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Thanks Golu_nd for likeNice update
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Hye ni bhene tu idar v swad lai rhi aaaaThanks Golu_nd for like
Didi je tusi nahin pasand karde ta nahin lavangi,Rubi nu kon naraz kar sakda,oh ta sabh to senior a,Punjab di ModeratorHye ni bhene tu idar v swad lai rhi aaaa
Nice updateअपडेट 11
परिवार में प्यार की शुरुवात
आरोही मॉल में पहुँच कर भैया मुझे क्या दिलाओगे।
राहुल- मेरी गुड़िया को जो चाहिए बोलो मैं तो तुम्हारा गुलाम हूँ
आरोही - मुझे तो जीन्स ,टॉप, लैगिंग्स और वो कुछ और भी चाहिए ।
राहुल - बाकी तो सब ठीक है पर ये ,वो और कुछ क्या है और मुस्कुरा देता है।
आरोही - वो..मुझे अपने अंदर के कपड़े चाहिए ।और शर्मा जाती हैं।
दोनो मॉल में घूम घूम कर देख रहे थे की एक शॉप में वो घुसते हैं । आरोही अपने लिए जीन्स दिखने लगी 2 जीन्स उसने पसंद की और बोली भैया ये कैसी है ।
राहुल उसको कहता है अच्छी है पर एक बार पहन के देख लो फिटिंग सही है की नही ।ठीक है भैया बोल कर वो चेंजिंग रूम में घुस जाती है ।एक एक करके दोनो जीन्स पहन के देखती है बहुत अच्छी फिटिंग लगी उसको, उसने सोचा क्यों ना भैया को भी एक बार दिखा दूँ तो वो जीन्स पहने ही बहार आकर बोली भैया कैसी लग रही हैं।राहुल पलट के देखा तो वो देखता ही रह गया क्या मस्त फिटिंग थी जीन्स की उसकी जाँघ से बिल्कुल ही सट गयी थी।तभी आरोही पलट के अपना सबसे कीमती चीज़ दिखाती है जिसे देख राहुल के मुँह से आह्ह्ह ..निकल जाती है ।जीन्स इतनी लाइट थी की उसकी गांड की दरारों में फंसी हुई थी ।ये नज़ारा राहुल के लंड में आग लगा चुका था ।वो बस उसकी गांड ही घूरे जा रहा था की तभी आरोही बोली भैया पीछे से अच्छी नही लग रही हैं क्या बोलो ना ,राहुल नही नही बहुत अच्छी लग रही है। अब जीन्स को कहा या फिर उसकी गांड के उभार को पता नही । ये तो राहुल ही जाने।
आरोही दोनो जीन्स पसंद करके रख लेती है उसी दुकान से टॉप ले लेती है और फिर वो लैगिंग्स लेने की सोचती है पर उस दुकान में उसे अच्छी लैगिंग्स नही मिलती तो वो किसी और दुकान में जाते है ।वहा काफी अच्छी लैगिंग्स देख कर वो बारी बारी राहुल को पहन के दिखाती हैं जिसे देख राहुल का लोड़ा अब सर उठाने लगा था ।लैगिंग्स में उसके जाँघ के कटाव साफ दिखाई दे रहे थे।और सबसे बड़ी बात ये की लैगिंग्स की वजह से उसकी कच्छी साफ दिखाई पड़ रहा थी की वो कितना छोटा पहनी है।राहुल देख के आहे भरता हुआ मन में उफ्फ्फ्फ़..कितनी कामुक लग रही है आरोही और उसकी छोटी सी कच्छी जो आज तक राहुल ने नही देखी थी । आज वो अपनी ही बहन की गांड और जाँघ देख पगला गया था ।तभी आरोही उसको हिलाते हुए बोली भैया क्या हुआ आपको कब से बोल रही हूँ कैसी लगी बताओ आप कहाॅं खो गये हो ।वो एक दम से अपनी हवस की दुनिया से बहार आकर बोलता है।कुछ नही आरोही ,तो बताओ लैगिंग्स कैसी लगी । राहुल बोलता है अच्छी हैं बहुत अच्छी है आरोही ले ले ।आरोही भी मुस्कुरा जाती है उसे भी पता था की उसके राहुल भैया क्या देख खो गये थे ।दोस्तों सभी लड़कियों को पता होता है लड़के उनको छुप छुप के देखते है और क्या देखते है। वो अच्छे से जानती है।
इधर राहुल भी अपने लिए कुछ कपड़े ले चुका था और अब आरोही कुछ बोलती उसे पहले ही राहुल बोला की चलो तुम्हारे वो कपड़े भी ले ले ।ये सुन आरोही शर्मा जाती हैं ।काफी सारी ब्रा और पैंटी देखने के बाद उसे पसंद नही आ रही थी ।तभी राहुल बोला क्या यार कोई भी ले लो ना इसे कौन देखता है ।इस बात पे आरोही शर्मा के बोलती हैं भैया कोई तो होता ही है देखने वाला और हमे खुद भी तो अच्छा लगाना चाहिए ना तभी तो पहन ने में अच्छा लगेगा ।
राहुल तो एक काम करो सेट ले लो और वो एक दूसरी दुकान में जाते हैं जो बस ब्रा ,पैंटी और अंदर के कपड़ो की ही थी ।राहुल उसको दिखाता हैं ये लाल वाली कैसी है और ये काली वाली भी ।दोनो ही कमाल की ब्रा और पैंटी थी ।एक दम कामुक ,जो देखे देखता ही रह जाये ।आरोही देख के शर्मा गयी की उसके भैया उसकी जवानी ढकने के लिए ब्रा और पैंटी पसंद कर रहे हैं ।आरोही दोनो ही लेकर बोलती है भैया आप रहने दो आपको सा..साइज नही पता तभी राहुल को याद आता है अरे हाँ यार मुझे तो पता ही नही है मैं भी ना और मुस्कुरा जाता हैं।फिर आरोही उसी रंग की अपनी साइज की ले लेती है और जल्दी से अपनी कैरी बैग में डाल देती है ।तभी राहुल को एक बिकिनी पसंद आती है जिसे देख उसके बदन में झुरझुरी हो जाती हैं वो बिकिनी एक डमी को पहनाया गया था ।आरोही की नज़र जब राहुल पे जाती हैं।तो वो बिकिनी को ही देखे जा रहा था ।इतने मैं एक आवाज़ सुनाई देती है ।आरोही तुम यहाँ ? आरोही पलट के देखती है तो वहा निशा खड़ी थी।
आरोही - हेल्लों भाभी वो अचानक ही बोल देती है जिसे सुन निशा शर्मा जाती है।
और इधर राहुल भी थोड़ा घबरा जाता है की ये आरोही क्या बोल गयी ।
निशा - शर्म और मुस्कुराहट लिए बोली तुम भी ना पागल हो पुरी की पुरी ऐसा कुछ नही हैं।
आरोही - अच्छा जी कुछ नही हैं तो शर्म से चेहरा लाल क्यों हो गया आपका और हमेशा आप भैया के साथ ही क्यों रहती हो ।कोई और मर्द पसंद नही आता ना और वो हँसने लगती है ।निशा का चेहरा शर्म की लाली से लाल हो चुका था अब वो क्या बोलती सच तो यही था।
राहुल - आरोही क्या बोल रही है तु ,कुछ भी बोलती है निशा और मैं अच्छे दोस्त हैं।
आरोही - अब बस करो भैया कितना झूठ बोलोगे अपनी बहन से आपको प्यार ही नही है मुझसे वरना कब के मुझे मेरी भाभी से मिलवा देते वो मुँह बना के बोलती है ।
निशा भी उसकी इस अदा पे फ़िदा हो गयी थी ।उसने मन में बोला क्या बात है आरोही लगता है मेरी ननद ही मेरा पति मुझे देगी वरना ये बुद्दू राम तो कुछ बोले से रहे ।
राहुल - अरे मेरी आरोही ऐसा कुछ नही है और ये तेरा झूठ मुठ के रूठने का अंदाज़ अब पुराना हो चुका है चल अब घर चलते है ।
निशा - थोड़ी देर रुकों ना राहुल तभी आरोही बोली देखा ना भैया ,भाभी की तड़प बेचारी आप के साथ रहने के लिए कितना तड़प रही है और हँसने लगती है।इस बात पे दोनो ही शर्म से मुस्कुरा देते है आखिर दिल की बात दोनो ने नही बोली पर आरोही ने तो बोल दिया ना ।
राहुल और निशा दोनो एक दूसरे को देख मुस्कुरा रहे थे की तभी आरोही एक और बम फोड़ देती है अच्छा जी अब आँखों ही आँखों में इशारा हो गया ये दिल अब से तुम्हारा हो गया और फिर हँसने लगती है ।ये सुन दोनो ही झेंप जाते है ।कुछ समय तक कोई नही बोला तो आरोही बोली अब घर नही चलना क्या अब देर नही हो रही है ।
राहुल - मैं तो कब से बोल रहा था चल तु ही पता नही क्या क्या बोले जा रही है ।
आरोही - अच्छा जी चलो ठीक है और निशा जी क्या कर रही हो आप यहा ??
निशा - कुछ कपड़े लेने आयी थी ।और जब तुम्हे देखा तो चली आयी ।
आरोही - मेरे लिए चली आयी या किसी और के लिए और मुस्कुरा देती है।
ऐसे ही काफी देर हँसी मज़ाक होता है तीनो ही कैफ़े में बैठ के कुछ खाते पीते हैं।और अपने घर के लिए निकल जाते हैं।
इधर रामदास ,तिवारी के घर पे था ।तिवारी ये हैं कौन जो हमसे दोस्ती करना चाहता है ।
रामदास - पता नही तिवारी जी पर ये चिठ्ठी पे तो बस एक नंबर ही लिखा है ।
तिवारी- चल फोन कर इस नंबर पे पता तो चले ये हैं कौन ,जो उस मादरचोद राहुल से बदला लेना चाहता हैं।
रामदास कॉल लगता है थोड़ी ही रिंग के बाद कोई कॉल उठा के बोलता है ।हेल्लों रामदास क्या सोचा फिर तुमने ?
