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Incest पुरा परिवार हवस का शिकार

कहानी का हीरो आप किसे समझ रहे हो ??


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Prince_007

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हेल्लो दोस्तो ये मेरी पहली तो नही है कुछ कहानी लिखी पर कभी पोस्ट नही की आज आपके सामने इस कहानी को आप लोगो के सामने उज़ागर करने जा रहा हूँ कोशिश करूंगा आपको पढ़ा के आनंद आये ।

अपडेट 1
कहानी की शुरुवात
सुबह के 8:15 बजे राहुल के कानो में एक आवाज़ सुनाई देती है भैया उठो ना कितना सोओगे हर रोज़ कॉलेज के लिए देर कर देते हो । बार बार की आवाज़ से राहुल परेशान होकर बोलता है सोने दे आरोही । सुबह सुबह क्यों परेशान कर रही है भैया उठ भी जाओ। 15 मिनट से आपको उठा रही हूँ । आप मुझसे प्यार नही करते इसी लिए मेरी बात एक बार में मानते नही हो इतना सुनते ही राहुल उठ के बैठ जाता है और बोलता है किसने कहा में अपनी गुड़िया को प्यार नही करता ।
आरोही - प्यार करते तो मुझे हर रोज़ कॉलेज के लिए देर नही होती।
राहुल- टाइम देखता है और ओ तेरी 8:30 हो गये है ,सोर्री यार में अभी तैयार होकर अपनी प्यारी गुड़िया को कॉलेज ले चलता हूँ
आरोही - भैया में आपकी यार नही हूँ बहन हूँ और मुझे कब कॉलेज ले जाओगे आज फिर देर हो जाएगी ।
राहुल - सोर्री मेरी प्यारी आरोही और बाथरूम घुस जाता है ।
आरोही -भैया में निचे आपका इंतेज़ार कर रही हूँ बोल के निचे चली जाती है
राहुल के परिवार में माँ ,पिता और तीन प्यारी बहनें है जो इस प्रकार है
पिता - सुरेश शर्मा उम्र
माँ- बरखा शर्मा उम्र
बड़ी बहन - गरिमा उम्र
मझली बहन - निधि शर्मा
छोटी बहन और घर की लाडली - आरोही शर्मा
राहुल तैयार हो कर निचे आता है ।
बरखा - बेटा नास्ता तो कर ले ,
राहुल - माँ आकर कर लूंगा अभी देेर हो गयी है आरोही को कॉलेज छोड़ के आता हूँ तब कर लूंगा और जल्दी से आरोही को लेकर कॉलेज के लिए निकल जाता है ।
आरोही - भैया आपका रोज़ का हो गया है कल से आप सही समय पे नही आये तो देखना क्या होता है ।
राहुल - मेरी प्यारी गुड़िया गुस्सा ना हो यार आज आज की बात है कल से टाइम से पहले उठ जाऊंगा ।
आरोही - देखते है भैया कल क्या होता है अभी तेज़ चलाओ बाइक ।
थोड़ी देर में कॉलेज पहुंच जाते है और आरोही कॉलेज में चली जाती है ।
राहुल भी घर के लिए निकल जाता है इधर घर पे सुरेश नास्ता करके अपनी दुकान के लिए निकलने वाला होता है
गरिमा ऑफिस जा चुकी थी ।तभी राहुल घर पहुँचता है और अंदर आ कर बैठता है । दूसरी तरफ बरखा अपनी अलसी बेटी निधि को उठाने उसके रूम में गयी है ।
बरखा - निधि बेटा उठा जा 10 बजे गये है बेटा कब तक सोयेगी ,
निधि - मम्मी सोने दो ना वैसे भी मुझे कुछ काम नही है ,
बरखा - उठेगी तभी तो कोई काम करेगी जब देखो सोई रहती है उठा जा में निचे जा रही हूँ आकर नास्ता कर ले ,
बरखा चली जाती है ।
सुरेश दुकान के लिए निकल चुका था और राहुल नास्ता कर रहा था ।इतने में निधि उठ कर नास्ता करने आती है ।
नास्ते के बाद दोनो भाई बहन अपने रूम में चले जाते है और निचे बरखा साफ सफाई करने लगती है ।
राहुल कुछ सोच के बाथरूम में घुस जाता है ,बाथरूम में एक साइड कुछ कपड़े रखे हुए थे , राहुल उनको उठाता है तो उसके निचे से एक काले रंग की ब्रा दिखाई देती है जिसको उठा के राहुल देखता है और उसको सूंघने लगता है एक अजीब सी महक उसके नथुनों में जाती है और इधर उसका लिंग अपना सर उठाने लगता है ब्रा के साथ ही ज़मीन पे एक पैंटी पड़ी थी राहुल उसको भी उठा लेता है और सूंघने लगता है। ब्रा और पैंटी को देख राहुल का लिंग खड़ा हो चुका था और लिंग को पैंट के ऊपर से ही मसलने लगता है ।लिंग को बहार निकल के ब्रा को लिंग पे लपेट लेता है और पैंटी को सूंघ के हिलाने लगता है थोड़ी देर ब्रा और पैंटी से खेलने का बाद राहुल का लिंग अपना माल उगल देता है , और ब्रा को साफ करके वही रख देता है । और वापस रूम में आकर आराम करने लगता है ।
इधर निधि राहुल के कमरे की तरफ आने लगती है और दरवाजे पे आवाज़ देती है भाई सोया है क्या ।
राहुल - नहीं दीदी आ जाओ अंदर
निधि - अंदर आकर भाई कोई जॉब पता कर ना मेरे लिए घर में रह कर बोर हो गयी हूँ
राहुल - दीदी आप गरिमा दीदी को बोलो ना उनके यहा कोई कोई जगह खाली हो ।
निधि - सही कहा तूने में दी को बोलती हूँ और गरिमा को कॉल करती है ।
गरिमा - हेल्लो
निधि - हेल्लो दी
गरिमा - हा बोल निधि
निधि - दी आप हाफ क्यों रही है ।
गरिमा - कुछ नही निधि वो लेफ्ट खराब है ना सीढ़ी चल के आ रही हूँ ना इस लिए हाफ रही हूँ
निधि - अच्छा
गरिमा - तु बोल क्यों किया कॉल
निधि - दी मेरे लिए आपके ऑफिस में कोई जगह खाली है क्या मुझे भी जॉब करना है घर में बैठ के बोर हो गयी हूँ ।गरिमा - अच्छा जी अब मेरी निधि जॉब करेगी ठीक है देखती हूँ कोई होगी तो बता दूंगी ।
निधि - ओक दी बाय
गरिमा - बाय स्वीटी और कॉल कट कर देती है । और बोलती है आज तो बच गयी उफ्फ्फ्फ़।।
राहुल - क्या बात हुई दीदी कोई जगह खाली है क्या ?
निधि - दी ने बोला वो पता करके बताएँगी।
राहुल - अच्छा सही है और दीदी आपका जिम कैसा चल रहा है बहुत अच्छा फिगर बना लिया है अपने तो ,
निधि - पागल कही का भला कोई बहन का भी फिगर देखता है क्या ,
राहुल - दीदी में तो बस बोल रहा हूँ अच्छी लगती हो ।
निधि - अच्छा जी दीदी का फिगर अच्छा लगता है और निधि हंस देती है इधर राहुल भी मुस्कुरा देता है ।
राहुल - दीदी ऐसी कोई बात नही है बस जो दिल में है बोल दिया ।
निधि - अच्छा जी और कुछ बोलना है क्या ।
राहुल - और क्या बोलूं दीदी
निधि - जो दिल में वो बोल दिया और जो मन में है वो बोल दे और मुस्करा देती है ( निधि जानती है की राहुल उसके लिए क्या सोचता है )
राहुल - कुछ नही दी जो बोलना था बोल दिया ।
निधि - सही है में चलती हूँ अपने कमरे में और उठ के कमरे से निकल अपने कमरे में चली जाती है ।
कुछ देर बाद राहुल तैयार हो कर बहार चला जाता है और निधि और बरखा आराम करने लगते है और सो जाते है
दोपहर के २ बजे आरोही कॉलेज से घर आती है और मम्मी को आवाज़ लगती है पर कोई दरवाजा नही खोलता तो आरोही निधि को फोन करती है तभी जाकर निधि दरवाजा खोलती है आरोही गुस्से से कब से आवाज़ दे रही हूँ किसी को मेरी फ़िक्र है की नही और आज तो भैया को छोडूंगी नही ।बहुत गुस्से में आरोही बोली ।
तभी बरखा आकर आरोही को प्यार से शांत करती है और खाने के लिए बोलती है ।पर आरोही मना कर देती है कमरे में चली जाती है ।थोड़ी देर में राहुल आता है और आरोही के कमरे में जाकर उसको सोर्री बोलता है पर आरोही तो जैसे खा जाने वाली नज़र से देखती है ( बात ये थी की राहुल आरोही को लेने नही गया इस लिए वो गुस्से में है )
आरोही - भैया ज़रूरत क्या है सोर्री की मैं लगती क्या हूँ आपकी आप तो बस गरिमा दी ,और निधि दी के भाई हो इतना बोल के वो चुप हो गयी ।
राहुल - सोर्री मेरी प्यारी गुड़िया वो में गया था कॉलेज पर तब तक तुम चली गयी थी और कान पकड़ के सोर्री बोलने लगता है ।
आरोही - बस भैया आपका तो यही है सोर्री बोल के फिर से गलती करना ।
राहुल - प्लीज़ आरोही माफ़ कर दे बहन आज से ऐसा नही करूंगा प्रॉमिस ।
आरोही - और प्रॉमिस तोड़ दिया तो मैं क्या कर लूंगी
राहुल -ऐसा नही होगा मेरी स्वीटी मेरी प्यारी बहन।
आरोही - ठीक है पर आपको सजा मिलेगी आपको आज की ,
राहुल - क्या सजा है मेरी रानी ये भी बता दो
आरोही - आज रात आपको सोना नही है बातें करेंगे और गेम खेलेंगे
राहुल - पागल रात भर की क्या ज़रूरत है अभी गेम खेल लेते है ।
आरोही - नही भैया कल संडे है तो आज तक जागने में कोई परेशानी नही है
राहुल - अच्छा बाबा ठीक है पर खाना तो खा लो ।
दोनो खाना खाने निचे आ जाते है और सब मिलकर खाते है और टीवी देखने लगते है
शाम के ७ बजे
बरखा खाना बनाने में लगी थी और आरोही और राहुल टीवी देख रहे थे निधि जिम गयी थी तभी गरिमा ऑफिस से घर जाती है ।और अपना बेग रख के आराम करती है आरोही गरिमा के लिए पानी लेकर आती है और किचन में बरखा चाई चढ़ा देती है
गरिमा - और हीरो सुबह उठता नही है कुछ काम कर लिया कर ।
राहुल - दी मैं कर लूंगा कल से पापा के साथ दुकान पे काम ।
तभी बरखा चाई लेकर आती है और बोलती है तुम्हे ज़रूरत नही है तुम आरोही को ले जाने और लाने का काम करो बस दुकान का काम में देख लूंगी वैसे भी यहा बोर हो जाती हूँ दुकान पे थोड़ा टाइम पास हो जायेगा ।
चाई पीते और बाते करने में टाइम का पता ही नही चलता और 9 बजे जाते है निधि भी जिम से आ जाती है
सब लोग सुरेश का इंतेज़ार करने लगते है की 10 बजे के करीब सुरेश आता है और फिर खाना खाने लगते है सब उसके बाद सब अपने कमरे में चले जाते है ।
निधि और गरिमा एक कमरे ही रहते है बाकी सब का अलग कमरा है ।
जैसा आरोही ने बोला था उसी तरह आज तो राहुल और आरोही जागने वाले थे । क्या वो अकेले होंगे या कोई और भी ???
 
