chapter 22
2 दूसरे दिन शाम 3 बजे आरोही के घर
एक कमरे मे आरोही अमर भारती जगमोहन बैठे थे आरोही के अपने पापा मा को बता दिया था की वो उदय से शादी करेगी लेकिन जब भारती जगमोहन को पता चला आरोही जिससे शादी करना चाहती है वो उसके उमर से भी बरा है तो भारती जगमोहन को दोनो को बहोत बरा झटका लगता है कमरे मे माहौल बहोत गर्म था
भारती गुस्से से आरोही को देख - तुम पागल हो गई हो किया अरे तुम किसी अपने उमर के लरके से प्यार कर रही होती तो हम खुशी से शादी करवा देते लेकिन तुम्हे अपने पापा की उमर से भी बरे से कैसे प्यार हो सकता है कभी नही हम तुम्हारी शादी उससे नही होने देगे
जगमोहन - आरोही बेटा मुझे तो लगा तुम समझदार हो लेकिन तुम ऐसा कुछ करोगी मेने सोचा नही था तुमने आज हमे बहोत निरास किया
आरोही बस चुप चाप अपने मा पापा की बाते सुन देख रही थी
अमर - आप दोनो गलत है आरोही समझदार है और मेरी बेहना ने जो किया सोच समझ कर किया है
जगमोहन - तुम केहना किया चाहते हो इसमें कोन सी समझदारी वाली बात है
भारती गुस्से से अमर को देख - चुप कियो हो बोलो
अमर - एक बात बताओ पापा आपने मा के साथ कब घूमने गये थे जहा तक मुझे पता है कभी कभी ही मा का ले लेकर थोरा बहोत घूम कर आ जाते थे नही तो अब तक आप सिर्फ सुबह से साम तक काम मे लगे रहते है और मा घर के काम मे क्या यही जिंदगी जीनी है आपको किया आपका दिल नही करता मा आप दोनो कही अच्छी जगह घूमने जाये मजे करे एक लाइफ है बाकी लाइफ अच्छे से जिये
अमर की बात सुन भारती जगमोहन एक दूसरे को देखते है फिर अमर को देख - तुम केहना किया चाहते हो
अमर मा पापा को देख - आपको पता है आरोही जिससे शादी करने वाली है वो कोन है
भारती - कोन है वो
अमर - दुनिया का टॉप अमीर मे से एक है
अमर की बात सुन भारती जगमोहन पूरी तरह से सॉक हो जाते है और एक दूसरे को हैरानी से देखते है और आरोही को देखते है
भारती अमर को देख - अगर ऐसा है तो इतने अमीर आदमी भला आरोही से कियु शादी करना चाहता है
अमर मुस्कुराते हुवे - प्यार मा प्यार दूसरी आरोही खूबसूरत जो है
जगमोहन गहरी सास लेके - मान लिया अमीर है लेकिन वो उसने आधी जिंदगी जी ली है उसका किया
आरोही अब जाके बोलती है
आरोही दोनो को देख - मा पापा आधी जिंदगी ही भले कियु ना वो मेरे साथ रहे लेकिन उनके जाने के बाद उनके पोर्पति से आधा हिस्सा मेरे नाम होगा समझ रहे है कितना पैसा होगा हम आराम से अपनी लाइफ जी सकते है पापा मा आप दोनो जहा चाहे घूमने जा सकते है जो चाहिये ले सकते है मे चाहती हु आप दोनो बाकी लाइफ साथ मे मस्त तरीके से जिये दूसरी आपको पता है ना गरीबी कितनी बुरी चीज होती है किया आप चाहते है हम भी वैसी लाइफ जिये
भारती जगमोहन एक दूसरे को देखते है और आरोही को देख
जगमोहन गहरी सास लेके - मे नही चाहता तुम दोनो मेरी तरफ लाइफ जियो ये सच है मे भी तुम्हारी मा को जो चाहिये दिलाना चाहता था उसके साथ घूमने जाना चाहता था तुम्हारी मा के साथ अच्छे पल गुजारना चाहता था हॉटल डिनर करना चाहता था लेकिन मे ये कर नही सका ठीक है हमे मजूर है
भारती जगमोहन को देख - लेकिन
जगमोहन - देखो इनका केहना सही है गरीबी बहोत दुख देती है क्या तुम चाहती हो हमारे बच्चे भी गरीबी मे जिये
भारती गहरी सास लेके - ठीक है मे भी रेडी हु
आरोही अमर एक दूसरे को देख मुस्कुरा देते है