रामदास और तिवारी दोनो ही हैरान थे की उसे कैसे पता की कॉल रामदास ने किया हैं। तभी तिवारी बोला कौन हैं तु क्या चाहता है।
- मैं वही चाहता हूँ तिवारी जी जो तुम चाहते हो।
तिवारी - मैं तो उस मादरचोद राहुल की मौत चाहता हूँ और उसकी बहनो को धंधे पे बैठा ना चाहता हूँ।
- हाथ मिला लेते है जब अपना दुश्मन एक ही हैं तो।
तिवारी - वो सब तो ठीक हैं पर तुम हो कौन और तुम राहुल से बदला क्यों लेना चाहते हो ।
- मैं कौन हूँ मत पूछो पर इतना जान लो ।राहुल और उसके परिवार की बर्बादी ही मेरा मकसद हैं।
तभी रामदास बोला तो आओ मिल के बात करते है ।
- नही रामदास मैं किसी से नही मिलता मेरा आदमी तुम से मिल लेगा ।और कॉल कट हो जाता हैं।
तिवारी - ये बहनचोद हैं।कौन ? कुछ देर सोच के जो भी हो अपना क्या मुझे उस मादरचोद को मार के उसकी बहने चोदनी है बाद में सारा इल्ज़ाम इसपे ही डाल देंगे और हँसने लगता हैं।
रामदास- तिवारी जी थोड़ा सतर्क रहिये कही ये चंद्रभान की चाल ना हो वरना बुरा फंस जाएंगे ।
तिवारी - हम्म..तु ठीक कहता है रामदास हो सकता है ये कोई चाल हो मुझे फंसने की मान गया तेरा दिमाग़ भी कभी कभी काम करता है और दोनो हँसने लगते है । चल जाम पीते है और उस राहुल की बर्बादी का प्लान करते है अपने इस नये दोस्त और उस मादरचोद के पुराने दुश्मन के साथ मिलकर और जाम पीने लगते है।।
रामदास- मुझे तो लगता है वो भी उसकी बहने चोदना चाहता होगा तभी साला अपने से हाँथ मिला रहा हैं।
तिवारी - अरे क्यों ना कोई उनको चोदे साली क्या गजब की माल है रंडिया ।देख के ही लंड खड़ा होने लगा था ।पता नही उसकी रंडी बहनो के चक्कर में उसने कितने दुश्मन बना लिए है ।
रामदास- जितने भी हो अपने तो दोस्त ही है तिवारी जी और दोनो हँसने लगते है
दोनो नशे में चूर हो गये थे।तभी रामदास बोलता है वो निशा रंडी भी माल है साली उसको तो अपनी रखैल बनाऊगा ।
तिवारी - एक जोर का झापड़ उसके गालो पे दे मरता है
रामदास- ये मारा क्यों मुझे उस निशा के लिए ?
तिवारी- बहनचोद वो तेरी रखैल नही मेरी बीवी बनेगी ,साली को जब से देखा लंड टनटना गया ।और पूरे 10 बच्चे करूंगा उसकी कोख से पुरी चूत फाड़ दूँगा उसकी ,नशा तिवारी के सर चढ़ बोल रहा था ।वो फिर बोला रामदास कोई रंडी बुला यार कितने समय से कोई चूत नही मारी।
रामदास- ठीक हैं तिवारी जी और कॉल करके अपने दलाल से दो रंडी की बुकिंग कर देता हैं।
घर पे सबको आरोही अपने कपड़े दिखा रही थी तभी गरिमा बोली वाह आरोही कितनी मस्त लैगिंग्स ली हैं तूने ।
बरखा - कितनी खुश हैं मेरी बच्ची ,किसी को नज़र ना लगे इस घर की खुशियों की और उठकर चाय बनाने किचन में चली जाती हैं। तभी निधि भी जिम से आ जाती हैं आज निधि ने भी कमाल की लैगिंग्स पहनी थी जिसे देख राहुल की नज़र ही नही हट रही थी ।ये निधि देख लेती है और जानबूझ के पलट के अपनी गांड का उभार उसके सामने कर देती हैं ।और ये देख के राहुल सपकपा जाता हैं। और अपने मन में उफ़.. क्या गांड है दीदी खा जाऊं तेरे इन चुतरों को, इधर निधि झुक झुक के गांड को दिखा रही थी वो जानती थी की उसका भाई उसके नितंब देख रहा होगा ।और मन में बोली देख ले भाई अच्छे से मज़ा ले ले तेरे लिए ही हैं।तभी गरिमा और आरोही की नज़र राहुल पे जाती हैं जो निधि की ही गांड को घूर घूर के देख रहा था ।आरोही देख मुस्कुरा देती है। भैया निधि दीदी की भी,जबकी गरिमा भी शर्मा जाती है की उसका भाई कितना बेशर्म है सब के सामने अपनी ही बहन की गांड देख रहा हैं।तभी बरखा की आवाज़ आती हैं।निधि बैठ जा खड़ी क्यों है।ये सुन चारों ही अपनी ख्यालो की दुनिया से बहार आते हैं। बरखा चाय लेकर आती हैं और सब मिलकर चाय पीते हैं। आरोही देखो दीदी मेरे नये कपड़े वो बहुत खुश होकर दिखा रही थी ।निधि भी एक एक करके सारे कपड़े देखती हैं।तभी उसकी नज़र कैरी बैग पे जाती हैं जिसमे शायद कुछ था
उसे लगता हैं।वो उस बैग में हाँथ डालकर कुछ निकलती हैं तो उसके हाँथ में ब्रा पैंटी का एक सेट आ जाता हैं।जो लाल रंग का था जिसको देख सभी आचंभित हो जाते है और आरोही शर्म से लाल हो जाती हैं।
निधि ये क्या है वो खोलकर दिखती है क्या मस्त ब्रा और पैंटी थी दोनो ही लाल रंग की होने से वो और कामुक लग रही थी ।इतने में आरोही निधि से छिन के बैग उठकर जल्दी से अपने कमरे में भाग जाती हैं।और यहाँ सब के चेहरे पे मुस्कुराहट आ जाती है ये निधि ने जानबूझ के किया या अनजाने में ये तो वही जाने पर उसने राहुल के चेहरे को अच्छे से भांप लिया था की ब्रा और पैंटी देख के उसके चेहरे पे एक अलग ही चमक आ गयी थी ।
सब चाय पीकर अपने अपने काम में लग जाते हैं। निधि अभी थोड़ा आराम चाहती थी तो वो अपने कमरे में चली जाती हैं।राहुल के ज्यादा दोस्त नही थे वो अपने कमरे में जाने ही वाला होता हैं।की तभी बरखा उसे बाजार से कुछ समान लाने का बोल देती हैं। इधर आरोही अभी भी शर्म से लाल हुए जा रही थी सोच सोच के की उसकी ब्रा और पैंटी सब ने देख ली और भैया उफ़..क्या सोचेंगे वो अपने आप को मरते हुए तु भी ना आरोही संभाल के नही रख सकती थी। और ये दीदी भी ना कुछ समझती ही नही हैं।तभी उसे मॉल वाली बात याद आती है कैसे राहुल उसके लिए ब्रा और कच्छी पसंद कर रहा हैं और भैया के ही पसंद की ब्रा और पैंटी ही तो ली हैं और रंग भी वही ये सोच के वो मुस्कुरा जाती हैं। और एक दम से उसके मुँह से निकल जाता है बुद्दू भैया बहना के लिए ब्रा पैंटी पसंद कर ली ।तभी निधि जो उसके कमरे में आ चुकी थी वो बोली क्या ये ब्रा पैंटी का सेट भाई की पसंद का हैं।ये सुन आरोही चौंक जाती है और घबरा के बोलती है नही नही दीदी ऐसा कुछ नही है ये तो मैंने खुद पसंद की हैं।
निधि पर तु अभी बोली ना की भाई पसंद किया था साली अब झूठ भी बोलने लगी अपनी बहन से वो मुस्कुरा के बोलती हैं। आरोही शर्म से लाल हो जाती हैं फिर से उसको कुछ बोलता ना देख निधि फिर बोलती हैं।बोल ना आरोही भाई ने पसंद करके दी हैं क्या ?? आरोही कुछ बोलती नही हैं बस सर हिला के हम्म. कहती हैं।
निधि मुस्कुरा के क्या बात है आरोही इतना प्यार भाई और बहन में की भाई अपनी बहन के लिए ब्रा और पैंटी का सेट पसंद करता हैं। ये सुन आरोही भी मुस्कुरा देती और शर्म से लाली लिए हुए सर झुकाये बोलती हैं वो..वो.. दीदी पता नही क्यों पर अचानक ही भैया बोले की मुझे सेट ही लेना चाहिए और वही अपनी पसंद से लेकर दिये
निधि अच्छा जी मतलब भाई तुझे ऐसी ही ब्रा और पैंटी में देखना चाहता हैं।
आरोही सर निचे किये ही पता नही दीदी पर उनकी पसंद की ही हैं।निधि दिखा ना अपनी जवानी का समान ढकने वाली चीज़ को मुझसे क्या शर्माना यार थोड़ी देर बाद आरोही अपने हाँथ को निधि की तरफ बढ़ा के लो दीदी देख लो ।निधि इस बार काले रंग वाली निकल के कहती हैं।उफ्फ्फ..कितनी कामुक हैं यार, इसमें मस्त लगेगी तू बिल्कुल सनी लियॉन जैसे और हँसने लगती हैं।
आरोही और शर्मा जाती है और बोलती हैं क्या दीदी आप भी ना लाओ मुझे दो । निधि अभी पहन के सनी लियॉन बनेगी क्या और जोर जोर हँसने लगती हैं
आरोही अब क्या कहती बेचारी आज उसको शर्म और लाज़ का सही मतलब पता चला था की औरत के लिए शर्म कितनी ज़रूरी होती हैं।
निधि कुछ सोच के बोलती हैं।अच्छा एक काम करना आज ये पहन के भाई को दिखा ही देना की कैसी हैं उनकी पसंद और खिलखिला जाती हैं।आरोही थोड़ी हिम्मत करके दीदी आप बहुत मज़े ले रही हो आपको मैं बताउंगी मौका मिला तो, निधि अरे अब कुछ गलत कहा मैंने ,भाई ने अपनी पसंद की दिलवाई हैं तो उसको भी तो देखना होगा ना की तेरे पे ये रंग खिल रहा हैं की नही वरना उसे कही ये ना लगे की उसकी पसंद खराब हैं।
आरोही दीदी बस आपका हो गया ना अब जाओ अपने कमरे में तभी गरिमा आवाज़ लगती हैं आकर खाना खा लो महारानी साहिबा उतना सुनते ही दोनो खाना खाने निचे चली जाती हैं। खाना खाते समय निधि बोली मम्मी कल मैं भी दुकान पे चलूंगी ।बरखा निधि को देखते हुए ।तु कब से काम के प्रति जाग गयी है भैंस कही की जब देखो सोना और खाना गरिमा से सिख कुछ कितनी प्यारी हैं मेरी बच्ची कितना काम करती हैं।तभी गारिमा को अपनी चुदाई याद करने लगती हैं और मन में बोलती हैं,हाँ मम्मी मुझसे सीखेगी तो इसको पापा से चुदवाना सिखा दूंगी ।
निधि- मम्मी वही तो सिख रही हूँ काम करूंगी तभी तो सीखूंगी ना आप भी मुझे कुछ करने देंगी तब ना ।गरिमा ठीक हैं तुम भी चलना ।तभी बरखा बोली अरे ये भी चलेगी तो कॉलेज कब जाएगी ।इतने में निधि बोली मम्मी कल छुट्टी है रविवार है ।बरखा अच्छा अच्छा मैं तो भूल ही गयी थी पर तु दुकान चलेगी तो घर पे राहुल और आरोही का ध्यान कौन रखेगा ।
निधि मम्मी ये कोई बच्चे नही हैं जिनके लिए कोई नौकरानी चाहिए और राहुल आरोही का ध्यान रख लेगा और आरोही राहुल का ,गरिमा -सही बोली मम्मी निधि अब ये बड़े हो गये हैं खुद अपना ध्यान रख लेंगे ।खाना ख़तम हो गया और सब सोने चले गये ।
दूसरी तरफ तिवारी जोर जोर से अपना लंड पेल रहा था आह्ह्ह.. निशा रंडी साली तेरी चूत का भोसड़ा करू उफ्फ्फ..क्या चूत हैं तेरी भड़वी आह्ह्ह...