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Prince_007

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अपडेट 2
(खेल खेल में कुछ पता चला)
रात का समय आरोही अपने कमरे से निकल के राहुल के कमरे की तरफ जाने लगती है इधर राहुल अपने लैपटॉप में कुछ देख रहा था तभी दरवाजे पे किसी की दस्तक होती है ।भैया आप सो गये हो गया ।
राहुल - नही आरोही आ जा अंदर दरवाजा खुला ही है ,
आरोही - तो भैया अब बोलो क्या करे ,
राहुल - मैं क्या बोलूं तुम बताओ मेरी गुड़िया रानी क्या करना है अब ।
आरोही - भैया कैरम खेले ?
राहुल - चल ठीक है पर हारने वाले को जीतने वाले की बात मान नी पड़ेगी ।
आरोही - कुछ देर सोच के ठीक है भैया
राहुल - चलो फिर शुरु करते है
इधर दोनो भाई बहन कैरम खेलने लगते है ठीक इसी समय गरिमा और निधि दोनो बातें कर रही थी
निधि - दी एक बात पूछूँ आप से ??
गारिमा - हाँ बोल ना निधि एक क्या दो पूछ ले मेरी बहन
निधि - दी आपका कोई बॉयफ्रेंड नहीं है क्या ?
गरिमा - ये आज अचानक तुझे क्या हुआ ऐसा सवाल क्यों पूछ रही है
निधि - ऐसे ही दी वो क्या है ना आज कल सब का होता है और आपकी तो उम्र भी हो चुकी है ।
गरिमा - अच्छा जी इसका मतलब सबका होता है तो तेरा भी होगा क्यों
निधि - अरे दी ऐसा कुछ नही है मेरा कोई बॉयफ्रेंड नही है
गरिमा - अच्छा तो मेरा भी नही है समझी
दोनो बातें करते करते सो जाती है इधर सुरेश और बरखा भी सो चुके थे ।
आरोही - इस बार तो मैं ही जीतूंगी भैया (लगतार हारने से आरोही का चेहरा थोड़ा रोने जैसा हो गया था )
राहुल - देखते है प्यारी गुड़िया ,वो भी आरोही के चेहरे को देख समझ जाता है उसकी प्यारी बहन उदास हो गयी है इस लिए वो हारने लगता है और इस तरह आरोही के चेहरे पे खुशी आ जाती है । कुछ देर बाद खेल ख़तम हो जाता है ।
आरोही - देखा भैया जीत गयी ना अब आपको मेरी बात मान नी पड़ेगी
राहुल - हाँ बोलो क्या करना पड़ेगा मुझे
आरोही - वो कल सुबह बता दूंगी अभी मुझे नींद आ रही है सोने जाना है
राहुल - इतनी जल्दी तुमने तो बोला था पुरी रात जागेंगे ।
आरोही - वो तो बस मैंने ऐसे ही बोल दिया था वैसे भी भैया पुरी रात जागने की सजा भी तो है मम्मी सुबह सुबह ही उठाने आ जाएगी इससे अच्छा सो जाते है वैसे भी 2 बज गये है ।और बोल के कमरे से निकल जाती है ।

