अब आगे........
“तूने रेखा को चोद लिया क्या?” शेठानी ने पूछा।
परम को सेठानी के सवाल की कहा पड़ी थी। परम ने सीधा सेठानी के ऊपर हमला कर दिया,परम ने शेठानी को पूरा नंगा कर दिया और उसके मांसल शरीर को सहलाते हुए कहा “नहीं रानी, तेरी बेटी की सिल नहीं तोड़ी है खाली चूत चाटी है और अपना लंड चुसाया है, और तेरी बेटी ने बड़े प्यार से मेरा लंड चूसा है और मेरा वीर्य को निगल गई और सो गई है, आ जा अब तुझे भी लंड चुसाता हूं।”
“अच्छा ठीक है लेकिन रेखा ने अच्छे से तेरे इस लौड़े को चूसा ना! ठीक से लंड का माल निकाला ना!”
“अभी सिख रही है तेरी बेटी, आदत हो जायेगी फिर वह भी तुम्हारे तरह मुझे अच्छे से चूसेगी और अपनी गांड भी फड़वाएगी तुम चिंता ना करो मेरे लंड की रानी। बस तुम अपने छेदों को जी भर के मेरे लंड को चोदने दो। तुम दोनों माँ-बेटी को मेरे लंड की आदत पड़ जाने दो। रानी, सही कह रहा हु न!”
“मुझे बस रेखा की चिंता थी बेटे, लेकिन अब तुम एक भरोसेमंद चोदु हो तो मुझे कोई तकलीफ नहीं आराम से उसके मुह को चोद और उसकी गांड की भी केर करता रह। फिर जब शादी के बाद आती है तो तेरा इस लंड से उसको गर्भवती भी कर देना और क्या चाहिए तुम्हे और मुझे भी! लेकिन इस रेखा के चक्कर में मेरी इस भोस को मत भूलना बेटे, आते जाते उसमे भी पानी डालते रहना। खुश हो के आशीर्वाद देगी बेचारी मेरी चूत।“
परम: “अरे, रानी फिकर क्यों करती हो,तुम चाहो तो अभी मेरे इस लंड से बच्चा ले सकती हो।“
अरे नहीं बेटे, मैं तो इस लिए कह रही थी की सब मर्दों को जवान और कमसिन माल में रस होता है, उसकी जवानी को तोड़ने में मजा होता है तो मैं समजी की तुम मुझे रेखा की मखमली चूत के सामने मुझे भूल जाओगे, इसलिए मैंने कहा बाकी मुझे मेरी बेटी को तुमसे चुदवाने में कोई रंज नहीं है, रेखा को जितना चोदेगा उतना तुम दोनों को मजा है और मुझे मेरी चूत में तेरा पानी ना सुख जाए बस।“
शेठानी गद्दे पर बैठ गई और परम के लंड को प्यार से चूसने लगी। थोड़ा देर चूसने के बाद परम से उसकी चूत चाटने को कहा। परम 69 पोजीशन में होकर चूत चूसने लगा। शेठानी की चूत सुंदरी की चूत का साइज से दोगुना हो गया। डबल रोटी जैसा फूला हुआ, लंबी फांक, करीब एक इंच लंबा क्लिट और फुद्दी / पंखुड़ियां बाहर निकले हुए। परम हर पार्ट्स को खूब मजे ले लेकर, जैसे कि चिकन की टांग चबा रहा हो, चूस रहा था। शेठानी भी लंड को कैंडी के जैसा प्यार से चाट रही थी। परम ने दोनों हाथो से मोटी मोटी जांघों को नीचे की तरफ खींच कर चूत को ऊपर उठा दिया था और उसकी गांड भी खुल गई थी। तभी शेठानी ने लंड मुँह से निकाला और कहा, “बेटा जल्दी चोदो नहीं तो कोई आ जाएगा तो मजा ख़राब हो जाएगा।”
परम निचे उतर कर उसकी एक टांग को अपने कंधे पर रख कर फचा-फच, फचा-फच चुदाई करने लगा। परम खूब दम लगा कर चोद रहा था।
“रानी, गांड मरवाओगी?”
"आज नहीं। शादी ख़त्म होने दो फिर दिनभर तुम्हारे लौड़े को चूत और गांड के अन्दर ही रखूंगी। अभी फटा-फट चोद के चूत को ठंडा कर दो।ज्यादा जोर से मारो बेटे, मेरी चूत कब से तेरे इस डंडे से मार खाने को तड़प रही है।" परम प्यार से मोटी-मोटी निपल दबा और शेठानी के होठों को चूम-चूम कर अपना लंड पाओ-रोटी जैसी चूत में पेलता रहा। शेठानी भी चुत्तर उछाल उछाल मजा ले रही थी और अपनी किस्मत को सराह रही थी की एक 45-46 साल की चूत को 20 साल का लौंडा प्यार से चोद रहा था। जैम के उसकी चूत की सर्विस कर रहा था। मैत्री और फनलव की अनुवादित कहानी पढ़ रहे है।
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