रात 9 बजे
अभय अपनी मा के साथ कमरे मे था अपनी मा के ऊपर लेता हुवा
अभय - मा कल मे जाने वाला हु काजल बुआ को उनके घर छोरने
आसा अभय को बाहों मे लिये - हा पता है लेकिन मुझे रोज फोन करते रेहना
अभय मुस्कुराते हुवे - मे कैसे आप को भूल सकता हु
आसा - अपनी सास छोटी मा को बता दिया हो ना तुम जाने वाले हो
अभय - हा बता दिया है वापस आते ही हम शोपिंग मे जायेंगे बहोत सारी खरीदारी करनी है
आसा मुस्कुराते हुवे - वाह बीवी को लाने के लिये इतना ताक झाम
अभय मुस्कुराते हुवे आसा को देख - इस घर की बहु आने वाली है तो इतना करना बनता है ना सेक्सी मा
आसा मुस्कुराते हुवे - अच्छा ये बात है
अभय मुस्कुराते हुवे आसा की आखो मे देख - मा तीन दिनों के लिये जा रहा हु तो मुझे आज गीली वाली किस्सी चाहिये
अभय की बात सुन आसा बहोत हैरान होती है और अभय को देख
shannon medical center
आसा - बेटा गीली वाली किस्सी मा बेटे के बीच नही हो सकती
अभय दुखी होते हुवे - माफ करना मा मुझे पता नही था मेरी मा को बुरा तो नही लगा ना
आसा अभय को देख - नही मेरे लाला लेकिन तु नाराज तो नही है मुझसे
अभय आसा की आखो मे देख - आपसे नाराज कभी नही हो सकता आपने मुझे जितना प्यार दिया है सायद ही कोई मा अपने बेटे को देती होगी अभी मे आपके उपर लेता हु आपको बाहों मे पकर लेता हुई किस करता हु आप मेरे सामने कपड़े भी बदल लेती है जब एक बच्चा समझदार हो जाता है तो मा अपने बेटे को अपने से दूर कर देती है लेकिन आपने मुझे नही किया बच्चे से लेकर आज तक आपने मुझे अपने सोने से बाहों मे समा कर रखा आपने मुझे इतना प्यार दिया तो मे कियु आपके नाराज हु बल्कि मे उपर वाले का सुक्रिया करता हु आपने मुझे जन्म दिया आपकी जैसी मा मुझे मिली
अभय की बात सुन आसा खुशी के साथ बहोत इमोसनल भी हो जाती है और अभय के गाल को प्यार से सेहलानें लगती है
अभय ने जो बात आसा से कही पुरे दिल इमोसन के साथ कही थी और अभय की हर बात सच थी आसा अभय के बीच जितनी नजदीकियां थी सायद किसी मा बेटे के बीच होगी
आसा अभय को देख मन मे - मेरा लाल कल तीन दोनो के लिये जाने वाला है सायद इसी लिये गीली किस्सी मांग बैठा और मे लाला को मना भी नही कर सकती एक किस्सी की ही तो बात है
आसा अभय को देख मुस्कुराते हुवे - गीली वाली किस्सी मे अपने लाला को करने दुगी लेकिन लाला ये पेहली और आखरी होगी
अभय आसा के बाल कान के पीछे कर आसा को देख प्यार से - मा आप नही चाहती तो मुझे नही चाहिये गीली किस्सी वैसे भी आपसे जितना प्यार मिलता है वो मेरे लिये बहोत है
आसा अभय को देख - लाला पेहली बार तूने मुझसे कुछ मांगा है तो मे नही दुगी तो मुझे भी अच्छा नही लगेगा मे पुरे दिल से गीली किस्सी अपने लाला को देना चाहती हु
अभय आसा की आखो मे देख - आप सच केह रही है
आसा मुस्कुराते हुवे - हा लेकिन मुझे गीली वाली किस्सी करना तो आता ही नही
अभय हस्ते हुवे - ठीक मे आपके होठ जिब को मुह मे लेके चुसुगा जैसे ही आप करना
अभय की बात सुन आसा के अंदर हलचल मच जाती है दिल तेज धक धक करने लगता है सासे तेज चलने लगती है
आसा सर्म से लाल चेहरा लिये- ठीक है लाला मे करुगी
अभय आसा के गुलाबी होठो को देखने लगता है आसा के होठ बहोत प्यारे थे ऐसा लग रहा था होठो से रस नीचे टपक रहा हो
planned parenthood bellingham
