• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest पुरा परिवार हवस का शिकार

कहानी का हीरो आप किसे समझ रहे हो ??


  • Total voters
    28
  • Poll closed .

Prince_007

Member
105
876
94
अपडेट 5
(आकर्षण)
शाम के ५ बजे बरखा अपने भैया भाभी से मिलकर बहुत खुशी थी ।इधर निधि ,आयशा और आरोही तीनों ही मस्ती में सब को भूल गयी थी ।
नदी के किनारे बैठा राहुल के मन में एक ही बात घूम रही थी की उसने कैसे आरोही के लिए ऐसे शब्दों का इतेमाल किया क्या सच में वो आरोही के लिए ऐसा सोच सकता है
राहुल ने अपने जीवन में किसी से सबसे अधिक मोहब्बत की है तो वो आरोही से ही है । तभी रोहन बोलता है किस ख्यालों में डूबा हुआ है ।
राहुल - यार उस अंजलि ने बहुत गंदी बात बोली ।
रोहन - मुस्कुरा के मुझे पाता है दोस्त उसने क्या बोला और उसने कुछ गलत नही बोला ।
राहुल- रोहन को एक टक देखते ही बोला क्या बोल रहा है तु ,भला बहन के साथ ऐसा करना तो दूर सोचना भी पाप है
रोहन - यार ऐसा है तो मैं तो सबसे बड़ा पापी हूँ । और तूने भी तो बोला आरोही के लिए और फिर से मुस्कुरा पड़ता है राहुल - मतलब तुझे पता था वो ऐसी है
रोहन - हाँ भाई पर उसने सच ही बोला ,जब पहली बार मैंने आयशा के बदन को देखा तो एहसास हुआ की वो क्या माल है और तुझे एक खास बात बताऊँ उसके चुचों पे एक तिल भी है जो मुझे आकर्षित करता है ।
राहुल - तु सच में पागल हो गया है उसी रंडी अंजलि के कारण साली ने तुझसे पाप करवा दिया।
रोहन - देख भाई मैं पापी हूँ पर तु भी तो है तूने भी आरोही के लिए कुछ तो बोला ही होगा ।राहुल झेंप जाता है ।
रोहन - देख भाई मैं बस आयशा को देखता हूँ और उसके बदन की कसवाट देख के हिला लेता हूँ । तेरे लिए ये सब अभी नया है इस लिए तुझे गन्दा लग रहा है पर एक बार सोच के देख आरोही के बारे में और मुस्कुरा देता था ।
राहुल कुछ बोल पाता उससे पहले ही एक आवाज़ उनको सुनाई देती है
बहनचोद अब नहीं बचेगा तु आज तो गया तु ।
ये गुड्डू था ।एक नंबर का कमीना और ठरकी उसने गाँव की कई लड़कियों की बूर फाड़ी थी अब तो वो गंडागर्दी भी करने लगा था । एक बार इसने आयशा की चूची मसल दी थी खेत में अकेले पा कर तभी से रोहन इसका दुश्मन बन गया था ।
रोहन - मादरचोद तु क्या मरेगा तेरी गांड तो आज मैं फाड़ूंगा ।
गुड्डू - बहनचोद तुझे मार के तेरी बहन को अपनी रखैल बनाऊगा बाज़ार की सबसे बड़ी रंडी होगी तेरी बहन आयशा ।
राहुल - ये चुतिया कौन है रोहन जो तुझे धमकी दे रहा है और आयशा के लिए ऐसा बोल रहा है।
गुड्डू - मादरचोद तु मुझे चुतिया बोल रहा है तु है कौन बे
इतना बोला ही था की रोहन ने दो घुसे दे मारे और गुड्डू संभाल नही पाता और गिर जाता है । अभी रोहन फिर मरने को आगे बढ़ता है की थोड़ी ही दूरी से रवि की आवाज़ सुनाई देती है ।साथ में अंकित भी था ।
रोहन और राहुल उनको देखते है की इधर गुड्डू चुपके से निकल जाता है ।
रवि - साले तु यहाँ है वहा तेरे घर पे कोई आया हुआ है और साथ में एक माल भी आया है यार क्या बदन है साली का उफ्फ्फ्फ़..देख के ही लोड़ा मचल गया ।
