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Incest पुरा परिवार हवस का शिकार

कहानी का हीरो आप किसे समझ रहे हो ??


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Sanju@

Well-Known Member
4,212
17,287
143
अपडेट 6
अंजलि की चाल
अगली सुबह रोहन ,रवि ,विकास और अंकित नदी के किनारे बैठे हुए थे रोहन किसी गहरी सोच में की राहुल पे ये वार कौन कर सकता है वो तो वहा रहता भी नही हैं
रवि -क्या यार तुम सब चुप बैठो हो कोई तो बोलो
अंकित - हाँ यार रोहन चल ना पास वाले गाँव चलते है वहा का माल देखे कितना समय हो गया है ।
रोहन - नही यार तुम लोग जाओ मेरी तबियत कुछ ठीक नही है में घर जाता हूँ
इधर गन्ने के खेत में ,बोला था ना तुमको राहुल को गाँव नही भेजूंगी पर तुमने उसे बुला लिया देखा क्या हाल कर दिया मेरे बेटे का सब तुम्हारे दुश्मनों का किया धारा है ।बरखा मेरी क्या गलती है राहुल मेरा भी तो बेटा है और हमारे प्यार की निशानी है जिसको हम दोनो नही भूल सकते है । ये बात कोई सुन रहा था पर कौन???

राहुल की नज़र कसे हुए मोट मोट उरोजो पे ठहरी हुई थी आयशा झुक के झाडू लगा रही थी इस बात से अनजान राहुल उसकी गहरी खाई में डूबा हुआ है ये सब निधि देख रही थी जी हां निधि ही थी जो उस दिन आयशा की चूची और आरोही की गांड को देखते हुए, राहुल को छुप के देख रही थी ,निधि को कुछ अजीब लगता है और वो सीधा अंजलि से मिलती है और उससे पूछती है की तुम किस आम की बात कर रही थी ।
अब अंजलि तो थी एक नंबर की रंडी उसने सोचा क्यों ना इस साली की बूर में भी खुजली करवा दूँ तो वो बोली मैं कैसे कहूँ निधि जी मुझे शर्म आ रही है ऐसी बात बोलने में की एक भाई अपनी ही बहन के आम चूसना चाहता है ।
निधि - समझ तो गयी थी पर वो पुरी तरह से जान ना चाहती थी तो बोली जो बोलना है खुल के बोलो
अंजलि - कुछ सोच के ठीक है पर ये राहुल बाबू को मत बोलना की मैं आपको सब बता दी हूँ ।
निधि - ठीक है यार अब बोलो भी
अंजलि - मन में साली की बूर में कितनी खुजली हो रही है जान ने की रुक साली तेरी बूर में ऐसी आग लगाउंगी की राहुल का लेकर ही शांत होगी ।
निधि - क्या हुआ अंजलि
अंजलि - कुछ नही निधि जी वो क्या है राहुल बाबू आरोही जी के साथ सोना चाहते है मैंने गन्ने के खेत में देखा की वो आरोही जी के नाम से हिला रहे थे मुझे तो बहुत अजीब लगा की एक भाई अपनी बहन के लिए ऐसा कैसे सोच सकता है ये तो पाप है ।
निधि - क्या
अंजलि - अरे क्या क्या नही वो तो और भी बहुत कुछ बोले की आरोही को पेट से कर देंगे मौका मिला तो तभी मैंने उनको आवाज़ दी तो वो घबरा गये और अपना वो छुपा के बोले तुम यहा ,मैं बोली हाँ आपको गन्ने के खेत में घुसते देखा तो चली आयी पर तुम तो बहुत गंदे इंसान हो बहन के लिए ऐसा सोचते हो छी.छी कैसे हो तुम ।
वो बोले की मुझे माफ़ करो दो वो आरोही को देख के मै उत्तेजित हो गया था ,किसी को मत बताना अंजलि ।
मैं बोली तो बताओ और क्या क्या सोचते हो अपनी मासूम सी बहन के लिए ,मैं उसको चोदना चाहता हूँ और उसकी बुर में नही चोदुंग तो कोई और चोद देगा इस से अच्छा में ही पेल के घर की इज़्ज़त बचा लूंगा और वो तो ये भी बोले की बहन का जन्म तो भाई के लंड के लिए ही होता है
निधि - ये सब सुन के पुरी तरह से आश्चर्यचकित थी की उसका भाई ऐसा सोचता है आरोही के लिए ,उसके लिए ये मान ना बहुत मुश्किल था की राहुल ,आरोही की लेना चाहता ,नही नही वो तो उससे बहुत प्यार करता है पर
उसने खुद देखा उस दिन आरोही की गांड को देखते हुए और उसने तो फोटो भी ली थी उसकी गांड की तो क्या सच में राहुल आरोहो के साथ यौन सम्बंध बनाना चाहता है ।ये सब सोच के निधि का दिमाग़ फटा जा रहा था ।तभी अंजलि बोली की वो घर पर सब इंतेज़ार कर रहे होंगे चलती हूँ आज अंजलि ने ऐसा तीर मारा था जो शायद खाली तो बिल्कुल ही नही सा सकता था कोई ना कोई इस तीर का शिकार होने वाला था पर कौन ???
समय बीतता जा रहा था और राहुल ठीक हो चुका था और उनके जाने के दिन आ गये थे राहुल जाने से पहले एक और बार अंजलि की लेना चाहता था इस लिए वो बिना किसी को बताये अंजलि से मिलने चला गया इधर अंजलि का शराबी पति उसे लेने आ गया था बहुत मुश्किल से अंजलि मानी और उसके साथ फिर से रहने के जाने की तैयारी करने लगी। इतने में राहुल उससे मिल के उसे धन्यवाद भी बोलता है तभी अंजलि बोलती है सीधा सीधा बोल ना तुझे मेरी लेनी है बहनचोद, और दोनो मुस्कुरा देते है । अंजलि थोड़ा जल्दी आता तो ठीक था देख मेरा मर्द आ गया अब मुश्किल है पर राहुल ने बस एक बात बोली और अंजलि मुस्कुरा के जल्दी से गन्ने के खेत की तरफ चल दी और बोली जल्दी से कर ले कही मेरे मर्द को पता चल गया तो बिना लिए ही भाग जायेगा ।राहुल भी एक दम से अंजलि पे टूट पड़ा दोनो के होंठ आपस में मिल चुके थे, दोनो एक दूसरे के होठो को चूसे जा रहे थे तभी अंजलि ने मुँह खोल के राहुल के जीभ का स्वागत करती है और दोनो एक दूसरे की जीभ से खेलने लगते है राहुल को इस आनंदित खेल में जो सुख प्राप्त हो रहा था वो शब्दों में बताना मुश्किल है धीरे धीरे उरोजो के मसलते हुए एक दूसरे के बदन से खेलने लगे दोनो के कपड़े उतर चुके थे ,अंजलि के हाथ अब राहुल के लंड से खेलने लगे थे ।दोनो ही जवानी की मस्ती में चूर ,राहुल फाड़ना चाहता था अंजलि की बूर ,समय की कमी को देखते हुए ।राहुल ने कच्छी एक झटके से उतर फेंकी और लंड को बूर पे रख झटखा मरा और लंड बुर में धीरे धीरे बूर की गहराई में समाता चला गया ।और फिर शुरु हुआ संसार का सबसे बड़ा सुख का दौर जिसके लिए ये संसार पागल है राहुल ,अंजलि की बूर को गपा गप पेले जा रहा था मस्ती पूरे जोर पे थी इस एहसास से राहुल को स्वर्ग के दर्शन हो रहे थे ।दोनो ही अपनी जवानी की प्यास में सिसकियाँ लेने लगे और फिर शुरु हुआ असली खेल जिसके लिए अंजलि एक दम से मान गयी थी
अंजलि - आअह्ह्ह...राहुल भैया चोदो मुझे आज अच्छे से चोदो अपनी बहन आरोही को ,
राहुल - जोर जोर से धक्के मरते हुआ हुए मस्ती में आकर आआह्ह्.. हाँ आरोही मेरी रंडी बहन तेरी चूत फाड़ के तुझें सब से चुदवाऊंगा
अंजलि - चोदो मेरे राजा भैया अपनी आरोही को और साथ में निधि दीदी को भी पेल दो भैया ,वो भी छिनाल है उसकी बूर भी तुम्हारे लंड के लिए बनी भैया आह्ह..मेरे चोदु भैया
राहुल - हाँ मैं सबको चोदूंग अपनी तीनो बहनो को चोदूंग आअह्ह्ह..में बहनचोद हूँ, मै गरिमा ,निधि, आरोही सब को चोदुंगा ।
इतना ही बहुत था दोनो को चरमसुख के करीब लाने के लिए और दोनो झड़ने लगते है खेल ख़तम हो चुका था दोनो ही अपने साँसे काबू करने में लगे थे । पर अंजलि का ये आखिरी तीर बिल्कुल निशाने पे था क्यों की वही छुप के निधि इस खेल के मज़ा ले रही थी अंजलि जब खेत में जा रही थी तभी उसने निधि को वहा देख लिया था जो गन्ने के खेत में वहा खाली जगह देखने गयी थी जहाँ अंजलि के मुताबिक़ राहुल हिला रहा था किसी की आहट से निधि छुप जाती है , ये बात अंजलि को पता था इसी लिए उसने निधि का नाम भी ले लिया और राहुल तो मस्ती में गारिमा की बूर फाड़ने को बोल दिया जो अब तक अंजलि को पता भी नही था ।अंजलि अपने कपड़े पहनकर बोली ये गरिमा कौन है राहुल बाबू
राहुल - थोड़ा शर्मा के वो मेरी दीदी है ।
अंजलि - सागी बहन है क्या ?
राहुल- हाँ सबसे बड़ी दीदी
अंजलि - अरे बहनचोद कितनी रंडिया है तेरे घर में तेरे तो मजे ही मजे है कभी किसी की गांड देखता होगा तो
कभी किसी के चुचे साले खूब चुदवायेगी तेरे से ये तीनो इनकी बूर फाड़ के पेट से कर दे वरना किसी और का ले लेगी तो तु हिलता रह जायेगा वैसे तेरी वो निधि दीदी साली रंडी लगती है बदन देखा है उसका कितना कसा हुआ है पता नही कुंवारी है भी की नही, तेरा लेने के लिए पागल हो गयी है जल्दी से उसकी बुर फाड़ दे मैं चलती हूँ और घर के लिए निकल जाता है ।इधर निधि को अब पुरा भरोसा हो गया था की राहुल ,आरोही की लेना चाहता है
और साथ में उसकी और शायद गरिमा दीदी की भी,
राहुल का मोटा लंड निधि के बदन में गर्मी पैदा कर चुका था वो बस उस हसीन लम्हे को याद कर रही थी जब राहुल का लंड अंजलि की बुर में अंदर बहार हो रहा था ये सोच उसकी बूर में चुनचुनी होने लगी अब अलग कमरा तो था ना की बूर में ऊँगली कर सके इसी लिए वो मन मार के सो जाती हैं ।
अगली सुबह राहुल और उसके परिवार के जाने का दिन था। सुबह से ही चहल पहल लगी हुई थी ,सब के चेहरे थोड़े मायूस लग रहे थे कोई नही चाहता था की कोई जाये पर जाना तो था ही ,तभी राहुल सबको बोलता है हम दुबारा आ जाएंगे मामा जी आप चिंता मत करो पर अभी जाना ही होगा कॉलेज भी तो जाना है ।
सब तैयार हो चुके थे जाने के लिए और इधर राहुल नदी के किनारे बैठा सब को अलविदा कहने गया था ।
रवि - राहुल भाई बहुत याद आओगे ।
अंकित - हाँ यार
विकास - भाई शहर जाकर भूल मत जाना और आते रहना ।
इतना बोल के वो उनसे विदा ले लेता है और रास्ते में राहुल ,रोहन से बोलता है ।
राहुल - यार तेरी बात सही थी बहन की जवानी देखना इतना भी गलत नही होता जितना मैं समझता था ।
रोहन - राहुल को देखते हुए साले मतलब तूने भी आरोही को देखा ।
बात ऐसी है जब राहुल की तबियत ठीक नही थी तो वो बिस्तर पे पड़े पड़े ही आरोही और आयशा की जवानी को देखने लगा था जिसमे उसे अब मज़ा आने लगा था ।
राहुल - हाँ यार
रोहन - उस दिन तो मुझे बहुत ज्ञान दे रहा था पाप है ,और अब उसकी जवानी देख लंड हिलाने लगा।
राहुल - हाँ यार सच में वो मस्त माल है और शर्म से गर्दन झुका लेता है ।
रोहन - हँसते हुए ,अब शर्मा क्यों रहा है भाई जब लंड खड़ा होता है तो वो रिश्ता नही देखता बस बूर देखता है । तु अब तु समझ गया है वैसे साली आरोही है बहुत मस्त माल ,मैं तो पहले ही दिन उसकी गांड का दीवाना हो गया था ।
राहुल - मुस्कुरा जाता है और बोलता है आयशा भी कुछ कम नही है।
रोहन - हाँ तभी तो उसकी लेना चाहता हूँ पर कैसे लूं समझ नही आता
राहुल - साले तु भी ना ,तु देखेगा कुछ ???