आसा भी अभय को देखे जा रही थी और तेज तेज सासे लिये जा रही थी ये एहसास जो होने वाला है ये सोच आसा को अजीब एहसास हो रहा था अभय अपना होठ आसा के तरफ ले जाने लगता है आसा ये देख अपना होठ खोल आखे बंद कर लेती है
अभय अपनी मा की होठो को मुह मे लेके चूसने लगता है फिर अपनी मा के जिब को अपने मुह मे लेके चूसने लगता है अभय मन मे - कसम से मे किया चूस रहा हु मा के लार मुझे सहद नही अमृत लग रहे है ये एहसास मुझे जो हो रहा है जो मे फिल कर रहा हु मे मरते दम तक नही भूलने वाला ना मा मेरे बीच पेहला वाइल्ड किस को ना इस पल इस प्यार खूबसूरत मोमेंट को

अभय अपनी मा के जिब से लार चूस चूस कर पिये जा रहा था अभय को जितना मजा आ रहा था सायद अभय को किसी के साथ फिर कभी ना आये और आयेगा भी कैसे मा को जो किस कर रहा था
आसा नीचे अपने बेटे के परी अभय हो बाहों मे लिये हुवे थी लेकिन अभय को इस तरह अपने जिब को चुस्ता और लार को पिता देख आसा के शरीर के रोये खरे हो जाते है आसा का ये पेहला वाइल्ड किस था आसा को मजा आ रहा था ये फीलिंग पेहला वाइफ किस

आसा अपने आप को रोक नही पाती और आसा भी अभय के जिब को मुह मे लेके चूसने और अपने बेटे का लार गट गट पीने लगती है
आसा मन मे - मुझे इतना मजा कियु आ रहा है मुझे अपने बेटे का लार पीने से बहोत मजा आ रहा है क्या वाइल्ड किस इसे हि कहते है मे अपने आपको रोक नही पा रही मुझे और अपने बेटे का लार चूस कर पीना है

मा बेटे सब भूल कर एक दूसरे के जिब को होठो को मुह मे लेके पिये जा रहे थे बिना रुके कोई पीछे हटने का नाम नही ले रहा था 3 मिनट तक दोनो अच्छे से एक दूसरे का रस पीते है फिर सासे फूलने लगती है तो दोनो किस करना बंद कर अपना होठ अलग कर देते है

दोनो मा बेटे जब अलग होते है तो दोनो के होठो से लार निकल एक लाइन बन जाती है दोनो के होठ लार से पुरे गिले सने हुवे थे आसा आज सर्म से पानी पानी हो चुकी थी
आसा सर्म से आखे बंद किये तेज तेज सासे लिये जा रही थी आसा का ये पेहला वाइल्ड किस था वो भी अपने बेटे के साथ ये पेहला अनुभव पेहला किस सायद आसा भी कभी भूल नही पायेगी ना अभय
अभय आसा के चेहरे को पकर आसा की आखो मे देखने लगता है आसा लाल चेहरा लिये अभय को देखने लगती है तभी अभय के आखो से आसु निकल आते है और मा केहते हुवे आसा के गले लग जाता है

अभय -मा आपने मेरे एक कहने पे मुझे किस्सी दी ना भी देती तो भी चलता लेकिन आपने दिया मे इस किस्सी को मरते दम तक नही भुलुगा आपका दिल से सुक्रिया मुझे ये पल खुशी जीने देने के लिये आपकी जगह कोई नही ले सकता आप मेरी जान है मा
आसा अभय के सर सेहलाते हुवे - पागल ये एक किस ही हो है मेरे लाला मे भी इस किस्सी को नही भुलुगी मुझे भी नया पेहला अनुभव मिला वो भी मेरे लाला के साथ मे खुश हु
अभय आसा को देख - सच ना
आसा अभय के आसु साफ कर मुस्कुराते हुवे - हा
अभय - आई लोव यू मा
आसा - आई लोव यू तु मेरे लाल
अभय अपनी के साथ एक प्यारा हसीन पल मोमेंट अब तक का गुजार अदिति के पास जाके गुड नाइट बोल अपने रूम मे आके दिशा से बाते करने लगता है
आसा बिस्तर पे लेती आखे बंद कर मुस्कुराते हुवे - मेरे लाला तु भी मेरी जान है रे
सुबह
आसा अभय को जगाने जाती है और अभय अदिति को फिर हल्का होके सीधा विजय के घर आ जाता है
विजय अभय को देख - भाई आज बुआ को लेकर जा रहे है ना