-आह्ह्ह तिवारी जी धीरे चोदो आह्ह..उफ्फ्फ..बहुत दर्द हो रहा है तिवारी जी
चुप साली धंधे वाली दो टके की रंडी दोनो ही चरमसुख के करीब पहुंच गये थे ।कुछ ही धक्कों के बाद तिवारी झड़ने लगता हैं आह्ह्ह..निशा.....और हांफ्ता हुआ बिस्तर पे गिर जाता हैं।
रामदास भी झाड़ के शांत हो चुका था ।नशा उसपे हावी हो गया था जिससे उसकी आँख बंद हो चली और कब सो गया पता ही नही चला।
तभी तिवारी बोला मज़ा आ गया निशा तुझे चोद के साली बहुत बनती थी ना रंडी तु । तभी एक आवाज़ आयी ये निशा कौन हैं तिवारी जी ?
तिवारी साली तु निशा हैं और पूछती हैं कौन हैं निशा ?
मैं निशा नही हूँ मैं तो ममता हूँ ।
तिवारी जैसे तैसे उठकर देखता हैं नशे के मारे वो भी अब पस्त हो चुका था ।तु कौन हैं बे साली ?
मैं ममता रांड हूँ अपने बुलाया था ना चोदने के लिए दीजिये मेरे पैसे ,तिवारी हट बहनचोद मुझे लगा निशा चुदवा रही हैं । तिवारी जी आज भी मुफ़्त में चोदोगें क्या कभी तो पैसा दे दीजिये ।
तिवारी -चल निकल साली रंडी तेरा धंधा बंद करवा दूंगा समझी ना चल निकल सोने दे बोलकर सो जाता हैं।
ममता रांड - साला भड़वा कही का जब देखो मुफ़्त की चूत चाहिए हरामी को, एक दिन तेरी बेटी तुझसे ना चुदवाया तो मेरा नाम भी ममता रांड नही बोलकर कपड़े पहनकर चली जाती हैं।
इधर राहुल आज के दृश्य को याद करके गरम हो चुका था पहले आरोही की गांड और बाद में निधि की गांड उफ़..मेरी ये बहने और लंड बहार निकाल के हिलाने लगता हैं।।आह्ह्ह...आरोही मेरी बहन कब देगी मुझे अपनी चूत आह्ह्ह.. आरोही ,ये सब दरवाजे पे कोई कान लगा के सुन रहा था तभी राहुल के मुँह से आवाज़ निकलतीं आह्ह्ह ..निधि दीदी तुम कब दोगी अपनी मस्तानी गांड कितना तड़पाओगी अपने भाई को आह्ह .. मेरी रंडी दीदी चुदवा लो अब रहा नही जाता और थोड़ी ही देर में लंड माल उगल देता हैं।
आरोही अपने कमरे में लेट कर सोच ही रही थी की आज उसके भैया कैसे उसकी गांड को खा जाने वाली नज़र से देख रहे थे वो मुस्कुरा जाती है सोच के तभी निधि उसके कमरे पे ठक ठक करती है ।आरोही कौन है ?
मैं हूँ आरोही खोल ना कुछ बात करनी है आरोही उठकर दरवाजा खोल देती है और दोनो बिस्तर पे बैठ के बाते करने लगती है ।निधि अच्छा सुन तूने भैया का मोबाइल फोन देखा की नही ?
आरोही - नही देखा दीदी एक बार कोशिश की थी पर फोन लॉक था तो नही दे पायी ।
निधि -अच्छा कोई बात नही सुबह कोशिश करना या अभी जाकर देख ले
आरोही अभी नही दीदी मुझे अब नींद आ रही है कल सुबह सुबह देखूंगी क्या हैं फोन में जो आप इतना कह रही हो ।
निधि - ठीक है और कल भाई को ब्रा और पैंटी पहन के दिखा देना
आरोही - आ..दीदी कितनी गंदी बातें करने लगी हो आप भैया को कैसे दिखा सकती हूँ ।
निधि - अरे नही दिखाएगी तो भाई को लगेगा की उसकी पसंद अच्छी नही है ।
आरोही - हम्म.. बात तो सही पर भैया को कैसे मुझे शर्म आएगी ।
निधि - शर्माएगी तो फिर कभी नही दिखा पायेगी और कल तुम दोनो के लिए ही तो मैं भी दुकान जा रही हूँ जो करना हैं कल कर लेना और हँसने लगती हैं आरोही शर्म से लाल होकर गर्दन निचे करके बोलती हैं दीदी आप भी ना बहुत हुआ अब आप जाओ अब वो इतना बोली ही थी की निधि बोली ठीक हैं मैं जा रहूँ हूँ और वो रूम से निकल के चली जाती हैं।
इधर निधि को रूम में ना देख गरिमा जल्दी से सुरेश को फोन करती हैं। 2 ही रिंग में सुरेश कॉल उठा कर बोलता हैं।
सुरेश - हेल्लों गरिमा डार्लिंग
गरिमा - हेल्लो पति परमेश्वर जी कैसे हो आप ठीक से पहुंच गये थे ना ।
सुरेश - हाँ जान पहुंच गया था तुम बताओ चूत की खुजली कैसे मिटा रही हो
गरिमा - खुजली किस से मिटवा लूं राजा जी आप तो हैं नही ये खुजली बढ़ती जा रही हैं।
ये बात कोई सुन रहा था पर कौन ??
सुरेश - आकर मिटा दूंगा डार्लिंग थोड़ा और इंतज़ार कर लो ।तभी सुरेश बोलता हैं बरखा का कॉल आ रहा है बाद में बात करता हूँ और कॉल कट करके बरखा का कॉल उठा कर बोलता हैं।
सुरेश - हेल्लों जान क्या कर रही हो।
बरखा - कहाॅं लगे हुए थे जब से गये हो ना कोई कॉल ना कोई खबर दिये हो
सुरेश - जान काम करने आया हूँ तो काम ही करूंगा ना
बरखा - जल्दी आ जाओ ना बूर में चुनचुनी हो रही हैं कितने दिनों से आप से चोदी नही हूँ ।
सुरेश - बिल्कुल मेरी जान जल्दी ही आता हूँ
इस तरह दोनो काफी देर बात करते हैं और कॉल कट करके सोने चल देते हैं अगली सुबह क्या लेकार आएगी पता नही ।
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सुरेश की वापसी
राहुल की आँख एक आवाज़ से खुलती हैं।भैया दरवाजा खोलो ना ये आवाज़ आरोही की थी। क्या हैं आरोही सोने दे ।भैया खोलो तो सही पहले, मम्मी नास्ता करने के लिए बोला रही हैं। राहुल उठ कर दरवाजा खोल के सो जाता हैं आरोही अंदर आकर बोलती हैं उठो भैया सुबह कब की हो गयी है ।तभी उसकी नज़र उसके फोन जाती हैं वो उठकर देखती हैं।तो वो अभी भी लॉक था ।आरोही सोच रही थी की कैसे खोले और वो चुपके से राहुल की ऊँगली सेंसर पे लगती हैं और मोबाइल खुल जाता है।आरोही फोन लेकर अपने कमरे में भाग जाती हैं।और दरवाजा बंद करके फोन के गैलरी को खोलती हैं।जिसमे बहुत सी फोटो थी उसमे एक फोल्डर का नाम आरोही लिखा था ।जैसे ही वो फोल्डर खोलती है उसकी आँखें बड़ी हो जाती हैं।वो कुछ समझ नही पाती की ये सब क्या है। पर दूसरे ही पल वो मुस्कुरा देती हैं।और बोलती हैं।अच्छा तभी मेरे प्यारे भैया की नज़र मेरी गांड पे रहती हैं। एक एक कर के सारी फोटो देखती है।उसी फोटो में एक फोटो आयशा की आ जाती हैं।जिसमे आयशा के मोटे मोटे चुचे उसकी चोली से झाँक रहे थे ऐसी कई फोटो थी आयशा की वो देख चोंक जाती हैं और बोलती हैं मतलब भैया आयशा के भी दीवाने है । जैसे समय ठहर गया हो उसको कुछ होश ही नही था । ऐसे करके हो सारे फोटो देख लेती हैं ।
सुबह 10 बजे राहुल सो कर उठता है।और फोन ढूंढने लगता है।उसका फोन नही मिलता तभी उसको याद आता है की सुबह आरोही आयी थी ।कही वो तो फोन नही ले गयी।ये सोच के उसकी गांड फट जाती हैं। वो जल्दी से आरोही के कमरे में जाता हैं पर आरोही वहा नही थी । तभी एक आवाज़ उसके कानो में आती हैं।भाई नास्ता तो कर ले कितना सोता हैं ।ये आवाज़ गरिमा की थी।
हाँ दीदी अभी करता हूँ ,दीदी वो आरोही कही दिखाई नही दे रही कहा चली गयी ।
गरिमा - वो तो निधि के साथ छत पे गयी हैं।कपड़े सूखने के लिए । वो तुरंत छत पे जाने लगता हैं और मन में सोचता है कही आरोही ने उसके फोन से उसकी और आयशा की फोटो तो नही दे ली होगी। छत पहुंच के उसने देखा की निधि और आरोही हँस हँस के बाते कर रही थी।तभी राहुल को देख निधि बोलती हैं। गुड मॉर्निंग भाई।
राहुल - गुड मॉर्निंग दीदी ।
आरोही कुछ नही बोलती हैं।उसको कुछ ना बोलता देख राहुल परेशान हो जाता हैं और मन में सोचता है ,हे भगवान बचा लेना ।
राहुल - आरोही तुमने मेरा फोन देखा हैं क्या ?
