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अपडेट 5
(आकर्षण)
शाम के ५ बजे बरखा अपने भैया भाभी से मिलकर बहुत खुशी थी ।इधर निधि ,आयशा और आरोही तीनों ही मस्ती में सब को भूल गयी थी ।
नदी के किनारे बैठा राहुल के मन में एक ही बात घूम रही थी की उसने कैसे आरोही के लिए ऐसे शब्दों का इतेमाल किया क्या सच में वो आरोही के लिए ऐसा सोच सकता है
राहुल ने अपने जीवन में किसी से सबसे अधिक मोहब्बत की है तो वो आरोही से ही है । तभी रोहन बोलता है किस ख्यालों में डूबा हुआ है ।
राहुल - यार उस अंजलि ने बहुत गंदी बात बोली ।
रोहन - मुस्कुरा के मुझे पाता है दोस्त उसने क्या बोला और उसने कुछ गलत नही बोला ।
राहुल- रोहन को एक टक देखते ही बोला क्या बोल रहा है तु ,भला बहन के साथ ऐसा करना तो दूर सोचना भी पाप है
रोहन - यार ऐसा है तो मैं तो सबसे बड़ा पापी हूँ । और तूने भी तो बोला आरोही के लिए और फिर से मुस्कुरा पड़ता है राहुल - मतलब तुझे पता था वो ऐसी है
रोहन - हाँ भाई पर उसने सच ही बोला ,जब पहली बार मैंने आयशा के बदन को देखा तो एहसास हुआ की वो क्या माल है और तुझे एक खास बात बताऊँ उसके चुचों पे एक तिल भी है जो मुझे आकर्षित करता है ।
राहुल - तु सच में पागल हो गया है उसी रंडी अंजलि के कारण साली ने तुझसे पाप करवा दिया।
रोहन - देख भाई मैं पापी हूँ पर तु भी तो है तूने भी आरोही के लिए कुछ तो बोला ही होगा ।राहुल झेंप जाता है ।
रोहन - देख भाई मैं बस आयशा को देखता हूँ और उसके बदन की कसवाट देख के हिला लेता हूँ । तेरे लिए ये सब अभी नया है इस लिए तुझे गन्दा लग रहा है पर एक बार सोच के देख आरोही के बारे में और मुस्कुरा देता था ।
राहुल कुछ बोल पाता उससे पहले ही एक आवाज़ उनको सुनाई देती है
बहनचोद अब नहीं बचेगा तु आज तो गया तु ।
ये गुड्डू था ।एक नंबर का कमीना और ठरकी उसने गाँव की कई लड़कियों की बूर फाड़ी थी अब तो वो गंडागर्दी भी करने लगा था । एक बार इसने आयशा की चूची मसल दी थी खेत में अकेले पा कर तभी से रोहन इसका दुश्मन बन गया था ।
रोहन - मादरचोद तु क्या मरेगा तेरी गांड तो आज मैं फाड़ूंगा ।
गुड्डू - बहनचोद तुझे मार के तेरी बहन को अपनी रखैल बनाऊगा बाज़ार की सबसे बड़ी रंडी होगी तेरी बहन आयशा ।
राहुल - ये चुतिया कौन है रोहन जो तुझे धमकी दे रहा है और आयशा के लिए ऐसा बोल रहा है।
गुड्डू - मादरचोद तु मुझे चुतिया बोल रहा है तु है कौन बे
इतना बोला ही था की रोहन ने दो घुसे दे मारे और गुड्डू संभाल नही पाता और गिर जाता है । अभी रोहन फिर मरने को आगे बढ़ता है की थोड़ी ही दूरी से रवि की आवाज़ सुनाई देती है ।साथ में अंकित भी था ।
रोहन और राहुल उनको देखते है की इधर गुड्डू चुपके से निकल जाता है ।
रवि - साले तु यहाँ है वहा तेरे घर पे कोई आया हुआ है और साथ में एक माल भी आया है यार क्या बदन है साली का उफ्फ्फ्फ़..देख के ही लोड़ा मचल गया ।