राहुल बाथरूम जाने के लिए निकला ही था की किचन की लाइट जल के भुज गयी उसने देखा और वो भी किचन की तरफ चल दिया की कोई चोर तो नही गुस्स आया घर में ,किचन के करीब जाते ही एक हलकी आह्ह्ह्ह....सुनाई देती है ।राहुल वही रुक के सुनने लगता है की कैसी आवाज़ है ।
फिर एक हलकी आअह्ह्ह्हह...के साथ एक आवाज़ सुनाई देती है आह्ह्ह.. गरिमा मेरी जान चूस अपने पापा का लोड़ा आह्ह..,
इतना सुनते ही राहुल एक दम से आश्चर्यचकित हो जाता है ,फिर एक आवाज़ आती है ,पापा चुप चाप रहो ना कोई सुन लेगा तो चूस तो रही हूँ उम्म्म्म..क्या मस्त लंड है आपका ।
हाँ गरिमा तेरे लिए ही तो है ये उफ्फ्फ...तेरी माँ को तो चूसना ही पसंद नही है बहुत मुश्किल से मुँह में लेती है और लेकर निकल देती है। आह्ह्ह..गरिमा मेरी प्यारी बेटी
इतना सुन के राहुल के हाथ पैर काँप गये थे थोड़ी सी चुसाई के बाद लंड अपना मक्खन उगल देता है जिसको गरिमा चूस चाट के पी जाती है । सुरेश झाड़ के हलका महसूस करता है और दोनो थोड़ी देर बातें करते है ।
सुरेश - थैंक यू बेटी तु नही होती तो तेरा ये बाप इस उम्र में भी ऐसा आनंद नही उठा पाता ।
गरिम- वेलकम पापा आपकी वजह से ही तो मेरा जीवन है क्या मेरा इतना भी हक नही है आप के लिए इतना करूँ, पर पापा हमे ये अब सोच समझ के करना चाहिए आज तो पकड़े जाते ।
सुरेश -हाँ बेटा आज निधि का कॉल गलत समय पे आया कोई नही तब तक तो मेरा माल तेरे अंदर था इतना बोलते सुरेश थोड़ा हंस देता है ।
गरिमा - पापा आप भी ना निधि पकड़ लेती तो और आज तो वो मुझ से पूछ भी रही थी की मेरा कोई बॉयफ्रेंड है की नहीं ।
सुरेश - अच्छा कोई नही जान कुछ नही होता और कुछ होगा तो उसको भी चूसा दूँगा
गरिमा - आप सच में पागल हो अब चलो काफी रात हो गयी है कोई आ गया तो आज ही ये खेल समाप्त हो जायेगा।
राहुल अपने कमरे में क्या दीदी सच में पापा का लंड चूस रही थी । क्या पापा अपनी ही बेटी के साथ नही नहीं ऐसा नही हो सकता ,क्या मम्मी ये सब जानती है ऐसे बहुत से सवाल राहुल के दिमाग़ में घूम रहे थे । अब नींद तो उससे कोसो दूर हो चुकी थी की उसकी बहन का टाका उसके अपने ही पापा से है । राहुल कुछ सोचने लगता है की आज सुबह उसने गरिमा दीदी के नाम की मुठिया उनकी ब्रा में गिराए और अब ये सब पापा और दीदी कब से कर रहे है मुझे पता लगाना होगा ।
राहुल भी गरिमा का दीवाना था काफी समय से गरिमा पे हिलता था ।सोचते सोचते उसको नींद आ जाती है ।
ये अचानक नही था की गरिमा के अपने ही पिता के साथ संबध थे ये घटना करीब 9 महीने पहले शुरु हुई थी और यही से राहुल का गरिमा पे हिलाना भी शुरु हुआ था और यही वो वजह थी जहा से गरिमा और उसके पिता का रिश्ता ही बदल गया ।

अतीत में ,


9 महीने पहले दोपहर का समय था घर पे गरिमा के आलवा कोई नहीं था उसकी माँ पड़ोस की आंटी के साथ बाज़ार गयी थी ,आरोही और राहुल कुछ दिनों के लिए अपने मामा के यहाँ गये थे और निधि अपने कॉलेज के आखिरी दिनों में थी ,
गरिमा की जवानी ने उसे परेशान कर दिया था जिसकी वजह से उसकी ब्रा में कैद उसके गोल गोल चुचे समा नही पा रहे थे ,और ब्रा बहुत पुरानी हो चुकी थी इसी लिए उसने सोचा क्यों ना दो जोड़े ब्रा की ले ले ।
आज वो किसी और दुकान पे ना जाकर अपने ही दुकान के लिए निकल जाती है ।
सुरेश की दुकान लेडीज कपड़ो की थी लेकिन बाद में उसके ब्रा और पैंटी से लेकर बनियान भी बेचने लगा था ।

