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आपके incest होने की क्या वजह है

abhayincest

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यहां बहुत से लोग incest है जिसके लिए उनके पास अपनी वजह होगी, तो बताए आप कैसे incest हुए
मैं अपने दोस्त की वजह से हुआ जिसे मैने अपनी कहानी में भी लिखा है मेरा एक स्कूल का दोस्त था जिसका नाम विशाल था वह बहुत ही ठरकी लड़का था वह अपने फोन में बहुत सी लड़कियों के फोटो एडिट करके रखता था । जैसे लड़की का चेहरा और बॉडी किसी पोर्न स्टार की। तो हुआ कि मेरे फोन में सर्वर की वजह से कॉल नहीं लग रही थी तो कॉल करने के लिए इसका फोन लिया और कॉल पर बात करते करते उससे कुछ दूर आगया जब मैने कॉल खत्म होने के बाद उसके फोन में देखने लगा तो उसमें कुछ फोटो के बाद मेरी बहन की भी फोटो थे जिसमें चेहरा मेरी बहन का था और बॉडी किसी पोर्न स्टार की । पहले मैं बहन को लेकर ऐसा नहीं सोचता था तो उस समय मुझे अपने दोस्त पर गुस्सा आया मैंने खींच कर उसके थप्पड़ दिया और उससे बोलना कर दिया और उसके फोन में से अपनी बहन के फोटो भी डिलीट कर दिए ।पर उन फ़ोटो को मैं अपने दिमाग में से डिलीट नहीं कर पाया । उसके बाद कुछ घटनाएं ऐसी हुई जो होती तो सामान्य है और सबके घर में होती है जैसे बहन का साफ सफाई का काम करना झाड़ू और पोछा लगाना।पर उन फ़ोटो के बाद मेरा ध्यान उसके झाड़ू लगाते हुए उसके क्लीवेज ओर पोछा लगाते हुए उसकी गांड़ पर जाने लगा ।एक दो बार बहन को कपड़े बदलते हुए ओर नहाते हुए देखा ।
तो यह वजह थी मेरी बहन को लेकर incest होने की
आपकी क्या वजह है ???
Mere incest hone ki bajah meri hot bhatiji uska jism dekh kr meraa land khda ho jata h
यहां बहुत से लोग incest है जिसके लिए उनके पास अपनी वजह होगी, तो बताए आप कैसे incest हुए
मैं अपने दोस्त की वजह से हुआ जिसे मैने अपनी कहानी में भी लिखा है मेरा एक स्कूल का दोस्त था जिसका नाम विशाल था वह बहुत ही ठरकी लड़का था वह अपने फोन में बहुत सी लड़कियों के फोटो एडिट करके रखता था । जैसे लड़की का चेहरा और बॉडी किसी पोर्न स्टार की। तो हुआ कि मेरे फोन में सर्वर की वजह से कॉल नहीं लग रही थी तो कॉल करने के लिए इसका फोन लिया और कॉल पर बात करते करते उससे कुछ दूर आगया जब मैने कॉल खत्म होने के बाद उसके फोन में देखने लगा तो उसमें कुछ फोटो के बाद मेरी बहन की भी फोटो थे जिसमें चेहरा मेरी बहन का था और बॉडी किसी पोर्न स्टार की । पहले मैं बहन को लेकर ऐसा नहीं सोचता था तो उस समय मुझे अपने दोस्त पर गुस्सा आया मैंने खींच कर उसके थप्पड़ दिया और उससे बोलना कर दिया और उसके फोन में से अपनी बहन के फोटो भी डिलीट कर दिए ।पर उन फ़ोटो को मैं अपने दिमाग में से डिलीट नहीं कर पाया । उसके बाद कुछ घटनाएं ऐसी हुई जो होती तो सामान्य है और सबके घर में होती है जैसे बहन का साफ सफाई का काम करना झाड़ू और पोछा लगाना।पर उन फ़ोटो के बाद मेरा ध्यान उसके झाड़ू लगाते हुए उसके क्लीवेज ओर पोछा लगाते हुए उसकी गांड़ पर जाने लगा ।एक दो बार बहन को कपड़े बदलते हुए ओर नहाते हुए देखा ।
तो यह वजह थी मेरी बहन को लेकर incest होने की
आपकी क्या वजह है ???
Mere incest hone ki bjh meri 15 sal ki hot bhatiji h uska jism ddekhte hi Mera land khada ho jata h m usko abhi chod nhi paya hu please mujhe batao kaise try kru
 