रोहन - बहनचोद पहले इस गुड्डू को देख लूं फिर तुझे बताता हूँ जैसे ही उसकी नज़र दूसरी तरफ जाती है वो कोई नही था ।
रवि - क्या बताएगा यार उस साली की दिलवा देगा क्या और हँसने लगता है ।
राहुल - ऐसा कौन आया है।
अंकित - चल कर खुद ही देख लो दोनो ।
राहुल का मन अब शांत नही था रवि की बातें उसके दिमाग़ में घूम रही थी । तभी रोहन उसको बोलता है क्या हुआ भाई ।
राहुल - यार रवि को ऐसा नही बोलना चाहिए था निधि दीदी के लिए ।
रोहन - अरे यार वो ऐसा ही है और उसने कुछ गलत कहा क्या ,निधि को देखते हुआ बोला
राहुल ने रोहन की नज़रों के पीछा किया तो पाया की वो निधि की गांड को घूर रहा था जो टाइट जीन्स में खड़ी आयशा से बातें कर रही थी ।
अगले सुबह आयशा नहा के अपनी ब्रा और कच्छी पासार रही थी राहुल ने उसे देखा सच में उसकी जवानी की उठान उसके छाती पे दिखाई दे रही थी तभी निधि वहा। आती है और राहुल को बोलती है ।
निधि - भाई चल ना कही घूम के आते है
राहुल - ठीक है दीदी आप तैयार हो जाओ फिर चलते है ।
राहुल और निधि दोनो सुबह सुबह गाँव की ताज़ी हवा और प्राकृतिक सुंदरिये और फसलों को देख के दोनो का मन मोहित हो चला था तभी एक दम से पीछे से किसी की आवाज़ राहुल को सुनाई देती है कैसे हो राहुल बाबू तभी वो पलट के देखता है वहा अंजलि एक मुस्कान के साथ खड़ी थी ।राहुल की तो जैसे साँसे ही रुक गयी हो कुछ बोल नही पा रहा था तभी निधि बोली भाई ये कौन है ।
अंजलि - अच्छा आप ही आरोही हो क्या राहुल बाबू की बहन
निधि - अरे नही नही मैं आरोही नही निधि हूँ में भी बहन ही हूँ ।
अंजलि - सागी बहन हो क्या या ऐसे ही नाते की हो ।
निधि - सागी हूँ जी वैसे आप ये क्यों पूछ रही हो ।
अंजलि - अरे क्या बताये राहुल बाबू को मेहनत करना बहुत पसंद है कल ही वो आरोही जी के लिए मेहनत किये ना और मुस्कुरा पड़ती है
राहुल की तो फट के हाथ में आ गयी अंजलि के मुँह से आरोही सुन के तभी निधि बोलती है कैसी मेहनत कुछ समझ नही आया । अंजलि कुछ और बोलती उससे पहले राहुल बोलता है कुछ नही दीदी वो आरोही के लिए आम तोड़ने की कोशिश कर रहा था पेड़ से वही ये भी थी उसी मेहनत की बात कह रही है । अंजलि तो कमीनी थी
अंजलि - हाँ निधि जी कल आरोही के आम तो राहुल बाबू तोड़ ही देते पर अफ़सोस थक गये इसलिए आम से खेलना मेरा मतलब आम तोड़ना छोड़ दिये ।
निधि शायद कुछ कुछ मतलब समझ रही क्यों की वो भी जवानी के उस दहलीज़ पे थी जहा बूर की खुजली रात भर जगाती है ।
निधि - अच्छा कोई नहीं हम लोग आज आम तोड़ लेंगे।
अंजलि - देखा राहुल बाबू आपकी बहन आज आपको आम का रस पिला के ही मानेगी चूस चूस के खाना आम वो निधि के उभर को देखते हुए बोली ।
इधर रोहन आयशा के चुचों के तिल को देखने की कोशिश कर रहा था पर देख नही पता तो मायूस होकर दोस्तों से मिलने निकल जाता है ।