गरिमा दुकान पे पहुंच गयी थी
सुरेश - बेटा आज यहा कैसे आना हुआ
गरिमा - पापा कुछ समान चाहिए था इस लिए आ गई।
सुरेश - हाँ बोलो बेटा क्या चाहिए तुम्हारी ही दुकान है जो चाहिए ले जाओ ।
गरिमा - हाँ पापा तभी तो आयी हूँ वो कोई दिखाई नही दे रहा है सुमन कहा है (सुमन सुरेश कि वर्कर )
सुरेश - वो तो अभी कुछ देर पहले ही लंच पे गयी है ।
गरिमा - अच्छा तो में बाद में आती हूँ पापा ।
सुरेश - क्या हुआ बेटा मुझे बोलो क्या चाहिए ।
अब गरिमा कैसे बोलती अपने पापा से की उसकी जवानी की वजह से उसकी ब्रा तंग हो गयी है और ब्रा चाहिए
सुरेश - बोलो बेटा क्या सोच रही हो ।
गरिमा - पापा वो मुझे ...
सुरेश - हाँ बोलो ,
गरिमा - पापा वो मुझे ब्र... ब्र.. ब्रा चाहिए ।
ये सुन के सुरेश थोड़ा नज़ारे झुका लेता है आखिर उसकी खुद की बेटी उससे अपनी जवानी ढकने के लिए ब्रा मांग रही थी थोड़ी देर सोच के सुरेश अच्छा ठीक है ।
सुरेश - साइज क्या है गरिमा ??
गरिमा - नज़रे निचे किये हुए ही अपने मन में सोचते हुए कहा फस गयी यार अब पापा को कैसे बताऊँ साइज ।
सुरेश - क्या हुआ गरिमा बेटा क्या सोच रही हो ।
गरिमा - कुछ नही पापा वो 34B साइज है मेरा एक दम से बोल देती है
सुरेश अपनी जवानी में बहुत शिकार किये थे इस लिए उसने गरिमा का साइज सुनते ही उसकी चूची को देखने लगता है।
सुरेश - गरिमा बेटा बुरा ना मनो तो तुम 35B ले लो सही फिट होगी तुम्हे ।।
गरिमा - मन में ये पापा को क्या हो गया और वो कुछ सोच के बोलती है नही पापा मेरा साइज तो 34 ही है ।
सुरेश - हाँ पर तुमको वो तंग होगी उसके चुचों को घूरते हुए बोला ।
गरिमा - पापा आप 34 साइज ही दे दो ।
सुरेश - अच्छा ठीक है बेटा और एक लाला रंग और एक ब्लू रंग की ब्रा निकल के गरिमा को दिखता है ।
गरिमा उसे लेकर निकलने वाली थी की तभी सुरेश बोलता है बेटा पहन मे देख तो लो सही साइज है या नही
गरिमा - मन में ओह अब क्या करूँ वो भी पापा के सामने और फिर बोलती है पापा घर पे ही कर लूंगी ।
सुरेश - अरे बेटा घर से फिर थोड़ी आओगी यही कर लो
गरिमा चेंजिंग रूम में जाकर अपनी कपड़े उतार देती है और ब्रा भी खोल के नई ब्रा पहनती है । अब ये क्या ब्रा तो सच में तंग हो रही थी ब्रा का हुक नही लग पा रहा था ।काफी कोशिश के बाद हुक नही लगता तो वो मज़बूर हो पापा को आवाज़ लगती है
गरिमा - पापा पापा
सुरेश - हाँ बेटा क्या हुआ
गरिमा - पापा ये हुक नही लग रहा है और गरिमा धीरे से बोलती है आप लगा दो ना हुक..
सुरेश - ये सुनते ही थोड़ा चकित हो जाता है और मन सोचता है कैसे अपनी बेटी की ब्रा का हुक लाऊंगा ।
गरिमा - क्या हुआ पापा
सुरेश - कुछ नही बेटा
आकर देखता है गरिमा अपनी नंगी पीठ उसकी तरफ किये इंतेज़ार कर रही थी । सुरेश अपने कापतें हाथो से अपनी बेटी की ब्रा के हुक को पकड़ता है तभी गरिमा सिहिर उठती है अपने पापा के हाथों के छुवन से उसकी साँसे तेज़ी से चलने लगती है इधर सुरेश की भी धड़कन तेज़ हो चुकी थी ऐसा होना भी लाज़मी था आखिर सुरेश के आगे एक जवान माल अपना नंगा पीठ लिए खड़ी थी भले वो उसकी बेटी हो पर जवान बदन तो आकर्षण और उत्तेजना को जन्म देता ही है । सुरेश उसके हुक को लगने के लगतार प्रयास के बाद हुक लग जाता था पर ब्रा कुछ टाइट हो रही थी
गरिमा - पापा हुक खोल दीजिये
सुरेश - क्या हुआ गरिमा ब्रा का साइज सही नही है क्या ।
गरिमा - पापा थोड़ा टाइट है।
सुरेश के फिर से छूने से गरिमा की की चुत भीगने लगती है जैसे तैसे सुरेश ब्रा खोल देता है तो हुक के पास हल्के निशान बन चुके थे । गरिमा ब्रा उतर देती है वो भूल गयी थी की उसके पापा पीछे ही थे वो एक दम से पलट जाती है और उसके मोट मोट गोरे चुचे सुरेश के सामने थे दोनों ही एक दम से चौक़ जाते है क्या हो गया ।गरिमा एक दम फिर घूम जाती है और शर्म के मारे कुछ नही बोल पाती ।
सुरेश - सोर्री बेटा और गरिमा को छोड़ के बहार आ जाता था
गरिमा - इट्स ओक पापा 35 साइज की ब्रा दे दो
सुरेश 35 साइज की ब्रा लेकर गरिमा को देता है और गरिमा जल्दी से पहन के देखती है ये साइज बिल्कुल सही साइज था वो जल्दी से ब्रा लेकर निकल जाती है ।
बात ये थी की सुरेश ने अपनी जवानी में बहुत चुचों से खेला था और इतने समय से वो ब्रा बेच रहा है इस के आधार पे उसने गरिमा के दूध देख के उसका साइज बता दिया था
गरिमा के जाने के बाद सुरेश उफ़..आज ये क्या हो गया और निचे अपनी पैंट के उभर पे नज़र जाती है तो वो मुस्करा देता है इसके लंड बेटी को भी नहीं छोड़ा उसके थोड़ी देर बाद थोड़ा अजीब महसूस करता है पर तभी सुमन आ जाती है
सुमन - क्या हुआ सर कोई परेशानी है क्या
सुरेश- कुछ नही जान( सुमन भी गरिमा के उम्र की लड़की का इसका भोग सुरेश कई बार लगा चुका है
सुमन - उसके पैंट पे नज़र डालती है और बोलती है तो आपका ये राजा खड़ा क्यों है
सुरेश - तुम्हारे इंतेज़ार में खड़ा है डार्लिंग और अपना लंड निकल के सुमन की तरफ उसको चूसने के लिए इशारा करता है ।
सुमन - सर अभी खाना खा के आयी हूँ अब ये भी करना पड़ेगा
सुरेश - प्लीज सुमन सिर्फ मुँह ले लो ।
सुमन - बैठ के लंड मुँह में ले लेती है और चूसने लगती है
सुरेश - आअह्ह्ह..
सुमन - लंड मुँह निकल के बोलती है मेरे राजा क्यों खड़ा हुआ क्या देख लिया । और चूसने लगती है मस्ती में सुरेश भूल जाता है और आअह्ह... की सिसकियों के साथ वो गरिमा के चुचों को याद करते हुए गलती से आअह्ह्ह्...गरिमा चूस अपने अपने पापा का बोल देता है
सुमन - क्या ??
सुरेश को एक दम से अपनी गलती का एहसास होता है की मदहोसी के आलम में वो क्या बोल गया ।।
सुमन - क्या बोला राजा जी गरिमा अच्छा जी तो बेटी ने बाप को गर्म करके चली गयी । इतना सुनते ही सुरेश को बुरा लगता है वो मस्ती में क्या बोल गया और उसके मुँह से गरिमा नाम ही क्यों निकला ।
सुरेश - घबराता हुआ नही नही वो तो गलती से गरिमा याद आ गयी ।
सुमन - याद तो आएगी ही ना साली के चुचे गुब्बारे जैसे फुल रहे है पता नही कौन मेहनत करता होगा
सुरेश - साली कुतिया क्या बोली तु मेरी बेटी ऐसा वैसा कोई काम नही करती है समझी ।
सुमन - नही करती तो कर दो ना देखे अपने ही बाप का खड़ा करके चली गयी कम से कम हिला ही देती और सुमन हँसने लगती और फिर से चूसने लगी। और फिर लंड निकल के बोलती है तुम भी बड़े हरामी हो तभी तो ख्यालो में उससे लंड चुसवा रहे हो ।
सुरेश - शर्म से निचे देखते हुए और बोलता है गलती से हुआ जो हुआ ।
सुमन - गलती से कुछ नही होता वैसे अब जवान है कोई और चोदे इससे अच्छा खुद ही नाप लो उसकी गहराई और हँस के लंड चूसने लगती है
घर पे पहुँच के गरिमा अपने कमरे में जाती है और लेट जाती है और आज जो हुआ वो सब सोचती है की पापा क्या सोचेंगे उसके बारे में वो वह गयी ही क्यों ये सब विचार उसके मन में आ रहे थे की एक और विचार उसके मन में आएगा की पापा के छूने से उसकी धड़कन तेज़ क्यों हो गयी थी और उसकी चूत में गीला पन सा क्यों महसूस हुआ उसको ये सब सोच के गरिमा का बदन फिर गर्म हो जाता है वो अपनी चूत को सलवार के ऊपर से ही रगड़ने लगती है वो सोचती है आज उससे क्या हो गया अपने ही पापा को साइज बता दिया उफ्फ्फ..और चुचे भी दिखा दिया हाये पापा और चूत को धीरे धीरे रगड़ने से चूत भीग चुकी थी वो समझ नही पाती इस एहसास को वो मदहोशी में आकर अपनी सलवार खोल देती है और कच्छी उतर के चूत में ऊँगली करने लगती है उसने चूत में पहले भी ऊँगली की थी पर आज उससे कुछ अलग ही आनंद की प्राप्ति हो रही थी आह्ह्ह...पापा बेटी के चुचे कैसे लगे पापा उफ़...चूस लो पापा आह्ह्ह..इतना ही हुआ की गरिमा का बदन कापने लग और वो जोर जोर से आह्ह... पापा आह्ह..पापा चोद दो अपनी बेटी को कहते हुए झड़ने लगी ।और एक दम शांत होकर आँखें बंद कर ली । थोड़ी देर बाद गरिमा को एहसास होता है की अंत में वो क्या बोल गयी और सोच के मुस्करा देती है । और अपने आप से गरिमा तु भी ना पापा के साथ और चूत को देख के कहती है साली सब तेरी वजह से हुआ और इतना कहते ही वो सोचती है क्या पापा सच में मुझे चोदे तो और आँखें बंद करके सो जाती है ।
उधर सुरेश भी लंड चुसाई से झाड़ देता है और सुमन ने जो बोला वो सोचने लगता था क्या सच में गरिमा और मेरा सम्भोग हो सकता है।
 