आरोही कुछ नही बोलती उसके बदले निधि बोलती हैं।
भाई फोन तो देख लिया और उसके अंदर क्या था वो भी और हँसने लगती हैं।
राहुल - माफ़ कर दो मुझे गलती हो गयी है अब से कुछ भी नही करूंगा ऐसा वैसा प्लीज माफ़ कर दो।
निधि - मुस्कुराते हुए भाई माफ़ी मांगने से क्या होता हैं।भला बहन की ऐसी फोटो कोई लेता हैं क्या और लेना छोड़ो कोई बहन की वो चीज़ देखता हैं।
राहुल उदास मन से मुझे माफ़ कर दो मैं भूल गया था बहन के लिए ऐसा सोचना पाप होता हैं।उसकी ऑंखे नम हो चुकी थी । जब आरोही ने राहुल की आँखों में पानी देखा तो उसका दिल जल गया और वो एक दम से अपने भैया से लिपट गयी और बोली ।आप रो क्यों रहे हो ।
राहुल कुछ नही बोलता वो आरोही को अपनी बाहों में जोर से जकड़ लेता हैं। तभी निधि कहती हैं बस बस सारा प्यार छत पे ही कर लोगें क्या कुछ कमरे के लिए भी बचा के रखो और हँसने लगती हैं। इस बात पर आरोही भी मुस्कुरा देती हैं। राहुल और आरोही अलग होते है और आरोही बोलती हैं आप बुद्दू हो पागल हो ।
इसमे रोने वाली क्या बात है ।राहुल बोला तुम बात नही करोगी तो रोना तो आएगा ही ना !
आरोही अच्छा जी बात नही की तो रोना आ गया और मेरी गंदी गंदी फोटो जो अपने फोन में छुपा के रखते हो उसका क्या ।इस बात पे राहुल कुछ नही बोल पाता । बोलो भैया क्यों खींची ऐसी गंदी फोटो बताओ मुझे तभी निधि बोली अब ये क्या बोलेगा ये तो कल रात ही हम दोनो को प्यार देने के लिए बेक़रार था और मुस्कुरा देती हैं। इस बात पे आरोही भी मुस्कुरा देती हैं। तभी गरिमा आ जाती हैं और कहती है तुम लोगो को कोई काम धाम है या नही इतनी देर हो गयी हैं अब तक कपड़े नही डाले गये तुम दोनो से और ये राहुल घुटने पे क्यों बैठा हैं।
आरोही कुछ नही दीदी भैया को अपना फोन चाहिए था इसीलिये वो घुटने पे बैठ के माफ़ी मांग रहे हैं।
गरिमा - कुछ सोच के फोन के लिए माफ़ी कुछ समझ नही आया ।
निधि - दीदी फोन के लिए नही अपना माल गलत जगह उगलने के लिए और हँसते हुए निचे भाग जाती हैं साथ में आरोही भी ,गरिमा ये किस माल की बात कर रही हैं।राहुल समझी नही मैं ,राहुल अपने आप को सम्भलते हुए पता नही दीदी और वो भी निचे भाग जाता हैं।
सब नास्ता कर चुके थे। बरखा ,गरिमा और निधि दुकान जाने के लिए निकलने वाली थी ।तभी निधि आरोही के कान में बोलती हैं भाई को पहन के दिखा देना इतना सुनते ही आरोही मुस्कुरा देती हैं।
राहुल आरोही को बोल कर अपने कुछ दोस्तों के पास निकल जाता है ।आज आरोही घर में अकेली थी ।वो अपने कमरे में बैठ के सोच रही थी की वो कैसे भैया के सामने ब्रा और पैंटी में जाएगी । ऐसा ही सोच रही थी थी की उसका फोन की रिंग बजने लगती हैं।वो देखती हैं तो रोहिणी का कॉल हैं। वो उठती हैं और हेल्लों बोलती हैं।तभी उधर से एक आवाज़ आती हैं।आअह्ह.. मत करो प्लीज आह्ह्ह..
आरोही - रोहिणी ये आवाज़ कैसी हैं
- ये सुन उधर से एक आवाज़ आती हैं साली चुदवा रही हैं तो चिल्ला रही हैं।
आरोही - तुम कौन हो
- मैं तेरा आशिक हूँ जाने मन और तुझे भी समय आने पे ऐसे ही चोदेंगे और हँसते हुए कॉल कट हो जाता हैं।
आरोही परेशान हो जाती हैं ये किसकी आवाज़ दी और रोहिणी के साथ ऐसा कौन कर सकता हैं । वो दोबारा कॉल करती हैं तो नंबर बंद आ रहा था वो एक गहरी सोच में थी की तभी दरवाजे की घंटी बजी तो उसने जाकर दरवाजा खोला सामने राहुल खड़ा था ।उसने हाथ आगे करके आरोही को गुलाब के फूल देते हुए सॉरी बोला ।मुझे माफ़ कर दे बहन पता नही कैसे मैंने तेरी वो फोटो ले ली ।
आरोही इतना सुनते ही हँसने लगती हैं और बोलती हैं भैया आप सच में पागल हो मैं आप से नाराज़ नही हूँ आप पहले अंदर आओ ।दोनो हॉल में सोफे पे बैठ जाते हैं।आरोही भैया आप भी ना इसकी क्या ज़रूरत थी ।
राहुल मुझे लगा तुम को बुरा लगा होगा अपनी फोटो देख के ,आरोही मुस्कुरा देती हैं और कहती हैं हाँ बुरा लगा क्यों की आप चोर हो ।
राहुल - चोर ? मैंने क्या चुराया है
आरोही - अपने मेरा दिल चुराया हैं। इतना बोल के वो चुप हो गयी ।
राहुल - क्या...क्या बोला आरोही
आरोही मुस्कुराते हुए नही सुना तो मैं कुछ नही जानती अब मैं दोबारा नही बोलने वाली और जल्दी से अपने कमरे में भाग जाती हैं।
इधर राहुल सर खुजाते हुए ।क्या सच में आरोही मुझसे प्यार करती हैं। तभी दरवाजे पे घंटी बजती हैं। वो जाकर दरवाजा खोलता हैं तो सामने सुरेश खड़ा था
सुरेश अंदर आकर सोफे पे बैठ के आराम करते हुए राहुल बेटा पानी पिला दे ।राहुल तुरंत पानी लेकर अपने पापा को देता हैं। दोनो बैठ के बातें करने लगते हैं। इधर आरोही कमरे में अपनी नई ब्रा और कच्छी पहन के बहुत खुश हो रही थी की आज वो अपने भैया के सामने कैसे जाएगी शर्म की लाली उसके चेहरे पे थी। वो जैसे तैसे कमरे से बहार आयी तो उसको एक आवाज़ सुनाई दी वो छुप के देखी तो वहा राहुल के साथ उसके पापा बैठे थे वो अपने पापा को देख के घबरा जाती हैं। और अपने ही मन में कहती हैं।उफ़..ये पापा को भी अभी आना था ।और मन मार कर फिर से अपने पुराने कपड़े पहन के निचे आ जाती हैं।और बोलती हैं।पापा आप कब आये और अपने पापा के गले लग जाती हैं।वो इतनी जोर से गले लगती हैं की आरोही के चुचे सुरेश के सीने में दब जाते हैं।इस आनंदित सुख को अचानक पा के सुरेश के मुँह से बस इतना ही निकलता हैं उफ़..आरोही
ये आवाज़ सुन राहुल और आरोही दोनो ही समझ नही पाते की सुरेश ने ऐसा क्यों बोला । आज पहली बार सुरेश ने आरोही की जवानी का एहसास किया था ।थोड़ी देर बाद दोनो अलग होकर बैठ के बाते करने लगे । ऐसे ही बाते करते करते शाम हो जाती हैं। तब आरोही बोलती हैं पापा चाय बनती हूँ ।तभी सुरेश कहता हैं नही बेटा में थोड़ा आराम करने जा रहा हूँ अपने रूम में तुम दोनो पी लो चाय और बोलकर अपने कमरे में चला जाता हैं।
आरोही - भैया आप बना के पिलाओ मुझे चाय आपकी यही सजा हैं।
राहुल - सजा कैसी सजा आरोही ?