रोहन - बहनचोद पहले इस गुड्डू को देख लूं फिर तुझे बताता हूँ जैसे ही उसकी नज़र दूसरी तरफ जाती है वो कोई नही था ।
रवि - क्या बताएगा यार उस साली की दिलवा देगा क्या और हँसने लगता है ।
राहुल - ऐसा कौन आया है।
अंकित - चल कर खुद ही देख लो दोनो ।
राहुल का मन अब शांत नही था रवि की बातें उसके दिमाग़ में घूम रही थी । तभी रोहन उसको बोलता है क्या हुआ भाई ।
राहुल - यार रवि को ऐसा नही बोलना चाहिए था निधि दीदी के लिए ।
रोहन - अरे यार वो ऐसा ही है और उसने कुछ गलत कहा क्या ,निधि को देखते हुआ बोला
राहुल ने रोहन की नज़रों के पीछा किया तो पाया की वो निधि की गांड को घूर रहा था जो टाइट जीन्स में खड़ी आयशा से बातें कर रही थी ।
अगले सुबह आयशा नहा के अपनी ब्रा और कच्छी पासार रही थी राहुल ने उसे देखा सच में उसकी जवानी की उठान उसके छाती पे दिखाई दे रही थी तभी निधि वहा। आती है और राहुल को बोलती है ।
निधि - भाई चल ना कही घूम के आते है
राहुल - ठीक है दीदी आप तैयार हो जाओ फिर चलते है ।
राहुल और निधि दोनो सुबह सुबह गाँव की ताज़ी हवा और प्रकृतिक सुंदरिये और फसलों को देख के दोनो का मन मोहित हो चला था तभी एक दम से पीछे से किसी की आवाज़ राहुल को सुनाई देती है कैसे हो राहुल बाबू तभी वो पलट के देखता है वहा अंजलि एक मुस्कान के साथ खड़ी थी ।राहुल की तो जैसे साँसे ही रुक गयी हो कुछ बोल नही पा रहा था तभी निधि बोली भाई ये कौन है ।
अंजलि - अच्छा आप ही आरोही हो क्या राहुल बाबू की बहन
निधि - अरे नही नही मैं आरोही नही निधि हूँ में भी बहन ही हूँ ।
अंजलि - सागी बहन हो क्या या ऐसे ही नाते की हो ।
निधि - सागी हूँ जी वैसे आप ये क्यों पूछ रही हो ।
अंजलि - अरे क्या बताये राहुल बाबू को मेहनत करना बहुत पसंद है कल ही वो आरोही जी के लिए मेहनत किये ना और मुस्कुरा पड़ती है
राहुल की तो फट के हाथ में आ गयी अंजलि के मुँह से आरोही सुन के तभी निधि बोलती है कैसी मेहनत कुछ समझ नही आया । अंजलि कुछ और बोलती उससे पहले राहुल बोलता है कुछ नही दीदी वो आरोही के लिए आम तोड़ने की कोशिश कर रहा था पेड़ से वही ये भी थी उसी मेहनत की बात कह रही है । अंजलि तो कमीनी थी
अंजलि - हाँ निधि जी कल आरोही के आम तो राहुल बाबू तोड़ ही देते पर अफ़सोस थक गये इसलिए आम से खेलना मेरा मतलब आम तोड़ना छोड़ दिये ।
निधि शायद कुछ कुछ मतलब समझ रही क्यों की वो भी जवानी के उस दहलीज़ पे थी जहा बूर की खुजली रात भर जगाती है ।
निधि - अच्छा कोई नहीं हम लोग आज आम तोड़ लेंगे।
अंजलि - देखा राहुल बाबू आपकी बहन आज आपको आम का रस पिला के ही मानेगी चूस चूस के खाना आम वो निधि के उभर को देखते हुए बोली ।
इधर रोहन आयशा के चुचों के तिल को देखने की कोशिश कर रहा था पर देख नही पता तो मायूस होकर दोस्तों से मिलने निकल जाता है ।