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(बरखा चली गाँव)
शाम हो चली थी बरखा किचन में खाना बनाने में लगी हुई है निधि जिम चली गयी थी निधि को शुरु से ही जिम का भूत सवार था जिसका शौक उसने कॉलेज में जाकर पुरा किया इधर कमरे में गरिमा किसी से कॉल पे बात कर रही थी दूसरी तरफ से ले ले पापा लोगो का मस्त होता है और हंसने लगती है इतने में गरिमा बाय बोल के कॉल कट कर के निचे मम्मी के साथ किचन में सहायता करने लगती है ।
सब बैठ के खाना खा रहे थे और सुरेश की नज़र गरिमा के होठो को देख रही थी । शायद आज दिन में जो हुआ उसको सोच के वो सोच रहा था की गरिमा के मुँह में उसका लोड़ा होता तो तभी गरिमा अपने पापा को अपने को देखते देख के मुस्कुरा जाती है और सुरेश झेंप जाता है तभी बरखा कहती है चलो ना जी हम भी गाँव चलते है आज ही आरोही से बात हुई भैया याद कर रहे है ।
सुरेश - बरखा मेरा तो जाना मुश्किल है एक काम करो तुम ,निधि और गरिमा चले जाओ
गरिमा - नही पापा मुझे नही जाना ।
बरखा - निधि तु चलेगी की नही
निधि - मम्मी मुझे कोई खास काम नही है और गाँव घूमना तो मुझे पसंद है मैं चल लूंगी ।
बरखा - ठीक है हम कल ही गाँव के लिए निकल जाएंगे ।
सब सोने के लिये कमरे में चले जाते है । कमरे में जाते ही सुरेश और बरखा शुरु हो है । अपनी बेटी की जवानी की आग वो उसी योनि से बुझा रहा था जिससे गरिमा का जन्म हुआ था पता नही निधि को क्या होता है वो एक दम से अपनी मम्मी के कमरे के की तरफ निकल पड़ती है तभी अंदर से सिसकियों के साथ एक आह्ह्ह...की आवाज़ से निधि रुक जाती है
बरखा - आप भी ना इतनी उम्र हो गयी और आपका दिल नही भरता घर में जवान बेटिया है क्या सोचेगी।
सुरेश -योनि में लिंग को अंदर बहार करते हुए आह्ह.. बरखा बेटियों के पास भी तो चूत है वो सब समझ जाएंगी की पापा चूत के लिए क्यों पागल है ।।उफ़.. बरखा तेरी चूत की गर्मी और झड़ने लगता है ।
इधर निधि ये सब सुन के मुस्कुरा जाती है ।और अपने कमरे की तरफ चल पड़ती है ।
बरखा - तुम भी पागल हो गये हो भला बेटिओं के लिए भी ऐसे कोई बोलता है क्या
सुरेश - अरे माफ़ कर दो वो मदहोसी के आलम में पता नही क्या क्या बोल जाता हूं।
गरिमा के दिमाग़ में अभी एक ही बात दौड़ रही थी ( ले ले पापा लोगो का मस्त होता है )
गरिमा -उफ़.. ये पलक भी ना कुछ भी बोलती है भला पापा का भी कोई वो लेता है क्या ।
वो एक दम से बोल जाती है जो निधि सुनके बोलती है निधि - पापा का वो क्या लेता है, दी क्या बोल रही हो
गरिमा को एहसास होता है उसने क्या बोल दिया और बात को संभालती है ।
 