आरोही - अपने मेरी फोटो ली है बिना मेरे पूछे इसलिये वो और झूठ मुठ के गुस्सा होने का नाटक करने लगती हैं।
राहुल - ठीक ठीक में अभी बना देता हूँ और जल्दी से किचन में भाग जाता है ।।
इधर आरोही देख मुस्कुरा देती हैं और धीरे से बोलती हैं बुद्दू भैया और सोफे पे बैठने वाली होती ही है की दरवाजे की घंटी बाजी और वो खोलने चली गयी । सामने गरिमा खड़ी थी।गरिमा अंदर आकर बोली ज्यादा परेशान तो नही किया भाई ने तुझको ये सुन आरोही मन में बोली दीदी परेशान तो होना चाहती हूँ भैया करते ही नही हैं और मुस्कुरा देती हैं। गरिमा क्या सोच रही हैं तु ,आरोही कुछ नही दीदी आप बैठो आपके लिए चाय बनती हूँ ।और वो किचन में चली जाती हैं। राहुल ,गरिमा को देख के पहले ही उसकी
चाय बनाने लगता हैं। भैया दीदी की चाय भी बनानी हैं।
राहुल - हाँ हाँ सब का नौकर तो में ही हूँ । ये सुन आरोही मुस्कुरा के राहुल के गालो पे एक चूमा दे कर भाग जाती हैं । इस अचानक एहसास से राहुल खुश हो जाता हैं
इधर गरिमा और आरोही बैठ के बाते करने लगती हैं तभी आरोही बोलती हैं।की पापा आ गये हैं दीदी ,
ये सुन गरिमा की खुशी का ठिकना नही था उसके चेहरे से ज्यादा खुशी उसकी चूत को हो रही थी पता नही कब से चुदने के लिए तड़प रही थी।
गरिमा - सच में पापा आ गये हैं। क्या ?
आरोही - गरिमा की चेहरे की उत्सुकता देख हैरान थी की वो इतना खुश क्यों हो रही हैं। वो बोली दीदी अपने कमरे में आराम कर रहे हैं।
गरिमा और आरोही कुछ और बोलती इससे पहले ही राहुल चाय लेकर आता हैं और तीनो बैठ के चाय की चुस्की लगने लगते है।थोड़ी देर इधर उधर की बात होती हैं और गरिमा किचन में जाने लगती है खाना बनाने तभी आरोही बोलती हैं दीदी आज में भी आपकी सहायता करूँ खाना बनाने में ,इतना सुनते ही गरिमा बोली क्या बात हैं आज तु भी निधि बन रही हैं क्या, दोनो को आज हुआ क्या हैं कामचोर लोग भी आज काम करना चाहते हैं।आरोही थोड़ा मुँह बनाते हुए क्या दीदी कामचोर कौन हैं मै तो कब से काम करना चाहती हूँ आप लोग ही नही करने देती हो।
गरिमा - ठीक ठीक हैं ज्यादा नाटक मत कर समझी चल जल्दी से खाना बनाना हैं।
Nice updateअपडेट 13
सुरेश की मस्ती
सब एक साथ बैठ के खाना खा रहे थे आज सभी बहुत खुश लग रहे थे। तभी आरोही बोलती हैं। पापा मेरे लिए क्या लेकर आये हो ? इतने में गरिमा बोलती हैं तेरे लिए कुछ नही लेकर आये ये सुन सब मुस्कुरा देते हैं। आरोही सड़ा सा मुँह बनाते हुए दीदी आप पापा हो क्या मैंने तो अपने पापा से बोला ।आरोही भी अब पुरानी आरोही नही रह गयी थी गाँव में जाकर वो भी बहुत कुछ सिख गयी थी आयशा ने उसको काफी तेज़ तरार कर दिया था ।
सुरेश - लाया हूँ सब के लिए कुछ ना कुछ देख लेना पहले खाना तो खा लो ।
खाना खाकर सब अपने अपने कमरे में चले जाते हैं और गरिमा बर्तन साफ करते हुए सोचने लगती हैं कब पापा का लंड लूंगी ।
निधि अपने कमरे में ना जाकर आरोही के कमरे में चली जाती हैं। आरोही बता ना भाई को दिखाया पहन के
आरोही उदास मन से नही दीदी नही हो पाया
निधि - क्यों क्या हुआ
आरोही- वो दीदी कुछ होता उससे पहले ही पापा आ गये वो इतना बोल कर चुप हो गयी ।निधि भी मन मारकर आह्ह भरते हुए कोई बात नही आरोही किसी और दिन भाई को दिखा देना इसमे उदास क्या होना ।दीदी अब पता नही कब मौका मिले ।इसपे निधि आरोही को छेड़ते हुए अच्छा जी कुछ ज्यादा ही आग लगी क्या वहा पे और हँसने लगती हैं इस बात पे आरोही भी मुस्कुरा देती हैं। थोड़ी देर ऐसे ही मस्ती चलती हैं ।
इधर बरखा आप बहुत गन्दे हो मेरा ख्याल ही नही हैं आपको, जब से गये हो, ना कॉल करते हो ना ही कोई मैसेज का जवाब देते हो ।सुरेश अरे मेरी जान मैसेज और कॉल गया भाड़ में और बरखा के होठों पे अपने होंठ रख देता हैं।दोनो के होंठ मिल चुके थे धीरे धीरे एक दूसरे के होठो को चूसने लगते हैं। बरखा अपना मुँह खोल के सुरेश की जीभ का स्वागत करती हैं सुरेश अपनी जीभ को बरखा के मुँह में घूमने लगता है। दोनो को ही ये खेल काफी आनंदित कर रहा था । सुरेश उठा और अपने कपड़े उतर के नग्न हो गया और भूखे शेर की तरह बरखा पे टूट पड़ा ।जोर जोर से चुचे मसलने लगा ।बरखा की आह्ह निकलने लगी ।सुरेश ने जल्दी से ब्लाउस खोल के फेंक दिया और ब्रा के ऊपर से ही मसलने और चूमने लगा ।
बरखा - आअह्ह..राजा धीरे करो ना
सुरेश - उम्म.. चुचे मसलते हुए आह्ह डार्लिंग तेरे चुचे तो गजब हैं और ब्रा खोल के उतर देता बरखा जोर जोर से साँसे ले रही थी ।सुरेश ने निप्पल को मुँह में भर लिया और लगा चूसने ।आह्ह बरखा तेरी माँ की चूत क्या निप्पल है तेरे उम्म..निप्पल से खेलते हुए बोला । आह्ह्ह्.. हाँ साले और बरखा की एक आह्ह.. भरी चीख़ निकल जाती हैं जिसे गरिमा सुन लेती हैं। वो अपने कमरे में जाने वाली थी पर वो सुरेश के कमरे की तरफ चल देती है।
बरखा - आह्ह..भोसड़ी के
सुरेश - आह्ह..माँ की लोड़ी चिल्ला क्यों रही हैं।।मादरचोद
बरखा - आह्ह.. तुम काट क्यों रहे हो आराम से चुसो ना।
सुरेश ने अपना लोड़ा बरखा के आगे किया उसने गप से लोड़ा मुँह में भर लिया और चूसने लगी ।आह्ह..बरखा आज कैसे मुँह ले लिटा तूने आह्ह ऐसे ही चूस उफ्फ्फ...
बरखा लापा लाप चूसे जा रही थी। इतनी मस्ती में सुरेश का बदन कांपने लगा वो बिस्तर पे गिरा पड़ा ।पुरा लंड बरखा के थूक से गीला हो चुका था ।सुरेश ने बरखा को बिस्तर पे पटक के उसकी बूर को चूम के चाटने लगा बटखा की सिसकियाँ निकलने लगी आह्ह ... सुरेश ऐसे ही चाटो उफ़..राजा
सुरेश बरखा की बुर को फैला के अपनी जीभ अंदर डाल के घूमने लगता हैं जिससे बरखा जोर जोर से चिल्लाने लगती हैं आह्ह्ह... मादरचोद कुछ देर चूत से खेलने के बाद सुरेश अपने लंड को बूर पे रख के एक धक्का मरता हैं लंड फिसलता हुआ गप से अंदर हो चला। और बरखा की सिसकियाँ निकलने लगी आअह्ह्ह...राजा चोदो अपनी रानी उफ्फ्फ..बूर की खुजली आह्ह..।सुरेश तेज़ी से बुर में लंड अन्दर बहार कर रहा था । दोनो जोर जोर से साँसे ले रहे थे ।जो बहार खड़ी गरिमा सुन रही थी । बरखा चुदाई की मस्ती में मस्त होकर आह्ह्ह..
