल कर रहा है तेरी बहन की फ़ोटो और तेरी बहनोई का नंबर निकाल कर मुझे दिया लेकिन उसकी भी मजबूरी थी तेरी बहन जैसे उसके भी नंगे pic हैं मेरे पास वो तो मेरी गुलाम है मैं कहूँ तो बीच सड़क पर भी नंगी हो जाएगी ............

अब सब कुछ स्पष्ट था मेरे सामने ...... मैंने कहा रखता हूँ जल्द ही मुलाकात होगी तुझसे मेरी ........

मैंने फोन काट दिया और बैठ कर सोचने लगा ........ बाकी काम तो मैं निपटा लूंगा बस प्रतीक ने pic देख लिए हैं वो कैसे मैनेज होगा .......

मैंने दीदी के फोन से विनय वाली काल रिकार्डिंग अपने फोन में भेज दी और फिर सोचने लगा मेरा सर दर्द करने लगा सोचते सोचते और फिर एक आशा की एक मद्धिम सी किरण मेरे दिमाग के कोने में चमकी ........।
विक्की ने इस बार खुद अपनी बहन की साफे बर्बाद करदी है अपनी हवस में आ कर। अब भले ही उसकी बहन की शादी हो जाये मगर उसका रिश्ता पहले जैसा नही रहेगा। साला एक नम्बर का चु***या इंसान है। अब देखते है ये अपनी बहन को फिर से कैसे बचाता है। क्या ये भी रानी को ब्लैकमेल करके उससे विनय के खिलाफ पुलिस से हेल्प लेगा या खुद ही फिर से कोई चु******पा करेगा। nice update with twist. Waiting for next.
 
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