निधि और राहुल के थक चुके थे तभी निधि, अंजलि वाली बात बोलती है वो किस आम की बात कर रही थी ।इतने में राहुल की धड़कन तेज़ हो जाति है अब वो क्या कहता की वो आम की नहीं तुम्हारे और आरोही के उरोजो की बात कर रही थी । किन ख्यालों में है मेरा भैया तभी राहुल बोलता है कुछ नही दीदी वो पागल औरत है कुछ भी बोलती है अश्लील बातें करना उसका काम है आप उसपे ध्यान मत दो ।
निधि भी मुस्कुरा जाती है और वो घर के लिए निकल जाते है ।
शाम के ४ बजे आयशा झाड़ू लगा रही थी और राहुल उसको देख रहा था तभी उसके मन में एक बात आती है की आयशा के चुचों पे एक तिल है ।राहुल को पता नही क्या होता है एक दम से वो उसके तिल को देखने लिए अपनी आखें घूमने लगता है ।बहुत कोशिश के बाद भी उसे कुछ नही दिखाई दिया ।जब राहुल उसके चूचियों को देखने की कोशिश कर रहा था तब आयशा समझ जाती है की उसके राहुल भैया की नज़र कहा है । तभी दोनो की नज़र मिलती है और आयशा मुस्कुरा देती है वही राहुल शर्म से नज़रे नीची कर देता है ।आयशा ने अपना कौमार्य अभी किसी को नही दिया था पर वो अच्छे से जाती थी की उसकी जवानी की वजह से ही उसे घर से दूर नही जाने दिया जाता और गुड्डू से चूची मसलवाने के बाद तो वो कही भी अकेले नही जा पाती थी। आखिर बुर तो उसके पास भी थी जो उसके परेशान करती थी इसीलिए वो भी कभी कभी रोहन को अपने उरोज दिखा के मज़ा करती थी ।
आयशा ने अपनी चुन्नी उतर के एक पेड़ पे रख दि और झाड़ू लगाने लगी ।तभी राहुल की नज़र उसके उभरो पे जाति है चोली में कसें हुए उरोजो पे जाती है उसके चुचों पे पसीने की कुछ बूँद साफ नज़र आ रही थी की वो लुढ़क के उस खाई में गिर रही थी जहाँ शायद वो तिल हो पर उसको वो तिल नही दिख पा रहा था तभी आयशा जान बुझ के झाड़ूं लगने के बहाने से राहुल के करीब जाति है और चोली को ठीक करने के बहाने से उसको वो तिल दिखाती है जिसको उसने छुपा के रखा था जो रोहन कई बार देखता पकड़ा भी गया था और आयशा से माफ़ी भी मांग मांगता था । राहुल की नज़र तो उस तिल भी अटक के रह गयी थी तभी आयशा कहती है अच्छे है ना भैया ।वो एक दम से झेंप जाता है और आयशा मुस्कुरा पड़ती है थोड़ी देर की चुप्पी के बाद फिर वही सिलसिला चल पड़ता है राहुल फिर उसकी चूचियों को घूरे जा रहा की तभी दोनो की नज़र मिलती है पर इस बार दोनो ही मुस्कुरा देते है तभी आयशा भैया ऐसे आरोही को देखो उसके पास भी है और हसंते हुए घर में भाग जाती है । ये सब कोई दूर खड़े देख रहा था जिसके दोनों ही अनजान थे
इधर राहुल भी घर के अंदर आ जाता है और आते ही उसकी नज़र एक मस्त गांड पे पड़ती है जो झुक के कुछ कर रही थी ये गांड किसी और नही आरोही की थी जिससे देख राहुल के मन में आयशा की बात आती है की आरोही को देखो । राहुल ,आरोही को सच्चे दिल से प्यार करता था पर उसकी गांड का उभर उसके प्यार पे भारी पड़ रहा था हवस प्यार को ख़तम कर रही थी देखते ही देखते राहुल का लंड अकड़ गया और पैंट के ऊपर से उसका उभर दिखने लगा था । सच में आरोही की गांड इतनी कम उम्र में भी काफी बड़ी और मनमोहक लग रही थी टाइट जीन्स पहने वो झुकी हुई थी राहुल की नज़र उसकी गांड के उस हिस्से पे जाती है जहाँ जीन्स गांड की गहराई में घुसे जा रही थी राहुल की तो धड़कने तेज़ हो गयी लंड भी झटके मार गया ऐसा दृश्य देख के पता नही उसे क्या हुआ उसने फोन निकल के आरोही की गांड की ३-४ फोटो ले ली ।तभी राहुल की नज़र किसी को देख के चौंक जाती है ।जी हाँ वो आयशा थी जो राहुल को देख रही थी और दोनो की नज़रे जब मिली तो दोनो ही हंस पड़े थे ।