अभय - हा रे इसी लिये तो आया हु कहने पेहले ही टाइम पे रेडी रहे नही तो औरतो को टाइम पे कहो रेडी होने के लिये तो 2 घंटे लगायेगी
तभी विजय अभय के पूछे काजल को गुस्से मे देख डर जाता है और अभय को देख मन मे - बॉस आपको ये नही केहना था
अभय विजय को डरा देख - अरे तुम कियु डरे हुवे हो
विजय डरते हुवे - भाई पीछे देखो
अभय पीछे मुरते हुवे - किया है पीछे जिसे देख तु भी डर गया
लेकिन अभय जब पीछे काजल को गुस्से मे देखता है तो अभय कि भी फट जाती है
काजल अभय के कान पकर - अच्छा तो औरतो कि बुराई हो रही थी हमे तैयार होने मे समय बहोत लगता है
अभय दर्द मे - बुआ मेने गलत तो नही कहा अब छोरो मेरे कान दर्द कर रहे है
काजल कान छोरते हुवे - तुम क्या जानो औरतों को इतना टाइम कियु लगता है तुम मर्द 10 मिनट मे नहा के 5 मिनट मे रेडी हो जाते हो तो तुम्हे लगता है हमे भी उतना ही टाइम लगेगा
अभय डरते हुवे - समझ गया बुआ अब गुस्सा थूक दो ( अभय पीछे देख) कियु विजय मेरे भाई ( लेकिन क्या विजय तो पेहले ही फुर हो चुका था अभय मन मे) साला मुझे फसा कर चला गया
काजल - हा बोलो क्या बोलना है
अभय काजल को बाहों मे लेके मुस्कुराते हुवे - ये बोलना था आप रेडी रहो हम खाना खाने के बाद निकलेगे लेकिन हा आप सारी नही सूट लेगिंस पेहेनना
काजल मुस्कुराते हुवे - लेकिन भला मे कियु तेरे कहने पे सूट लेगिंस पेहनु
अभय काजल की आखो मे देख धीरे से - हम बाइक पे जायेंगे आप मेरे पीछे दोनो तरफ पैर कर के बैठेगी मुझसे चिपक कर मेरे कमर को पकरे तो मुझे भी गर्लफरेंड वाली फीलिंग मिल जायेगी
अभय की बात सुन आसा पाने मुह पे हाथ रख अभय को हैरानी से देख फिर अभय को गाल पे मारते हुवे - शैतान तो इस लिये चाहता है मे सूट लेगिंस पेहनु लेकिन नही पेहनुगी
तभी मिनिता आते हुवे - क्या बात हो रही है
अभय काजल को छोर मिनिता को देख मुस्कुराते हुवे - अब ये कहने आया था बुआ को खाने के बाद चलेंगे
मिनिता - अच्छा ये बात है सही है
अभय कोमल को देख - ओये बंदरिया मेरी शादी के बाद तेरी ही शादी होगी समझ गई
कोमल अभय को गुस्से से देख - बंदर तुझे कियु परी है मेरी शादी कि
अभय - 19 की हो गई है विजय भी तो है कियु ऑन्टी
मिनिता मुस्कुराते हुवे - बिल्कुल सही कहा बेटा पेहले कोमल कि शादी के बाद विजय की शादी करा दुगी
अभय मिनिता काजल दोनो के गालो पे किस कर - ठीक है बुआ मे खाना खाके रेडी होके आता हु आप भी रेडी रेहना
अभय फिर घर आके नहाने मे लग जाता है नहाने के बाद रेडी होता है अपना समान पैक करने लगता है तो अदिति कमरे मे आती है और बिस्तर पे बैठते हुवे
अदिति - भाई तीन दिन आपके देखे बिना कैसे रहूगी
अभय समान पैक करने के बाद अदिति को पकर बिस्तर पे लेता कर अदिति के ऊपर आके अदिति की आखो मे देख - अरे गुरिया फोन है ना वीडियो कॉल कर लेना और तीन दिन की तो बात है
अदिति अभय को बाहों पे पकर - लेकिन भाई आपके सामने देखा रेहना और दूर देखना अलग है लेकिन मे समझ सकती हुई
अदिति अदिति के गाल पे किस कर - मेरी प्यारी गुरिया
अभय फिर आसा अदिति के साथ बैठे खाना खाता है और सीधा मधु के घर आ जाता है
मधु घर मे अकेले थी सिला खेत मे गई थी अभय मधु के कमरे मे जाता है तो अभय देखता है मधु रेडी होके बाल खरी थी
अभय मधु को देख मुस्कुराते हुवे - अरे रेडी हो गई थोरा पेहले आना चाहिये था