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Prince_007

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मामा के घर ,
आज राहुल और आरोही को गाँव आये पूरे दो दिन हो चुके थे पर राहुल वो मस्ती और आनंद नहीं ले पा रहा था जो वो लेने आ आया था ।बात ऐसी है की यहा उसका लंगोटिया यार रोहन ( मामा जी का बेटा ) नहीं है
राहुल को अभी भी याद है बचपन में दोनो मिल के कितनी मस्ती किया करते थे ।ऐसा नही है की इन दो दिनों में राहुल कही घुमा ना हो पर जो आनंद दोस्तों और हम उम्र के लोगो के साथ आता है वो आनंद मामा जी के साथ थोड़ी आएगा । शाम के ५ बजे होंगे । राहुल अपने मामा जी के साथ खेत देखने और टहलने निकल जाता है उसके मामा जी उसको कुछ फसल और खेती के बारे में बाता रहे थे ।ये देखो राहुल ये मक्के की खेती है ।
तभी उसकी नज़र एक जगह आकर रुक जाती है वहा से सांवले रंग की एक लड़की अपने हाथ में टोकरी लिए चली आ रही थी । जो घाघरा चोली पहने हुए थी । राहुल कि नज़र उसके बदन के उभर पे थे और उसके बदन का भराव ये साफ ज़ाहिर कर रहा है की वो रस से लबालव भारी हुई माल है ऐसा नही है की उसने लड़की या औरत नही देखी पर इसके बदन की बनावट शानदार थी वही उसके छाती के उभर देख के किसी का भी मन करता उसे दबा के उसका सारा रस पी जाये । फिलहाल राहुल को सिर्फ आगे के उभर ही देख पा रहा था पीछे का उभर की व्याख्या करना उसके लिए मुश्किल था ।तभी वो लड़की पास आकर प्रणाम चाचा जी बोलती है
वो क्या है राहुल के मामा नाते में उसके चाचा लगते है ।
मामा जी - प्रणाम अंजलि बेटा
और राहुल को देख के बोलती है ये कौन है चाचा जी
मामाजी - ये मेरा भगीना (मतलब भांजा ) है दिल्ली से आया है।
अंजलि - अच्छा चाचा जी ठीक बा घुमा दी अपना भगीना के और बता दी की बिहार क्या चीज़ बा ।
इतना बोल के वो पलट कर जाने लगती है मामा जी आगे को चल देते है पर राहुल फिर पलट के अंजलि को देखता है हाय क्या कातिल अदा से अपनी गांड मटका के चल रही थी ।जिसे देख राहुल क्या किसी भी मर्द का लिंग उठने पे मजबूर हो जाये । उसकी गांड का उभर तो उसके छाती के उभरो से भी जोरदार है । उसने ऐसे चूतर कभी नही देखते थे । राहुल कभी कभी तो हिला लिया करता था पर अंजलि के चुतर देख उसका मन हुआ की उसकी मस्तानी गांड को देख के वो एक बार मुठिया लगा ही दे तभी मामा जी आवाज़ लगते है
राहुल दौड़ के मामा जी के पास चला जाता है आगे चल कर उसको गन्ने के खेत दिखाई देते है जो काफी दूर तक फैले हुए थे ।
राहुल - मामा जी इतने सारे गन्ने । ये खेत किसका है मुझे एक गन्ना चाहिए ।
मामा जी - मुस्कराते हुए अरे बेटा अपने ही है जितना मन करे उतना खा । मैं तो तेरी माँ को भी बोला था साल में दो तीन बार आया कर और अनाज ले जाया कर पर तुम लोगो को तो शहर की हवा लग गयी है
राहुल - हाँ मामा जी मैं खुद बोर हो गया था दिल्ली से तभी तो छट्टी लेकर गाँव आया हूँ ।
मामा जी - अच्छा किया और आरोही को भी ले आया कितना समय हो गया था उसको देखे ।अब कुछ दिन रहो।
और राहुल और मामा मिलकर एक गन्ना तोड़ के चूसने लगते है और बाते करते हुए और खेत देखते चलते है
मामा जी - राहुल कल से तुम रोहन के साथ आना वही तुम्हे घुमायेगा में इससे आगे नही ले जाऊंगा ।
राहुल - ठीक है मामा जी पर रोहन कब आ रहा है
मामा जी - कल आ जायेगा वो दोपहर तक ।राहुल और मामा खेत घूम के थक गये थे और रात भी होने वाली थी तो दोनो ने थोड़ा आराम करने का फैसला किया और अपना गन्ना भी ख़तम कर लिया । और फिर घर के लिए निकल जाते है ।
इधर आरोही और आयशा जो मामा की बेटी है के साथ बातें कर रही होती है की तभी राहुल और मामा जी घर आते है।
आयशा - उठा के अपने पापा और राहुल को पानी देती है और फिर से आरोही से बात करने लगती है ।
आरोही -भैया आप अकेले घूमने चले गये मुझे साथ क्यों नही ले गये ।
राहुल - कल से चलना रोहन आ जायेगा तो साथ में मस्ती करेंगे ।इधर मामा जी खाना बनाने में लगी हुई थी
तभी राहुल आरोही को चिढ़ने के लिए बोलता है आरोही मैंने खूब गन्ने खाये मज़ा आ गया ।
आरोही - मेरे लिए क्यों नही लाये आप बहुत गंदे हो । अब मुझे आप से बात नही करनी जाओ
राहुल - अरे गुड़िया कल खा लेना सब खाएंगे ।
बातें करते करते समय का पता नही चला ।
रात के ८ बजे सब खाना खाने बैठ जाते है और खाते हुए ही बोलते है निधि और गरिमा को भी साथ आना चाहिए कितना समय हो गया उनको भी देखे हुए । सब खाना ख़तम करके सोने चले जाते है ।
आरोही और आयशा एक साथ ही सो रही थी । सुबह ५ बजे मामी उठ के काम करने लगती है और आयशा को भी उठाती है ।सब उठ चुके थे सिवाए राहुल के वो हमेशा की तरह आलसी की तरह सो रहा था
राहुल की आँख खुलती है तो समय १०:३५ हो रहा था
तभी मामा जी आकर बोलते है राहुल हो गयी नींद पुरी
राहुल - हाँ मामा जी
आरोही - मामा जी भैया का तो हमेशा ही यही है देर से उठना
मामा जी - कोई बात नही आरोही बेटा ये सब तो चलता रहता है ।
राहुल फ्रेश होने निकल जाता था और आरोही और आयशा घूमने को
दोहपर को सब खाना खा के आराम कर रहे होते है की एक लड़के की आवाज़ से सब उठ जाते है
पापा मम्मी कहा हो आप मामा जी देखते है सामने उनका नालायल बेटा जो काम कम मस्ती और शरारत अधिक करता था। सामने खड़ा था ।सब रोहन से मिलते है ।पर सबसे अधिक खुशी तो राहुल को हो रही थी क्यों की अब वो पूरे गाँव में कही भी जा सकता था ।
रोहन ,राहुल से एक साल बड़ा था। और ज़िंदगी के आनंद लेने भी भी आगे ही रहता था । इतनी कम उम्र में उसने कई चूत के मज़े मार लिए थे जिससे राहुल काफी दूर था ।
बाते करते शाम हो चली ।मामा जी घर का कुछ समान लेने और गप्पे मरने निकल लिए ।