निधि और राहुल के थक चुके थे तभी निधि, अंजलि वाली बात बोलती है वो किस आम की बात कर रही थी ।इतने में राहुल की धड़कन तेज़ हो जाति है अब वो क्या कहता की वो आम की नहीं तुम्हारे और आरोही के उरोजो की बात कर रही थी । किन ख्यालों में है मेरा भैया तभी राहुल बोलता है कुछ नही दीदी वो पागल औरत है कुछ भी बोलती है अश्लील बातें करना उसका काम है आप उसपे ध्यान मत दो ।
निधि भी मुस्कुरा जाती है और वो घर के लिए निकल जाते है ।
शाम के ४ बजे आयशा झाड़ू लगा रही थी और राहुल उसको देख रहा था तभी उसके मन में एक बात आती है की आयशा के चुचों पे एक तिल है ।राहुल को पता नही क्या होता है एक दम से वो उसके तिल को देखने लिए अपनी आखें घूमने लगता है ।बहुत कोशिश के बाद भी उसे कुछ नही दिखाई दिया ।जब राहुल उसके चूचियों को देखने की कोशिश कर रहा था तब आयशा समझ जाती है की उसके राहुल भैया की नज़र कहा है । तभी दोनो की नज़र मिलती है और आयशा मुस्कुरा देती है वही राहुल शर्म से नज़रे नीची कर देता है ।आयशा ने अपना कौमार्य अभी किसी को नही दिया था पर वो अच्छे से जाती थी की उसकी जवानी की वजह से ही उसे घर से दूर नही जाने दिया जाता और गुड्डू से चूची मसलवाने के बाद तो वो कही भी अकेले नही जा पाती थी। आखिर बुर तो उसके पास भी थी जो उसके परेशान करती थी इसीलिए वो भी कभी कभी रोहन को अपने उरोज दिखा के मज़ा करती थी ।
आयशा ने अपनी चुन्नी उतर के एक पेड़ पे रख दि और झाड़ू लगाने लगी ।तभी राहुल की नज़र उसके उभरो पे जाति है चोली में कसें हुए उरोजो पे जाती है उसके चुचों पे पसीने की कुछ बूँद साफ नज़र आ रही थी की वो लुढ़क के उस खाई में गिर रही थी जहाँ शायद वो तिल हो पर उसको वो तिल नही दिख पा रहा था तभी आयशा जान बुझ के झाड़ूं लगने के बहाने से राहुल के करीब जाति है और चोली को ठीक करने के बहाने से उसको वो तिल दिखाती है जिसको उसने छुपा के रखा था जो रोहन कई बार देखता पकड़ा भी गया था और आयशा से माफ़ी भी मांग मांगता था । राहुल की नज़र तो उस तिल भी अटक के रह गयी थी तभी आयशा कहती है अच्छे है ना भैया ।वो एक दम से झेंप जाता है और आयशा मुस्कुरा पड़ती है थोड़ी देर की चुप्पी के बाद फिर वही सिलसिला चल पड़ता है राहुल फिर उसकी चूचियों को घूरे जा रहा की तभी दोनो की नज़र मिलती है पर इस बार दोनो ही मुस्कुरा देते है तभी आयशा भैया ऐसे आरोही को देखो उसके पास भी है और हसंते हुए घर में भाग जाती है । ये सब कोई दूर खड़े देख रहा था जिसके दोनों ही अनजान थे
इधर राहुल भी घर के अंदर आ जाता है और आते ही उसकी नज़र एक मस्त गांड पे पड़ती है जो झुक के कुछ कर रही थी ये गांड किसी और नही आरोही की थी जिससे देख राहुल के मन में आयशा की बात आती है की आरोही को देखो । राहुल ,आरोही को सच्चे दिल से प्यार करता था पर उसकी गांड का उभर उसके प्यार पे भारी पड़ रहा था हवस प्यार को ख़तम कर रही थी देखते ही देखते राहुल का लंड अकड़ गया और पैंट के ऊपर से उसका उभर दिखने लगा था । सच में आरोही की गांड इतनी कम उम्र में भी काफी बड़ी और मनमोहक लग रही थी टाइट जीन्स पहने वो झुकी हुई थी राहुल की नज़र उसकी गांड के उस हिस्से पे जाती है जहाँ जीन्स गांड की गहराई में घुसे जा रही थी राहुल की तो धड़कने तेज़ हो गयी लंड भी झटके मार गया ऐसा दृश्य देख के पता नही उसे क्या हुआ उसने फोन निकल के आरोही की गांड की ३-४ फोटो ले ली ।