अभय की आवाज सुन मधु पीछे अभय को देखती है फिर अभय बात समझ शर्म से लाल अभय के पास आके भाई - आप बहोत गंदे है
अभय मधु को बाहों मे लेके - कियु ये गंदा भाई तुझे पसंद नही है क्या
मधु अभय को प्यार से देख - बहोत पसंद है और मे बहोत प्यार करती हु
अभय मधु के गाल पे किस करते हुवे - मा कहा है
मधु - मा खेतो मे गई है
अभय - चलो फिर मा से मिल लेता हु
मधु - जी भाई
अभय मधु के साथ बाइक से खेतो के पास आता है और बाइक साइड लगा के थोरा चल कर दोनो सिला के पास पहुँच जाते है
सिला अभय मधु को देख मुस्कुराते हुवे - आ गये तुम दोनो
अभय सिला को देख - छोटी मा मे जाने वाला था तो सोचा अपनी सेक्सी मा मिल कर उनका खूबसूरत चेहरा देखे बिना कैसे जा सकता हु
सिला शर्मा के - तुम भी ना बेटा
अभय सिला को बाहों मे लेके - मा मे जा रहा हु तीन दिन बाद आऊगा आप अपना ध्यान रखना
सिला मुस्कुराते हुवे - रखुंगी बाबा तुम भी अपना ध्यान रखता
अभय सिला को देख - होठो पे किस्सी दो
सिला हस्ते हुवे अभय के होठ पे होठ सता कर किस करते हुवे - अब खुश
अभय मुस्कुराते हुवे - हा ( अभय मधु सिला को देख) ठीक है मा गुरिया मे जाता हु
सिला गुरिया - ठीक है
अभय बाय बोल घर आ जाता है आसा कमरे मे थी अभय आसा को बाहों मे लेके - मा अब मे चलता हु
आसा अभय को किस कर - ठीक है लाल लेकिन रास्ते मे अच्छे से जाना बाइक तेज मत चलाना समझ गया
अभय मुस्कुराते हुवे - जी मा समझ गया
अभय अदिति मा को बाय बोल अपना बैग लेके सीधा विजय के घर आ जाता है अभय अंदर आँगन मे जाता है तो मिनिता कोमल विजय के साथ जब अभय की नजर काजल पर जाती है तो अभय हैरान हो जाता है

कियुंकी काजल काजल ने सूट लेगिंस पेहनी थी और सच मे काजल सूट लेगिंस मे बवाल लग रही थी बरे चुचे मोटी जांघे साफ कपड़े के ऊपर से दबे सिखाई दे रही थी काजल अभय को देख थोरा शर्मा के देखती है अभय होस मे आते हुवे सभी को देख
अभय - तो अब हमे चलना चाहिये
काजल - ठीक है
अभय सभी बाहर आते है अभय काजल का बैग और अपना बैग आगे रख देता है
काजल मिनिता को देख - भाभी जीतने दिन यहा रही सच कह तो बहोत मजा आया ( काजल अभय को देख ) खास कर अभय बेटे की वजह से लेकिन फिर मुझे आना ही है अभय बेटे के शादी मे
मिनिता - आपने सही कहा ननद जी अभय बेटे ने हमे बहोत हसाया लेकिन फिर आप आयेगी तो फिर खूब मस्ती करेगे
काजल मुस्कुराते हुवे - जरूर करेगे भाभी
काजल विजय कोमल को देख - बेटा तुम दोनो अपना ख्याल रखना
विजय - बुआ चिंता मत कीजिये आप अच्छे से जाइये
कोमल - हा और जल्दी आना भी तो है आपको फिर
काजल - आना को पड़ेगा अभय बेटे के एक रिस्ता जो बन गया है अच्छा अब जाना चाहिये
मिनिता अभय को देख - बेटा अच्छे से जाना लेके अपनी बुआ को
अभय मुस्कुराते हुवे - जी ऑन्टी
अभय बाइक पे बैठ बाइक चालू कर देता है और काजल बैठ जाती है सब एक दूसरे से बाय बोल अभय निकल परता है काजल के घर
मिनिता -दोनो चले गये अब उतना मजा नही आयेगा उनके बिना
काजल मुस्कुराते हुवे -हा हा कियुंकी वो बंदर आके आपकी रारीफ और किसी जो मागता था
मिनिता मुस्कुराते हुवे - चलो अंदर
अभय बाइक लिये काजल को लेके जा रहा था कमाल कि बात ये थी रास्ता एक घण्टे का था
अभय बाइक चलाते हुवे जा रहा था अभय कि नजर सामने रास्ते पे थी