रोहन - क्या दिखा रहा है
राहुल - आरोही की गांड वाली फोटो को दिखाते हुए बोला ये ,कैसी हैं
रोहन - वाह बहनचोद क्या गांड है यार किसकी है ये मस्तानी गांड
राहुल - मुस्कुराता हुआ आरोही की है जब देखा तो सोचा फोटो ले ही लेता हूँ हिलाने के काम काम आएगा ।
रोहन - क्या बात हैं बहनचोद तु सच्चा आशिक़ है अपनी बहन का ,और दोनो मुस्कुरा देते है
रोहन - अगली बार जब आएगा तो आरोही की सील खोलने की खबर लेकर आना
राहुल - मुस्कुरा के साले इतने सपने मत दिखा अभी तो हिलाना शुरू किया है पता नही आरोही देगी या नही ।
रोहन - वो नही देगी तो निधि दीदी की ले लेना वो भी तो गजब की माल है सुना है जिम जाती हैं। गांड और जाँघे मस्त कर लिए है जिम जाकर । वैसे कितना बार हिलाया आरोही पे तूने ??
राहुल - निधि दीदी का बदन तो मस्त है देखते है यार क्या होता है । यार ३ बार किया आरोही पे और एक बार निधि दीदी पे भी ।
रोहन - मुस्कुरता हुआ चल सही है तूने भी घर की बूर का मज़ा लेने लगा ।
दोनों का वार्तालाब ख़तम हो गया और वो घर पे आ कर दिल्ली के लिए रवाना हो गये दो दिन के सफर था बिहार से दिल्ली का इधर दिल्ली में गरिमा और उसके पापा ने भी बहुत गुल खिलाये थे जिस से ये लोग अनजान थे।







नोट -लिखने में कोई गलती हो जाये तो क्षमा कर दीजियेगा
Nice update
 

Sanju@

Well-Known Member
4,212
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अपडेट 7
दिल्ली में,
बरखा और निधि के जाने के बाद गरिमा बोर हो रही थी इसी लिए उसने अपनी सबसे अच्छी दोस्त पलक को कॉल करके घर बुलाया और शुरू होता है बातों का दौर
पलक - साली मुझे कैसे याद कर लिया आज
गरिमा - बस यार बोर हो रही थी और तुझसे मिले हुए भी तो बहुत समय हो गया इस लिए बुला लिया तुझे।
पलक - अच्छा ये बता कल रात ठीक से सोई की नही ।
गरिमा - नही यार नींद ही नही आई रात भर करवटें बदलती रही ।
पलक - क्या हुआ ऐसे बुझे हुए मन से क्यों बोल रही है और सोई क्यों नही
गरिमा - यार तेरी वो बात मुझे रात भर सोने नही दी
पलक - अच्छा जी तो मैडम की चूत में चुनचुनी हो रही है
गरिमा - तु भी ना कुछ भी बोलती है ।
पलक - अच्छा मे कुछ भी बोलती हूँ तो मेरी बात से तु रात भर क्यों नही सोई और हँसने लगती है ।
गरिमा अब क्या बोलती की सच में वो अपनी चूत की खुजली के कारण सो नही पायी थी । पलक देख गरिमा मुझे पता है तु कल रात अपने पापा की याद में चूत सहलाती रही वो फिर से हँसने लगती है
गरिमा - यार मुझे शर्म आ रही है तु ऐसे मत बोल
पलक - अच्छा साली तु अपने पापा का लेने के लिए पुरी रात बेचैन रही और गलत में बोल रही है साली तु अपने चूत और दिमाग़ को समझा ले की वो अब पापा का दीवाना हो चुका है अब तुझे उनका लंड लेकर ही चैन मिलेगा ।
गरिमा - साली तु सच में बहुत कमीनी और रंडी है छी पापा का कोई कैसे ले सकता है
पलक - जैसे में लेती हूँ वैसे ले ले मेरी जान ।
गरिमा - क्या ❔ साली तु क्या बोली तुझे पता भी है
पलक - हाँ गरिमा मैंने तुझे कभी नही बताया की मेरे पापा से मेरे योैन सम्बंध है
गरिमा - ये तु क्या बोल रही है सच में ऐसा कुछ है क्या
पलक - हाँ यार मम्मी के जाने के बाद पापा और मेरे बीच ऐसे हालत हुए की एक दिन में पापा के बिस्तर को गरम कर गयी । में नही चाहती थी की फिर से हो पर चूत की खुजली ने मुझे मजबूर कर दिया और में फिर से उनके साथ सोई उस हसीन रात के बाद तो खुद उसने लिपटने के लिए इंतेज़ार करती कब रात होगी और कब मुझे पापा का लंड मिलेगा । अब तो बस मज़ा आता है ।
गरिमा ये सब सुन के चौंक गयी थी की कैसे एक बाप और बेटी के पवित्र रिश्ते में यौन सुख ले सकते है ।
वैसे भी पलक कैसे बताती गरिमा को ,की वो अपने ही पिता को कौमार्य सौंप चुकी थी ।हालत और समय ने दोनो को यौन सुख लेने पे मजबूर कर दिया था पलक की आँखे नम हो गयी थी ये बताते हुए ।
गरिमा - तु रो क्यों रही है
पलक - यार मैं कभी नही चाहती थी अपने पापा के साथ ऐसा कुछ करूँ पर मैं मजबूर हो गयी थी और हालत को देखते हुए दोनो एक हो गये ।
गरिमा - बहुत समझदार लड़की थी कई बार हालत इंसान को मजबूर कर देते है गलत काम को अंजाम देने के लिए ,
में समझ सकती हूँ यार पर तुझे मज़ा तो आता है ना ,ये सुन पलक के चेहरे पे मुस्कान आ जाती है
पलक - हाँ बहुत मज़ा आता है अपने ही पापा का लेने में तु भी ले ले ।
गरिमा - मुस्कुरा देती है और बोलती है साली तु नही सुधरेगी ।
पलक - मैं तुझे बस खुश देखना चाहती हूँ यार तेरे बॉयफ्रेंड की वजह से तु कितना रोई थी मुझे याद है और तेरी चेहरे पे ये खुशी कितने समय बाद देखी है मैंने इस लिए बोली की तेरे पापा तेरे लिए ही है
गरिमा - थोड़े उदास मन से हम्म.. तेरे बात सही है पर क्या पापा मानेगे और किसी को पता चल गया तो क्या होगा
पलक - साली दुनिया का कोई भी मर्द ,चूत को ना नही बोल सकता, चूत की असली खासियत यही है समझी मेरी जान, तो बना ले पापा को सैयां ,सब के सामने पापा और अकेले में सैयां जी । और ये सब तो अब घर घर में हो रहा है और सुरक्षित भी होता है बहार करने का मतलब है एक गलती और जीवन भर रोना ,और चूत तेरी है तु जिसे देना चाहे दे ये दुनिया कौन होती है तुझे रोकने वाली बाकी तेरी जैसी इच्छा ।
गरिमा - शर्मा जाती है ये सुन के
पलक - चल यार अब मैं चलती हूँ पापा और मैं ७ दिनों के लिए शिमला जा रहे हैं ।
गरिमा - साली हनीमून मानने जा रही है क्या ??