पर यहाँ भी दोनों कोई देख रहा था ।
आरोही - भैया आप कब आये
राहुल ये बोल के निकल जाता है की वो रोहन से मिलकर आता था ।वो तेज़ी से वहा से निकल जाता है और इधर आरोही ये भैया को क्या हो गया । आयशा जब आरोही की ये बात सुनती है तो मन में बोलती है लंड ले लो भैया का वो कहो नही जाएंगे ।
इधर राहुल का लंड बागवात कर रहा था आरोही की गांड और आयशा के चुचों के का तिल उसके लंड में हलचल मचा चुका था । तभी कोई पीछे से जोर से उसके सर पे मरता था जिससे राहुल की चीख़ निकल जाती है और वो बेहोश हो जाता है ।
उसकी आँख जब खुलती है तो उसके सामने बरखा अपने आँखों में आँसू लिए राहुल राहुल करके रोये जा रही थी ।राहुल के होश में आते है सब की जान में जान आती है ।
आरोही आकर सीधा राहुल से लिपट जाती है और बोलती है आप ठीक तो हो ना भैया ।
इस तरह सभी राहुल का हाल जान के चैन की साँस लेते है । राहुल, अंजलि को बेहोश मिला था उसने ही राहुल के बारे में घर पे जाकर बताया था ।
 
Last edited:

Prince_007

Member
105
876
94
अपडेट 6
अंजलि की चाल
अगली सुबह रोहन ,रवि ,विकास और अंकित नदी के किनारे बैठे हुए थे रोहन किसी गहरी सोच में की राहुल पे ये वार कौन कर सकता है वो तो वहा रहता भी नही हैं
रवि -क्या यार तुम सब चुप बैठो हो कोई तो बोलो
अंकित - हाँ यार रोहन चल ना पास वाले गाँव चलते है वहा का माल देखे कितना समय हो गया है ।
रोहन - नही यार तुम लोग जाओ मेरी तबियत कुछ ठीक नही है में घर जाता हूँ
इधर गन्ने के खेत में ,बोला था ना तुमको राहुल को गाँव नही भेजूंगी पर तुमने उसे बुला लिया देखा क्या हाल कर दिया मेरे बेटे का सब तुम्हारे दुश्मनों का किया धारा है ।बरखा मेरी क्या गलती है राहुल मेरा भी तो बेटा है.

राहुल की नज़र कसे हुए मोट मोट उरोजो पे ठहरी हुई थी आयशा झुक के झाडू लगा रही थी इस बात से अनजान राहुल उसकी गहरी खाई में डूबा हुआ है ये सब निधि देख रही थी जी हां निधि ही थी जो उस दिन आयशा की चूची और आरोही की गांड को देखते हुए, राहुल को छुप के देख रही थी ,निधि को कुछ अजीब लगता है और वो सीधा अंजलि से मिलती है और उससे पूछती है की तुम किस आम की बात कर रही थी ।
अब अंजलि तो थी एक नंबर की रंडी उसने सोचा क्यों ना इस साली की बूर में भी खुजली करवा दूँ तो वो बोली मैं कैसे कहूँ निधि जी मुझे शर्म आ रही है ऐसी बात बोलने में की एक भाई अपनी ही बहन के आम चूसना चाहता है ।
निधि - समझ तो गयी थी पर वो पुरी तरह से जान ना चाहती थी तो बोली जो बोलना है खुल के बोलो
अंजलि - कुछ सोच के ठीक है पर ये राहुल बाबू को मत बोलना की मैं आपको सब बता दी हूँ ।
निधि - ठीक है यार अब बोलो भी