तभी राहुल की नज़र किसी को देख के चौंक जाती है ।जी हाँ वो आयशा थी जो राहुल को देख रही थी और दोनो की नज़रे जब मिली तो दोनो ही हंस पड़े थे ।
पर यहाँ भी दोनों कोई देख रहा था ।
आरोही - भैया आप कब आये
राहुल ये बोल के निकल जाता है की वो रोहन से मिलकर आता था ।वो तेज़ी से वहा से निकल जाता है और इधर आरोही ये भैया को क्या हो गया । आयशा जब आरोही की ये बात सुनती है तो मन में बोलती है लंड ले लो भैया का वो कहो नही जाएंगे ।
इधर राहुल का लंड बागवात कर रहा था आरोही की गांड और आयशा के चुचों के का तिल उसके लंड में हलचल मचा चुका था । तभी कोई पीछे से जोर से उसके सर पे मरता था जिससे राहुल की चीख़ निकल जाती है और वो बेहोश हो जाता है ।
उसकी आँख जब खुलती है तो उसके सामने बरखा अपने आँखों में आँसू लिए राहुल राहुल करके रोये जा रही थी ।राहुल के होश में आते है सब की जान में जान आती है ।
आरोही आकर सीधा राहुल से लिपट जाती है और बोलती है आप ठीक तो हो ना भैया ।
इस तरह सभी राहुल का हाल जान के चैन की साँस लेते है । राहुल, अंजलि को बेहोश मिला था उसने ही राहुल के बारे में घर पे जाकर बताया था ।
(आकर्षण)
शाम के ५ बजे बरखा अपने भैया भाभी से मिलकर बहुत खुशी थी ।इधर निधि ,आयशा और आरोही तीनों ही मस्ती में सब को भूल गयी थी ।
नदी के किनारे बैठा राहुल के मन में एक ही बात घूम रही थी की उसने कैसे आरोही के लिए ऐसे शब्दों का इतेमाल किया क्या सच में वो आरोही के लिए ऐसा सोच सकता है
राहुल ने अपने जीवन में किसी से सबसे अधिक मोहब्बत की है तो वो आरोही से ही है । तभी रोहन बोलता है किस ख्यालों में डूबा हुआ है ।
राहुल - यार उस अंजलि ने बहुत गंदी बात बोली ।
रोहन - मुस्कुरा के मुझे पाता है दोस्त उसने क्या बोला और उसने कुछ गलत नही बोला ।
राहुल- रोहन को एक टक देखते ही बोला क्या बोल रहा है तु ,भला बहन के साथ ऐसा करना तो दूर सोचना भी पाप है
रोहन - यार ऐसा है तो मैं तो सबसे बड़ा पापी हूँ । और तूने भी तो बोला आरोही के लिए और फिर से मुस्कुरा पड़ता है राहुल - मतलब तुझे पता था वो ऐसी है
रोहन - हाँ भाई पर उसने सच ही बोला ,जब पहली बार मैंने आयशा के बदन को देखा तो एहसास हुआ की वो क्या माल है और तुझे एक खास बात बताऊँ उसके चुचों पे एक तिल भी है जो मुझे आकर्षित करता है ।
राहुल - तु सच में पागल हो गया है उसी रंडी अंजलि के कारण साली ने तुझसे पाप करवा दिया।
रोहन - देख भाई मैं पापी हूँ पर तु भी तो है तूने भी आरोही के लिए कुछ तो बोला ही होगा ।राहुल झेंप जाता है ।