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rajveer_25

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Mere incest hone ki bajah meri hot bhatiji uska jism dekh kr meraa land khda ho jata h

Mere incest hone ki bjh meri 15 sal ki hot bhatiji h uska jism ddekhte hi Mera land khada ho jata h m usko abhi chod nhi paya hu please mujhe batao kaise try kru
bakchod chodna bhi nahi warna posco lagega gaand fatt jayegi😂😂😂 life tym hilate rah jaoge jail mai
 
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rajveer_25

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toh bhi apni life cycle mai kbhi bhi usne bol diya ki chachu ne aisa aisa kiya tha gaand tb bhi fategi isliye yahan k incest story padh kr maze lijiye or real life mai isko apply mat kriye simple jayda ho toh soch k hila lijiye... baaki apki marzi

real blood mai incest kbhi na hota khas kr k bhai behan baao beti maa beta... i think only kuch jeeja saali or devar bhabhi ka mann skta hu🙏🙏🙏
Agr seduced ho jaye bo khud to ??
 
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abhayincest

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toh bhi apni life cycle mai kbhi bhi usne bol diya ki chachu ne aisa aisa kiya tha gaand tb bhi fategi isliye yahan k incest story padh kr maze lijiye or real life mai isko apply mat kriye simple jayda ho toh soch k hila lijiye... baaki apki marzi

real blood mai incest kbhi na hota khas kr k bhai behan baao beti maa beta... i think only kuch jeeja saali or devar bhabhi ka mann skta
 
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MC_raj

MC_raj
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कितना मजा आया होगा जब तुम्हारा बुआ का बेटा अपनी ही बहन को नंगी तुम्हें दिखाई होगा उसे समय तुम्हारे मन में बहुत सारे सवाल चल रहे होंगे कि मेरे बुआ का लड़का अपनी बहन को मुझे नंगी क्यों दिख रहा है जिसका मतलब साथ था कि वह तुमसे गांड मरवाना चाहता था इसके बदले में तुम अगर उसकी मां की भी चुदाई कर देती तब भी उसे एतराज नहीं होता
woo bisexual tha to meri gand laina and apni gand mereko daina chahta tha jo ki bad mai humne kia bhi
 
