हैलो दोस्तो, कैसे हैं आप सब????? आशा करता हूॅ कि आप सब बहुत अच्छे से ही होंगे।
यहाॅ पर मैं आप सबसे ये जानना चाहता हूॅ कि कहानी को मैं इसी तरह से लिखते हुए समाप्ति की ओर ले जाऊॅ या फिर मुख्य मुख्य बातें बताते हुए इसे जल्दी से समाप्त कर दूॅ????
यहाॅ के कुछ रीडर्स का कहना है कि कहानी में कुछ बातें मैं बार बार रिपीट कर रहा हूॅ जिससे कहानी वहीं पर रुकी हुई है और आगे बढ़ ही नहीं रही है। हलाॅकि जहाॅ तक मेरा मानना है तो वो यही है कि मैं सभी किरदारों को लेकर तथा सभी किरदारों के साथ न्याय करते हुए ही कहानी को आगे बढ़ा रहा हूॅ। मुझे समझ नहीं आता कि उन रीडर्स को ऐसा क्यों लगता है कि कहानी में एक ही बात बार बार रिपीट हो रही है और कहानी आगे नहीं बढ़ रही???
जिन रीडर्स को लास्ट के अपडेट का अंतिम सीन पसंद नहीं आया उनसे मैं यही कहना चाहता हूॅ कि सांसारिक जीवन में हमेशा वही नहीं होता जो हम चाहते हैं। ये बात तो हर कोई जानता है कि हम इंसान हैं और हमारी बागडोर ऊपर बैठे ईश्वर के हाॅथ में है। हमारे लिए कब क्या अच्छा रहेगा ये सब उस ऊपर वाले से बेहतर कोई नहीं जानता। दूसरी बात जल्दबाज़ी में कोई राय बना लेना भी कोई बुद्धिमानी नहीं होती। उन्हें समझना चाहिए कि मुकाबला तो अभी शुरू हुआ है। अतः संभव है कि अंत में जीत उसी की हो जिसे जीतते हुए आप देखना चाहते हैं।
अंत में यही कहूॅगा कि आप सब अपनी अपनी राय से मुझे अवगत कराएॅ। आप लोग जिस तरह चाहेंगे मैं उसी तरह से कहानी को समाप्त कर दूॅगा।
!! धन्यवाद !!