अंजलि - मन में साली की बूर में कितनी खुजली हो रही है जान ने की रुक साली तेरी बूर में ऐसी आग लगाउंगी की राहुल का लेकर ही शांत होगी ।
निधि - क्या हुआ अंजलि
अंजलि - कुछ नही निधि जी वो क्या है राहुल बाबू आरोही जी के साथ सोना चाहते है मैंने गन्ने के खेत में देखा की वो आरोही जी के नाम से हिला रहे थे मुझे तो बहुत अजीब लगा की एक भाई अपनी बहन के लिए ऐसा कैसे सोच सकता है ये तो पाप है ।
निधि - क्या
अंजलि - अरे क्या क्या नही वो तो और भी बहुत कुछ बोले की आरोही को पेट से कर देंगे मौका मिला तो तभी मैंने उनको आवाज़ दी तो वो घबरा गये और अपना वो छुपा के बोले तुम यहा ,मैं बोली हाँ आपको गन्ने के खेत में घुसते देखा तो चली आयी पर तुम तो बहुत गंदे इंसान हो बहन के लिए ऐसा सोचते हो छी.छी कैसे हो तुम ।
वो बोले की मुझे माफ़ करो दो वो आरोही को देख के मै उत्तेजित हो गया था ,किसी को मत बताना अंजलि ।
मैं बोली तो बताओ और क्या क्या सोचते हो अपनी मासूम सी बहन के लिए ,मैं उसको चोदना चाहता हूँ और उसकी बुर में नही चोदुंग तो कोई और चोद देगा इस से अच्छा में ही पेल के घर की इज़्ज़त बचा लूंगा और वो तो ये भी बोले की बहन का जन्म तो भाई के लंड के लिए ही होता है
निधि - ये सब सुन के पुरी तरह से आश्चर्यचकित थी की उसका भाई ऐसा सोचता है आरोही के लिए ,उसके लिए ये मान ना बहुत मुश्किल था की राहुल ,आरोही की लेना चाहता ,नही नही वो तो उससे बहुत प्यार करता है पर
उसने खुद देखा उस दिन आरोही की गांड को देखते हुए और उसने तो फोटो भी ली थी उसकी गांड की तो क्या सच में राहुल आरोहो के साथ यौन सम्बंध बनाना चाहता है ।ये सब सोच के निधि का दिमाग़ फटा जा रहा था ।तभी अंजलि बोली की वो घर पर सब इंतेज़ार कर रहे होंगे चलती हूँ आज अंजलि ने ऐसा तीर मारा था जो शायद खाली तो बिल्कुल ही नही सा सकता था कोई ना कोई इस तीर का शिकार होने वाला था पर कौन ???
समय बीतता जा रहा था और राहुल ठीक हो चुका था और उनके जाने के दिन आ गये थे राहुल जाने से पहले एक और बार अंजलि की लेना चाहता था इस लिए वो बिना किसी को बताये अंजलि से मिलने चला गया इधर अंजलि का शराबी पति उसे लेने आ गया था बहुत मुश्किल से अंजलि मानी और उसके साथ फिर से रहने के जाने की तैयारी करने लगी। इतने में राहुल उससे मिल के उसे धन्यवाद भी बोलता है तभी अंजलि बोलती है सीधा सीधा बोल ना तुझे मेरी लेनी है बहनचोद, और दोनो मुस्कुरा देते है । अंजलि थोड़ा जल्दी आता तो ठीक था देख मेरा मर्द आ गया अब मुश्किल है पर राहुल ने बस एक बात बोली और अंजलि मुस्कुरा के जल्दी से गन्ने के खेत की तरफ चल दी और बोली जल्दी से कर ले कही मेरे मर्द को पता चल गया तो बिना लिए ही भाग जायेगा ।राहुल भी एक दम से अंजलि पे टूट पड़ा दोनो के होंठ आपस में मिल चुके थे, दोनो एक दूसरे के होठो को चूसे जा रहे थे तभी अंजलि ने मुँह खोल के राहुल के जीभ का स्वागत करती है और दोनो एक दूसरे की जीभ से खेलने लगते है राहुल को इस आनंदित खेल में जो सुख प्राप्त हो रहा था वो शब्दों में बताना मुश्किल है धीरे धीरे उरोजो के मसलते हुए एक दूसरे के बदन से खेलने लगे दोनो के कपड़े उतर चुके थे ,अंजलि के हाथ अब राहुल के लंड से खेलने लगे थे ।