पलक - हाँ कुछ यही समझ ले मेरी जान और मुस्कुरा के चली जाती है ।
शाम को खाना खाते समय सुरेश की नज़र आज गरिमा के बदन को ही देखे जा रही थी।गरिमा को जब ये एहसास हुआ की उसके पापा उसको ही देख रहे है तो वो मन ही मन मुस्कुरा जाती है पलक की बात याद करके ।

गरिमा और उसके पापा को अकेले समय बीतने को मिल रहा था दोनों काफी करीब आ चुके थे ।अब तो गरिमा अपनी ब्रा और कच्छी कही भी रख देती थी ताकि सुरेश उसे देख गरम हो जाये ।सुरेश कई बार गरिमा की कच्छी में अपना माल गिरा के छोड़ देता था जो गरिमा देख के मुस्कुरा जाती थी । इधर सुरेश भी गरिमा के जवान बदन को देख अपनी मर्यादा भूल चुका था ।अब उसे बस अपनी बेटी के बदन का भोग लगना था ।
एक दिन गरिमा नहाने गयी और बाथरूम को बंद नही किया जैसा पलक उसको बोली थी बिल्कुल वैसे ही की और नंगी होकर नहाने लगी यही वो समय था जब सुरेश का सब्र का बान टूट गया और उसने गरिमा को जाकर पीछे से पकड़ लिया ।ऐसे अचानक हुए हमले से गरिमा सिहर जाती है।सुरेश के हाथ अपने ही बेटी के उरोजो को मसलने लगा था और उसके होठो पे अपने होंठ रख के चूमने लगा ऊपर से शवर से गिरते पानी से अब सुरेश भी भीग चुका था दोनो के बदन में हवस ने जन्म ले लिया था
सुरेश उसके गर्दन को चूमने लगा गरिमा झूठे ग़ुस्से के साथ नही पापा ये गलत है पर गरिमा जैसे ही कुछ और
बोलती सुरेश ने अपने होठो से उसका मुँह बंद कर देता
इधर गरिमा के मोट मोट उरोजो को अपने मर्दाना हाथों से मसलने लगा ,ये पहली बार नही था जब गरिमा को किसी मर्द ने छुआ था उसका पुराना प्रेमी भी उसके उरोजो के साथ खेल चुका था पर चूत तक पहुँचता इस से पहले ही गरिमा को उसकी सच्चाई पता चल गयी की वो उसको धोका दे रहा है बस शायद इसी दिन के लिए गरिमा आज तक कुंवारी थी की उसका कौमार्य उसके पापा के लिए है धीरे धीरे सुरेश के होठ गरिमा के निप्पल को चूसने लगते है ऊपर से पानी की फुहार दोनो के बदन में आग में घी डालने का काम कर रही थी गरिमा इस अपरा तिम आनंद के सागर में डूब गयी और मज़ा लूटने लगी आह्ह्ह्ह...पापा उससे ये एहसास और रोमांचित का रहा था की उसके उरोजो को चूसने वाला इंसान उसके पापा है जिनकी मेहनत से ही वो इस दुनिया में आयी है अब वो उस लंड से खेलिगी । जिस से कभी उसकी माँ खेला करती थी आह्ह्ह..पापा ये सिसकियाँ सुरेश को उत्तेजित कर रहे थे आह्ह्ह..गरिमा तेरे दूध उम्म्म...मेरी प्यारी बेटी काफी देर तक दोनो बाप बेटी दुनिया से बेखबर अपनी बदन की आग मिटाने में लगे हुए थे।दोनो के बदन पे अब कोई वस्त्र नही था ।सुरेश निचे बैठ के गरिमा की चूत पे मुह लगा देता और चाटने लगता है इस हमले का गरिमा पे इतना जोरदार असर हुआ की उसके पैर कांपने लगे। आह्ह्ह...पापा ये गलत है ऐसा मत करो
सुरेश तो बस चूत को खाने में लगा था उसे कोई मतलब नही था उसकी बेटी की बूर है ।।सुरेश ,गरिमा को उठा के उस कमरे में ले गया जहाँ उसने बरखा की खुली हुई बुर में लंड डाला था पर अब उसको अपनी बेटी का कौमार्य मिलने वाला था जो बरखा नही दे पायी थी वो उसकी ही चूत से निकली उसकी बेटी देने वाली थी । बिस्तर पे गरिमा को रख कर सुरेश फिर से उसके बदन खेलने लगता है दोनो एक दूसरे के बदन को रगड़ने में लगे हुए थे तभी सुरेश उठ कर अपना लंड उसके मुँह के करीब ले जाता है दोनो की नज़रे एक दूसरे को देखती है और गरिमा शर्मा के लंड मुँह ले लेती है और चूसने लगती है इस आनंद के बारे में कल्पना करना सुरेश ने कभी नही सोचा था ।
आअह्ह्ह..गरिमा बेटी चुसो पापा का मदहोशी में सुरेश बोले जा रहा था आअह्ह..चुदड़कड़ कुतिया पापा की रंडी
अब समय आ गया था दोनो के मिलन का सुरेश माझा हुआ खिलाडी था उसने लंड को चूत पे रख के जोर से घुसा दिया ।गरिमा की जोरदार चीख़ से कमरा गूज उठा आज एक कली फूल बन चुकी थी सुरेश का लंड गरिमा की चूत को फाड़ के अंदर समा चुका था तभी एक और झटके से साथ गरिमा अपना कौमार्य पापा के नाम कर देती है ।और धीरे धीरे धक्को से चुदाई की रेल चलने लगती है गरिमा को ये एहसास ही नही था आज उसने अपनी चूत की खुजली के करण इतना बड़ा कदम उठा चुकी थी ।
गरिमा - आह्ह्ह...पापा चोदो अपनी बेटी को फाड़ दो मेरी बुर को पापा बहुत तंग करती है रात भर आह्ह..मेरे प्यारे पापा
सुरेश - आह्ह..हाँ बेटी आज तुझे चोद के मैं अमर हो गया जो तेरी माँ नही दे पायी वो तूने दे दिया
गरिमा को इतना मज़ा पहला कभी नही आया था वो चाहती थी की ये मज़ा ऐसे ही चलता रहे कभी ख़तम ना हो पर कोई भी काम शुरु हुआ है तो ख़तम भी होता ही है ।
कुछ देर चुदाई का ये खेल चलता रहा और फिर वो वहा पहुंच गये जिसे चरमसुख कहते है और देखते ही देखते गरिमा का पानी निकलने लगा बदन जोर से कांपने लगा इधर सुरेश भी गरिमा के काम रस से कमजोर हो गया और वो भी आह्ह...गरिमा बोलते हुए अपना माल उसकी चिकनी योनि में उगलने लगा ।और धड़ाम से उसके ऊपर गिर गया। दोनो ही अपनी साँसे काबू करने में लगे तभी दोनो की आँखें मिलती है और गरिमा शर्म से आँखें बंद कर लेती है ।
कुछ दर बाद सुरेश ,गरिमा ओ बेटा गरिमा आंखें खोलो ना जान गरिमा अपने आँखें खुलती और अपने प्यारे पापा को देखती हैं और फिर से लाज़ा जाती है ।
सुरेश बेटी जो भी हुआ गलत हुआ पर में बहुत कमजोर हो चुका था तेरी ये जवानी मुझे पागल कर रही थी हो सके तो अपने पापा को क्षमा कर देना । और उसकी आँखें नम हो चुकी थी ये सोच के की उसने अपनी ही बेटी का भोग लगा लिया ।
गरिमा - आखें खुलते हुए पापा से बोलती है पापा इसमे आपकी कोई गलती नही है मैं भी अपनी जवानी को काबू नही कर पायी और आप के साथ हम बिस्तर हो गयी ।मुझे भी माफ़ कर देना ।पर जब उसकी नज़र सुरेश पे गयी थी उसकी आँखें भी भीग गयी ।
दोनो ने एक दूसरे को देखा और लिपट गये उनकी आँखें ये साबित कर रही थी की हवस उनके प्यार पर भारी पड़ चुकी थी पर अब क्या करते जो हो चुका वो अब वापस नही हो सकता था दोनो रोते रोते सो गये ।
सुबह की पहली किरण से गरिमा की नींद खुल जाती है और वो बगल में सोये पापा को देखती हैं वो मुस्कुरा जाती है की कल तक ये उसके पापा थे और आज उसके बदन को भोगने वाला उसका मर्द ,रात की बातें सोचते सोचते गरिमा थोड़ी उदास हो जाती है की दोनो के बीच जो वो सही था की नही तभी कॉल के रिंग से वो वापस अपनी दुनिया में आती है और देखती है ये तो मम्मी का है
बात करके कॉल कट कर देती है और उठ कर अपने पापा के लिए या दूसरी तरफ अपने पति के लिए नास्ता बनाने चली गयी ।
सुरेश और गरिमा की निगाहें जब मिली तो दोनो रात की मनमोहक मिलन को याद कर के मुस्कुरा देते है दोनो नास्ता कर रहे थे पर बोले कुछ भी नही ।तभी सुरेश बोला बरखा के आने में दो दिन है घर की सफाई अच्छे से कर देना ।ये सुन गरिमा का चेहरा खिल जाता है इसका सीधा मतलब उस बिस्तर से था जिसपे गरिमा और सुरेश के मिलन की निशानी अभी भी ताज़ा थी । और दुकान के लिए निकल जाता है ।इधर गरिमा अच्छे से अपनी चुदाई के सबूत मिटा देती है और पलक को कॉल पे सब बता देती है।
पलक - वाह साली तु तो रंडी निकली अपने ही पापा को फंसा के चुदवा ली ।
गरिमा हंस देती है और बोलती है साली सब तेरी वजह से हुआ
पलक जो शायद शिमला में अपने पापा के लंड को चूसने जा रही थी की गरिमा का कॉल आता है और वो उठा के बात करती है
पलक - साली मेरी वजह से नही तेरी चूत की खुजली ने तेरे पापा को बेटीचोद बनवा दिया
गरिमा - हँसते हुए हां यार जो भी हो मज़ा बहुत आया
पलक - अच्छ सुन बाद में बात करती हूँ अभी क्रीम रोल खाने दे यार ।
गरिमा - मुस्कुरा के ठीक है खा ले साली और कॉल कट कर देती है
शाम को जब सुरेश घर आया तो गरिमा को देख उसकी आँखें खुली की खुली रह जाती है ।
आज गरिमा ने अपनी माँ की सुहागरात वाली साड़ी पहनी थी जिसमे गजब की बाला की खूबसूरत लग रही थी।
उसने सुरेश को पानी देकर बिल्कुल पत्नी की तरह किया उसका ये रूप सुरेश के मन को ही नही लंड को भी रोमांचित कर गया ।
सुरेश कुछ खास बोल नही पा रहा था पर गरिमा आज बहुत खुश थी खाना खाने के बाद सोने की तैयारी हुई गरिमा अपने कमरे के वजह पापा के कमरे में चल दी
सुरेश कुछ बोलता उससे पहले ही गरिमा ने सिन्दूर की डिब्बी उसके सामने कर दी और बोली मेरी मांग भर दो पापा ।
ये सुनते ही सुरेश के तो हाथ पैर ठंडे हो जाते है और वो बिस्तर से उठ कर बोलता है क्या ?? ये तुम क्या कह रही हो बेटा मैं कैसे तुम्हारी मांग भर सकता हूँ ये तो पति करते है ।
गरिमा - हाँ पापा और मेरे पति आप हो ।
सुरेश - ये क्या बोल रही हो गरिमा तुम ठीक तो हो मैं तुम्हारा पिता हूँ।
गरिमा - पिता थे अब नही हो कल रात जो हुआ वो एक पति अपनी पत्नी से करता है इसी लिए अब मेरे पति को मेरी मांग भर के मुझे पत्नी का दर्ज़ा देना चाहिए
सुरेश की तो हालत खराब हो चुकी थी ये सब सुन के की उसकी खुद की बेटी उससे विवाह रचाना चाहती हैं
सुरेश - पर ये कैसे हो सकता है संसार और समाज इसकी इजाज़त नही देते है ।
गरिमा - पापा कल रात जो हुआ उसको भी संसार और समाज उसकी भी इज़ाज़त नही देता पर अपने मेरा भोग लगया ना और मेरा कौमार्य लेकर मुझे कली से फूल भी बना दिया
सुरेश बिल्कुल चुप था आखिर वो क्या कहता गरिमा की बातें बिल्कुल सही थी जो उसने कल रात को किया था उसकी भी तो इज़ाज़त समाज नही देता ।