मादरचोद चोद मुझे कुत्ते , ये सुन सुरेश तेज़ी से चोदने लगता हैं ,जोर जोर से दोनो आह्ह्ह .. भरने लगे लंड बुर की गहराई को अच्छे नाप रहा था ।दोनो पति पत्नी आज संसार के सबसे बड़े सुख को भोग रहे थे।आह्ह...बरखा तेरी चूत फाड़ दूंगा साली रंडी आअह्ह..भोसड़न ।बरखा आह्ह ..मेरे राजा फाड़ दे हरामी साले भड़वे, बिस्तर पे एक योद्ध हो रहा था जो कौन जीतेगा पता नही ।दोनो ही अब चरामसुख के करीब पहुंचने वाले थे । कुछ ही धक्कों के बाद बरखा का बदन अकड़ने लगा और सुरेश ने 3-4 धक्के जोर जोर से दे मारे बरखा झरझारा के झड़ने लगी ।बरखा के कामरस के आगे सुरेश भी टिक नही पाया और आह्ह्ह..रंडी बरखा करते हुए झटके मारने लगा और उसके लंड से वीर्य उसकी बुर की फांको से होता हुआ उसकी गहराई में समाने लगा ।अपने लंड का पुरा माल बरखा की चूत में गिरा के सुरेश धड़ाम से बिस्तर पे जा गिरा और जोर जोर से साँसे भरता हुआ बोला आई लव यू बरखा ,बरखा ने भी आई लव यू टू बोल के सुरेश के होठो के चूम ली और बाथरूम में मूतने जाने के लिए उठी ही थी की गारिमा भाग के अपने कमरे में जाने लगी ।
इधर निधि अपने कमरे में आ चुकी थी और राहुल भी आज जल्दी सो गया था ।आरोही सोच रही थी की रोहिणी के कौन चोद रहा था और वो आवाज़ किसकी थी ये सब सोचते सोचते उसकी आँख लग गयी
इधर बरखा और सुरेश भी एक बार आनंद के सागर में डुबकी लगाने लगे थे ।आह्ह्ह ... बरखा मेरी रंडी ऐसे ही चुदेगी तु मादरचोद साली ।
बरखा- आअह्ह...हाँ साले चोद मुझे तेरी रंडी हूंँ ।
और ऐसे ही गलियों के साथ चुदाई का मज़ा लेते हुए दूसरी बार झड़ने के करीब पहुंच जाते हैं। कुछ ही धक्कों
के बाद सुरेश का बदन सहन नही कर पता और अपना माल उगलने लगता हैं।इधर बरखा पहले ही झड़ के शांत हो चुकी थी। दोनो जोर जोर साँसे ले रहे थे थोड़ी ही देर बाद बरखा की आँख लग जाती हैं।
सब सो गये थे सिवाएं गारिमा और सुरेश के आखिर सुरेश को अपनी बेटी को या यूँ कहे अपनी दूसरी पत्नी को भी तो बजाना था । रात काफी गहरी हो चली थी गरिमा ने सुरेश को कोई मैसेज नही किया था सुरेश उसका इंतज़ार करके खुद ही उसको मैसेज करता हैं इधर गरिमा भी जाग ही रही थी की उसका मोबाइल पे एक मैसेज की रिंग हुई उसने फोन उठा के देखा तो मैसेज उसके पापा का था ।उसने कोई रिप्लाई नही दिया सुरेश हार कर उसको कॉल लगा दिया गरिमा ने तुरंत कॉल उठा के बोली अब मिली हैं आपको फुर्सत मेरे लिए ,
सुरेश - सब समझ जाता हैं की गरिमा ने शायद उसकी और बरखा की चुदाई की आवाज़ सुन ली है और वो नाराज़ हैं। वो बोला जान जल्दी से किचन में आओ वही बात करते हैं और कॉल कट करके किचन में चला जाता हैं।इधर गारिमा जाना तो नही चाहती थी पर उसकी चूत की खुजली ने जाने पे मजबूर कर दिया और वो जल्दी से किचन में चली गयी ।इधर सुरेश ने जब किसी की आहट सुनी तो जल्दी से लाइट जला के देखा और सामने गरिमा खड़ी थी उसने गरिमा को अपनी बाहो में भर लिया और बोला माफ़ कर दो जान बरखा को भी तो पेलना ज़रूरी हैं आखिर वो मेरी पत्नी हैं।
गरिमा - तो मैं कौन हूँ फिर ,
ये सुन सुरेश कहता हैं जान तुम मेरी बेटी और पत्नी दोनो हो ।दिन में बेटी और रात में पत्नी और अभी अपनी पत्नी को प्यार करने के लिए बेकरार हूँ।
गरिमा - अच्छा जी मुझे उस रंडी बरखा की तरह सम्मान चाहिए उसको पत्नी की तरह चोदते हो और मुझे यूँ छुप छुप के चोदते हो मुझे भी पत्नी का हक चाहिए वरना अब मैं रात में नही करने दूंगी।
सुरेश जब गरिमा के मुँह से सुनता हैं की उसने बरखा को रंडी बोल दिया तो वो चौंक जाता हैं और बोलता हैं गरिमा ये तुम क्या कह रही हो बरखा तुम्हारी माँ हैं ।
गरिमा - हाँ मैं जानती हूँ वो मेरी माँ हैं उसकी ही चूत चीर के बहार आयी हूँ ।
सुरेश - तो बरखा के लिए ऐसा क्यों बोल रही हो तुमको क्या चाहिए जान बोलो ना।
गरिमा - मुझे पत्नी का हक़ चाहिए ।
सुरेश - पत्नी का हक़ तो दे दिया हैं जान और कैसे दूँ बोलो
गरिमा - मुझे हनीमून पे जाना हैं और सिर्फ हम दोनो ही होंगे ।
सुरेश - अच्छा जी ऐसी बात हैं तो ठीक हैं ।कुछ ही दिनों के बाद हनीमून चलेंगे इतना बोल के गरिमा के होठो पे अपने होंठ लगा देता हैं
दोनो ही मस्ती में एक दूसरे के होठो को खाने लगते हैं। धीरे धीरे सुरेश के हाथ गरिमा के चुतरों पे चले जाते हैं वो गरिमा को जोर से अपने से सटा लेता और उसके चुतरों को जोर जोर से मसलते हुए उसके होंठ चूसता रहता हैं। दोनो ही एक दूसरे के जीभ से खेल रहे थे । जवानी की मस्ती में दोनो ही खो चुके थे ।सुरेश धीरे धीरे गरिमा को नंगी करने लगता हैं।काफी देर तक एक दूसरे का थूक पीकर दोनो की साँसे फुल जाती हैं ।दोनो अलग होकर जोर जोर से साँसे भरने लगते है गरिमा ऊपर से पुरी तरह नंगी हो चुकी थी सुरेश गरिमा की चूची दबोच के मसलते हुए चूसने लगता गरिमा की सिसकियाँ निकलने लगती हैं आअह्ह्ह .. पापा उफ्फ्फ .. कब से आपका इंतज़ार किये बैठी थी और आप तो उस बरखा की लेने में लगे हुए थे। सुरेश भी गरिमा की चूचियाँ चूस के मस्त हो चला था ।इधर गरिमा भी सुरेश के लंड को निकल के सहला रहा थी आह्ह .. गरिमा तेरी जवानी का भोग में ही लगाऊंगा और चूची का निप्पल को कट लेता हैं जिससे गरिमा की एक दर्द भारी आह्ह.. निकल जाती हैं आअह्ह... पापा आराम से करो ना।
सुरेश काफी देर तक चूचियों को चूसता हैं जैसे आज उन में से दूध निकल के ही रहेगा ।इतनी चुसाई से चूचियाँ लाल हो चुकी थी ।सुरेश चूची छोड़ के होंठ को चूम के उसको निचे बैठने का इशारा करता हैं।गरिमा बैठा के सुरेश के लंड को देखती हैं और गप से मुँह में ले लेती हैं और लॉलीपॉप की तरह मज़े लेकर चूसने लगती हैं ।गरिमा लंड पे थूक के चाट रही थी जिससे सुरेश को बहुत आनंद आ रहा था ।गरिमा सुरेश के टट्टो से खेलते हुए लंड को चूसे जा रही थी । आह्ह्ह .. गरिमा चूस साली रंडी तेरी यही औकात है तु अपने पापा के लिए ही जन्मी हैं ।
गरिमा भी लंड मुँह बहार निकल के बोलती हैं हाँ पापा कभी इसी लंड से जन्मी थी आज इसी को चूस रही हूँ और मज़े लेकर चूसने लगती हैं आह्ह्ह .. गरिमा तेरी माँ का भोसड़ा।
गरिमा के थूक से लंड भीग के चमक रहा था वो अपने पूरे आकर पे था । सुरेश गरिमा को किचन के सिलाप पे बैठा के उसकी टाँगे फैला देता हैं और अपना मुँह उसकी चूत पे लगा के चाटने लगता हैं।इस मस्ती में गरिमा सिसकियाने लगती हैं आअह्ह्ह... पापा उफ़...ऐसे ही चाट बेटीचोद साले भड़वे आह्ह्ह ..
सुरेश तो चूत को खा जाना चाहता था वो लगातार चूत पे जीभ घुमाये जा रहा था चूत के दाने को मुँह में भरकर कट लेता और चाटने लगता इस मधुर एहसास और मज़े में गरिमा भूल गयी की वो किचन की लाइट बंद नही किये हुए हैं।गरिमा से अब रहा नही जाता वो तुरंत बोलती हैं आह्ह्ह ...राजा चोद दो अब रहा नही जाता हैं
ये सुन सुरेश जल्दी से अपना लंड गरिमा की बूर पे रख के पेल देता हैं।बूर थूक से पुरी तरह सनी हुई थी ।बूर पे रखते ही गप से लंड बूर की गहराई में उतर गया और फिर शुरू हुआ एक बाप और बेटी की करतूत जिसे वो छुप के अंजाम दे रहे थे ।सुरेश जोर जोर से गरिमा की बुर में लंड पेले जा रहा था ।गरिमा भी मस्ती में आह्ह .. पापा चोदो अपनी बेटी की बूर को फाड़ दो बहुत परेशान किया है इसने आह्ह्ह .. मेरे प्यारे पापा ये सब सुन सुरेश भी जोर जोर से चोदने लगता है लंड घपा घप बूर के
अंदर बहार हो रहा था सुरेश का लंड गरिमा की बुर की गहराई और गोलाई नाप रहा था । सुरेश भी मस्ती में आहें भरता हुआ आह्ह्ह .. रंडी साली छिनाल तेरी बूर फाड़ के तुझे बचे की माँ बनाऊगा कुतिया साली काफी देर तक चुदाई का नंगा नाच होता रहा पर उनको नही पता था की आज उनकी ये चुदाई कोई देख रहा हैं। दोनो ही झड़ने के करीब थे की सुरेश 3-4 धक्के मार के सारी कसर पुरी कर देता है और आज दोनो एक साथ झड़ने लगते है दोनो का ही माल एक दूसरे से मिल के एक नई कहानी लिख रहा था जिसका एक गवाह भी मौजूद था दोनो झाड़ के ज़मीन पे लेट गये और अपने साँसे काबू करने लगते कुछ ही समय के बाद गरिमा बोली आई लव यू पति देव आप बहुत अच्छे हो ये सुन के आरोही चौंक जाती हैं ,जी हाँ आरोही आज अपनी दीदी और अपने पापा का ये खेल देख चुकी थी जो दोनो बाप और बेटी रात के अंधेरे में खेलते थे ।उसे विश्वास ही नही हो रहा था की उसकी