रोहन - देख भाई मैं बस आयशा को देखता हूँ और उसके बदन की कसवाट देख के हिला लेता हूँ । तेरे लिए ये सब अभी नया है इस लिए तुझे गन्दा लग रहा है पर एक बार सोच के देख आरोही के बारे में और मुस्कुरा देता था ।
राहुल कुछ बोल पाता उससे पहले ही एक आवाज़ उनको सुनाई देती है
बहनचोद अब नहीं बचेगा तु आज तो गया तु ।
ये गुड्डू था ।एक नंबर का कमीना और ठरकी उसने गाँव की कई लड़कियों की बूर फाड़ी थी अब तो वो गंडागर्दी भी करने लगा था । एक बार इसने आयशा की चूची मसल दी थी खेत में अकेले पा कर तभी से रोहन इसका दुश्मन बन गया था ।
रोहन - मादरचोद तु क्या मरेगा तेरी गांड तो आज मैं फाड़ूंगा ।
गुड्डू - बहनचोद तुझे मार के तेरी बहन को अपनी रखैल बनाऊगा बाज़ार की सबसे बड़ी रंडी होगी तेरी बहन आयशा ।
राहुल - ये चुतिया कौन है रोहन जो तुझे धमकी दे रहा है और आयशा के लिए ऐसा बोल रहा है।
गुड्डू - मादरचोद तु मुझे चुतिया बोल रहा है तु है कौन बे
इतना बोला ही था की रोहन ने दो घुसे दे मारे और गुड्डू संभाल नही पाता और गिर जाता है । अभी रोहन फिर मरने को आगे बढ़ता है की थोड़ी ही दूरी से रवि की आवाज़ सुनाई देती है ।साथ में अंकित भी था ।
रोहन और राहुल उनको देखते है की इधर गुड्डू चुपके से निकल जाता है ।
रवि - साले तु यहाँ है वहा तेरे घर पे कोई आया हुआ है और साथ में एक माल भी आया है यार क्या बदन है साली का उफ्फ्फ्फ़..देख के ही लोड़ा मचल गया ।
रोहन - बहनचोद पहले इस गुड्डू को देख लूं फिर तुझे बताता हूँ जैसे ही उसकी नज़र दूसरी तरफ जाती है वो कोई नही था ।
रवि - क्या बताएगा यार उस साली की दिलवा देगा क्या और हँसने लगता है ।
राहुल - ऐसा कौन आया है।
अंकित - चल कर खुद ही देख लो दोनो ।
राहुल का मन अब शांत नही था रवि की बातें उसके दिमाग़ में घूम रही थी । तभी रोहन उसको बोलता है क्या हुआ भाई ।
राहुल - यार रवि को ऐसा नही बोलना चाहिए था निधि दीदी के लिए ।
रोहन - अरे यार वो ऐसा ही है और उसने कुछ गलत कहा क्या ,निधि को देखते हुआ बोला
राहुल ने रोहन की नज़रों के पीछा किया तो पाया की वो निधि की गांड को घूर रहा था जो टाइट जीन्स में खड़ी आयशा से बातें कर रही थी ।
अगले सुबह आयशा नहा के अपनी ब्रा और कच्छी पासार रही थी राहुल ने उसे देखा सच में उसकी जवानी की उठान उसके छाती पे दिखाई दे रही थी तभी निधि वहा। आती है और राहुल को बोलती है ।
निधि - भाई चल ना कही घूम के आते है
राहुल - ठीक है दीदी आप तैयार हो जाओ फिर चलते है ।
राहुल और निधि दोनो सुबह सुबह गाँव की ताज़ी हवा और प्राकृतिक सुंदरिये और फसलों को देख के दोनो का मन मोहित हो चला था तभी एक दम से पीछे से किसी की आवाज़ राहुल को सुनाई देती है कैसे हो राहुल बाबू तभी वो पलट के देखता है वहा अंजलि एक मुस्कान के साथ खड़ी थी ।राहुल की तो जैसे साँसे ही रुक गयी हो कुछ बोल नही पा रहा था तभी निधि बोली भाई ये कौन है ।
अंजलि - अच्छा आप ही आरोही हो क्या राहुल बाबू की बहन
निधि - अरे नही नही मैं आरोही नही निधि हूँ में भी बहन ही हूँ ।