थोड़ी देर कमरे की शांति को गरिमा ने भंग किया और बोली मैं आपके लिए अपना कौमार्य दे दिया और क्या आप मुझे पत्नी नही बना सकते क्या आप मुझे रखैल की तरह इस्तेेमाल करना चाहते है ।इससे आगे गरिमा कुछ बोलती सुरेश बोल उठता है नही नही बेटी तु मेरी गरिमा है जिसने मुझे पहली बार पापा बोला था तेरी ही वजह से मैं पिता का पहला एहसास किया था मैं तो सपने में भी तुझे कभी रखैल नही समझ सकता हूँ।
गरिमा तो मेरी मांग भर के मुझे बरखा देवी के बराबर का दर्जा दो और मंगलसूत्र पहना के पत्नी बन ने का हक ।
थोड़ी देर की चुप्पी के बाद सुरेश बोलता है ठीक है गरिमा और उसकी मांग भर देता है और उसके गाले में मंगलसूत्र पहना के पत्नी बना लेता है
गरिमा भी अपने पति या पापा के पैर छुकर आशीर्वाद लेती है और गरिमा कहती है चलो जी मेरे कमरे में सुरेश बोलता है क्या हुआ अब पत्नी का दर्जा तो दे दिया ।
गरिमा पत्नी का दर्जा तो मिल गया पर पत्नी को पति का जो चाहिए उसका दर्जा मेरे कमरे में है ।इतने बोल के गरिमा और सुरेश चल देते है ।
कमरे में पहुंचते ही पुरा कमरा फूलो से सजा हुआ था बिस्तर पे भी फूल ही फूल थे पुरा कमरा फूलो की खुसबू से महक उठा था और दिवार पे एक तरफ लिखा था गरिमा संग सुरेश ,ये सब देख सुरेश की धड़कने तेज़ हो गयी उसको अपनी और बरखा की सुहागरात याद आ गयी ।उफ़..वो भी क्या दिन थे पर यहा बरखा से कसी हुई चूत आज उसे मिली थी ।दोनो एक दूसरे को देख के मुस्कुरा दिये और होठो को होठो से मिला के अपनी सुहागरात का पहला चरण शुरू कर दिया ।दोनो ही आज पूरे साथ दे रहे थे थोड़ी देर की होठो को रगड़ने के बाद दोनो अलग हुए दोनो की साँसे तेज़ थी ।एक खुशी के साथ दोनो के ही चेहरे पर मुस्कुरहट थी ।सुरेश बोला मुझे नही पता था मेरी फिर सुहागरात होगी आई लव यू गरिमा मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ ।गरिमा मुस्कुरा कर कहती है मैं भी आप से बहुत प्यार करती हूँ जी ।
फिर दोनो का मिलन होने लगता है दोनो जोर जोर से आहे भर रहे थे पुरा कमरा थप थप की आवाज़ से गूज रहा था मस्ती अपने पूरे सबाब पे थी दोनो ही आज एक दूसरे में समा जाना चाहते थे ।आह्ह्ह..सुरेश धीरे करो राजा जी
ये आवाज़ गरिमा की जब सुरेश के कानो में गयी तो सुरेश मुस्कुरा के गरिमा को और जोर से पेलने लगा आह्ह.. गरिमा मेरी जान इतने कहते ही सुरेश का लंड माल फेंक देता था और गरिमा की बूर माल से भरने लगती है इस एहसास से गरिमा भी झटके खाते हुए अपने कामरस को सुरेश के वीर्य से मिला देती है और दोनो आज सही रूप में पति पत्नी बन चुके थे ।दोनो की बीच आज हवस कम प्यार ज्यादा था पर हवस के बिना प्यार अधूरा है और प्यार बिना हवस दोनो के बिना ये संसार नही चल सकता ये सत्य है ।
रात भर गरिमा का बदन को सुरेश ने रगड़ रगड़ के थका दिया था उसका अंग अंग टूट रहा था रात भर की चुदाई से गरिमा थक गयी थी और सुरेश भी अपनी पत्नी के लिए घर पे रुक ही गया दोनो ने पूरे दो दिन तक पति पत्नी की तरह रह कर मज़ा लूट रहे थे इस दौरान गरिमा अनेक बार चोदी और सुरेश ने भी गरिमा को हर तरह से पेला कोई कसर नही रखना चाहता था सुरेश आखिर पत्नी को ठीक से ना चोदो तो वो किसी और से पिलवाती है ।
उधर गाँव से राहुल ,निधि ,बरखा और आरोही दिल्ली के लिए निकल चुके थे उनके आने से पहले गरिमा ने सब कुछ पहले जैसा कर दिया वो अपनी चुदाई का कोई सबूत नही छोड़ना चाहती थी हाँ पर एक सबूत वो कभी नही मिटा सकती थी जो उसकी टांगो के बीच था उसकी चूत जो अब खुल चुकी थी जिसे देख के कोई भी बता देता ये चुदी चुदाई माल है ।
रात भर चुदाई करके सुरेश और गरिमा नंगे ही सो गये थे ।सुरेश की आँख खुली तो दिन के 12:35 हो रहे थे। तभी सुरेश को याद आता है की बरखा तो आज ही आने वाली थी वो जल्दी से गरिमा को उठा के कमरे की साफ सफाई करते है और एक बार फिर से बाप और बेटी बन जाते है ।
राहुल ,निधि ,बरखा,आरोही स्टेशन पे उतर चुके थे और घर के लिए टेैक्सी करके निकल जाते है इधर गरिमा को डर लग रहा था की कही किसी को पता ना चल जाये उसके हाथ पैर डर से फूलने लगते है की तभी सुरेश ये सब देख के गरिमा को चूम लेता है और बोलता है प्यार किया तो डरना क्या और मुस्कुरा देता है साथ मैं गरिमा भी मुस्कुरा देती है ।
इतने देर में दरवाजे पे कोई दस्तक देता है बरखा, गरिमा बेटा कहा है दरवाजा खुल बेटा हम लोग आ गये है।कुछ ही समय के बाद दरवाजा खुलता है और सब एक दूसरे को देख गाले लग जाते है । गरिमा एक सबूत मिटाना भूल गयी थी पर क्या ??? ये राज़ कोई जान पायेगा या नहीं और वो सबूत किसके हाथ लगेगा ??
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प्यार का एहसास

सुरेश दुकान पे था आज वो बहुत बेचैन हो रहा है ।सुमन क्या हुआ राजा जी ? सुरेश कुछ नही सुमन आज बरखा और मेरे बच्चे आ गये है इसीलिए उनके साथ समय बिताने चाहता हूँ। सुमन अच्छा अच्छा मैडम आ गयी ,चलो अच्छा है अब आपके रात का जुगाड़ तो हुआ और मुस्कुरा देती है । उधर घर में बरखा अरे वाह गरिमा तूने तो पुरा घर अच्छे से रखा है क्या बात है मुझे तो लगा दोनो बाप बेटी घर का सत्यानाश कर दोगें ।ये सुन गरिमा को अपनी चुदाई याद आ जाती है जो पिछले 2 दिन से लगातार चल रही थी और वो उस दौरान अनेक बार चोदी थी इस बीच दोनो ने घर का कोई काम नही किया था बस चुदाई पे चुदाई किये जा रहे थे ।ये सोच के गरिमा मंद मंद मुस्कुरा रही थी
तभी आरोही बोलती है क्या हुआ दीदी आप इतना मुस्कुरा क्यों रही हो। आरोही ये बोली ही थी की सब गरिमा की तरफ देखने लगे थे ।गरिमा ऐसा कुछ नही है मैं तो बस मम्मी के मुँह से अपनी तारीफ सुन के खुश हो रही हूँ की उनके ना रहते हुए भी मैं घर संभाल सकती हूँ ,ये गरिमा ने बस बाकी लोगो के लिए बोला था पर मन में तो वो ये सोची की जब पापा को संभाल लिया । तो घर क्या चीज़ है ।
जैसे तैसे समय गुज़ार गया और बरखा आज फिर से किचन में शाम की चाय बना रही थी निधि आज जिम नही जाना चाहती थी अपने कमरे में राहुल और आरोही के बारे में ही सोच रही थी ।आरोही भी अपने कमरे में कुछ सोच रही थी पर क्या ?? पता नही ।
गरिमा और राहुल तो कैरम खेल रहे थे उसने आज थोड़ा बड़े गाले का सूट पहना था ।जिससे वो जब थोड़ी झुकती तो उसके उभार राहुल को दिखते थे ।राहुल बार बार गरिमा के उरोजो को देख रहा था और उसके मन में अंजलि की एक बात आ जाती है की तेरे घर में कितनी रंडिया है और यही सोच वो मुस्कुरा पड़ता है ।बरखा चाय लेकर आती है ।और राहुल को देख के बोलती है मेरा प्यारा बेटा क्यों मुस्कुरा रहा इतना , गरिमा ,राहुल को देखती है
राहुल की नज़र तो अभी भी गरिमा की मोटे चुचों पे थी उसका ध्यान ही नही गया की उसकी माँ कुछ बोली भी है गरिमा जब राहुल की नज़र का पीछा करती है तो देख के मुस्कुरा पड़ती है और सोचती है जैसा बाप वैसा बेटा और अपने चुचों को ढक लेती है बरखा भी साथ में बैठ जाती है ।पर निधि अपने कमरे के दरवाजे से सब देख रही थी की राहुल गरिमा की चूचियाँ कैसे देख रहा था अब उसको पुरा विश्वास हो चुका था की राहुल एक नंबर का हरामी हैं और वो कभी भी अपनी बहनों की चूत मरने की कोशिश करेगा।
बरखा आवाज़ देती है निधि ,आरोही बेटा आ जाओ चाय बन गयी आकर पिलो बेटा । सब हॉल में बैठ चाय की चुस्की लगा कर बातें करने लगे ।
गरिमा - मामा मामी कैसे है ?
बरखा - ठीक है बेटा वो लोग तुझे याद कर रहे थे ।
गरिमा - हाँ मम्मी अगली बार में भी मामा मामी से मिलकर आउंगी ।
निधि - दीदी आप कोई नौकरी कर लो खाली बैठ के कोई फायदा तो है नही ।
गरिमा - तु सही कह रही है यही अच्छा है समय भी कट जायेगा और कुछ पैसे भी आ जाएंगे
आरोही - दीदी आप को पता है राहुल भैया बहुत गंदे है मुझे कभी भी नदी किनारे घूमने नही ले गये ऐसे ही बोलते है की प्यार करते है ।उम्म..गंदे भैया मुँह बनाते हुए कहती है ।
निधि - मन में अच्छा हुआ तु नदी किनारे नही गयी वरना तेरी सील वही खोल देता । ठरकी साला ,
गरिमा - क्यों भाई क्यों नही ले गया आरोही को बेचारी सबसे अधिक प्यार तेरे को ही करती है और तु बेचारी के साथ ऐसा करता है ।
राहुल - दीदी नदी काफी दूर हैं आप तो जानती हो और आरोही को पैदल चलना पसंद नही है मैं इस घोड़ी को अब गोदी नही ले सकता कितनी भारी हो गयी है।
ये सुन सब हँसने लगते है आरोही चिड़ कर कहती है अच्छा मैं भारी हूँ या आप ही कमज़ोर हो गये हो और सड़ा हुआ मुँह बना के अपने कमरे में चली जाती है ।इधर निधि मन में आरोही ये तुझे घोड़ी बोल रहा है समझ कुछ ये साला तुझे घोड़ी बनाना चाहता है बुद्दू लड़की। ऐसे ही बातें करते हुए शाम से रात होने लगी और सब अपने अपने काम में व्यस्त हो चले ।
निधि अपने कमरे में क्या करूँ दीदी और आरोही को बता दूँ राहुल के बारे में या नही ,पर ये राहुल का बच्चा तो सीधा सीधा आरोही को घोड़ी बनाना चाहता है कितना कमीना है ये साला ठरकी अपनी ही बहन को घोड़ी बोल रहा हैं कुछ तो करना पड़ेगा ।क्या करूँ ये सोच ही रही थी की गरिमा कमरे में आकर बोलती है क्या हीरोइन क्या सोच रही है ।निधि कुछ नही दीदी बस गाँव की कुछ बातें याद कर रही हूँ । गरिमा अच्छा जी मुझे भी तो बता क्या क्या किया गाँव में निधि कुछ खास नही दीदी बस थोड़ा बहुत गाँव घूमी और दीदी ?