अभय - बुआ मुझे लगा नही था आप मेरे कहने पे सूट लेगिंस पेहन लोगी
काजल मुस्कुराते हुवे - ज्यादा मत सोच मेरे पास अच्छी सारी नही थी इस लिये पेहन ली
अभय - अच्छा फिर भी क्या फायदा आप तो मुझसे हट कर बैठी है
असल मे काजल अभय से हट कर अभय के दोनो कंधे को पकर बैठी थी
अभय की बात सुन काजल थोरा शर्मा के आगे घिसक् कर अभय से पुरा सत् जाती है और अपना पुरा सरीर अभय से चिपका देती है जैसे ही काजल का पुरा सरीर अभय से चिपकता है अभय को पेहले काजल के बरे मुलायम चुचे अपने पिट पे महसूस होते है फिर काजल के शरीर की गर्मी

अभय काजल के बरे चुके सरीर की गर्मी फिल अभय के अंदर कुछ होने लगता है वही काजल सर्म से लाल अपने दोनो हाथो से अभय के कमर को पकर लेती है काजल पूरी तरह से अभय से चिपकी थी बीच से हवा भी नही जा सकता था
अभय मुस्कुराते हुवे - थैंक्स बुआ आप बहोत अच्छी है
काजल शर्मा के रेह जाती है
अभय फिर काजल से गाव कैसा है ये सब पूछने लगता है तो काजल भी सब बताने लगती है दोनो के बीच बाते होते हुवे चले जा रहे थे
काजल अभय को छोर चलते है आरोही के और
आरोही अमर कमरे मे थे और दोनो बिस्तर पे लेते हुवे थे
अमर - मा पापा भी मान गये अब रास्ता साफ है तेरा
आरोही मुस्कुराते हुवे - हा भाई आपका सुक्रिया मेरा साथ देने के लिये
अमर आरोही के ऊपर आके आरोही को देख मुझे अपनी छोटी बेहन की चूत चाहिये
आरोही सर्माते हुवे - अच्छा लेकिन क्या आप मेरी चूत की गर्मी निकाल पायेंगे
अमर जोस मे आते हुवे - ये तो जब तुम्हारी चूत मारुंगा तो तुम्हे पता चल ही जायेगा लेकिन छोटी ये बता जीजा का लंड पेहली बार लिया तो दर्द हुवा होगा कितना मजा आया बता ना
आरोही - बाद मे बटाउगी दूसरी आपको चूत नही मिलेगी
अमर हैरानी से - किया लेकिन कियु
आरोही - मे ये नही केह रही नही दुगी लेकिन फिल्हाल नही दे सकती कियुंकी उनको पता चला तो आपका खेल खतम
अमर डर के - ठीक है छोटी तेरी बात समझ गया मे थोरा इंतज़ार कर लूंगा
आरोही मुस्कुराते हुवे - भाई चिंता मत करो सही समय का इंतज़ार करो फिर मे आपकी ही हु
अमर आरोही को किस करना सुरु कर देता है आरोही भी पुरे जोस मे अपने भाई को किस करने लगती है दोनो भाई बेहन एक दूसरे का रस चूस कर पीते है

अमर आज पता चला बेहन को किस करने मे कितना मजा आता है
आरोही मुस्कुराते हुवे - असली मजा तो बाद मे दुगी आप को
इसके बाद आरोही सीधा उदय के बंगलो मे आती तो उदय काम से बाहर था लेकिन टीनू बंगलो मे था
टीनू आरोही को देखता है तो हैरान हो जाता है आरोही अब पेहले वाली गरीब आरोही नही थी अब आरोही अमीर लुक मे थी जैसे अमीर घर की लरकिया कपड़े पेहन रहती है
doodle rock rescue
जींस टिसर्ट मे आरोही बहोत सेक्सी लग रही थी आरोही का करेक्टर उसकी चाल संस्कार बोले का तरीका सब आरोही ने बदल लिया था अब जो आरोही थी वो पेहले की आरोही से उलट थी
टीनू आरोही को देख मुस्कुराते हुवे - किया बात है नई मा आप तो बहोत सेक्सी लग रही है
आरोही टीनू के पास बैठ कर टीनू को देख मुस्कुराते हुवे - अच्छा तुमने मुझे मा भी मान लिया
टीनू मुस्कुराते हुवे - पापा ने आपको बीवी मान लिया तो मुझे भी मानना पड़ेगा लेकिन
आरोही- बोलो
टीनू - मुझे आपकी चुदाई करनी है बस एक बार प्लेस
आरोही हैरान नही होती कियुंकी पेहली वाली आरोही होती तो बहोत हैरान हो जाती