मामा जी खाना बनाने की तैयारी में लग गयी थी जिसका साथ आयशा और आज तो आरोही भी दे रही थी ।तभी रोहन अपनी मम्मी को बोलता है मम्मी नदी पे जा रहा हूँ राहुल के साथ रात तक आ जाऊंगा ।
मामी जी - अरे बेटा वो दूर है अभी उतनी दूर मत जा कल सुबह चले जाना उस तरफ ।
रोहन - अरे मम्मी आप भी पापा से कम नही हो पूरे गाँव में क्या आस पास के गाँव में भी कोई मुझे मार नही सकता इतनी यारी है मेरी और राहुल भी घूम लेगा बोल के निकल जाते है ।
रोहन - अब बता भाई क्या कर रहा है आज कल किसी की ली या नही अभी तक ।
राहुल - क्या मतलब
रोहन - तु साले बेवक़ूफ़ ही रहेगा अबे किसी को पेला की नही या अभी भी हिलता ही है उतना बोल के हंसने लगता है ।
असली बात यही है की रोहन ने ही राहुल को मुठ मरने का पहला ज्ञान दिया था जिसके बाद राहुल ने हिलाना शुरू कर दिया ।
राहुल- नही यार नही पेलने को मिली कोई
रोहन - क्या मैंने तो सुना है दिल्ली में चूत खुले आम बिकती है और तूने अभी तक नही ।
राहुल - यार मुझे किसी रंडी की नही चाहिए कोई मस्त माल मिले तो बात अलग है ।
रोहन - साले कोई कॉलेज में नही पटायी क्या तूने ।।
राहुल - यार कॉलेज में गर्लफ्रेंड तो नही बनी पर एक लड़की है जिसको पसंद करता हूँ
रोहन - तो उसको बोल ना तुझे उसकी चाहिए तभी तो देगी साली वरना वो किसी और केला खा लेगी ।
राहुल - क्या यार वो पसंद है मुझे उसके लिए ऐसा नही सोचा भाई ।
रोहन- अच्छा कोई नही इस बार तेरी वर्जिनिटी तोड़वा के ही दिल्ली भेजूंगा ।
दोनो मस्ती में बातें करते बहुत दूर निकल आये थे पर अभी भी नदी दूर थी ।तो दोनो का वार्तालाब फिर चल पड़ा ।
राहुल - तु बता तूने ली किसी की ??
रोहन - हाँ भाई ४ चूतें फाड़ दी तेरे भाई
राहुल - क्या बोल रहा है यार तेरी सही किस्मत है यार मैं तो आज भी हिला के ही गुज़ारा करता हूँ
रोहन - कोई नही यार ये ज़िंदगी है किसी को जल्दी मिल जाती है किसी को देर से पर मिलती सब को है। और किस्मत कुछ नही होती हिम्मत हो तो वो हर लड़की टाँगें खोले हुए तेरे बिस्तर पे होगी जिसकी तु लेना चाहता है समझा ।
नदी के किनारे पहुंच चुके वहा ३ और लड़के दिखाए दिये
जो शायद रोहन का ही इंतेज़ार कर रहे थे ।
रोहन - और भाइयों कैसे हो सब
बाकी तीनो बढ़िया है भाई वैसे ये कौन है।इसको देखा नही कभी । रोहन ये मेरा भाई है राहुल दिल्ली से आया है ।सारे मिल के उससे हाथ मिलते है ।और बातों का दौर चल पड़ता है ।
रवि - यार रोहन तेरा बिना तो मन ही नही लग रहा था बहनचोद ।
अंकित - सही बोला रवि तूने
विकास - सब को एक एक बियर की केन देता है
राहुल - ये क्या है
रोहन - बियर है यार इतने बड़े तो हो गये है की एक बियर पी ही सकते है ।
अंकित - राहुल भाई आप दिल्ली में रहते हो और बेयर नही पीते कमाल है
रोहन - अरे यार ये बहुत शरीफ है और डरता भी है इस लिए ये सब नही पीता होगा ।पर इसको अब एक चीज़ दिलानी है हमको ।
विकास - बियर का एक शिप पी कर हम क्या दिला सकते है भाई ।
रोहन - बूर चाहिए इसको ये अभी तक वर्जिन है
रवि - बहनचोद दिल्ली का लौंडा और बूर नही मारी आज तक
तभी राहुल बोल पड़ता है
राहुल - चूत कभी नही मरती वो अमर है सिर्फ लंड मरता है
रोहन - बियर का एक शिप मार के हँसते हुए अब बोल रवि साले देखा क्या चीज़ है मेरा भाई
रवि - यार बात तो बिल्कुल सही बोली है साला बूर कभी नही मरती । बल्कि उसको मरने वाला ज़रूर मर जाता है
सब हँसने लगते है ।
अंकित - रोहन तो किसकी दिलवाएगा राहुल भाई को कोई माल है ।
रोहन - यार फिलहाल तो गाँव में वो चुदड़कड़ अंजलि ही है साली पति को छोड़ के यहाँ आकर चुदवा रही है ।
राहुल - यार कही तुम उस अंजलि की तो बात नही कर रहे हो जिसके चुतरों का आकार काफी बड़ा है ।
रोहन - साले तूने कब देख लिया उसको
राहुल - बियर पीते हुए यार कल ही देखा था मामा जी की वजह से बिल्कुल सामने से गयी अपनी मस्तानी गांड हिलाते हुए साली ।
रवि - वो साली है ही एक नंबर की रंडी ।
अंकित - हाँ राहुल भाई वो साली बस नये नये लंड फँसती है ।आधे गाँव से तो चूदी हुई है ।
रोहन - यार कुछ भी हो अंजलि जैसा माला आस पास के गाँव में भी नही है और राहुल को वो पसंद भी आ चुकी है फिलहाल उसकी ही दिलवा के राहुल के कुंवारेपन को दूर कर देते है ।
विकास - हैं विचार तो अच्छा है भाई पर पेलेगा कहा जगह तो है नही अपने पास ।
रोहन - जगह हो जाएगी साले मेरे गन्ने के खेत में जहाँ से हम सब ने शुरुवात की थी इसकी भी वही से कर देते और क्या ।
सब को बियर का हलका नशा हो चुका था पर राहुल को थोड़ा इनसे अधिक हुआ था पहली बार तो होना लाज़मी है
रवि - बहनचोद खेत में पेलने के लिए चदार और चटाई तो चाहिए ना वो कौन लाएगा !तुम लोग नही लाओगे मेरे भाई के लिए यही दोस्ती है अपनी ।
अंकित - अरे भाई ऐसा कुछ नही है दोनो में लेकर आ जाऊंगा फ़िक्र मत कर पर याद है ना वो अंजलि साली कैसी है ।
रोहन और वो तीनो जानते थे की अंजलि कैसी है वो साली परिवारिक रिश्तें में सम्भोग की भूखी है जिसके साथ सोई उनको ,उसकी माँ बहन के लिए दीवाना बनाने में कोई कसर नही छोड़ती थी।
रोहन - अरे सब पता है कोई नही इतना तो चलता ही है ।
इधर राहुल बैठ गया था नशा उसके सर चढ़ के बोल रहा था तभी रोहन समय देखता है ८:३० हो चुके थे रोहन सब को बाय करके के कल मिलने का बोल देता है और राहुल के लिए कल उसकी सुहागदिन का भी इंतज़ाम करने का बोल के घर के लिए निकल जाता है ।
घर पहुंच के जैसे तैसे राहुल खाना खा के सोने चला जाता है। आरोही ये भैया को क्या हो गया आज इतनी जल्दी सोने जा रहे है । तभी रोहन बोल पड़ता है वो आज बहुत थक गया है फिर आरोही बोलती है है रोहन भैया कल आप मुझे भी घुमाओं ना ये आयशा तो मुझे ठीक से घूमाती भी नही है ।।
रोहन - ठीक है घूम लेना ।और सब सोने चले जाते है ।