गरिमा बोलते बोलते रुक क्यों गयी ।दीदी वो आयशा के आम बहुत बड़े हो गये है और मुस्कुरा देती है
गरिमा क्या कहा तूने बेशर्म लड़की तु आयशा के आम देख रही थी बहुत कमीनी है । और दोनो हँसने लगती है
बहुत दिनों बाद आज सब साथ बैठ कर खाना खा रहे है ।
सुरेश तो बस प्यासा था गरिमा की चूत का आखिर उसकी पत्नी है और नई नई शादी में तो चुदाई दिल खोल के होती हैं और अब घरवालो के आने से अब ये चुदाई का खेल बंद हो जायेगा ये सोच के सुरेश बहुत उदास था ।बरखा, सुरेश से दुकान कैसे चल रही है जी ? सुरेश हाँ ठीक ही चल रही है ।खाना खा कर सब अपने कमरे चले जाते हैं और बरखा बर्तन धोने लगती हैं फिर वो भी अपने कमरे में चली जाती हैं। आरोही ,राहुल ,निधि ,बरखा ये चारों ही सो चुके थे रेल गाड़ी के सफ़र ने चारो को थका दिया था बिस्तर पे गिरते ही नींद की आगोश में चले जाते है इधर बिस्तर पे गरिमा करवटें बदल रही थी आखिर नई नई शादी हुई और पति से दूर सोना किसे अच्छा लगता भला ,इधर सुरेश का भी यही हाल था ।तभी गरिमा ने मोबाइल फोन उठा कर एक मैसेज सुरेश को किया हेल्लो पति परमेश्वर जी सो गये क्या ?? इधर सुरेश का मोबाइल पे एक मैसेज आता हैं वो वैसे ही परेशान था तो मन में बोलता है अब किसकी माँ चुद गयी जो इतनी रात को मैसेज कर रहा है ।जब मैसेज देखता है तो उसके चेहरे पे एक मुस्कान आ जाती है सुरेश नही जानू तुम्हारे बिना नींद कहा आएगी गरिमा ने एक और मैसेज किया , जान मुझे भी नींद नही आ रही है एक काम करो किचन में मिलते है ठीक है और सारे मैसेज डिलीट करके किचन के लिए चल देती है सुरेश के कमरे से किचन काफी पास में था पर गरिमा को चुप के से उतर के आ रही थी की कोई आवाज़ ना सुन ले और किचन में पहुंचते ही सुरेश लाइट जला के गरिमा को देखता है फिर बुझा देता है ।और लाइट बंद होते ही दोनो एक दूसरे लिपट जाते है।सुरेश आह्ह ... अब चैन मिला मुझे दिन भर कैसे कटा क्या बताऊँ तुमको जान गरिमा मेरा भी यही हाल है पति देव आपके बिना नींद तो दूर की बात है सांस भी लेना मुश्किल है। अब इतने सुनते ही सुरेश गरिमा के होठो पे होंठ लगा देता है और फिर दोनो एक दूसरे के होठो को चूसे जा रहे थे जैसे जन्मो के प्यासे हो जैसे एक प्यासे को पानी मिल गया हो । धीरे धीरे सुरेश के हाथ गरिमा की गांड पे चले जाते है और वो गांड से खेलने लगता है इधर दोनो के होठो के बीच एक जंग चल रही थी ।और उधर गरिमा भी सुरेश का लंड निक्कर से निकाल कर सहला रही थी काफी देर होंठ चुसाई के बाद सुरेश चूची और गांड से खेलने लगता है आह्ह.. मेरी गरिमा तेरे चुचे क्या मस्त उम्म्म..
गरिमा आह्ह्ह.. पापा पति देव धीरे चुसो कहा भागी जा रही हूँ ।
धीरे धीरे दोनो नंगे हो जाते है और सुरेश बैठ के गरिमा की बूर पे जीभ लगा देता है आज सुरेश को बूर चाटने में और भी मज़ा आ रहा था । उसने कभी सोचा भी नही था की वो इस तरह अपने ही घर के किचन में अपनी बेटी की बूर चाटेगा ।
आह्ह.. पापा गरिमा की बुर पनिया गयी थी सुरेश ने सोचा अब चाटना ठीक नही झाड़ गयी तो खड़े लंड पे धोखा हो जायेगा ।और गरिमा के कान में धीरे से बोलता है जान अब मेरा चुसो इतना सुनते ही गरिमा बैठ के लंड मुँह लेकर लापा लाप चूसने लगती है सुरेश मस्ती और आनंद के सागर में डुबकी लगते हुए आहे भर रहा था और हलकी सिसकियों से किचन गूजने लगता हैं गरिमा अपनी जीभ को टोपे पे फेर रही थी और मस्ती में सुरेश की आह्ह्ह.. गरिमा चूस साली बहन की लोड़ी मुँह से निकल जाता है । इस तरह चुसाई का खेल ख़तम हुआ और फिर सुरेश अपनी पत्नी गरिमा की एक टांग उठा के बुर पे लंड रख पेल देता है एक दम से बूर में लंड घुसने से गरिमा सिसक कर रह जाती है । बूर और लंड दोनो ही गीले थे तो बूर लंड को सट से अंदर ले लेती है और फिर हिलने का खेल चल पड़ा सुरेश ने गरिमा को खड़े खड़े ही उसकी बुर में लोडा उतार दिया और लगा धक्के पे धक्का मारने धीरे धीरे लंड पूरे सबाब से बुर की कुटाई कर रहा था और गरिमा गरम गरम आहे भरते हुए आह्ह .. पापा चोदो मुझे सुरेश साली हरामजादी भड़वी आज से रोज़ यही चोदुंगा तुझको आह्ह.. रंडी की बेटी रंडी आह्ह।.. तुझे अपने बच्चे की माँ बनाऊगा ।
हाँ बेटीचोद बना दे पर बुर को फाड़ दे बहुत तंग कर रही है
काफी देर चुदाई का ये खेल चला और दोनो चरमसुख के करीब थे आह्ह..गरिमा मैं गया मेरी जान इधर गरिमा भी आह्ह..पापा पापा...चोदो दो फाड़ दो आह्ह..और दोनो लबा लब झड़ने लगते है गरिमा की बूर का कामरस और सुरेश का वीर्य मिलकर एक नई कहानी लिख रहे । जिसका अंजाम क्या होगा पता नही पर वो तो अपनी प्यास बुझाने में सब कुछ भूल गये थे।दोनो ही साँसे काबू करने में लगे थे की बाथरूम की लाइट चालू हो गयी दोनो डर गये इतने में राहुल बाथरूम जाता दिखायी दिया गरिमा ने अपने कपड़े पहने और बोली चलती हूँ जान कही राहुल देख ना ले सुरेश हाँ मेरी डार्लिंग अब अपने को सतर्क रहना होगा हमारे मिलन में ये बाधा बन सकते हैं इसलिए चुप चाप चुदाई को अंजाम देंगे और एक दूसरे को चूमते है और पहले सुरेश चला जाता था और फिर गरिमा भी वहा से निकल जाती है ।
एक नयी सुबह कुछ नया करने के लिए होती है पर बहुत से लोगो के जीवन में कुछ भी नया नही होता है। सुरेश नास्ता करके दुकान के लिए निकल जाता हैं। राहुल और आरोही कॉलेज जा चुके थे ,राहुल का भी आखिरी समय था कॉलेज में, निधि तैयार होकर बैठी एक गहरी सोच में थी तभी।बरखा बोली निधि बेटा तुम्हे कॉलेज नही जाना क्या ये सुन के निधि भी कॉलेज के लिए निकल जाती है
गरिमा आज देर तक सो रही थी वो आज बहुत दिनों बाद एक अच्छी नींद ले रही थी। जब से वो और सुरेश अकेले थे उसके सुलगते जिस्म ने उसे सोने नही दिया था और अपने ही पापा की दुल्हन बनने के बाद तो चुदाई पे चुदाई करवा रही थी आज वो फुर्सत से सोई दी । इधर कॉलेज में आज राहुल अपनी सबसे प्यारी दोस्त या यूँ कहे की अपनी प्रेमिका का कॉलेज आने का इंतेज़ार कर रहा था ।
और आरोही भी बहुत दिनों बाद अपने दोस्तों से मिलकर बहुत खुश थी आज आरोही बहुत मस्त माल बन के गयी थी।कई लड़को की नज़र बस उसकी गांड की उठान पे ही थी ।इधर राहुल भी अपनी दोस्त निशा से बात कर रहा था 2 सालो से राहुल निशा को चाहता है पर कभी बोल नही पाया।और शायद निशा के दिल में भी राहुल ही था इसीलिये उसने आज तक कोई आशिक नही बनाया था ।
निशा - गाँव में क्या क्या मस्ती किया तु
राहुल - कुछ नही यार बस दोस्तों के साथ गाँव घूमना और नदी में नहाना बस यही सब मस्ती की ।
निशा - नदी मतलब तुम्हारे घर के पास कोई नदी भी है
राहुल - अरे नही मेरे घर के पास नही मामा जी के घर से कुछ ही दूरी पे एक नदी है मैं अपने गाँव तो गया ही नही अगली बार ज़रूर जाऊंगा अपने गाँव
निशा - अच्छा, तुम्हारा सही है गाँव से घूमकर आ गये और एक मैं हूँ जो यहाँ रहकर बोर हो गयी हूँ ।
राहुल - तो अगली बार चलना मेरे साथ ,उतना बोला ही था की निशा खुश हो गयी थी सच में , मैं भी जा सकती हूँ गाँव ?
राहुल - हाँ निशा बिल्कुल वैसे भी हम अच्छे दोस्त है इतना तो बनता ही हैं ऐसे ही उनके बातों का सफर चलता रहा ।इधर निधि भी अपनी दोस्तों में लगी हुई थी ।तभी कॉलेज का एक लड़के ने निधि की टाइट गांड देख के कमेन्ट किया ।हाय क्या गांड है यारो और हँसने लगते है ।
अजय - यार गांड तो मस्त है ही और इस मस्त गांड के लिए कौन सी कच्छी पहनती होगी साली फिर से सब हँसने लगते है । विक्की अरे यार साली की कच्छी भी मिल जाये तो मज़ा आ जाये ।
तभी निधि अजय और विक्की के गालो पे एक एक जोरदार थप्पड़ उनके गालो पे रसीद देती थी ।अजय और विक्की गुस्से में निधि का टॉप पकड़ के फाड़ देते है , निधि ब्रा में आ जाती है ये इतनी जल्दी होता है की निधि को संभालने का मौका ही नही मिलता है । और कॉलेज के केंटीन में निधि ब्रा में खड़ी होती है । वो रोने लगती है इधर विक्की - साली रंडी तेरी ये। औकत तु हमें थप्पड़ मारेगी ।
अजय - नंगा करते है साली को तब पता चलेगा इस दो कोड़ी की रंडी को । निधि अपने उभारो को छुपाने की नाकाम कोशिश कर रही थी । तभी केंटीन मे आरोही आ जाती है और विक्की को लगातार 2-3 थप्पड़ उसके गालो पे रसीद देती हैं ये इतना अचानक था की विक्की क्या वहा खड़े सभी ही आचंभित थे । तभी अजय ,आरोही को पकड़ कर साली तु मेरे दोस्त को मारेगी और उसके दोनो उभारो को पकड़ के इतनी जोर से मसल देता है आरोही आह्ह.. की आवाज़ में जोर से चीख जाती हैं।
विक्की भी आरोही की गांड को मसलने लगता है ।तभी वहा एक प्रोफ़ेसर आ जाता और दोनो घबरा के आरोही को छोड़ देते है ।
प्रोफ़ेसर- ये सब क्या हो रहा है विक्की अजय को देखते बोलता है ।
आरोही रोते रोते सर इन लोगो ने मेरी दीदी और मेरे साथ बतमीज़ी की है और जोर जोर से रोने लगती है ।
प्रोफ़ेसर- विक्की ,अजय दोनो प्रिंसिपल रूम में चलने को बोलता है ।
विक्की साली आज बच गयी दोनो रंडिया अगली बार तुम दोनो बहनो को नंगा नही किया तो मेरा नाम भी विक्की नही ।तभी प्रोफ़ेसर ये सब क्या बकवास कर रहे हो,विक्की सर रंडी को रंडी नही तो क्या बोलेंगे और हँसने लगते है प्रोफ़ेसर फालतू बात मत करो माफ़ी मांगो और चलो प्रिंसिपल के ऑफिस ,विक्की माफ़ी और इन से कभी नही और प्रिंसिपल के ऑफिस जाने के लिए निकल जाते है।आरोही भी रोते रोते अपनी दीदी को ढकने के लिए कपड़ा ढूंढ रही ।तभी वो राहुल को फोन कर के केंटीन बुलाती है
राहुल अपनी दीदी निधि को ब्रा में देख के आचंभित था और जल्दी से अपनी कमीज उतर के निधि की जवानी को ढकता है । निधि रो रही थी ।दीदी ये कैसे हुआ बताओ मुझे ,तभी आरोही रोते रोते ही राहुल के गाले लग जाती है राहुल क्या हुआ मेरी गुड़िया तु रो क्यों रही है और ये दीदी के साथ किसने किया । इतने में निशा, निधि सांत्वना देती है आरोही रोते रोते ही भैया वो .. भैया वो .. और रोने लगती है ।राहुल अपनी जान से प्यारी बहन को रोता हुआ देख उसकी आँखे भी नम हो जाती है ।निशा जानती थी ये दोनो राहुल की बहने है पर वो कभी उनसे कुछ नही बोलती थी पर इस घटना ने निशा को बोलने पे मजबूर कर दिया और उसने निधि से पूछा ।निधि ये सब कैसे हुआ और किसने किया ।बताओ निधि ,निशा के पहली बार ऐसे अपनेपन से निधि भावुक हो जाती है और उससे लिपट के रोने लगती है । निशा भी उसको जोर से अपने बांहों में भींच लेती हैं। राहुल फिर आरोही से पूछता है ये कैसे हुआ आरोही ??