गरिमा दीदी अपने ही पापा से चुदवा रही हैं और वो उनको पति बोल रही हैं।
सुरेश - आई लव यू टू जान तुम भी बहुत मस्त माल हो ।ये सुन गरिमा मुस्कुरा देती हैं।गरिमा पति जी एक और बार हो जाये क्या ये खेल और मुस्कुरा देती हैं ।
मन तो सुरेश का भी था पर समय की मार और लंड के दर्द ने उसको मना करना ही सही समझा और बोला जान अभी कुछ देर में सुबह हो जाएगी इसीलिए बाकी का खेल कल खेलते है दोनो को होश तब आता है जब वो कपड़े पहने रहे थे की वो लोग लाइट तो बंद ही नही किये थे गरिमा उफ़..ये क्या कर दिया लाइट बंद नही किया और चोदने लगे कोई देख लेता तो क्या होता ।सुरेश गरिमा को बाहों में भरकर जान इस समय कोई नही उठेगा चिंता मत करो दोनो एक दूसरे को एक बार फिर चूमते है और इधर आरोही भी अपने कमरे में जल्दी से भाग जाती है। और सुरेश गरिमा भी किचन से निकल अपने कमरे में चले जाते हैं। इधर आरोही का तो गला ही सुख गया धड़कने तेज़ हो चुकी रही उसे तो अभी भी विश्वास नही हो रहा था की उसकी सीधी दिखने वाली दीदी अपने ही पापा से चुदाई करवाती हैं।
और दीदी पापा को पति क्यों बोल रही थी ,और पापा कैसे दीदी के साथ छी..छी ये सब कब से कर रहे हैं ये लोग और उसे दिन की वो बात याद आती हैं जब वो सुरेश के गले लगी थी और सुरेश की आह्ह निकल गयी थी अब उसको उस आह्ह का मतलब समझ आ गया था । ये सब सोच सोच के आरोही के सर में दर्द होने लगा उसने एक एक दवाई खाकर बिस्तर पे लेट गयी और कब उसकी आँख लग गयी उसको पता ही नही चला ।
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सुरेश की मस्ती
सब एक साथ बैठ के खाना खा रहे थे आज सभी बहुत खुश लग रहे थे। तभी आरोही बोलती हैं। पापा मेरे लिए क्या लेकर आये हो ? इतने में गरिमा बोलती हैं तेरे लिए कुछ नही लेकर आये ये सुन सब मुस्कुरा देते हैं। आरोही सड़ा सा मुँह बनाते हुए दीदी आप पापा हो क्या मैंने तो अपने पापा से बोला ।आरोही भी अब पुरानी आरोही नही रह गयी थी गाँव में जाकर वो भी बहुत कुछ सिख गयी थी आयशा ने उसको काफी तेज़ तरार कर दिया था ।
सुरेश - लाया हूँ सब के लिए कुछ ना कुछ देख लेना पहले खाना तो खा लो ।
खाना खाकर सब अपने अपने कमरे में चले जाते हैं और गरिमा बर्तन साफ करते हुए सोचने लगती हैं कब पापा का लंड लूंगी ।
निधि अपने कमरे में ना जाकर आरोही के कमरे में चली जाती हैं। आरोही बता ना भाई को दिखाया पहन के
आरोही उदास मन से नही दीदी नही हो पाया
निधि - क्यों क्या हुआ
आरोही- वो दीदी कुछ होता उससे पहले ही पापा आ गये वो इतना बोल कर चुप हो गयी ।निधि भी मन मारकर आह्ह भरते हुए कोई बात नही आरोही किसी और दिन भाई को दिखा देना इसमे उदास क्या होना ।दीदी अब पता नही कब मौका मिले ।इसपे निधि आरोही को छेड़ते हुए अच्छा जी कुछ ज्यादा ही आग लगी क्या वहा पे और हँसने लगती हैं इस बात पे आरोही भी मुस्कुरा देती हैं। थोड़ी देर ऐसे ही मस्ती चलती हैं ।
इधर बरखा आप बहुत गन्दे हो मेरा ख्याल ही नही हैं आपको, जब से गये हो, ना कॉल करते हो ना ही कोई मैसेज का जवाब देते हो ।सुरेश अरे मेरी जान मैसेज और कॉल गया भाड़ में और बरखा के होठों पे अपने होंठ रख देता हैं।दोनो के होंठ मिल चुके थे धीरे धीरे एक दूसरे के होठो को चूसने लगते हैं। बरखा अपना मुँह खोल के सुरेश की जीभ का स्वागत करती हैं सुरेश अपनी जीभ को बरखा के मुँह में घूमने लगता है। दोनो को ही ये खेल काफी आनंदित कर रहा था । सुरेश उठा और अपने कपड़े उतर के नग्न हो गया और भूखे शेर की तरह बरखा पे टूट पड़ा ।जोर जोर से चुचे मसलने लगा ।बरखा की आह्ह निकलने लगी ।सुरेश ने जल्दी से ब्लाउस खोल के फेंक दिया और ब्रा के ऊपर से ही मसलने और चूमने लगा ।
बरखा - आअह्ह..राजा धीरे करो ना
सुरेश - उम्म.. चुचे मसलते हुए आह्ह डार्लिंग तेरे चुचे तो गजब हैं और ब्रा खोल के उतर देता बरखा जोर जोर से साँसे ले रही थी ।सुरेश ने निप्पल को मुँह में भर लिया और लगा चूसने ।आह्ह बरखा तेरी माँ की चूत क्या निप्पल है तेरे उम्म..निप्पल से खेलते हुए बोला । आह्ह्ह्.. हाँ साले और बरखा की एक आह्ह.. भरी चीख़ निकल जाती हैं जिसे गरिमा सुन लेती हैं। वो अपने कमरे में जाने वाली थी पर वो सुरेश के कमरे की तरफ चल देती है।
बरखा - आह्ह..भोसड़ी के
सुरेश - आह्ह..माँ की लोड़ी चिल्ला क्यों रही हैं।।मादरचोद
बरखा - आह्ह.. तुम काट क्यों रहे हो आराम से चुसो ना।
सुरेश ने अपना लोड़ा बरखा के आगे किया उसने गप से लोड़ा मुँह में भर लिया और चूसने लगी ।आह्ह..बरखा आज कैसे मुँह ले लिटा तूने आह्ह ऐसे ही चूस उफ्फ्फ...
बरखा लापा लाप चूसे जा रही थी। इतनी मस्ती में सुरेश का बदन कांपने लगा वो बिस्तर पे गिरा पड़ा ।पुरा लंड बरखा के थूक से गीला हो चुका था ।सुरेश ने बरखा को बिस्तर पे पटक के उसकी बूर को चूम के चाटने लगा बटखा की सिसकियाँ निकलने लगी आह्ह ... सुरेश ऐसे ही चाटो उफ़..राजा
सुरेश बरखा की बुर को फैला के अपनी जीभ अंदर डाल के घूमने लगता हैं जिससे बरखा जोर जोर से चिल्लाने लगती हैं आह्ह्ह... मादरचोद कुछ देर चूत से खेलने के बाद सुरेश अपने लंड को बूर पे रख के एक धक्का मरता हैं लंड फिसलता हुआ गप से अंदर हो चला। और बरखा की सिसकियाँ निकलने लगी आअह्ह्ह...राजा चोदो अपनी रानी उफ्फ्फ..बूर की खुजली आह्ह..।सुरेश तेज़ी से बुर में लंड अन्दर बहार कर रहा था । दोनो जोर जोर से साँसे ले रहे थे ।जो बहार खड़ी गरिमा सुन रही थी । बरखा चुदाई की मस्ती में मस्त होकर आह्ह्ह..
मादरचोद चोद मुझे कुत्ते , ये सुन सुरेश तेज़ी से चोदने लगता हैं ,जोर जोर से दोनो आह्ह्ह .. भरने लगे लंड बुर की गहराई को अच्छे नाप रहा था ।दोनो पति पत्नी आज संसार के सबसे बड़े सुख को भोग रहे थे।आह्ह...बरखा तेरी चूत फाड़ दूंगा साली रंडी आअह्ह..भोसड़न ।बरखा आह्ह ..मेरे राजा फाड़ दे हरामी साले भड़वे, बिस्तर पे एक योद्ध हो रहा था जो कौन जीतेगा पता नही ।दोनो ही अब चरामसुख के करीब पहुंचने वाले थे । कुछ ही धक्कों के बाद बरखा का बदन अकड़ने लगा और सुरेश ने 3-4 धक्के जोर जोर से दे मारे बरखा झरझारा के झड़ने लगी ।बरखा के कामरस के आगे सुरेश भी टिक नही पाया और आह्ह्ह..रंडी बरखा करते हुए झटके मारने लगा और उसके लंड से वीर्य उसकी बुर की फांको से होता हुआ उसकी गहराई में समाने लगा ।अपने लंड का पुरा माल बरखा की चूत में गिरा के सुरेश धड़ाम से बिस्तर पे जा गिरा और जोर जोर से साँसे भरता हुआ बोला आई लव यू बरखा ,बरखा ने भी आई लव यू टू बोल के सुरेश के होठो के चूम ली और बाथरूम में मूतने जाने के लिए उठी ही थी की गारिमा भाग के अपने कमरे में जाने लगी ।
इधर निधि अपने कमरे में आ चुकी थी और राहुल भी आज जल्दी सो गया था ।आरोही सोच रही थी की रोहिणी के कौन चोद रहा था और वो आवाज़ किसकी थी ये सब सोचते सोचते उसकी आँख लग गयी
इधर बरखा और सुरेश भी एक बार आनंद के सागर में डुबकी लगाने लगे थे ।आह्ह्ह ... बरखा मेरी रंडी ऐसे ही चुदेगी तु मादरचोद साली ।
बरखा- आअह्ह...हाँ साले चोद मुझे तेरी रंडी हूंँ ।
और ऐसे ही गलियों के साथ चुदाई का मज़ा लेते हुए दूसरी बार झड़ने के करीब पहुंच जाते हैं। कुछ ही धक्कों
के बाद सुरेश का बदन सहन नही कर पता और अपना माल उगलने लगता हैं।इधर बरखा पहले ही झड़ के शांत हो चुकी थी। दोनो जोर जोर साँसे ले रहे थे थोड़ी ही देर बाद बरखा की आँख लग जाती हैं।