अंजलि - सागी बहन हो क्या या ऐसे ही नाते की हो ।
निधि - सागी हूँ जी वैसे आप ये क्यों पूछ रही हो ।
अंजलि - अरे क्या बताये राहुल बाबू को मेहनत करना बहुत पसंद है कल ही वो आरोही जी के लिए मेहनत किये ना और मुस्कुरा पड़ती है
राहुल की तो फट के हाथ में आ गयी अंजलि के मुँह से आरोही सुन के तभी निधि बोलती है कैसी मेहनत कुछ समझ नही आया । अंजलि कुछ और बोलती उससे पहले राहुल बोलता है कुछ नही दीदी वो आरोही के लिए आम तोड़ने की कोशिश कर रहा था पेड़ से वही ये भी थी उसी मेहनत की बात कह रही है । अंजलि तो कमीनी थी
अंजलि - हाँ निधि जी कल आरोही के आम तो राहुल बाबू तोड़ ही देते पर अफ़सोस थक गये इसलिए आम से खेलना मेरा मतलब आम तोड़ना छोड़ दिये ।
निधि शायद कुछ कुछ मतलब समझ रही क्यों की वो भी जवानी के उस दहलीज़ पे थी जहा बूर की खुजली रात भर जगाती है ।
निधि - अच्छा कोई नहीं हम लोग आज आम तोड़ लेंगे।
अंजलि - देखा राहुल बाबू आपकी बहन आज आपको आम का रस पिला के ही मानेगी चूस चूस के खाना आम वो निधि के उभर को देखते हुए बोली ।
इधर रोहन आयशा के चुचों के तिल को देखने की कोशिश कर रहा था पर देख नही पता तो मायूस होकर दोस्तों से मिलने निकल जाता है ।
निधि और राहुल के थक चुके थे तभी निधि, अंजलि वाली बात बोलती है वो किस आम की बात कर रही थी ।इतने में राहुल की धड़कन तेज़ हो जाति है अब वो क्या कहता की वो आम की नहीं तुम्हारे और आरोही के उरोजो की बात कर रही थी । किन ख्यालों में है मेरा भैया तभी राहुल बोलता है कुछ नही दीदी वो पागल औरत है कुछ भी बोलती है अश्लील बातें करना उसका काम है आप उसपे ध्यान मत दो ।
निधि भी मुस्कुरा जाती है और वो घर के लिए निकल जाते है ।
शाम के ४ बजे आयशा झाड़ू लगा रही थी और राहुल उसको देख रहा था तभी उसके मन में एक बात आती है की आयशा के चुचों पे एक तिल है ।राहुल को पता नही क्या होता है एक दम से वो उसके तिल को देखने लिए अपनी आखें घूमने लगता है ।बहुत कोशिश के बाद भी उसे कुछ नही दिखाई दिया ।जब राहुल उसके चूचियों को देखने की कोशिश कर रहा था तब आयशा समझ जाती है की उसके राहुल भैया की नज़र कहा है । तभी दोनो की नज़र मिलती है और आयशा मुस्कुरा देती है वही राहुल शर्म से नज़रे नीची कर देता है ।आयशा ने अपना कौमार्य अभी किसी को नही दिया था पर वो अच्छे से जाती थी की उसकी जवानी की वजह से ही उसे घर से दूर नही जाने दिया जाता और गुड्डू से चूची मसलवाने के बाद तो वो कही भी अकेले नही जा पाती थी। आखिर बुर तो उसके पास भी थी जो उसके परेशान करती थी इसीलिए वो भी कभी कभी रोहन को अपने उरोज दिखा के मज़ा करती थी ।