आरोही टीनू को देख - नही टीनू ऐसा नही करुगी मे तुम्हारी पापा की हु
टीनू आरोही को देख- देखो आरोही तुम्हे मा मानने मे कोई परोबलम् नही है मुझे लेकिन तुम मेरे साथ ऐसा करोगी सोच लो मे तुम्हारा पुरा काम बिगार् सकता हु समझ नही
आरोही कपड़े निकालते हुवे - तुमसे मे डरती नही हु कियुंकी मेरे पीछे तुम्हारा बाप मेरा पति है लेकिन मे तुमसे से रिस्ता भी खराब नही करना चाहती ये पेहली लास्ट होगा
टीनू गहरी सास लेते हुवे - ठीक है मे भी तुमसे रिस्ता खराब नही करना चाहता
आरोही पूरी नंगी होते टांगे फैला के टीनू को देख - सीधा मेरी चुदाई करो समझ गये

टीनू अच्छे से आरोही के चुचे चूत नंगे बॉडी को उपर से नीचे तक देखता और कपड़े निकालते हुवे मन मे - कुछ भी कहो साली है कमाल ही ( टीनू नँगा होके आरोही के चूत पे पास आप जाता है
टीनू आरोही की चूत पे लंड रख जोर का धक्का मार एक बार मे हि घुसा देता है आरोही दर्द मे आह मर गई टीनू बिना रुके जोर जोर सी धक्का मारता रेहता है आरोही दर्द मे आखो मे - आह टीनू धीरे कर दर्द हो रहा है आह मा जोर से धक्का मत मार

टीनू जोर जोर से धक्का मारते हुवे आरोही को देख - आह आरोही तेरी चूत तो बहोत टाइट गर्म है मजा आ रहा है तेरी चूत मारने म आह
आरोही - आह मजा आ रहा है तुझे मुझे दर्द मे मजा आ रहा है
टीनू अपना लंड निकाल जोर से धक्का मार घुसा देता है आरोही दर्द मे आह मा मर गई
अब मजा आया 8 मिनट बाद टीनू मेरा निकलने वाला है
आरोही जल्दी से पीछे हट के टीनू का लंड पकर हिला के पानी निकाल देती है
आरोही कपड़े पहनते हुवे - इस घर मे केमरा लगा है तुम्हारे पापा ने कहा था मे तुझे एक बार मजा दे दु तो मेने दे दिया कियुंकी मुझे पता था तुम मेरे साथ करने की कोसिस जरूर करोगे ये बात मेने तुम्हारे पापा को बताया था तो उन्होंने कहा एक बार दे दु
आरोही टीनू के नजदिक आके टीनू के आखो मे देख - तेरे पापा यानी मेरे पति जो कहेगे मे करुगी लेकिन इसके बाद अगर
टीनू हाथ जोरते हुवे - समझ गया आगे मत बोल
आरोही मुस्कुराते हुवे - अच्छा है वैसे मजा आया मुझे अब जा यहा से मुझे सोने दे और हा इस बंगलो मे बाथरूम कमरे से केमरा निकाल ले कियुंकी आज से मेरी मा पापा भाई सब यही रहेगे
टीनू जाते हुवे - हा हा जा रहा हु कर दूंगा तेरा काम साला आज मेरे कमरे से मुझे जाना पर रहा है
आरोही मुस्कुराते हुवे मन मे - कियुंकी अब ये बंगला मेरा है मेरे होने वाले बेटे
अभय काजल के पास चलते है अब
अभय काजल दोनो आधे रास्ते पे पहुँच चुके थे रोड के दोनो तरफ खेत ही खेत है जैसे गाव का रोड होता है
काजल को अब सुसु जोर से लग आती है तो काजल परेसान होते हुवे मन मे - धत तेरी की जोर से अभी ही लगना था अभी तो रोक भी नही सकती कियुंकी अभी आधे रास्ते पे हि पहुचे है
काजल शर्मा के - सुनो बेटा साइड मे गारी रोको ना
अभय - कियु बुआ
काजल शर्मा के - समझ ना पागल
अभय सोचता फिर समझ मे आता है और बाइक को साइड मे रोक देता है काजल उतर कर सामने मक्के के खेत को देखती है फिर उस तरफ जाने लगती है
अभय काजल को जाते देखता है फिर अपनी दिशा से बाते करने लगता है
अभय - मेरी जान क्या कर रही हो
दिशा - आपको याद कर रही थी
अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा ये तो ठीक है मेरे उसको भी याद कर लिया करना नही तो वो बुरा मान जायेगा