सब सो गये थे सिवाएं गारिमा और सुरेश के आखिर सुरेश को अपनी बेटी को या यूँ कहे अपनी दूसरी पत्नी को भी तो बजाना था । रात काफी गहरी हो चली थी गरिमा ने सुरेश को कोई मैसेज नही किया था सुरेश उसका इंतज़ार करके खुद ही उसको मैसेज करता हैं इधर गरिमा भी जाग ही रही थी की उसका मोबाइल पे एक मैसेज की रिंग हुई उसने फोन उठा के देखा तो मैसेज उसके पापा का था ।उसने कोई रिप्लाई नही दिया सुरेश हार कर उसको कॉल लगा दिया गरिमा ने तुरंत कॉल उठा के बोली अब मिली हैं आपको फुर्सत मेरे लिए ,
सुरेश - सब समझ जाता हैं की गरिमा ने शायद उसकी और बरखा की चुदाई की आवाज़ सुन ली है और वो नाराज़ हैं। वो बोला जान जल्दी से किचन में आओ वही बात करते हैं और कॉल कट करके किचन में चला जाता हैं।इधर गारिमा जाना तो नही चाहती थी पर उसकी चूत की खुजली ने जाने पे मजबूर कर दिया और वो जल्दी से किचन में चली गयी ।इधर सुरेश ने जब किसी की आहट सुनी तो जल्दी से लाइट जला के देखा और सामने गरिमा खड़ी थी उसने गरिमा को अपनी बाहो में भर लिया और बोला माफ़ कर दो जान बरखा को भी तो पेलना ज़रूरी हैं आखिर वो मेरी पत्नी हैं।
गरिमा - तो मैं कौन हूँ फिर ,
ये सुन सुरेश कहता हैं जान तुम मेरी बेटी और पत्नी दोनो हो ।दिन में बेटी और रात में पत्नी और अभी अपनी पत्नी को प्यार करने के लिए बेकरार हूँ।
गरिमा - अच्छा जी मुझे उस रंडी बरखा की तरह सम्मान चाहिए उसको पत्नी की तरह चोदते हो और मुझे यूँ छुप छुप के चोदते हो मुझे भी पत्नी का हक चाहिए वरना अब मैं रात में नही करने दूंगी।
सुरेश जब गरिमा के मुँह से सुनता हैं की उसने बरखा को रंडी बोल दिया तो वो चौंक जाता हैं और बोलता हैं गरिमा ये तुम क्या कह रही हो बरखा तुम्हारी माँ हैं ।
गरिमा - हाँ मैं जानती हूँ वो मेरी माँ हैं उसकी ही चूत चीर के बहार आयी हूँ ।
सुरेश - तो बरखा के लिए ऐसा क्यों बोल रही हो तुमको क्या चाहिए जान बोलो ना।
गरिमा - मुझे पत्नी का हक़ चाहिए ।
सुरेश - पत्नी का हक़ तो दे दिया हैं जान और कैसे दूँ बोलो
गरिमा - मुझे हनीमून पे जाना हैं और सिर्फ हम दोनो ही होंगे ।
सुरेश - अच्छा जी ऐसी बात हैं तो ठीक हैं ।कुछ ही दिनों के बाद हनीमून चलेंगे इतना बोल के गरिमा के होठो पे अपने होंठ लगा देता हैं
दोनो ही मस्ती में एक दूसरे के होठो को खाने लगते हैं। धीरे धीरे सुरेश के हाथ गरिमा के चुतरों पे चले जाते हैं वो गरिमा को जोर से अपने से सटा लेता और उसके चुतरों को जोर जोर से मसलते हुए उसके होंठ चूसता रहता हैं। दोनो ही एक दूसरे के जीभ से खेल रहे थे । जवानी की मस्ती में दोनो ही खो चुके थे ।सुरेश धीरे धीरे गरिमा को नंगी करने लगता हैं।काफी देर तक एक दूसरे का थूक पीकर दोनो की साँसे फुल जाती हैं ।दोनो अलग होकर जोर जोर से साँसे भरने लगते है गरिमा ऊपर से पुरी तरह नंगी हो चुकी थी सुरेश गरिमा की चूची दबोच के मसलते हुए चूसने लगता गरिमा की सिसकियाँ निकलने लगती हैं आअह्ह्ह .. पापा उफ्फ्फ .. कब से आपका इंतज़ार किये बैठी थी और आप तो उस बरखा की लेने में लगे हुए थे। सुरेश भी गरिमा की चूचियाँ चूस के मस्त हो चला था ।इधर गरिमा भी सुरेश के लंड को निकल के सहला रहा थी आह्ह .. गरिमा तेरी जवानी का भोग में ही लगाऊंगा और चूची का निप्पल को कट लेता हैं जिससे गरिमा की एक दर्द भारी आह्ह.. निकल जाती हैं आअह्ह... पापा आराम से करो ना।
सुरेश काफी देर तक चूचियों को चूसता हैं जैसे आज उन में से दूध निकल के ही रहेगा ।इतनी चुसाई से चूचियाँ लाल हो चुकी थी ।सुरेश चूची छोड़ के होंठ को चूम के उसको निचे बैठने का इशारा करता हैं।गरिमा बैठा के सुरेश के लंड को देखती हैं और गप से मुँह में ले लेती हैं और लॉलीपॉप की तरह मज़े लेकर चूसने लगती हैं ।गरिमा लंड पे थूक के चाट रही थी जिससे सुरेश को बहुत आनंद आ रहा था ।गरिमा सुरेश के टट्टो से खेलते हुए लंड को चूसे जा रही थी । आह्ह्ह .. गरिमा चूस साली रंडी तेरी यही औकात है तु अपने पापा के लिए ही जन्मी हैं ।
गरिमा भी लंड मुँह बहार निकल के बोलती हैं हाँ पापा कभी इसी लंड से जन्मी थी आज इसी को चूस रही हूँ और मज़े लेकर चूसने लगती हैं आह्ह्ह .. गरिमा तेरी माँ का भोसड़ा।
गरिमा के थूक से लंड भीग के चमक रहा था वो अपने पूरे आकर पे था । सुरेश गरिमा को किचन के सिलाप पे बैठा के उसकी टाँगे फैला देता हैं और अपना मुँह उसकी चूत पे लगा के चाटने लगता हैं।इस मस्ती में गरिमा सिसकियाने लगती हैं आअह्ह्ह... पापा उफ़...ऐसे ही चाट बेटीचोद साले भड़वे आह्ह्ह ..
सुरेश तो चूत को खा जाना चाहता था वो लगातार चूत पे जीभ घुमाये जा रहा था चूत के दाने को मुँह में भरकर कट लेता और चाटने लगता इस मधुर एहसास और मज़े में गरिमा भूल गयी की वो किचन की लाइट बंद नही किये हुए हैं।गरिमा से अब रहा नही जाता वो तुरंत बोलती हैं आह्ह्ह ...राजा चोद दो अब रहा नही जाता हैं
ये सुन सुरेश जल्दी से अपना लंड गरिमा की बूर पे रख के पेल देता हैं।बूर थूक से पुरी तरह सनी हुई थी ।बूर पे रखते ही गप से लंड बूर की गहराई में उतर गया और फिर शुरू हुआ एक बाप और बेटी की करतूत जिसे वो छुप के अंजाम दे रहे थे ।सुरेश जोर जोर से गरिमा की बुर में लंड पेले जा रहा था ।गरिमा भी मस्ती में आह्ह .. पापा चोदो अपनी बेटी की बूर को फाड़ दो बहुत परेशान किया है इसने आह्ह्ह .. मेरे प्यारे पापा ये सब सुन सुरेश भी जोर जोर से चोदने लगता है लंड घपा घप बूर के
अंदर बहार हो रहा था सुरेश का लंड गरिमा की बुर की गहराई और गोलाई नाप रहा था । सुरेश भी मस्ती में आहें भरता हुआ आह्ह्ह .. रंडी साली छिनाल तेरी बूर फाड़ के तुझे बचे की माँ बनाऊगा कुतिया साली काफी देर तक चुदाई का नंगा नाच होता रहा पर उनको नही पता था की आज उनकी ये चुदाई कोई देख रहा हैं। दोनो ही झड़ने के करीब थे की सुरेश 3-4 धक्के मार के सारी कसर पुरी कर देता है और आज दोनो एक साथ झड़ने लगते है दोनो का ही माल एक दूसरे से मिल के एक नई कहानी लिख रहा था जिसका एक गवाह भी मौजूद था दोनो झाड़ के ज़मीन पे लेट गये और अपने साँसे काबू करने लगते कुछ ही समय के बाद गरिमा बोली आई लव यू पति देव आप बहुत अच्छे हो ये सुन के आरोही चौंक जाती हैं ,जी हाँ आरोही आज अपनी दीदी और अपने पापा का ये खेल देख चुकी थी जो दोनो बाप और बेटी रात के अंधेरे में खेलते थे ।उसे विश्वास ही नही हो रहा था की उसकी
गरिमा दीदी अपने ही पापा से चुदवा रही हैं और वो उनको पति बोल रही हैं।
सुरेश - आई लव यू टू जान तुम भी बहुत मस्त माल हो ।ये सुन गरिमा मुस्कुरा देती हैं।गरिमा पति जी एक और बार हो जाये क्या ये खेल और मुस्कुरा देती हैं ।
मन तो सुरेश का भी था पर समय की मार और लंड के दर्द ने उसको मना करना ही सही समझा और बोला जान अभी कुछ देर में सुबह हो जाएगी इसीलिए बाकी का खेल कल खेलते है दोनो को होश तब आता है जब वो कपड़े पहने रहे थे की वो लोग लाइट तो बंद ही नही किये थे गरिमा उफ़..ये क्या कर दिया लाइट बंद नही किया और चोदने लगे कोई देख लेता तो क्या होता ।सुरेश गरिमा को बाहों में भरकर जान इस समय कोई नही उठेगा चिंता मत करो दोनो एक दूसरे को एक बार फिर चूमते है और इधर आरोही भी अपने कमरे में जल्दी से भाग जाती है। और सुरेश गरिमा भी किचन से निकल अपने कमरे में चले जाते हैं। इधर आरोही का तो गला ही सुख गया धड़कने तेज़ हो चुकी रही उसे तो अभी भी विश्वास नही हो रहा था की उसकी सीधी दिखने वाली दीदी अपने ही पापा से चुदाई करवाती हैं।
और दीदी पापा को पति क्यों बोल रही थी ,और पापा कैसे दीदी के साथ छी..छी ये सब कब से कर रहे हैं ये लोग और उसे दिन की वो बात याद आती हैं जब वो सुरेश के गले लगी थी और सुरेश की आह्ह निकल गयी थी अब उसको उस आह्ह का मतलब समझ आ गया था । ये सब सोच सोच के आरोही के सर में दर्द होने लगा उसने एक एक दवाई खाकर बिस्तर पे लेट गयी और कब उसकी आँख लग गयी उसको पता ही नही चला ।
Thanks Golu_nd for likeDidi je tusi nahin pasand karde ta nahin lavangi,Rubi nu kon naraz kar sakda,oh ta sabh to senior a,Punjab di Moderator