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$Chaudhary@

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हर घर में व्यभिचार पनपता है। औरत और मर्द दोनों का रिश्ता ही ऐसा है कि, दोनों एक दूसरे के प्रति आकर्षित होते जाते हैं। विज्ञान इसे अपनी भाषा में हार्मोन्स का रिसाव कहता है। टेस्टोस्टेरोन एवं एस्ट्रोजन का खेल। जब इनका रिसाव होता है तो दोनों मर्द और अविरत एक दूसरे के प्रति आकर्षित होते हैं,अब साधारण भाषा में इसे प्रेम कहते हैं। एक दूजे के प्रति इसी आकर्षण से दोनों करीब आकर शारीरिक संबंध बनाते अर्थात साधारण भाषा में चुदाई करते हैं या बूर में लण्ड घुसाकर मज़े करते हैं। ये संसार का स्वाभाविक नियम है, जिससे शायद ही कोई भी शिक्षित व्यक्ति आस्वीकार कर सके। परंतु जब यही चीज़ घर के अंदर होने लगे तो उसे यही लोग व्यभिचार कहने लगते हैं। समाज में इससे बहुत बदनामी होती है जिसके डर से लोग इन चीजों को बाहर आने आने नही देते। जो इसमें संलिप्त हो जाते हैं वो इसे गोपनीय रखने की चेष्टा करते हैं। ये बात हर कोई जानता है कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, किन्तु विज्ञान ने हमें जानवर की श्रेणी में ही रखा है। जानवरों में प्रजनन की प्रक्रिया के लिए संभोग/ समागम/ चुदाई की जाती है। ये शरीर की आवश्यकता है, और प्रकृति के लिए नए प्राणी का मार्ग भी है। केवल मनुष्य एक ऐसा प्राणी है, जो मज़े के लिए चुदाई करता है। अन्य बाकी जीव केवल एक खास मौसम में प्रकृति के नियमों का पालन करते हैं। आदमी की जरूरत होने पर वो भी स्त्री को संसर्ग/ चुदाई के लिए ढूंढता है। पहले घरों में बेटीयों बहनों की शादी जल्दी हो जाती थी, तो उन्हें समय से चुदाई सुख मिलता था। बूर में लंड घुसवाके वो भी मस्त हो जाती थी और उन्हें खूब बच्चे भी होते थे। आजकल बेटीयों, बहनों की शादी में काफी विलंब हो जाता है। इस कारण बेटों और भाइयों की शादी भी देर से हो रही है। ज़माने की भाग दौड़ में लोग इनकी शारीरिक जरूरतों को अनदेखा कर रहे हैं। जिस कारण फलस्वरूप ये एक दूसरे के प्रति आकर्षित हो कर चुदाई में लिप्त हो जाते हैं। बहनें अपने भाइयों के सामने बूर खोलके लेट जाती हैं और भाइयों का कड़ा लंड लेकर मस्ती से चुदवाती हैं। बाहर का बॉयफ्रेंड तो बस उन्होंने खर्चों के लिए बना रखा है। वो बस ऊपर से मज़े लेते हैं, असली मज़ा तो घर के भाई, देवर, ससुर, बेटा देता है। इससे घर की बात अंदर ही रहती है, और बदनामी का डर भी नहीं। ना जाने कितनी बहनें आजकल रात भाइयों के बिस्तर में बिताती है और कितनीं भाभियाँ खुद ही देवर को अपने कमरे में बुलाकर चुदाई का आनंद ले रही हैं। जिनके पति बाहर हैं, उन बेचारी स्त्रियों का क्या दोष, बूर में लंड की जरूरत तो बनी ही रहती हैं। ऐसे में उनकी मदद घर के देवर, जेठ, ससुर, भाई, बाप ही करते हैं। बेटियां भी अपने विधुर बाप के साथ संभोग की क्रीड़ा में सम्मिलित होती जा रही है। नौजवान बेटीयाँ अपनी रिसती हुई बूर में बाहर के लण्ड के बदले घर का अनुभवी लंड लेना ज़्यादा पसंद कर रही हैं। बाप भी जवान बेटी की गंदी हरकतों को घर में ही सहमति दे देते हैं। इन पापा की परियों के लिए तो बाप ही सर्वोपरि होता है। सुहागरात के दिन पवित्र होने का नाटक करती हैं, पर सच्चाई कुछ और ही होती हैं। असल में ये घर की औरतें भी नहाते और मूतने के समय खूब अंग प्रदर्शन करती हैं, और अपने अंदर के तूफान को शांत करने के लिए, लण्डों को रिझाती हैं।
 