आयशा ने अपनी चुन्नी उतर के एक पेड़ पे रख दि और झाड़ू लगाने लगी ।तभी राहुल की नज़र उसके उभरो पे जाति है चोली में कसें हुए उरोजो पे जाती है उसके चुचों पे पसीने की कुछ बूँद साफ नज़र आ रही थी की वो लुढ़क के उस खाई में गिर रही थी जहाँ शायद वो तिल हो पर उसको वो तिल नही दिख पा रहा था तभी आयशा जान बुझ के झाड़ूं लगने के बहाने से राहुल के करीब जाति है और चोली को ठीक करने के बहाने से उसको वो तिल दिखाती है जिसको उसने छुपा के रखा था जो रोहन कई बार देखता पकड़ा भी गया था और आयशा से माफ़ी भी मांग मांगता था । राहुल की नज़र तो उस तिल भी अटक के रह गयी थी तभी आयशा कहती है अच्छे है ना भैया ।वो एक दम से झेंप जाता है और आयशा मुस्कुरा पड़ती है थोड़ी देर की चुप्पी के बाद फिर वही सिलसिला चल पड़ता है राहुल फिर उसकी चूचियों को घूरे जा रहा की तभी दोनो की नज़र मिलती है पर इस बार दोनो ही मुस्कुरा देते है तभी आयशा भैया ऐसे आरोही को देखो उसके पास भी है और हसंते हुए घर में भाग जाती है । ये सब कोई दूर खड़े देख रहा था जिसके दोनों ही अनजान थे
इधर राहुल भी घर के अंदर आ जाता है और आते ही उसकी नज़र एक मस्त गांड पे पड़ती है जो झुक के कुछ कर रही थी ये गांड किसी और नही आरोही की थी जिससे देख राहुल के मन में आयशा की बात आती है की आरोही को देखो । राहुल ,आरोही को सच्चे दिल से प्यार करता था पर उसकी गांड का उभर उसके प्यार पे भारी पड़ रहा था हवस प्यार को ख़तम कर रही थी देखते ही देखते राहुल का लंड अकड़ गया और पैंट के ऊपर से उसका उभर दिखने लगा था । सच में आरोही की गांड इतनी कम उम्र में भी काफी बड़ी और मनमोहक लग रही थी टाइट जीन्स पहने वो झुकी हुई थी राहुल की नज़र उसकी गांड के उस हिस्से पे जाती है जहाँ जीन्स गांड की गहराई में घुसे जा रही थी राहुल की तो धड़कने तेज़ हो गयी लंड भी झटके मार गया ऐसा दृश्य देख के पता नही उसे क्या हुआ उसने फोन निकल के आरोही की गांड की ३-४ फोटो ले ली ।तभी राहुल की नज़र किसी को देख के चौंक जाती है ।जी हाँ वो आयशा थी जो राहुल को देख रही थी और दोनो की नज़रे जब मिली तो दोनो ही हंस पड़े थे ।
पर यहाँ भी दोनों कोई देख रहा था ।
आरोही - भैया आप कब आये
राहुल ये बोल के निकल जाता है की वो रोहन से मिलकर आता था ।वो तेज़ी से वहा से निकल जाता है और इधर आरोही ये भैया को क्या हो गया । आयशा जब आरोही की ये बात सुनती है तो मन में बोलती है लंड ले लो भैया का वो कहो नही जाएंगे ।
इधर राहुल का लंड बागवात कर रहा था आरोही की गांड और आयशा के चुचों के का तिल उसके लंड में हलचल मचा चुका था । तभी कोई पीछे से जोर से उसके सर पे मरता था जिससे राहुल की चीख़ निकल जाती है और वो बेहोश हो जाता है ।
उसकी आँख जब खुलती है तो उसके सामने बरखा अपने आँखों में आँसू लिए राहुल राहुल करके रोये जा रही थी ।राहुल के होश में आते है सब की जान में जान आती है ।
आरोही आकर सीधा राहुल से लिपट जाती है और बोलती है आप ठीक तो हो ना भैया ।
इस तरह सभी राहुल का हाल जान के चैन की साँस लेते है । राहुल, अंजलि को बेहोश मिला था उसने ही राहुल के बारे में घर पे जाकर बताया था ।
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