आरोही का रोना अभी थोड़ा कम हो गया था वो रोते रोते ही बोली भैया वो विक्की और अजय ने दीदी के साथ बत्तमीज़ी करने लगे थे मुझे पता चला तो मैंने उनको रोकना चाहा तो उन्होंने मेरे साथ भी बत्तमीज़ी करने लगे वो राहुल को सब बता देती है ये सब सुन राहुल का गुस्सा सातवें आसमान पे था वो गुस्से में उन हरामज़ादो को छोडूंगा नही और वो गुस्से से ही प्रिंसिपल ऑफिस की तरफ निकल पड़ता है । विक्की और अजय एक नंबर के ठरकी और लड़कीबाज़ थे वो गांजा भी पीते थे कॉलेज में ये नया नही था जब ऐसा कुछ हुआ हो ऐसा कई बार वो कर चुका था और एक बार तो एक लड़की को सब के सामने नंगा के दिया था । पर पूरे कॉलेज में एक निशा ही थी ।जिसको छूने की उनकी हिम्मत कभी हुई ही नही निशा एक दम मस्त पटाखा थी जिसे हर कोई बजाना चाहता था पर वो तो शायद राहुल से बजने के इंतेज़ार में थी ।इधर राहुल प्रिंसिपल के ऑफिस में बिना किसी की इज़ाज़त लिए घुस जाता है और विक्की और अजय और प्रिंसिपल जब उसे देखते है तो विक्की अरे नामर्द आ गया देखो तो कितना गुस्से में है और हँसने लगता है उसने इतना ही बोला था की विक्की के मुँह पे एक जोरदार पंच राहुल दे मरता है और वो इस हमले से कुर्सी से गिर जाता है ।अजय कुछ करता उससे पहले ही राहुल उसके मुँह पे 3-4 घुसे बरसा देता है और अजय संभाल नही पता और गिर जाता है उसका नाक से खून आने लगा था ।पीछे से विक्की राहुल को एक लात मरता है और राहुल अजय पे गिर जाता है अचानक हुए इस हमले से राहुल संभाल नही पा रहा था की उधर अजय राहुल को पलटकर 2-3 घुसे धर देता है और विक्की भी मिल के मरने लगता है ये सब से राहुल की हालत खराब होने लगती है ।प्रिंसिपल मारो साले को मेरे बेटे को मरेगा ।
हरामज़ादे तेरी बहनो को रखैल बनाऊगा। तभी वहा पे आरोही ,निधि और निशा और कॉलेज के और भी कई लड़के लड़किया आ जाते है निशा को देख प्रिंसिपल की हालत खराब हो जाती है वो जल्दी से विक्की और अजय को रोकने की एक्टिंग करता है की तभी राहुल, अजय की नाक पे वार कर देता है वो इतनी जोर से मरता है की इस बार अजय उठने की हालत में नही था इसी दौरान राहुल विक्की को भी धर दबोचता है और उसको दे घुसे दे लात मार मार के अधमरा कर देता है राहुल का ऐसा रूप आज तक किसी ने नही देखा था निशा तो पुरी तरह से आचंभित थी की इतना सीधा और साधा रहने वाला लड़के में इतनी हिम्मत होगी ।वो क्या है निशा हमेशा ही समझती थी की राहुल कमज़ोर है पर आज उसका ये रूप निशा ही नही निधि और आरोही के लिए भी चौकाने वाला था बल्कि सब के लिए ये एक असंभव वाली बात थी की राहुल इतना हिम्मत वाला और ताकत वाला है ,राहुल हमेशा ही कॉलेज में लगभग सभी से डरता था उसको लगता था की वो कमज़ोर है और कॉलेज में सब उसकी क्लास लगाते थे यहा तक विक्की और अजय ने तो कई बार आरोही और निधि चुदाई के बारे में भी बोल चुके थे की अपनी बहन चुदवा ले पर राहुल डर के मारे कुछ नही बोलता था ।पर आज सब कुछ उल्टा हो चुका था ।इधर राहुल बारी बारी से विक्की और अजय को धो रहा था की तभी उसकी नज़र प्रिंसिपल पे भी गयी उसने प्रिंसिपल को भी 3-4 घुसे दे मारे वो और मरता की निशा उसको पकड़ के बोलती है राहुल ये क्या कर रहे हो छोड़ो प्रिंसिपल को ये गलत है वो तुमको कॉलेज से निकल देंगे ।राहुल निशा की एक भी बात नही सुनता और प्रिंसिपल को भी अधमरा कर देता है की तभी आरोही ,राहुल को पकड़ के बोलती है भैया छोड़ दो उन्हे प्लीज और राहुल एक दम से रुक जाता है राहुल आरोही को देखता है और आरोही एक दम से राहुल से लिपट जाती है तभी राहुल बोलता है इनकी हिम्मत कैसे हुई मेरी बहनो को छूने की और तु तो मेरी जान है तेरे लिए उनका खून भी कर दूंगा मैं, वो इतने गुस्से से बोला की सब डर जाते है ।निधि ये बात सुन के चौंक जाती है की राहुल ,आरोही से कितना प्यार करता है और एक मैं हूँ जो उसके लिए गन्दा सोच रही थी की वो अपनी ही बहन की लेना चाहता है और अपने ही अंदर वो ग्लानि से भर जाती है इधर प्रिंसिपल ,विक्की ,अजय तीनो ही मार खा के दर्द से आह भर रहे थे । राहुल थोड़ा शांत होकर बोलता है अगर मेरी बहनो को अगली बार छुआ ना तो वो हाल करूंगा की तुम लोगो को अपने पैदा होने पे अफ़सोस होगा।और
वहा से निकल जाता है ,केंटीन में बैठे राहुल ,निधि आरोही और निशा एक दम शांत थे की तभी निधि
बोलती है । सोर्री भाई सब मेरी वजह से हुआ नही तो वो आरोही को हाथ नही लगते तभी राहुल बोलता है दीदी वो आरोही क्या मेरी किसी भी बहन को कोई छु लेगा तो उनकी जान ले लूंगा ये सुनते ही निधि की आँखे नम हो जाती है ।जिस भाई को वो ठरकी ,बहनचोद सोच रही थी वो उनकी इतनी फ़िक्र करता हैं।
निशा - राहुल पर तुम्हे प्रिंसिपल पे हाँथ नही उठाना चाहिए था वो तुम्हे निकाल देगा इस कॉलेज से, तुम्हारी पढ़ाई बर्बाद हो जाएगी
राहुल - जो करना है कर ले पर किसी ने भी मेरी बहनो को छुआ भी ना तो उसकी जान निकाल दूंगा । ऐसे ही सब राहुल को समझाने में लगे हुए थे कब दिन ख़तम होने लगा पता ही नही चला और वो घर के लिए निकल जाते है निशा भी सब को बाय बोल कर निकल जाती है
 
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Sanju@

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प्यार का एहसास

सुरेश दुकान पे था आज वो बहुत बेचैन हो रहा है ।सुमन क्या हुआ राजा जी ? सुरेश कुछ नही सुमन आज बरखा और मेरे बच्चे आ गये है इसीलिए उनके साथ समय बिताने चाहता हूँ। सुमन अच्छा अच्छा मैडम आ गयी ,चलो अच्छा है अब आपके रात का जुगाड़ तो हुआ और मुस्कुरा देती है । उधर घर में बरखा अरे वाह गरिमा तूने तो पुरा घर अच्छे से रखा है क्या बात है मुझे तो लगा दोनो बाप बेटी घर का सत्यानाश कर दोगें ।ये सुन गरिमा को अपनी चुदाई याद आ जाती है जो पिछले 2 दिन से लगातार चल रही थी और वो उस दौरान अनेक बार चोदी थी इस बीच दोनो ने घर का कोई काम नही किया था बस चुदाई पे चुदाई किये जा रहे थे ।ये सोच के गरिमा मंद मंद मुस्कुरा रही थी
तभी आरोही बोलती है क्या हुआ दीदी आप इतना मुस्कुरा क्यों रही हो। आरोही ये बोली ही थी की सब गरिमा की तरफ देखने लगे थे ।गरिमा ऐसा कुछ नही है मैं तो बस मम्मी के मुँह से अपनी तारीफ सुन के खुश हो रही हूँ की उनके ना रहते हुए भी मैं घर संभाल सकती हूँ ,ये गरिमा ने बस बाकी लोगो के लिए बोला था पर मन में तो वो ये सोची की जब पापा को संभाल लिया । तो घर क्या चीज़ है ।
जैसे तैसे समय गुज़ार गया और बरखा आज फिर से किचन में शाम की चाय बना रही थी निधि आज जिम नही जाना चाहती थी अपने कमरे में राहुल और आरोही के बारे में ही सोच रही थी ।आरोही भी अपने कमरे में कुछ सोच रही थी पर क्या ?? पता नही ।
गरिमा और राहुल तो कैरम खेल रहे थे उसने आज थोड़ा बड़े गाले का सूट पहना था ।जिससे वो जब थोड़ी झुकती तो उसके उभार राहुल को दिखते थे ।राहुल बार बार गरिमा के उरोजो को देख रहा था और उसके मन में अंजलि की एक बात आ जाती है की तेरे घर में कितनी रंडिया है और यही सोच वो मुस्कुरा पड़ता है ।बरखा चाय लेकर आती है ।और राहुल को देख के बोलती है मेरा प्यारा बेटा क्यों मुस्कुरा रहा इतना , गरिमा ,राहुल को देखती है
राहुल की नज़र तो अभी भी गरिमा की मोटे चुचों पे थी उसका ध्यान ही नही गया की उसकी माँ कुछ बोली भी है गरिमा जब राहुल की नज़र का पीछा करती है तो देख के मुस्कुरा पड़ती है और सोचती है जैसा बाप वैसा बेटा और अपने चुचों को ढक लेती है बरखा भी साथ में बैठ जाती है ।पर निधि अपने कमरे के दरवाजे से सब देख रही थी की राहुल गरिमा की चूचियाँ कैसे देख रहा था अब उसको पुरा विश्वास हो चुका था की राहुल एक नंबर का हरामी हैं और वो कभी भी अपनी बहनों की चूत मरने की कोशिश करेगा।
बरखा आवाज़ देती है निधि ,आरोही बेटा आ जाओ चाय बन गयी आकर पिलो बेटा । सब हॉल में बैठ चाय की चुस्की लगा कर बातें करने लगे ।
गरिमा - मामा मामी कैसे है ?