Bhosadchodi Lodi

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हर घर में व्यभिचार पनपता है। औरत और मर्द दोनों का रिश्ता ही ऐसा है कि, दोनों एक दूसरे के प्रति आकर्षित होते जाते हैं। विज्ञान इसे अपनी भाषा में हार्मोन्स का रिसाव कहता है। टेस्टोस्टेरोन एवं एस्ट्रोजन का खेल। जब इनका रिसाव होता है तो दोनों मर्द और अविरत एक दूसरे के प्रति आकर्षित होते हैं,अब साधारण भाषा में इसे प्रेम कहते हैं। एक दूजे के प्रति इसी आकर्षण से दोनों करीब आकर शारीरिक संबंध बनाते अर्थात साधारण भाषा में चुदाई करते हैं या बूर में लण्ड घुसाकर मज़े करते हैं। ये संसार का स्वाभाविक नियम है, जिससे शायद ही कोई भी शिक्षित व्यक्ति आस्वीकार कर सके। परंतु जब यही चीज़ घर के अंदर होने लगे तो उसे यही लोग व्यभिचार कहने लगते हैं। समाज में इससे बहुत बदनामी होती है जिसके डर से लोग इन चीजों को बाहर आने आने नही देते। जो इसमें संलिप्त हो जाते हैं वो इसे गोपनीय रखने की चेष्टा करते हैं। ये बात हर कोई जानता है कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, किन्तु विज्ञान ने हमें जानवर की श्रेणी में ही रखा है। जानवरों में प्रजनन की प्रक्रिया के लिए संभोग/ समागम/ चुदाई की जाती है। ये शरीर की आवश्यकता है, और प्रकृति के लिए नए प्राणी का मार्ग भी है। केवल मनुष्य एक ऐसा प्राणी है, जो मज़े के लिए चुदाई करता है। अन्य बाकी जीव केवल एक खास मौसम में प्रकृति के नियमों का पालन करते हैं। आदमी की जरूरत होने पर वो भी स्त्री को संसर्ग/ चुदाई के लिए ढूंढता है। पहले घरों में बेटीयों बहनों की शादी जल्दी हो जाती थी, तो उन्हें समय से चुदाई सुख मिलता था। बूर में लंड घुसवाके वो भी मस्त हो जाती थी और उन्हें खूब बच्चे भी होते थे। आजकल बेटीयों, बहनों की शादी में काफी विलंब हो जाता है। इस कारण बेटों और भाइयों की शादी भी देर से हो रही है। ज़माने की भाग दौड़ में लोग इनकी शारीरिक जरूरतों को अनदेखा कर रहे हैं। जिस कारण फलस्वरूप ये एक दूसरे के प्रति आकर्षित हो कर चुदाई में लिप्त हो जाते हैं। बहनें अपने भाइयों के सामने बूर खोलके लेट जाती हैं और भाइयों का कड़ा लंड लेकर मस्ती से चुदवाती हैं। बाहर का बॉयफ्रेंड तो बस उन्होंने खर्चों के लिए बना रखा है। वो बस ऊपर से मज़े लेते हैं, असली मज़ा तो घर के भाई, देवर, ससुर, बेटा देता है। इससे घर की बात अंदर ही रहती है, और बदनामी का डर भी नहीं। ना जाने कितनी बहनें आजकल रात भाइयों के बिस्तर में बिताती है और कितनीं भाभियाँ खुद ही देवर को अपने कमरे में बुलाकर चुदाई का आनंद ले रही हैं। जिनके पति बाहर हैं, उन बेचारी स्त्रियों का क्या दोष, बूर में लंड की जरूरत तो बनी ही रहती हैं। ऐसे में उनकी मदद घर के देवर, जेठ, ससुर, भाई, बाप ही करते हैं। बेटियां भी अपने विधुर बाप के साथ संभोग की क्रीड़ा में सम्मिलित होती जा रही है। नौजवान बेटीयाँ अपनी रिसती हुई बूर में बाहर के लण्ड के बदले घर का अनुभवी लंड लेना ज़्यादा पसंद कर रही हैं। बाप भी जवान बेटी की गंदी हरकतों को घर में ही सहमति दे देते हैं। इन पापा की परियों के लिए तो बाप ही सर्वोपरि होता है। सुहागरात के दिन पवित्र होने का नाटक करती हैं, पर सच्चाई कुछ और ही होती हैं। असल में ये घर की औरतें भी नहाते और मूतने के समय खूब अंग प्रदर्शन करती हैं, और अपने अंदर के तूफान को शांत करने के लिए, लण्डों को रिझाती हैं।
Lund chut bina chudaye ek raat bhi jee nhi sakte.
 