आज सुबह की पहली किरण हलकी बरसात के साथ शुरु हुई ।रिमझिम सी बूंदो की फुहार से आज मौसम ताज़ा ताज़ा हो गया था । रोहन घर पे बोल के राहुल को लेकर निकल जाता है
आअह्ह्ह...बहनचोद धीरे धीरे चोद साले आह्ह्ह..हरामी ये सिसकियों से मिली हुई आवाज़ किसी खेत से आ रही थी राहुल - रोहन की तरफ देखते हुए ये आवाज़ कहा से आ रही है ।
रोहन - मन में बहनचोदो को राहुल के लिए बुलाने को बोला और ये साले खुद ही पेलने लगे ।
राहुल - क्या हुआ क्या सोच रहा है ।
रोहन - कुछ नही यार चल देखते है ये आवाज़ कैसी है और गन्ने के खेत में घुस जाते है।
जैसे ही खेत के बीचो बिच घुसते है उनको एक बिस्तर दिखाई देता है । राहुल देख के आश्चर्यचकित हो जाता है
इधर रवि लंड अंजलि की बूर फंसा हुआ देख राहुल एक टक नज़र गाड़ा के देखने लगाता है रवि धना धन लोड़ा पेलने में लगा था की तभी एक आह्ह्ह.. के साथ दोनो झड़ने लगते है ।
रोहन - बहनचोद ये क्या गांडुपंती है तुम लोग खुद पेलने लगे ये आज राहुल के लिए है ।
रवि - अरे यार अब आयी हि गयी है तो सोचा थोड़ा मज़ा में भी ले ही लूं साली गजब की रंडी है ये ।
अंजलि - साले भड़वे रंडी तो तेरी बहन है मुझे रंडी बोला तो मैं चली ।
रोहन - क्या तुम भी छोटी सी बात है पे नाराज़ हो रही हो अंजलि - देख रोहन तेरी वजह से आयी में क्यों की तु मेरा सच्चा यार हैं।
तभी विकास और अंकित भी आ जाते है रवि भी कपड़े कपड़े पहन चुका था।
अंकित - रोहन आ गये तुम दोनो चली सही है अब राहुल को मेहनत करने देते है
रोहन - बहनचोद कहा थे तुम लोग ये रवि अंजलि को पेल रहा था तुम लोग कुछ बोल नही सकते थे ।
विकास - क्या ये साला ठरकी पहले मना करता है फिर खुद ही लग हुआ है ।
अंजलि जो नंगी नही थी उसने बस कच्छी उतर के ही पेलवाने लगी थी जल्दी से बोलती है अब में चली
रोहन - यार अभी काम ख़तम नही हुआ है ।
अंजलि - तुझे काम की पड़ी है बारिश देख तेज़ हो गयी है अब मुश्किल है ।
बारिश जोर पकड़ ली थी इसी लिए अब खेत में राहुल अंजलि को नही पेल सकता था। तभी रोहन बोला अब क्या करे यार ।अंजलि शाम को देखते है।
रोहन - नही यार शाम को तो बहन को घूमना है
अंजलि - साले बस खेत ही दिखाएगा या आयशा का भी खेत देखेगा और हँसने लगती है ।
ये सब सुन राहुल चौंक जाता है की ये कितनी बेशर्म है आयशा के लिए ऐसे कैसे बोल सकती है ।
रोहन - अरे आयशा नही आरोही ,राहुल की बहन तो मेरी भी बहन ही हुई ना ।
अंजलि - अच्छा तेरी बहन है राहुल को देख के बोलती है और तु तो वही है ना चाची जी के साथ था ।साले कैसे मेरे बदन को देख रहा था मैं तो उस समय ही समझ गयी थी तु मेरे घाघरे के अंदर आना चाहता है और मुस्कुरा देती है ।
रोहन समझ गया उसने गलती कर दी आरोही का नाम लेकर पर अब कुछ नही हो सकता था ।
अंजलि - तुम लोगो जाओ में इसको बिहार की बूर दिखाती हूँ ।जल्दी जाओ यार बारिश तेज़ हो रही है ।
और सब राहुल को आज ले ले ज़िंदगी के मज़े और बोल के चले जाते है ।खुले आसमान के निचे दो जवान बदन भीग रहे थे अंजलि तो खेली खाई थी पर राहुल एक दम अनारी था इस खेल में , रिमझिम बूंदो की फुहार तन की गरमी और बढ़ा रही थी। तभी अंजलि बोलती है क्यों रे चिकने कभी बूर नही देखी तूने ।
राहुल - नहीं अंजलि जी नही देखी
अंजलि - हँसते हुए तेरे पास तो बहन है ना तो उसकी नही देखी तूने ।
राहुल - आप ये क्या कह रही हो बहन की वो चीज़ कौन देखता है ।
अंजलि - असली मज़ा उसको देखने का ही तो है रोहन तो खूब देखता है अपनी बहन की तु भी देख लिया कर ।
राहुल - मन में सोचते हुए क्या रोहन सच में आयशा की देखता है नही नही ये ऐसे ही बोल रही होगी ।
अंजलि - क्या सोच रहा है
राहुल - कुछ नही जी
अंजलि - कुछ सोच के , चल आ जा तुझे मर्द बना दूँ और खेत में लगे गीले बिस्तर पे लेट जाती है । अपना घाघरा ऊपर उठा के पास पड़ी हुई कच्छी से बूर पूछ लेती है ।
और राहुल को इशारा करती है बूर चाटने को ।
राहुल तुरंत निचे बैठ के अंजलि को बूर देखने लगता है बूर देख के एक अजीब की उमंग उसके मन को छूकर चली जाति है ।ज़िंदगी में पहली बार उसने कोई बूर देखी थी वो एक टक नज़र गढाये देखने लगता है बूर देख के उसका बदन में उत्तेजना बढ़ने लगती है दिल जोरो से धड़कने लगता है ऊपर से हलकी बारिश की बूँदे जो उसको बदन में एक नया उमंग को जन्म दिये जा रही थी ।
अंजलि की चूत थोड़ी खुली हुई थी जिसकी अंदर से गुलाबी फांक दिखाई दे रही थी हलके बालो से ढकी हई उसकी बूर राहुल को मदहोश कर चुकी थी ।
अंजलि - कितने देर देखेगा मुँह लगा ना घर भी जाना है ।
राहुल एक दम से अपने होठों को बुर पे लगा देता है और चूमे और चाटने लगता है ये उसका पहला एहसास था जो उसके बदन में एक अजीब से ऊर्जा को जन्म दे रहा था। अंजलि एक दम से बोल देती है आह्ह्ह...चाटो अपनी आरोही की बूर को आह्ह्ह... भैया पर राहुल तो बुर के स्वाद के आगे भूल गया की वो क्या बोली ,वो हाँ आरोही बोल के चाटने लगता है थोड़ी दर बाद अंजलि राहुल का मुँह में लेकर गीला करती थी और जल्दी से अपनी बुर में डालने को बोलती है बारिश जोर से होने लगी थी दोनो के बदन भीग चुके थे पर बदन में जो आग लगी थी वो बारिश से नहीं चुदाई से ही जाति । राहुल डालने की प्रयास करता है पर सफल नही हो पा रहा था तभी अंजलि ,राहुल को लेटने का बोल के खुद उसके ऊपर आ जाती है और एक ही झटके से लंड अंदर ले लेती है । एक जोरदार प्रहार से राहुल सहम जाता है और हलकी चीख के साथ उसकी आँखों में आंसू भी आ जाते है ।राहुल के लंड की चमड़ी खींच गयी थी अब वो लड़के से मर्द बन चुका था और इधर अंजलि तो अपने ही धुन में घपा घप लंड को बूर में अंदर बहार कर रही थी थोड़ी देर की घिसाई के बाद बूर के गीले पन में और गीला पन हो जाता है जिससे मज़ा दो गुना बढ़ जाता है और अंजलि अपने असली मकसद पे आती है
अंजलि - आअह्ह्ह.. भैया चोदो अपनी आरोही को, उफ़...राजा भैया फाड़ दो अपनी बहना की बूर को ,लूट लो इस जवानी को अब मुझसे रहा नही जाता राहुल भैया राहुल - मस्ती और मदहोसी के आलम में बोलने लगता आह्ह्ह .. हा आरोही तेरी बूर पे मेरा ही हक है मेरी गुड़िया आह्ह्ह..तुझको चोद के अपनी बच्चे के माँ बनाऊगा
अंजलि - उम्म्म... आअह्ह.. भैया तो बना दो ना अपने बच्चे की माँ भर दो अपने आरोही की बच्चेदानी को उफ़...भैया ।
राहुल - आअह्ह.. हाँ तु मेरी है आरोही ।
अंजलि तो थी एक नंबर की रंडी वो कहा बाज़ आती
अंजलि - आअह्ह .. राजा भैया मुझे अपनी रखैल बना लो
राहुल- हाँ मेरी जान तु मेरी रखैल है साली आह्ह .. की सिसकियों के साथ लुंड को बुर की गहराई में अंदर बहार किये जा रहा था
इतनी मस्ती अब दोनों चरम सुख की तरफ ले जाने लगा तभी अंजलि का बदन अकड़ के ढीला पड़ने लगता है ।
राहुल भी अंजलि को चरम सुख की प्राप्ति करते देख रहा नही जाता और कुछ ही धक्कों में उसका बदन काँप जाता था एक अजीब सी मस्ती में वो मस्त हुआ झड़ने लगता है ।
और दोनो ही अपनी अपनी सांसो को हलका करने में लगे हुए आसमान से आती बूंदो से राहत की साँसों भरने लगते है बारिश से दोनो पुरी तरहा भीग चुके थे ।तभी अंजलि बोलती है कैसा लगा आरोही की बुर में झाड़ के और कच्छी पहन के बोलती है मैं जा रहा हू रोहन को बोल देना
राहुल जब लंड देखता है तो एक कट लगा हुआ था जो हलके मीठे दर्द का एहसास दिला रहा था ।
 
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