दोनो ही जवानी की मस्ती में चूर ,राहुल फाड़ना चाहता था अंजलि की बूर ,समय की कमी को देखते हुए ।राहुल ने कच्छी एक झटके से उतर फेंकी और लंड को बूर पे रख झटखा मरा और लंड बुर में धीरे धीरे बूर की गहराई में समाता चला गया ।और फिर शुरु हुआ संसार का सबसे बड़ा सुख का दौर जिसके लिए ये संसार पागल है राहुल ,अंजलि की बूर को गपा गप पेले जा रहा था मस्ती पूरे जोर पे थी इस एहसास से राहुल को स्वर्ग के दर्शन हो रहे थे ।दोनो ही अपनी जवानी की प्यास में सिसकियाँ लेने लगे और फिर शुरु हुआ असली खेल जिसके लिए अंजलि एक दम से मान गयी थी
अंजलि - आअह्ह्ह...राहुल भैया चोदो मुझे आज अच्छे से चोदो अपनी बहन आरोही को ,
राहुल - जोर जोर से धक्के मरते हुआ हुए मस्ती में आकर आआह्ह्.. हाँ आरोही मेरी रंडी बहन तेरी चूत फाड़ के तुझें सब से चुदवाऊंगा
अंजलि - चोदो मेरे राजा भैया अपनी आरोही को और साथ में निधि दीदी को भी पेल दो भैया ,वो भी छिनाल है उसकी बूर भी तुम्हारे लंड के लिए बनी भैया आह्ह..मेरे चोदु भैया
राहुल - हाँ मैं सबको चोदूंग अपनी तीनो बहनो को चोदूंग आअह्ह्ह..में बहनचोद हूँ, मै गरिमा ,निधि, आरोही सब को चोदुंगा ।
इतना ही बहुत था दोनो को चरमसुख के करीब लाने के लिए और दोनो झड़ने लगते है खेल ख़तम हो चुका था दोनो ही अपने साँसे काबू करने में लगे थे । पर अंजलि का ये आखिरी तीर बिल्कुल निशाने पे था क्यों की वही छुप के निधि इस खेल के मज़ा ले रही थी अंजलि जब खेत में जा रही थी तभी उसने निधि को वहा देख लिया था जो गन्ने के खेत में वहा खाली जगह देखने गयी थी जहाँ अंजलि के मुताबिक़ राहुल हिला रहा था किसी की आहट से निधि छुप जाती है , ये बात अंजलि को पता था इसी लिए उसने निधि का नाम भी ले लिया और राहुल तो मस्ती में गारिमा की बूर फाड़ने को बोल दिया जो अब तक अंजलि को पता भी नही था ।अंजलि अपने कपड़े पहनकर बोली ये गरिमा कौन है राहुल बाबू
राहुल - थोड़ा शर्मा के वो मेरी दीदी है ।
अंजलि - सागी बहन है क्या ?
राहुल- हाँ सबसे बड़ी दीदी
अंजलि - अरे बहनचोद कितनी रंडिया है तेरे घर में तेरे तो मजे ही मजे है कभी किसी की गांड देखता होगा तो
कभी किसी के चुचे साले खूब चुदवायेगी तेरे से ये तीनो इनकी बूर फाड़ के पेट से कर दे वरना किसी और का ले लेगी तो तु हिलता रह जायेगा वैसे तेरी वो निधि दीदी साली रंडी लगती है बदन देखा है उसका कितना कसा हुआ है पता नही कुंवारी है भी की नही, तेरा लेने के लिए पागल हो गयी है जल्दी से उसकी बुर फाड़ दे मैं चलती हूँ और घर के लिए निकल जाता है ।इधर निधि को अब पुरा भरोसा हो गया था की राहुल ,आरोही की लेना चाहता है
और साथ में उसकी और शायद गरिमा दीदी की भी,
राहुल का मोटा लंड निधि के बदन में गर्मी पैदा कर चुका था वो बस उस हसीन लम्हे को याद कर रही थी जब राहुल का लंड अंजलि की बुर में अंदर बहार हो रहा था ये सोच उसकी बूर में चुनचुनी होने लगी अब अलग कमरा तो था ना की बूर में ऊँगली कर सके इसी लिए वो मन मार के सो जाती हैं ।