बरखा - ठीक है बेटा वो लोग तुझे याद कर रहे थे ।
गरिमा - हाँ मम्मी अगली बार में भी मामा मामी से मिलकर आउंगी ।
निधि - दीदी आप कोई नौकरी कर लो खाली बैठ के कोई फायदा तो है नही ।
गरिमा - तु सही कह रही है यही अच्छा है समय भी कट जायेगा और कुछ पैसे भी आ जाएंगे
आरोही - दीदी आप को पता है राहुल भैया बहुत गंदे है मुझे कभी भी नदी किनारे घूमने नही ले गये ऐसे ही बोलते है की प्यार करते है ।उम्म..गंदे भैया मुँह बनाते हुए कहती है ।
निधि - मन में अच्छा हुआ तु नदी किनारे नही गयी वरना तेरी सील वही खोल देता । ठरकी साला ,
गरिमा - क्यों भाई क्यों नही ले गया आरोही को बेचारी सबसे अधिक प्यार तेरे को ही करती है और तु बेचारी के साथ ऐसा करता है ।
राहुल - दीदी नदी काफी दूर हैं आप तो जानती हो और आरोही को पैदल चलना पसंद नही है मैं इस घोड़ी को अब गोदी नही ले सकता कितनी भारी हो गयी है।
ये सुन सब हँसने लगते है आरोही चिड़ कर कहती है अच्छा मैं भारी हूँ या आप ही कमज़ोर हो गये हो और सड़ा हुआ मुँह बना के अपने कमरे में चली जाती है ।इधर निधि मन में आरोही ये तुझे घोड़ी बोल रहा है समझ कुछ ये साला तुझे घोड़ी बनाना चाहता है बुद्दू लड़की। ऐसे ही बातें करते हुए शाम से रात होने लगी और सब अपने अपने काम में व्यस्त हो चले ।
निधि अपने कमरे में क्या करूँ दीदी और आरोही को बता दूँ राहुल के बारे में या नही ,पर ये राहुल का बच्चा तो सीधा सीधा आरोही को घोड़ी बनाना चाहता है कितना कमीना है ये साला ठरकी अपनी ही बहन को घोड़ी बोल रहा हैं कुछ तो करना पड़ेगा ।क्या करूँ ये सोच ही रही थी की गरिमा कमरे में आकर बोलती है क्या हीरोइन क्या सोच रही है ।निधि कुछ नही दीदी बस गाँव की कुछ बातें याद कर रही हूँ । गरिमा अच्छा जी मुझे भी तो बता क्या क्या किया गाँव में निधि कुछ खास नही दीदी बस थोड़ा बहुत गाँव घूमी और दीदी ?
गरिमा बोलते बोलते रुक क्यों गयी ।दीदी वो आयशा के आम बहुत बड़े हो गये है और मुस्कुरा देती है
गरिमा क्या कहा तूने बेशर्म लड़की तु आयशा के आम देख रही थी बहुत कमीनी है । और दोनो हँसने लगती है
बहुत दिनों बाद आज सब साथ बैठ कर खाना खा रहे है ।
सुरेश तो बस प्यासा था गरिमा की चूत का आखिर उसकी पत्नी है और नई नई शादी में तो चुदाई दिल खोल के होती हैं और अब घरवालो के आने से अब ये चुदाई का खेल बंद हो जायेगा ये सोच के सुरेश बहुत उदास था ।बरखा, सुरेश से दुकान कैसे चल रही है जी ? सुरेश हाँ ठीक ही चल रही है ।खाना खा कर सब अपने कमरे चले जाते हैं और बरखा बर्तन धोने लगती हैं फिर वो भी अपने कमरे में चली जाती हैं। आरोही ,राहुल ,निधि ,बरखा ये चारों ही सो चुके थे रेल गाड़ी के सफ़र ने चारो को थका दिया था बिस्तर पे गिरते ही नींद की आगोश में चले जाते है इधर बिस्तर पे गरिमा करवटें बदल रही थी आखिर नई नई शादी हुई और पति से दूर सोना किसे अच्छा लगता भला ,इधर सुरेश का भी यही हाल था ।तभी गरिमा ने मोबाइल फोन उठा कर एक मैसेज सुरेश को किया हेल्लो पति परमेश्वर जी सो गये क्या ?? इधर सुरेश का मोबाइल पे एक मैसेज आता हैं वो वैसे ही परेशान था तो मन में बोलता है अब किसकी माँ चुद गयी जो इतनी रात को मैसेज कर रहा है ।जब मैसेज देखता है तो उसके चेहरे पे एक मुस्कान आ जाती है सुरेश नही जानू तुम्हारे बिना नींद कहा आएगी गरिमा ने एक और मैसेज किया , जान मुझे भी नींद नही आ रही है एक काम करो किचन में मिलते है ठीक है और सारे मैसेज डिलीट करके किचन के लिए चल देती है सुरेश के कमरे से किचन काफी पास में था पर गरिमा को चुप के से उतर के आ रही थी की कोई आवाज़ ना सुन ले और किचन में पहुंचते ही सुरेश लाइट जला के गरिमा को देखता है फिर बुझा देता है ।और लाइट बंद होते ही दोनो एक दूसरे लिपट जाते है।सुरेश आह्ह ... अब चैन मिला मुझे दिन भर कैसे कटा क्या बताऊँ तुमको जान गरिमा मेरा भी यही हाल है पति देव आपके बिना नींद तो दूर की बात है सांस भी लेना मुश्किल है। अब इतने सुनते ही सुरेश गरिमा के होठो पे होंठ लगा देता है और फिर दोनो एक दूसरे के होठो को चूसे जा रहे थे जैसे जन्मो के प्यासे हो जैसे एक प्यासे को पानी मिल गया हो । धीरे धीरे सुरेश के हाथ गरिमा की गांड पे चले जाते है और वो गांड से खेलने लगता है इधर दोनो के होठो के बीच एक जंग चल रही थी ।और उधर गरिमा भी सुरेश का लंड निक्कर से निकाल कर सहला रही थी काफी देर होंठ चुसाई के बाद सुरेश चूची और गांड से खेलने लगता है आह्ह.. मेरी गरिमा तेरे चुचे क्या मस्त उम्म्म..
गरिमा आह्ह्ह.. पापा पति देव धीरे चुसो कहा भागी जा रही हूँ ।
धीरे धीरे दोनो नंगे हो जाते है और सुरेश बैठ के गरिमा की बूर पे जीभ लगा देता है आज सुरेश को बूर चाटने में और भी मज़ा आ रहा था । उसने कभी सोचा भी नही था की वो इस तरह अपने ही घर के किचन में अपनी बेटी की बूर चाटेगा ।
आह्ह.. पापा गरिमा की बुर पनिया गयी थी सुरेश ने सोचा अब चाटना ठीक नही झाड़ गयी तो खड़े लंड पे धोखा हो जायेगा ।और गरिमा के कान में धीरे से बोलता है जान अब मेरा चुसो इतना सुनते ही गरिमा बैठ के लंड मुँह लेकर लापा लाप चूसने लगती है सुरेश मस्ती और आनंद के सागर में डुबकी लगते हुए आहे भर रहा था और हलकी सिसकियों से किचन गूजने लगता हैं गरिमा अपनी जीभ को टोपे पे फेर रही थी और मस्ती में सुरेश की आह्ह्ह.. गरिमा चूस साली बहन की लोड़ी मुँह से निकल जाता है । इस तरह चुसाई का खेल ख़तम हुआ और फिर सुरेश अपनी पत्नी गरिमा की एक टांग उठा के बुर पे लंड रख पेल देता है एक दम से बूर में लंड घुसने से गरिमा सिसक कर रह जाती है । बूर और लंड दोनो ही गीले थे तो बूर लंड को सट से अंदर ले लेती है और फिर हिलने का खेल चल पड़ा सुरेश ने गरिमा को खड़े खड़े ही उसकी बुर में लोडा उतार दिया और लगा धक्के पे धक्का मारने धीरे धीरे लंड पूरे सबाब से बुर की कुटाई कर रहा था और गरिमा गरम गरम आहे भरते हुए आह्ह .. पापा चोदो मुझे सुरेश साली हरामजादी भड़वी आज से रोज़ यही चोदुंगा तुझको आह्ह.. रंडी की बेटी रंडी आह्ह।.. तुझे अपने बच्चे की माँ बनाऊगा ।
हाँ बेटीचोद बना दे पर बुर को फाड़ दे बहुत तंग कर रही है
काफी देर चुदाई का ये खेल चला और दोनो चरमसुख के करीब थे आह्ह..गरिमा मैं गया मेरी जान इधर गरिमा भी आह्ह..पापा पापा...चोदो दो फाड़ दो आह्ह..और दोनो लबा लब झड़ने लगते है गरिमा की बूर का कामरस और सुरेश का वीर्य मिलकर एक नई कहानी लिख रहे । जिसका अंजाम क्या होगा पता नही पर वो तो अपनी प्यास बुझाने में सब कुछ भूल गये थे।दोनो ही साँसे काबू करने में लगे थे की बाथरूम की लाइट चालू हो गयी दोनो डर गये इतने में राहुल बाथरूम जाता दिखायी दिया गरिमा ने अपने कपड़े पहने और बोली चलती हूँ जान कही राहुल देख ना ले सुरेश हाँ मेरी डार्लिंग अब अपने को सतर्क रहना होगा हमारे मिलन में ये बाधा बन सकते हैं इसलिए चुप चाप चुदाई को अंजाम देंगे और एक दूसरे को चूमते है और पहले सुरेश चला जाता था और फिर गरिमा भी वहा से निकल जाती है ।
एक नयी सुबह कुछ नया करने के लिए होती है पर बहुत से लोगो के जीवन में कुछ भी नया नही होता है। सुरेश नास्ता करके दुकान के लिए निकल जाता हैं। राहुल और आरोही कॉलेज जा चुके थे ,राहुल का भी आखिरी समय था कॉलेज में, निधि तैयार होकर बैठी एक गहरी सोच में थी तभी।बरखा बोली निधि बेटा तुम्हे कॉलेज नही जाना क्या ये सुन के निधि भी कॉलेज के लिए निकल जाती है
गरिमा आज देर तक सो रही थी वो आज बहुत दिनों बाद एक अच्छी नींद ले रही थी। जब से वो और सुरेश अकेले थे उसके सुलगते जिस्म ने उसे सोने नही दिया था और अपने ही पापा की दुल्हन बनने के बाद तो चुदाई पे चुदाई करवा रही थी आज वो फुर्सत से सोई दी । इधर कॉलेज में आज राहुल अपनी सबसे प्यारी दोस्त या यूँ कहे की अपनी प्रेमिका का कॉलेज आने का इंतेज़ार कर रहा था ।
और आरोही भी बहुत दिनों बाद अपने दोस्तों से मिलकर बहुत खुश थी आज आरोही बहुत मस्त माल बन के गयी थी।कई लड़को की नज़र बस उसकी गांड की उठान पे ही थी ।इधर राहुल भी अपनी दोस्त निशा से बात कर रहा था 2 सालो से राहुल निशा को चाहता है पर कभी बोल नही पाया।और शायद निशा के दिल में भी राहुल ही था इसीलिये उसने आज तक कोई आशिक नही बनाया था ।
निशा - गाँव में क्या क्या मस्ती किया तु
राहुल - कुछ नही यार बस दोस्तों के साथ गाँव घूमना और नदी में नहाना बस यही सब मस्ती की ।
निशा - नदी मतलब तुम्हारे घर के पास कोई नदी भी है
राहुल - अरे नही मेरे घर के पास नही मामा जी के घर से कुछ ही दूरी पे एक नदी है मैं अपने गाँव तो गया ही नही अगली बार ज़रूर जाऊंगा अपने गाँव
निशा - अच्छा, तुम्हारा सही है गाँव से घूमकर आ गये और एक मैं हूँ जो यहाँ रहकर बोर हो गयी हूँ ।
राहुल - तो अगली बार चलना मेरे साथ ,उतना बोला ही था की निशा खुश हो गयी थी सच में , मैं भी जा सकती हूँ गाँव ?