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हर घर में व्यभिचार पनपता है। औरत और मर्द दोनों का रिश्ता ही ऐसा है कि, दोनों एक दूसरे के प्रति आकर्षित होते जाते हैं। विज्ञान इसे अपनी भाषा में हार्मोन्स का रिसाव कहता है। टेस्टोस्टेरोन एवं एस्ट्रोजन का खेल। जब इनका रिसाव होता है तो दोनों मर्द और अविरत एक दूसरे के प्रति आकर्षित होते हैं,अब साधारण भाषा में इसे प्रेम कहते हैं। एक दूजे के प्रति इसी आकर्षण से दोनों करीब आकर शारीरिक संबंध बनाते अर्थात साधारण भाषा में चुदाई करते हैं या बूर में लण्ड घुसाकर मज़े करते हैं। ये संसार का स्वाभाविक नियम है, जिससे शायद ही कोई भी शिक्षित व्यक्ति आस्वीकार कर सके। परंतु जब यही चीज़ घर के अंदर होने लगे तो उसे यही लोग व्यभिचार कहने लगते हैं। समाज में इससे बहुत बदनामी होती है जिसके डर से लोग इन चीजों को बाहर आने आने नही देते। जो इसमें संलिप्त हो जाते हैं वो इसे गोपनीय रखने की चेष्टा करते हैं। ये बात हर कोई जानता है कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, किन्तु विज्ञान ने हमें जानवर की श्रेणी में ही रखा है। जानवरों में प्रजनन की प्रक्रिया के लिए संभोग/ समागम/ चुदाई की जाती है। ये शरीर की आवश्यकता है, और प्रकृति के लिए नए प्राणी का मार्ग भी है। केवल मनुष्य एक ऐसा प्राणी है, जो मज़े के लिए चुदाई करता है। अन्य बाकी जीव केवल एक खास मौसम में प्रकृति के नियमों का पालन करते हैं। आदमी की जरूरत होने पर वो भी स्त्री को संसर्ग/ चुदाई के लिए ढूंढता है। पहले घरों में बेटीयों बहनों की शादी जल्दी हो जाती थी, तो उन्हें समय से चुदाई सुख मिलता था। बूर में लंड घुसवाके वो भी मस्त हो जाती थी और उन्हें खूब बच्चे भी होते थे। आजकल बेटीयों, बहनों की शादी में काफी विलंब हो जाता है। इस कारण बेटों और भाइयों की शादी भी देर से हो रही है। ज़माने की भाग दौड़ में लोग इनकी शारीरिक जरूरतों को अनदेखा कर रहे हैं। जिस कारण फलस्वरूप ये एक दूसरे के प्रति आकर्षित हो कर चुदाई में लिप्त हो जाते हैं। बहनें अपने भाइयों के सामने बूर खोलके लेट जाती हैं और भाइयों का कड़ा लंड लेकर मस्ती से चुदवाती हैं। बाहर का बॉयफ्रेंड तो बस उन्होंने खर्चों के लिए बना रखा है। वो बस ऊपर से मज़े लेते हैं, असली मज़ा तो घर के भाई, देवर, ससुर, बेटा देता है। इससे घर की बात अंदर ही रहती है, और बदनामी का डर भी नहीं। ना जाने कितनी बहनें आजकल रात भाइयों के बिस्तर में बिताती है और कितनीं भाभियाँ खुद ही देवर को अपने कमरे में बुलाकर चुदाई का आनंद ले रही हैं। जिनके पति बाहर हैं, उन बेचारी स्त्रियों का क्या दोष, बूर में लंड की जरूरत तो बनी ही रहती हैं। ऐसे में उनकी मदद घर के देवर, जेठ, ससुर, भाई, बाप ही करते हैं। बेटियां भी अपने विधुर बाप के साथ संभोग की क्रीड़ा में सम्मिलित होती जा रही है। नौजवान बेटीयाँ अपनी रिसती हुई बूर में बाहर के लण्ड के बदले घर का अनुभवी लंड लेना ज़्यादा पसंद कर रही हैं। बाप भी जवान बेटी की गंदी हरकतों को घर में ही सहमति दे देते हैं। इन पापा की परियों के लिए तो बाप ही सर्वोपरि होता है। सुहागरात के दिन पवित्र होने का नाटक करती हैं, पर सच्चाई कुछ और ही होती हैं। असल में ये घर की औरतें भी नहाते और मूतने के समय खूब अंग प्रदर्शन करती हैं, और अपने अंदर के तूफान को शांत करने के लिए, लण्डों को रिझाती हैं।
Hmm sahi keh rhe ho
 
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