अगली सुबह राहुल और उसके परिवार के जाने का दिन था। सुबह से ही चहल पहल लगी हुई थी ,सब के चेहरे थोड़े मायूस लग रहे थे कोई नही चाहता था की कोई जाये पर जाना तो था ही ,तभी राहुल सबको बोलता है हम दुबारा आ जाएंगे मामा जी आप चिंता मत करो पर अभी जाना ही होगा कॉलेज भी तो जाना है ।
सब तैयार हो चुके थे जाने के लिए और इधर राहुल नदी के किनारे बैठा सब को अलविदा कहने गया था ।
रवि - राहुल भाई बहुत याद आओगे ।
अंकित - हाँ यार
विकास - भाई शहर जाकर भूल मत जाना और आते रहना ।
इतना बोल के वो उनसे विदा ले लेता है और रास्ते में राहुल ,रोहन से बोलता है ।
राहुल - यार तेरी बात सही थी बहन की जवानी देखना इतना भी गलत नही होता जितना मैं समझता था ।
रोहन - राहुल को देखते हुए साले मतलब तूने भी आरोही को देखा ।
बात ऐसी है जब राहुल की तबियत ठीक नही थी तो वो बिस्तर पे पड़े पड़े ही आरोही और आयशा की जवानी को देखने लगा था जिसमे उसे अब मज़ा आने लगा था ।
राहुल - हाँ यार
रोहन - उस दिन तो मुझे बहुत ज्ञान दे रहा था पाप है ,और अब उसकी जवानी देख लंड हिलाने लगा।
राहुल - हाँ यार सच में वो मस्त माल है और शर्म से गर्दन झुका लेता है ।
रोहन - हँसते हुए ,अब शर्मा क्यों रहा है भाई जब लंड खड़ा होता है तो वो रिश्ता नही देखता बस बूर देखता है । तु अब तु समझ गया है वैसे साली आरोही है बहुत मस्त माल ,मैं तो पहले ही दिन उसकी गांड का दीवाना हो गया था ।
राहुल - मुस्कुरा जाता है और बोलता है आयशा भी कुछ कम नही है।
रोहन - हाँ तभी तो उसकी लेना चाहता हूँ पर कैसे लूं समझ नही आता
राहुल - साले तु भी ना ,तु देखेगा कुछ ???
रोहन - क्या दिखा रहा है
राहुल - आरोही की गांड वाली फोटो को दिखाते हुए बोला ये ,कैसी हैं
रोहन - वाह बहनचोद क्या गांड है यार किसकी है ये मस्तानी गांड
राहुल - मुस्कुराता हुआ आरोही की है जब देखा तो सोचा फोटो ले ही लेता हूँ हिलाने के काम काम आएगा ।
रोहन - क्या बात हैं बहनचोद तु सच्चा आशिक़ है अपनी बहन का ,और दोनो मुस्कुरा देते है
रोहन - अगली बार जब आएगा तो आरोही की सील खोलने की खबर लेकर आना
राहुल - मुस्कुरा के साले इतने सपने मत दिखा अभी तो हिलाना शुरू किया है पता नही आरोही देगी या नही ।
रोहन - वो नही देगी तो निधि दीदी की ले लेना वो भी तो गजब की माल है सुना है जिम जाती हैं। गांड और जाँघे मस्त कर लिए है जिम जाकर । वैसे कितना बार हिलाया आरोही पे तूने ??
राहुल - निधि दीदी का बदन तो मस्त है देखते है यार क्या होता है । यार ३ बार किया आरोही पे और एक बार निधि दीदी पे भी ।
रोहन - मुस्कुरता हुआ चल सही है तूने भी घर की बूर का मज़ा लेने लगा ।
दोनों का वार्तालाब ख़तम हो गया और वो घर पे आ कर दिल्ली के लिए रवाना हो गये दो दिन के सफर था बिहार से दिल्ली का इधर दिल्ली में गरिमा और उसके पापा ने भी बहुत गुल खिलाये थे जिस से ये लोग अनजान थे।







नोट -लिखने में कोई गलती हो जाये तो क्षमा कर दीजियेगा
 
Last edited:
Top