राहुल - हाँ निशा बिल्कुल वैसे भी हम अच्छे दोस्त है इतना तो बनता ही हैं ऐसे ही उनके बातों का सफर चलता रहा ।इधर निधि भी अपनी दोस्तों में लगी हुई थी ।तभी कॉलेज का एक लड़के ने निधि की टाइट गांड देख के कमेन्ट किया ।हाय क्या गांड है यारो और हँसने लगते है ।
अजय - यार गांड तो मस्त है ही और इस मस्त गांड के लिए कौन सी कच्छी पहनती होगी साली फिर से सब हँसने लगते है । विक्की अरे यार साली की कच्छी भी मिल जाये तो मज़ा आ जाये ।
तभी निधि अजय और विक्की के गालो पे एक एक जोरदार थप्पड़ उनके गालो पे रसीद देती थी ।अजय और विक्की गुस्से में निधि का टॉप पकड़ के फाड़ देते है , निधि ब्रा में आ जाती है ये इतनी जल्दी होता है की निधि को संभालने का मौका ही नही मिलता है । और कॉलेज के केंटीन में निधि ब्रा में खड़ी होती है । वो रोने लगती है इधर विक्की - साली रंडी तेरी ये। औकत तु हमें थप्पड़ मारेगी ।
अजय - नंगा करते है साली को तब पता चलेगा इस दो कोड़ी की रंडी को । निधि अपने उभारो को छुपाने की नाकाम कोशिश कर रही थी । तभी केंटीन मे आरोही आ जाती है और विक्की को लगातार 2-3 थप्पड़ उसके गालो पे रसीद देती हैं ये इतना अचानक था की विक्की क्या वहा खड़े सभी ही आचंभित थे । तभी अजय ,आरोही को पकड़ कर साली तु मेरे दोस्त को मारेगी और उसके दोनो उभारो को पकड़ के इतनी जोर से मसल देता है आरोही आह्ह.. की आवाज़ में जोर से चीख जाती हैं।
विक्की भी आरोही की गांड को मसलने लगता है ।तभी वहा एक प्रोफ़ेसर आ जाता और दोनो घबरा के आरोही को छोड़ देते है ।
प्रोफ़ेसर- ये सब क्या हो रहा है विक्की अजय को देखते बोलता है ।
आरोही रोते रोते सर इन लोगो ने मेरी दीदी और मेरे साथ बतमीज़ी की है और जोर जोर से रोने लगती है ।
प्रोफ़ेसर- विक्की ,अजय दोनो प्रिंसिपल रूम में चलने को बोलता है ।
विक्की साली आज बच गयी दोनो रंडिया अगली बार तुम दोनो बहनो को नंगा नही किया तो मेरा नाम भी विक्की नही ।तभी प्रोफ़ेसर ये सब क्या बकवास कर रहे हो,विक्की सर रंडी को रंडी नही तो क्या बोलेंगे और हँसने लगते है प्रोफ़ेसर फालतू बात मत करो माफ़ी मांगो और चलो प्रिंसिपल के ऑफिस ,विक्की माफ़ी और इन से कभी नही और प्रिंसिपल के ऑफिस जाने के लिए निकल जाते है।आरोही भी रोते रोते अपनी दीदी को ढकने के लिए कपड़ा ढूंढ रही ।तभी वो राहुल को फोन कर के केंटीन बुलाती है
राहुल अपनी दीदी निधि को ब्रा में देख के आचंभित था और जल्दी से अपनी कमीज उतर के निधि की जवानी को ढकता है । निधि रो रही थी ।दीदी ये कैसे हुआ बताओ मुझे ,तभी आरोही रोते रोते ही राहुल के गाले लग जाती है राहुल क्या हुआ मेरी गुड़िया तु रो क्यों रही है और ये दीदी के साथ किसने किया । इतने में निशा, निधि सांत्वना देती है आरोही रोते रोते ही भैया वो .. भैया वो .. और रोने लगती है ।राहुल अपनी जान से प्यारी बहन को रोता हुआ देख उसकी आँखे भी नम हो जाती है ।निशा जानती थी ये दोनो राहुल की बहने है पर वो कभी उनसे कुछ नही बोलती थी पर इस घटना ने निशा को बोलने पे मजबूर कर दिया और उसने निधि से पूछा ।निधि ये सब कैसे हुआ और किसने किया ।बताओ निधि ,निशा के पहली बार ऐसे अपनेपन से निधि भावुक हो जाती है और उससे लिपट के रोने लगती है । निशा भी उसको जोर से अपने बांहों में भींच लेती हैं। राहुल फिर आरोही से पूछता है ये कैसे हुआ आरोही ??
आरोही का रोना अभी थोड़ा कम हो गया था वो रोते रोते ही बोली भैया वो विक्की और अजय ने दीदी के साथ बत्तमीज़ी करने लगे थे मुझे पता चला तो मैंने उनको रोकना चाहा तो उन्होंने मेरे साथ भी बत्तमीज़ी करने लगे वो राहुल को सब बता देती है ये सब सुन राहुल का गुस्सा सातवें आसमान पे था वो गुस्से में उन हरामज़ादो को छोडूंगा नही और वो गुस्से से ही प्रिंसिपल ऑफिस की तरफ निकल पड़ता है । विक्की और अजय एक नंबर के ठरकी और लड़कीबाज़ थे वो गांजा भी पीते थे कॉलेज में ये नया नही था जब ऐसा कुछ हुआ हो ऐसा कई बार वो कर चुका था और एक बार तो एक लड़की को सब के सामने नंगा के दिया था । पर पूरे कॉलेज में एक निशा ही थी ।जिसको छूने की उनकी हिम्मत कभी हुई ही नही निशा एक दम मस्त पटाखा थी जिसे हर कोई बजाना चाहता था पर वो तो शायद राहुल से बजने के इंतेज़ार में थी ।इधर राहुल प्रिंसिपल के ऑफिस में बिना किसी की इज़ाज़त लिए घुस जाता है और विक्की और अजय और प्रिंसिपल जब उसे देखते है तो विक्की अरे नामर्द आ गया देखो तो कितना गुस्से में है और हँसने लगता है उसने इतना ही बोला था की विक्की के मुँह पे एक जोरदार पंच राहुल दे मरता है और वो इस हमले से कुर्सी से गिर जाता है ।अजय कुछ करता उससे पहले ही राहुल उसके मुँह पे 3-4 घुसे बरसा देता है और अजय संभाल नही पता और गिर जाता है उसका नाक से खून आने लगा था ।पीछे से विक्की राहुल को एक लात मरता है और राहुल अजय पे गिर जाता है अचानक हुए इस हमले से राहुल संभाल नही पा रहा था की उधर अजय राहुल को पलटकर 2-3 घुसे धर देता है और विक्की भी मिल के मरने लगता है ये सब से राहुल की हालत खराब होने लगती है ।प्रिंसिपल मारो साले को मेरे बेटे को मरेगा ।
हरामज़ादे तेरी बहनो को रखैल बनाऊगा। तभी वहा पे आरोही ,निधि और निशा और कॉलेज के और भी कई लड़के लड़किया आ जाते है निशा को देख प्रिंसिपल की हालत खराब हो जाती है वो जल्दी से विक्की और अजय को रोकने की एक्टिंग करता है की तभी राहुल, अजय की नाक पे वार कर देता है वो इतनी जोर से मरता है की इस बार अजय उठने की हालत में नही था इसी दौरान राहुल विक्की को भी धर दबोचता है और उसको दे घुसे दे लात मार मार के अधमरा कर देता है राहुल का ऐसा रूप आज तक किसी ने नही देखा था निशा तो पुरी तरह से आचंभित थी की इतना सीधा और साधा रहने वाला लड़के में इतनी हिम्मत होगी ।वो क्या है निशा हमेशा ही समझती थी की राहुल कमज़ोर है पर आज उसका ये रूप निशा ही नही निधि और आरोही के लिए भी चौकाने वाला था बल्कि सब के लिए ये एक असंभव वाली बात थी की राहुल इतना हिम्मत वाला और ताकत वाला है ,राहुल हमेशा ही कॉलेज में लगभग सभी से डरता था उसको लगता था की वो कमज़ोर है और कॉलेज में सब उसकी क्लास लगाते थे यहा तक विक्की और अजय ने तो कई बार आरोही और निधि चुदाई के बारे में भी बोल चुके थे की अपनी बहन चुदवा ले पर राहुल डर के मारे कुछ नही बोलता था ।पर आज सब कुछ उल्टा हो चुका था ।इधर राहुल बारी बारी से विक्की और अजय को धो रहा था की तभी उसकी नज़र प्रिंसिपल पे भी गयी उसने प्रिंसिपल को भी 3-4 घुसे दे मारे वो और मरता की निशा उसको पकड़ के बोलती है राहुल ये क्या कर रहे हो छोड़ो प्रिंसिपल को ये गलत है वो तुमको कॉलेज से निकल देंगे ।राहुल निशा की एक भी बात नही सुनता और प्रिंसिपल को भी अधमरा कर देता है की तभी आरोही ,राहुल को पकड़ के बोलती है भैया छोड़ दो उन्हे प्लीज और राहुल एक दम से रुक जाता है राहुल आरोही को देखता है और आरोही एक दम से राहुल से लिपट जाती है तभी राहुल बोलता है इनकी हिम्मत कैसे हुई मेरी बहनो को छूने की और तु तो मेरी जान है तेरे लिए उनका खून भी कर दूंगा मैं, वो इतने गुस्से से बोला की सब डर जाते है ।निधि ये बात सुन के चौंक जाती है की राहुल ,आरोही से कितना प्यार करता है और एक मैं हूँ जो उसके लिए गन्दा सोच रही थी की वो अपनी ही बहन की लेना चाहता है और अपने ही अंदर वो ग्लानि से भर जाती है इधर प्रिंसिपल ,विक्की ,अजय तीनो ही मार खा के दर्द से आह भर रहे थे । राहुल थोड़ा शांत होकर बोलता है अगर मेरी बहनो को अगली बार छुआ ना तो वो हाल करूंगा की तुम लोगो को अपने पैदा होने पे अफ़सोस होगा।और
वहा से निकल जाता है ,केंटीन में बैठे राहुल ,निधि आरोही और निशा एक दम शांत थे की तभी निधि
बोलती है । सोर्री भाई सब मेरी वजह से हुआ नही तो वो आरोही को हाथ नही लगते तभी राहुल बोलता है दीदी वो आरोही क्या मेरी किसी भी बहन को कोई छु लेगा तो उनकी जान ले लूंगा ये सुनते ही निधि की आँखे नम हो जाती है ।जिस भाई को वो ठरकी ,बहनचोद सोच रही थी वो उनकी इतनी फ़िक्र करता हैं।
निशा - राहुल पर तुम्हे प्रिंसिपल पे हाँथ नही उठाना चाहिए था वो तुम्हे निकाल देगा इस कॉलेज से, तुम्हारी पढ़ाई बर्बाद हो जाएगी
राहुल - जो करना है कर ले पर किसी ने भी मेरी बहनो को छुआ भी ना तो उसकी जान निकाल दूंगा । ऐसे ही सब राहुल को समझाने में लगे हुए थे कब दिन ख़तम होने लगा पता ही नही चला और वो घर के लिए निकल जाते है निशा भी सब को बाय बोल कर निकल जाती है
बहुत ही शानदार अपडेट हैं कहानी में ट्विस्ट राहुल अब तो आरोही की लेकर रहेगा
 
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