दिशा सर्म से लाल होते हुवे - हर वक़्त सिर्फ गंदी बाते करते रहते है
अभय मुस्कुराते हुवे - क्या करू बाते कर हि दिल बेहला रहा हु
दिशा - अच्छा ये बताइये आप कहा है अभी
अभय - काजल बुआ को छोरने आया हु आधे रास्ते मे है अभी
दिशा - अच्छा
अभय - ठीक है जान घर पहुँच फोन करता हु
दिशा - ठीक है आई लोव यू
अभय - आई लोव यु तु
फोन कट
वही काजल मक्के के खेत के पीछे जाके बैठ जाती है जोर से लगी हुई थी तो तेजी से धार मारती है और सुई की आवाज निकलने लगती है

काजल पिसाब करते हुवे - हद है अभय बेटा क्या सोच रहा होगा मेरे बारे मे घर अब किया ही कर सकते है जो होना था हो गया
काजल पिसाब कर अभय के पास आ जाती है लेकिन सर्म से नजरे नीचे किये हुई थी अभय समझ जाता है इस लिये कुछ नही बोलता है
तभी कुछ 5 लफंगे थोरि दूर रोड के साइड पेर के नीचे बैठे थे लेकिन उन सब की नजर अभय काजल पे सुरु से थी सभी ने काजल का खेत मे जाते हुवे भी देखा था
अभय यहा था वहा कोई घर नही था चारों तरफ खेत है रास्ता भी गाव का था तो गारी भी कम आ जा रही थी और ये पाचो लफंगे यहा रोज आके लरकी को छेरते हुवे आ रहे थे जगह भी ऐसी थी कोई होता नही था इसी लिये 5 चो बिना डरे अपना लफंगे वाला काम करते रहते थे
5 लरके काजल के पास आके काजल को देख - अरे ऑन्टी आप अकेले खेत मे गई थी ( अभय को देख) इस लरके को ले जाती है या हम सभी को
लरका 2 काजल को देख - मानना पड़ेगा क्या बॉडी है आप कि सब ऊपर से दिख रहा है
लरका 3 - ऑन्टी चलो ना खेत मे हम पाचो खूब मजे देगे आप को
काजल गुस्से से लाल थी लेकिन डरी हुई भी थी वही अभय की नशे फुल चुकी थी आखे गुस्से से लाल हो चुकी थी
दूसरा लरका कुछ बोलता उससे पेहले अभय एक लरके का हाथ पकर जोर से मोर लेता है लरका जोर से दर्द से चिल्ला उठता है बाकी लरके हैरानी से अभय को देखते है अभय ने जिस लरके को पकरा था उसके सीने पे जोर से लात मारता है लरका सीधा जाके खेत मे गिरता है
बचे 4 सभी अभय की ताकत देख हैरान थे लेकिन अभय से डर भागे नही एक लरका अभय को गाली देते हुवे साले तूने मेरे दोस्त को मारा
बाकी तीन भागते हुवे पेर के पास के खेत से डंडे लेकर आते है जो इन लोगो ने ही छुपा कर रखा था अब चारों के पास डंडे थे और अभय को गुस्से से देख रहे थे
काजल डरते हुवे - बेटा
अभय काजल को पकर पीछे कर आगे चला जाता है
लरका 1 अभय को देख - साले तेरे जैसे कई को हमने अच्छे से धुलाई की है आज तेरी सब हड्डिया तोर दूंगा
अभय अपनी आखे बंद कर पेहले का वो सीन जब अभय कैद मे था वो सीन जिसे अभय अभी याद नही करना चाहता था वो सीन जिसके बारे मे अभय ने सब को बात करने से बना कर दिया था वो सीन जिसे याद कर विजय जीत जीतू के भी रूह काप् जाती है वो सीन उसके बाद अभय से सब कापने लगे थे और अभय सब का बॉस बन गया उस सीन को याद कर चारों को देख मन मे -कईयो का सर डर से अलग किया है मेने मे खुद भी नही जानता

और तुम 4 मामूली चूजे मेरे सामने आके अकर दिखा रहे हो सुकर बनाओ मे बेगुनाह को नही मारता जान से नही तो मुझे तुम सब का सर धर से अलग करने मे एक मिनट भी नही लगता फिर भी आज तुम सब का पाला मुझसे परा है आज के बाद तुम दोनो मुझे याद रखोगे और फिर गलती से भी किसी को छेरने की भूल नही करोगे मेरी बुआ को गंदे शब्द बोलने वाले को माफ कैसे कर सकता हु
आज के लिये इतना ही




